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अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा के बाद रामलला के दर्शन को उमड़े श्रद्धालु, जिले की सीमाओं को करना पड़ा सील, उच्च अधिकारियों ने संभाला मोर्चा

अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा के बाद रामलला का दर्शन करने के लिए मंगलवार को भक्तों का हुजूम उमड़ पड़ा। पुलिस प्रशासन के अधिकारियों ने लोगों को किसी तरह संभालने की कोशिश की। इसके बाद भी जब भक्त बेकाबू हुए तो हल्का बल प्रयोग कर किसी तरह उन्हें रोका गया। मामला बिगड़ता देख कमिश्नर, आईजी और एडीजी भी मौके पर पहुंचे और हाथों में लाउडस्पीकर लेकर भक्तों से शांति बनाए रखने की अपील करते रहे। कुछ देर में डीजी प्रशांत कुमार और प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद भी राम मंदिर पहुंच गए हैं। खुद भीड़ को संभालने के लिए मोर्चा संभाल लिया। वहीं, भारी भीड़ को देखते हुए दूसरे जिलों से अयोध्या आने वाले रास्तों पर भी गाड़ियों को रोका जा रहा है। उन्हें अयोध्या में भारी भीड़ होने की जानकारी देकर किसी औऱ दिन आने की अपील की जा रही है।

रामलला दर्शन को जुटे लाखों भक्त, पुलिस हलकान, योगी का हवाई सर्वे

राम मंदिर पर मंगलवार की सुबह से ही भक्तों की भारी भीड़ पहुंच गई थी। मंदिर खुलते ही लोग अंदर जाने को आतुर दिखाई दिए। साढ़े 11 बजे मंदिर बंद हुआ तो भीड़ और ज्यादा बढ़ गई। दो बजे मंदिर खुला तो रामपथ पर भक्त बेकाबू हो गए। हर कोई जल्द से जल्द दर्शन करने को आतुर दिखाई दिया। इससे पुलिस वालों को उन्हें संभालने में मुश्किलों का सामना करना पड़ा। श्रद्धालुओं को नियंत्रित करने में एसएसबी और आरएएफ के जवान भी अपने आप को असहाय महसूर करने लगे।

जन्मभूमि पथ पर पांच सौ मीटर की दूरी में तीन खंडों में रिट्रैक्टबिल गेट लगाकर श्रद्धालुओं को रोकने की कोशिश की गई। लेकिन भीड़ के दबाव में यह गेट टूट गया। इससे काफी श्रद्धालु ही नहीं पुलिसकर्मी भी चोटहिल हुए। बैरीकेडिंग को पार कर श्रद्धालु अंदर घुसे तो 11.30 बजे आरती के लिए कुछ देर मंदिर में दर्शन बंद किया गया लेकिन भीड़ जमी रही तो दोबारा दर्शन शुरू करा दिया गया।

करीब दो बजे अंदर और बाहर दोनों जगह भक्तों की भारी भीड़ बेकाबू होने लगी तो पुलिस ने लाठियां बरसानी शुरू कर दी। भक्तों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया और हवा में लाठियां लहराई। इससे भगदड़ भी मची और कई लोग फिसलकर घायल हो गए। भीड़ में फंसी कुछ बुजुर्ग महिलाओं को किसी तरह पुलिस वालों ने बाहर निकाला। 

