सीएम नीतीश कुमार ने जल संसाधन समेत इन विभागों की समीक्षा की, अधिकारियों को दिए कई निर्देश
डेस्क: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समक्ष 1 अणे मार्ग स्थित 'संकल्प' में जल संसाधन विभाग, नगर विकास एवं आवास विभाग तथा खेल विभाग की समीक्षा बैठक की।
बैठक में उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री तथा नगर विकास एवं आवास मंत्री सम्राट चौधरी, जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा, विकास आयुक्त सह जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ० एस० सिद्धार्थ, सामान्य प्रशासन सह खेल विभाग के प्रधान सचिव डॉ० बी० राजेन्दर, नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव आनंद किशोर, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के प्रधान सचिव पंकज कुमार, योजना एवं विकास विभाग के प्रधान सचिव के० सेंथिल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, वित्त विभाग के सचिव (संसाधन) लोकेश कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, मुख्यमंत्री सचिवालय के विशेष सचिव चंद्रश सिंह, खेल विभाग के निदेशक महेंद्र कुमार, अभियंता प्रमुख (सिंचाई सृजन) पद्माकांत झा सहित अन्य वरीय अधिकारीगण एवं अभियंतागण उपस्थित थे।
बैठक मे सभी विभागों द्वारा प्रस्तुतीकरण के माध्यम से अपने-अपने विभागों की कार्य योजनाओं के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गयी। बैठक में जल संसाधन विभाग के तहत जल-जीवन-हरियाली अभियान के अंतर्गत अधिशेष नदी जल को जल की कमी वाले क्षेत्रों में ले जाने संबंधित योजना का प्रस्तुतीकरण दिया गया। विकास आयुक्त सह जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद ने पटना शहर के लिए पेयजल योजना के साथ-साथ औरंगाबाद, डिहरी, अरवल, सासाराम, जहानाबाद, भभुआ, मोहनिया एवं अधौरा पर्वत (कैमूर जिला) पर पेयजल उपलब्ध कराने की योजना के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि नदी के जल को बाढ़ की अवधि (जुलाई से अक्टूबर) के बीच उद्वह का कार्य किया जाएगा और इस 4 माह में नदी के जल उद्वह के साथ पेयजल का वितरण करते हुए शेष 8 माह की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए भंडारित किया जाएगा। इस योजना के लिए भू-अर्जन कम-से-कम किया जाएगा। दक्षिण बिहार के इन शहरों में भूगर्भ जल स्तर में गिरावट हो रही है। भविष्य में जनसंख्या वृद्धि एवं औद्योगिक विकास के कारण भूगर्भ पर अत्यधिक दबाव पड़ने की आशंका है। इन परिस्थितियों के निराकरण हेतु नदियों के जल का बेहतर तरीके से प्रबंधन करते हुए इस जल का उपयोग पेयजल की आपूर्ति के उद्देश्य से किया जाएगा।
बैठक में खेल विभाग के प्रधान सचिव डॉ० बी० राजेन्दर ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से प्रमंडलीय मुख्यालयों के आसपास खेल का एक स्टेडियम बनाए जाने, खिलाड़ियों को प्रशिक्षित किए जाने तथा खेल को बढ़ावा देने संबंधित योजना के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। बैठक में नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव आनंद किशोर ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से राज्य के प्रमुख शहरों के आसपास के जो विकसित क्षेत्र नहीं हैं वहां ग्रीन टाऊनशिप डेवलप करने संबंधित योजना के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि विकसित टाऊनशिप में सड़क, पार्क, ड्रेनेज, शुद्ध पेयजल आदि की बेहतर एवं सुनियोजित व्यवस्था रहेगी।
मुख्यमंत्री ने समीक्षा के दौरान कहा कि जल एवं पर्यावरण संरक्षण को लेकर जल-जीवन-हरियाली अभियान चलाया गया है। जल-जीवन-हरियाली का मतलब है जल और हरियाली है तभी सभी का जीवन सुरक्षित है। गंगाजल आपूर्ति योजना के अंतर्गत राजगीर, गया, बोधगया एवं नवादा शहरों में पेयजल आपूर्ति की जा रही है। इससे लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध हो रहा है। भविष्य में जनसंख्या वृद्धि और भूगर्भ जल के स्तर में गिरावट को देखते हुए जल-जीवन-हरियाली अभियान के अंतर्गत विभिन्न नदियों के अधिशेष जल का बरसात माह में भंडारण कर उसे शुद्ध पेयजल के रूप में उपलब्ध कराए जाने की योजना पर काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हम शुरू से ही खेल और खिलाड़ियों को बढ़ावा देते रहे हैं। हम जब श्रद्धेय अटल जी की सरकार में रेल मंत्री थे तो विभाग में खिलाड़ियों को नौकरी प्रदान करने का हमने प्रावधान किया था और इसे लागू भी किया था। अब बिहार में खेल विभाग का अलग से गठन हो गया है ताकि खेल और खिलाड़ियों को और प्रोत्साहित किया जा सके। बच्चे मन लगाकर पढ़ाई भी करें और खेल-कूद में भी भाग लें। उन्होंने कहा कि विभिन्न टाउनशिप एरिया डेवलप होने से प्रमुख शहरों के आसपास का क्षेत्र और विकसित होगा और लोग इसका सदुपयोग कर सकेंगे।
Mar 14 2024, 18:38