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कर्तव्य पथ से आसमान की ओर उठीं सबकी निगाहें, दिखा भारतीय सेना का शौर्य और नारी शक्ति की झलक

#75threpublicday2024parade

देश 75वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कर्तव्य पथ पर सलामी मंच से राष्ट्रीय ध्वज फहराया। इसके बाद राष्ट्रगान बजा और 21 तोपों की सलामी दी गई। 105 हेलीकॉप्टर यूनिट के 4 एमआई-17 से कर्तव्य पथ पर उपस्थित दर्शकों पर पुष्प वर्षा की गई। इसके बाद राष्ट्रपति मुर्मू के सलामी लेने के साथ परेड शुरू हुई।इस दौरान फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों और पीएम मोदी मौजूद रहे।इस बार फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों मुख्य अतिथि हैं। फ्रांस का मार्चिंग दस्ता भी परेड में शामिल हुआ।

आकाश में भारत के ताकत की गरज

परेड दस्ता में भारतीय वायुसेना दल में 144 वायुसैनिक और चार अधिकारी शामिल रहे। उनकी झांकी भारतीय वायु सेना की थीम ‘सक्षम, सशक्त, आत्मनिर्भर’ पर आधारित थी। झांकी में एलसीए तेजस और Su-30 को IOR के ऊपर उड़ान भरते हुए दिखाया गया।

कर्तव्य पथ पर नारी शक्ति का प्रदर्शन

कर्तव्य पथ पर नारी शक्ति का प्रदर्शन देखने को मिल रहा है. देश के हिंटरलैंड में तैनात महिला कर्मियों का प्रदर्शन देखने को मिला है. इंस्पेक्टर शहनाज खातून के हाथों में कमान है. शहनाज के साथ 13 और महिला कार्मिकों का दस्ता कर्तव्य पथ पर है. अभिवादन- फॉर्मेशन की कमान इंस्पेक्टर सोनिया बनवारी के हाथ में है. योग से सिद्धि- सीटी अनिता भारती और 7 कार्मिकों का फॉर्मेशन है.

चंद्रयान-3 की निकली झांकी

गणतंत्र दिवस के मौके पर परेड दस्ते में इसरो की कामयाबी की भी झलक देखने को मिली। परेड में इसरो भी शामिल हुआ। इस दौरान चंद्रयान-3 की झांकी निकाली गई। दक्षिणी ध्रुव के पास चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग दिखाई गई। चंद्रयान-3 की झांकी देख दर्शकों के साथ केंद्रीय मंत्री भी उठ खड़े हुए। बता दें कि 23 अगस्त को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस घोषित किया गया है।

पहली बार दिल्ली पुलिस की परेड में केवल महिला पुलिसकर्मी

गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली पुलिस की तरफ से परेड में केवल महिला पुलिसकर्मी शामिल हुईं. मार्चिंग दस्ते में कुल 194 महिला हेड कांस्टेबल और महिला कांस्टेबल ने हिस्सा लिया. इस परेड का नेतृत्व आईपीएस ऑफिसर श्वेता के सुगथन ने की।

उत्तर प्रदेश की झांकी में रामलला के हुए दर्शन

उत्तर प्रदेश की झांकी कर्तव्य पथ से गुजर रही है। इस झांकी की थीम अयोध्या: विकसित भारत समृद्ध विरासत रही। अयोध्या के राम मंदिर और रामलला के गीत यूपी की झांकी के साथ बजाए गए। झांकी के आगे के हिस्से में रामलला की प्रतिमा दिखाई गई। उत्तर प्रदेश की झांकी के पीछे तेलंगाना की झांकी आ रही है, जिसकी थीम - जमीनी स्तर पर लोकतंत्र- तेलंगाना के स्वतंत्रता सेनानियों की विरासत रही।

