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*अमेरिका में मंदिर पर हमला, खालिस्तान समर्थकों ने दीवार पर लिखे भारत विरोधी नारे*

#america_khalistan_supporters_attack_on_swaminarayan_temple_in_california

खालिस्तान समर्थकों ने एक बार फिर विदेशी धरती पर हिंदू मंदिर को निशाना बनाया है। अमेरिका के कैलिफोर्निया के नेवार्क में खालिस्तान समर्थकों ने हिंदू मंदिर की बाहरी दीवारों पर भारत विरोधी और खालिस्तान समर्थन में नारे लिखे हैं साथ ही उन्हें क्षतिग्रस्त भी किया है।

इससे जुड़ी तस्वीरें हिंदू अमेरिका फाउंडेशन की ओर से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर की गई है। इसमें स्वामीनारायण मंदिर की दीवारों पर नारे लिखे हुए दिख रहे हैं।फाउंडेशन ने जोर देते हुए कहा कि इस घटना की जांच घृणा अपराध के रूप में होनी चाहिए। घटना के बाद मंदिर से जुड़े लोगों ने नेवार्क पुलिस विभाग और न्याय विभाग नागरिक अधिकार प्रभाग को इसके बारे में सूचित किया है। 

न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार नेवार्क पुलिस सेवा ने मामले में जांच शुरू कर दी है। मंदिर के प्रवक्ता, भार्गव रावल ने कहा कि मंदिर के नजदीक रहने वाले भक्तों में से एक ने इमारत की बाहरी दीवार पर काली स्याही में हिंदू विरोधी और भारत विरोधी नारे देखे, और स्थानीय प्रशासन को तुरंत सूचित किया गया। प्रवक्ता ने कहा कि मंदिर के अधिकारी इसकी दीवार पर भारत विरोधी नारे देखकर हैरान थे। घटना पर अधिक प्रकाश डालते हुए, नेवार्क शहर के पुलिस कप्तान जोनाथन अर्गुएलो ने कहा कि ‘लक्षित कृत्य’ की जांच की जा रही है।

वहीं इस मामले पर सैन फ्रांसिस्को में मौजूद भारतीय वाणिज्य दूतावास ने कड़ी आपत्ति जताई है। दूतावास ने स्वामीनारायण मंदिर पर भारत विरोधी नारे लिखे जाने की कड़ी निंदा करते हुए बयान दिया है कि इस घटना से भारतीय समुदाय की भावनाएं आहत हुई हैं।

ये कोई पहला मौका नहीं है जब विदेशी सरजमी पर हिंदुओं के धार्मिक स्थलों को निशाना बनाया गया हो। इससे पहले भी कई र इस तरह के मामले सामने आए हैं। ऑस्ट्रेलिया और कनाडा में भी खालिस्तानियों ने मंदिरों को निशाना बनाया है। इस तरह की घटनाओं पर भारत ने कड़ी आपत्ति जताते हुए सरकार ने कई राजनयिक मंचों पर इस मुद्दे को उठाया है।

*कर्नाटक में सिद्धारमैया सरकार का बड़ा फैसला, हिजाब पर बैन हटा, बीजेपी ने जताई कड़ी आपत्ति*

#hijab_ban_to_be_lifted_in_karnataka_cm_siddaramaiah_announced

कर्नाटक में कांग्रेस की सिद्धारमैया सरकार ने स्कूल-कॉलेजों में लड़कियों के हिजाब पहनने पर लगे बैन को हटाने का फै़सला किया है। राज्य के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने शुक्रवार को कहा कि हम हिजाब बैन के फैसले को वापस लेंगे। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि मैंने हिजाब प्रतिबंध को वापस लेने का निर्देश दिया है। बता दें कि पिछली बीजेपी सरकार ने हिजाब प्रतिबंधित करने का आदेश दिया था, जिसके बाद ये मामला क़ानूनी लड़ाई का विषय बन गया था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हर किसी को अपने मनमुताबिक कपड़े पहनने का अधिकार है। अपने हिसाब से खाना खाना और कपड़े पहनना हमारा अधिकार है। इस पर मुझे क्यों आपत्ति होनी चाहिए। जिसको जो मर्जी है वो खाए, जो मर्जी करे वो पहने, मुझे इसकी परवाह क्यों होगी? हमें वोट पाने के लिए इस तरह की राजनीति नहीं करनी चाहिए। इससे पहले अक्टूबर में सिद्धारमैया सरकार ने प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं के दौरान छात्रों को हिजाब पहनने को मंजूरी दी थी।

