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कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न सम्मान देने की घोषणा पर अजय निषाद ने मोदी जी के प्रति कृतज्ञता प्रकट किया

बिहार के गुदड़ी के लाल को भारत रत्न सम्मान देने की घोषणा पर देश के पिछड़े और अति पिछड़े की ओर से माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के प्रति कृतज्ञता प्रकट करता हूँ :- अजय निषाद

लम्बे समय तक देश में कांग्रेस की सरकार रही, उसमें राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद शामिल रहे। किसी ने उनको सम्मान दिलाने की चिंता नहीं की। केवल कर्पूरी ठाकुर के नाम पर पिछड़े समाज का वोट लेने का काम किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में जब से केन्द्र में भाजपा की सरकार चल रही वंचित समाज के लिए चिंता की जा रही हैं। सबका साथ, सबका विकास व सबका विश्वास के मूल मंत्र को लेकर पीएम मोदी आगे बढ़ रहा हैं। माननीय प्रधानमंत्री जी ने भारत रत्न का यह सम्मान ना केवल जननायक कर्पुरी ठाकुर जी को ही दिया है बल्की समस्त पिछड़े और शोषितों के लिए काम करने वाले हर सामाजिक और राजनैतिक कार्यकर्ता का सम्मान किया है।

आने वाले दिन में पिछड़ा समाज इसको सदा कृतज्ञता से याद रखेगा।

लखनऊ मण्डल के मैजापुर स्टेशन पर एनआई कार्य के मद्देनजर ट्रेनों के परिचालन में बदलाव, जानिए पूरा डिटेल

हाजीपुर : रेलवे प्रशासन द्वारा यात्रियों की सुविधा एवं परिचालनिक सुगमता हेतु पूर्वोत्तर रेलवे के लखनऊ मण्डल के मैजापुर स्टेशन पर 24 एवं 25 जनवरी, 2024 को इलेक्ट्रानिक इण्टरलॉकिंग कार्य के लिये नन इण्टरलॉक कार्य किये जाने के कारण ट्रेनों के परिचालन में निम्नानुसार बदलाव किया गया है -

परिवर्तित मार्ग से चलायी जाने वाली ट्रेनें -

1. बरौनी से 24 एवं 25 जनवरी, 2024 को खुलने वाली 02563 बरौनी-नई दिल्ली स्पेशल परिवर्तित मार्ग छपरा-गाजीपुर सिटी-वाराणसी-बनारस-प्रयागराज जं0-कानपुर सेण्ट्रन के रास्ते चलाई जायेगी ।

2. नई दिल्ली से 24 एवं 25 जनवरी, 2024 को खुलने वाली 02564 नई दिल्ली-बरौनी स्पेशल परिवर्तित मार्ग कानपुर सेण्ट्रल-प्रयागराज जं0-बनारस-वाराणसी-गाजीपुर सिटी-छपरा के रास्ते चलाई जायेगी।

3. दरभंगा से 24 एवं 25 जनवरी, 2024 को खुलने वाली 02569 दरभंगा-नई दिल्ली स्पेशल परिवर्तित मार्ग छपरा-गाजीपुर सिटी-वाराणसी-बनारस-प्रयागराज जं0-कानपुर सेण्ट्रन के रास्ते चलाई जायेगी ।

4. नई दिल्ली से 24 एवं 25 जनवरी, 2024 को खुलने वाली 02570 नई दिल्ली-बरौनी स्पेशल परिवर्तित मार्ग कानपुर सेण्ट्रल-प्रयागराज जं0-बनारस-वाराणसी-गाजीपुर सिटी-छपरा के रास्ते चलाई जायेगी।

5. दरभंगा से 24 एवं 25 जनवरी, 2024 को खुलने वाली 12565 दरभंगा-नई दिल्ली एक्सप्रेस परिवर्तित मार्ग छपरा-गाजीपुर सिटी-वाराणसी-बनारस-प्रयागराज जं0- कानपुर सेण्ट्रन के रास्ते चलाई जायेगी ।

