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अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के अल्पसंख्यक दर्जे पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला सुरक्षित, जानें क्या है मामला

#supreme_court_reserves_verdict_on_minority_status_of_amu 

भारत के चीफ़ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में सुप्रीम कोर्ट की सात जजों की बेंच अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के अल्पसंख्यक दर्जे को लेकर 57 साल पुराने विवाद मामले की सुनवाई कर रही है। सुप्रीम कोर्ट की सात जजों की बेंच ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के अल्पसंख्यक दर्जे पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। बेंच इस मामले में बीते आठ दिनों से लगातार सुनवाई कर रही थी। इस दौरान अदालत ने सभी पक्षों की दलीलें विस्तार से सुनीं।जल्दी ही इस मामले पर कोर्ट अपना फैसला सुनाएगी। बेंच में जस्टिस संजीव खन्ना, सूर्यकांत, जे बी पारदीवाला, दीपांकर दत्ता, मनोज मिश्रा और सतीश चंद्र शर्मा भी शामिल हैं। 

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) को अल्पसंख्यक दर्जा देने के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को तमाम दलीलें सुनीं। सुनवाई के दौरान कोर्ट में केंद्र सरकार ने कहा कि किसी भी राष्ट्रीय महत्व के संस्थान को राष्ट्र के ढांचे को प्रतिबिंबित करना चाहिए। एएमयू में 70 से 80 फीसदी मुस्लिम छात्र पढ़ रहे हैं और वे आरक्षण के बगैर वहां पढ़ रहे हैं। मेहता ने कहा, 'मैं धर्म के नजरिए से बात नहीं कर रहा हूं। यह बहुत ही गंभीर मामला है। संविधान में जिस संस्थान को राष्ट्रीय महत्व का घोषित किया गया है, उसे राष्ट्रीय ढांचे को प्रतिबिंबित करना चाहिए। प्रवेश में आरक्षण के बिना यह स्थिति है।' मेहता ने कहा है कि एक अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थान को केंद्रीय शिक्षण संस्थान (प्रवेश में आरक्षण) अधिनियम, 2006 (2012 में संशोधित) की धारा 3 के तहत आरक्षण नीति लागू करने की आवश्यकता नहीं है। इस पर अदालत ने कहा कि किसी अल्पसंख्यक संस्थान के राष्ट्रीय महत्व का संस्थान होने में कुछ गलत नहीं है।

बता दें कि मुसलमानों में शिक्षा की कमी को देखते हुए सुधारवादी नेता सर सैय्यद अहमद ख़ान ने 1877 में मोहम्मडन एंग्लो-ओरिएंटल कॉलेज (एमएओ कॉलेज) की स्थापना की थी। एमएओ कॉलेज और मुस्लिम यूनिवर्सिटी एसोसिएशन को एएमयू में लाने के लिए द अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी एक्ट 1920 (एएमयू एक्ट) पास किया गया। 1951 में एएमयू एक्ट में संशोधन किया गया और इसमें मुसलमानों के लिए धार्मिक शिक्षा को बाध्यकारी बनाने और यूनिवर्सिटी कोर्ट में मुसलमानों के प्रतिनिधित्व के मैन्डेट को हटा दिया गया। इस एक्ट में 1965 में एक बार फिर संशोधन किया गया और कोर्ट की शक्तियों को कार्यपालिका के साथ साथ दूसरे निकायों के बीच बाँट दिया गया, जिसमें गवर्निंग बॉडी के लिए सदस्यों के नामांकन की ज़िम्मेदारी राष्ट्रपति को दी गई।

इस विवाद की शुरुआत 1967 में हुई जब सुप्रीम कोर्ट ने एस अज़ीज़ बाशा बनाम भारत सरकार मामले में एएमयू एक्ट में 1951 और 1965 में हुए संशोधन की समीक्षा की। याचिकाकर्ताओं का कहना था कि चूंकि एएमयू की स्थापना मुसलमानों ने की है इसके कामकाज के संचालन का हक़ उनके पास होना चाहिए। लेकिन सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच ने संविधान में किए गए संशोधनों को बरकरार रखा। बेंच ने कहा कि न तो अल्पसंख्यक मुसलमानों ने इसकी स्थापना की है और न ही वो इसका प्रबंधन करते हैं। कोर्ट ने कहा कि इस एक्ट को केंद्रीय क़ानून के ज़रिए लागू किया गया था। कोर्ट के इस फ़ैसले को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए, जिसके बाद 1981 में एएमयू एक्ट में एक और संशोधन किया गया, इसमें इसके अल्पसंख्यक दर्जे पर मुहर लगाई गई।

