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क्या है चुनावी बॉन्ड, और क्या है उसका विवाद?

लोकसभा चुनाव से पहले सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड की कानूनी वैधता पर फैसला सुनाया है। सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व वाली पांच सदस्य संविधान पीठ ने इलेक्टोरल बॉन्ड पर फैसला सुनाया है राजनीतिक चंदे में पारदर्शिता लाने के लिए सरकार की ओर से लागू की गई इलेक्टोरल बॉन्ड बंद की व्यवस्था को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए इलेक्टोरल बॉन्ड पर रोक लगा दी है। फैसला सनाते हुए कोर्ट ने कहा कि लोगों को चुनावी चंदे के स्रोत को जानने का अधिकार है।

कोर्ट ने भारतीय स्टेट बैंक यानी एसबीआई को 2019 से ले कर अब तक इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ी सारी जानकारी तीन हफ़्ते के अंदर चुनाव आयोग को सौंपने को कहा है।

क्या है चुनावी बॉन्ड?

भारत में चुनाव के वक्त बहुत सारा पैसा खर्च होता है पार्टियों को जनता तक अपनी बात पहुंचाने के लिए पैसे को जरूरत होती है। ये पैसा आता है चंदे के जरिए। राजनीतिक दलों को चंदा देने के जरिए को ही चुनाव बॉन्ड कहते है। मोदी सरकार ने 2017 में चुनावी बॉन्ड लाने की घोषणा की थी। अगले ही साल जनवरी 2018 में इसे अधिसूचित कर दिया गया। उस वक्त सरकार ने इसे पॉलिटिकल फंडिंग की दिशा में सुधार बताया और दावा किया कि इससे भ्रष्टाचार से लड़ाई में मदद मिलेगी।

राजनीतिक दल को दान करने जरिया

चुनावी बॉन्ड एक तरह का वचन पत्र है। इसकी खरीदारी भारतीय स्टेट बैंक की चुनिंदा शाखाओं पर किसी भी भारतीय नागरिक या कंपनी की ओर से की जा सकती है। यह बॉन्ड नागरिक या कॉरपोरेट कंपनियों की ओर से अपनी पसंद के किसी भी राजनीतिक दल को दान करने जरिया है।

विवाद की शुरूआत

विवाद की शुरूआत तो 2017 में ही हो गई थी जब इसकी घोषणा हुई। योजना को 2017 में ही चुनौती दी गई थी, लेकिन सुनवाई 2019 में शुरू हुई। सुप्रीम कोर्ट ने सभी पॉलिटिकल पार्टियों को निर्देश दिया कि वे 30 मई, 2019 तक चुनावी बॉन्ड से जुड़ी सभी जानकारी चुनाव आयोग को दें। हालांकि, कोर्ट ने इस योजना पर रोक नहीं लगाई। फिर साल 2019 के दिसंबर महीने में ही इसको लेकर दो याचिकाएं दायर की गई।पहली याचिका एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स और ग़ैर-लाभकारी संगठन कॉमन कॉज़ ने मिलकर दायर की थी। दूसरी याचिका, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने दायर की थी। याचिकाओं में कहा गया था कि भारत और विदेशी कंपनियों के जरिए मिलने वाला चंदा गुमनाम फंडिंग है। इससे बड़े पैमाने पर चुनावी भ्रष्टाचार को वैध बनाया जा रहा है। यह योजना नागरिकों के जानने के अधिकार का उल्लंघन करती है।

राहुल गांधी ने कहा-चुनावी बॉन्ड स्कीम नरेंद्र मोदी की भ्रष्ट नीतियों का एक और सबूत, जानें कोर्ट के फैसले पर किसने क्या कहा

#supreme_court_decision_on_electoral_bonds_political_reactions

सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड स्कीम को रद्द करने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने इसे असंवैधानिक ठहरा दिया है। अब इस मामले पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी आने लगीं हैं।विपक्षी नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर खुशी जताई है।विपक्ष के तमाम बड़े नेताओं ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है।राहुल गांधी ने आरोप लगाए हैं कि भारतीय जनता पार्टी ने बॉन्ड को ‘रिश्वत और कमीशन’ लेने का जरिया बनाया था। आज इस बात पर मुहर लग गई है। इसी के साथ मल्लिकार्जुन खरगे, पवन खेड़ा और जयराम रमेश समेत वाम नेता सीताराम येचुरी एवं शिवसेना (यूटीबी) के आदित्य ठाकरे ने भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया दी।

