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जल जीवन मिशन : छत्तीसगढ़ के साढ़े 37 लाख घरों में मिल रहा है नल से जल, सीएम साय ने पीएम मोदी का जताया आभार

रायपुर-  हर घर तक स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल पहुंचाने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना जल जीवन मिशन की बदौलत अब राज्य के 75 प्रतिशत ग्रामीण घरों में नल का पानी पहुंच रहा है। छत्तीसगढ़ ने मिशन के अंतर्गत प्रदेश के 49 लाख 98 हजार 571 घरों में से अब तक 37 लाख 49 हजार 556 घरों में पाइपलाइन के जरिए पेयजल पहुंचाने का लक्ष्य पूर्ण कर लिया है, जो निर्धारित लक्ष्य के 75 प्रतिशत से अधिक है.

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और उप मुख्यमंत्री एवं लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री अरूण साव ने गांवों में सुरक्षित पेयजल पहुंचाने की इस महती मुहिम के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया है. उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन के अंतर्गत शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने के लिए प्रदेश में तेजी से कार्य किए जाएंगे. राज्य में मोदी की हर गारंटी को पूरा किया जाएगा.

उल्लेखनीय है कि राज्य में जल जीवन मिशन शुरू होने के पहले 15 अगस्त 2019 की स्थिति में केवल छह प्रतिशत यानि तीन लाख 19 हजार 741 ग्रामीण घरों में ही पाइपलाइन के जरिए जलापूर्ति होती थी. मिशन का काम शुरू होने के बाद अब यह 75 प्रतिशत तक पहुंच चुका है. प्रदेश के 19 हजार 663 गांवों में से 2827 गांवों में हर घर में नलों से पानी पहुंच रहा है. वहीं 16 हजार 736 गांवों में इस दिशा में तेजी से काम हो रहा है. घरों के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों के 43 हजार 974 स्कूलों, 41 हजार 719 आंगनबाड़ियों तथा 17 हजार 320 ग्राम पंचायतों व शासकीय अस्पतालों में नल का पानी पहुंच रहा है. यह ग्रामीण इलाकों में कुल स्कूलों, आंगनबाड़ियों तथा ग्राम पंचायतों व अस्पतालों का क्रमशः 95 प्रतिशत, 91 प्रतिशत और 68 प्रतिशत है.

पड़ोसी राज्य का धान खपा रहा था सरपंच, 171 कट्टा धान का अवैध परिवहन करते पकड़ाया

कवर्धा-   पड़ोसी राज्यों से सस्ती कीमत पर धान खरीदकर प्रदेश में खपाने की बिचौलियों की कोशिश को एक बार फिर जिला प्रशासन ने नाकाम किया है. कवर्धा ब्लॉक के भागूटोला सरपंच को 171 कट्टा धान का अवैध परिवहन करते पकड़ा है. 

प्रदेश में 1 नवंबर से धान खरीदी शुरू होने के साथ ही बिचौलिए भी सक्रिय हो गए हैं, जो पड़ोसी राज्यों से सस्ती कीमत पर धान लाकर छत्तीसगढ़ में खपाने का काम करते हैं. इसे रोकने जिला प्रशासन पड़ोसी राज्य की सीमा पर चेकपोस्ट लगाकर निगरानी कर रहा है. कबीरधाम जिला के मध्यप्रदेश सीमा से सटे होने के चलते यहां बिचौलिए ज्यादा सक्रिय हैं, जिन्हें पकड़ने के लिए समय-समय पर कार्रवाई की जाती है.

इस कड़ी में जिला प्रशासन ने कवर्धा ब्लॉक के भागूटोला सरपंच को 171 कट्टा धान का अवैध परिवहन करते पकड़ा है. आरोपी सरपंच अपनी ट्रेक्टर में 51 कट्टा और 407 वाहन में 120 कट्टा धान को सोसायटी में खपाने के लिए ले जा रहा था. खाद्य अधिकारी व कवर्धा तहसीलदार ने अपनी टीम के साथ घेराबंदी कर दोनों वाहन को पकड़ा, और धान की जब्ती पंचनामा बनाकर कृषि उपज मंडी को सौंप दिया है.

