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दिल्ली यूनिवर्सिटी की पूर्व प्रोफेसर डॉ रितु सिंह फुटपाथ पर तल रहीं थीं पकौड़े, पुलिस ने दर्ज की एफआईआर

नयी दिल्ली : दिल्ली की फुटपाथ पर रेहड़ी लगाकर पकौड़े तल रहीं डीयू की पूर्व प्रोफेसर डॉ रितु सिंह के खिलाफ मौरिस नगर थाने की पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। रितु सिंह ने सोमवार को ‘पीएचडी पकौड़े वाली’ नाम के होर्डिंग से कवर करके रेहड़ी लगाई थी।

 डीयू एरिया में छात्रा मार्ग पर लगी डॉ रितु सिंह की आकर्षक रेहड़ी को देख न सिर्फ उनके समर्थक, बल्कि वहां से निकल रहे राहगीरों की भी खासी भीड़ जमा होने लगी थी। डीयू की पूर्व प्रोफेसर को रेहड़ी लगाकर पकौड़े तलते और बेचते हुए देख लोग भी हैरान थे। 

अनेकों लोग मोबाइल से विडियो, फोटो, सेल्फी भी लेने लगे। रेहड़ी पर लिखा मैन्यू भी लोगों को आकर्षित कर रहा था। जिसमें झुमला पकौड़ा (best seller), स्पेशल रिक्रूटमेंट ड्राइव पकौड़ा, SC/ST/ OBC बैकलॉग पकौड़ा, NFS पकौड़ा, डिस्प्लेसमेंट पकौड़ा और बेरोजगारी स्पेशल चाय थी।

पुलिस ने दर्ज की एफआईआर

इस बीच मौरिस नगर थाने की पुलिस को भनक लगी। मय SHO, SI और थाने का तमाम स्टाफ आर्ट फैकल्टी, गेट नंबर 4 पर पहुंचे। पुलिस का दावा है कि करीब 6.30 बजे शाम डॉ रितु सिंह और आशुतोष अपने कुछ समर्थकों के साथ छात्रा मार्ग फुटपाथ पर रेहड़ी लगाकर पकौड़े बेचने लगे। 

पुलिस ने दर्ज एफआईआर में कहा है कि डॉ रितु सिंह की रेहड़ी की वजह से फुटपाथ पर राहगीरों को आने-जाने में बाधा हो रही थी। पुलिस ने उनको वहां से रेहड़ी हटाने के लिए कहा लेकिन उन्होंने नहीं हटाई। इस बावत पुलिस ने आईपीसी 283/34 के तहत एफआईआर दर्ज कर ली। सोमवार की शाम डॉ रितु सिंह ने अपने X हैंडल पर फोटो और मैसेज भी पोस्ट किए।

 इसमें उन्होंने लिखा कि दिल्ली विश्वविद्यालय में PhD करने के बाद पकौड़े बेचने को मजबूर! मान सम्मान की इस लड़ाई में झुकेंगे नहीं ‘नौकरी नहीं न्याय चाहिए’... आपको कौन सा पकौड़ा खाना है?।

रिश्तेदारों के ताने मुझे और मेरे पापा को सुनने पड़े... 

कौन हैं डॉ रितु सिंह?डॉ रितु सिंह पहले डीयू के दौलत राम कॉलेज में साइकॉलजी विभाग में एडहॉक प्रोफेसर रह चुकी हैं। आरोप है कि उन्हें डीयू ने नौकरी से निकाल दिया था। उनका आरोप है कि डीयू प्रशासन ने उनके साथ दलित होने की वजह से भेदभाव किया है। डॉ सिंह पिछले काफी समय से डीयू में धरना देती रही हैं। उन्होंने पिछले दिनों आरोप लगाया कि उन्हें जातिगत भेदभाव की वजह से नौकरी से निकाल दिया गया। वो करीब एक साल तक असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर रहीं। उनके प्रोटेस्ट को कई राजनीतिक दलों ने भी सपोर्ट किया।

गाजियाबाद पुलिस ने एक फ्लैट, ऑफिस में चोरी हुए मामले का किया खुलासा, ड्राइवर और कुक ने उड़ाए करोड़ों रुपए, 1.97 करोड़ बरामद, तीन गिरफ्तार

