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क्‍या 2024 के लिए राम मंदिर असल मुद्दा है?कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा ने पूछा बड़ा सवाल

#isramtemplerealissueorunemploymentandinflationsayssam_pitroda

देश में अगले साल लोकसभा चुनाव होने वाले हैं। उससे पहले 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा है। इसमें पीएम मोदी भी शामिल होंगे। चुनावी साल में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा से राजनीति में गरमी बढ़ेगी और बीजेपी की ताकत भी बढ़ेगी।अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण बीजेपी के चुनावी वादों में से एक रहा है। अब जब यह जमीनी हकीकत बनेगा तो पार्टी इसे अपने एक पूरे किए गए वादे के तौर पर लोगों को बताएगी। यानी कुछ ही महीने बाद लोकसभा चुनाव होने हैं और पार्टी के लिए यह एक बड़ा मुद्दा रहेगा। इसको लेकर बीजेपी की रणनीति भी तैयार है। इस बीच वरिष्ठ कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा ने सवाल उठाया है, 'क्या राम मंदिर असली मुद्दा है या बेरोजगारी और मुद्रास्फीति?

न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक उन्होंने कहा, 'मुझे किसी भी धर्म से कोई समस्या नहीं है। कभी-कभार मंदिर के दर्शन के लिए जाना ठीक है, लेकिन आप उसे मुख्य मंच नहीं बना सकते। 40 फीसदी लोग बीजेपी को वोट देते हैं और 60 फीसदी लोग बीजेपी को वोट नहीं देते। वह हर किसी के प्रधानमंत्री हैं, न कि किसी पार्टी और यही संदेश भारत के लोग उनसे चाहते हैं।

लोगों को तय करना होगा उन्हें तानाशाह चाहिए या लोकसेवक-पित्रोदा

इंडिन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि 2024 का चुनाव भारत के भविष्य के लिए अहम है। उन्होंने कहा कि भारतीयों को अब तय करना है कि वह कैसा राष्ट्र बनाना चाहते हैं। क्या उन्हें हिंदू राष्ट्र चाहिए या फिर समावेशी और स्थिर धर्मनिर्पेक्ष देश चाहिए। लोगों को तय करना होगा कि उन्हें तानाशाह चाहिए या फिर लोकसेवक। लोगों को अब तय करना होगा कि उन्हें धर्म के आधार पर बंटवारा चाहिए या एक लोकसेवक, जो सभी को साथ लेकर चले। क्या लोगों को डर फैलाने वाली सरकार चाहिए या फिर सुरक्षा प्रदान करने वाली सरकार, यह उन्हें ही तय करना होगा। 2024 का चुनाव देश के भविष्य के लिए होने जा रहा है न कि किसी व्यक्ति विशेष के भविष्य के बारे में।

जनता को तय करना है कि असली मुद्दे क्या हैं-पित्रोदा

पित्रोदा ने आगे कहा, आप बेरोजगारी पर बात कीजिए, आप महंगाई पर बात कीजिए, साइंस एंड टेक्नोलॉजी और जो चुनौतियां हैं उस पर बात कीजिए। उन्हें (जनता) तय करना है कि असली मुद्दे क्या हैं- क्या राम मंदिर असली मुद्दा है या बेरोजगारी असली मुद्दा है? क्या राम मंदिर असली मुद्दा है या महंगाई असली मुद्दा है? क्या राम मंदिर असली मुद्दा है या दिल्ली में वायु प्रदूषण असली मुद्दा है?

