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केंद्र सरकार ने आयुष्मान भारत योजना को लेकर लिया बड़ा फैसला अब आयुष्मान आरोग्य मंदिर होगा आयुष्मान भारत स्वास्थ्य कल्याण केंद्रों का नाम


नई दिल्ली:- केंद्र सरकार ने आयुष्मान भारत योजना को लेकर बड़ा फैसला लिया है। सरकार के फैसले के बाद राज्यों में आयुष्मान भारत-स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों का नाम बदला जाएगा। 

सरकार ने बताया है कि अब राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में इन केंद्रों का नाम बदलकर आयुष्मान आरोग्य मंदिर रखा जाएगा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसे लागू करने के लिए राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को पत्र भेजा है।

'आरोग्यम परमं धनम'

राज्यों को एबी एचडब्ल्यूसी पोर्टल पर नये नाम वाले इन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की तस्वीरें अपलोड करने को कहा गया है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) का लोगो केंद्रों में बरकरार रखा जाएगा। नये नाम वाले एबी एचडब्ल्यूसी की नई टैगलाइन आरोग्यम परमं धनम होगी।

25 नवंबर को भेजे गये इस पत्र में मंत्रालय ने कहा कि ये केंद्र बीमारी से आरोग्यता की ओर की सोच और स्वास्थ्य देखभाल को ले जाने में सफल रहे हैं। अब एक कदम आगे बढ़ते हुए आयुष्मान भारत के सपने को साकार करने के लिए योजना का नाम बदलने का फैसला किया गया।

पत्र में क्या कुछ कहा गया

पत्र के अनुसार, यदि ब्रांडिंग के लिए हिंदी, अंग्रेजी के अलावा अन्य लिपियों का इस्तेमाल किया जाना हो तो उस नाम का राज्य की भाषाओं में सटीक अनुवाद किया जाना चाहिए। 

पत्र में वर्तमान केंद्रों के नाम को बदलने के लिए प्रति केंद्र 3000 रुपये की धनराशि प्रस्तावित की गई है।

हेल्थ टिप्स:अगर शरीर में हैं कैल्शियम की कमी तो खाइए, ये कैल्शियम रिच फूड,बनेंगी हड्डियां मजबूत


दिल्ली:कैल्शियम हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी है खासकर हड्डियों, मांसपेशियों और दांतों की मजबूती के लिए।कैल्शियम से भरपूर फूड्स हेल्दी बॉडी और हेल्दी बोन्स के लिए कैल्शियम के महत्व के बारे में सभी जानते हैं। समय-समय पर रिसर्च और स्टडीज में बार-बार यह बात दोहरायी जाती रही है कि, शरीर के लिए जरूरी पोषण के लिए सभी प्रकार के विटामिन और मिनरल्स की जरूरत होती है।

हड्डियों की मजबूती के लिए कैल्शियम (calcium) और विटामिन डी (Vitamin D) की जरूरत होती है. अगर शरीर में कैल्शियम की कमी रहती है तो हड्डियां कमजोर होने लगती है. हड्डियों में कमजोरी आने पर गठिया, ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारियां हो जाती है।

डेली डाइट में संतुलित भोजन की तरह कैल्शियम वाले खाद्य पदार्थ भी शामिल होने चाहिए. अगर आप अपनी डाइट में कैल्शियम वाले फूड शामिल नहीं करते हैं, तो यहां जान लें कौन-कौन से फूड कैल्शियम का निर्माण करते हैं. 

डेयरी खाद्य पदार्थ

शाकाहारी लोगों के लिए कैल्शियम के लिए दूध, दही, पनीर सबसे अच्छे फूड होते हैं. डेयरी खाद्य पदार्थ में पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है. दूध, दही और पनीर को अपनी डाइट में आप कई तरह से शामिल कर सकते हैं. नाश्ते और रात के खाने में दूध का सेवन ज्यादा फायदेमंद होता है.

