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नहीं रहे CID के ‘फ्रेडी’ दिनेश फडनीस, लीवर की बीमारी से झूज रहे थे एक्टर, एक दिसम्बर को तबीयत हुई थी खराब

टीवी एक्टर दिनेश फडनीस के फैंस के लिए एक बुरी खबर है। एक्टर हमेशा के लिए इस दुनिया का छोड़कर चले गए। एक दिसंबर को एक्टर की तबीयत खराब हुई और उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया था। पिछले चार दिनों वेंटीलेटर पर थे, जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रहे थे। जो वह ये लड़ाई हार गए।

एक्टर के निधन की खबर उनके को-स्टार और दयानंद शेट्टी ने इसकी जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि उनके दोस्त ने रात 12.08 बजे अंतिम सांस ली। महज 57 साल की उम्र में एक्ट्रेस इस दुनिया को अलविदा कह गए। उनके जाने की खबर से टीवी इंडस्ट्री में शोक की लहर है।

बता दें, रविवार को की सबुह खबर सामने आई थी कि दिनेश फडनीस को हार्ट हटैक आया था, जिसके चलते उन्हें मुंबई के तुंगा अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वहीं शाम होते होते उनकी हेल्थ अपडेट भी सामने आया था। दयानंद शेट्टी ने एक इंटरव्यू में खुलासा किया था कि उन्हें हार्ट हटैक नहीं आया था, बल्कि उनका लीवर डैमेज हुआ, जिस कारण उन्हें भर्ती करवाया गया।

दिनेश का एक्टिंग करियर

दिनेश फडनीस ने ‘सीआईडी’ कई सालों तक काम किया था। उन्होंने साल 1998 से 2018 तक फ्रेडरिक्स की भूमिका निभाई थी। इसके वह ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ में भी कैमियो रोल में नजर आए थे। इसके अलावा वह आमिर खान की फिल्म ‘सरफरोश’ और ऋतिक रोशन की ‘सुपर 30’ में भी नजर आए थे।

करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की घर में घुसकर हत्या, इलाके में मचा हड़कंप


राजस्थान से एक बड़ी खबर सामने आ रही है यहां राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के प्रदेशाध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी को आज राजधानी जयपुर में गोली मार दी गई। तत्पश्चात, उन्हें मानसरोवर स्थित मेट्रो मास अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिसमे उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। श्याम नगर थाने इलाके का मामला बताया जा रहा है।

खबरों के अनुसार, गोली उनके श्याम नगर स्थित उनके आवास के पास ही मारी गई बताई जा रही है। इस गोलीकांड के पश्चात् मेट्रो मास हॉस्पिटल पर भारी भीड़ लग गई है। हालात को संभालने के लिए वहां भी पुलिस फोर्स तैनात की गई है। सुखदेव सिंह को दो गोलियां मारी गई बताई जा रही है। गोलियां किन लोगों ने चलाई है इसका भी अभी तक कोई सुराग नहीं लग पाया है।

सुखदेव सिंह गोगामेड़ी लंबे वक़्त से राष्ट्रीय करणी सेना से जुड़े हैं। उन्होंने करणी सेना संगठन में बहुत वक़्त पहले हुए विवाद के बाद राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के नाम से अलग संगठन बना लिया था। गोगामेड़ी उसके अध्यक्ष हैं। वे फिल्म पद्मावत और गैंगस्टर आनंदपाल एनकाउंटर केस के पश्चात् राजस्थान में हुए विरोध प्रदर्शन से खासा ख़बरों में आए थे। इन मुद्दों को लेकर उनके कई वीडियो भी वायरल हुए थे। सुखदेव सिंह को गोली मारने के पश्चात् इसकी खबर पूरे राज्य में आग की तरह फैल गई। हालात को देखते हुए पूरे जयपुर शहर में पुलिस हाई अलर्ट मोड पर आ गई। वहीं प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में भी अलर्ट कर दिया गया। हमलावर कौन थे और कहां से आए थे इसका अभी तक कुछ नहीं चल पाया है। पुलिस अपराधियों की तलाश में जुट गई है। वहीं प्रशासन हालात पर नजर बनाए हुए है। बताया जा रहा है कि गोगामेड़ी बीते बहुत वक़्त से सुरक्षा की मांग कर रहे थे।