कांग्रेस ने चुनावी बॉन्ड योजना पर उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह निर्णय नोट के मुकाबले वोट की ताकत को और मजबूत करेगा। उन्होंने आरोप लगाया कि इस फैसले से इस बात पर मुहर लग गई है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने चुनावी बॉन्ड को रिश्वत और कमीशन लेने का माध्यम बना दिया था। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और वायनाड से सांसद राहुल गांधी ने चुनावी बॉन्ड स्कीम को लेकर सोशल मीडिया मंच एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट के जरिए कहा, "नरेन्द्र मोदी की भ्रष्ट नीतियों का एक और सबूत आपके सामने है। बीजेपी ने इलेक्टोरल बॉन्ड को रिश्वत और कमीशन लेने का माध्यम बना दिया था. आज इस बात पर मुहर लग गई है।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, 'हम आज उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हैं जिसने मोदी सरकार की इस 'काला धन रूपांतरण' योजना को "असंवैधानिक" बताते हुए रद्द कर दिया है। हमें याद है कि कैसे मोदी सरकार, पीएमओ और वित्त मंत्रालय ने भाजपा का खजाना भरने के लिए हर संस्थान - आरबीआई, चुनाव आयोग, संसद और विपक्ष पर बुलडोजर चला दिया था। राहुल गांधी के अलावा कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, कांग्रेस ने हमेशा से कहा था इलेक्टोरल बॉन्ड, खारिज किए जाना चाहिए। ये बीजेपी का स्कैम था. इलेक्टोरल बॉन्ड पर पीएम, वित मंत्री और जेपी नड्डा को जवाब देना चाहिए।

राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने कहा कि यह किसी राजनीतिक पार्टी के लिए नहीं बल्कि पूरे लोकतंत्र के लिए उम्मीद की किरण है। यह देश के नागरिकों के लिए उम्मीद की किरण है। सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कहा कि 'यह पूरी योजना मेरे दिवंगत दोस्त अरुण जेटली के दिमाग की उपज थी, जिसे भाजपा को समृद्ध करने के लिए लाया गया था। सभी जानते हैं कि भाजपा सत्ता में है और चुनावी बॉन्ड योजना का सबसे ज्यादा फायदा भाजपा को ही मिलेगा। मजेदार बात ये है कि चुनावी बॉन्ड योजना का चुनाव से कोई संबंध नहीं है। यह असल में उद्योग जगत और भाजपा के बीच का संबंध है, जिसके तहत भाजपा को बड़े पैमाने पर दान मिला। बीते वर्षों में भाजपा को करीब पांच से छह हजार करोड़ रुपये का दान मिला है।

सोनिया गांधी ने रायबरेली की जनता को लिखा भावुक पत्र, लोकसभा चुनाव ना लड़ने की बताई वजह

#sonia_gandhi_addresses_her_parliamentary_seat_raibareli_voters

कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी इस बार लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी। दरअसल, सोनिया राजस्थान से राज्यसभा जा रही हैं। उन्होंने जयपुर से राज्यसभा के लिए नामांकन भी दाखिल कर लिया है। कांग्रेस की नेता सोनिया गांधी ने अपने संसदीय क्षेत्र रायबरेली के लिए पत्र लिखा है। इसमें जनता को संबोधित करते हुए सोनिया ने बताया है कि वो क्यों नहीं लोकसभा चुनाव लड़ रही हैं। सोनिया ने अपने राजनीतिक जीवन को लेकर रायबरेली की जनता का आभार जताया। उन्होंने कहा कि वह भले ही आगे सीधे तौर पर उनका प्रतिनिधित्व न करें, लेकिन उनका मन-प्राण सदा वहां की जनता के साथ रहेगा।