नयी दिल्ली : गाजियाबाद पुलिस ने एक फ्लैट, ऑफिस में चोरी हुए मामले का खुलासा करते हुए तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने 1.97 करोड़ रुपए कैश भी बरामद किए हैं। इससे पहले पुलिस इसी फ्लैट से 12.90 लाख रुपए बरामद कर चुकी है।

पकड़े गए आरोपी मुकदमा दर्ज करवाने वाले विकास जैन के ड्राइवर और कुक हैं, जिन्होंने अपने साथियों के साथ मिलकर पूरी घटना को अंजाम दिया था। इस पूरी घटना में ईडी और आईटी की टीम भी शामिल हो रही है, जो विकास जैन के पास इतनी बड़ी रकम होने की जांच करेगी।

पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक 9 फरवरी को सूचना मिली कि अजनारा मार्केट क्रॉसिंग रिपब्लिक के एक फ्लैट का गेट खुला हुआ है। पुलिस ने अंदर जाकर देखा तो वहां पर एक बैग में 12.90 लाख रुपए रखे हुए थे। पुलिस ने उस फ्लैट के मालिक के बारे में पूछताछ शुरू की, लेकिन कोई नहीं मिला। उसके बाद 18 फरवरी को सूचना मिली कि मकान मालिक विकास जैन ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है कि उनके फ्लैट, ऑफिस से 22 लाख रुपए और कुछ जेवरात चोरी हो गए हैं।

पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू की। पूछताछ में पता लगा कि मलिक के घर पर रह रहे दो लोगों ने पूरी घटना को अंजाम दिया है। अतुल पांडे और अरुण कुमार मकान मालिक के घर में काम करते थे। इन लोगों को पता था कि मालिक के पास पैसे का मोटा लेन-देन होता है। इन लोगों ने चोरी की योजना बनाई। चोरी में इन लोगों ने अपने कुछ रिश्तेदारों को भी शामिल किया था।

कुक अतुल पांडे ने फ्लैट की चाबियां चुराकर अपने दामाद बंटी को चोरी में शामिल किया। बंटी ने अपने मित्र सुनील को भी प्लान का हिस्सा बनाया। चारों ने चोरी की और फिर रकम को अपने ही एक रिश्तेदार नितिन के घर छुपा दिया। पुलिस ने जब इन दोनों को गिरफ्तार किया तो पता लगा कि रकम 2 करोड़ से ज्यादा थी। इनके पास से 1 करोड़ 97 लाख बरामद हुए हैं।

पुलिस ने इस मामले में अतुल पांडे, अरुण कुमार और नितिन को गिरफ्तार किया है। अभी बंटी और सुनील फरार चल रहे है। अंदाजा लगाया जा रहा है कि चोरी की बड़ी रकम लेकर दोनों फरार हो गए हैं।

इस मामले में एक और पेंच जुड़ गया है। पुलिस के मुताबिक मकान मालिक विकास जैन ने 22 लाख रुपए चोरी होने की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। लेकिन, रकम 2.5 करोड़ से भी ज्यादा है। पुलिस ने इसकी सूचना इनकम टैक्स के साथ विभिन्न डिपार्टमेंट को भी दे दी है।

सौरव गांगुली की राजनीति में एंट्री ममता बनर्जी की TMC के टिकट पर लड़ेंगे लोकसभा चुनाव


 कोलकाता: सौरव गांगुली ने सीएम ममता बनर्जी से कोलकाता में मुलाक़ात की है .

सचिवालय में करीब आधे घंटे तक चली इस मुलाक़ात में क्या चर्चा हुई है इसको लेकर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है लेकिन कयास लगाए जा रहे हैं कि टीएमसी की टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं.

राजनाथ सिंह ने कहा,प्रेस की स्वतंत्रता पर कभी कोई प्रतिबंध नहीं',आपात काल था एक काला अध्याय जब प्रेस की स्वतंत्रता का हुआ था हनन


 नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को एनडीटीवी डिफेंस समिट में कई मुद्दों पर बातचीत की। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को मीडिया की स्वतंत्रता को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि कहा कि आपातकाल के "काले अध्याय" को छोड़ दें तो भारत के लोकतंत्र के इतिहास में प्रेस की स्वतंत्रता पर "कभी भी कोई प्रतिबंध नहीं देखा जा सकता"।

कार्यक्रम के दौरान रक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि लेखक और विचारक उन मुद्दों पर सरकार के विचारों को भी प्रतिबिंबित कर सकते हैं जहां "सामाजिक सहमति" है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि वे "सरकार की कठपुतली" हैं। 