बताया जा रहा कि भागूटोला सरपंच अपने कृषि केंद्र की आड़ में अवैध धान कम कीमत में खरीद कर जनप्रतिनिधि होने का धौंस दिखाकर सोसायटी में बेच रहा था. मुखबिर ने प्रशासन को मामले की जानकारी दी, जिसके बाद अधिकारियों की टीम ने मौके पर पहुंच कर सभी धान को जब्त कर लिया है.

हसदेव अरण्य में ‘संजीवनी’ तलाश रही कांग्रेस: हार के बाद कांग्रेस को आयी कोल ब्लॉक के विरोध की याद, खनन कंपनी का दावा, अब तक किए गए 42 लाख पौधरोप

रायपुर-   छत्तीसगढ़ के हसदेव अरण्य में पेड़ों की कटाई को लेकर राजनीति तेज हो गयी है। काँग्रेस और भाजपा दोनों आरोप प्रत्यारोप में लगे हैं। यहाँ कोल ब्लॉक शुरू किए जाने को लेकर सरकार में रहते हुये अब तक चुप्पी साधी कॉंग्रेस अब विरोध में उतर आई है। ऐसा लगता है विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद अब आम चुनाव के लिए कॉंग्रेस हसदेव अरण्य में संजीवनी की तलाश में है। यही वजह है कि कॉंग्रेस के नेता अब मुखर होकर कोल ब्लॉक का विरोध कर रहे हैं।

विडंबना है कि हसदेव अरण्य में खोले जाने वाले परसा ईस्ट केते बासन कोल ब्लॉक की अनुमति केंद्र में कॉंग्रेस की सरकार द्वारा ही दी गयी थी। सबसे पहले इस खदान के लिए 1898.328 हे. वन भूमि के डायवर्सन की स्वीकृति 15/03/2012 को पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा दी गई, जब केंद्र में कॉंग्रेस की सरकार थी।

परसा ईस्ट केते बासेन कोल ब्लाक राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड, जयपुर (RRVUNL) को आबंटित किया गया।

राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड, जयपुर (RRVUNL) द्वारा कोल ब्लाक हेतु एम.डी.ओ. परसा केते कोल लिमिटेड (मेसर्स अदाणी इंटरप्राईजेस का उपक्रम) को नियुक्त किया गया है।

परसा ईस्ट केते बासन पर खनन पट्टा स्वीकृति, पर्यावरण स्वीकृति, वन व्यपवर्तन स्वीकृति, जैसे भी आवश्यक अनुमति प्राप्त करने के पश्चात, बिना किसी स्थानीय विरोध के वर्ष 2012 से खनन का कार्य प्रारंभ हुआ।

वहीं, परसा ईस्ट केते बासन फेज-2 के तहत 1136 हे. की स्वीकृति पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने 02/02/2022 को दी। वन भूमि डायवर्सन के लिए अंतिम चरण की स्वीकृति वन विभाग, छत्तीसगढ़ शासन द्वारा 25/03/2022 प्रदान की गई, जब राज्य में काँग्रेस की ही सरकार थी।

अब जब काँग्रेस विपक्ष में बैठ चुकी है, तब हसदेव अरण्य के रूप में वापसी के लिए एक मुद्दा नजर आ रहा है। भाजपा नेताओं द्वारा कॉंग्रेस पर दोमुंही राजनीतिक आचरण करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कांग्रेस पार्टी जिस हसदेव अरण्य को लेकर राजनीति कर रही है उसका पूरा पेपर कार्य कांग्रेस के समय में हुआ है और आज जब सत्ता से उतर गए तो पूरा ठीकरा भाजपा के ऊपर थोप रहे हैं। 23 जून 2022 को राजस्थान सरकार को वनमण्डल सरगुजा छत्तीसगढ़ द्वारा डीजीपीएस सर्वेक्षण रिपोर्ट उप मंडलाधिकारी उदयपुर एवं परिक्षेत्राधिकारी उदयपुर द्वारा सत्यापन किया गया तब छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार थी इससे स्पष्ट होता है कि कांग्रेस की सरकार ही कोयला उत्खनन के लिए परमिशन देना चाहती थी।