कांग्रेस ने चुनाव से पहले ये संकेत दिया था कि सत्ता में आने पर वो हिजाब बैन को ख़त्म कर देगी लेकिन ये पहली बार है, जब मुख्यमंत्री ने सार्वजनिक तौर पर कहा कि वो इसे हटाने जा रहे हैं। इस साल अक्टूबर में कर्नाटक सरकार ने प्रतियोगी और भर्ती परीक्षाओं में हिजाब पहन कर आने की अनुमति दे दी थी। उस वक्त भी इसे लेकर विवाद हुआ था. लेकिन इससे संकेत मिलने लगे थे कि राज्य सरकार अगले कुछ महीनों में शिक्षा संस्थानों में हिजाब पहनकर आने पर लगे बैन को ख़त्म कर सकती है।

कांग्रेस सरकार के इस फैसले पर बीजेपी ने कड़ी आपत्ति जताई है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा कि सरकार युवाओं को धार्मिक आधार पर बांट रही है। उन्होंने आगे कहा कि शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पहनने पर प्रतिबंध वापस लेने का मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का फैसला हमारे शैक्षणिक स्थलों की धर्मनिरपेक्ष प्रकृति को लेकर चिंता पैदा करता है।

बीजेपी सरकार ने अपने पिछले कार्यकाल में शिक्षण संस्थाओं में हिजाब पहनने पर बैन लगा दिया था। पिछले साल प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा विभाग ने एक सर्कुलर जारी कर स्कूलों और प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेजों में हिजाब पर बैन लगाया गया था। इस मामले ने एक बड़े राजनीतिक विवाद का रूप ले लिया था। बीजेपी सरकार के इस आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी।

लेकिन अदालत ने सरकार के बैन के आदेश का समर्थन किया था। अदालत ने कहा था कि शिक्षण संस्थानों के छात्र-छात्राओं को पहले से निर्धारित यूनिफॉर्म ही पहनना होगा। अदालत ने कहा था, शिक्षण संस्थान में ऐसे कपड़े पहने जाने चाहिए जो बराबरी और एकता का संदेश दे। इसकी वजह से समाज में अशांति न हो। अदालत का कहना था कि हिजाब पहनना धार्मिक रीति-रिवाज का हिस्सा नहीं है. हालांकि बाद में मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा लेकिन इस मामले पर अदालत का फै़सला बंटा हुआ था।

बजरंग पूनिया ने किया पद्मश्री पुरस्कार लौटाने का ऐलान, कुश्ती संघ के नए अध्यक्ष के विरोध में उठाया बड़ा कदम

#wrestlerbajrangpuniawillreturnhispadma_awards

भारतीय कुश्ती महासंघ के नए अध्यक्ष के तौर पर संजय सिंह के नाम ऐलान होने के बाद विवाद बढ़ता जा रहा है। कई भारतीय कुश्ती खिलाड़ी नए अध्यक्ष का विरोध कर रहे हैं। बृजभूषण सिंह के करीबी संज सिंह के अध्यक्ष बनने के बाद विरोध में सबसे पहले साक्षी मलिक ने कुश्ती से अपने संन्यास का ऐलान करते हुए सभी को चौंका दिया। तो वहीं ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया ने भी अब अपने पद्म श्री पुरस्कार को लौटाने का ऐलान कर दिया है। बजरंग पूनिया ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम एक पत्र लिखते हुए अपना पद्मश्री पुरस्कार लौटाने की बात कही।

भारतीय पहलवान बजरंग पूनिया ने सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी दी। बजरंग ने पद्म पुरस्कार लौटाने का एलान करते हुए भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खत लिखा है। इस खत की फोटो सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए बजरंग ने लिखा "मैं अपना पद्मश्री पुरस्कार प्रधानमंत्री जी को वापस लौटा रहा हूं। कहने के लिए बस मेरा यह पत्र है। यही मेरा स्टेटमेंट है।"