'20 साल पहले भी कांग्रेस 3 राज्य हारी थी, फिर लोकसभा चुनाव में..', शिकस्त में जयराम रमेश को दिखी आशा की किरण, कही ये बात

विधानसभा चुनाव नतीजों में भाजपा को तीन राज्यों - मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में प्रचंड बहुमत प्राप्त हुआ है। इन तीनों राज्यों में प्रबल दावेदार होने के बावजूद कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा है, दो राज्यों में जहाँ उसके हाथ से सत्ता निकली है, वहीं मध्य प्रदेश में वो 20 साल (बीच में डेढ़ साल छोड़कर) के सूखे के बाद भी सत्ता हासिल करने में नाकाम रही। हालांकि, पार्टी ने इसमें एक बड़ी उम्मीद की किरण देखी है।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने विधानसभा चुनावों में मिली हार को अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव की संभावित जीत के रूप में देखा है। उन्होंने एक सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा है कि, ''ठीक 20 साल पहले, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में राज्य चुनाव हार गई थी, जबकि केवल दिल्ली में जीत हासिल की थी। लेकिन कुछ ही महीनों में पार्टी ने वापसी की और लोकसभा चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी और केंद्र में सरकार बनाई। यह आशा, विश्वास और दृढ़ संकल्प और लचीलेपन की भावना के साथ है कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस आगामी लोकसभा चुनावों के लिए तैयारी कर रही है। जुड़ेगा भारत, जीतेगा इंडिया!''

जयराम रमेश का कहना है कि, 20 साल पहले भी ऐसा ही संयोग बना था और फिर कांग्रेस केंद्र की सत्ता में बैठी थी, इस बार भी ऐसा हुआ है, तो पार्टी अगले साल लोकसभा चुनाव में इसी सोच और तैयारी के साथ उतरेगी। इससे पहले जयराम ने तीनों राज्यों में कांग्रेस को मिले वोट प्रतिशत के आंकड़े साझा किए थे। उन्होंने कहा था कि, उनकी पार्टी भाजपा से अधिक पीछे नहीं है।

उन्होंने एक पोस्ट में लिखा था कि, 'यह सच है कि छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का प्रदर्शन निराशाजनक था और हमारी अपनी उम्मीदों से काफी नीचे था। लेकिन वोट शेयर उस कांग्रेस की कहानी बताते हैं जो भाजपा से बहुत पीछे नहीं है - वास्तव में, काफी करीब है। यह आशा और पुनरुद्धार का कारण है।" चुनावी आंकड़ों को साझा करते हुए उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में भाजपा और कांग्रेस के लिए वोट शेयर क्रमशः 46.3 प्रतिशत और 42.2 प्रतिशत थे। रमेश ने कहा, मध्य प्रदेश में भाजपा का वोट शेयर 48.6 प्रतिशत और कांग्रेस का 40.4 प्रतिशत था। उन्होंने कहा, राजस्थान में भाजपा के पास 41.7 प्रतिशत वोट शेयर था और कांग्रेस के पास 39.5 प्रतिशत था। कांग्रेस नेता ने पोस्ट को "जुड़ेगा भारत, जीतेगा इंडिया" के साथ समाप्त किया। बता दें कि, ये 26 विपक्षी दलों के गठबंधन INDIA की टैग लाइन है, जो 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को टक्कर देने के लिए एकजुट हुए हैं।

बीजेपी के लिए बड़ा सवाल-कौन होगा राजस्थान का सीएम? वसुंधरा को मुख्यमंत्री नहीं बनाया तो इन नामों पर हो सकता है विचार