6. ग्वालियर से 24 जनवरी, 2024 को खुलने वाली 11123 ग्वालियर-बरौनी एक्सप्रेस परिवर्तित मार्ग कानपुर सेण्ट्रल-प्रयागराज जं0-बनारस-वाराणसी-औड़िहार-भटनी के रास्ते चलाई जायेगी।

7. बरौनी से 24 जनवरी, 2024 को खुलने वाली 11124 बरौनी-ग्वालियर एक्सप्रेस परिवर्तित मार्ग भटनी-औड़िहार-वाराणसी-बनारस-प्रयागराज जं0-कानपुर सेण्ट्रल के रास्ते चलाई जायेगी ।

आंशिक समापन/प्रारंभ कर चलायी जाने वाली ट्रेनें -

1. बरौनी से 23 एवं 24 जनवरी, 2024 को खुलने वाली 15203 बरौनी-लखनऊ जं0 एक्सप्रेस का गोण्डा में आंशिक समापन किया जायेगा ।

2. लखनऊ जं0 से 24 एवं 25 जनवरी, 2024 को खुलने वाली 15204 लखनऊ जं0-बरौनी एक्सप्रेस का लखनऊ जं0 के बजाए गोण्डा से आंशिक प्रारंभ किया जायेगा ।

पुनर्निर्धारित/नियंत्रित कर चलायी जाने वाली ट्रेनें -

1. कटिहार से 24 जनवरी, 2024 को खुलने वाली 15707 कटिहार-अमृतसर एक्सप्रेस कटिहार से 120 मिनट पुनर्निर्धारित कर चलाई जायेगी ।

2. गुवाहाटी से 24 जनवरी, 2024 को खुलने वाली 15653 गुवाहाटी-जम्मूतवी एक्सप्रेस रास्ते में 30 मिनट नियंत्रित कर चलाई जायेगी ।

हाजीपुर से संतोष तिवारी

सीएसपी लूट कांड का पुलिस ने किया खुलासा, घटना मे शामिल कुख्यात संदीप उर्फ राजा सहित चार शातिर को दबोचा

मुजफ्फरपुर : पुलिस ने साहेबगंज थाने क्षेत्र में हुई सीएसपी लूट कांड मामले का पर्दाफाश किया है।

वही पुलिस ने घटना में शामिल कुख्यात संदीप कुमार उर्फ राजा सहित चार शातिर बदमाशो को हथियार के साथ लूटी गई बाइक और लूटी गई लैपटॉप के साथ 5 कारतूस के साथ गिरफ्तार किया है। उक्त जानकारी एसएसपी राकेश कुमार ने दी है।

उन्होंने बताया कि गिरफ्तार लुटेरों का बड़े बड़े अपराधिक घटनाओं में शामिल होने की भूमिका रही है।

मुजफ्फरपुर से संतोष तिवारी

रेलवे संरक्षा आयुक्त ने नव दोहरीकृत काशीचक-वारिसलीगंज रेलखंड का किया निरीक्षण

हाजीपुर : सुवोमोय मित्रा, संरक्षा आयुक्त (रेलवे), पूर्वी सर्किल, कोलकाता द्वारा आज दिनांक 23.01.2024 को दानापुर मंडल के किऊल-गया दोहरीकरण परियोजना के अंतर्गत लगभग 10 किमी लंबे नव-दोहरीकृत काशीचक-वारिसलीगंज रेलखंड का निरीक्षण किया गया । साथ ही संरक्षा आयुक्त (रेलवे) द्वारा विशेष ट्रेन से सफलतापूर्वक स्पीड ट्रायल भी किया गया।

संरक्षा आयुक्त की अनुमति प्राप्त होते ही नव-दोहरीकृत रेलखंड पर ट्रेनों का आवागमन शुरू हो जाएगा। इस अवसर पर दानापुर मंडल के मंडल रेल प्रबंधक श्री जयंत कुमार चौधरी तथा आरवीएनएल, निर्माण विभाग तथा दानापुर के उच्चाधिकारीगण भी उपस्थित थे ।