रक्षा मंत्री ने एनडीटीवी डिफेंस समिट में अपने संबोधन में कहा कि मीडिया को लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में जाना जाता है, उन्होंने यह कहा कि यह सरकार और लोगों के बीच एक कड़ी के रूप में काम करती है और वे दोनों एक-दूसरे को जोड़ने का काम करती है। 

'भारत में एक जीवंत मीडिया संस्कृति'

उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका तीनों ने नियमित रूप से प्रेस की स्वतंत्रता पर जोर दिया है और मीडिया की स्वतंत्रता को बनाए रखा है। इसके अलावा सिंह ने कहा कि इसका परिणाम यह है कि भारत में एक "जीवंत मीडिया संस्कृति" है।

'प्रेस की स्वतंत्रता पर कभी कोई प्रतिबंध नहीं'

अपने संबोधन में केंद्रीय मंत्री ने बिना किसी राजनीतिक दल या नेता का नाम लिए 1970 के दशक में लगाए गए आपातकाल के दौर का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, ''इस देश के लोकतंत्र के इतिहास में अगर हम आपातकाल के काले अध्याय को अलग रख दें तो प्रेस की स्वतंत्रता पर कभी कोई प्रतिबंध देखने को नहीं मिलेगा।

एनडीआरएफ के महानिदेशक अतुल करवाल ने कहा: NDRF कर्मियों को दिया जाएगा मृतकों की गरिमा बनाए रखने का प्रशिक्षण



नई दिल्ली:- एनडीआरएफ बचावकर्मियों और श्वानदल को मृतकों की सही पहचान करने और उनकी गरिमा बनाए रखने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। एनडीआरएफ के महानिदेशक अतुल करवाल ने बताया कि बचावकर्मी मृतकों की पहचान, फारेंसिक और कुत्तों के प्रशिक्षण पर काम कर रहा है।

महानिदेशक ने क्या कहा?

महानिदेशक ने कहा कि मृतक प्रबंधन पर एनडीआरएफ के मौजूदा माड्यूल में एक नया 'मृतक पहचान' अध्याय जोड़ा गया है, जो कर्मियों को बुनियादी पाठ्यक्रम के रूप में प्रदान किया जाता है। इस माड्यूल के हिस्से के रूप में एनडीआरएफ के बचावकर्मियों को यह प्रशिक्षण दिया जाता है कि दुर्घटनाओं और आपदाओं के दौरान शवों को कैसे निकाला जाए और उन्हें सम्मानजनक तरीके से रखा जाए, सड़ गए या टुकड़े हो गए मानव अवशेषों का सम्मान कैसे सुनिश्चित किया जाए, उन्हें एक साथ और बाडी बैग में कैसे रखा जाए।

उन्हें यह भी सिखाया जाता है कि सावधानियां किस तरह बरती जाएं ताकि महामारी न फैले। करवाल ने कहा कि बालासोर रेल दुर्घटना के दौरान हमने जो सीखा उससे हम जल्द ही मृतक पहचान पाठ्यक्रम शुरू करने जा रहे हैं।

टिकट नही मिलने से नाराज भाजपा के जयंत सिन्हा के बाद अब चांदनी चौक से सांसद रहे हर्षवर्धन ने भी लिया राजनीति से सन्यास


नई दिल्ली। बड़ी खबर आ रही है, हजारीबाग से बीजेपी सांसद जयंत सिन्हा के बाद टिकट कटने से नाराज पूर्व केंद्रीय मंत्री और दिल्ली के चांदनी चौक से भारतीय जनता पार्टी के सांसद डॉ हर्षवर्धन ने रविवार को सक्रिय राजनीति से सन्यास ले लिया।

बताते चलें कि, भाजपा ने शनिवार को जब अपने 195 उम्मीदवारों की सूची जारी की, तो उसमें चांदनी चौक सीट का भी नाम था। लेकिन पार्टी ने इस बार इस सीट से दो बार के सांसद डॉ हर्षवर्धन की जगह प्रदीप खंडेलवाल को अपना उम्मीदवार बनाया है।

