बड़ी खबर: झारखंड सरकार पर एनजीटी ने ठोका 25000 का जुर्माना, आइये जानते हैं क्या है पूरा मामला....?
(झारखंड डेस्क)
सरकार राज्य के विकास, कानून व्यबस्था को दुरुस्त करने तथा दोषी को सजा और जुर्माना वसूलने का काम करती है लेकिन अगर सरकार पर कोई संस्था जुर्माना ठोक दे तो एक बड़ी खबर बन जाती है।ऐसी ही बड़ी खबर सामने आ रही है। खबर के अनुसार झारखंड सरकार पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला…
गंगा और उसकी सहायक नदियों में प्रदूषण के मामले को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) राज्य और जिलावार स्तर पर सुन रहा है। हालांकि, संबंधित राज्यों के अधिकारी ट्रिब्यूनल के आदेशों को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। ऐसे में एनजीटी के चेयरमैन जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव ने दामोदर नदी में प्रदूषण रोकने में विफल रहने पर झारखंड सरकार पर 25 हजार रुपये का जुर्माना (टोकन कॉस्ट) लगाया है।
एनजीटी ने गंगा नदी की सहायक दामोदर में प्रदूषण रोकने व नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त उपाय नहीं करने पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। जुर्माना बोकारो, धनबाद रामगढ़ के डीसी से वसूला जायेगा। एनजीटी ने गंगा बेसिन जिला के जिलाधिकारियों को प्रदूषण मुद्दे पर अपनी स्थिति रिपोर्ट सौंपने के लिए और चार सप्ताह का समय दिया है।
एनजीटी का आदेश 20 फरवरी को पर्यावरणविद् वकील एमसी मेहता की ओर से दायर याचिका के जवाब में आया है। श्री मेहता ने गंगा व उसकी सहायक नदियों को औद्योगिक व शहरी कचरा से बचाने के लिए न्यायाधिकरण के हस्तक्षेप की मांग की थी।
मेहता ने यह भी मांग की थी कि जिलाधिकारी, जो जिला गंगा संरक्षण समितियों के प्रमुख हैं, उन्हें प्रदूषणकर्ता भुगतान के सिद्धांत के तहत प्रदूषण के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। एनजीटी ने इससे पहले 24 नवंबर 2023 व 05 दिसंबर 2023 को झारखंड समेत गंगा नदी वाले राज्यों के जिलाधिकारियों से स्थिति रिपोर्ट तलब की थी, लेकिन झारखंड के अधिकारियों से कोई जवाब नहीं मिला।
एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव ने झारखंड सरकार व उसके अधिकारियों की ओर से गैर-अनुपालन व संचार की कमी पर नाराजगी व्यक्त की। आदेश में कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि बार-बार अवसर दिये जाने के बाद भी जिला मजिस्ट्रेट ट्रिब्यूनल के आदेश का जवाब नहीं दे रहे हैं। 25 हजार रुपये का जुर्माना एक सप्ताह के भीतर जमा किया जाना है।
एनजीटी ने दामोदर नदी बेसिन के जिलाधिकारी को ट्रिब्यूनल द्वारा निर्धारित तरीके से चार सप्ताह के अंदर प्रदूषण मुद्दे पर स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है। एनजीटी ने झारखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को नदी बेसिन में उद्योग, नगर निगम की ओर से पर्यावरणीय मानदंड व मानक के अनुपालन की निगरानी करने व उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ उचित कार्रवाई करने को भी कहा। मामले की अगली सुनवाई 10 अप्रैल 2024 को होगी।
Feb 28 2024, 13:44