झारखंड की झांकी तसर सिल्क पर केंद्रित

झारखंड की झांकी तसर सिल्क पर केंद्रित है। भारत में तसर सिल्क का 62% झारखंड में उत्पादन होता है। तसर सिल्क से लगभग 1 लाख 50 हजार लोगों की आजीविका चलती है।अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी और फ्रांस जैसे देश में सिल्क का निर्यात होता है। झांकी में आदिवासी झमताओं का प्रदर्शन है।

वो चित्रकार जिसने सजाया हमारा संविधान, एक नाम जो संविधान की हर पृष्ठ पर है मौजूद, जानिए दिलचस्प बातें

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हमारा संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ। संविधान को बनाने में 2 साल 11 महीने और 18 दिन लगे थे। हममें से ज्यादातर लोगों को ये पता है कि भारत का संविधान किसने बनाया। लेकिन क्या हमें इस बात की जानकारी है कि हमारा संविधान किसने सजाया? 

29 अगस्त 1947 को भारतीय संविधान के निर्माण के लिए प्रारूप समिति की स्थापना की गई और इसके अध्यक्ष के रूप में डॉ. भीमराव अंबेडकर को जिम्मेदारी सौंपी गई। दुनिया भर के तमाम संविधानों को बारीकी से परखने के बाद डॉ. अंबेडकर ने भारतीय संविधान का मसौदा तैयार कर लिया। हम यह जानते हैं कि संविधान की प्रारूप समिति के अध्यक्ष डॉ. भीमराव अंबेडकर थे जिनके निर्देशन में भारत का संविधान लिखा गया। लेकिन क्या हम ये जानते हैं कि हमारे संविधान को जिन चित्रों से सजाया गया है, वो किसके निर्देशन में तैयार किया गया।

बता दें कि इसे बनाने वाले थे विख्यात चित्रकार नंदलाल बोस। दरअसल जब संविधान तैयार किया जा रहा था, उस वक्त तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू इन्हें सजाने वाला ढूंढ रहे थे। इसी दौरान प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू शांतिनिकेतन में आए हुए थे। तब उनकी मुलाकात नंदलाल बोस से हुई। यहां नंदलाल बोस कलाभवन के प्राध्यापक के तौर पर काम कर रहे थे। पंडित नेहरू ने उन्हें संविधान को भारतीय चित्रों सजाने का उनसे आग्रह किया, जिन्हें नंदू बोस ने मान लिया।

संविधान को सजाने के लिए 21 हजार रूपये मेहनताना

221 पेज के इस दस्तावेज के हर पन्ने पर तो चित्र बनाना संभव नहीं था।लिहाजा, नंदलाल जी ने संविधान के हर भाग की शुरूआत में 8-13 इंच के चित्र बनाए। संविधान के कुल 22 भाग हैं। इस तरह उन्हें भारतीय संविधान की इस मूल प्रति को अपने 22 चित्रों से सजाने का मौका मिला। इन 22 चिज्ञों को बनाने में चार साल लग गए। इस काम के लिए उन्हें 21 हजार रूपये मेहनताना के तौर पर दिया गया। 

संविधान की सजावट में संस्कृति की छाप

भारत के संविधान को नंदलाल बोस के निर्देशन में शांतिनिकेतन के कलाकारों ने अपने अद्भुत चित्रों से सजाए हैं। इनमें मोहनजोदड़ो, वैदिक काल, रामायण, महाभारत, बुद्ध के उपदेश, महावीर के जीवन, मौर्य, गुप्त और मुगल काल, इसके अलावा गांधी, सुभाष, हिमालय से लेकर सागर आदि के चित्र सुंदर बन पड़े हैं। वास्तव में यह चित्र भारतीय इतिहास की विकास यात्रा हैं। इन चित्रों की की शुरुआत होती है भारत के राष्ट्रीय प्रतीक अशोक स्तंभ के शेर से। अगले भाग में भारत की प्रस्तावना लिखी है, जिसे सुनहरे बार्डर से घेरा गया है।