42 लाख पौध रोपण का दावा

परसा केते कोल लिमिटेड के अधिकारियों ने बताया कि कोयला खदान परियोजना अंतर्गत वन भूमि व्यपवर्तन के एवज में कुल 3822 क्षेत्र में वैकल्पिक वृक्षारोपण के तहत 42,04,200 पौधों का रोपण किया गया है। इसी तरह भारत सरकार, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, नई दिल्ली द्वारा अधिरोपित शर्तों के अनुसार डम्प तथा रिक्लेमेशन क्षेत्र में कुल 8,20,700 पौधों का रोपण किया गया है। इस तरह परियोजना अंतर्गत 50,24,900 वृक्ष का रोपण अब तक किया गया है। इसके अतिरिक्त माइन रिक्लेमेशन प्लान के अनुसार रिक्लेम की गई भूमि पर भी लगभग 1 लाख पौधे प्रति वर्ष लगाए जायेंगे।

स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 में सबसे स्वच्छ राज्यों की श्रेणी में छत्तीसगढ़ ने प्राप्त किया तृतीय पुरस्कार

रायपुर-    स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 में सबसे स्वच्छ राज्यों की श्रेणी में छत्तीसगढ़ ने तृतीय पुरस्कार प्राप्त किया। नई दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय व उप मुख्यमंत्री अरूण साव ने पुरस्कार ग्रहण किया।

गौरतलब है कि केन्द्रीय आसवन एवं शहरी मंत्रालय द्वारा विश्व का सबसे बड़ा स्वच्छ सर्वेक्षण देश में कराया जा रहा है। छत्तीसगढ़ राज्य ने स्वच्छता के क्षेत्र में कई उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की और राष्ट्रीय स्तर पर अवार्ड हासिल किए है। वर्ष 2017 में ही छत्तीसगढ़ ओडीएफ राज्य होने की गौरवपूर्ण उपलब्धि हासिल कर चुका है। इसके साथ ही राज्य में तीन लाख निजी शौचालयों का निर्माण पूरा कराये जाने की उपलब्धि भी राज्य ने हासिल की थी। राज्य में स्वच्छता के कार्य को आगे बढ़ाने के लिए 10 हजार स्वच्छता दीदियों के माध्यम से मिशन क्लीन सिटी शुरू की गई थी। स्वच्छता क्रियान्वयन के बेहतर परिणाम के चलते प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य को इंदौर में पुरस्कृत किया गया था।

स्वच्छता को लेकर जो नीतियां बनायी गई और कई परियोजनाएं शुरू की गई

छत्तीसगढ़ राज्य में वर्ष 2014 से 2017 के दौरान स्वच्छता को लेकर जो नीतियां बनायी गई और कई परियोजनाएं शुरू की गई थी, जिसके चलते राज्य में स्वच्छता को स्थायी तौर पर आगे बढ़ाने में मद्द मिली है। छत्तीसगढ़ राज्य द्वारा अभिनव प्रयोग करते हुए स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए सार्वजनिक और सामुदायिक शौचालयों का निर्माण के लिए सुविधा-24 योजना शुरू की गई। निर्मित सार्वजनिक एवं सामुदायिक शौचालयों के संचालन और संधारण के लिए स्वच्छता श्रृंगार योजना प्रारंभ की गई थी।

छत्तीसगढ़ में अब तक 91.07 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी, अन्नदाताओं को 20,208 करोड़ रुपये का हो चुका भुगतान

रायपुर-   छत्तीसगढ़ में खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 के तहत एक नवंबर 2023 से धान खरीदी का महाअभियान लगातार जारी है. राज्य सरकार द्वारा इस वर्ष मोदी जी की गारंटी के अनुरूप किसानों से 21 क्विंटल प्रति एकड़ के मान से धान की खरीदी की जा रही है. राज्य सरकार द्वारा अब तक किसानों से 91.07 लाख मीट्रिक टन धान की समर्थन मूल्य पर खरीदी की जा चुकी है. धान के एवज में किसानों को 20,208 करोड़ रुपये से ज्यादा राशि का भुगतान किया गया है.