मंडलायुक्त, एडीजी और आईजी पहुंचे

लाठियां बरसाने से हुई भगदड़ के बाद मंडलायुक्त और आईजी भी पहुंचे और व्यवस्था का जायजा लिया। जन्मभूमि पथ पर भीड़ का दबाव को देखते हुए श्रद्धालुओं को लाउडस्पीकर से धैर्य रखने को खुध एडीजी जोन पीयूष मोडिया अपील करते रहे। मंडलायुक्त गौरव दयाल और आईजी प्रवीण कुमार मुख्य प्रवेश द्वार पर पहुंचे। अधिकारयों ने व्यवस्था का जायजा लिया। गेट पर मौजूद जिम्मेदारों को आवश्यक निर्देश दिए। इसके बाद राम भक्तों की भारी भीड़ और व भीड़ के बढ़ते दबाव को देखते हुए मुख्य प्रवेश द्वार से लाइन लगाकर एक-एक भक्त को प्रवेश देने का कार्य शुरू कर दिया गया है। अब एक-एक करके राम भक्तों को भीतर प्रवेश दिया जाने लगा। हालांकि कुछ देर बाद ही यह सिलसिला टूट गया और भक्त बेकाबू होकर एक साथ अंदर घुस गए।

भारत से राजनयिक विवाद के बीच मालदीव ने फिर चली उल्टी चाल, चीन के जासूसी जहाज को घुसने की दी इजाजत

 भारत से राजनयिक विवाद के बीच मालदीव ने एक बार फिर उल्टी चाल चली है। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को अपना मित्र बताने वाले मोहम्मद मुइज्जू ने भारत के खिलाफ नई साजिश रची है। उन्होंने चीन के जासूसी जहाज को अपने क्षेत्र में घुसने की इजाजत दे दी। भारत से तनावपूर्ण संबंधों के बीच मालदीव ने चीनी जहाज के माले आने की पुष्टि करते हुए कहा कि मित्र राष्ट्रों के जहाजों का स्वागत है। चीनी जहाज के कुछ हफ्तों में मालदीव पहुंचने की संभावना है। इसने भारत की चिंता बढ़ा दी है भारत की चिंता इसलिए भी गंभीर है क्योंकि पिछले साल चीन ने अपने जासूसी जहाज को श्रीलंकाई धरती पर उतारा था, तब भी काफी बवाल हुआ था।

मालदीव का राष्ट्रपति बनने के बाद से मोहम्मद मुइज़ू के उठाए कदम भारत के खिलाफ ही रहे हैं। मालदीव का सर्वेसर्वा बनने से पहले उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान भारतीय सेना की आलोचना की थी और जीतने पर भारतीय सेना को देश से बाहर करने का वादा भी किया था। राष्ट्रपति बनने के बाद मुइज्जू ने किया भी ऐसा ही। मुइज्जू सरकार ने भारत को सेना के वापस चले जाने के लिए 15 फरवरी तक का वक्त दिया है। इतना ही नहीं मालदीव की परंपरा को तोड़ते हुए मालदीव के राष्ट्रपति भारत न जाकर चीन दौरे पर गए। इसी महीने मुइज्जू ने शी जिनपिंग से मुलाकात की थी, यह उनकी पहली राजकीय यात्रा भी थी। 

एक स्वतंत्र खुफिया शोधकर्ता और ओपन सोर्स डेटा के अनुसार, एक चीनी जासूसी जहाज के जल्द ही मालदीव पहुंचने की संभावना है। बता दें कि चीनी जासूसी जहाज पिछले साल श्रीलंकाई धरती पर उतरा था, जिसके बाद चीनी जहाज पर भारत की जासूसी करने के आरोप भी लगे थे। चीन ने इस बार मालदीव के सहारे भारत पर निशाना साधने की कोशिश की है।

चीन के पास रिसर्च और जासूसी क्षेत्रों में जहाजों का सबसे बड़ा बेड़ा है, जिसके बारे में विशेषज्ञों का मानना ​​है कि यह वैज्ञानिक और सैन्य दोनों उद्देश्यों की पूर्ति करने में सक्षम है। रिपोर्ट के अनुसार, चीनी पोत जियांग यांग होंग 03 "हिंद महासागर क्षेत्र में प्रवेश कर रहा है और माले की ओर कदम बढ़ा चुका है। उधर, मालदीव ने भी पुष्टि कर दी है कि चीनी जहाज को उसने अपने क्षेत्र में आने की इजाजत दे दी है। मालदीव ने आधिकारिक बयान में कहा कि मित्र राष्ट्र चीन का उसके क्षेत्र में स्वागत है। उधर, हिन्द महासागर में चीन की उपस्थिति ने भारत की चिंता बढ़ा दी है।