एक चित्रकार को 21 हजार, एक ने ठुकराया हर उपहार

एक तरफ नंनलाल बोस ने अपनी कलाकारी के लिए मात्र 21 हजार रूपये लिए तो वहीं दूसरी तरफ एक दूसरे कलाकार प्रेम बिहारी रायजादा ने मेहनताना ठुकरा दिया था। भारत के संविधान से जुड़ी एक और रोचक जानकारी यह है कि इसकी मूल प्रति टाइपिंग या प्रिंट में उपलब्ध नहीं है। संविधान की मूल प्रति हिंदी और अंग्रेजी में हाथ से लिखी गई है। इसे प्रेम बिहारी रायजादा ने लिखा है। रायजादा ने पेन होल्डर निब से संविधान के हर पन्ने को बहुत ही खूबसूरत इटैलिक अक्षर में लिखा है।सुलेखन यानी कैलिग्राफी प्रेम बिहारी का खानदानी शौक था।

संविधान के हर पृष्ठ पर लिखा अपना नाम

संविधान को बनाने में जहां 2 साल 11 महीने और 18 दिन लगे थे, वहीं इसे हाथों से लिखने में 6 महीने का समय लगा था। जब प्रेम बिहारी से सरकार ने इस काम को पूरा करने के लिए मेहनताना के बारे में पूछा, तो उनका जवाब बड़ा गंभीर था। उन्होंने कहा, मुझे एक भी पैसा नहीं चाहिए। ना ही कोई महंगा उपहार चाहिए। लेकिन उन्होंने संविधान के हर पृष्ठ पर अपना नाम और अंतिम पृष्ठ पर अपने दादाजी का नाम लिखने की शर्त रख दी, जिसे सरकार ने मान लिया।

कर्तव्य पथ पर आज रचेगा इतिहास, गणतंत्र दिवस पर पहली बार तीनों सेना की महिला टुकड़ी परेड में हो रही हैं शामिल

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देश भर में आज गणतंत्र दिवस का उत्साह है। देश की राजधानी दिल्ली के कर्त्तव्य पथ पर 75वें गणतंत्र दिवस समारोह की परेड में काफी कुछ नया देखने को मिलेगा। गणतंत्र दिवस परेड में पहली बार तीनों सेना- थल सेना, वायुसेना और जल सेना की महिला सैनिक शामिल होंगी। मेजर जनरल सुमित मेहता ने बताया कि इस बार तीनों सेना की महिला टुकड़ियां शामिल होंगी।

इस साल के गणतंत्र दिवस की थीम महिलाओं पर आधारित है जिसकी वजह से परेड में महिलाओं का अब तक का सबसे अच्छा प्रतिनिधित्व देखने को मिलेगा। इस साल पहली बार तीनों सेनाओं की एक महिला टुकड़ी भी मार्च करेगी। केंद्रीय सशस्त्र बलों की टुकड़ियों में भी महिला कर्मी शामिल होंगी। परेड में 48 महिला अग्निवीर भी हिस्सा ले रहीं है। गणतंत्र दिवस समारोह परेड कैप्टन शरण्या राव थल सेना की टुकड़ी का नेतृत्व करेंगी, जिसमें फ्रांस के राष्ट्रिय दिवस में पीएम मोदी के साथ अतिथि के तौर पर शामिल रहीं स्क्वॉड्रन लीडर सुमिता यादव भी हिस्सा ले रही हैं। गणतंत्र दिवस परेड में स्क्वाड्रन लीडर रश्मि ठाकुर भारतीय वायुसेना की मार्चिंग टुकड़ी का नेतृत्व करेंगी।