विदित हो कि काशीचक-वारिसलीगंज नव-दोहरीकृत रेलखंड दानापुर मंडल के अंतर्गत लगभग 1200 करोड़ रूपए की लागत वाली किऊल-गया दोहरीकरण परियोजना का भाग है।

किऊल-गया परियोजना के तहत् लगभग 124 किलोमीटर दोहरीकरण का कार्य किया जा रहा है। इस परियोजना के तहत अब तक लगभग 88 किमी रेलखंड का दोहरीकरण का कार्य पूरा किया जा चुका है तथा इस दोहरीकरण परियोजना के तहत शेष बचे वारसलीगंज-नवादा (19.13 किमी) तथा नवादा-तिलैया (17.32 किमी) रेलखंड के दोहरीकरण का कार्य तीव्र गति से किया जा रहा है।

इस परियोजना के पूरा हो जाने के बाद किउल-गया रेलखंड में ट्रेनों की गति में वृद्धि होगी और क्षेत्र के औद्योगिक विकास में गति आएगी ।

हाजीपुर से संतोष तिवारी

महाप्रबंधक अनिल कुमार खंडेलवाल की पहल से रेलकर्मियों की लंबित समस्याओं का हो रहा निराकरण

हाजीपुर : महाप्रबंधक अनिल कुमार खंडेलवाल रेलकर्मियों की समस्याओं के निराकरण के लिए व्यक्तिगत रूप से रूचि ले रहे हैं । इसी क्रम में आज मुख्यालय, हाजीपुर में महाप्रबंधक ने कुछ रेलकर्मी/उनके आश्रित से मुलाकात की तथा उनकी समस्याओं से अवगत हुए ।

महाप्रबंधक ने विस्तारपूर्वक उनकी समयाओं को सुना तथा संबंधित विभागों को प्राप्त शिकायतों पर त्वरित कार्यवाही करते हुए निर्धारित समय सीमा में केस निष्पादन के निर्देश दिए। इस अवसर पर कार्मिक विभाग के अधिकारी सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।

विदित हो कि रेल से जुड़े स्टेक होल्डर की समस्याओं के निष्पादन के उद्देश्य से उनकी समस्याओं के समाधान के लिए महाप्रबंधक से मुलाकात हेतु प्रत्येक मंगलवार को निर्धारित किया गया है । इसके लिए रेलकर्मी अपना नाम पूर्व में कार्मिक विभाग में रजिस्टर्ड करवाकर मंगलवार को महाप्रबंधक से मुलाकात कर अपनी समस्याएं उनके सामने रख सकते हैं ।

महाप्रबंधक के इस पहल से रेलकर्मियों में काफी हर्ष है । कर्मचारी कल्याण के प्रति महाप्रबंधक की यह पहल रेलकर्मियों को और अधिक निष्ठा के साथ कार्य निष्पादन हेतु प्रेरक का काम करेगा ।

हाजीपुर से संतोष तिवारी

मिलने आये व्यवसायियों के प्रतिनिधिमंडल से बोलें सीएम नीतीश कुमार, बिहार को विकसित राज्यों की श्रेणी में लाने के लिए लक्ष्य के साथ करें काम

डेस्क : बीते सोमवार को व्यवसायियों के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की। इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने व्यवसायियों से कहा है कि वे सभी बिहार को विकसित राज्यों की श्रेणी में लाने के लक्ष्य के साथ काम करें। 

इस दौरान प्रतिनिधिमंडल के सभी सदस्यों ने मुख्यमंत्री के नेतृत्व में अपनी आस्था व्यक्त की और व्यवसायी समाज के उत्थान और सम्मान के लिए उनके की ओर से किए गए कार्यों के लिए उनके प्रति आभार जताया। 

जदयू व्यावसायिक एवं उद्योग प्रकोष्ठ के संयोजक ललन कुमार सर्राफ के नेतृत्व में वैश्य समाज के विभिन्न क्षेत्रों में प्रतिष्ठित लोगों का प्रतिनिधिमंडल सीएम से एक अणे मार्ग स्थित उनके कार्यालय में मिला। ये सभी उन एक हजार लोगों में शामिल हैं, जिन्होंने जदयू व्यावसायिक एवं उद्योग प्रकोष्ठ की ओर से 20 एवं 21 जनवरी को जदयू मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम में पार्टी की सदस्यता ली थी। 