साल 2005 में एएमयू ने स्नातकोत्तर मेडिकल सीटों में से 50 फ़ीसदी को मुसलमान छात्रों के लिए रिज़र्व किया। इसी साल डॉक्टर नरेश अग्रवाल बनाम भारत सरकार मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने रिज़र्वेशन पॉलिसी को रद्द कर दिया और कहा कि 1981 का संशोधन अधिकार क्षेत्र से बाहर था। इसके बाद 2006 में भारत सरकार और यूनिवर्सिटी दोनों ने ही सुप्रीम कोर्ट में अपील की। 

फिर भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने 2016 में सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वह पूर्ववर्ती यूपीए सरकार द्वारा दायर अपील वापस ले लेगी। इसने बाशा मामले में सुप्रीम कोर्ट के 1967 के फैसले का हवाला देते हुए दावा किया था कि एएमयू अल्पसंख्यक संस्थान नहीं है क्योंकि यह सरकार द्वारा वित्त पोषित एक सेंट्रलल यूनिवर्सिटी है।

व्यासजी के तहखाने में पूजा के फैसले पर भड़के ओवैसी, बोले- पूजा स्थल अधिनियम का उल्लंघन, 6 दिसंबर हो सकता है दोबारा

#asaduddin_owaisi_angry_on_varanasi_court_order_on_gyanvapi_case

वाराणसी प्रशासन ने जिला अदालत के निर्देशों का पालन करते हुए गुरुवार, 1 फरवरी की सुबह ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के दक्षिणी हिस्से में 'व्यास जी का तहखाना' में पूजा की अनुमति दे दी। यह कार्रवाई हाल ही में एक अदालत के आदेश के बाद हुई है, जिसमें ऐतिहासिक स्थल पर धार्मिक अनुष्ठान करने के अधिकार को बरकरार रखा गया है। कोर्ट के फैसले के बाद, 30 साल बाद एक पुजारी ने सुबह करीब 3 बजे पूजा की, उसके बाद आरती हुई।वाराणसी कोर्ट के इस फैसले से एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी खुश नहीं हैं। उन्होंने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि जो कोर्ट ने फैसला लिया उससे पूरे मामले को तय कर लिया गया है। यह सरासर गलत फैसला है। 6 दिसंबर इस देश में दोबारा हो सकता है।

एआईएमआईएम चीफ असदु्द्दीन ओवैसी ने कहा कि वाराणसी कोर्ट के जज ने जो फैसला दिया उसने 1992 के पूजा स्थल अधिनियम का उल्लंघन कर रहे हैं। ओवैसी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि आज जज साहब का आखिरी दिन था। दूसरी बात यह कि उन्होंने 17 जनवरी को डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट को रिसीवर अपॉइंट किया था। तीसरी बात यह कि जज ने जो फैसला लिया, इससे उन्होंने पूरे केस को ही तय कर दिया। उन्होंने आगे कहा, 1993 के बाद से आप खुद कह रहे हैं कि वहां, कुछ नहीं हो रहा था। अब आपने जो हिंदू पक्ष को मस्जिद के तहखाने को दे रहे हैं। इससे आपने पूरे केस पर फैसला दे दिया। अपील के लिए 30 दिन का वक्त देना था।

वहीं, ओवैसी ने मोदी सरकार पर बोलेते हुए कहा कि जबतक यह सरकार अपनी चुप्पी नहीं तोड़ेंगे, पूजा स्थसल अधिनियम पर कायम नहीं रहेंगे तब तक यह चलता रहेगा। ओवैसी ने आगे कहा कि 6 दिसंबर इस देश में दोबारा हो सकता है।जब राम मंदिर मामले में फैसला आया था, हमने उसी वक्त कहा था कि आस्था की बुनियाद पर फैसला दिया गया है। अब आगे भी यह मामले चलते रहेंगे।