सोनिया ने पत्र में रायबरेली की जनता से कहा, सोनिया गांधी ने पत्र में लिखा, "मेरा परिवार दिल्ली में अधूरा है। वह रायबरेली आकर आप लोगों में मिलकर पूरा होता है। यह नेह - नाता बहुत पुराना है और अपनी ससुराल से मुझे सौभाग्य की तरह मिला है। रायबरेली के साथ हमारे परिवार के रिश्तें की जड़ें बहुत गहरी हैं। आजादी के बाद हुए पहले लोकसभा चुनाव में आपने मेरे ससुर फीरोज गांधी को यहां से जिताकर दिल्ली भेजा। उनके बाद मेरी सास इंदिरा गांधी को आपने अपना बना लिया। तब से अब तक यह सिलसिला जिंदगी के उतार-चढ़ाव और मुश्किल भरी राह पर प्यार और जोश के साथ आगे बढ़ता गया और इस पर हमारी आस्था मजबूत होती चली गई। 

रायबरेली से 2024 का लोकसभा चुनाव न लड़ने की वजह बताते हुए सोनिया गांधी ने पत्र में लिखा, अब स्वास्थ्य और बढ़ती उम्र के चलते मैं अगला लोकसभा चुनाव नहीं लड़ूंगी। इस निर्णय के बाद मुझे आपकी सीधी सेवा का अवसर नहीं मिलेगा, लेकिन यह तय है कि मेरा मन-प्राण हमेशा आपके पास रहेगा। मुझे पता है कि आप भी हर मुश्किल में मुझे और मेरे परिवार को वैसे ही संभाल लेंगे जैसे अब तक संभालते आये हैं। बड़ों को प्रणाम। छोटों को स्नेह, जल्द मिलने का वादा।

बता दें कि सोनिया गांधी ने बुधवार को राज्यसभा चुनाव के लिए राजस्थान से नामांकन दाखिल किया था। पहली बार वह संसद के उच्च सदन में सांसद के तौर पर जा रही हैं। सोनिया गांधी 1999 से लोकसभा की सदस्य हैं। वह 2004 से लगातार लोकसभा में रायबरेली का प्रतिनिधित्व करती रही हैं।

चुनावी बांड पर सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला, 5 जजों की बेंच ने असंवैधानिक बताकर लगाई रोक

सुप्रीम कोर्ट ने आज गुरुवार (15 फ़रवरी) को एक ऐतिहासिक फैसले में चुनावी बांड योजना को "असंवैधानिक" करार देते हुए इसे अमान्य कर दिया है। भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने यह फैसला सुनाया, जिससे राजनीतिक फंडिंग की एक विवादास्पद पद्धति का अंत हो गया, जो शुरुआत से ही जांच के दायरे में रही है।

सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय स्टेट बैंक (SBI) को तत्काल प्रभाव से चुनावी बांड जारी करना बंद करने का निर्देश दिया। सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि, "चुनावी बांड योजना अनुच्छेद 19(1)(ए) का उल्लंघन है और असंवैधानिक है। कंपनी अधिनियम में संशोधन असंवैधानिक है। जारीकर्ता बैंक तुरंत चुनावी बांड जारी करना बंद कर देगा।" शीर्ष अदालत ने SBI को भारतीय चुनाव आयोग (ECI) को 2019 में योजना के अंतरिम आदेश से लेकर वर्तमान तिथि तक राजनीतिक दलों द्वारा प्राप्त सभी चुनावी बांड योगदान के विस्तृत रिकॉर्ड प्रदान करने का आदेश दिया है।

ECI को तीन सप्ताह के भीतर एसबीआई से व्यापक डेटा प्राप्त होने की उम्मीद है। एक बार जानकारी एकत्र हो जाने के बाद, ECI को सुप्रीम कोर्ट द्वारा इन विवरणों को अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर प्रकाशित करने का निर्देश दिया गया है, जिससे जानकारी तक पारदर्शिता और सार्वजनिक पहुंच सुनिश्चित हो सके। मुख्य न्यायाधीश ने कहा, "SBI राजनीतिक दलों द्वारा भुनाए गए चुनावी बांड का विवरण प्रस्तुत करेगा। एसबीआई ईसीआई को विवरण प्रस्तुत करेगा। ECI इन विवरणों को 31 मार्च, 2024 तक वेबसाइट पर प्रकाशित करेगा।" 2018 में शुरू की गई चुनावी बांड योजना का उद्देश्य राजनीतिक चंदे में पारदर्शिता बढ़ाना था। हालाँकि, आलोचकों ने तर्क दिया कि योजना द्वारा प्रदान की गई गुमनामी ने भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया और राजनीतिक दलों के बीच समान अवसर को बिगाड़ दिया।

चुनावी बांड पर सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला, 5 जजों की बेंच ने असंवैधानिक बताकर लगाई रोक