रागी फूड

वैसे तो सामान्य डाइट में रागी फूड का सेवन बहुत कम होता है. लेकिन वजन कम करने और प्रोटीन और कैल्शियम की कमी को पूरा करने के लिए रागी का सेवन करने की सलाह लगभग सभी डाइट एक्सपर्ट्स देते हैं. हड्डियों की मजबूती के लिए रागी का सेवन लाभदायक होता है.

अंडा है कैल्शियम का स्रोत-

अगर आप अंडा खाते हैं तो आपके लिए कैल्शियम का सबसे अच्छा स्रोत इससे अच्छा कुछ नहीं हो सकता है. अंडे के पीले भाग में कैल्शियम के अलावा कई अन्य जरूरी पोषक तत्व पाये जाते हैं.

सहजन

आयुर्वेद के अनुसार सहजन के सेवन से कैल्शियम की कमी दूर होती है. सहजन की पत्ती और फल दोनों में कैल्शियम की कमी दूर करने का गुण पाया जाता है. दूध से कई गुना ज्यादा कैल्शियम सहजन में पाया जाता है.

फलियां और बींस

हरी सब्जियों में भी कैल्शियम की मात्रा होती है. सबसे ज्यादा हरी बींस और फलियों वाली सब्जियों में कैल्शियम की मात्रा पायी जाती है.

मशरूम खाएं

अगर शरीर की हड्डियां कमजोर हो रही हैं, तो आपको अपनी डाइट में मशरूम को शामिल करना चाहिए. मशरूम में पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है.

दिल्ली के इस मार्केट में मिलते है सर्दी के सबसे सस्ते कपड़े ₹50 में स्वेटर, ₹300 में जैकेट...


दिल्लीः- ठंड़ का मौसम शुरू होते ही अक्सर लोगो को गर्म कपड़ो की जरूरत होती है और वो ऐसी मार्केट ढुंढने लगते है जहां से वो कम पैसों में ढेर सारी शॉपिंग कर सकते है।राजधानी दिल्ली शॉपिंग करने के मामले में काफी मशहूर है, यहां आपको खरीदारी करने के लिए कई छोटे बड़े मार्केट मिल जाएंगे. अब ठंड का सीजन शुरू हो गया है, तो विंटर की शॉपिंग करने में आपको बहुत आनंद आएगा. 

सर्दियों के कपड़े खरीदने के लिए आपको हम साउथ दिल्ली के एक ऐसे बाजार के बारे में बताएंगे, जहां पर वीकली मार्केट लगता है. आपको बता दें कि इस बाजार में घर के समान से लेकर हर जरूरत का सामान मिल जाएगा. इस बाजार में आप काफी सस्ते दामों में स्वेटर से लेकर कंबल तक खरीद सकते हैं.

यह वीकली बाजार साउथ दिल्ली के छतरपुर में मंगलवार के दिन लगता है, जो कि मंगल बाजार के नाम से काफी मशहूर है. इस बाजार के एक दुकानदार रिंकू ने बताया कि यह बाजार 25 साल से ज्यादा पुरानी है. इस बाजार में खरीदारी करने के लिए 500 से ज्यादा पटरी पर दुकानें लगती हैं. जहां आपको घर के समान से लेकर कपड़े, जूते, ज्वेलरी, बैग एवं हरी सब्जी सब कुछ मिल जाएगा.