पीएम मंदिरों में समय बिता रहे हैं, इससे मुझे परेशानी होती है-पित्रोदा

इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष ने कहा, 2024 का चुनाव यह तय करेगा कि भारत भविष्य में क्या रास्ता अपनाएगा। मैं देख रहा हूं कि आज लोकतंत्र कमजोर हो गया है एक देश का पीएम 10 साल तक प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं करता, ये बात मुझे परेशान करती है'। उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री मंदिर में अधिक समय दे रहे हैं, यह मुझे परेशान करता है।

भारत और भारत सरकार की अलोचना में अंतर-पित्रोदा

राहुल गांधी द्वारा विदेशी जमीन पर देश के खिलाफ दिए गए बयानों और उस पर भाजपा के हमले के सवाल पर पित्रोदा का कहना है कि हम विदेश में भारत की आलोचना नहीं करते। हम भारत सरकार की आलोचना करते हैं। यह दोनों अलग-अलग चीजें हैं। भारत सरकार की आलोचना और भारत की आलोचना में भ्रमित नहीं होना चाहिए। भारत बहुत बड़ा है। भारत सबसे महत्वपूर्ण है।

सनातन मानने वाले लोगों को पाश्चात्य संस्कृति का अनुसरण नहीं करना चाहिए', क्रिसमस डे को लेकर बोले पंडित धीरेंद्र शास्त्री


बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने क्रिसमस को लेकर विवादित बयान दिया है। उन्होने लोगों से अपील की कि क्रिसमस डे का जश्न पाश्चात्य संस्कृति का प्रतीक है तथा सनातन को मानने वाले लोगों को पाश्चात्य संस्कृति का अनुसरण नहीं करना चाहिए। धीरेंद्र शास्त्री ने लोगों से अपील किया कि वह अपने बच्चों को सांता क्लॉस की जगह हनुमानजी की पूजा के लिए प्रेरित करें।

मीडिया से चर्चा करते हुए बाबा बागेश्वर ने कहा, 'यह क्रिसमस सनातनी संस्कृति के अनुरूप नहीं है। अभिभावकों को अपने बच्चों को सांता क्लॉस के पास ना भेजकर आसपास के मंदिरों में हनुमानजी के पास भेजना चाहिए। आज मातृ-पितृ पूजन, तुलसी पूजन दिवस भी है। मातृ-पितृ पूजन कराया जाए, तुलसी पूजन कराया जाए। सांता क्लॉस आएगा गिफ्ट लाएगा... ये क्या हम पाश्चात्य संस्कृति का अनुसरण कर रहे हैं? भारतीय एवं सनातनियों को इस पर विचार करना चाहिए तथा पाश्चात्य संस्कृति का बहिष्कार करना चाहिए। अभिभावकों को अपने बच्चों को हनुमानजी, मीराबाई एवं स्वामी विवेकानंद के आदर्शों की तरफ प्रेरित करना चाहिए, ना कि पाश्चात्य संस्कृति की तरफ।' 

बता दे कि धीरेंद्र शास्त्री का पूरा नाम धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री है। वह मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले स्थित बागेश्वर धाम सरकार मंदिर के मुख्य पुजारी हैं, जो बागेश्वर धाम महाराज के नाम से मशहूर हैं। वह सभाओं में धार्मिक कथाएं सुनाते हैं। धीरेंद्र का जन्म 4 जुलाई 1996 को छतरपुर जिले के ही गढ़ा गांव में हुआ था। वह सामान्य निर्धन परिवार से आते हैं। उनकी प्रारंभिक शिक्षा सरकारी स्कूल से हुई है।

छत्तीसगढ़ी भात से महकेगा अयोध्या में 'भंडारा', आएगा 3000 मीट्रिक टन चावल

उत्तर प्रदेश के अयोध्या में तैयार हो रहे भव्य श्रीराम मंदिर के उद्घाटन की तैयारियां जोरों शोरों से चल रही हैं। 22 जनवरी 2024 को श्रीराम मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम होगा। इसके लिए देश का हर राज्य अपनी ओर से कुछ न कुछ दान कर पुण्य का भागी बन रहा है। इसी क्रम में प्रभु श्री राम के ननिहाल यानी छत्तीसगढ़ में भी खूब तैयारी चल रही है। छत्तीसगढ़ से 3000 मीट्रिक टन चावल अयोध्या भेजा जाएगा।