चीनी जहाज कब निकला और कब पहुंचेगा मालदीव

शिपस्पॉटिंग पोर्टल Marinetraffic.com के आंकड़ों के अनुसार , जियांग यांग होंग 03 पोत 16 जनवरी को चीनी बंदरगाह से माले के लिए रवाना हुआ था। वर्तमान में जावा सागर में मंडराते हुए जहाज के 8 फरवरी के आसपास मालदीव पहुंचने की उम्मीद है, हालांकि उम्मीद यह भी है कि जहाज 30 जनवरी तक भी पहुंच सकता है। 

हालांकि इस बात की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं है कि भारत ने चीन के जासूसी जहाज की यात्रा पर मालदीव के साथ आपत्ति व्यक्त की है या नहीं, लेकिन नई दिल्ली सरकार ने पहले भी ठोस कदम उठाए थे, जब चीनी जहाज ने पड़ोसी देश श्रीलंका का दौरा किया था। रक्षा सूत्रों का कहना है कि भारतीय नौसेना जहाज की गतिविधि पर नजर रख रही है।

महिला प्रीमियर लीग का शेड्यूल जारी, 23 फरवरी से शुरू होगा टूर्नामेंट,मुंबई इंडियंस और दिल्ली कैपिटल्स के बीच पहला मुकाबला

वुमेंस प्रीमियर लीग के दूसरे सीजन के शेड्यूल का इंताजर सभी फैंस काफी बेसब्री के साथ कर रहे थे।इनका ये इंतजार खत्म हो गया है।वुमेंस प्रीमियर लीग के दूसरे सीजन के शेड्यूल को जारी कर दिया गया है। जिसमें टूर्नामेंट का पहला मुकाबला 23 फरवरी को मुंबई इंडियंस और दिल्ली कैपिटल्स महिला टीमों के बीच खेला जाएगा।

फाइनल मुकाबला 17 मार्च को

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) की तरफ से जारी किए गए शेड्यूल जो क्रिकबज की रिपोर्ट के अनुसार है उसमें इस सीजन का दूसरा मैच रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर और यूपी वॉरियर्ज के बीच खेला जाएगा। वहीं दूसरे सीजन का फाइनल मुकाबला जहां 17 मार्च को खेला जाएगा तो वहीं 15 मार्च को एलिमिनेटर मैच होगा, जिसमें दोनों ही मैच दिल्ली में ही खेले जाएंगे।

फाइनल सहित कुल 22 मुकाबले खेले जाएंगे

5 टीमों के इस टूर्नामेंट में फाइनल सहित कुल 22 मुकाबले खेले जाएंगे, जिसमें बेंगलुरु और दिल्ली दोनों जगहों पर 11-11 मैच खेले जाएंगे। इसमें 23 फरवरी से 4 मार्च तक बेंगलुरु के मुकाबले होंगे तो वहीं 24 दिन तक पूरा टूर्नामेंट खेला जाएगा। इस बार वुमेंस प्रीमियर लीग के सभी मुकाबले भारतीय समयानुसार शाम 7:30 पर शुरू होंगे।

पिछले साल की तरह कुल पांच टीमें 22 मैच खेलेंगी। हालांकि, इस बार एक बड़ा बदलाव देखने को मिला है। दरअसल, पिछले साल यह लीग मुंबई और नवी मुंबई के दो स्टेडियम में खेला गया था। हालांकि, इस बार इस लीग की मेजबानी मुंबई के इतर बेंगलुरु और दिल्ली को दी गई है।इसके मुकाबले बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम और दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम में खेले जाएंगे। दोनों मैदानों को 11-11 मैचों की मेजबानी मिली है।

*जब अयोध्या में हो रहा था प्राण प्रतिष्ठा, जामिया मिलिया इस्लामिया परिसर में लगे बाबरी मस्जिद समर्थक नारे*

दिल्ली का जामिया मिलिया इस्लामिया का विवादों से पुराना नाता है। एक बार फिर से जामिया चर्चा में हैं। एक तरफ जहां 22 जनवरी को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का समारोह हो रहा था। देशभर में जश्न मनाया जा रहा था। इस बीच दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया में बाबरी मस्जिद के समर्थन में नारे लग रहे थे।

उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के खिलाफ जामिया मिलिया इस्लामिया के अंदर विरोध प्रदर्शन किया गया. यह जानकारी दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को दी.