बाजार में सामान की कीमत

इस मंगल बाजार में विंटर कपड़ों की कीमत की बात करें तो बच्चों का स्वेटर ₹50 में, नॉर्मल स्वेटर ₹100 में सॉल ₹200 में, जैकेट ₹300 में, मेन स्वेटर 250 रुपए में, विंटर लोअर ₹100 में और टोपी ₹50 में मिल जाएगी. अगर कंबल की बात करें, ₹500 में मिल जाएगा।

बाजार में जानें का समय-स्थान

यह मंगल बाजार दोपहर 2:00 बजे से लेकर रात 11:00 बजे तक लगाया जाता है.इस बाजार में जाने के लिए आपको नजदीकी मेट्रो स्टेशन छतरपुर जाना पड़ेगा।

हेल्थ टिप्स:PCOS से पीड़ित महिला अपने किचन में रखे कुछ मसालों को अपने डायट में शामिल करके पीसीओएस की समस्या से पा सकते हैं छुटकारा


 

दिल्ली:- पीसीओडी या पीसीओएस एक ऐसी स्थिति है जो महिलाओं के अंडाशय को प्रभावित करती है, प्रजनन अंग जो प्रोजेस्टेरोन और एस्ट्रोजन हार्मोन का उत्पादन करते हैं जो मासिक धर्म चक्र को विनियमित करने में मदद करते हैं। PCOS यानी पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) की समस्या से आजकल अधिकतर महिलाएं परेशान हैं। इस बीमारी में महिला के शरीर में पुरुष हार्मोन एंड्रोजन और टेस्टोस्टेरोन का अधिक मात्रा में उत्पादन होने लगता है। इसकी वजह से महिलाओं के शरीर में हार्मोंस का असंतुलन हो जाता है। पीसीओएस होने पर महिलाओं को अनियमित पीरियड्स, इन्सुलिन रेजिस्टेंस, शरीर पर अनचाहे बाल, एक्ने, वजन बढ़ाना और प्रजनन संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। 

पीसीओएस होने पर आपको डॉक्टर से उचित परामर्श लेना चाहिए। इसके अलावा, हेल्दी डाइट और लाइफस्टाइल में जरूरी बदलाव के जरिए भी इस समस्या को मैनेज किया जा सकता है। क्या आप जानते हैं कि हमारी रसोई में कुछ ऐसे मसाले मौजूद हैं, जो इस परेशानी को कम करने में मदद कर सकते हैं। हम आपको ऐसे कुछ मसालों के बारे में बताएंगे, जो हार्मोंस को बैलेंस करके पीसीओएस के लक्षणों को कंट्रोल करने में मदद करेंगे।

मेथी दाना – 

पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं के लिए मेथी दाना का सेवन लाभकारी हो सकता है। यह इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार करता है, जिससे ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल रखने में मदद मिलती है। इसके सेवन से महिलाओं में हार्मोंस को बैलेंस करने में मदद मिल सकती है। इसके लिए आप रोज सुबह खाली पेट मेथी दाना का पानी पी सकते हैं।

दालचीनी –

 

पीसीओएस की समस्या में दालचीनी का सेवन फायदेमंद साबित हो सकता है। इसमें एंटी-इन्फ्लेमेटरी और एंटी-डायबिटिक गुण होते हैं, जो हाई ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल लेवल को कंट्रोल करने में मदद करते हैं। इसके सेवन से मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है, जिससे वजन घटाने में फायदा होता है। इसके नियमित सेवन से अनियमित पीरियड्स की समस्या को दूर करने में मदद मिल सकती है।

काली मिर्च – 

काली मिर्च का सेवन करने से इन्सुलिन सेंसटिविटी में सुधार होता है। इसमें मौजूद एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण हार्मोंस को बैलेंस करने में मदद करते हैं। साथ ही, यह शरीर में जमा एक्स्ट्रा फैट को कम करने में भी मददगार है। आप सुबह खाली पेट कुटी हुई काली मिर्च को शहद के साथ मिलाकर खा सकती हैं।

सौंफ –

 

पीसीओएस के लक्षणों को कम करने में सौंफ फायदेमंद साबित हो सकती है। यह पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं के शरीर में पुरुष हार्मोन एंड्रोजन को कम करने में मदद कर सकती है। इसका सेवन करने के लिए आप रात में एक चम्मच सौंफ को एक गिलास पानी में भिगोकर रख दें। सुबह इस पानी को करीब 5 मिनट तक उबालें। फिर इसे छानकर इसका सेवन करें।