#whoisaheadinbjpvasundhararajeorsomeone_else

राजस्थान में बीजेपी ने चुनावी रण जीत लिया है। 199 विधानसभा सीटों पर हुए चुनाव में बीजेपी को 115 सीटों पर जीत मिली है। यानी बीजेपी ने स्पष्ट बहुमत हासिल कर लिया है।बीजेपी ने किसी को भी सीएम चेहरा बना कर चुनाव नहीं लड़ा। इसलिए अब ये सवाल काफ़ी अहम हो गया है कि आख़िर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर कौन बैठेगा। भाजपा के लिए यह निर्णय करना अभी मुश्किल साबित हो रहा है।

राजस्थान में सीएम का फैसला संसदीय बोर्ड करेगा

इस बीच जयपुर पहुंचे प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह का बड़ा बयान सामने आया है। नई दिल्ली में केंद्रीय नेतृत्व को रिपोर्ट सौंपने के बाद जयपुर पहुंचे प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह ने कहा कि प्रदेश में पीएम मोदी के चेहरे पर विधानसभा चुनाव लड़ा गया है, ऐसे में मुख्यमंत्री का फैसला भी संसदीय बोर्ड तय करेगा।बता दें कि अरुण सिंह सीपी जोशी के आवास पर भी मिलने पहुंचे। इस दौरान उनसे पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधराराजे के आवास पर विधायकों की मुलाकात को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने चुप्पी साध ली, लेकिन सीएम फेस को लेकर साफ कह दिया कि जो बोर्ड तय करेगा, वह सभी को मान्य होगा।

आलाकमान को अपनी ताकत दिखाने में जुटी वसुंधरा

मुख्यमंत्री की रेस को लेकर बीजेपी में सियासत का पारा चढ़ा हुआ है। वसुंधरा भी आलाकमान को अपनी ताकत दिखाने में जुट गई है। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को कहीं ना कहीं इस बात का एहसास हो रहा है कि पार्टी हाई कमान इस बार उन्हें मुख्यमंत्री नहीं बनाते हुए कोई नया चेहरा ला रही है। इसके बाद से वसुंधरा सोमवार को सक्रिय हो गई। इस दौरान वसुंधरा राजे के समर्थक करीब 47 विधायक उनसे मिलने उनके आवास पर पहुंचे। हालांकि इसे एक औपचारिक मुलाकात बताया जा रहा है। लेकिन सियासी गलियारों में इस मुलाकात को शक्ति प्रदर्शन से देखकर जोड़ा जा रहा है। ऐसे में अटकलें लगाई जा रही है कि वसुंधरा की जोर आजमाइश के बीच बीजेपी हाई कमान के लिए नया सीएम बनाया जाना आसान नहीं होगा।

वसुंधरा नहीं तो कौन?

राजस्थान की दो बार मुख्यमंत्री रह चुकीं वसुंधरा राजे सिंधिया के बारे में कहा जा रहा है कि वह आलाकमान की पसंद नहीं हैं। इसलिए ये सवाल उठ रहा है कि वो नहीं तो कौन? राजस्थान में सीएम वसुंधरा नहीं तो कौन के सवाल के जवाब में अक्सर जो नाम आता है दीया कुमारी का।राजसमंद की सांसद दीया कुमारी भी वसुंधरा राजे की तरह राजपरिवार से आती हैं और उन्हें पीएम नरेंद्र मोदी समेत पूरे बीजेपी आलाकमान का पसंदीदा माना जाता है।वहीं, राजनीतिक विश्लेषक ओम बिरला और बाबा बालक नाथ के नामों को भी मजबूत दावेदार बता रहे हैं।

हार के साइड इफेक्ट! कल होने वाली इंडिया गठबंधन की बैठक टली, ममता-नीतीश-अखिलेश के इनकार के बाद लिया गया फैसला

