स्वामी विवेकानंद के ओजपूर्ण विचार हमेशा से युवाओं को प्रेरित करते रहे हैं : प्रधानाचार्य
गया : शहर के नैली रोड खटकाचक स्थित श्री शिक्षा निकेतन स्कूल में स्वामी विवेकानंद की जयंती राष्ट्रीय युवा उत्सव के रूप में मनाया गया। जहां इस मौके पर सबसे पहले प्रधानाचार्य पूनम सिन्हा ने उनके चित्र पर माल्यर्पण किया फिर दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया।
विद्यालय के सभी शिक्षक -शिक्षिकाओं के साथ बच्चों ने स्वामी विवेकानंद के चित्र पर पुष्पांजलि कर अपनी श्रद्धा सुमन अर्पित किया। इस मौके पर प्रधानाचार्य पूनम सिन्हा स्वामी विवेकानंद के जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि स्वामी जी हर वर्ष 12 जनवरी को युवाओं के प्रेरणास्त्रोत स्वामी विवेकानंद की जयंती मनाई जाती है। इस दिन को हमारे देश में राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में भी मनाया जाता है।
स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को कोलकता में पिता विश्वनाथ दत्त और माता भुवनेश्वरी देवी के घर हुआ था। स्वामी विवेकानंद का वास्तविक नाम नरेंद्र नाथ दत्त था। योग, राजयोग और ज्ञानयोग जैसे ग्रंथों की रचना करके स्वामी विवेकानंद ने युवा जगत को नई राह दिखाई स्वामी जी केवल एक संत ही नहीं बल्कि एक महान देशभक्त, दार्शनिक, वक्ता, विचारक और लेखक भी थे।
स्वामी विवेकानंद के ओजपूर्ण विचार हमेशा से युवाओं को प्रेरित करते रहे हैं। इसलिए साल 1985 में भारत सरकार ने स्वामी जी के जन्मदिन को राष्ट्रीय युवा दिवस के तौर पर मनाने का फैसला लिया। वह बेहद कम उम्र में विश्व विख्यात प्रभावशाली आध्यात्मिक गुरु बन गए थे। 1893 में अमेरिका के शिकागो में हुए विश्व धार्मिक सम्मेलन में उन्होंने जब भारत और हिन्दुत्व का प्रतिनिधित्व किया तो उनके विचारों से पूरी दुनिया उनका ओर आकर्षित हुई थी। हमे भी उनके द्वारा बताए गए मार्ग पर चलना चाहिये।
रिपोर्ट: मनीष कुमार
Jan 12 2024, 20:58