मुख्यमंत्री से मिलने वालों में कंचन गुप्ता, यूपी गुप्ता, सुरेश साहू, संतोष गुप्ता, मृदुला कुमारी, राजन गुप्ता, विनोद गुप्ता, भीमसेन प्रसाद गुप्ता, विनोद साह, शंभू कुमार, रंजीत कुमार गुप्ता, अरुण साह, नवीन उर्फ नगीना चैरसिया, नीरज चैरसिया, सुनील कुमार सिन्हा, एनपी प्रियदर्शी, अभिनंदन कुमार एवं सिद्धार्थ कुमार चैरसिया शामिल हैं।

ठंड में स्कूलों को बंद रखने को लेकर शिक्षा विभाग और पटना डीएम मे ठनी, जिलाधिकारी ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक को लिखा कड़ा पत्र

डेस्क : इस कड़ाके की ठंड में स्कूलों को खोलने के शिक्षा विभाग के आदेश को लेकर शिक्षा विभाग और पटना जिलाधिकारी के बीच ठन गई। पटना के डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह स्कूलों को बंद रखने पर अड़ गए हैं। डीएम 23 जनवरी तक आठवीं कक्षा के स्कूलों को बंद रखने के अपने आदेश पर कायम हैं। माध्यमिक शिक्षा निदेशक को उन्होंने इस संबंध में कड़ा पत्र लिखा है।

डीएम ने अपने पत्र में कहा है कि कड़ाके की ठंड के मद्देनजर आठवीं तक स्कूल बंद किए गए हैं। स्कूल बंद करने से पहले शिक्षा विभाग की अनुमति लेने का कोई प्रावधान नहीं है।

माध्यमिक शिक्षा निदेशक को भेजे जवाबी पत्र में जिलाधिकारी ने कहा है कि पटना जिले में शीतदिवस की स्थिति और कम तापमान के हालात बने हुए हैं। इसके मद्देनजर दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत जिले में आठवीं तक के सभी निजी और सरकारी स्कूलों के साथ आंगनबाड़ी केंद्र और कोचिंग संस्थान को भी बंद किया गया है। धारा 144 के तहत ऐसे मामले में जिलाधिकारी के पास कार्रवाई करने के लिए पर्याप्त आधार हैं। इस आदेश की अवहेलना या उल्लंघन करने पर भारतीय दंड संहिता की धारा 188 में दंडात्मक कार्रवाई करने का भी प्रावधान है।

गौरतलब है कि माध्यमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव ने सोमवार को ही पटना डीईओ को पत्र लिखा। इसमें उन्होंने पटना के सभी स्कूलों को खुला रखने का निर्देश दिया। कहा कि पटना डीएम ने स्कूलों को 23 जनवरी तक बंद करने का आदेश जारी किया है। जबकि,अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने 20 जनवरी को पत्र जारी कर कहा था कि किसी भी स्कूल को बंद करने के पूर्व विभागीय अनुमति जरूरी है। पटना जिलाधिकारी के स्कूलों को बंद रखने के निर्णय पर नाराजगी जताते हुए विभाग ने इसके विपरीत आदेश जारी किया है।

अयोध्या में रामलला के दर्शन के लिए लगा भक्तों रेला, बढ़ती भीड़ के बीच फिलहाल रोकी गई एंट्री, मुख्य पुजारी ने किया भक्तों से धैर्य रखने का अनुरोध