दक्षिणपूर्व दिल्ली के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) राजेश देव ने कहा कि जानकारी मिली थी कि सोमवार शाम को ‘फ्रैटरनिटी मूवमेंट’ नामक एक समूह द्वारा परिसर के अंदर विरोध प्रदर्शन किया गया था, जिसका नेतृत्व लुबाबिब बशीर कर रहे हैं।उन्होंने कहा कि विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर एहतियाती तैनाती की गई है। परिसर के बाहर कोई विरोध प्रदर्शन नहीं किया गया। स्थानीय पुलिस परिसर के अंदर नहीं गयी। प्रसारित होने वाले वीडियो परिसर के अंदर के हैं।

यूनिवर्सिटी में ‘स्ट्राइक फॉर बाबरी’ जैसे नारे लगाए जाने का वीडियो सामने आया है। इसके बाद यूनिवर्सिटी के बाहर पुलिसकर्मियों को तैनात कर दिया गया है। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में दिख रहा है कि कुछ छात्र हाथ में पोस्टर लेकर नारेबाजी कर रहे हैं। कथित छात्र ‘बाबरी’ के समर्थन में नारे लगा रहे हैं। इसके अलावा कॉलेज प्रशासन ने छात्रों को वहां से हटाने की काफी कोशिश भी की।

दिल्ली पुलिस के अनुसार, कोई कार्रवाई शुरू नहीं की गई क्योंकि विरोध परिसर के अंदर हुआ था और पुलिस को कोई आधिकारिक शिकायत नहीं दी गई थी। विश्वविद्यालय इस मामले की आगे जांच कर रहा है। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि यूनिवर्सिटी के बाहर पुलिस कर्मियों की तैनाती एक एहतियाती कदम है। यह राम मंदिर प्रतिष्ठा समारोह और आगामी गणतंत्र दिवस के मद्देनजर किया गया है।

इस पूरे मामले पर युनिवर्सिटी प्रशासन का कहना था कि छात्रों को प्रोटेस्ट के शुरू होते ही वहां से हटा लिया गया था। इसके अलावा एग्जाम में भी किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं हुई। सब कुछ सही से हो गया। जामिया ने पहले हाफ में छुट्टी दे दी थी जिससे पहली शिफ्ट के एग्जाम पोस्टपोन हो गए थे। फिलहाल प्रशासन जांच कर रहा है।

*संसद की सुरक्षा में चूक के बाद केन्द्र का बड़ा फैसला, परिसर में तैनात होंगे सीआईएसएफ के 140 जवान*

पिछले साल दिसंबर में संसद की सुरक्षा में सेंध का मामला सामने आया था। जब कुछ लोग रंगीन धुएं के कनस्तरों के साथ लोकसभा और संसद परिसर में घुस गए थे। सुरक्षा की चूक मामले पर विपक्ष ने तब संसद में जमकर हंगामा किया था। अब इस मामले में केन्द्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है।सीआईएसएफ अब संसद के अंदर आने-जाने वाले गेस्ट की जांच करेगा।अगले हफ्ते से शुरू होने वाले संसद के बजट सत्र के दौरान संसद के अंदर आने और जाने वाले गेट की सुरक्षा सीआईएसएफ के जवान करेंगे।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि संसद परिसर में इसके लिए सीआईएसएफ के 140 जवानों की एक टुकड़ी तैनात की गई है।अगले हफ्ते 31 जनवरी से शुरू होने वाले बजट सत्र के दौरान आने वाले और उनके सामान की जांच के लिए नई व्यवस्था के तहत संसद परिसर के अंदर सीआईएसएफ के 140 जवानों की एक टुकड़ी तैनात की गई है।

