क्या 2024 के लिए राम मंदिर असल मुद्दा है?कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा ने पूछा बड़ा सवाल
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देश में अगले साल लोकसभा चुनाव होने वाले हैं। उससे पहले 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा है। इसमें पीएम मोदी भी शामिल होंगे। चुनावी साल में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा से राजनीति में गरमी बढ़ेगी और बीजेपी की ताकत भी बढ़ेगी।अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण बीजेपी के चुनावी वादों में से एक रहा है। अब जब यह जमीनी हकीकत बनेगा तो पार्टी इसे अपने एक पूरे किए गए वादे के तौर पर लोगों को बताएगी। यानी कुछ ही महीने बाद लोकसभा चुनाव होने हैं और पार्टी के लिए यह एक बड़ा मुद्दा रहेगा। इसको लेकर बीजेपी की रणनीति भी तैयार है। इस बीच वरिष्ठ कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा ने सवाल उठाया है, 'क्या राम मंदिर असली मुद्दा है या बेरोजगारी और मुद्रास्फीति?
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक उन्होंने कहा, 'मुझे किसी भी धर्म से कोई समस्या नहीं है। कभी-कभार मंदिर के दर्शन के लिए जाना ठीक है, लेकिन आप उसे मुख्य मंच नहीं बना सकते। 40 फीसदी लोग बीजेपी को वोट देते हैं और 60 फीसदी लोग बीजेपी को वोट नहीं देते। वह हर किसी के प्रधानमंत्री हैं, न कि किसी पार्टी और यही संदेश भारत के लोग उनसे चाहते हैं।
लोगों को तय करना होगा उन्हें तानाशाह चाहिए या लोकसेवक-पित्रोदा
इंडिन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि 2024 का चुनाव भारत के भविष्य के लिए अहम है। उन्होंने कहा कि भारतीयों को अब तय करना है कि वह कैसा राष्ट्र बनाना चाहते हैं। क्या उन्हें हिंदू राष्ट्र चाहिए या फिर समावेशी और स्थिर धर्मनिर्पेक्ष देश चाहिए। लोगों को तय करना होगा कि उन्हें तानाशाह चाहिए या फिर लोकसेवक। लोगों को अब तय करना होगा कि उन्हें धर्म के आधार पर बंटवारा चाहिए या एक लोकसेवक, जो सभी को साथ लेकर चले। क्या लोगों को डर फैलाने वाली सरकार चाहिए या फिर सुरक्षा प्रदान करने वाली सरकार, यह उन्हें ही तय करना होगा। 2024 का चुनाव देश के भविष्य के लिए होने जा रहा है न कि किसी व्यक्ति विशेष के भविष्य के बारे में।
जनता को तय करना है कि असली मुद्दे क्या हैं-पित्रोदा
पित्रोदा ने आगे कहा, आप बेरोजगारी पर बात कीजिए, आप महंगाई पर बात कीजिए, साइंस एंड टेक्नोलॉजी और जो चुनौतियां हैं उस पर बात कीजिए। उन्हें (जनता) तय करना है कि असली मुद्दे क्या हैं- क्या राम मंदिर असली मुद्दा है या बेरोजगारी असली मुद्दा है? क्या राम मंदिर असली मुद्दा है या महंगाई असली मुद्दा है? क्या राम मंदिर असली मुद्दा है या दिल्ली में वायु प्रदूषण असली मुद्दा है?
पीएम मंदिरों में समय बिता रहे हैं, इससे मुझे परेशानी होती है-पित्रोदा
इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष ने कहा, 2024 का चुनाव यह तय करेगा कि भारत भविष्य में क्या रास्ता अपनाएगा। मैं देख रहा हूं कि आज लोकतंत्र कमजोर हो गया है एक देश का पीएम 10 साल तक प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं करता, ये बात मुझे परेशान करती है'। उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री मंदिर में अधिक समय दे रहे हैं, यह मुझे परेशान करता है।
भारत और भारत सरकार की अलोचना में अंतर-पित्रोदा
राहुल गांधी द्वारा विदेशी जमीन पर देश के खिलाफ दिए गए बयानों और उस पर भाजपा के हमले के सवाल पर पित्रोदा का कहना है कि हम विदेश में भारत की आलोचना नहीं करते। हम भारत सरकार की आलोचना करते हैं। यह दोनों अलग-अलग चीजें हैं। भारत सरकार की आलोचना और भारत की आलोचना में भ्रमित नहीं होना चाहिए। भारत बहुत बड़ा है। भारत सबसे महत्वपूर्ण है।
Dec 27 2023, 18:54