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विपक्षी गठबंधन ने जब से आकार लिया, उस वक्त से ही उसकी विश्वसनीयता पर सवाल उठते रहे हैं। आए दिन किसी ना किसी तरह के मुनमुटाव की खबरें आती रही है। एक बार फिर गठबंधन पर सवाल उठने लगे हैं। दरअसल लोकसभा चुनाव को लेकर होने वाली इंडिया गठबंधन की बैठक टल गई है।अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर रणनीति बनाने के लिए इंडिया गठबंधन की नई दिल्ली में बुधवार (6 नवंबर) को बैठक होने वाली थी। कांग्रेस की तरफ से इस बैठक को बुलाया गया था, जिसमें विपक्ष के बड़े नेता हिस्सा लेने वाले थे। हालांकि, अब कई सारे नेताओं के इसमें शामिल नहीं होने की वजह से बैठक को टाल दिया गया है।

दरअसल बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने बैठक में शामिल होने से इनकार कर दिया था।माना जा रहा है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के ना आने की खबरों के बीच इंडिया गठबंधन को लेकर उठ रहे सवालों के चलते बैठक टाल दिया गया है।

इधर, जदयू की ओर से सीएम नीतीश कुमार के जाने या नहीं जाने के विषय पर अब तक बयान नहीं दिया गया है। जदयू के नेता का कहना है कि सीएम नीतीश कुमार को डॉक्टर ने आराम करने की सलाह दी है। उन्हें वायरल बुखार हुआ था। इनदिनों उनकी तबीयत ठीक नहीं है। इसलिए दिल्ली में होने वाली बैठक में शामिल नहीं हो रहे। जदयू राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह और जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा इस बैठक शामिल होंगे।

इससे पहले गठबंधन की 6 दिसंबर को होने वाली बैठक पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि ‘मुझे इस बारे में जानकारी नहीं है और मेरे उत्तर बंगाल के कुछ कार्यक्रम तय हैं। अगर इस बारे में जानकारी होती तो मैं उत्तर बंगाल के कार्यक्रम में नहीं जाती. मैं उत्तर बंगाल के दौरे पर जा रही हूं।अखिलेश यादव भी बैठक में हिस्सा लेने नहीं आ रहे हैं। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी बैठक में शामिल नहीं हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैं यहां रांची में व्यस्त रहूंगा. मैंने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से बात की है। हमारी तरफ से एक प्रतिनिधि बैठक में जा सकता है।

नीरज चोपड़ा ने दी जसमीत बुमराह को काम की सलाह, जैवलिन के अनुभव के आधार बताया कैसे बढ़ाएं बॉलिंग की स्पीड

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भारत के स्टार जैवलिन थ्रोअर और ओलंपिक में गोल्ड मेडलिस्ट नीरज चोपड़ा ने टीम इंडिया के तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह को बड़े काम की सलाह दी है।नीरज चोपड़ा ने बुमराह को गेंदबाज़ी की रफ्तार बढ़ाने के ले जरूरी सलाह दी है। नीरज चोपड़ा ने अपने जैवलिन थ्रो के अनुभव के आधार पर जसमीत बुमराह को ये सलाह दी है।जसप्रीत बुमराह भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य तेज़ गेंदबाज़ों में से एक हैं। बुमराह करीब 135 से 145 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गेंदबाज़ी कराते हैं, जिसे बढ़ाने के लिए भारत के स्टार जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा ने उन्हें खास मंत्र दिया है।

नीरज चोपड़ा ने बुमराह को अपना पसंदीदा गेंदबाज़ बताया। उन्होंने कहा कि बुमराह का बॉलिंग एक्शन काफी अनोखा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जैवलिन स्टार ने बुमराह को गेंद की रफ्तार बढ़ाने के बारे में सलाह देते हुए कहा, मुझे लगता है कि उन्हें अपना रनअप लंबा करना चाहिए, जिससे उनकी गेंद की रफ्तार बढ़ सके। उन्होंने आगे कहा, वो अपने जैवलिन के तजुर्बे से ये बात बता रहे हैं। हम अक्सर इस बारे में बात करते हैं कि बॉलर्स को अपनी रफ्तार कैसे बढ़ानी चाहिए। वो अगर अपना रनअप थोड़ा पीछ कर लें तो ये हो सकता है।