फ्रांस से एक मार्चिंग दस्ता और एक बैंड दल आया

परेड में भाग लेने के लिए फ्रांस से एक मार्चिंग दस्ता और एक बैंड दल भी भारत आया है।75वें गणतंत्र दिवस की परेड में फ्रांस की 95 सदस्यीय मार्चिंग टीम और 33 सदस्यीय बैंड दल भी शिरकत करेगा। इस फ्रांसीसी दल में छह भारतीय भी हिस्सा बनने वाले हैं। इनमें सीसीएच सुजन पाठक (हेड कॉर्पोरल), सीपीएल दीपक आर्य (कॉर्पोरल), सीपीएल परबीन टंडन (कॉर्पोरल), गुरवचन सिंह (फर्स्ट क्लास लीजियोनेयर), अनिकेत घर्तिमागर (फर्स्ट क्लास लीजियोनेयर) और विकास डीजेसेगर (फर्स्ट क्लास लीजियोनेयर) शामिल हैं। 

दरअसल, फ्रांस में विदेशी सेना की एक कोर होती है जिसका नाम 'फ्रेंच फॉरेन लीजन' है। 1831 में स्थापित की गई फ्रेंच फॉरेन लीजन को फ्रेंच सेना का एक अभिन्न अंग माना जाता है। फ्रांसीसी मार्चिंग दल के कमांडर कैप्टन नोएल लुइस ने कहा कि यह विशिष्ट सैन्य कोर विदेशियों के लिए फ्रांसीसी सेना में कुछ शर्तों के साथ सेवा करने का मौका देता है। वर्तमान में इसमें लगभग 9,500 अधिकारी और सेनापति हैं। इस कोर में दुनियाभर से लगभग 140 देशों के लोग हैं।

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों मुख्य अतिथि

बता दें कि इस बार फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों गणतंत्र दिवस के दिन मुख्य अतिथि होंगे। यह छठी बार है, जब कोई फ्रांसीसी राष्ट्रपति गणतंत्र दिवस परेड में मुख्य अतिथि बने हैं। साथ ही दूसरी बार फ्रांसीसी दल गणतंत्र दिवस की परेड में हिस्सा ले रहा है। वहीं, इस बार 13,000 विशेष अतिथियों को बुलाया गया है।

मुजफ्फरपुर :- मंत्री जितेंद्र कुमार राय ने 75 वां गणतंत्र दिवस पर शहीद खुदीराम बोस मैदान में किया झंडोतोलन,परेड का निरीक्षण कर,ली सलामी

देश आज 75 वा गणतंत्र मना रहा है।देश भर मे झंडोतोलन का कार्यक्रम किया जा रहा है।

मुजफ्फरपुर के प्रभारी मंत्री सह कला संस्कृति मंत्री जितेंद कुमार राय ने 75 वां गणतंत्र दिवस पर शहीद खुदीराम बोस मैदान में 

 झंडोतोलन किया और साथ ही परेड का निरीक्षण कर सलामी ली मंत्री ने राज्यवासियो को गणतंत्र दिवस की शुभकामना दी। 

अपने सरकार की जन कल्याणकारी और विकास की योजनाओं के बारे जानकारी देते हुए बधाई और शुभकामनाएं दी 


बेनीबाद ओपी को मिला मॉडल भवन, एसएसपी ने कहा - जल्द होगा बेनीबाद ओपी से थाना

मुजफ्फरपुर : जिले का सीमावर्ती ओपी थाना बेनीबाद को आज नया भवन मिला है। जिसमे विधि विधान के साथ पूजा आरती कर मॉडल थाना का उद्घाटन एसएसपी राकेश कुमार ने किया। 

उद्घाटन के दौरान क्षेत्र के कई जनप्रतिनिधि और डीएसपी पूर्वी सहित संबंधित पुलिस पदाधिकारी मौजूद रहे।

आपको बता दें कि तत्काल बेनीबाद ओपी थाना के अंदर सात पंचायत और कुछ गांव है जो की अब इसी साल बेनीबाद ओपी थाना के अंदर कई पंचायत से जुड़ेंगे साथ ही ओपी जल्द ही थाना में प्रवृत्ति होगा। 

