चारों बच्चों को पुलिस में भर्ती कराने का था सपना:शराब तस्कर ने कार से कुचलकर दारोगा की हत्या, पुलिस पदाधिकारी सहित नेता पहुंचे अंतिम दर्शन के
बेगूसराय के नावकोठी थाना क्षेत्र में प्रतिनियुक्ति दारोगा खामस चौधरी की शराब कारोबारी द्वारा कुचल कर की गई हत्या के बाद हर ओर शोक है। कर्तव्यनिष्ठ पुलिस पदाधिकारी की हत्या से ना केवल पुलिस विभाग में आक्रोश है। बल्कि थाना क्षेत्र के बुद्धिजीवी और सामाजिक कार्यकर्ताओं में भी शोक फैल गई है। वही सभी लोग काफी आक्रोशित हैं।
लेकिन सबसे बड़ा दुखों का पहाड़ अगर टूटा है तो खामस चौधरी के परिवार पर। शहीद हुए खामस का सपना था कि मेरे परिवार की सभी बच्चे मां भारती की सेवा करें, पूरी तरह से वर्दी में रहें। लेकिन समय का दुचक्र ऐसा चला कि बच्चों को वर्दी पहनाने का सपना पूरा करने से पहले खुद खाकी वर्दी में शहीद हो गए। हालांकि परिजनों ने निश्चय किया है कि अपने शहीद लाल के सभी सपनों को पूरा किया जाये।
6 मई 1976 को मधुबनी जिले के राहिका थाना क्षेत्र के मारर निवासी भोला चौधरी के तीसरे पुत्र के रूप में पैदा हुए। खामस चौधरी की बचपन से ही काफी इच्छा थी वर्दी में रहने की, जुनून था देश सेवा करने का। बचपन से ही पढ़ने में काफी तेज खामस ने 2009 में दरोगा की परीक्षा उत्तीर्ण की और भागलपुर में प्रशिक्षण के बाद 2013 में जमुई में योगदान किया। जमुई में उन्होंने शानदार काम किया।
इसके बाद 2019 में उन्हें बेगूसराय भेजा गया तो यहां नगर थाना में एएसआई के पद पर तैनात किया गए। बेगूसराय नगर थाना में उन्होंने अपने कार्यों की बदौलत पहचान बना लिया। उन्होंने दोहरे हत्याकांड के साथ कई हत्याकांड का खुलासा करने के अलावा अन्य कांडों का खुलासा किया था। ना सिर्फ पुलिस विभाग, बल्कि सामाजिक कार्यकर्ता और बुद्धिजीवी सहित अन्य में भी अपनी पहचान बनाई। इसके बाद 2021 में नावकोठी थाना भेज दिए गए।
2007 में शादी हुई तो इन्होंने सपना देखा कि मैं अपने होने वाले सभी बच्चों को बनाऊंगा तो पुलिस ही। 2011 में जब पहला संतान के रूप में इन्हें बेटा हुआ तो नाम रखा गौरव और सपना देखा अपने इस गौरव को गांव का गौरव बनाऊंगा। मेरा गौरव एक ना एक दिन भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) का अधिकारी बनेगा। उसके बाद पैदा बेटी रोशनी, संध्या सुमन एवं साक्षी को भी दरोगा बनाना चाहते थे।
गांव में शिक्षा की सही व्यवस्था नहीं रहने के कारण उन्होंने सेंट जेवियर स्कूल राठी में चारों बच्चे का नामांकन कराया। जिसमें बेटी सातवीं कक्षा, रोशनी द्वितीय कक्षा एवं शेष दोनों बेटी यूकेजी में पढ़ रही है। गांव का वातावरण से बच्चों को दूर रखने के लिए इन्होंने सिजौल स्थित अपने ससुराल में ही ससुर के घर से थोड़ी दूर पर घर बनवाया। इस घर का गृह प्रवेश मार्च 2023 में हुआ है।