 प्रधानमंत्री मोदी की पहली सरकार में स्वास्थ्य विभाग के कैबिनेट मंत्री बनाए गए थे। इसके साथ ही उन्होंने कुछ समय तक पृथ्वी और अंतरिक्ष विभाग का भी कार्यभार संभाला था। यहां बता दें कि, डॉ हर्षवर्धन 2014 से लगातार चांदनी चौक से सांसद हैं।

डॉ हर्षवर्धन ने राजनीति से सन्यास लेने का एलान करते हुए सोशल मीडिया पोस्ट एक्स पर लिखा, “तीस साल से अधिक के शानदार चुनावी करियर के बाद, जिसके दौरान मैंने सभी पांच विधानसभा और दो संसदीय चुनाव लड़े, जो मैंने रिकॉर्ड अंतर से जीते, और पार्टी संगठन और राज्य और केंद्र की सरकारों में कई प्रतिष्ठित पदों पर काम किया। अपनी जड़ों की ओर लौटने के लिए नमन।

पचास साल पहले जब मैंने गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करने की इच्छा के साथ जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज, कानपुर में एमबीबीएस में प्रवेश लिया, तो मानव जाति की सेवा ही मेरा आदर्श वाक्य था। दिल से एक स्वयंसेवक, मैं हमेशा पंक्ति में अंतिम व्यक्ति की सेवा करने के प्रयास के दीन दयाल उपाध्याय जी के अंत्योदय दर्शन का उत्साही प्रशंसक रहा हूं।

तत्कालीन आरएसएस नेतृत्व के आग्रह पर मैं चुनावी मैदान में कूदा। वे मुझे केवल इसलिए मना सके, क्योंकि मेरे लिए राजनीति का मतलब हमारे तीन मुख्य शत्रुओं – गरीबी, बीमारी और अज्ञानता से लड़ने का अवसर था।” वहीं, कुछ लोग ये भी बता रहे हैं कि हर्षवर्धन अपना टिकट कटने से नारज हैं। इसलिए उन्होंने राजनीति से सन्यास लेने का फैसला किया है।

लोकसभा चुनाव 2024: छत्तीसगढ़ के सभी 11 सीटों पर भाजपा ने की लोकसभा उम्मीदवारों की सूची जारी


नई दिल्ली :लोकसभा चुनाव 2024 के लिए भाजपा ने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है. इस लिस्ट में कई मंत्रियों और सांसद के टिकट काटे गए हैं. जबकि कई नए चेहरों को मौका दिया गया है. छत्तीसगढ़ में लोकसभा की 11 सीटें हैं. इन सीटों पर उम्मदीवारों के नाम का ऐलान कर दिया गया है. इस बार मिशन 470 को ध्यान में रखकर बीजेपी ने लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की घोषणा की है.

छत्तीसगढ़ से लोकसभा उम्मीदवार

दुर्ग: विजय बघेल

राजनांदगांव: संतोष पांडेय

रायपुर: बृजमोहन अग्रवाल

महासमुंद: रुप कुमारी चौधरी

कांकेर: भोजराज नाग

कोरबा: सरोज पांडेय

सरगुजा: चिंतामणि महाराज

जांजगीर चांपा: कमलेश जांगड़े

रायगढ़: राधेश्याम राठिया

बिलासपुर: तोखन साहू

बस्तर: महेश कश्यप

छत्तीसगढ़ में मिशन 11 पर फोकस: छत्तीसगढ़ में लोकसभा की 11 सीटें हैं. इन सीटों को लेकर बीजेपी आलाकमान ने मिशन 11 का लक्ष्य तय किया है. यानि की सभी 11 की 11 सीटों पर जीत हासिल करने का लक्ष्य. इसे ही ध्यान में रखते हुए उम्मीदवारों के नाम का ऐलान आज किया गया है. सभी सीटों को लेकर समीकरण के अनुसार उम्मीदवारों का ऐलान किया गया है.

2019 के लोकसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ की स्थिति: छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी ने 11 सीटों में से 9 सीटों पर जीत दर्ज की थी. कोरबा और बस्तर सीट बीजेपी को नहीं मिल पाई थी. लेकिन उसने कुल 9 सीटों पर जीत दर्ज कर छत्तीसगढ़ में अपने विनिंग स्ट्राइक रेट का कमाल दिखाया था.