गृह मंत्रालाय ने संसद की सुरक्षा का जिम्मा सीआईएसएफ को पिछले महीने 13 दिसंबर को संसद में हुई सुरक्षा उल्लंघन के मद्देनजर लिया है।13 दिसंबर को संसद पर हमले के बरसी के दिन कुछ लोग संसद भवन की दर्शक दीर्घा से सदन में कूद गए थे और उन्होंने रंगीन धुआं फैला दिया था। इस दौरान इन युवकों ने नारेबाजी भी की थी। इस घटना के बाद ही संसद की सुरक्षा की समीक्षा करते हुए विजिटर्स की जांच के लिए सीआईएसएफ को तैनात करने का फैसला लिया गया।

सीआईएसएफ नए और पुराने संसद भवन की हवाईअड्डे की तरह सुरक्षा प्रदान करेगा। संसद भवन में पहुंचनेवाले विजिटर्स और उनके सामानों की जांच एक्स-रे मशीनों, हैंड डिटेक्टर्स के माध्यम से की जाएगी। यहां तक कि जूते को स्कैन करने के भी इंतजाम किए गए हैं। भारी जैकेट और बेल्ट को एक ट्रे पर रखकर एक्स-रे स्कैनर से गुजारा जाएगा।

*असम में राहुल गांधी के खिलाफ दर्ज हुई एफआईआर, भड़के कांग्रेस सांसद ने हिमंत को बता डाला सबसे भ्रष्ट सीएम*

कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस की 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' असम में है। इस यात्रा को लेकर राज्य में विवाद देखने को मिल रहा है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं और असम पुलिस के बीच झड़प भी सामने आई हैं। इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पुलिस द्वारा लगाई गई बैरिकेडिंग तोड़ दी।इस पूरे मामले पर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने राज्य के डीजीपी को राहुल गांधी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया है।

राहुल गांधी ने एफआईआर को लेकर कहा, 'असम के मुख्यमंत्री जो कर रहे हैं उससे यात्रा को फायदा मिल रहा है। हमारा प्रचार हो रहा है। इस तरह मुख्यमंत्री और अमित शाह हमारी मदद कर रहे हैं। गांधी ने कहा कि यह डराने की कोशिश है, लेकिन हम डरने वाले नहीं हैं। लोग बोल रहे हैं कि जेपी नड्डा गुवाहाटी जा सकते हैं तो राहुल गांधी क्यों नहीं जा सकते? हिमंत देश के सबसे भ्रष्ट सीएम हैं। यहां काफी बेरोजगारी है।'

राहुल गांधी ने कहा कि हमें कमजोर मत समझना। हमने बैरिकेड तोड़ दिए हैं। कांग्रेस कार्यकर्ता किसी से नहीं डरते। पार्टी कार्यकर्ताओं को राहुल गांधी ने 'बब्बर शेर' बताया और बोले कि उन्होंने यूनिवर्सिटी में मेरा कार्यक्रम कैंसिल कर दिया, लेकिन छात्रों ने यूनिवर्सिटी के बाहर मेरी बात सुनी। हम असम में भाजपा को हराएंगे और जल्द ही कांग्रेस की सरकार बनाएंगे। राहुल गांधी ने पुलिस की भी तारीफ की। उन्होंने कहा कि हम जानते हैं कि पुलिस सिर्फ उन्हें मिले आदेशों का पालन कर रही है। हम आपके खिलाफ नहीं हैं। हम सीएम के खिलाफ हैं, जो भ्रष्ट हैं, हमारी लड़ाई उनसे है।

