*जब पिता का शव कंधे पर लेकर युवक पहुंचा थाने, मामला दर्ज करने को बरगलाती रही अलीनगर पुलिस, अमानवीय कृत्य आया सामने*
चंदौली/अलीनगर : जनपद चंदौली की अलीनगर पुलिस ने एक बार फिर खाकी महकमें की छवि धूलधूसरित कर अमानवीय कृत्य को अंजाम दिया है। बता दें कि जहां शासन द्वारा थाना पर पहुंचे फरियादियों की समस्याओं का तत्काल निस्तारण और कार्रवाई अमल में लाने के निर्देश पुलिस महकमें जारी किए हैं। वहीं जनपद की पुलिस ने सारे आदेशों को दरकिनार कर पीड़ित का मामला दर्ज करने में आनाकानी करती रही और हादसे में घायल वेल्डिंग मिस्त्री की आखिरकार मौत हो गई।
विदित हो कि कुछ दिनों पूर्व टैंकर वेल्डिंग का कार्य करते समय ब्लास्ट होने से वेल्डिंग मिस्त्री और हेल्पर गंभीर रूप से झुलस गए थे। भुक्तभोगी के परिजनों द्वारा दोषियों के खिलाफ मामला दर्ज कराने को अलीनगर थाना का लगातार चक्कर लगाना जारी रहा, लेकिन अलीनगर थाना पुलिस उसे टरकाती रही। जबकि गैंगस्टर एक्ट के अपराधियों पर सख्त कार्रवाई के लिए प्रशस्ति पत्र से सम्मानित थाना प्रभारी द्वारा पीड़ित पुत्र की व्यथा तक अनसुनी कर दी गई। आखिरकार जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे वेल्डिंग मिस्त्री की वाराणसी के निजी अस्पताल में मौत हो गई। पुलिस के इस अमानवीय कृत्य से आक्रोशित बड़ी संख्या में परिजनों और ग्रामीणों द्वारा शव लेकर जब थाने पर पहुंचा गया तो कुंभकर्णी नींद में सोई अलीनगर पुलिस की मानवता जागी और मामला दर्ज किया गया।
इस दौरान अलीनगर थाना क्षेत्र के नई बस्ती निवासी विश्वजीत चौहान ने आरोप लगाते हुए बताया कि उसके पिता रमेश चौहान एक वेल्डिंग मिस्त्री थे, अलीनगर क्षेत्र के आलमपुर में उनकी दुकान थी। 25 जनवरी को टैंकर मालिक दुकान पर पहुंचकर टैंकर की टंकी वेल्डिंग करने की बात बताई तो पिता जी ने टैंकर मालिक से पहले टैंकर के टंकी की अच्छे से साफ सफाई कराने की बात कही। अगले दिन दुकान पर पहुंचे टैंकर मालिक ने टैंकर की सफाई हो जाने की बात बताई। इस तरह झूठ बोलकर और दबाव बनाकर पिता से वेल्डिंग का कार्य आरंभ कराया। बताया कि पिता और हेल्पर भरत चौहान द्वारा वेल्डिंग का कार्य किया जाने लगा, लेकिन जैसे ही कार्य आरंभ हुआ टैंकर तेज ब्लास्ट के साथ फट गया। इस हादसे में दोनों लोग गंभीर रूप से झुलस गए।
आनन - फानन में रमेश चौहान को वाराणसी के निजी अस्पताल और हेल्पर को मुगलसराय के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस बीच दोषियों के खिलाफ मामला दर्ज कराने को पुत्र विश्वजीत चौहान द्वारा थाने के चक्कर पर चक्कर लगाया जाता रहा। लेकिन पुलिस की आनाकानी जारी रही। चार फरवरी की रात इलाज के दौरान रमेश की मौत हो गई। इस पीड़ा से नाराज परिजन और ग्रामीण शव के साथ अलीनगर थाना पहुंच दबाव बनाया तब जाकर पुलिस की बुझी मानवता जागी और मामला दर्ज हुआ। अब सवाल उठना तो लाजिमी है की आखिर क्राइम कंट्रोल में अग्रणी रहने वाली यूपी पुलिस के इस थाने पर आखिर फरियादी को मामला दर्ज कराने के लिए क्यों चक्कर काटना पड़ा। वैसे भी लोगों के बीच अलीनगर पुलिस के अमानवीय कृत्य की जमकर चर्चा हो रही है।
Feb 06 2024, 18:42