लोकसभा चुनाव 2024: दिल्ली के पांच सीटों पर भाजपा ने किया उमीदवारों की घोषणा, लिस्ट में वर्तमान 4 सांसदों का नाम कटा,

नई दिल्ली: आगामी लोकसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी ने अपनी पहली लिस्ट जारी कर दी है. पहली लिस्ट में बीजेपी ने 195 प्रत्याशियों के नाम की घोषणा की है. यूपी, राजस्थान, छत्तीसगढ़, गोवा, केरला, पश्चिम बंगाल, दिल्ली समेत अन्य राज्यों के नामों की घोषणा की गई है. वहीं, दिल्ली में पांच सीटों पर प्रत्याशियों के नाम की घोषणा की गई है। 

नई दिल्ली, चांदनी चौक, पश्चिमी दिल्ली, दक्षिणी दिल्ली और उत्तर पूर्वी दिल्ली के उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया गया है।

बीजेपी उम्मीदवारों की लिस्ट:

चांदनी चौक: प्रवीण खंडेलवाल

नई दिल्ली: बांसुरी स्वराज

वेस्ट दिल्ली: कमलजीत सहरावत

साउथ दिल्ली: रामवीर सिंह बिधूड़ी

नॉर्थ ईस्ट दिल्ली: मनोज तिवारी

दिल्ली से मौजूदा इन सांसदों का कटा टिकट:

चांदनी चौक: डॉ हर्षवर्धन

नई दिल्ली: मीनाक्षी लेखी

वेस्ट दिल्ली: प्रवेश वर्मा

साउथ दिल्ली: रमेश बिधूड़ी

बता दें कि दिल्ली की पांच लोकसभा सीटों में सिर्फ एक ही बीजेपी सांसद अपना टिकट बचाने में कामयाब हो पाए. जबकि 4 सांसदों का टिकट कट गया है. जिसमें एक केंद्रीय मंत्री और एक पूर्व केंद्रीय मंत्री के नाम शामिल हैं. नई दिल्ली लोकसभा सीट से केंद्रीय विदेश एवं संस्कृति राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी की जगह दिल्ली बीजेपी की युवा महिला नेता बांसुरी स्वराज को टिकट दिया गया है. दक्षिणी दिल्ली से बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी की जगह दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी को उम्मीदवार बनाया गया है.

चांदनी चौक से पूर्व स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन की जगह व्यापारी नेता प्रवीण खंडेलवाल को प्रत्याशी बनाया गया है. पश्चिमी दिल्ली लोकसभा से प्रवेश वर्मा की जगह निगम पार्षद कमलजीत सहरावत को उम्मीदवार बनाया गया है. हालांकि, उत्तर पूर्वी दिल्ली से मनोज तिवारी अपनी सीट बचाने में कामयाब हुए हैं. अभी दिल्ली की दो सीटों के नामों का एलान होना बाकी है.

आरएसएस नेता की हत्या कर 2016 में फरार मुख्य साजिशकर्ता मुंबई हवाईअड्डे से गिरफ्तार,

नई दिल्ली। एनआइए ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) नेता की हत्या के मुख्य साजिशकर्ता को विदेश से लौटने पर मुंबई हवाईअड्डे से गिरफ्तार किया है। आरोपित गौस नियाजी प्रतिबंधित संगठन पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआइ) का सदस्य है। उसने आरएसएस नेता आर. रुद्रेश की हत्या की साजिश रची थी।

वर्ष 2016 से था नियाजी फरार

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) के प्रवक्ता ने शनिवार को कहा कि रुद्रेश की हत्या के बाद गौस नियाजी वर्ष 2016 में फरार हो गया था। उसे तंजानिया के दार-ए-सलाम से आने के तुरंत बाद शुक्रवार को मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे पर एनआइए की स्पेशल टीम ने गिरफ्तार कर लिया। कर्नाटक में पीएफआइ के चार सदस्यों ने बेंगलुरु के शिवाजीनगर इलाके के प्रमुख आरएसएस नेता रुद्रेश की 16 अक्टूबर, 2016 को हत्या कर दी थी।

हत्या की साजिश नियाजी और असीम शेरिफ ने रची थी

एनआइए प्रवक्ता ने कहा कि जांच से पता चला है कि नियाजी और असीम शेरिफ ने रुद्रेश की हत्या की साजिश रची। इप दोनों ने लोगों के बीच आतंक पैदा करने के इरादे से अन्य चार आरोपितों को रुद्रेश की हत्या करने के लिए राजी किया था। हत्यारों को बरगलाया गया कि आरएसएस के खिलाफ लड़ाई जिहाद है। नियाजी की गिरफ्तारी के साथ ही मामले के सभी आरोपितों को गिरफ्तारी हो चुकी है। अन्य आरोपितों के खिलाफ एनआइए स्पेशल कोर्ट, बेंगलुरु में मुकदमा चल रहा है।

