बिजली कंपनी में आउटसोर्सिंग के जरिए काम करने वाले तकनीकी कामगारों के लिए खुशखबरी, मानदेय में होगी बढ़ोत्तरी
डेस्क : बिहार के बिजली कंपनी में आउटसोर्सिंग के जरिए काम करने वाले मानव बल (तकनीकी कामगारों) के लिए खुशखबरी है। जल्द ही उनके मानदेय मे बढ़ोत्तरी होगी। कामगारों का पैसा बढ़ाने के लिए बिजली कंपनी ने अधिकारियों की टीम गठित कर दी है। अगर बिजली कंपनी के नियमों का पालन हुआ तो कामगारों को वर्तमान की तुलना में 26 फीसदी तक अधिक मानदेय मिल सकता है। बिजली कंपनी के इस निर्णय से राज्य के 12 हजार से अधिक तकनीकी कामगारों को लाभ होगा।
कर्मचारी संघों ने उठाई थी आवाज
तकनीकी कामगारों को मिल रहे मानदेय पर कर्मचारी संघों ने आपत्ति जाहिर की थी। संघ का कहना था कि बिजली का काम जोखिम भरा होता है। काम करने के दौरान अब तक दर्जनों लोगों की मौत हो चुकी है।
जोखिम के कारण ही बिजली कंपनी में कार्यरत कर्मचारियों को बिहार सरकार के अन्य कर्मियों की तुलना में 20 फीसदी अधिक वेतन मिला करता है। इसके अलावा छह फीसदी इमरजेंसी भत्ता दिया जाता है। ऐसे में सड़क व भवन निर्माण के लिए तय होने वाली न्यूनतम मजदूरी को बिजली में काम करने पर कैसे लागू किया जा सकता है। इसलिए तकनीकी कामगारों को दिये जाने वाले मानदेय में कम से कम 26 फीसदी की वृद्धि की जाए। वैसे कर्मचारी संघ तकनीकी कामगारों को न्यूनतम 21 हजार देने की मांग कर रहा है।
गौरतलब है कि बिजली कंपनी अल्प समय के लिए आउटसोर्सिंग एजेंसी के जरिए तकनीकी कामगारों की सेवा लेती है। ये जूनियर लाइनमैन, लाइनमैन, अकुशल खलासी, स्वीच बोर्ड ऑपरेटर होते हैं। फ्यूज कॉल अटेंड करने के साथ ही ऑपरेशन व मेंटेनेंस करना इनका मुख्य काम होता है। वर्ष 2013 से ही ये कर्मी आउटसोर्सिंग एजेंसी के माध्यम से काम कर रहे हैं। इसके लिए हरेक डिविजन के लिए एजेंसी तय है। श्रम संसाधन विभाग की ओर से साल में दो बार न्यूनतम मानदेय में वृद्धि की जाती है। यही वृद्धि इन तकनीकी कामगारों पर लागू होती है। उस हिसाब से इन तकनीकी कामगारों को अभी हर महीने लगभग 12 से 15 हजार के बीच मानदेय मिल रहा है।
Jan 11 2024, 10:23