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देशानुसार प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान विक्रय का लाभ पूर्व में धान बेच चुके किसानों को भी मिलेगा. इसका आशय यह है कि एक नवम्बर से अब तक पूर्व निर्धारित मात्रा के अनुरूप धान बेच चुके किसान, शेष मात्रा का धान, उपार्जन केन्द्र में 31 जनवरी तक बेच सकेंगे.

खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 में राज्य के किसानों से इस साल 21 क्विंटल धान की खरीदी 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से होने से किसानों को प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान बेचने पर 65,100 रुपये मिलेगा. इस प्रकार देखा जाए तो इस साल धान विक्रय पर किसानों को गत वर्ष की तुलना में 25,500 रुपये का अतिरिक्त लाभ होगा.

मार्कफेड के महाप्रबंधक दिलीप जायसवाल ने बताया कि 09 जनवरी 2024 के शाम तक की स्थिति में राज्य में समर्थन मूल्य पर अब तक 18 लाख 03 हजार 762 किसानों से 91 लाख 07 हजार 487 मीट्रिक टन धान की खरीदी की जा चुकी है. इसके एवज में किसानों को 20 हजार 208 करोड़ रुपये से ज्यादा राशि का भुगतान बैंक लिंकिंग व्यवस्था के तहत किया गया है. धान खरीदी के साथ-साथ कस्टम मिलिंग के लिए निरंतर धान का उठाव जारी है. अब तक 78 लाख 84 हजार 524 मीट्रिक टन धान के उठाव के लिए डीओ जारी किया गया है. जिसके विरूद्ध में मिलर्स द्वारा 56 लाख 67 हजार 325 मीट्रिक टन धान का उठाव किया जा चुका है. इस साल राज्य में 130 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी अनुमानित है.

छत्तीसगढ़ के 5 शक्तिपीठ चारधाम की तर्ज पर होंगे विकसित : रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के दिन प्रदेशभर के मंदिरों में होगी पूजा-अर्चना

रायपुर-  अयोध्या में श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह 22 जनवरी के ऐतिहासिक पल को यादगार बनाने के लिए छत्तीसगढ़ के सभी जिलों और ब्लॉक स्तर पर सभी प्रमुख मंदिरों में सुबह आरती और पूजा का आयोजन होगा. वहीं इस दिन शाम को गंगा आरती का आयोजन किया जाए. इस मौके पर राज्य के सभी शासकीय भवनों में आकर्षक रौशनी की व्यवस्था की जाए. से बातें संस्कृति मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने आज नया रायपुर अटल नगर स्थित महानदी भवन में संस्कृति और पर्यटन विभाग के कार्यों की समीक्षा के दौरान कही.

संस्कृति मंत्री अग्रवाल ने बैठक में विभागीय अधिकारियों को श्री रामलला दर्शन योजना में प्रदेशवासियों को अध्योया ले जाने के लिए व्यवस्थित और सुविधापूर्ण कार्ययोजना भी तैयार करने कहा. गौरतलब है कि आज आयोजित केबिनेट बैठक में प्रदेशवासियों को श्री रामलला के दर्शन कराने के लिए ‘श्री रामलला दर्शन योजना‘ प्रारंभ करने का निर्णय लिया गया है. इस योजना में 18 से 75 आयु वर्ग के लोगों को श्री रामलला के दर्शन के लिए अयोध्या की यात्रा करायी जाएगी.