*मिजोरम में म्यांमार का सैन्य विमान हादसे का शिकार, रनवे से फिसला, 6 लोग जख्मी*

मिजोरम में एक बड़ा हादसा हुआ है। यहां के लेंगपुई हवाई अड्डे पर म्यांमार सेना का एक विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया है। इस हादसे में 6 लोग जख्मी हो गए हैं, जिनकी हालत गंभी बताई जा रही है। जानकारी के मुताबिक इस विमान में पायलट के साथ ही 14 अन्य लोग सवार थे। मिजोरम डीजीपी ने बताया कि सभी घायलों को लेंगपुई अस्पताल में भर्ती कराया गया है मौके पर राहत और बचाव कार्य जारी है।

मिजोरम के एक अधिकारी ने कहा, ‘विमान छोटे आकार का है, पायलट के साथ 14 लोग सवार थे, 6 घायल हो गए और छह सुरक्षित हैं। जातीय विद्रोही समूहों और लोकतंत्र समर्थक ताकतों द्वारा उनके शिविरों पर कब्जा कर लिए जाने के बाद अब तक लगभग 635 म्यांमार सैनिक मिजोरम भाग गए हैं। अधिकारियों ने बताया कि इनमें से 359 सैनिकों को पहले ही उनके देश वापस भेजा जा चुका है।

हादसा सुबह 10 बजकर 20 मिनट पर हुआ था। जब विमान लेंगपुई हवाई अड्डे पर लैंड कर रहा था उसी वक्त ये हादसा हुआ है। अधिकारियों के मुताबिक दुर्घटना इतनी भीषण थी कि विमान दो हिस्सों में बंट गया।बताया जा रहा है कि म्यांमार से विमान उन सैनिकों को वापस लेने के लिए भेजा गया था, जो देश छोड़कर पूर्वोत्तर राज्य में शरण लिए हुए हैं। दरअसल सत्ता संघर्ष की दौरान के म्यांमार के हालात बेहद खराब है। यही वजह है कि वहां के सैनिक अपनी जान बचाने के लिए मिजोलम भागकर आए थे।

*असम में कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प, ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा' रोके जाने के बाद बवाल*

#congress_bharat_jodo_nyay_yatra_rahul_gandhi_supporters_clash_with_police 

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी इन दिनों भारत जोड़ो न्याय यात्रा पर हैं। इस बीच मंगलवार को भारत जोड़ो न्याय यात्रा को गुवाहाटी में प्रवेश करने पर रोक लगा दी गई, जिसके बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जमकर बवाल काटा और प्रदर्शन किया। इस दौरान नाराज कार्यकर्ताओं ने बैरिकेड तोड़ दिए और राज्य सरकार के विरोध में जमकर नारेबाजी भी की।

इस मामले का जो वीडियो सामने आया है उसमें पुलिस के बैरिकेड नज़र आ रहे हैं, और इस पर कांग्रेस के कार्यकर्ता चढ़कर ‘राहुल गांधी ज़िदाबाद’ के नारे लगाते सुनाई दे रहे हैं। समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, यात्रा को गुवाहाटी में घुसने से रोका जा रहा है।0राहुल गांधी को पुलिस ने रोक दिया और उन्हें शहर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गई। इसके बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बैरिकेड तोड़ने की कोशिश की। कांग्रेस उस मार्ग में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे, जिसकी उन्हें अनुमति नहीं थी। इसके बाद देखते ही देखते पुलिस के साथ झड़प हो गई और पुलिस ने कुछ समर्थकों को लाठियों से खदेड़ा। इस दौरान राहुल गांदी बस के ऊपर खड़े रहे

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि असम के सीएम, गृह मंत्री और प्रधानमंत्री भले ही क़ानून तोड़ सकते हैं लेकिन कांग्रेस का कोई कार्यकर्ता क़ानून को नहीं तोड़ेगा। उन्होंने कहा, "मगर आप ये मत सोचिए कि हम लोग कमज़ोर हैं। कांग्रेस के कार्यकर्ता बब्बर शेर हैं। अपनी शक्ति को पहचानो।"