बता दें कि वाराणसी कोर्ट ने बुधवार को ज्ञानवापी मस्जिद पर अहम फैसला देतेल हुए हिंदू पक्ष को व्यासजी तहखाने में पूजा का अधिकार दे दिया है। इसकी मांग हिंदू पक्ष काफी दिनों से कर रहा था। कोर्ट ने कहा कि हिंदू पक्ष व्यास जी तहखाने में नियमित पूजा कर सकते हैं। हिंदू पक्ष की ओर से लड़ रहे वकील ने कहा कि यह हमारी सबसे बड़ी जीत है। हालांकि मुस्लिम पक्ष ने इस फैसले को मानने से इनकार कर दिया है। बता दें कि 1992 तक व्यास जी तहखाने में पूजा रोजाना होती थी। 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद व्यास जी तहखाने में नियमित पूजा को बंद करने का आदेश दिया गया था। इसके बाद यहां पर सालाना माता श्रृंगार गौरी की पूजा हो रही थी।

मालदीव के साथ तनाव के बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर की बड़ी सलाह, बोले-भारतीय छुट्टी मनाने श्रीलंका जाएं

#s_jaishankar_statement_to_visit_sri_lanka

भारत और मालदीव के बीच इन दिनों रिश्ते तल्ख हो गए हैं। मालदीव की एक मंत्री के भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर दिए गए बयान के बाद दोनों देशों के बीच तनाव है। पीएम मोदी के लक्षद्वीप दौरे के बाद उनकी शेयर की गईं तस्वीरों पर मालदीव की मंत्री मरियम शिउना ने आपत्तिजनक टिप्पणियां की थीं। पीएम मोदी पर मालदीव की मंत्री की टिप्पणी के बाद लक्षद्वीप की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल होने लगी थीं। कई चर्चित हस्तियों ने तो यहां तक कह दिया था कि लोगों को मालदीव की जगह अपने देश में मौजूद लक्षद्वीप की सुंदरता को जाकर देखना चाहिए। इस विवाद के बाद मालदीव के पर्यटन का काफी झटका लगा है।भारतीयों ने मालदीव घूमने का प्लान कैंसल करना शुरू कर दिया। मालदीव के साथ चल रहे व‍िवाद के बीच भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बड़ा दिया है। जयशंकर ने भारतीय नागरिकों से अनुरोध किया है कि वे अपनी अगली छुट्टी मनाने श्रीलंका जाएं। 

जयशंकर ने आईआईएम मुंबई के एक कार्यक्रम में कहा कि श्रीलंका पिछले दिनों गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहा था और भारत ने खुलकर मदद की थी। भारत ने श्रीलंका को 4 अरब डॉलर से ज्‍यादा की आर्थिक सहायता की। उन्‍होंने भारतीयों से अपील की कि वे अपनी अगली छुट्टी मनाने श्रीलंका जाएं ताकि उनकी मदद हो सके। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने ये भी कहा कि अगली बार जब आप छुट्टी पर जाना चाहें तो श्रीलंका जाएं और वहां जब आप स्थानीय लोगों से भारत के बारे में पूछेंगे तो जवाब सुनकर आपको गर्व होगा। एस जयशंकर का डेढ़ मिनट का यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

विदेश मंत्री के बयान पर खुश हुआ श्रीलंका

जयशंकर के इस बयान की श्रीलंका में जमकर तारीफ हो रही है। कई नेताओं और चर्चित हस्तियों ने ट्वीट करके इसकी जमकर तारीफ की है।श्रीलंकाई राजनीतिक नेताओं ने श्रीलंकाई पर्यटन को बढ़ावा देने और लोगों से अपनी अगली छुट्टियों में द्वीप देश की यात्रा करने की अपील करने के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर की प्रशंसा की है।

मालदीव के लिए कड़ा संदेश

एक तरफ जहां श्रीलंका के लिए ये खुश होने वाली बात हैं, वहीं इसे मालदीव के लिए भी कड़ा संदेश माना जा रहा है। जहां भारतीय पर्यटकों की तादाद कम हो रही है। भारतीय मंत्री की यह टिप्पणी भारत और मालदीव के बीच हालिया राजनयिक विवाद के बाद आई है, जिसका असर पर्यटन क्षेत्र पर पड़ रहा है। मालदीव सरकार के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक पिछले तीन हफ्ते में देश की टूरिज्म रैंकिंग में भारत पांचवें स्थान पर चला गया है। पिछले लगातार तीन साल मालदीव जाने वाले पर्यटकों में भारतीयों की संख्या सबसे ज्यादा थी।

बजट पर बोले पीएम मोदी-यह देश के भविष्य के निर्माण का बजट, 2047 तक विकसित भारत की गारंटी