पुनिया ने पीएम को लिखे पत्र में क्या कहा

पहलवान बजरंग पूनिया ने अपना पद्म श्री पुरस्कार वापस लौटाने के साथ सोशल मीडिया पर जो बयान जारी किया उसमें उन्होंने लिखा कि मैं अपना पद्मश्री पुरस्कार प्रधानमंत्री जीत को वापस लौटा रहा हूं, कहने के लिए बस मेरा ये पत्र है और यही मेरा बयान है। बजरंग ने अपने इस स्टेटमेंट में लिखा कि माननीय प्रधानमंत्री जी, उम्मीद है कि आप स्वस्थ होंगे। आप देश की सेवा में व्यस्त होंगे। आपकी इस भारी व्यस्तता के बीच आपका ध्यान हमारी कुश्ती पर दिलवाना चाहता हूं। आपको पता होगा कि इसी साल जनवरी महीने में देश की महिला पहलवानों ने कुश्ती संघ पर काबिज बृजभूषण सिंह पर सेक्सुएल हरासमैंट के गंभीर आरोप लगाए थे, जब उन महिला पहलवानों ने अपना आंदोलन शुरू किया तो मैं भी उसमें शामिल हो गया था। आंदोलित पहलवान जनवरी में अपने घर लौट गए, जब उन्हें सरकार ने ठोस कार्रवाई की बात कही। लेकिन तीन महीने बीत जाने के बाद भी जब बृजभूषण पर एफआईआर तक नहीं दर्ज हुई तब हम पहलवानों ने अप्रैल महीने में दोबारा सड़क पर उतरकर आंदोलन किया ताकि दिल्ली पुलिस कम से कम बृजभूषण सिंह पर एफआईआर दर्ज करे, लेकिन फिर भी बात नहीं बनी तो हमें कोर्ट में जाकर एफआईआर दर्ज करवानी पड़ी। जनवरी में शिकायतकर्ता महिला पहलवानों की गिनती 19 थी जो अप्रैल तक आते-आते 7 रह गई थी, यानी इन 3 महीनों में अपनी ताकत के दम पर बृजभूषण सिंह ने 12 महिला पहलवानों को अपने न्याय की लड़ाई में पीछे हटा दिया था। आंदोलन 40 दिन चला, इन 40 दिनों में एक महिला पहलवान और पीछे हट गईं। हम सबपर बहुत दबाव आ रहा था, हमारे प्रदर्शन स्थल को तहस-नहस कर दिया गया और हमें दिल्ली से बाहर खदेड़ दिया गया और हमारे प्रदर्शन करने पर रोक लगा दी। जब ऐसा हुआ तो हमें कुछ समझ नहीं आया कि हम क्या करें। इसलिए हमने अपने मेडल गंगा में बहाने की सोची, जब हम वहां गए तो हमारे कोच साहिबान और किसानों ने हमें ऐसा नहीं करने दिया। उसी समय आपके एक जिम्मेदार मंत्री का फोन आया और हमें कहा गया कि हम वापस आ जाएं।इसी बीच हमारे गृहमंत्री जी से भी हमारी मुलाकात हुई, जिसमें उन्होंने हमें आश्वासन दिया कि वे महिला पहलवानों के लिए न्याय में उनका साथ देंगे और कुश्ती फेडरेशन से बृजभूषण, उसके परिवार और उसके गुर्गों को बाहर करेंगे।लेकिन बीती 21 दिसंबर को हुए कुश्ती संघ के चुनाव में बृजभूषण एक बार दोबारा काबिज हो गया है। उसने स्टेटमैंट दी कि "दबदबा है और दबदबा रहेगा।" महिला पहलवानों के यौन शोषण का आरोपी सरेआम दोबारा कुश्ती का प्रबंधन करने वाली इकाई पर अपना दबदबा होने का दावा कर रहा था। 

क्या है मामला?

बता दें कि इसी साल जनवरी के महीने में बजरंग पूनिया सहित देश के कई बड़े पहलवानों ने कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के खिलाफ धरना शुरू कर दिया था। पहलवानों ने बृजभूषण सिंह और उनके समर्थकों पर महिला पहलवानों के यौन शोषण और मनमानी के आरोप लगाए थे। इसके बाद जांच का आश्वासन मिलने पर पहलवानों ने धरना खत्म किया। वह जांच से संतुष्ट नहीं हुए तो दोबारा धरना किया और इसमें जमकर बवाल हुआ। अंत में बृजभूषण हट गए और दोबारा चुनाव हुए। गुरुवार को बृजभूषण सिंह के वफादार संजय सिंह 15 में से 13 पद जीतकर भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष चुने गए। 