सुप्रीम कोर्ट ने आज गुरुवार (15 फ़रवरी) को एक ऐतिहासिक फैसले में चुनावी बांड योजना को "असंवैधानिक" करार देते हुए इसे अमान्य कर दिया है। भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने यह फैसला सुनाया, जिससे राजनीतिक फंडिंग की एक विवादास्पद पद्धति का अंत हो गया, जो शुरुआत से ही जांच के दायरे में रही है।

सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय स्टेट बैंक (SBI) को तत्काल प्रभाव से चुनावी बांड जारी करना बंद करने का निर्देश दिया। सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि, "चुनावी बांड योजना अनुच्छेद 19(1)(ए) का उल्लंघन है और असंवैधानिक है। कंपनी अधिनियम में संशोधन असंवैधानिक है। जारीकर्ता बैंक तुरंत चुनावी बांड जारी करना बंद कर देगा।" शीर्ष अदालत ने SBI को भारतीय चुनाव आयोग (ECI) को 2019 में योजना के अंतरिम आदेश से लेकर वर्तमान तिथि तक राजनीतिक दलों द्वारा प्राप्त सभी चुनावी बांड योगदान के विस्तृत रिकॉर्ड प्रदान करने का आदेश दिया है।

ECI को तीन सप्ताह के भीतर एसबीआई से व्यापक डेटा प्राप्त होने की उम्मीद है। एक बार जानकारी एकत्र हो जाने के बाद, ECI को सुप्रीम कोर्ट द्वारा इन विवरणों को अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर प्रकाशित करने का निर्देश दिया गया है, जिससे जानकारी तक पारदर्शिता और सार्वजनिक पहुंच सुनिश्चित हो सके। मुख्य न्यायाधीश ने कहा, "SBI राजनीतिक दलों द्वारा भुनाए गए चुनावी बांड का विवरण प्रस्तुत करेगा। एसबीआई ईसीआई को विवरण प्रस्तुत करेगा। ECI इन विवरणों को 31 मार्च, 2024 तक वेबसाइट पर प्रकाशित करेगा।" 2018 में शुरू की गई चुनावी बांड योजना का उद्देश्य राजनीतिक चंदे में पारदर्शिता बढ़ाना था। हालाँकि, आलोचकों ने तर्क दिया कि योजना द्वारा प्रदान की गई गुमनामी ने भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया और राजनीतिक दलों के बीच समान अवसर को बिगाड़ दिया।

कतर के प्रधानमंत्री से पीएम मोदी ने की मुलाकात, व्यापार, निवेश, ऊर्जा सहित विभिन्न मुद्दों पर हुई बात

 बुधवार रात कतर की राजधानी दोहा पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने समकक्ष शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल थानी से मुलाकात की और दोनों ने नई दिल्ली और दोहा के बीच संबंधों को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की। एक्स पर एक पोस्ट में, पीएम मोदी ने कहा, "पीएम के साथ एक अद्भुत बैठक हुई। हमारी चर्चा भारत-कतर दोस्ती को बढ़ावा देने के तरीकों के इर्द-गिर्द घूमती रही।"

विदेश मंत्रालय के मुताबिक, बैठक के दौरान दोनों नेताओं ने व्यापार, निवेश, ऊर्जा, वित्त और प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने पर विचारों का आदान-प्रदान किया। दोनों नेताओं ने पश्चिम एशिया में हालिया क्षेत्रीय विकास पर भी चर्चा की और क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया। कतर के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि, "प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान बिन जसीम अल-थानी ने बुधवार को भारत गणराज्य के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की, जो देश का दौरा कर रहे हैं।"

इसमें कहा गया है कि, "बैठक के दौरान, उन्होंने दोनों मित्र देशों के बीच सहयोग संबंधों और विशेष रूप से ऊर्जा, वाणिज्य और निवेश के क्षेत्र में उन्हें समर्थन और विकसित करने के तरीकों पर चर्चा की।" प्रधानमंत्री मोदी कतर के प्रधानमंत्री द्वारा उनके सम्मान में आयोजित रात्रिभोज में भी शामिल हुए। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि, "भारत-कतर साझेदारी को आगे बढ़ाते हुए! प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोहा में कतर के प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री महामहिम एमबीए अलथानी के साथ एक सार्थक बैठक की। व्यापार और निवेश, ऊर्जा, वित्त जैसे क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने पर चर्चा हुई।"  