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी बजट पेश किया। निर्मला सीतारमण ने लगातार छठी बार बजट पेश किया।बजट पेश होने के बाद पीएम मोदी ने देश को संबोधित किया है। पीएम मोदी ने अपनी सरकार के अंतरिम बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए, इसे देश के भविष्य के निर्माण का बजट बताया। उन्होंने कहा कि बजट में 2047 तक विकसित भारत की गारंटी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और उनकी टीम को इसके लिए बधाई।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया कि बजट विकसित भारत के चार स्तंभों (युवा, गरीब, महिला और किसान) को ताकत देगा। यह देश के भविष्य के निर्माण का बजट है। यह 2047 के विकतिस भारत की नींव को मजबूत करने की गारंटी है। यह बजट युवा भारत की युवा आकांक्षाओं का प्रतिबिंब है। हमने दो महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। रिसर्च और इनोवेशन पर एक लाख करोड़ रुपए का फंड रखा गया है। बजट में स्टार्ट-अप्स को मिलने वाली टैक्स छूट का विस्तार किया गया है। कैपिटल एक्सपेंडिचर को ऐतिहासिक ऊंचाई दी गई है।

एक लक्ष्य पाने के बाद उससे भी बड़ा लक्ष्य तय करते हैं-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि हम एक बड़ा लक्ष्य तय करते हैं, उसे प्राप्त करते हैं और फिर उससे भी बड़ा लक्ष्य अपने लिए तय करते हैं। गांवों और शहरों में गरीबों के लिए हमने 4 करोड़ से अधिक घर बनाए और अब हमने 2 करोड़ और घर बनाने का लक्ष्य रखा है। हमने 2 करोड़ लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य रखा था, अब इसे बढ़ाकर 3 करोड़ कर दिया है। मैं निर्मला जी और उनकी पूरी टीम को बधाई देता हूं।

बजट में आय के नए अवसर बनाने पर जोर-पीएम मोदी

पीएम मोदी के मुताबिक, गरीब और मध्यम वर्ग को सशक्त करने और उनके लिए आय के नए अवसर बनाने पर जोर दिया गया है। बजट में किसानों के लिए बड़े निर्णय लिए गए हैं और किसानों की आय बढ़ाने और खर्च कम करने के उपाय किए गए हैं।

मणिशंकर अय्यर की बेटी ने राम मंदिर के विरोध में रखा था व्रत, अब सोसाइटी ने थमाया नोटिस, कहा-माफी मांगे या घर खाली करें

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पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर की बेटी सुरन्या अय्यर ने अयोध्या के श्रीराम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट किया थी। 19 जनवरी को की गई इस पोस्ट में सुरन्या ने श्रीराम मंदिर कार्यक्रम के वक़्त तीन दिन का उपवास रखने की बात भी कही थी। राम मंदिर के खिलाफ में बयानबाजी करना और अनशन रखना कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर की बेटी को महंगा पड़ता दिख रहा है। दरअसल, दिल्ली के जंगपुरा की जिस सोसाइटी में मणिशंकर अय्यर का घर है, अब अब वहाँ की रेजिडेंट वेल्फेयर एसोसिएशन यानी आरडब्ल्यूए इस बात से ख़फ़ा हो गया। आरडब्ल्यूए ने अय्यर और उनकी बेटी को नोटिस थमा दिया है। जिसमें उनसे माफ़ी मांगने या फिर सोसाइटी छोड़ देने के लिए कहा है।

आरडब्ल्यूए के सदस्यों ने एक नोटिस में दोनों से गुहार की है कि वो ऐसे काम न करें जिससे लोगों की शांति भंग हो या उनके धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचे। आरडब्ल्यूए ने अपने नोटिस में कहा कि हम आपके ऐसे बयानों की कदर नहीं करते, जो मोहल्ले की शांति भंग कर सकते हैं या यहां रहने वालों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचा सकते हैं। आगे लिखा गया कि अगर आपको लगता है कि अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन का विरोध करना जायज है, तो हम यह सुझाव देंगे कि आप कृपया ऐसी कॉलोनी में चले जाएं जहां लोग ऐसी नफरत के प्रति आंखें मूंद लेते हैं। लोगों ने दरख्वास्त की है कि दोनों इस घर को छोड़कर कहीं और चले जाएं। 