भारत-विरोधी आतंकी साजिश का था सूत्रधार

एनआइए ने भारत-विरोधी आतंकी साजिश से जुड़े निजामाबाद पीएफआइ मामले में एक फरार आरोपित को गिरफ्तार किया है। इसकी गिरफ्तारी पर दो लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था। एनआइए के एक प्रवक्ता ने शनिवार को बताया कि पीएफआइ के तेलंगाना उत्तर क्षेत्र का सचिव रहा अब्दुल सलीम इस मामले में गिरफ्तार होने वाला 15वां आरोपित है। यह मामला जुलाई 2022 में निजामाबाद पुलिस थाने में दर्ज किया गया था। उसी साल अगस्त में एनआइए ने इसे अपने हाथ में ले लिया था।

पीएफआइ और उसके कैडरों की साजिश 2047 तक भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने की थी। मामला सामने आने के बाद से अब्दुल सलीम फरार था। एनआइए ने बाद में उस पर इनाम घोषित किया। अधिकारी ने बताया कि खुफिया जानकारी के आधार पर सलीम को आंध्र प्रदेश के कडप्पा जिले से पकड़ा गया। जांच से पता चला है कि वह कट्टरपंथ को बढ़ावा देने और मुस्लिम युवाओं को पीएफआइ में भर्ती करने में शामिल था।

लोकसभा 2024: भाजपा ने यूपी में 51 उम्मीदवारों की पहली सूची की जारी, मोदी वाराणसी, हेमा मालिनी मथुरा, स्मृति ईरानी अमेठी से लड़ेंगी चुनाव

नई दिल्ली: 2024 के लोकसभा चुनावी समर में विभिन्न राजनीतिक दल उतरने के लिए कमर कस चुकी है।यूपी में भाजपा ने 51 उमीदवारों की सूची जारी की तो सपा ने भी तीन लिस्टों में 31 उम्मीदवारों की सूची जारी की है। भाजपा के सूची से मेनका और बरुण गांधी का नाम गायब है।

पिछले दो दिनों से दिल्ली में चल रही मंथन के बाद भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव 2024 के लिए पहली सूची जारी कर दी है। 