बड़े भाई उमेश चौधरी ने बताया कि पत्नी की बीमारी को लेकर अक्टूबर में जब घर गए थे। उस समय भी चारों बच्चों को प्रेरित किया था कि खूब पढ़ो और वर्दी पहनकर भारत माता की सेवा के लिए तत्पर रहो। गांव से प्राथमिक शिक्षा एवं सूरी उच्च विद्यालय से मैट्रिक उत्तीर्ण करने के बाद इन्होंने आरके कॉलेज मधुबनी से इंटरमीडिएट के बाद स्नातक गणित से उत्तीर्ण किया। खुद भले ही सरकारी विद्यालय में पढ़ें, लेकिन इच्छा थी बच्चों को निजी विद्यालय में पढ़ाकर खूब आगे बढ़ाने की।
नावकोठी में पदस्थापन के बाद वहां अकेले रह रहे थे। पत्नी कल्पना देवी अपने एक बेटा और तीन बेटी के साथ गांव में रह रही थी। रात में जानकारी मिली तो सुबह में सभी लोग सदर अस्पताल पहुंचे। घटना स्थल पर स्थानीय लोगों की भीड़ जुट गई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि देर रात को हल्ला सुनकर हम लोग पहुंचे तो पता चला कि हमारे लोकप्रिय पुलिस पदाधिकारी खामस चौधरी के साथ ही हादसा हुआ है।
एसपी योगेन्द्र कुमार ने बताया कि अपने जांबाज सब इंस्पेक्टर खामस चौधरी को खोकर हम सब शोकाकुल है। खामस चौधरी ने हमेशा कर्तव्यनिष्ठा और सेवा की प्रति ईमानदारी का परिचय दिया। अभी प्रावधान के अनुसार उन्हें आर्थिक सहायता दी जाएगी। लेकिन बेगूसराय पुलिस और पूरी बिहार पुलिस की टीम शहीद के परिवार के साथ है। इन्हें भविष्य में भी किसी प्रकार की असुविधा नहीं होने दी जाएगी।
इधर, इस बड़े हादसे के बाद सदर अस्पताल में ना केवल जिले के सभी पुलिस पदाधिकारी उन्हें नमन करने आ रहे है बल्कि सांसद प्रतिनिधि अमरेंद्र कुमार अमर, नावकोठी के मुखिया राष्ट्रपति कुमार, रजाकपुर के मुखिया प्रतिनिधि मुकेश पासवान सहित प्रखंड क्षेत्र और जिले भर के अधिकारी एवं प्रतिनिधि शोक जताने पहुंचे रहे हैं। सभी लोगों का कहना है कि शराबबंदी में एक और जान ले ली। पकड़े गए शराब कारोबारी को फांसी की सजा होनी चाहिए।
वही शहीद हुए दरोगा खामोश चौधरी पुलिस कर्मियों ने पुलिस लाइन में अंतिम विदाई दी। पोस्टमार्टम के बाद बुधवार की दोपहर पार्थिव शरीर के पुलिस लाइन पहुंचते ही सभी पुलिसकर्मियों की आंखें नम हो गई। परेड ग्राउंड में पार्थिव शरीर को रखा गया। जहां की बेगूसराय एवं खगड़िया प्रक्षेत्र के पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) बाबूराम, एसपी योगेन्द्र कुमार, मुख्यालय डीएसपी निशित प्रिया, बखरी डीएसपी चंदन कुमार सहित सभी डीएसपी एवं पुलिस पदाधिकारियों ने पुष्प चक्र अर्पित कर विदाई दी।
इस मौके पर पुलिस के जवानों ने उन्हें गार्ड आफ ऑनर दिया। इसके बाद दो मिनट का मौन धारण कर मृतात्मा शांति की प्रार्थना की गई। इस दौरान शहीद दरोगा की पत्नी कल्पना देवी, भाई उमेश चौधरी, पुत्र गौरव कुमार सहित अन्य परिजनों ने भी पुष्प चक्र देकर श्रद्धा सुमन अर्पित किया।
इसके बाद पूरे सम्मान के साथ पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए पैतृक गांव के लिए भेज दिया गया है। पुलिस लाइन से भेजे गए सरकारी वाहन के साथ पुलिसकर्मी भी गए हैं। इस दौरान डीआईजी एवं एसपी ने शहीद दरोगा की पत्नी, पुत्र एवं अन्य परिजनों को सांत्वना देते हुए हर संभव सहयोग और हमेशा सहायता करने का आश्वासन दिया है।
बेगूसराय से नोमानुल हक की रिपोर्ट
Dec 20 2023, 21:41