एसएसपी राकेश कुमार ने कहा की जल्द ही बेनीबाद ओपी से थाना में परिवर्तित हो जाएगा।

मुजफ्फरपुर से संतोष तिवारी

बड़े भाई और छोटे भाई के कामकाज को देखकर जननायक की आत्मा दुखी हो रही होगी : नेता प्रतिपक्ष

डेस्क : जननायक कर्पूरी ठाकुर की 100वीं जयंती से ठीक एक दिन पहले केंद्र की मोदी सरकार ने उन्हें भारत रत्न देकर बिहार की राजनीति मे तहलका मचा दिया है। प्रदेश की सत्ताधारी जदयू और राजद इसे अपनी मांग पूरी होने की बात करते हुए श्रेय लेने मे जुटी है। वहीं बीते बुधवार को जदयू की ओर से भव्य तरीके से जननायक की शताब्दी समारोह मनाया गया।

इधर बीजेपी विधायक व बिहार विधान सभा मे नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने जदयू और राजद पर हमला बोला है। कहा है कि अपराधी, भ्रष्टाचारी एवं वंशवादियों को सत्ता से हटाने के बाद ही भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर को सच्ची श्रदांजलि दी जा सकेगी।

उन्होंने कहा कि कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देकर प्रधानमंत्री ने बिहार का गौरव बढ़ाया है। लेकिन जीवनपर्यंत कर्पूरी ठाकुर को अपमानित करने वालों में क्रेडिट लेने की होड़ मच गई है। कर्पूरी ठाकुर के सच्चे अनुयायी वही होंगे जो भ्रष्टाचार मुक्त और अपराध मुक्त शासन का संकल्प लेंगे।

बड़े भाई और छोटे भाई के कामकाज को देखकर जननायक की आत्मा दुखी हो रही होगी। ये पिछड़ों और अति पिछड़ों को वोट की राजनीति के लिए दुरुपयोग कर रहे हैं। इनको वास्तविक विकास से कोई लेना-देना नहीं है। बिहार सरकार के जातीय सर्वे ने इनकी पोल खोल दी है। 94 लाख परिवार 6000 प्रतिमाह से कम आमदनी में है। देश में सबसे ज्यादा गरीब बिहार में है।

शिक्षा विभाग का फरमान पड़ा भारी : ठंड लगने से बोंचहा में एक छात्र की हुई मौत, प्रशासनिक पुष्टि नहीं

मुजफ्फरपुर: कड़ाके की ठंड और शीतलहर के बाद भी बिहार के सभी विद्यालयों को संचालित करने का आदेश अब बच्चों के जान पर भारी पड़ने लगा है। ताजा मामला मुजफ्फरपुर के बोंचहा प्रखंड के वजीरपुर मझौली से सामने आया है। जहां उत्क्रमित मध्य विद्यालय  राघो मझौली के छठी कक्षा के छात्र मोहम्मद कुर्बान (10 वर्ष) के ठंड से मौत होने की बात सामने आई है। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि मुजफ्फरपुर जिला प्रशासन ने नहीं की है।

राघोपुर मझौली के उत्क्रमित मध्य विद्यालय के शिक्षकों ने भी इस बात को स्वीकार किया है कि मृत बच्चा कम कपड़ों में स्कूल पहुंचा था, जहां वह ठंड से कांप रहा था। जिसको देखकर उसे विद्यालय से तत्काल उसके घर भेज दिया गया था। जहां घर पहुंचने पर बच्चे की तबियत बिगड़ने की बात बताई गई है।

गौरतलब है कि बिहार में शीतलहर को लेकर कई जिलों में डीएम के द्वारा आठवीं कक्षा तक स्कूलों को बंद किया गया था। जिसके बाद शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने सभी जिले के डीएम को पत्र लिखकर स्कूल बंद करने के फैसले पर आपत्ति जाहिर की थी। जिसके बाद कड़ाके की ठंड के बाद भी कई जिले में स्कूल खुले हुए है। जहां बच्चे बड़ी संख्या में स्कूल पहुंच रहे है।