संस्कृति मंत्री अग्रवाल ने उज्जैन और बनारस में बनाये गए भव्य कॉरीडोर की तर्ज पर राजिम मंदिर परिसर को विकसित करने के लिए भव्य कॉरीडोर निर्माण के बारे में अधिकारियों के साथ विस्तृत विचार-विमर्श किया. उन्होंने कहा कि राजिम मंदिर परिसर के भव्य आकर्षक और गरिमामय ढंग से विकसित करने के लिए कॉरीडोर बनाने कॉन्सेप्ट प्लान बनाने का काम शुरू किया जाए. राजिम कुंभ की तैयारियों और इसके व्यवस्थित आयोजन को लेकर अधिकारियों से चर्चा की और राजिम कुंभ के भव्य आयोजन के लिए पर्यटन, धर्मस्व और संस्कृति विभाग को मिलकर काम करने के निर्देश दिए.

संस्कृति मंत्री श्री अग्रवाल ने चारधाम यात्रा की तर्ज पर छत्तीसगढ़ के महत्वपूर्ण धार्मिक आस्था के केन्द्रों को शक्तिपीठ परियोजना के तहत विकसित करने कहा. उन्होंने यह भी कहा कि सूरजपुर के कुदरगढ़, चन्द्रपुर के चन्द्रहासिनी मंदिर, रतनपुर के महामाया मंदिर, डोंगरगढ़ के बम्लेश्वरी मंदिर और दंतेवाड़ा के दंतेश्वरी मंदिर में इस योजना के तहत विभिन्न सुविधाओं के विकास के लिए कार्ययोजना तैयार कर चरणबद्ध ढंग से सुविधाएं विकसित करने का काम किया जाए. उन्होंने अधिकारियों को गरियाबंद जिले के भूतेश्वर महादेव, जतमई घटारानी जलप्रपात, शिवमहापीठ, सिरकट्टी आश्रम और कोपरा के कोपेश्वर महादेव को ट्रॉयबल परिपथ के रूप में विकसित करने के निर्देश दिए.

राजधानी के पुरखौती मुक्तांगन में होगा पतंग उत्सव

संस्कृति मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा है कि राजधानी रायपुर के पुरखौती मुक्तांगन परिसर में मकर संक्रांति के दिन भव्य पतंग उत्सव का आयोजन किया जाए. इसके लिए राज्य के साथ-साथ अन्य राज्यों के भी पतंगबाजों को आमंत्रित किया जाए. पतंग महोत्सव को भव्य और आकर्षक रूप देने के लिए दर्शकों और आम नागरिकों के लिए लोक कलाकारों द्वारा गीत-संगीत का भी आयोजन किया जाए. बैठक में अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, पर्यटन विभाग के सचिव अन्बलगन पी., सचिव शिक्षा सिद्धार्थ कोमल परदेशी और संस्कृति विभाग के संचालक विवेक आचार्य सहित पर्यटन, धर्मस्व और संस्कृति विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे.

रायपुर की तर्ज पर राजनांदगांव में बनेगा नालंदा परिसर, विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह ने अफसरों को दिए निर्देश

रायपुर-   विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने आज राजनांदगांव के कलेक्टोरेट सभाकक्ष में वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट के लिए प्रस्तावित निर्माण कार्यों के संबंध में समीक्षा बैठक ली. विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि शुरूआती दौर में सभी विभागों से राजनांदगांव जिला एवं शहर के विकास एवं जनहित कार्यों के लिए प्रस्ताव पर चर्चा की गई है. उन्होंने सभी अधिकारियों से कहा कि जिम्मेदारीपूर्वक कार्य करें, जिसका परिणाम दिखाई देना चाहिए. शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल के निराकरण के लिए कलेक्टर को बैठक लेने के लिए निर्देशित किया. उन्होंने पेयजल की समस्या के समाधान तथा बजट में आवश्यकता अनुरूप प्रावधान करने प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि इसके लिए 6 माह की कार्ययोजना बना लें. धीरी परियोजना में संशय की स्थिति नहीं होना चाहिए. इसके लिए निर्णय लेते हुए कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए.