संजय सिंह के चुनाव जीतने के बाद साक्षी मलिक, बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें साक्षी ने विरोध जताते हुए कुश्ती छोड़ने की घोषणा की। साक्षी ने कहा, "हमने दिल से लड़ाई लड़ी, लेकिन अगर बृजभूषण जैसे व्यक्ति, उनके बिजनेस पार्टनर और करीबी सहयोगी को डब्ल्यूएफआई का अध्यक्ष चुना जाता है, तो मैं कुश्ती छोड़ देती हूं। आज से आप मुझे मैट पर नहीं देखेंगे।" उन्होंने नम आखों के साथ अपनी बात कही। अब बजरंग पूनिया ने अपना पुरस्कार लौटाया है।

संसद में घुसपैठ करने वाले सभी आरोपियों का हुआ साइको एनालिसिस टेस्ट, ललित झा ने बताया-कौन है पूरे कांड का असली मास्टरमाइंड

#parliament_smoke_attack_psycho_analysis_test_of_accused 

13 दिसंबर को संसद में घुसपैठ मामले में बड़ा खुलासा हुआ है।संसद सुरक्षा चूक मामले में पुलिस की कार्रवाई तेज हो गई है। पुलिस ने आरोपियों से हमले के बारे में सच निकवाने के लिए साइको एनेलिसिस टेस्ट का सहारा लिया है। सभी आरोपियों का दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने साइको एनेलिसिस टेस्ट करवाया है। टेस्ट के दौरान ललित झा ने संसद की सुरक्षा में चूक का मास्टरमाइंड मनोरंजन डी को बताया है।

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने संसद सुरक्षा उल्लंघन मामले के सभी आरोपियों का शुक्रवार दोपहर रोहिणी के एक सरकारी संस्थान में साइको एनालिसिस टेस्ट कराया। पुलिस सूत्रों के अनुसार, संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने का मास्टरमाइंड माने जाने वाले ललित झा ने परीक्षण के दौरान खुलासा किया कि इस कृत्य के पीछे असली आदमी मनोरंजन डी था, न कि वह। दिल्ली पुलिस के सूत्रों के मुताबिक साइको एनालिसिस टेस्ट के दौरान ललित ने कहा, 'हमें अंदाजा नही था कि इस घटना पर हम सभी पर UAPA लगेगा। 

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, साइको एनालिसिस टेस्ट के दौरान ललित झा ने माना कि मनोरंजन डी इस ग्रुप को बड़ा संगठन बनाना चाहता था। टेस्ट में खुलासा हुआ है कि संसद में हुई घटना के मास्टरमाइंड मनोरंजन डी ने संगठन में भर्तियों का जिम्मा आरोपी सागर को सौंपा था।

इसके अलावा दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल संसद कांड के सभी आरोपियों के नए सिम एक्टिव करवा रही है. दिल्ली पुलिस का मकसद क्लाउड के जरिये मोबाइल फोन सिम में दफन साजिश के राज से पर्दा उठाना है। पुलिस का मानना है कि नष्ट किये हुए फोन के सिम के जरिये किससे, कहां और क्या बात हुई इस पर से पर्दा उठाना जरूरी है. इसीलिए पुलिस सभी आरोपियों के नये सिम एक्टिव करवा रही है।

बता दें कि संसद पर 2001 में हुए आतंकवादी हमले की बरसी के दिन 13 दिसंबर को लोकसभा की कार्यवाही के दौरान घुसपैठ हुई थी। दर्शक दीर्घा से सागर शर्मा और मनोरंजन डी सदन के भीतर कूद गए थे। सोशल मीडिया पर सामने आईं तस्वीरों और वीडियो में दोनों पीली गैस छोड़ने वाले कनस्तरों को पकड़े नजर आ रहे हैं। वे नारे भी लगा रहे थे। अमोल शिंदे और नीलम देवी के रूप में पहचाने गए दो अन्य आरोपियों ने भी संसद परिसर के बाहर इसी तरह के कनस्तरों से रंगीन गैस का छिड़काव किया। वे कथित तौर पर चिल्ला रहे थे तानाशाही नहीं चलेगी।

संसद में घुसपैठ करने वाले सभी आरोपियों का हुआ साइको एनालिसिस टेस्ट, ललित झा ने बताया-कौन है पूरे कांड का असली मास्टरमाइंड