वही इस चावल का उपयोग प्रभु श्रीराम के महाभंडारे में होगा। छत्तीसगढ़ के सुगंधित चावल से अयोध्या का महाभंडारा महकेगा। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय 28 दिसंबर को चावलों से भरे ट्रकों को हरी झंडी दिखाकर अयोध्या रवाना करेंगे, जो 30 दिसंबर को पहुंचेगा। ये अब तक कि सबसे बड़ी चावल की खेप है जो अयोध्या पहुंचेगी। चावलों की बोरियों को छत्तीसगढ़ के कई जिलों से एक साथ एकत्रित कर ले जाया जाएगा। मनेद्रगढ़ MLA एवं केबिनेट मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने कहा कि यह राज्य रामलला की जननी माता कौशल्या की जन्म भूमि है। इसलिए भगवान रामचन्द्र हमारे भांजे हुए। निश्चित तौर पर राम लला की स्थापना अयोध्या में हो रही है। 

जैसे ननिहाल में बालक पैदा होने पर उत्सव मानते हैं वैसा उत्सव हम लोग भी मनाएंगे। मैं सभी से इसके लिए अपील भी कर चुका हूं। अपने-अपने नगरों में और गांवों में एक उत्सव का माहौल बनाएं व अपने घरों को दीप जलाकर सजाएं। अभी सभी क्षेत्रों में प्रभु श्री राम के लिए कलश भ्रमण का आयोजन हो रहा है। उन्होंने कहा कि सभी राईस मिलर मिलकर पूरे राज्य भर से 300 टन अच्छे क्वालिटी के चावल 28 दिसंबर को अयोध्या के लिए रवाना कर रहे हैं। सभी धार्मिक संगठनों, सामाजिक संगठनों और छत्तीसगढ़ के लाखों व्यक्तियों ने इस मुहिम में बढ़-चढ़ कर अन्न दान किया है। क्योंकि छत्तीसगढ़ धान का कटोरा है तथा श्री राम यहां के भांजे हैं। इस लिए यहां से जो चावल जा रहा है वो वहां के प्रसाद में इस्तेमाल होगा।

एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने खाली किया मुख्यमंत्री आवास श्यामला हिल्स, अब ये होगा नया ठिकाना

मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को मुख्यमंत्री निवास खाली कर दिया। उन्होंने बंगले को खाली करने से पहले मंदिर में पूजा अर्चना की। गौशाला में गौमाता के दर्शन किए। साथ ही मुख्यमंत्री निवास में पदस्थ सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें विदाई दी। अब शिवराज का नया ठिकाना लिंक रोड नंबर-1 स्थित बी8-74 होगा।

वही सीएम आवास से निकलते हुए शिवराज ने कहा कि उनका पता जरूर बदल रहा है, मगर उनके घर के दरवाजे हमेशा खुले रहेंगे। मीडिया से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री निवास में रहते हुए कई विकास कार्य किए। आने वाले वक़्त में भी राज्य में खूब विकास कार्य किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि 18 वर्षों में प्रगति और प्रकाश जन कल्याण का इतिहास रचा गया है। आज आनंद और प्रसन्नता के साथ मुख्यमंत्री आवास से जा रहा हूं। उन्होंने मुख्यमंत्री यादव तथा उनकी टीम को बधाई देते हुए कहा कि वह राज्य को खूब ऊंचाईयों तक ले जाएं। मुख्यमंत्री की पत्नी साधना सिंह ने कहा कि बंगले से उनकी कई यादे जुड़ी हैं। शिवराज अपने परिवार के साथ एक कार में बैठकर रवाना हुए। कार को बड़े बेटे कार्तिकेय चला रहे थे।  

पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज अपने आवास में शिफ्ट होने से पहले पूजा अर्चना किया। उनके प्रवेश पर पत्नी साधना ने तिलक लगाकर उनका स्वागत किया। इस दौरान शिवराज सिंह ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि जब वह सांसद थे, तब भी उनको यह घर आवंटित था। उन्होंने बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और राष्ट्रीय महामंत्री रहते हुए भी काम किया। उन्होंने कहा कि यहा पर रहकर भी जनता के लिए बहुत काम किया। आगे भी यहां रहकर जनता की सेवा का महायज्ञ खूब चलता रहेगा।

कांग्रेस के 'Donate For Desh' अभियान को हो गया एक हफ्ता, जानिए इतने दिनों में पार्टी को कितना दान मिला

 इस महीने की शुरुआत में, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव 2024 से पहले एक मेगा क्राउडफंडिंग दान अभियान की घोषणा की। अब दान अभियान के एक सप्ताह पूरा होने के बाद तक पार्टी को 5.35 करोड़ रुपये का दान प्राप्त हो चुका है। एक पोस्ट में, कांग्रेस के कोषाध्यक्ष अजय माकन ने बताया है कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा अभियान शुरू करने के एक सप्ताह बाद पार्टी ने 5.35 करोड़ रुपये एकत्र किए हैं। अभियान के पहले दिन पार्टी ने 1.45 करोड़ रुपये की भारी भरकम कमाई की थी। 

अजय माकन ने अपनी पोस्ट में लिखा कि, '25 दिसंबर शाम 7:30 बजे तक, 5.35 करोड़ रुपये, Donateinc.in पर, हमारा । क्राउड-फ़ंडिंग अभियान के तहत!! केवल एक सप्ताह में 2 लाख लोग इस अभियान से जुड़े!' पोस्ट में आगे कहा गया कि, 'अब एक नई पहल, इस अभियान के तहत कुल राशि क्या है? किस राज्य से कितनी राशि, किस राज्य से कितने प्रतिशत लोगों ने इस अभियान में हिस्सा लिया? इसकी जानकारी अब लगातार अपडेट के साथ, https://donateinc.in पर!' 

एक्स पर माकन की पोस्ट के अनुसार, इस क्राउडफंडिंग अभियान में महाराष्ट्र कांग्रेस पार्टी का सबसे बड़ा योगदानकर्ता है, जिसने 82.48 लाख रुपये का उदार दान दिया है। इसके विपरीत, छत्तीसगढ़ में सबसे कम योगदान 18.87 लाख रुपये दर्ज किया गया। कुल 38.93 लाख रुपये के दान के साथ दिल्ली दूसरे स्थान पर है। कांग्रेस पार्टी को राजस्थान से 57.73 लाख रुपये (15.85%), उत्तर प्रदेश से 47.07 लाख रुपये (11.88%), हरियाणा से 46.84 लाख रुपये (4.18%) और कर्नाटक से 31.56 लाख रुपये (4.34%) मिले हैं। क्राउडफंडिंग के माध्यम से तेलंगाना ने 27.82 लाख रुपये (6.45%), मध्य प्रदेश ने 27.09 लाख रुपये (6.28%) और तमिलनाडु ने 24.06 लाख रुपये (4.50%) का योगदान दिया है।

गौरतलब है कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने 18 दिसंबर को नई दिल्ली से अभियान की शुरुआत की थी, जहां उन्होंने 1.38 लाख रुपये का दान दिया था। 28 दिसंबर 2023 को पार्टी अपनी 138वीं वर्षगांठ मनाने जा रही है । इसके अनुरूप, इसने अपने समर्थकों से 138 रुपए के गुणकों में योगदान करने की अपील जारी की थी, जबकि अपने जिला और राज्य स्तर के कार्यकर्ताओं से 1380 रुपए दान देने का आग्रह किया था।

