अब तक झारखंड में 11 बार हुआ फ्लोर टेस्ट, बहुमत साबित करने में तीन बार नाकाम रही सरकार
रांची : मुख्यमंत्री चंपई सोरेन पांच फरवरी को झारखंड विधानसभा में अपनी सरकार का बहुत साबित करने के लिए विश्वास प्रस्ताव लाएंगे। इसके लिए दो दिनों का विशेष सत्र बुलाया गया है।अदालत ने झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पांच फरवरी को राज्य विधानसभा में विश्वास मत में भाग लेने की अनुमति दे दी है।
झारखंड की राजनीतिक का इतिहास कुछ ऐसा रहा है कि 23 साल के दौर में यहां जनता ने 11 मुख्यमंत्री देख लिए और तीन बार राष्ट्रपति शासन देखा है।सत्ता परिवर्तन से जूझ रहे झारखंड को जल्द ही अपना 12वां मुख्यमंत्री मिलेगा।झारखंड में अबतक के फ्लोर टेस्ट की बात करें तो यहां अब तक विधानसभा में 11 बार तत्कालीन सरकारों द्वारा बहुत साबित करने के लिए विश्वास प्रस्ताव लाया जा चुका है। इनमें आठ बार सरकारों ने अपना बहुमत साबित किया।
झारखंड में सबसे पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने अपनी सरकार के बहुमत साबित करने के लिए 23 नवंबर 2000 को विश्वास प्रस्ताव लाया था, जिसमें उन्होंने बहुमत साबित किया था। हेमंत सोरेन की बात करे तो उन्होंने सदन में तीन बार विश्वास प्रस्ताव लाया था। सबसे पहले तत्कालीन उपमुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने विधानसभा में 14 सितंबर 2010 को सरकार का बहुमत साबित करने के लिए विश्वास प्रस्ताव लाया था। अंतिम बार हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री के रूप में पांच सितंबर 2022 को सरकार का बहुमत साबित करने के लिए विश्वास प्रस्ताव लाया जो स्वीकृत हुआ। इसमें हेमंत सोरेन ने 48 मतों के साथ बहुमत साबित किया।
Feb 04 2024, 12:56