#parliament_smoke_attack_psycho_analysis_test_of_accused 

13 दिसंबर को संसद में घुसपैठ मामले में बड़ा खुलासा हुआ है।संसद सुरक्षा चूक मामले में पुलिस की कार्रवाई तेज हो गई है। पुलिस ने आरोपियों से हमले के बारे में सच निकवाने के लिए साइको एनेलिसिस टेस्ट का सहारा लिया है। सभी आरोपियों का दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने साइको एनेलिसिस टेस्ट करवाया है। टेस्ट के दौरान ललित झा ने संसद की सुरक्षा में चूक का मास्टरमाइंड मनोरंजन डी को बताया है।

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने संसद सुरक्षा उल्लंघन मामले के सभी आरोपियों का शुक्रवार दोपहर रोहिणी के एक सरकारी संस्थान में साइको एनालिसिस टेस्ट कराया। पुलिस सूत्रों के अनुसार, संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने का मास्टरमाइंड माने जाने वाले ललित झा ने परीक्षण के दौरान खुलासा किया कि इस कृत्य के पीछे असली आदमी मनोरंजन डी था, न कि वह। दिल्ली पुलिस के सूत्रों के मुताबिक साइको एनालिसिस टेस्ट के दौरान ललित ने कहा, 'हमें अंदाजा नही था कि इस घटना पर हम सभी पर UAPA लगेगा। 

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, साइको एनालिसिस टेस्ट के दौरान ललित झा ने माना कि मनोरंजन डी इस ग्रुप को बड़ा संगठन बनाना चाहता था। टेस्ट में खुलासा हुआ है कि संसद में हुई घटना के मास्टरमाइंड मनोरंजन डी ने संगठन में भर्तियों का जिम्मा आरोपी सागर को सौंपा था।

इसके अलावा दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल संसद कांड के सभी आरोपियों के नए सिम एक्टिव करवा रही है. दिल्ली पुलिस का मकसद क्लाउड के जरिये मोबाइल फोन सिम में दफन साजिश के राज से पर्दा उठाना है। पुलिस का मानना है कि नष्ट किये हुए फोन के सिम के जरिये किससे, कहां और क्या बात हुई इस पर से पर्दा उठाना जरूरी है. इसीलिए पुलिस सभी आरोपियों के नये सिम एक्टिव करवा रही है।

बता दें कि संसद पर 2001 में हुए आतंकवादी हमले की बरसी के दिन 13 दिसंबर को लोकसभा की कार्यवाही के दौरान घुसपैठ हुई थी। दर्शक दीर्घा से सागर शर्मा और मनोरंजन डी सदन के भीतर कूद गए थे। सोशल मीडिया पर सामने आईं तस्वीरों और वीडियो में दोनों पीली गैस छोड़ने वाले कनस्तरों को पकड़े नजर आ रहे हैं। वे नारे भी लगा रहे थे। अमोल शिंदे और नीलम देवी के रूप में पहचाने गए दो अन्य आरोपियों ने भी संसद परिसर के बाहर इसी तरह के कनस्तरों से रंगीन गैस का छिड़काव किया। वे कथित तौर पर चिल्ला रहे थे तानाशाही नहीं चलेगी।

भारत को लगा झटका, सीरीज से पहले साउथ अफ्रीका से अचानक घर लौटे विराट कोहली

#viratkohlireturnedfromsouthafricaduetofamily_emergency

भारतीय टीम फिलहाल दक्षिण अफ्रीकी दौरे पर है। टी20 सीरीज और वनडे सीरीज के बाद अब दोनों टीमें दो टेस्ट मैचों की सीरीज खेलेगी। भारत और साउथ अफ्रीका के बीच 2 मैचों की टेस्ट सीरीज का आगाज 26 दिसंबर से होना है। इससे पहले भारतीय टीम को बड़ा झटका लगा है। टीम के सीनियर बल्लेबाज विराट कोहली भारत लौट गए हैं। भारतीय टीम के अनुभवी बल्लेबाज विराट कोहली फैमिली इमरजेंसी के चलते स्वदेश लौट आए हैं। यही नहीं टीम के युवा होनहार बल्लेबाज ऋतुराज गायकवाड़ भी आगामी सीरीज से बाहर हो गए हैं। बताया जा रहा है कि गायकवाड़ की उंगली में चोट आई है।

कोहली टीम मैनेजमेंट और बीसीसीआई से अनुमति मिलने के बाद तीन दिन पहले ही मुंबई के लिए रवाना हुए थे और उन्होंने प्रिटोरिया में तीन दिवसीय अभ्यास मैच में हिस्सा नहीं लिया। जो कि अभी प्रिटोरिया में खेला जा रहा है। अगर वह सीरीज के लिए वापस नहीं लौटते हैं तो टीम इंडिया के लिए बड़ा झटका होगा। हालांकि, बीसीसीआई सूत्रों का कहना है कि वह 26 दिसंबर से सेंचुरियन में शुरू होने वाले पहले टेस्ट के लिए समय पर जोहानिसबर्ग लौट जाएंगे।