#ram_mandir_ayodhya_devotees_flood 

अयोध्या में राम मंदिर बन चुका है और इसके गर्भ गृह में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा संपन्न हो गई है।अयोध्या में राम मंदिर बनने के बाद से भक्त अपने आप को दर्शन करने से रोक नहीं पा रहे हैं। हालत ऐसी है कि हजारों की संख्या में भक्त राम मंदिर के मुख्य द्वार पर इतवने कड़ाके की ठंड में भी सुबह 3 बजे से ही डेरा जमाने पहुंच चुके हैं। भक्त प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद पहली सुबह पूजा करने और श्री राम लला के दर्शन करने के लिए सुबह बड़ी संख्या में एकत्र हुए हैं।सुबह 7 बजे शुरू हुए दर्शनों के बाद भीड़ इतनी बढ़ गई कि वह उसे मैनेज कर पाने में दिक्‍कत आ रही थी, नतीजतन पैरा मिलिट्री फोर्स को भी यहां व्‍यवस्‍था में लगाया गया है। करीब पौने नौ बजे मंदिर महतें प्रवेश बंद कर दिया गया, लेकिन बाहर निकलने का रास्‍ता खोला रखा गया। बैरिकेटिंग लगाकर रास्ते को बंद किया गया है। सिर्फ बाहर जाने दिया जा रहा है। फिलहाल अंदर जाने का रास्ता बंद है।

रामलला के दर्शन के लिए भारी भीड़ उमड़ी है। इसको देखते हुए मंदिर में एंट्री को रोक दिया गया है। एडीजी जोन पीयूष मोडिया भारी भीड़ को देखते हुए सड़कों पर उतरे। हाइवे पर वाहनों की एंट्री पर रोक लगा दी गई है। एडीजी जोन ने भक्तों से अनुरोध किया है कि भारी भीड़ को लेकर शांति बनाए रखेंगे। रामलला के दर्शन के लिए अपनी बारी का इंतजार करें। अयोध्या में नो एंट्री पर रोक लगाई गई है। हाइवे पर बैरिकेडिंग कराया गया है। पुलिस बल को सुरक्षा में लगा दिया गया है।

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद भक्त बड़ी संख्या में अपने आराध्य का दर्शन करने पहुंच गए हैं। रात 10 बजे मंदिर का पट बंद होने के बाद भी लोगों की भीड़ मंदिर परिसर से हटने का नाम नहीं ले रही थी। सुबह 3 बजे से ही लोग दर्शन के लिए मंदिर पहुंचे। श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने भक्तों से धैर्य रखने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि अभी अयोध्या में जिस प्रकार की भीड़ है, उसमें एक दिन में सभी भक्तों को रामलला का दर्शन कराना संभव नहीं हो पाएगा।

एलन मस्क ने की संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद में भारत को स्‍थायी सदस्‍यता की वकालत, बोले-ताकतवर देश नहीं चाहते पावर छोड़ना

#elon_musk_supported_india_permanent_membership_in_unsc 

भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनने की कवायद में काफी समय से जुटा है। कई वैश्विक नेता भी भारत के संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनाए जाने के पक्ष में हैं। इसी बीच दुनिया के सबसे अमीर आदमी एलन मस्क ने भी भारत की वकालत की है। टेस्‍ला और स्‍पेसएक्‍स कंपनी के मालिक मस्‍क ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश है और उसे संयुक्‍त राष्‍ट्र में स्‍थायी सदस्‍यता न देना हास्‍यास्‍पद है। 

अफ्रीका को संयुक्‍त राष्‍ट्र की स्‍थायी सदस्‍यता देने की मांग को लेकर संयुक्‍त राष्‍ट्र महासचिव एंटोनियो गुटरेस के एक ट्वीट के जवाब में पूछे गए एक सवाल के जवाब में एलन मस्‍क ने यह बड़ा बयान दिया है। उन्‍होंने कहा कि हमें संयुक्‍त राष्‍ट्र के निकायों में समीक्षा की जरूरत है। इतना ही नहीं, उन्होंने स्थायी सदस्यों को भी फटकार लगाई।

टेस्ला और स्पेसएक्स के मालिक एलन मस्क ने अपने सोशल मीडिया मंच एक्स पर कहा, संयुक्त राष्ट्र निकायों में संशोधन की आवश्यकता है। समस्या यह है कि जिनके पास अधिक शक्ति है वे इसे छोड़ना नहीं चाहते। धरती पर सबसे अधिक आबादी वाला देश होने के बावजूद भारत को सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट न मिलना बेतुका है। मेरे विचार में अफ्रीका को सामूहिक रूप से एक स्थायी सीट भी मिलनी चाहिए।