अपनी यूएई यात्रा समाप्त करने के बाद बुधवार रात कतर पहुंचे पीएम मोदी का हवाई अड्डे पर कतर के विदेश राज्य मंत्री सोल्तान बिन साद अल-मुरैखी ने स्वागत किया। कतर में उनके होटल के बाहर प्रवासी भारतीयों ने पीएम मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया। पीएम मोदी के लिए भारतीय तिरंगे और उपहार लेकर आए लोगों ने "मोदी-मोदी" और "भारत माता की जय" के नारे लगाए। पीएम मोदी ने दोहा में अपने होटल के बाहर स्वागत के लिए जुटे लोगों से हाथ मिलाया. कुछ लोगों ने तो उन्हें किताबें जैसे उपहार भी दिये। लोगों ने पीएम मोदी से बातचीत करते हुए उनकी तस्वीरें भी लीं।

विशेष रूप से, यह यात्रा भारत के लिए एक बड़ी कूटनीतिक जीत के बाद हुई, जिसमें जासूसी के आरोप में कतर में मौत की सजा पाए भारतीय नौसेना के आठ दिग्गजों को दोहा ने सोमवार को रिहा कर दिया। आठ में से सात दिग्गज भारत लौट आए हैं. विदेश मंत्रालय ने कहा कि आठवें कर्मी को भी रिहा कर दिया गया है और उसकी वापसी पर काम किया जा रहा है। इससे पहले नई दिल्ली के राजनयिक हस्तक्षेप के बाद मृत्युदंड को विस्तारित जेल अवधि में बदल दिया गया था।

'T20 वर्ल्ड कप तक भारत के मुख्य कोच बने रहेंगे राहुल द्रविड़..', BCCI ने कर दिया ऐलान

राहुल द्रविड़ T20 विश्व कप तक भारत के मुख्य कोच बने रहेंगे, जबकि रोहित शर्मा इस बड़े टूर्नामेंट में टीम का नेतृत्व करेंगे, बीसीसीआई सचिव जय शाह ने पुष्टि की है। यह टूर्नामेंट इस साल जून में कैरेबियाई और संयुक्त राज्य अमेरिका में आयोजित किया जाएगा। द्रविड़ का कार्यकाल पिछले साल वनडे विश्व कप के समापन के साथ समाप्त हुआ, जिसमें भारत फाइनल में हार गया था।

BCCI ने उन्हें दिसंबर-जनवरी के दक्षिण अफ्रीका दौरे तक बने रहने के लिए कहा, लेकिन अनुबंध विस्तार की पेशकश नहीं की। शाह ने कहा कि उन्होंने द्रविड़ से बात की है और उन्हें टी20 विश्व कप तक का समय देने की पेशकश की है। जय शाह ने कहा कि, “(2023) विश्व कप के बाद, राहुल भाई को तुरंत दक्षिण अफ्रीका दौरे के लिए रवाना होना पड़ा। हमें बीच में मिलने का मौका नहीं मिला जो आखिरकार आज हुआ।'' उन्होंने पूर्व क्रिकेटर से BCCI अधिकारी बने निरंजन शाह के नाम पर सौराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम का नाम बदलने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम के मौके पर यह बात कही।

जय शाह ने कहा कि, “आप राहुल द्रविड़ जैसे वरिष्ठ व्यक्ति के अनुबंध को लेकर चिंतित क्यों हैं? राहुल भाई टी20 विश्व कप में कोच बने रहेंगे।' शाह ने यह भी कहा कि वह द्रविड़ से उनके भविष्य के बारे में और चर्चा करेंगे, उन्होंने पहले उनसे बात नहीं करने के लिए व्यस्त कार्यक्रम के कारण समय की कमी का हवाला दिया। एकदिवसीय विश्व कप के बाद, भारत ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक टी20ई श्रृंखला खेली और फिर टी20 और टेस्ट श्रृंखला के लिए दक्षिण अफ्रीका के लिए उड़ान भरी। अब वे पांच टेस्ट मैचों के लिए इंग्लैंड की मेजबानी करेंगे। शाह ने कहा कि इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) फ्रेंचाइजी को अपने केंद्रीय अनुबंधित खिलाड़ियों के लिए बीसीसीआई के कार्यभार प्रबंधन दिशानिर्देशों का पालन करना होगा। यह बोर्ड का आदेश है। उन्होंने कहा, बीसीसीआई सर्वोच्च संस्था है और वह जो भी फैसला करेगी फ्रेंचाइजी को उसका पालन करना होगा क्योंकि बोर्ड फ्रेंचाइजियों से ऊपर है।