आरडब्ल्यूए ने सुरन्या अय्यर के पोस्ट का हवाला देते हुए कहा, 'सुश्री अय्यर ने सोशल मीडिया के माध्यम से जो कहा वह एक शिक्षित व्यक्ति के लिए अशोभनीय था, जिसे यह समझना चाहिए था कि राम मंदिर 500 वर्षों के बाद बनाया जा रहा था और वह भी सुप्रीम कोर्ट के 5-0 फैसले के बाद।' इसमें कहा गया, 'आप अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की आड़ ले सकते हैं, लेकिन कृपया याद रखें कि भारत के सर्वोच्च न्यायालय के अनुसार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता निरपेक्ष नहीं हो सकती है।

सोसाइटी की नोटिस पर सुरन्या का बयान

सोसाइटी के एक्शन पर सुरन्या फेसबुक पर अपना बयान जारी किया है और कहा, ‘यह बयान मेरे फास्ट के बारे में एक टेलीविजन कहानी के संबंध में है। सबसे पहले संबंधित रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) जिस कॉलोनी से है, वहां मैं रहती ही नहीं हूं। दूसरा, मैंने फिलहाल मीडिया से बात न करने का फैसला किया है, क्योंकि अभी भारत में मीडिया केवल जहर और भ्रम फैला रहा है। आप सब मुझे जानते हैं। मैंने भारत में अब तक अपनी सारी ज़िंदगी (लगभग 50 वर्ष) के दौरान सभी राजनीतिक दृष्टिकोण के लोगों के साथ बड़ी हुई हूं, पढ़ी हूं, काम किया है और ऐक्टिविज़म किया है। फिलहाल मैं अपनी बातें अपने फेसबुक और यू-ट्यूब पेजों पर ही छोड़ूंगी ताकि आप स्वयं, शांति से, इसके बारे में सोच सकें। मैं मीडिया सर्कस से बचने की कोशिश कर रही हूं, क्योंकि मेरा मानना है कि भारत में हमें एक बेहतर प्रकार के सार्वजनिक संवाद की आवश्यकता है। आइए हम गाली-गलौच के बजाय, कुछ सोचने का प्रयास करें. जय हिन्द!’ 

क्या है पूरा मामला?

दरअसल, सुरन्या अय्यर ने मंदिर के अभिषेक के विरोध में 20 से 23 जनवरी तक तीन दिवसीय उपवास किया, मुसलमानों के साथ एकजुटता व्यक्त की और हिंदू धर्म और राष्ट्रवाद के नाम पर किए गए कृत्यों की निंदा की थी। सुरन्या ने 19 जनवरी को फ़ेसबुक पर वीडियो पोस्ट कर कहा था, ''अयोध्या में होने वाले कार्यक्रम से पहले दिल्ली का माहौल, जो पहले से ही प्रदूषित है, अब आध्यात्मिक रूप से ज़हरीला, हिंदू अंधराष्ट्रवाद, द्वेष, बदमाशी के साथ और ज़्यादा दूषित हुआ है। एक भारतीय और हिंदू होने के नाते मैं बहुत व्यथित हूँ। काफ़ी सोचने के बाद मैंने फ़ैसला किया है कि मैं 20 से 23 जनवरी तक अयोध्या में कार्यक्रम ख़त्म होने तक उपवास पर रहूंगी।'' सुरन्या ने कहा था, ''मैं ये उपवास सबसे पहले और महत्वपूर्ण रूप से भारत के अपने साथी मुसलमान नागरिकों के प्रति अपने प्यार और दुख के इज़हार के रूप में कर रही हूँ। मैं इस पल में ज़ोर शोर से ये कहे बिना नहीं रह सकती हूं कि मुसलमान भाइयों और बहनों, मुझे आपसे प्रेम है और हिंदुत्व और राष्ट्रवाद के नाम पर जो अयोध्या में हो रहा है, मैं उसकी निंदा और ख़ारिज करती हूँ।''

Budget 2024 Live: 40 हजार रेलवे डिब्बों को वंदे भारत में बदला जाएगा

नई संसद में आज आम चुनाव से पहले मोदी सरकार 2.0 का आखिरी बजट पेश किया जा रहा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपने कार्यकाल का छठा बजट पेश कर रही है। ये अंतरिम बजट है, लेकिन आम आदमी को इस मिनी बजट में भी सरकार की ओर से कई बड़े ऐलान होने की उम्मीद है। इस बजट में अर्थव्यवस्था, किसानों, महिलाओं और युवाओं को बड़ा तोहफा मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। इससे एक दिन पहले यानी 31 जनवरी 2024 को संसद में राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू का अभिभाषण हुआ था और उन्होंने मोदी सरकार की उपलब्धियों को गिनाया था। 