एलन मस्क का यह बयान ऐसे वक्त में आया है, जब संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष भारत आए हैं। संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष डेनिस फ्रांसिस अभी पांच दिवसीय यात्रा पर भारत में हैं और ऐसी संभावना जताई जा रही है कि भारत सुरक्षा परिषद में सुधार के लिए कदम उठाने को लेकर इस दौरान उन पर दबाव बनाएगा।

हाल ही में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद में स्‍थायी सदस्‍यता को लेकर बड़ा बयान दिया था। जयशंकर ने कहा था, 'दुनिया कोई भी चीज आसानी से नहीं देती है, कभी कभी लेना भी पड़ता है।'

सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर विशेषःआज भी बरकरार है नेताजी की मौत का रहस्य, क्या गुमनामी बाबा ही थे नेताजी?

#subhashchandrabosebirthanniversary 

क्या नेताजी सुभाष चंद्र बोस और गुमनामी बाबा एक ही शख्स थे? क्या नेताजी ने ही गुमनामी बाबा बनकर अपनी ज़िंदगी के आखिरी वक्त फैजाबाद में गुमनाम ज़िंदगी के तौर पर गुज़ारी थी? ऐसे कई सवाल है जिनपर अभी भी पर्दा पड़ा है, जिनके जवाब आज दशकों बाद भी तलाशे जा रहे हैं।नेताजी की मौत का रहस्य अब भी बरकरार है।

नेताजी को लेकर दावे

क्या नेताजी की मौत 1945 में प्लेन क्रैश में ही हुई थी? इसको लेकर देश विदेश में लगातार खोज चल रही है। कई लोगों का मानना था कि नेताजी जी की मौत प्लेन क्रैश में नहीं हुई। नेताजी गुमनामी बाबा के नाम से यूपी में 1985 तक रह रहे थे। नेताजी पर रिसर्च करने वाले बड़े-बड़े विद्वानों का मानना है कि गुमनामी बाबा ही नेताजी सुभाषचंद्र बोस थे।

ना तो मृत्यु का प्रमाण, ना ही कोई तस्वीर

दरअसल गुमनामी बाबा की मौत से पहले उनकी ज़िंदगी एक तरह से गुमनाम सी ही थी। गुमनामी बाबा बेहद रहस्यमयी तरीके से रहा करते थे।आम लोग उनका चेहरा तक नहीं देख पाते थे। थोड़े-थोड़े वक्त पर किराए का घर बदलते रहते थे।यहां तक कि उनके निजी सेवक भी हर कुछ महीने में बदल जाते थे। यहां तक तो तब भी ठीक था,लेकिन शक और सवाल उठने लगे गुमनामी बाबा की मौत के दो दिन बाद।

गुमनामी बाबा आखिरकार 1983 में फैजाबाद में राम भवन के एक आउट-हाउस में बस गए, जहां कथित तौर पर 16 सितंबर, 1985 को उनका निधन हो गया और 18 सितंबर को दो दिन बाद उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया।अजीब बात है, इस बात का कोई प्रमाण नहीं है कि वास्तव में उनका निधन हुआ है। शव यात्रा के दौरान कोई मृत्यु प्रमाण पत्र, शव की तस्वीर या उपस्थित लोगों की कोई तस्वीर नहीं है। कोई श्मशान प्रमाण पत्र भी नहीं है।वास्तव में, गुमनामी बाबा के निधन के बारे में लोगों को पता नहीं था, उनके निधन के 42 दिन बाद लोगों को ये पता चला। उनका जीवन और मृत्यु, दोनों रहस्य में डूबा रहा पर कोई नहीं जानता कि क्यों।