इंटरनेशनल बॉर्डर पर पाकिस्तान ने फिर तोड़ा संघर्षविराम, BSF ने दिया मुंहतोड़ जवाब

पाकिस्तान रेंजर्स ने अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सीमा सुरक्षा बल (BSF) की चौकी पर अकारण गोलीबारी करके संघर्ष विराम समझौते का उल्लंघन किया। अधिकारियों ने कहा कि मकवाल में सीमा चौकी पर तैनात बीएसएफ जवानों ने सीमा पार से गोलीबारी का मुंहतोड़ जवाब दिया, जो शाम 5.50 बजे शुरू होकर 20 मिनट से अधिक समय तक चली। उन्होंने कहा कि भारतीय पक्ष में कोई हताहत या क्षति नहीं हुई।

इससे पहले पिछले साल, 8-9 नवंबर की मध्यरात्रि को, सांबा जिले के रामगढ़ सेक्टर में पाकिस्तान रेंजर्स की गोलीबारी में एक BSF जवान शहीद हो गया था। जो 25 फरवरी, 2021 के बाद से इस तरफ की पहली मौत थी, जब नए सिरे से दोनों देशों में युद्धविराम पर सहमति बनी थी। इससे पहले 26 अक्टूबर को जम्मू के अरनिया सेक्टर में सीमा पार से गोलीबारी में बीएसएफ के दो जवान और एक महिला घायल हो गई थी, जबकि 17 अक्टूबर को इसी तरह की घटना में एक अन्य बीएसएफ जवान घायल हो गया था।

अधिकारियों ने कहा कि वरिष्ठ अधिकारी स्थिति पर नजर रख रहे हैं और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तैनात सुरक्षाकर्मियों को हाई अलर्ट पर रहने के लिए कहा गया है। संघर्ष विराम का उल्लंघन ऐसे समय में हुआ है जब जम्मू-कश्मीर प्रशासन 20 फरवरी को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की केंद्र शासित प्रदेश की यात्रा की तैयारी कर रहा है। मोदी अपनी यात्रा के दौरान जम्मू में एक सार्वजनिक रैली को संबोधित करने वाले हैं।

2 मंजिला घर, बाइक, जमीन' होने के बावजूद 3 बच्चों संग भीख मांगती थी महिला, 45 दिन में 2.5 लाख रुपये कर लिए जमा

 मध्य प्रदेश के इंदौर से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। पुलिस ने बताया कि एक महिला ने 45 दिन चौराहे पर भीख मांगकर ढाई लाख रुपये कमाए एवं एक लाख रुपये उसने अपने सास-ससुर को भेज दिए। महिला का नाम इंदिरा है एवं वो राजस्थान के बारां की रहने वाली है। जब पुलिस को इसकी खबर हुई तो उसे पकड़ लिया। पूछताछ के चलते महिला ने बताया कि उसके पास एक जमीन, एक दो मंजिला घर, एक मोटरसाइकिल, 20 हजार रुपये का एक स्मार्टफोन है। उसने अपनी 8 वर्षीय बेटी सहित 3 नाबालिग बच्चों को भी भीख मांगने के काम में धकेल दिया है। लखपति भिखारी महिला के खिलाफ अब जेजे एक्ट की गंभीर धाराओं में केस दर्ज होगा। बाल सुधार गृह में उसकी बेटी ने बयान दिया कि मां भीख मंगवाती थी।

बता दें, इंदौर को भिखारी मुक्त बनाने के लिए कलेक्टर आशीष सिंह के निर्देश पर 5 दिन पहले संस्था प्रवेश की प्रमुख रुपाली जैन ने इंदिरा नाम की महिला को बच्ची के साथ पकड़ा गया था। पूछताछ में महिला ने कहा, भीख ही तो मांग रही हूं, चोरी नहीं कर रही हूं। इसके अतिरिक्त महिला ने बताया कि उसके मोटरसाइकिल चलानी आती है तथा उसके पास लाइसेंस भी है। उसने लाइसेंस कैसे बनवाया यह भी जांच का विषय है। 

