सस्टेनेबल जस्ट ट्रांज़िशन फॉर फ्यूचर रेडी झारखंड' दो दिवसीय इंटरनेशनल कांफ्रेंस की हुई शुरूआत
राजधानी रांची के होटल रेडिशन ब्लू में आज दो दिवसीय इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस की शुरुआत की गई। 'सस्टेनेबल जस्ट ट्रांज़िशन फॉर फ्यूचर रेडी झारखंड' नाम का यह दो दिवसीय इंटरनेशनल कांफ्रेंस का आयोजन रांची में किया जा रहा है।
झारखंड जैसे राज्य में कार्बन उत्सर्जन को कम कर जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से बचने के लिए एक वृहद कार्य योजना बनाई जा रही है। झारखंड देश का पहला राज्य है जहां पर्यावरण को बचाने के लिए सस्टेनेबल जस्ट ट्रांजिशन पर इतनी गंभीरता से प्रयास किया जा रहा है।
जस्ट ट्रांजिशन को लेकर भविष्य की कार्य योजना बनाने में गंभीरता दिखा रहा झारखंड के लिए यह कॉन्फ्रेंस अहम माना जा रहा है। दो दिनों तक विशेषज्ञों की ओर से आठ विषयों पर चर्चा की जाएगी। इसमें लाइवलीहुड, कोल ट्रांजिशन, क्लाइमेट फाइनांस, रिवोल्यूशनरी ट्रांसपोर्ट जैसे विषय शामिल हैं।
इस मौके पर राज्य के मुख्य सचिव एल ख्यांगते ने कहा कि क्लाइमेट चेंज की वजह से धरती प्रभावित हो रही है। इस दिशा में वर्ष 2022में सरकार की ओर से एक टास्क फोर्स का गठन किया गया था।
राजधानी रांची के होटल रेडिशन ब्लू में इस इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस में देश-विदेश के कई डेलीगेट्स के साथ विशेषज्ञ भी शामिल हुए और विषय पर अपनी राय रखेंगे।
साथ ही इस कांफ्रेंस में विश्व के तीस देशों की प्रसिद्ध संस्थाओं, इंडस्ट्री लीडर्स, एनर्जी एवं सस्टनेबिलिटी एक्सपर्ट्स, और सिविल सोसाइटी संगठनों की भागीदारी है। झारखंड देश का पहला ऐसा राज्य है जहां इस गंभीर विषय पर टास्क फोर्स बनाया गया और इस तरह का आयोजन किया जा रहा है।
इस सेमिनार में क्लाइमेट चेंज विषय पर विचार विमर्श की जा रही है। इस अंतरराष्ट्रीय सेमिनार में देश के कई राज्यों, विशेष रूप से उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र, बिहार, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, ओडिशा के प्रतिनिधियो ने हिस्सा लिया।
गौरतलब है कि जिन जिलों में मीनिंग का कार्य होता है वहां कार्बन उत्सर्जन और पर्यावरण प्रदूषण चरम पर है। विशेषज्ञों का मानना है कि इन जिलों में यही स्थिति बनी रही तो भविष्य में ना केवल खेतीयोग्य उपजाऊ जमीन बंजर हो जाएगी, बल्कि नदी-नाले का स्वरूप भी बदल जाएगा।
इसके अलावे वर्षापात की अनियमितता और मौसम में बदलाव देखने को मिलेंगे। ऐसे में समय रहते यदि इस पर प्रयास शुरू हो जाएं तो हम भविष्य को सुरक्षित कर सकते हैं।
Feb 15 2024, 12:20