पीएम नरेंद्र मोदी एक बार फिर से वाराणसी से उम्मीदवार होंगे।

वाराणसी- पीएम मोदी

लखनऊ- राजनाथ सिंह

चंदौली - महेंद्रनाथ पांडेय

मथुरा- हेमा मालिनी

अमेठी- स्मृति इरानी

सीतापुर- राजेश वर्मा

मुजफ्फरनगर - संजीव बालियान

झांसी- अनुराग शर्मा

बांदा -आरके सिंह पटेल

आगरा- सत्यपाल बघेल

खीरी -अजय मिश्र

हरदोई- जयप्रकाश रावत

कन्नौज -सुब्रत पाठक

फैजाबाद- लल्लू सिंह

कैराना -प्रदीप कुमार

गौतमबुद्ध -नगर महेश शर्मा

इटावा -रमाशंकर कठीरिया

जौनपुर -कृपाशंकर सिंह

गोरखपुर -रवि किशन

आजमगढ़ -दिनेश लाल यादव निरहुआ

फतेहपुर -निरंजन ज्योति

फतेहपुर -सीकरी राजकुमार चाहर

कुशीनगर -विजय कुमार दूबे

आंबेडकरनगर -रितेश पाण्डेय

नगीना - ओमकुमार

रामपुर - घनश्याम लोधी

संभल - परमेश्वर सैनी

बुलंदशहर- डॉ. भोला सिंह

एटा- राजवीर सिंह

आंवला- धर्मेंद्र कश्यप

शाहजहांपुर - अरुण कुमार सागर

धौरहरा- रेखा वर्मा

उन्नाव - साक्षी महाराज

मोहनलालगंज- कौशल किशोर

सलेमपुर- रविंद्र कुशवाहा

लालगंज- नीलम सोनकर

हमीरपुर- पुष्पेंद्र चंदेल

जालौन- भानु प्रताप वर्मा

श्रावस्ती - साकेत मिश्रा

गोंडा- कीर्तिवर्धन सिंह उर्फ राज भैया

बस्ती- हरीश द्विवेदी

संतकबीरनगर- प्रवीण निषाद

बांसगांव- कमलेश पासवान

डुमरियागंज- जगदंबिका पाल

महाराजगंज- पंकज चौधरी

अमरोहा- कंवर सिंह तंवर

मिश्रिख- अशोक कुमार रावत

प्रतापगढ़ - संगम लाल गुप्ता

फर्रुखाबाद- मुकेश राजपूत

अकबरपुर- देवेंद्र सिंह भोले

बाराबंकी- उपेंद्र सिंह रावत

74 पर खुद लड़ेगी BJP;अपना दल-RLD और दूसरे सहयोगी दलों को 6 सीटें:

भारतीय जनता पार्टी ने सहयोगी दलों के साथ सीट बंटवारे पर लगभग मुहर लगा दी है. बस इसकी औपचारिक घोषणा होना बाकी है. यूपी में भाजपा अपने सहयोगी दलों के लिए 6 सीट छोड़ सकती है. बाकी 74 सीटों पर भाजपा प्रत्याशी चुनाव लड़ेंगे।

 सूत्रों का दावा है कि भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय लोक दल को दो सीट, अपना दल (एस) को दो सीट, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी व निषाद पार्टी के लिए एक-एक सीट देने पर सहमति जताई है।

सपा तीन लिस्ट में उतार चुकी है 32 उम्मीदवार:

 समाजवादी पार्टी ने भाजपा से पहले ही लोकसभा चुनाव 2024 के लिए उम्मीदवार घोषित कर चुकी है. सपा ने अब तक तीन लिस्ट में 32 उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं। पहली सूची में अखिलेश यादव ने 16 उम्मीदवारों के नाम घोषित किए थे। इसके कुछ दिन बाद दूसरी लिस्ट में 11 और तीसरी में 5 उम्मीदवारों के नाम फाइनल कर चुकी है। इसमें शिवपाल यादव बदायूं से, मैनपुरी से डिंपल यादव, गाजीपुर से अफजाल अंसारी, फिरोजाबाद से अक्षय यादव जैसे कई नाम शामिल हैं।

भाजपा ने पहली लिस्ट में 47 उम्मीदवार रिपीट किए:

 भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश में 51 सीटों पर जो उम्मीदवार घोषित किए हैं, उनमें से 47 वही उम्मीदवार हैं जो 2019 में भी भाजपा से दावेदारी ठोक रहे थे। भाजपा अब 23 उम्मीदवारों की घोषणा और करेगी. बाकी छह उम्मीदवार सहयोगी दलों के होंगे। बचे हुए 23 उम्मीदवारों में भाजपा बड़ा परिवर्तन करेगी।

सूची में मेनका-वरुण का नाम नहीं

पहली सूची में उत्तर प्रदेश से कई हाई प्रोफाइल सीटों के नाम गायब हैं. जिसमें प्रमुख है पीलीभीत, जहां से वर्तमान में वरुण गांधी सांसद हैं, वहीं दूसरी सीट है सुलतानपुर सीट जहां से मेनका गांधी सांसद हैं। दोनों मां बेटा की बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व से बन नहीं रही है. वरुण गांधी तो लगातार केंद्र और प्रदेश की अपनी ही सरकार की नीतियों का विरोध करते रहते हैं।

बदायूं सीट पर फंसा पेंच: तीसरी सीट की बात करें तो वो है बदायूं लोकसभा सीट, यहां से अभी सांसद हैं संघमित्रा मौर्य, जो प्रदेश के बड़े बड़बोले नेताओं में शूमार स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी हैं. स्वामी प्रसाद ने हाल ही में अपनी पार्टी लॉन्च किया है. जिसके बाद से उनकी सींट पर भी पेंच फंसी है।

रीता बहुगुणा का नाम भी सूची में नहीं:

 वहीं चौथी सीट इलाहाबाद की है जहां से मौजूदा समय में डॉ.रीता बहुगुणा जोशी सांसद हैं. रीता बहुगुणा जोशी को हाल ही में लखनऊ की एक स्थानीय अदालत ने 2012 के विधानसभा चुनाव के दौरान आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में छह माह कारावास की सजा सुनाई है।