विष्णु सहाय आयोग गुमनामी बाब की पहचान नहीं कर सकी

गुमनामी बाबा के विश्वासियों ने 2010 में अदालत का रुख किया था और उच्च न्यायालय ने उनका पक्ष लेते हुए उत्तर प्रदेश सरकार को गुमनामी बाबा की पहचान स्थापित करने का निर्देश दिया गया था। तत्कालीन अखिलेश यादव सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद गुमनामी बाबा की जांच रिपोर्ट के लिए जस्टिस विष्णु सहाय आयोग का गठन 2016 में किया। तीन साल बाद जस्टिस विष्णु सहाय आयोग ने अपनी रिपोर्ट यूपी विधानसभा में पेश की। रिपोर्ट में कहा गया है कि ‘गुमनामी बाबा’ नेताजी के अनुयायी थे, लेकिन नेताजी नहीं थे। इस रिपोर्ट को यूपी सरकार ने स्वीकार कर लिया है। 

इस रिपोर्ट को स्वीकार करते हुए यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने रिपोर्ट को सार्वजनिक करते हुए लिखा है, 'आयोग द्वारा गुमनामी बाबा उर्फ भगवान जी की पहचान नहीं की जा सकी। गुमनामी बाबा के बारे में आयोग ने कुछ अनुमान लगाए हैं। जैसे गुमनामी बाबा बंगाली थे, गुमनामी बाबा बंगाली, अंग्रेजी और हिंदी भाषा के जानकार थे। गुमनामी बाबा के राम भवन से बंगाली, अंग्रेजी और हिन्दी में अनेक विषयों की पुस्तकें प्राप्त हुई हैं। गुमनामी बाबा के स्वर में नेताजी सुभाषचंद्र बोस के स्वर जैसा प्राधिकार का भाव था। गुमनामी बाबा नेताजी सुभाषचंद्र बोस के अनुयायी थे। 

गुमनामी बाबा की मौत के बाद उनके नेताजी होने की बात फैली

कहते हैं जब गुमनामी बाबा की मौत के बाद उनके नेताजी होने की बातें फैलने लगीं तो नेताजी की भतीजी ललिता बोस कोलकाता से फैजाबाद आईं। फरवरी 1986 में, नेताजी की भतीजी ललिता बोस गुमनामी बाबा के कमरे में मिली वस्तुओं की पहचान करने के लिए फैजाबाद आई। पहली नजर में, वह अभिभूत हो गईं और यहां तक कि उन्होंने नेताजी के परिवार की कुछ वस्तुओं की पहचान की।

जो सामान गुमनामी बाबा के पास से मिला था।उसमें कोलकाता में हर साल 23 जनवरी को मनाए जाने वाले नेताजी के जन्मोत्सव की तस्वीरें थी।लीला रॉय की मौत पर हुई शोक सभाओं की तस्वीरें थी। नेताजी की तरह के दर्जनों गोल चश्मे थे। 555 सिगरेट और विदेशी शराब थी। सुभाष चंद्र बोस के माता-पिता और परिवार की निजी तस्वीरें भी थी। एक रोलेक्स की जेब घड़ी थी और आज़ाद हिंद फ़ौज की एक यूनिफॉर्म थी।सुभाष चंद्र बोस की मृत्यु की जांच के लिए बने शाहनवाज़ और खोसला आयोग की रिपोर्टें,सैकड़ों टेलीग्राम और पत्र आदि जिन्हें भगवनजी के नाम पर संबोधित किया गया था।

मुखर्जी आयोग भी रहा नाकाम

यही नहीं हाथ से बने हुए उस जगह के नक़्शे भी बरामद हुए थे, जहां नेताजी का विमान क्रैश हुआ था। गुमनामी बाबा की मौत के बाद सामान के साथ कुछ ऐसी बातें भी बाहर आईं जिनको लेकर लोगों को यकीन सा होने लगा था कि गुमनामी बाबा ही नेता जी थे। इसके बाद गुमनामी बाबा के ही नेताजी होने की जांच के लिए कई जगह प्रदर्शन हुए।इस मामले की जांच के लिए मुखर्जी आयोग का गठन किया गया। हालांकि ये साबित नहीं हो पाया कि गुमनामी बाबा ही नेता जी थे।