कहा जा रहा है कि कांग्रेस नेताओं के पास से बार-बार बेहिसाब नकदी (धीरज साहू के घर से मिले 350 करोड़ नकद शामिल हैं) की बरामदगी की पृष्ठभूमि में मतदाताओं का इस सबसे पुरानी पार्टी पर विश्वास कम हो गया है, वरना दान की रकम और भी अधिक हो सकती थी। एक ऐसी पार्टी के लिए जो कभी भारतीय राजनीति में सबसे आगे रहने का दंभ भरती थी, उसे दान में मिली यह राशि जनता के दिलों में उसकी प्रतिष्ठा में गिरावट को ही उजागर करती है। ध्यान देने वाली बात यह है कि इससे जुटाए गए धन में से 1.38 लाख रुपये पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने दान किए थे, जिसके बाद उन्होंने अफ़सोस करते हुए कह भी दिया था- एक महीने की सैलरी गई।

केरल में पुलिस ने मारा BJP नेता के मुर्गी फार्म पर छापा, बरामद हुई अवैध शराब की 14 हजार बोतलें

केरल पुलिस ने मंगलवार को एक स्थानीय बीजेपी नेता तथा उनके साथी के मुर्गी फार्म पर छापा मारा। वहां बनाई गई एक गोदाम के भीतर बने कमरे से 14 हजार से अधिक अवैध विदेशी शराब की बोतलें जब्त हुईं। वहीं 2,400 लीटर से अधिक स्प्रिट मिला, जिसे पुलिस ने बरामद कर लिया। पुलिस ने आरोपी को भी गिरफ्तार कर लिया है।

जानकारी के मुताबिक, पुलिस को इस मामले की खबर प्राप्त हो रही थी। तत्पश्चात, कार्रवाई करते हुए केरल पुलिस ने स्थानीय बीजेपी नेता एवं पूर्व पंचायत सदस्य 50 वर्षीय लालू और उसके साथी इडुक्की के रहने वाले 52 वर्षीय लॉरेंस को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने बताया कि मौके से अवैध शराब मिली है। इसी के साथ स्प्रिट भी बरामद हुआ है। बीजेपी नेता का ये मुर्गी फार्म कोडकारा के पास वेल्लानचिरा में है। जहां गोदाम के अंदर एक गुप्त कमरे से शराब जब्त की गई है। पुलिस ने कहा कि ये छापेमारी चलाक्कुडी तथा इरिनजालाकुडा के नेतृत्व में की गई।

वही एक वरिष्ठ पुलिस अफसर ने बताया कि छापेमारी के तहत हमने खेत में बने गोदाम से शराब तथा स्प्रिट जब्त की है। खेत में कोई बॉटलिंग यूनिट नहीं थी। इस मामले में अन्य अपराधियों की पहचान की जा रही है। पुलिस ने बताया कि ऐसा लगता है कि यहां से स्प्रिट का परिवहन किया जा रहा था। मगर अभी तक IMFL स्टिकर के साथ शराब की 14,000 बोतलों के सोर्स का पता नहीं लग सका है।

आगरा में एनएच पर घना कोहरे के कारण आपस में टकराए कई वाहन, गाड़ी में भरे थे डेढ़ लाख के मुर्गे, लूटने के लिए उमड़ पड़े लोग

यूपी के आगरा स्थित नेशनल हाइवे पर मुर्गों से भरा लोडिंग वाहन पलट गया। तत्पश्चात, वहां मुर्गों की लूट मच गई। दरअसल, यहां घने कोहरे के कारण हादसा हो गया था। यहां आगरा नेशनल हाइवे पर एक दर्जन से ज्यादा वाहन आपस में टकरा गए। इन्हीं में मुर्गे लेकर जा रहा वाहन भी सम्मिलित था। जैसे ही वाहन दुर्घटना का शिकार हुआ, तुरंत वहां मुर्गों की छीना-झपटी मच गई। 