इससे पहले सोमवार को राहुल गांधी को असम पुलिस ने वैष्णव संत श्रीमंत देव की स्थली बटाद्रवा थान मंदिर जाने से रोक दिया गया था। इस घटना के बाद मीडिया से बात करते हुए राहुल गांधी ने कहा था, “हम मंदिर में जाने की कोशिश कर रहे हैं। हमें बुलाया गया था और अब हमें जाने नहीं दिया जा रहा है। लगता है आज सिर्फ़ एक ही व्यक्ति (पीएम नरेंद्र मोदी) मंदिर जा सकता है।”

क्या है प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना ? अयोध्या से लौटते ही पीएम मोदी ने किया ऐलान, बिजली बिल से मुक्त होंगे एक करोड़ घर !

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार (23 जनवरी) को अयोध्या से लौटने के कुछ घंटों बाद 'प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना' की घोषणा की। योजना के तहत एक करोड़ घरों की छत पर सोलर सिस्टम लगाए जाएंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए इसकी जानकारी दी है। 

उन्होंने लिखा है कि, 'विश्व के सभी भक्तों को सूर्यवंशी भगवान श्री राम के प्रकाश से सदैव ऊर्जा मिलती रहती है। आज अयोध्या में प्राण-प्रतिष्ठा के शुभ अवसर पर मेरा संकल्प और मजबूत हुआ कि भारत के सभी लोगों के घर की छत पर अपना सोलर रूफटॉप सिस्टम हो।' पीएम मोदी ने लिखा कि, अयोध्या से लौटने के बाद मैंने पहला निर्णय यह लिया है कि हमारी सरकार 1 करोड़ घरों पर रूफटॉप सोलर लगाने के लक्ष्य के साथ "प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना" शुरू करेगी। इससे न केवल गरीबों और मध्यम वर्ग का बिजली बिल कम होगा बल्कि भारत ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भी बनेगा।'

बता दें कि, प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना का सर्वाधिक फायदा गरीब और मध्यम वर्ग को मिलने वाला है। समाज के इस तबके को अब तक बिजली के बिल के रूप में अपनी आमदनी का बड़ा हिस्‍सा खर्च करना पड़ता है, साथ ही बीते कुछ सालों से देश में बिजली के मुद्दे पर राजनीति भी तेज हो गई है। राजनितिक दल, कभी मुफ्त बिजली, तो कभी कम दरों पर बिजली देने के मुद्दे पर आम लोगों को लुभाने की कोशिश करते रहे हैं। इस स्‍कीम के जरिये सरकार ऐसे मुद्दों पर राजनीति करने वालों को करारा जवाब दे सकती है। प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना की घोषणा करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने एक करोड़ घरों के रूफटॉप पर सोलर सिस्टम लगाने का लक्ष्य रखा है, हो सकता है आगे जाकर भारत के गरीब लोग बिजली बिलों से ही मुक्त हो जाएं। जल्‍द ही सरकार इसको लेकर एक रोडमैप जारी करने वाली है, जिसमे ये सोलर सिस्टम कहाँ लगेंगे, कैसे लगेंगे, कैसे आवेदन करना है, इसकी पूरी जानकारी होगी।

दुनिया का चौथा सबसे बड़ा स्टॉक मार्केट बना भारत, हांगकांग को छोड़ा पीछे, जानिए कब कब मिलती गई बढ़त

भारतीय शेयर बाजार हांगकांग को पछाड़कर वैश्विक स्तर पर चौथा सबसे बड़ा इक्विटी बाजार बन गया है। रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय एक्सचेंजों पर सूचीबद्ध शेयरों का संयुक्त मूल्य सोमवार (22 जनवरी) को बंद होने तक 4.33 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया, जबकि हांगकांग के लिए 4.29 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर था। 