29 साल के बुमराह ने अब तक 30 टेस्ट में 128 विकेट, 89 वनडे में 149 विकेट और 62 टी20 में 74 विकेट लिए हैं। नीरज की बात करें तो 2023 उनके लिए शानदार रहा था। वह विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय बने थे। नीरज भारत के महान एथलीट्स में से एक हैं। एशियाई खेलों में उन्होंने लगातार दूसरी बार स्वर्ण पदक अपने नाम किया। नीरज का अगला बड़ा असाइनमेंट 2024 पेरिस ओलंपिक है।

बता दें इस बार टीम इंडिया वनडे वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंची थी और इस मैच का लुत्फ लेने के लिए नीरज चोपड़ा भी अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में दिखाई दिए थे। चोपड़ा ने कहा कि मैंने मैच का आनंद लिया लेकिन अगर टीम इंडिया यह मैच जीत जाती तो निश्चित ही वह बहुत ज्यादा खुश होते।

इंडिया” गठबंधन को बड़ा झटका!, 6 दिसंबर को दिल्ली में होने वाली बैठक में शामिल नहीं होंगे नीतीश कुमार

#cmnitishkumarwillnotattendtheindiaalliance_meeting

अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी और नरेंद्र मोदी को हराने के लिए बनाए गए इंडिया गठबंधन को जोर का झटका लगा है। दरअसल, इंडिया गठबंधन को बनाने और पूरे विपक्ष को एक मंच पर लाने वाले जनता दल यूनाइटेड के नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिल्ली में होने वाली गठबंधन की बैठक में शामिल नहीं होंगे। बता दें कि कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने 6 दिसंबर को दिल्ली में इंडिया गठबंधन की बैठक बुलाई है।

ममता बनर्जी और अखिलेश भी नहीं होंगे शामिल

पांच राज्यों के चुनाव परिणाम आने के बाद सियासी उठा पटक जारी है। 'इंडिया' गठबंधन में इसको लेकर बयानबाजियों का दौर शुरू हो गया है। इस बीच खबर मिल रही है कि 'इंडिया' गठबंधन की बैठक में सीएम नीतीश कुमार शामिल नहीं होंगे। पूरे विपक्ष को एकजुट कर इंडी गठबंधन बनाने में एकजुट की भूमिका निभाने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब इससे दूरी बनाते दिख रहे हैं। यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश सिंह और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ओर से पहले ही बैठक में शामिल नहीं होने का इशारा कर दिया गया है। ऐसे में अगुवा भी भूमिका निभाने वाले नीतीश कुमार का इस बैठक में शामिल नहीं होना काफी चौंकाने वाला है।वहीं, इस बैठक में आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव शामिल होंगे।

जदयू नेता यह कारण बता रहे

इधर, जदयू की ओर से सीएम नीतीश कुमार के जाने या नहीं जाने के विषय पर अब तक बयान नहीं दिया गया है। हालांकि, जदयू के नेता का कहना है कि सीएम नीतीश कुमार को डॉक्टर ने आराम करने की सलाह दी है। उन्हें वायरल बुखार हुआ था। इनदिनों उनकी तबीयत ठीक नहीं है। इसलिए दिल्ली में होने वाली बैठक में शामिल नहीं हो रहे। जदयू राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह और जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा इस बैठक शामिल होंगे। इधर, राजद की ओर से पार्टी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव शामिल होंगे।