कोहली का रहेगा अहम रोल

बता दें साउथ अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज में विराट कोहली का सबसे अहम रोल रहेगा। साउथ अफ्रीका में कप्तान रोहित शर्मा का रिकॉर्ड काफी खराब रहा है ऐसे में विराट पर बल्लेबाजी की ज्यादा जिम्मेदारी रहेगी। विराट ने साउथ अफ्रीका में 51 से ज्यादा की औसत से 719 रन बनाए हैं जिसमें दो शतक शामिल हैं। टीम इंडिया ने साउथ अफ्रीका में कभी कोई टेस्ट सीरीज नहीं जीती है, अगर विराट का बल्ला चला और गेंदबाजों का साथ मिला तो इस बार ये कारनामा किया जा सकता है।

वर्ल्ड कप में जमकर चला था विराट कोहली का बल्ला

विराट कोहली पिछली बार भारतीय टीम के लिए ब्लू जर्सी में वर्ल्ड कप के दौरान नजर आए थे। इस दौरान उनके बल्ले से जमकर रन निकले थे। उन्होंने टीम के लिए प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में कुल 11 मैच खेले थे। इस दौरान उनके बल्ले से 11 पारियों में 95.62 की औसत से 765 रन निकले थे। टूर्नामेंट में किंग कोहली के बल्ले से कुल तीन शतक और छह अर्धशतक देखने को मिले थे।

'जब युवक लोकसभा में घुसे, तो भाजपा सांसद भाग निकले, उनकी हवा निकल गई..', संसद सुरक्षा चूक पर बोले राहुल गांधी

संसद से विपक्षी सांसदों के निलंबन पर इंडिया गठबंधन आज शुक्रवार (22 दिसंबर) को दिल्ली के जंतर-मंतर पर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहा है। इस दौरान कांग्रेस के लोकसभा सांसद राहुल गांधी ने शुक्रवार को लोकसभा में सुरक्षा उल्लंघन के बारे में बात करते हुए दावा किया कि जब यह घटना घटी तो सदन में मौजूद भाजपा सांसद तेजी से भाग निकले थे।

 

कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि कुछ युवाओं ने संसद में प्रवेश किया और धुआं छोड़ा, जिससे भाजपा विधायकों को भागना पड़ा। राहुल ने चुटकी लेते हुए कहा कि, 'सभी बीजेपी सांसद भाग गए। उनकी हवा निकल गई।' राहुल गांधी ने यह भी कहा कि 13 दिसंबर को संसद की सुरक्षा में हुए उल्लंघन ने यह सवाल भी उठाया है कि घुसपैठियों को ऐसा कदम उठाने के लिए किसने प्रेरित किया। उन्होंने दावा किया कि, “इस घटना में, सुरक्षा उल्लंघन का सवाल है, लेकिन एक और सवाल है कि उन्होंने इस तरह विरोध क्यों किया। इसका जवाब है, देश में बेरोजगारी।” राहुल ने कहा कि, देश में बेरोज़गारी के कारण ये लोग संसद में घुस आए थे। 

उन्होंने सुरक्षा उल्लंघन के मद्देनजर संसद में उथल-पुथल के बारे में बात की, जैसे विपक्षी सांसदों द्वारा विरोध और हंगमा, फिर बड़े पैमाने पर निलंबन, और तृणमूल कांग्रेस सांसद कल्याण बनर्जी द्वारा राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति जगदीप का मज़ाक उड़ाना और राहुल गांधी द्वारा उस मिमिक्री का वीडियो बनाना आदि। राहुल गांधी ने कहा कि, "मीडिया ने देश में बेरोजगारी के बारे में बात नहीं की। लेकिन इसने राहुल गांधी द्वारा एक वीडियो रिकॉर्ड करने के बारे में बात की, जहां निलंबित सांसद संसद के बाहर बैठे थे।"