प्राप्त खबर के मुताबिक, बुधवार को घना कोहरा छाया हुआ था। इसी बीच नेशनल हाइवे पर कई वाहन आपस में टकरा गए। एक लोडिंग वाहन में मुर्गे भरे हुए थे। दुर्घटना के पश्चात् गाड़ी से मुर्गों की लूट मच गई। वाहन में थे लगभग डेढ़ लाख रुपये के मुर्गे मुर्गियां भरे हुए थे। हाइवे पर मुर्गों से भरी गाड़ी देखी तो लोग वहां पहुंच गए तथा मुर्गे मुर्गियां निकालकर ले जाने लगे। नेशनल हाइवे पर देखते ही देखते मुर्गों की लूट मच गई। हाइवे पर कोहरे के बीच दुर्घटना के पश्चात् वाहन से मुर्गों को ले जाने की मारामारी जैसे ही मची तो कुछ लोगों ने वीडियो बना लिया। लोग दुर्घटना में सहायता करने की जगह वाहन से मुर्गे निकालकर ले जाते दिखाई दिए।

बता दें कि आगरा नेशनल हाइवे पर आज बड़ी दुर्घटना हो गई है। यहां कोहरे के कारण एक दर्जन से ज्यादा वाहन आपस में टकरा गए। सभी वाहन क्षतिग्रस्त हो गए हैं। इस घटना में आधा दर्जन लोग चोटिल हो गए। वहीं एक की मौत हो गई। दुर्घटना की सूचना के पश्चात पुलिस टीम मौके पर पहुंची। राहत बचाव जारी है। सभी चोटिल व्यक्तियों को पुलिस ने हॉस्पिटल पहुंचाया। सभी वाहनों को रास्ते से हटाया जा रहा है। आगरा थाना ट्रांस यमुना क्षेत्र झरना नेशनल हाइवे पर ये घटना हुई है।

जम्मू कश्मीर में आतंक के खिलाफ बड़ा एक्शन, 'मुस्लिम लीग जम्मू कश्मीर' पर केंद्र सरकार ने लगाया बैन

#jammu_kashmir_masarat_alam_faction_ban_by_home_minister_amit_shah

देश विरोधी गतिविधियों को लेकर केंद्र सरकार की कार्रवाई लगातार जारी है। इसी क्रम में केंद्र सरकार ने मुस्लिम लीग जम्मू-कश्मीर (मसरत आलम ग्रुप) पर प्रतिबंध लगा दिया है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर इस,की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि देश विरोधी गतिविधियों की वजह से इस संगठन पर गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम कानून (यूएपीए) के तहत बैन लगाया गया है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, मुस्लिम लीग जम्मू कश्मीर (मसरत आलम गुट)/एमएलजेके-एमए को यूएपीए के तहत एक 'गैरकानूनी संघठन' घोषित किया गया है। यह संगठन और इसके सदस्य जम्मू-कश्मीर में राष्ट्र-विरोधी और अलगाववादी गतिविधियों में शामिल हैं, आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करते हैं और लोगों को जम्मू-कश्मीर में इस्लामी शासन स्थापित करने के लिए उकसाते हैं।उन्होंने कहा कि पीएम मोदी की सरकार का संदेश स्पष्ट है कि हमारे राष्ट्र की एकता, संप्रभुता और अखंडता के खिलाफ काम करने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा और उसे कानून के पूर्ण प्रकोप का सामना करना पड़ेगा।

गृह मंत्रालय की आधिकारिक अधिसूचना के अनुसार, मसरत आलम भट की अध्यक्षता वाली एमएलजेके-एमए अपने भारत विरोधी और पाकिस्तान समर्थक प्रचार के लिए जानी जाती है। इसमें यह भी कहा गया कि गुट का उद्देश्य भारत से जम्मू-कश्मीर की आजादी हासिल करना और पाकिस्तान के साथ इसके विलय को साकार करना, जम्मू-कश्मीर में इस्लामिक राज्य की स्थापना करना था।