वह अपनी कमाई का पैसा अपने पास रखती थी। पति की कमाई पति के पास तो बच्चों की कमाई बच्चों के पास रहती थी। इंदिरा पर कार्रवाई की खबर लगते ही पति अमरलाल दो बेटों के साथ राजस्थान भाग गया है। NGO की अध्यक्ष रूपाली जैन ने कहा है कि इंद्रा के परिवार की राजस्थान में जमीन और दो मंजिला मकान है। बाणगंगा थाने के सब इंस्पेक्टर ईश्वरचंद राठौड़ ने कहा कि इंद्रा बाई को CRPC की धारा 151 के तहत गिरफ़्तार कर लिया है। उसे ACP की कोर्ट में पेश किया गया तथा वहीं से न्यायिक हिरासत के तहत जेल भेज दिया गया है।

अबू धाबी की यात्रा के बाद दोहा पहुंचे पीएम मोदी, भारतीय प्रवासियों ने किया भव्य स्वागत, कतर पीएम से की मुलाकात

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संयुक्त अरब अमीरात में हिंदू मंदिर का उद्घाटन करने के बाद पीएम मोदी अब कतर पहुंचे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संयुक्त अरब अमीरात की दो दिवसीय यात्रा के बाद बुधवार को दोहा पहुंचे।एयरपोर्ट पर कतर के विदेश राज्य मंत्री सोल्तान बिन साद अल-मुरैखी ने उनका स्वागत किया। इसके बाद भारतीय समुदाय ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और जोरदार स्वागत किया।अपने समकक्ष शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल थानी से मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच भारत और कतर के संबंधों को बढ़ाने पर बात हुई। पीएम मोदी ने इस बैठक को शानदार करार दिया। प्रधानमंत्री मोदी आज ही कतर के शासक शेख तमीम बिन हमाद अल थानी से मुलाकात करेंगे और दोनों देशों के संबंधों के साथ वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करेंगे।

बैठक के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करते हुए कहा कि कतर के पीएम के साथ उनकी मुलाकात शानदार रही। पीएम मोदी ने ट्वीट करके लोगों का आभार जताया। उन्होंने कहा कि दोहा में असाधारण स्वागत! भारतीय प्रवासियों का आभारी हूं।बता दें कि वर्ष 2014 के बाद से प्रधानमंत्री के रूप में मोदी की यह दूसरी कतर यात्रा है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने ट्वीट करके जानकारी दी कि भारत-कतर साझेदारी को आगे बढ़ाते हुए पीएम मोदी ने दोहा में कतर के प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री एचएच मुहम्मद बिन अब्दुल रहमान के साथ एक सार्थक बैठक की। चर्चा में व्यापार और निवेश, ऊर्जा और वित्त जैसे क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने पर चर्चा हुई। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा, भारत कतर के साथ ऐतिहासिक और गहरे संबंधों को बढ़ावा देने का प्रयास कर रहा है। कतर के शीर्ष नेतृत्व के साथ व्यापक बातचीत की योजना है।

पीएम मोदी की कतर यात्रा बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि कतर ने जासूसी के आरोप में करीब 18 महीने से जेल में बंद आठ पूर्व नौसेना अधिकारियों को हाल ही में रिहा किया है, जो भारत के लिए एक बड़ी कूटनीतिक जीत है। अगस्त 2022 मे कतर की खुफिया एजेंसी ने कथित जासूसी मामले में दोहा में आठ भारतीय नागरिकों को गिरफ्तार किया था, जो एक निजी कंपनी के साथ काम करते थे। कतरी अधिकारियों ने उन पर पनडुब्बी पर जासूसी करने का आरोप लगाया और उन्हें जेल भेज दिया। इस मामले में उनको मौत की सजा सुनाई गई थी। नवंबर 2023 में भारत सरकार ने कतर की एक उच्च अदालत में मौत की सजा के खिलाफ अपील दायर की। वहीं कूटनीतिक तौर पर भी प्रयास किए। इसके बाद कतर की एक अदालत ने आठ नौसेना दिग्गजों की मौत की सजा को पलट दिया। अदालत ने मौत की सजा को घटाकर जेल की सजा में बदल दिया। इसके बाद इनकी भारत वापसी संभव हो सकी।