विपक्षी गुट की पहली बैठक इसी साल 23 जून को पटना में सीएम नीतीश कुमार की अगुवाई में हुई थी। दूसरी पिछले महीने 17-18 जुलाई को बेंगलुरु में हुई थी। इसके बाद 31 अगस्त और 1 सितंबर को मुंबई में तीसरी बैठक हुई थी। इसके बाद कॉर्डिनेशन कमेटी की बैठक होती रही है। वहीं, अब चौथी बैठक दिल्ली में होने जा रही है। इस बैठक में पांच राज्यों के चुनाव परिणाम का मुद्दा उठेगा। बता दें कि मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना, मिजोरम विधानसभा चुनावों में कांग्रेस लड़ी। 'इंडिया' गठबंधन के अन्य दलों की इन चुनावों में कोई भूमिका और भागीदारी नहीं थी।

खालिस्तानी आतंकी लखबीर सिंह रोडे की पाकिस्तान में मौत, गुपचुप हुआ अंतिम संस्कार, जानें भिंडरावाले से क्या था कनेक्शन

#khalistaniterroristlakhbirsinghrodediedin_pakistan

 खालिस्तानी आतंकी लखबीर सिंह रोडे की पाकिस्तान में मौत हो गई। बताया जा रहा है कि लखबीर की हार्ट अटैक के चलते मौत हुई है।सूत्रों के मुताबिक, लखबीर सिंह रोडे की 2 दिसंबर को पाकिस्तान में हार्ट अटैक की वजह से मौत हुई। खबर लीक ना हो इसके चलते चोरी छिपे पाकिस्तान में सिख रीति-रिवाज से लखबीर सिंह रोडे का अंतिम संस्कार कर दिया गया। लखबीर सिंह जरनैल सिंह भिंडरावाले का भतीजा था।

पंजाब में आतंकी गतिविधियों में रहा शामिल

लखबीर सिंह रोडे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के इशारे पर भारत के खिलाफ पंजाब में आतंकी गतिविधियों में शामिल रहा है। लखबीर सिंह रोडे भारत में प्रतिबंधित आतंकी संगठनों खालिस्तान लिबरेशन फोर्स और इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन को पाकिस्तान से संचालित कर रहा था।

पाकिस्तान में थे लखबीर के कई ठिकाने

लखबीर सिंह रोडे ड्रोन के जरिये भारत में आरडीएक्स भेजने के अलावा कई संगीन मामलों का आरोपी है। खुफिया एजेंसियों के रिकॉर्ड के मुताबिक लखबीर के पाकिस्तान में कई ठिकाने थे। इनमें वह अलग-अलग समय में रहता था। प्रमुख ठिकानों में टाउनशिप क्षेत्र, हालौल, अमोल थियेटर लाहौर, हाउस नंबर 20, पीआईए कॉलोनी, डिफेंस लाहौर हैं।

पंजाब में तैयार कर रखा था स्लीपर सेल का नेटवर्क

लखबीर सिंह रोडे ने ड्रोन के जरिये पंजाब में टिफिन बम भेजे थे। इनका मकसद पंजाब में दहशत फैलाना था। एनआईए की जांच में सामने आया था कि रोडे ने पंजाब में जबरदस्त स्लीपर सेल का नेटवर्क तैयार कर रखा था। 200 के करीब युवाओं को जोड़ा जा चुका था। टिफिन बम बरामद होने के बाद भी एजेंसियां काफी हिस्सा इसलिए नहीं खोज पाई हैं, क्योंकि स्लीपर सेल ने टिफिन बम एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचा दिए थे और इसकी जानकारी आज तक एजेंसियों को नहीं मिल पाई है।

एनआईए ने रोडे की संपत्ति की थी सील

अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी के समय रोडे जबरदस्त चर्चा में आया था। रोडे ने ही अमृतपाल सिंह को अपने गांव में पनाह दी थी। बता दें कि एनआईए ने पंजाब के मोगा के रोडे गांव में पाकिस्तान में बैठे आतंकी लखबीर सिंह रोडे की करीब 43 कनाल जमीन सील कर दी थी। एनआईए ने रोडे पर साल 2021 में लुधियाना कोर्ट में ब्लास्ट करने की प्लानिंग करने का आरोप लगाया था।

