*हाल ही आईं वाईएस शर्मिला को कांग्रेस ने सौंपी पार्टी अध्यक्ष की कमान, क्या पार्टी के लिए साबित होंगी तुरुप का इक्का?*
#congress_appoints_ys_sharmila_party_chief_in_ap
आंध्र प्रदेश की कमान कांग्रेस ने वाईएस शर्मिला के हाथों में सौंप दी है। वाईएस शर्मिला आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की बहन हैं। पहले से ही ये माना जा रहा था कि कांग्रेस शर्मिला को आंध्र प्रदेश की कमान सौंप सकती है। बता दें, शर्मिला सीएम जगन मोहन रेड्डी की बहन हैं। हाल ही में उन्होंने कांग्रेस का दामन थामा है।आंध्र प्रदेश में जगन रेड्डी को सत्ता से सिंहासन तक पहुंचाने में वाईएस शर्मिला का अहम रोल रहा है, लेकिन सियासत आज ये भाई-बहन एक दूसरे के खिलाफ खड़े नजर आ रहे हैं।
आंध्र प्रदेश में तीन महीने के बाद लोकसभा के साथ ही विधानसभा चुनाव होने हैं, जिसे लेकर सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। कांग्रेस दस सालों से राज्य में सत्ता का बाहर है, लेकिन कर्नाटक और तेलंगाना की सत्ता पर काबिज होने के बाद आंध्र प्रदेश में भी उसे अपनी वापसी की उम्मीदें दिखने लगी है।कांग्रेस आंध्र प्रदेश में अपनी वापसी के लिए शर्मिला पर दांव लगाने की तैयारी में है। माना जा रहा है कि इसी मद्देनजर जी रुद्र राजू का प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा हुआ है ताकि शर्मिला की ताजपोशी चुनाव से पहले कर सियासी संदेश दिया जा सके। आंध्र प्रदेश कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष रूद्र राजू ने 15 जनवरी को अपने पद से इस्तीफा दिया था। ये इस्तीफा आलाकमान के इशारे पर हुआ था, क्योंकि पार्टी ने पहले ही शर्मिला की ताजपोशी की स्क्रिप्ट लिख दी थी।
वाई.एस. शर्मिला ने पिछले साल नवंबर में तेलंगाना में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान आखिरी वक्त पर कांग्रेस को अपना सपोर्ट दिया था। उन्होंने अपनी पार्टी के किसी भी प्रत्याशी को चुनाव में उतारने से इंकार कर दिया था। शर्मिला ने तब कहा था कि तमाम सर्वे और जमीनी हकीकत से पता चलता है कि राज्य में कांग्रेस चुनाव जीत रही है। ऐसी स्थिति में अगर उनकी पार्टी मैदान में उतरती है तो कांग्रेस के वोट कटेंगे और इसका फायदा बीआरएस को मिलेगा। इसलिए उन्होंने अपना समर्थन कांग्रेस को दे दिया था। इसके बाद से ही चर्चा थी कि वाई.एस. शर्मिला को कांग्रेस इसके बदले में कुछ बड़ा इनाम दे सकती है।
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे दिवंगत वाईएसआर रेड्डी की बेटी वाईएस शर्मिला हैं, जिन्हें हाल ही में अपनी पार्टी वाईएसआर तेलंगाना पार्टी का विलय कांग्रेस में कर दिया है। वाईएसआर रेड्डी के 2009 में निधन के बाद जगन रेड्डी के कांग्रेस के साथ मतभेद हो गए थे, जिसके चलते उन्होंने 2011 में वाईएसआर कांग्रेस का गठन किया। जगन रेड्डी ने वाईएसआर कांग्रेस की कमान संभाली जबकि अपनी बहन शर्मिला को राष्ट्रीय संयोजक नामित किया था।आय से अधिक संपत्ति के मामले में जगन रेड्डी जब जेल में थे तो शर्मिला ही मां के साथ मिलकर पार्टी की कमान संभाल रही थी। चंद्रबाबू नायडू सरकार के खिलाफ माहौल बनाने का काम शर्मिला ने ही किया। भाई जगन मोहन रेड्डी को सत्ता तक पहुंचाने के लिए बहन शर्मिला ने काफी मेहनत और मशक्कत की थी। 2019 के विधानसभा चुनाव में शर्मिला ने जमकर भाई के लिए प्रचार किया था, लेकिन जगन रेड्डी के सत्ता में आते ही रिश्तों में खटास आ गई। शर्मिला ने 2021 में वाईएसआर कांग्रेस छोड़ दी और अपनी अलग पार्टी बना ली
Jan 16 2024, 18:40