विधानसभा अध्यक्ष ने सड़कों के संबंध में प्राथमिकता तय करने के लिए कहा। जो सड़कें पहले से बनी हैं, उनके मरम्मत एवं रखरखाव का कार्य प्राथमिकता से करें. उन्होंने शहर में शराब, जुआ एवं अपराध पर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए सतत एवं सजग रहते हुए कार्य करें. उन्होंने जिले के विकास के लिए बजट में जो प्रावधान हो सकते हैं, उन्होंने उसके संबंध में निर्देशित किया. विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने राजनांदगांव शहर में रायपुर की तर्ज पर नालंदा परिसर बनाए जाने के लिए प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए. उन्होंने टेड़ेसरा में 33/11 केवी सब स्टेशन का कार्य शीघ्र पूर्ण करने के भी निर्देश दिए.

उन्होंने राजनांदगांव पेण्ड्री मेडिकल कॉलेज में सिटी स्कैन मशीन, एमआरआई मशीन एवं अन्य जीवन रक्षक उपकरण उपलब्ध कराने के निर्देश दिए तथा मेडिकल कालेज की आवश्यकता अनुरूप प्रस्ताव प्रस्तुत करने के लिए कहा. साथ ही उन्होंने बैडमिंटन कोर्ट में एलईडी लगाने के लिए प्रस्ताव प्रस्तुत करने के लिए कहा. कलेक्टर संजय अग्रवाल ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट के लिए प्रस्तावित निर्माण कार्यों के संबंध में जानकारी दी. इस अवसर पर पूर्व सांसद मधुसूदन यादव और पूर्व सांसद अभिषेक सिंह, खूबचंद पारख, संतोष अग्रवाल, सचिन बघेल, रमेश पटेल समेत अन्य जनप्रतिनिधि सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे.

ग्रामीण आजीविका मिशन : उप मुख्यमंत्री शर्मा ने ली पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की समीक्षा बैठक, अफसरों से कहा –

रायपुर-    राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत छत्तीसगढ़ में स्व सहायता समूह की महिलाओं को रोजगार और स्वरोजगार से जोड़कर उन्हें आजीविका के साधन उपलब्ध कराने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा. उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने मंत्रालय महानदी भवन में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को इस संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए. उन्होंने बैठक में अधिकारियों को विशेष पिछड़ी जनजाति के लिए स्वीकृत आवासों को समय-सीमा में पूर्ण कराने पर भी जोर दिया.

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों की आय में वृद्धि के लिए अधिक से अधिक संख्या में स्व सहायता समूह की महिलाओं को आजीविका मिशन से जोड़ा जाए. स्व सहायता समूह की महिलाओं को स्थानीय स्तर पर स्वरोजगार के नए-नए उद्यमों की जानकारी दी जाए तथा उन्हें बैंक ऋण उपलब्ध कराया जाए, जिससे उन्हें आजीविका चलाने में सुविधा मिल सके. बैठक में उन्होंने महात्मा गांधी नरेगा, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण, स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, प्रधानमंत्री जनमन योजना एवं अन्य विभागीय योजनाओं की समीक्षा की.

उप मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि विशेष पिछड़ी जनजातियों के समग्र विकास के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर प्रधानमंत्री जनमन योजना संचालित की जा रही है. योजना के तहत विशेष पिछड़ी जनजातियों के गांव में सर्वेकर पात्रतानुसार जनमन योजना का लाभ दिलाया जाए. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जनमन योजना का लाभ दिलाने के लिए ठोस रणनीति और अंर्तविभागीय समन्वय बनाकर तेजी से कार्यों को अंजाम दिया जाए. उन्होंने कहा कि विशेष पिछड़ी जनजाति के लिए स्वीकृत आवासों को तेजी से पूर्ण कराया जाए.

बैठक में प्रमुख सचिव निहारिका बारिक, भीम सिंह मुख्य कार्यपालन अधिकारी छग ग्रामीण संड़क विकास अभिकरण, रजत बंसल, आयुक्त महात्मा गांधी नरेगा एवं संचालक प्रधानमंत्री आवास योजना, रोक्तिमा यादव, संचालक पंचायत संचालनालय, पद्मिनी भोई साहू, मिशन संचालक रष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन एवं मिशन संचालक स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण), अशोक चौबे, संयुक्त सचिव एवं अपर आयुक्त मनरेगा, व्ही.पी.तिर्की, अपर विकास आयुक्त एवं अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे.