बजट में वित्त मंत्री ने क्या क्या ऐलान किए

40 हजार रेलवे डिब्बों को वंदे भारत में बदला जाएगा

3 करोड़ लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य- मत्स्य संपदा योजना से 55 लाख को नया रोजगार मिला। 5 इंटीग्रेटेड एक्वापार्क स्थापित किए जाएंगे। करीब 1 करोड़ महिलाएं लखपति दीदी बनीं। अब 3 करोड़ लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बड़ा ऐलान- अगले 5 साल में बनाए जाएंगे 2 करोड़ घर

वित्त मंत्री ने कहा- 80 करोड़ लोगों की भूख की चिंता को हमारी

बजट भाषण में वित्त मंत्री ने कहा- 'गरीब, महिलाएं, युवा और अन्नदाता की आकांक्षाएं अहम'

- स्किल इंडिया मिशन में 1.4 करोड़ युवाओं को ट्रेंड किया गया। 3000 नए आईटीआई बनाए गए।

हम सबका साथ, सबका विकास के पथ पर आगे बढ़ रहे हैं। हमारा काम में सेक्युलिज्म रखने पर जोर है। हमारा गरीब को एम्पॉवर्ड करने पर जोर है।

- बीते सालो में सरकार 25 करोड़ लोगों की गरीबी दूर करने में कामयाब रही है। हमारी सरकार का उद्देश्य सामाजिक न्याय कायम करना है। सरकार सर्वांगीण और सर्वसमावेशी विकास के लिए काम कर रही है।

- पीएम मुद्रा योजना के तहत 22.5 लाख करोड़ मूल्य के 43 करोड़ लोन मंजूर किए गए। महिला उद्यमियों को 30 करोड़ मुद्रा योजना ऋण दिए गए। 11.8 करोड़ किसानों को वित्तीय सहायता दी गई।

- सरकार ने 20 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला। गरीब कल्याण योजना में ₹ 34 लाख करोड़ खातों में भेजे।

वित्त मंत्री ने टैक्सपेयर्स को नहीं दी कोई राहत, इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं

#budget_2024_fm_nirmala_sitharaman_speech

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश के आम टैक्सपेयर्स को कोई राहत नहीं दी है और टैक्स स्लैब और टैक्स रिजीम में कोई बदलाव नहीं किया है। इसका अर्थ है कि आप जिस रेट पर टैक्स दे रहे हैं, उसी दर पर आपको इनकम टैक्स देना होगा। वित्त मंत्री ने परंपरा का हवाला देते हुए टैक्स से जुड़ा कोई ऐलान करने से परहेज किया। इनकम टैक्स समेत किसी भी तरह के डायरेक्ट और इनडायरेक्ट टैक्स और उनके स्लैब में किसी भी तरह का कोई बदलाव नहीं किया गया है।

आयुष्मान की सविधा सभी आशा और आंगनवाड़ी को, सर्वाइकल कैंसर के लिए टीका अभियान चलाया जाएगा : वित्त मंत्री

केंद्रीय बजट अपडेट

नैनो यूरिया के बाद अब नैनो डीएपी पर फोकस किया जाएगा

तेलहन फसल को बढ़ावा दिया जाएगा

दुग्ध उत्पादन में भारत विषय मे सर्वाधिक दुग्ध उत्पादक देश है इसे बढ़ावा दिया जाएगा

रोजगार के लिए 55 लाख सृजन किया जाएगा

बजट 2024: वित्त मंत्री के बड़े ऐलान

- एनर्जी, मिनरल और सीमेंट के लिए 3 रेल कॉरिडोर बनाएंगे

- उड़ान स्कीम के तहत 517 नए रुट्स पर नए विमान उड़ेंगे

- 2030 तक कोल गैसीफिकेशन की क्षमता 100 टन होगी

बजट भाषण में बोलीं वित्त मंत्री 

"देश की इकोनॉमी सही दिशा में है" 

"पारदर्शी शासन पर हमारी सरकार का फोकस है"

प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अगले 5 साल में ग्रामीण इलाकों में दो करोड़ और घर बनाए जाएंगे