लेकिन जिस तरह मुजफ्फरपुर जिले में एक स्कूली बच्चे की ठंड लगने की बात सामने आई है। उससे शिक्षा विभाग के तुगलागी फैसले पर सवाल उठना स्वाभाविक हो गया है। 

हालांकि मुजफ्फरपुर डीएम प्रणव कुमार ने इस मामले में फिलहाल किसी भी जानकारी से इंकार किया है। उन्होंने ठंड और शीतलहर को लेकर आमलोगों से घर में रहने और बच्चों और बजुर्ग को लेकर विशेष एहतियात बरतने की अपील की है।

मुजफ्फरपुर से संतोष तिवारी

बिहारवासियों को अभी ठंड से नही मिलेगी निजात, मौसम विभाग ने जारी किया यह अलर्ट

डेस्क : राजधानी पटना समेत पूरा बिहार इनदिनों भंयकर ठंड की चपेट मे है। भीषण ठंड ने लोगो का जीना मुहाल कर रखा है। पूरा जन-जीवन अस्त-व्यस्त है। वहीं मौसम विभाग ने अभी इससे निजात नही मिलने का अलर्ट जारी किया है।

बीते बुधवार को भी कड़ाके की ठंड रही और पूरा प्रदेश कोहरे की चादर में लिपटा रहा। धूप न निकलने से पटना सहित 14 जिलों में कनकनी है। तीन शहरों में शीत दिवस तो 11 शहरों में गंभीर शीत दिवस की स्थिति बनी हुई है। एक हफ्ते तक कड़ाके की ठंड और कोहरे से राहत की उम्मीद नहीं है।

मौसम विभाग ने 22 जिलों के लिए 26 जनवरी तक भीषण शीतदिवस और 16 जिलों के लिए शीत दिवस का अलर्ट जारी किया है। 

राज्य के अधिकतर शहरों का न्यूनतम तापमान दस डिग्री से नीचे दर्ज किया गया। 29 जनवरी तक लोगों को विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी है।

पटना में नहीं निकली धूप

पटना में लगातार दूसरे दिन धूप नहीं निकलने से ठंड की स्थिति में बढ़ोतरी देखी गई। दानापुर व आसपास के इलाके में सुबह दृश्यता 50 मीटर से भी कम रही।

पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, शिवहर, मधुबनी, दरभंगा, समस्तीपुर, बेगूसराय, लखीसराय, नालंदा, शेखपुरा, लखीसराय, नवादा, पटना, गया, जहानाबाद, अरवल, रोहतास, भभुआ, बक्सर, सारण, सीवान, गोपालगंज, वैशाली, मुजफ्फरपुर, भोजपुर और औरंगाबाद में भीषण शीत दिवस का रेड अलर्ट किया है। साथ ही अन्य 16 जिलों में शीत दिवस की स्थिति है।

सीएम नीतीश कुमार का बड़ा बयान, पूरे देश मे लागू होना चाहिए कर्पूरी ठाकुर का आरक्षण फार्मूला

डेस्क : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि पूरे देश में कर्पूरी फॉर्मूले पर पिछड़ों-अति पिछड़ों के लिए आरक्षण लागू किया जाना चाहिए। कर्पूरी ठाकुर ने ही पहली बार पिछड़ों-अति पिछड़ों को जोड़कर आरक्षण दिया था। उन्होंने पहली बार 1978 में पिछड़ा वर्ग के लिए 8 फीसदी व अति पिछड़ा के लिए 12 आरक्षण दिया। आज भी अति पिछड़ों में अधिक गरीबी है। उन्हें अवसर मिलना चाहिए।

सीएम नीतीश कुमार बीते बुधवार को वेटनरी कॉलेज मैदान में जननायक कर्पूरी ठाकुर जन्म शताब्दी समारोह को संबोधित कर रहे थे। 