अंतरिक्ष की दुनिया में लगाने जा रहा है भारत एक और छलांग, नए साल पर होगी शुरूआत

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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो चांद और सूरज तक छलांग लगाने के बाद अपने नए मिशन को अंजाम तक पहुंचाने में जुटा है। इसरो का अलगा कदम भारत की अंतरिक्ष की दुनिया में मील का पत्थर साबित होगा। दरअसल, इसरो अंतरिक्ष में एक्स-रे स्रोतों के तीव्र ध्रुवीकरण की जांच करने के लिए अपने पहले एक्स-रे पोलारिमीटर सैटेलाइट के लॉन्च के साथ नए साल की शुरुआत करने के लिए पूरी तरह तैयार है।

इसरो 1 जनवरी 2024 को देश का पहला पोलरिमेट्री मिशन लॉन्च करने वाला है। यह लॉन्चिंग सतीश धवन स्पेस सेंटर श्रीहरिकोटा से सुबह 9:10 बजे होगी। इसरो ने घोषणा की है कि एक्सपोसैट मिशन पोलर सैटेलाइट लॉ़न्च व्हीकल (पीएसएलवी) का उपयोग करके लॉन्च होगा।यह भारत की अंतरिक्ष की यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होने वाला है।

यह मिशन न केवल भारत का पहला डेडिकेटिज पोलारिमेट्री मिशन है, बल्कि 2021 में लॉन्च किए गए नासा के इमेजिंग एक्स-रे पोलारिमेट्री एक्सप्लोरर (IXPE) के बाद दुनिया का दूसरा है। यह सैटेलाइट एक्स किरणों का डेटा कलेक्ट करके ब्लैक होल और न्यूट्रॉन तारों की स्टडी करेगा।एक बार लगभग 650 किलोमीटर की निचली पृथ्वी कक्षा में स्थापित होने के बाद, यह अगले पांच सालों के लिए डेटा प्रदान करेगा। सैटेलाइट में दो मुख्य पेलोड होंगे जो बेंगलुरु स्थित रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट द्वारा विकसित किए गए हैं और दूसरा इसरो के यू आर राव सैटेलाइट सेंटर इसरो द्वारा विकसित किया गया है।

एक्सपोसैट का लक्ष्य ब्रह्मांड के 50 सबसे चमकीले स्रोतों की स्टडी करना है। इनमें पल्सर, ब्लैक होल एक्स-रे बायनरिज, एक्टिव गैलेक्टिक न्यूक्लि, न्यूट्रॉन स्टार्स और नॉन-थर्मल सुपरनोवा के बचे हुए हिस्से शामिल हैं। इस सैटेलाइट को 500-700 किमी की पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित किया जाएगा। जहां रहकर यह 5 साल तक डेटा कलेक्ट करेगा।

राहुल गांधी की “न्याय यात्रा” का लोक सभा चुनाव पर होगा कितना असर? जानें कांग्रेस का पूरा प्लान

#rahulgandhibharatnyayyatra 

लोकसभा चुनाव 2024 के लिए देश में सियासी माहौल बनना शुरू हो गया है। सभी दल अपने-अपने हिसाब से रणनीति बनाने में जुट गए हैं।लोकसभा चुनाव से ठीक पहले राहुल गांधी फिर सड़क पर उतरने वाले हैं।लोकसभा चुनाव 2024 के ठीक पहले कांग्रेस ने 'भारत न्याय यात्रा' शुरू करने की घोषणा कर दी है। 14 जनवरी को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे इस यात्रा को मणिपुर से रवाना करेंगे, जो 14 राज्यों से गुजरते हुए 20 मार्च को मुंबई में समाप्त होगी। राहुल गांधी मणिपुर, नागालैंड, असम, मेघालय, बंगाल, बिहार, झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़, यूपी, मध्यप्रदेश, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र से होते हुए मुंबई पहुंचेंगे। 