आज लैंडफॉल करेगा चक्रवात मिचौंग, तमिलनाडु और आंध्रप्रदेश में हालात बेकाबू, चेन्नई में अब तक 8 लोगों की मौत

#cyclone_michaung

बंगाल की खाड़ी से 2 दिसंबर को उठा चक्रवाती तूफान मिचौंग ने दक्षिण भारत के कई राज्यों में तबाही मचा रखी है।तमिलनाडु और आंध्रप्रदेश में चक्रवाती तूफान मिचौंग से हालात पूरी तरह से बेकाबू हो गए हैं। चक्रवाती तूफान की वजह से जनजीवन पूरी तरह से अस्त व्यस्त हो चुका है। मौसम विभाग ने मंगलवार को भीषण बारिश की संभावना जताई है।चेन्नई में भारी बारिश और तेज हवाओं के बाद इससे संबंधित घटनाओं में कम से कम 8 लोगों की मौत हो चुकी है। रनवे पर पानी भर जाने की वजह से हवाई अड्डे पर उड़ान संचालन भी प्रभावित हुआ और कई उड़ानें रद्द करनी पड़ीं।

मौसम विभाग के मुताबिक, सोमवार को ये गंभीर चक्रवाती तूफान में बदल गया और मंगलवार की सुबह दक्षिणी आंध्र प्रदेश के तट को पार करने की संभावना है।मौसम विभाग के मुताबिक, मिचौंग आज दोपहर के बाद कभी भी आंध्र प्रदेश के बापटला से टकरा सकता है। मिचौंग तूफान समुंद्र में करीब 10 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आगे बढ़ रहा है. आंध्र प्रदेश के तट से टकराने के वक्त हवा की रफ्तार 100 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा रह सकती है। मौसम विभाग ने चार राज्यों में भारी बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया है। इनमें तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना और ओडिशा हैं। 

तमिलनाडु के 10 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट

इस चक्रवात का असर पहले ही दक्षिण और उत्तर भारत के कई राज्यों में दिखाई दिया है। खासकर तमिलनाडु और पुडुचेरी चक्रवात की वजह से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। यहां भारी बारिश के बाद अलग-अलग कारणों से आठ लोगों की मौत हुई है, वहीं काफी संपत्ति का भी नुकसान हुआ है।तमिलनाडु के 10 जिलों में बारिश के साथ बिजली गिरने के आसार जताए गए हैं। मौसम विभाग के अनुसार चेन्नई के साथ-साथ तिरुवेल्लूर, चेंगलपट्टू, कांचीपुरम, रानीपेट और वेल्लोर में बारिश की संभावना है। इसके साथ ही तिरुपत्तूर, तिरुवन्नामलाई, विल्लुपुरा और कन्याकुमारी जिलों में भी अलग-अलग स्थानों पर बारिश और बिजली गिरने की संभावना है।

ओडिशा में कल बंद रहेंगे शिक्षण संस्थान

ओडिशा में चक्रवाती तूफान मिचौंग के असर को देखते हुए गजपति जिले के कलेक्टर ने भारी वर्षा के मद्देनजर सभी प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, हाई स्कूल और आंगनवाड़ी केंद्रों को 6 दिसंबर 2023 को बंद रखने का निर्देश जारी किया है।