उन्होंने कहा कि कर्पूरी ठाकुर ने कभी परिवार को आगे नहीं बढ़ाया। उन्हीं से प्रेरणा लेकर मैंने भी अपने परिवार के किसी व्यक्ति को आगे नहीं बढ़ाया। कर्पूरी ठाकुर के देहावसान के बाद ही उनके पुत्र रामनाथ ठाकुर को आगे बढ़ाया। लेकिन आज तो लोग परिवारवाद को आगे बढ़ाते हैं। हम तो कर्पूरी ठाकुर जी के कार्यों को ही आगे बढ़ा रहे हैं। चाहते हैं कि सब लोग भाईचारे के साथ रहेें।

सीएम ने कहा कि मेरा विश्वास काम करने में है। राज्य के हित में काम करता रहता हूं। राज्य के हित के लिए जो भी करना होगा, करेंगे। 

कहा कि मैं 2005 से ही काम कर रहा हूं। हर क्षेत्र में काम किया। चाहे सात निश्चय हो या फिर जल-जीवन-हरियाली का काम हो, बिहार में काफी काम हो रहा है। हर घर बिजली पहुंचायी गयी है। हर घर तक नल का जल पहुंच रहा है। हर घर तक पक्की नाली तो टोलों तक सड़क बनायी गयी है। 

नीतीश कुमार ने कहा कि हमने जाति आधारित गणना करवायी। इस आधार पर आरक्षण का दायरा 50 से बढ़ाकर 65 किया। एससी का आरक्षण 20 फीसदी, एसटी का दो फीसदी, अति पिछड़ी जाति का 25 व पिछड़ा वर्ग के लिए 18 फीसदी आरक्षण का प्रावधान किया गया है। इसी आधार पर 94 लाख गरीब परिवारों को उद्यम के लिए दो-दो लाख देने की योजना भी बनायी गयी। जीविका समूह के माध्यम से चलाई जा रही सतत जीविकोपार्जन योजना के तहत दी जाने वाली एक लाख की राशि को बढ़ा दो लाख किया गया। 

हमारी इच्छा थी कि पूरे देश में जाति आधारित जनगणना होती। फिर इस आधार पर योजना बनती।

जननायक को भारत रत्न दिए जाने पर पूर्व मंत्री सुरेश शर्मा ने जताई प्रसन्नता, बिहारवासियों के लिए बताया गौरव का पल

मुजफ्फरपुर : बिहार सरकार के पूर्व मंत्री बीजेपी नेता सुरेश शर्मा ने जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न सम्मान देने की घोषणा सुनने के बाद प्रसन्नता जाहिर की है।

उन्होंने बताया कि जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न सम्मान मिलना पूरे बिहारवासियों को गर्वान्वित करने वाला क्षण है।

उन्होंने कहा कि भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जननायक कर्पूरी ठाकुर के जीवन और उनके सामाजिक राजनीतिक जीवन को समझे है और भारत रत्न सम्मान दिए है। 

श्री शर्मा ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर को यह सम्मान मिलने से पूरे बिहार के लोग काफी खुशी महसूस कर रहे है। उन्होंने कहा कि जननायक कर्पूरी ठाकुर उन्हें अपना भांजा मानते थे और भगिना कहकर बुलाते थे। इस दौरान सुरेश शर्मा ने अपने और कर्पूरी ठाकुर के साथ मिलने के वाकया को बताया। जब उस समय कर्पूरी ठाकुर को हाजीपुर के एक पेट्रोल पंप से अपने गाड़ी में बिठाकर मुजफ्फरपुर छोड़े थे। 

उस दौड़ में कांग्रेस के प्रधानमंत्री स्वo इंदिरा गांधी की पुलिस उन्हें खोज रही थी। तब मुजफ्फरपुर से नेपाल जाकर उस दौड़ में कर्पूरी जी छुपे थे। इस दौरान उस समय के पूरी कहानी को उन्होंने बताया।

मुजफ्फरपुर से संतोष तिवारी