बजट 2024 की मुख्य बातें-

· कॉन्फ्रेंस टूरिज्म को बढ़ावा देने पर भी रहेगा जोर

· ई व्हेकिल सिस्टम को बढ़ाने पर जोर

· देश ने 1000 नए एयरक्राफ्ट का ऑर्डर दिया

· 40 हजार समान्य रेलवे बॉगी को वंदे भारत की बॉगी में बदला जाएगा

वित्त मंत्री सीतारमण ने बजट भाषण के दौरान गिनाईं सरकार की उपलब्धियां, बोली-लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करेगी आर्थिक नीति

#budget2024fmnirmalasitharaman_speech

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में अंतरिम बजट पेश कर रही हैं।सीतारमण ने अपने अंतरिम बजट भाषण में कहा, 'हमारी सरकार ने नागरिक प्रथम और न्यूनतम सरकार अधिकतम शासन दृष्टिकोण के साथ जवाबदेह, जन केंद्रित और विश्वास आधारित प्रशासन प्रदान किया है। अमृतकाल के लिए सरकार ऐसी आर्थिक नीतियों को अपनाएं जो टिकाऊ विकास, सभी के लिए अवसरों, क्षमता विकास पर केंद्रित रहेंगी। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ऐसी आर्थिक नीति अपनाएगी जो लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करेगी और जिससे समावेशी विकास होगा। आर्थिक नीतियों को प्रभावकारी रूप से लागू करने के लिए राज्यों के साथ मिलकर काम किया जायेगा। 

जनधन खातों में पैसा डालने से 2.7 लाख करोड़ रुपये की बचत- वित्त मंत्री

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि जनधन खातों में पैसा डालने से 2.7 लाख करोड़ रुपये की बचत हुई है और सरकार का आर्थिक प्रबंधन इस उच्च स्तर का है जिससे देश को नई दिशा और नई उम्मीद मिली है। देश की आर्थिक प्रगति में देश के सभी राज्य और वर्ग सामूहिक रूप से लाभ उठा सकें, इसका प्रबंध मोदी सरकार ने किया है। फाइनेंशियल सेक्टर को ज्यादा मजबूत, ज्यादा आसानी से संचालन में सक्षम बनाया जा रह है। देश की महंगाई को लेकर जो कठिन चुनौतियां थीं, उनको दूर किया जा रहा है और महंगाई के आंकड़े नीचे आए हैं।

लखपति दीदी का लक्ष्य कितना बढ़ा

निर्मला सीतारमण ने कहा कि करीब एक करोड़ महिलाएं लखपति दीदी बनी हैं। अभी मौजूदा 2 करोड़ लखपति दीदी का लक्ष्य बढ़ाकर 3 करोड़ किया जा रहा है। वित्त मंत्री ने कहा कि उनकी सरकार महिलाओं के विकास पर खास ध्यान दे रही है। लखपति दीदी इसी का हिस्सा हैं।

सोलर एनर्जी और गरीबों के घर पर सरकार का ध्यान

कोविड के चुनौती के बावजूद केंद्र सरकार ने गरीबों को घर मुहैया कराया। हम 3 करोड़ घर के लक्ष्य को बनाने के करीब हैं। 2 करोड़ और घर अगले 5 साल में बनेंगे। छत के ऊपर सोलर एनर्जी के लिए 1 करोड़ घरों पर सोलर पैनल लेगेंगे। इसकी घोषणा पीएम मोदी ने राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर घोषणा की थी।

38 लाख किसानों को पीएम किसान संपदा योजना से फायदा मिल

प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना से 38 लाख किसानों को फायदा मिला है और 10 लाख रोजगार के अवसर उत्पन्न हुए हैं। उपज के बाद होने वाले नुकसान को रोकने के लिए भी योजनाओं पर काम हो रहा है। हम कृषि उपज होने के बाद की गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए निजी और सार्वजनिक क्षेत्र की भागीदारी मजबूत करेंगे। आत्मनिर्भर तेल बीज अभियान को मजबूत किया जाएगा। इसके तहत कृषि की नई प्रौद्योगिकी और कृषि बीमा को बढ़ावा दिया जाएगा। डेयरी से जुड़े किसानों की भी मदद की जा रही है। राष्ट्रीय गोकुल मिशन जैसी योजनाएं चलाई जा रही हैं। मत्स्य संपदा को भी मजबूत किया जा रहा है। सी-फूड का उत्पादन दोगुना है। मत्स्य संपदा योजना के जरिए उत्पादकता को तीन से बढ़ाकर पांच टन प्रति हेक्टेयर किया जाएगा। रोजगार के 55 लाख नए अवसरों को उत्पन्न किया जाएगा। पांच समेकित एक्वा पार्क बनाए जाएंगे।