कांग्रेस की न्याय यात्रा उस वक्त हो रही है, जब देश में लोकसभा चुनाव की गहमागहमी चरम पर होगी। ऐसे में राहुल की यात्रा महत्वपूर्ण हो जाती है।ऐसे में अब सवाल यह है कि राहुल गांधी की यह यात्रा लोक सभा चुनाव पर कितना असर डाल पाएंगी? कांग्रेस का मानना है कि राहुल गांधी की इस यात्रा से पूरे इंडिया गठबंधन समूह को लाभ होगा। साथ ही राहुल गांधी को भी राष्ट्रीय स्तर पर एक मजबूत और लोकप्रिय नेता के रूप में उभारने में मदद मिल सकती है। कुल मिला कर कहें तो कांग्रेस ये मान कर चल रही है कि न्याय यात्रा से लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को संजीवनी मिलने वाली है।

न्याय यात्रा के जरिए जनता को ये संदेश देने की कोशिश

पिछली बार राहुल गांधी की कन्याकुमारी से कश्मीर यात्रा का असर कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश के चुनावों में देखा गया था।राहुल गांधी करीब 4,000 किमी चले थे। तब 12 राज्यों, 2 केंद्रशासित प्रदेशों से होकर यात्रा 130 दिन तक चलती रही। इस बार राहुल गांधी के नेतृत्व में यात्रा पार्ट-दो 14 राज्यों के 85 जिलों से होकर गुजरेगी। समापन 20 मार्च को मुंबई में होगा। भले ही पार्टी इसे राजनैतिक यात्रा कहने से बच रही हो, लेकिन न्याय यात्रा नाम रखकर वो जनता के बीच सियासी संदेश लेकर ही जा रही है। 2024 के मद्देनजर भारत जोड़ो यात्रा 2.0 को न्याय यात्रा का नाम दिया गया है, जिससे इसे जनता की उम्मीदों को न्याय दिलाने के लिहाज से जोड़ा जा सके।

पूर्वोत्तर में कांग्रेस के जड़ों को दोबारा मजबूत करने की कोशिश

कांग्रेस ने अपनी इस यात्रा को भारत न्याय यात्रा नाम दिया है। साथ ही यात्रा में मणिपुर से शुरू करने जा रही है। इसके अलावा इस यात्रा में मेघालय और असम जैसे राज्य शामिल हैं। चूंकि, मणिपुर में लंबे समय तक विवाद चलता रहा था, इस यात्रा का असर गैर भाजपाई वोटरों को एकजुट करने में अहम भूमिका निभा सकता है। इस तरह कांग्रेस पूर्वोत्तर में अपनी जड़ों को दोबारा मजबूत करने की कोशिश करती हुई दिखाई पड़ रही है। उसे इस रणनीति का लाभ मिल सकता है।

राहुल गांधी के भविष्य को लेकर कांग्रेस की प्लानिंग

इस बार के चुनाव में यह प्रश्न बार-बार उछल रहा है कि भाजपा के नरेंद्र मोदी के सामने कांग्रेस या इंडिया गठबंधन के पास कोई चेहरा नहीं है। लेकिन जिस तरह भारत जोड़ो यात्रा के बाद राहुल गांधी को लोकप्रियता मिली थी, माना जा सकता है कि भारत न्याय यात्रा से उस छवि को मजबूती ही मिलेगी। ऐसे में यदि 2024 में के छोड़ दें, तो भविष्य के चुनावों में कांग्रेस के पास एक चेहरा होगा जो भाजपा के किसी भी चेहरे का मुकाबला करेगा।

चूंकि, नरेंद्र मोदी का प्रधानमंत्री के रूप में यह अंतिम कार्यकाल हो सकता है, ऐसे में आने वाले समय में भाजपा से जो भी चेहरा प्रधानमंत्री पद की दौड़ में शामिल होगा, वह अपेक्षाकृत नया होगा। ऐसे में माना जा सकता है कि कांग्रेस एक सोची समझी रणनीति के साथ राहुल गांधी को भविष्य की रणनीति को ध्यान में रखते हुए तैयार कर रही हो। आने वाले समय में उसे इसका लाभ मिल सकता है।