भारत का शेयर बाजार पूंजीकरण 5 दिसंबर, 2023 को पहली बार 4 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर को पार कर गया, जिसमें से लगभग आधा पिछले चार वर्षों में आया था। शीर्ष तीन शेयर बाज़ार अमेरिका, चीन और जापान हैं। संचयी रूप से, पिछले 12 महीने उन निवेशकों के लिए शानदार रहे हैं, जिन्होंने भारतीय शेयरों में अपना पैसा लगाया है। हालांकि कुछ उथल-पुथल रही है, कैलेंडर वर्ष 2023 ने शेयर बाजार के निवेशकों को अच्छा मौद्रिक लाभांश दिया। 2023 में ही सेंसेक्स और निफ्टी में संचयी आधार पर 17-18 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। 2022 में उन्हें महज 3-4 फीसदी का फायदा हुआ। आंकड़ों से पता चलता है कि हांगकांग के बेंचमार्क हैंग सेंग इंडेक्स में पिछले साल की तुलना में संचयी रूप से 32-33 प्रतिशत की गिरावट आई है। 

वहीं, सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि का ठोस पूर्वानुमान, प्रबंधनीय स्तर पर मुद्रास्फीति, केंद्र सरकार के स्तर पर राजनीतिक स्थिरता, और संकेत है कि दुनिया भर में केंद्रीय बैंकों ने अपनी मौद्रिक नीति को कड़ा कर दिया है, जिसने भारत के लिए एक उज्ज्वल तस्वीर पेश की है, जिसे कई एजेंसियों ने सबसे तेज गति से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था करार दिया है। हाल ही में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) से धन के मजबूत प्रवाह ने भी शेयरों को अब तक के उच्चतम स्तर की ओर बढ़ने में मदद की है। विशेष रूप से, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने देश के शेयर बाजार में शुद्ध खरीदार बनकर फिर से भारत की ओर अपना ध्यान केंद्रित किया है। इस प्रक्रिया में, इसने भारतीय बेंचमार्क स्टॉक सूचकांकों को हाल ही में अपने सर्वकालिक उच्चतम स्तर का स्वाद चखने में मदद की।

भारत, जो पिछले साल सबसे अधिक आबादी वाला देश बन गया, ने खुद को चीन के विकल्प के रूप में स्थापित किया है, जो वैश्विक निवेशकों और कंपनियों से नई पूंजी आकर्षित कर रहा है, इसकी स्थिर राजनीतिक व्यवस्था और उपभोग-संचालित अर्थव्यवस्था के कारण जो सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक बनी हुई है। राष्ट्रों, ब्लूमबर्ग रिपोर्ट में कहा गया है। जैसे ही भारतीय शेयरों में तेजी आई, यह हांगकांग में एक ऐतिहासिक मंदी के साथ मेल खाता है, जहां चीन की कुछ सबसे प्रभावशाली और नवीन कंपनियां सूचीबद्ध हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, कड़े कोविड-19 प्रतिबंध, निगमों पर नियामक कार्रवाई, संपत्ति-क्षेत्र संकट और पश्चिम के साथ भू-राजनीतिक तनाव ने मिलकर दुनिया के विकास इंजन के रूप में चीन की अपील को खत्म कर दिया है। समाचार रिपोर्ट के अनुसार, हांगकांग में नई लिस्टिंग सूख गई है, एशियाई वित्तीय केंद्र प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) के लिए दुनिया के सबसे व्यस्त स्थानों में से एक के रूप में अपनी स्थिति खो रहा है। इसके अलावा, भारतीय शेयर सूचकांक मंगलवार को शुरुआती दौर में तेजी से कारोबार कर रहे थे और अपने सर्वकालिक उच्चतम स्तर से थोड़ा पीछे थे। बेंचमार्क सूचकांक-सेंसेक्स और निफ्टी-शनिवार के समापन से 0.7-0.8 प्रतिशत अधिक थे। व्यापक रूप से ट्रैक किए गए निफ्टी 50 शेयरों में से 39 में तेजी आई और बाकी 11 में शुरुआती गिरावट आई।