बता दें कि, लोकसभा में घुसे युवकों को 11 सांसदों ने मिलकर पीटा भी था, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ था। वहीं, संसद में हंगामा करने वाली एक लड़की नीलम का कांग्रेस से कनेक्शन भी सामने आया है, जिसमे वो कांग्रेस के लिए वोट मांगती हुईं नज़र आई थी। साथ ही वो किसान आंदोलन में भी नज़र आई थी। संसद में घुसे आरोपी, ‘मणिपुर को इंसाफ दो’, ‘जय भीम’, ‘तानाशाही नहीं चलेगी’, ‘संविधान बचाओ’, ‘महिलाओं पर अत्याचार नहीं चलेगा’, ‘काला कानून नहीं चलेगा, गुंडागर्दी नहीं चलेगी' जैसे नारे लगा रहे थे।

नहीं रहे अमृता के इमरोज, मशहूर कवि और चित्रकार ने 97 साल की उम्र में दुनिया को कहा अलविदा

#poet_and_artist_imroz_passes_away 

मोहब्बत की एक अनोखी दास्तां का आज अंत हो गया। अमृता और इमरोज की अनोखी प्रेम कहानी आज अपने अंतिम पड़ाव पर पहुंच गई। जी हां अमृता प्रीतम के जाने के बाद भी अपने प्रेम को जिंदा रहने वाले मशहूर कवि और चित्रकार इमरोज का निधन हो गया। इमरोज 97 साल के थे और उम्र संबंधी समस्याओं से पीड़ित थे। इमरोज का मूल नाम इंद्रजीत सिंह था। इमरोज अमृता प्रीतम के साथ अपने रिश्ते के बाद काफी लोकप्रिय हो गए थे। हालांकि, दोनों ने कभी शादी नहीं की, लेकिन 40 साल तक एक-दूसरे के साथ ही रहे। 

इमरोज की मौत की पुष्टि उनके करीबी दोस्त अमिया कुंवर ने कही। इन्होंने कहा- इमरोज कुछ दिनों से सेहत संबंधी समस्याओं से जूझ रहे थे। अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वो पाइप के जरिए खाना खा रहे थे। लेकिन अमृता को एक दिन के लिए भी भूल नहीं पाए थे। वो हमेशा कहते थे कि अमृता यही है।

अमृता प्रीतम और इमरोज ने प्रेम की एक नई परिभाषा गढ़ी। इमरोज एक शानदार प्रेमी होने के साथ-साथ कवि और मशहूर चित्रकार भी थे। अमृता और इमरोज का साथ लगभग 40 साल का था। अमृता प्रीतम के अंतिम दिनों में इमरोज ही उनके साथ थे। मोहब्बत की इम्तिहा को इसी बात से समझा जा सकता है कि अमृता प्रीतम की मृत्यु के बाद भी इमरोज यह मानते ही नहीं थे कि वे अब इस दुनिया में नहीं हैं।

बता दें कि कवि इमरोज ने अमृता प्रीतम के लिए कविताओं की एक पुस्तक संग्रह भी लिखी थी- ‘अमृता के लिए नज्म जारी है’। इस पुस्तक का प्रकाशन हिंद पॉकेट बुक्स ने वर्ष 2008 में किया था। इस पुस्तक में वे अमृता के लिए अपना प्यार जाहिर करते हुए लिखते हैं, 'कभी-कभी, खूबसूरत खयाल, खूबसूरत बदन भी, अख़्तियार कर लेते हैं।

छत्तीसगढ़ कैबिनेट में इकलौती मंत्री बनीं लक्ष्मी राजवाड़े, पंचायत सदस्य से मंत्रालय संभालने तक का सफर; भाजपा का जताया आभार

 छत्तीसगढ़ के नवनियुक्त मुख्यमंत्री विष्‍णुदेव साय की कैबिनेट के नौ मंत्री आज शपथ लेंगे। इन मंत्रियों ने एकमात्र महिला विधायक लक्ष्मी राजवाड़े का नाम भी शामिल है। दरअसल, लक्ष्मी राजवाड़े भटगांव विधानसभा क्षेत्र से पहली बार की विधायक बनी हैं।

सरगुजा संभाग और सूरजपुर जिले के भटगांव विधानसभा क्षेत्र से लक्ष्मी राजवाड़े पहली बार विधायक निर्वाचित हुई हैं। वह मंत्रिमंडल की इकलौती महिला मंत्री बनाई गई हैं। सूरजपुर जिले के भैयाथान विकासखंड, ग्राम वीरपुर की लक्ष्मी राजवाड़े पहली बार जनपद सदस्य के पद पर निर्वाचित हुई थी।