वित्त मंत्री सीतारमण ने बजट भाषण के दौरान गिनाईं सरकार की उपलब्धियां, बोली-लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करेगी आर्थिक नीति

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में अंतरिम बजट पेश कर रही हैं।सीतारमण ने अपने अंतरिम बजट भाषण में कहा, 'हमारी सरकार ने नागरिक प्रथम और न्यूनतम सरकार अधिकतम शासन दृष्टिकोण के साथ जवाबदेह, जन केंद्रित और विश्वास आधारित प्रशासन प्रदान किया है। अमृतकाल के लिए सरकार ऐसी आर्थिक नीतियों को अपनाएं जो टिकाऊ विकास, सभी के लिए अवसरों, क्षमता विकास पर केंद्रित रहेंगी। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ऐसी आर्थिक नीति अपनाएगी जो लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करेगी और जिससे समावेशी विकास होगा। आर्थिक नीतियों को प्रभावकारी रूप से लागू करने के लिए राज्यों के साथ मिलकर काम किया जायेगा। 

जनधन खातों में पैसा डालने से 2.7 लाख करोड़ रुपये की बचत- वित्त मंत्री

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि जनधन खातों में पैसा डालने से 2.7 लाख करोड़ रुपये की बचत हुई है और सरकार का आर्थिक प्रबंधन इस उच्च स्तर का है जिससे देश को नई दिशा और नई उम्मीद मिली है। देश की आर्थिक प्रगति में देश के सभी राज्य और वर्ग सामूहिक रूप से लाभ उठा सकें, इसका प्रबंध मोदी सरकार ने किया है। फाइनेंशियल सेक्टर को ज्यादा मजबूत, ज्यादा आसानी से संचालन में सक्षम बनाया जा रह है। देश की महंगाई को लेकर जो कठिन चुनौतियां थीं, उनको दूर किया जा रहा है और महंगाई के आंकड़े नीचे आए हैं।

लखपति दीदी का लक्ष्य कितना बढ़ा

निर्मला सीतारमण ने कहा कि करीब एक करोड़ महिलाएं लखपति दीदी बनी हैं। अभी मौजूदा 2 करोड़ लखपति दीदी का लक्ष्य बढ़ाकर 3 करोड़ किया जा रहा है। वित्त मंत्री ने कहा कि उनकी सरकार महिलाओं के विकास पर खास ध्यान दे रही है। लखपति दीदी इसी का हिस्सा हैं।

सोलर एनर्जी और गरीबों के घर पर सरकार का ध्यान

कोविड के चुनौती के बावजूद केंद्र सरकार ने गरीबों को घर मुहैया कराया। हम 3 करोड़ घर के लक्ष्य को बनाने के करीब हैं। 2 करोड़ और घर अगले 5 साल में बनेंगे। छत के ऊपर सोलर एनर्जी के लिए 1 करोड़ घरों पर सोलर पैनल लेगेंगे। इसकी घोषणा पीएम मोदी ने राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर घोषणा की थी।

38 लाख किसानों को पीएम किसान संपदा योजना से फायदा मिल

प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना से 38 लाख किसानों को फायदा मिला है और 10 लाख रोजगार के अवसर उत्पन्न हुए हैं। उपज के बाद होने वाले नुकसान को रोकने के लिए भी योजनाओं पर काम हो रहा है। हम कृषि उपज होने के बाद की गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए निजी और सार्वजनिक क्षेत्र की भागीदारी मजबूत करेंगे। आत्मनिर्भर तेल बीज अभियान को मजबूत किया जाएगा। इसके तहत कृषि की नई प्रौद्योगिकी और कृषि बीमा को बढ़ावा दिया जाएगा। डेयरी से जुड़े किसानों की भी मदद की जा रही है। राष्ट्रीय गोकुल मिशन जैसी योजनाएं चलाई जा रही हैं। मत्स्य संपदा को भी मजबूत किया जा रहा है। सी-फूड का उत्पादन दोगुना है। मत्स्य संपदा योजना के जरिए उत्पादकता को तीन से बढ़ाकर पांच टन प्रति हेक्टेयर किया जाएगा। रोजगार के 55 लाख नए अवसरों को उत्पन्न किया जाएगा। पांच समेकित एक्वा पार्क बनाए जाएंगे।