इलेक्टोरल बॉन्ड पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया झामुमो, कहा- 13 मार्च को देश बेचने और खरीदने वालों का नाम आएगा सामने
रांची: सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड योजना की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आज अपना फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड योजना को रद्द कर दिया है। इलेक्टोरल बॉन्ड को असंवैधानिक करार दिए जाने और तीन सप्ताह के अंदर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को इलेक्टोरल बॉड की पूरी रिपोर्ट भारत निर्वाचन आयोग को सौंपने, 13 मार्च तक भारत निर्वाचन आयोग द्वारा पॉलिटिकल पार्टियों को चंदा देने की सूचना सार्वजनिक करने के आदेश को झारखंड मुक्ति मोर्चा ने स्वागत किया है।
आज झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्या ने कहा कि अब देश बेचने वालों और देश को खरीदने वालों का नाम सार्वजनिक होगा। उन्होंने कहा कि अब डर इस बात का है कि सर्वोच्च न्यायालय के इस ऐतिहासिक फैसले के खिलाफ कहीं मोदी सरकार अध्यादेश न लेकर आ जाए। साथ ही उन्होंने बताया कि 2014 चुनाव से पहले जिस तरह से गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री और वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस पूंजीपति के वाहन से देशभर में चुनाव प्रचार किया। जिसके बाद उसको मदद पहुंचाने, काला धन को सफेद करने के लिए तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने एक ऐसी पद्धति लायी जिससे काला धन सफेद हो जाये और पूंजीपतियों को फायदा भी पहुंचाया जा सके। इसलिए नोटबंदी की नाकामियों के बीच इलेक्टोरल बॉन्ड की पॉलिसी लायी गयी जबकि आरबीआई के तत्कालीन गवर्नर के साथ-साथ निर्वाचन आयुक्त ने भी इसे सही नहीं बताया था।
Feb 16 2024, 10:04