लक्ष्मी राजवाड़े वर्तमान में जिला पंचायत सूरजपुर के सदस्य के अलावा भाजपा महिला मोर्चा सूरजपुर की जिला अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने पिछले पंचायत चुनाव में जिला पंचायत सदस्य का चुनाव भी जीता।

हमेशा से संगठन में सक्रिय रही लक्ष्मी

लक्ष्मी शुरू से ही भाजपा संगठन में सक्रिय रही हैं और उन्होंने अपने पहले ही चुनाव में कांग्रेस के पारसनाथ राजवाड़े को 43 हजार से अधिक मतों से हरा दिया। पारसनाथ राजवाड़े दो बार के कांग्रेस विधायक थे। लक्ष्मी की सक्रियता के कारण उन्हें पार्टी ने पहले प्रत्याशी बनाया और अब विधायक निर्वाचित होने के बाद वह मंत्री पद की बड़ी जिम्मेदारी निभाने वाली हैं।

शपथ ग्रहण करने के बाद बीजेपी विधायक लक्ष्मी राजवाड़े ने कहा, “बीजेपी ने मेरे जैसे छोटे पार्टी कार्यकर्ता को मौका दिया है। मुझे खुशी है कि मैं सिर्फ भटगांव विधानसभा क्षेत्र का ही नहीं, बल्कि पूरे राज्य का प्रतिनिधित्व करूंगी। पीएम मोदी की गारंटी में सब कुछ संभव है। महिलाओं को प्राथमिकता देते हुए पार्टी के निर्देशानुसार काम करूंगी।”

आज नए मंत्रिमंडल में नौ मंत्रियों ने अपने पद की शपथ ली है, जिसमें नितिन नवीन, श्याम बिहारी जैसवाल, केदार कश्यप शामिल हैं।

कॉमर्शियल एलपीजी सिलेंडर आज से दिल्ली से लेकर पटना तक 39.50 रुपये सस्ता, घरेलू सिलेंडर की कीमत में कोई बदलाव नहीं

एलपीजी सिलेंडर के दाम में एक जनवरी से पहले कटौती हो गई है। आज यानी 22 दिसंबर से ही दिल्ली से लेकर पटना तक एलपीजी सिलेंडर 39.50 रुपये सस्ता हो गया है। यह कटौती केवल 19 किलो वाले कॉमर्शियल सिलेंडर में की गई है, जबकि घरेलू सिलेंडर के रेट में कोई बदलाव नहीं हुआ है।

आज से दिल्ली में इंडेन कॉमर्शियल सिलेंडर 1757 रुपये में मिलेगा। इससे पहले 1796.50 रुपये में मिल रहा था। कोलकाता में यही 19 किलो वाला सिलेंडर अब 1868.50 रुपये का हो गया है। एक दिसबंर से कल तक यह 1908 रुपये में बिक हा था। मुंबई में अब यही सिलेंडर 1749 रुपये के बजाय 1710 रुपये में मिलेंगे। चेन्न्ई में आज से एलपीजी सिलेंडर 39.50 रुपये सस्ता होकर 1929 रुपये में बिकेंगे।

बता दें एक दिसंबर को कॉमर्शियल एलपीजी सिलेंडर के रेट बढ़े थे। इससे पहले 16 नवंबर करवाचौथ के दिन ही 19 किलो वाला एलपीजी सिलेंडर 100 रुपये से अधिक महंगा हो गया था। 

शहर  आज का रेट  पूर्व रेट

दिल्ली  1757.00  1796.50

कोलकाता  1868.50  1908.00

मुंबई  1710.00  1749.00

चेन्नई  1929.00  1968.50

स्रोत: IOC

घरेलू एलपीजी सिलेंडर में कोई बदलाव नहीं

14.2 किलो वाले एलपीजी सिलेंडर के रेट में कोई बदलाव नहीं हुआ है। 30 अगस्त 2023 को घरेलू एपलीजी सिलेंडर के दाम 200 रुपये कम किए गए थे। इंडियन ऑयल की वेबसाइट पर दिए गए अपडेट के मुताबिक आज भी 14.2 किलो वाला घरेलू एलपीजी सिलेंडर 30 अगस्त वाले रेट पर ही मिल रहे हैं।

दिल्ली में यह 903 रुपये प्रति सिलेंडर है, जबकि कोलकाता में 929 रुपये और मुंबई में 902.50 रुपये है। चेन्नई में आज यानी 1 नवंबर 2023 को 918.50 रुपये प्रति सिलेंडर की दर से मिल रहा है।