महाराष्ट्र के इन क्षेत्रों में बारिश का अलर्ट

मिचोंग के चलते महाराष्ट्र के कई इलाकों में भी बादल छाए रहेंगे। नागपुर प्रादेशिक मौसम विभाग ने बारिश का अनुमान जताया है। मौसम विभाग के निदेशक एमएम शाहू ने बताया कि मिचोंग चक्रवाती तुफान तमिलनाडु से होते हुए आंध्र प्रदेश के तटीय क्षेत्र से जा रहा है, जिसका इफेक्ट विदर्भ रिजन में भी देखने मिलेगा। इस क्षेत्र में 5, 6 और 7 दिसंबर को बादल छाए रहेंगे और भारी बारिश का अनुमान है। 

 

रेलवे ने बनाया इमरजेंसी कंट्रोल रूम

चक्रवात से संबंधित आपदा प्रबंधन के लिए भारतीय रेलवे ने मंडल और मुख्यालय दोनों स्तरों पर एक आपातकालीन नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है। ईस्ट कोस्ट रेलवे (ईसीओआर) ने एहतियाती कदम उठाते हुए अपने अधिकार क्षेत्र में कुल 60 ट्रेनें रद्द कर दी हैं।

एनडीआरएफ की टीमें तैयार

राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) ने तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और पुडुचेरी में 21 टीमें तैनात की हैं और मिचौंग के मद्देनजर आठ अतिरिक्त टीमों को रिजर्व में रखा गया है। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) को इसकी जानकारी दी गई, जिसकी बैठक यहां कैबिनेट सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता में हुई।

*3 राज्यों में जीत के बाद देश के 12 राज्यों में BJP की सरकार, 2024 के लिए क्‍या हैं मायने?

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चार राज्यों के विधानसभा चुनावों में से तीन में स्पष्ट जीत मिलने के बाद भारतीय जनता पार्टी इन राज्यों में सरकार बनाने जा रही है। इन तीनों राज्यों में जीत के बाद भाजपा अब अपने दम पर 12 राज्यों में सत्ता में होगी, जबकि दूसरी सबसे बड़ी राष्ट्रीय पार्टी कांग्रेस राजस्थान और छत्तीसगढ़ में हारने के बाद तीन राज्यों में सिमट गई है।

केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा उत्तराखंड, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, गुजरात, गोवा, असम, त्रिपुरा, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश में पहले से ही सत्ता में है। रविवार को आए 4 राज्यों के चुनाव परिणामों के बाद बीजेपी मध्य प्रदेश में सत्ता बरकरार रखेगी तथा राजस्थान और छत्तीसगढ़ को कांग्रेस से छीनने में कामयाब रही।यानी देश के 12 राज्यों में बीजेपी की हुकूमत है।इसके अलावा, भाजपा चार राज्यों - महाराष्ट्र, मेघालय, नगालैंड और सिक्किम में सत्तारूढ़ गठबंधन का भी हिस्सा है।

3 राज्यों में कांग्रेस की सत्ता

वहीं, कांग्रेस अब अपने दम पर तीन राज्यों - कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश और तेलंगाना में सत्ता में होगी। तेलंगाना में कांग्रेस अपनी निकटतम प्रतिद्वंद्वी सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) को हराकर जीत की हासिल की है। कांग्रेस बिहार और झारखंड में सत्तारूढ़ गठबंधन का भी हिस्सा है और तमिलनाडु में शासन करने वाली द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) की सहयोगी है। हालांकि, वह राज्य सरकार का हिस्सा नहीं है।

देश की 41 प्रतिशत आबादी पर बीजेपी का शासन

39 साल पहले 1984 के आम चुनाव में भाजपा को केवल दो सीटें ही हासिल हुई थी, लेकिन आज वो दौर है कि पार्टी अब न केवल 12 राज्यों को नियंत्रित करती है, बल्कि यह देश की 41 प्रतिशत आबादी पर भी शासन कर रही है। राजस्थान की हार और छत्तीसगढ़ में उलटफेर से कांग्रेस की शक्ति कमजोर होती दिख रही है, इन चुनावों ने उत्तर में भाजपा की ताकत को उजागर किया है। जिसका प्रभाव 2024 के लोकसभा चुनावों में देखने को मिल सकता है।