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का आमंत्रण ठुकराने पर डिप्टी सीएम साव बोले – कांग्रेस का वास्तविक चेहरा उजागर, मंत्री कश्यप बोले – ये वही लोग, जो राम

रायपुर- राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का आमंत्रण ठुकराने के कांग्रेस के फ़ैसले पर डिप्टी सीएम अरुण साव का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा, कांग्रेस का अब तक जैसा चरित्र रहा है. पहले भी मंदिर निर्माण पर रोड़े अटकाए हैं. यह कांग्रेस का वास्तविक चेहरा उजागर हुआ है.

वहीं कैबिनेट मंत्री केदार कश्यप ने कहा, भगवान श्री राम के मंदिर का निर्माण तारीख पूछने वालों ने आज आमंत्रण ठुकरा कर स्पष्ट कर दिया कि ये वही लोग हैं, जो राम के अस्तित्व पर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर रहे थे. सोनिया गांधी और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष खड़गे को 140 करोड़ भारतीय न सही कांग्रेस पार्टी में शामिल हिंदुओं के भावनाओं का सम्मान करना चाहिए.

गरीब अति पिछड़े जनजातीय परिवार को आत्मनिर्भर बनाने वाली ‘पीएम जन मन योजना’ पर नरेंद्र मोदी करेंगे पहाड़ी कोरवाओं से बात

जशपुर-  देश के विभिन्न राज्यों में गरीब अति पिछड़े जनजातीय परिवार के लोगों को आत्मनिर्भर बनाने वाली पीएम जन मन योजना को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 जनवरी को जशपुर जिले के 2 पहाड़ी कोरवाओं से वर्चुअल चर्चा करेंगे. प्रधानमंत्री से चर्चा को लेकर पहाड़ी कोरवा परिवार में उत्साह दिखाई दे रहा है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वर्चुअल चर्चा के लिए बगीचा विकास खंड का दूरस्थ कुटमा गांव का चयन किया गया है. यहां रहने वाले पहाड़ी कोरवाओं को सप्ताह भर से प्रत्येक बिंदु पर समझाइश दी जा रही है. कलेक्टर डॉ. रवि मित्तल ने बताया कि इसमें पीएम जन मन योजना से गरीब परिवार के लोगों को मिलने वाली 11 तरह की सेवाओं की विस्तृत जानकारी के अलावा शिक्षा और स्वास्थ्य से जुड़ी बातें भी बताई जा रही हैं.

जिले से विभिन्न विभागों की जानकारी के अलावा केंद्र से भी विशेष प्रशिक्षकों की टीम को यहां भेजा गया है. दिल्ली की प्रशिक्षक दीपिका शर्मा ने बताया कि पीएम जन मन योजना से गरीब परिवार के लोगों को आत्मनिर्भर बनाने की खातिर कुटमा गांव में ही वन धन केंद्र स्थापित किया जा रहा है. इस केंद्र में महुआ, बांस, तेन्दूपत्ता जैसी विभिन्न वनोपज को सरकारी दर से खरीदा जाएगा, जिसका व्यवसायिक उत्पाद तैयार कर उसके लाभ में भी संग्राहकों को भागीदार बनाया जाएगा.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से वर्चुअल मुलाकात को लेकर गांव के लोगों की खुशी का ठिकाना नहीं है. प्रधानमंत्री से चर्चा करने वाले दोनों पहाड़ी कोरवा परिवार के लोग काफी खुश हैं. इसके अलावा कुटमा गांव मे आऐ दिन जिले के विभिन्न विभागों के अधिकारी पहुंच कर सरकार की योजनाओं से जोड़ने के लिए तत्काल आवश्यक दस्तावेज तैयार कर रहे हैं.