हल्दी –

हल्दी में मौजूद औषधीय गुण पीसीओएस में हार्मोंस को बैलेंस करने में मददगार साबित हो सकते हैं। इसमें एंटी-इन्फ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो इन्सुलिन रेजिस्टेंस, हाई ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल लेवल को कंट्रोल करने में मदद करते हैं। पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं को अपनी डाइट में हल्दी को जरूर शामिल करना चाहिए

सामाजिक विज्ञान के पाठ्यक्रम में रामायण, महाभारत को किया जाए शामिल:एनसीईआरटी समिति


नई दिल्ली: राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की एक उच्चस्तरीय समिति ने सिफारिश की है कि सामाजिक विज्ञान की पाठ्यपुस्तकों में रामायण और महाभारत जैसे महाकाव्यों को शामिल किया जाना चाहिए तथा कक्षाओं की दीवारों पर संविधान की प्रस्तावना लिखी जानी चाहिए।

यह जानकारी समिति के अध्यक्ष सीआई आईजैक ने दी.पिछले साल गठित सात सदस्यीय समिति ने सामाजिक विज्ञान पर अपने अंतिम स्थिति दस्तावेज के लिए कई सिफारिश की हैं, जो नयी एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तकों के विकास की नींव रखने के लिए एक महत्वपूर्ण निर्देशात्मक दस्तावेज है।

एनसीईआरटी ने अभी तक सिफारिशों पर कोई फैसला नहीं लिया है.

आइजैक ने कहा कि 'समिति ने छात्रों को सामाजिक विज्ञान के पाठ्यक्रम में रामायण और महाभारत जैसे महाकाव्यों को पढ़ाने पर जोर दिया है. हमारा मानना ​​​​है कि छात्र किशोरावस्था में अपने आत्मसम्मान, देशभक्ति और अपने राष्ट्र के लिए गौरव का निर्माण करते हैं। 

उन्होंने कहा कि हर साल हजारों छात्र देश छोड़कर दूसरे देशों में नागरिकता चाहते हैं क्योंकि उनमें देशभक्ति की कमी है।आइजैक ने कहा कि 'इसलिए, उनके लिए अपनी जड़ों को समझना और अपने देश तथा अपनी संस्कृति के प्रति प्रेम विकसित करना महत्वपूर्ण है. कुछ बोर्ड पहले से ही रामायण और महाभारत पढ़ाते हैं, लेकिन इसे और अधिक विस्तृत तरीके से किया जाना चाहिए.उन्होंने पूर्व में कहा था कि इसी समिति ने पाठ्यपुस्तकों में देश का नाम 'इंडिया' के स्थान पर 'भारत' करने, पाठ्यक्रम में प्राचीन इतिहास के बजाय 'क्लासिकल हिस्ट्री' को शामिल करने और कक्षा तीन से कक्षा 12 तक की पाठ्यपुस्तकों में 'हिंदुओं की जीतों' को रेखांकित करने की भी सिफारिश की थी.

आइजैक ने कहा कि 'हमारी प्रस्तावना लोकतंत्र और पंथनिरपेक्षता सहित सामाजिक मूल्यों को महत्व देती है. यह महान है. इसलिए, हमने इसे कक्षाओं की दीवारों पर लिखने की सिफारिश की है ताकि हर कोई इसे समझ सके और सीख सके.' एनसीईआरटी राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के अनुरूप स्कूल पाठ्यक्रम को संशोधित कर रही है. नयी एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तकें अगले शैक्षणिक सत्र तक तैयार होने की संभावना है.

इन कक्षाओं के लिए पाठ्यक्रम, पाठ्यपुस्तकों और शिक्षण सामग्री को अंतिम रूप देने के लिए जुलाई में अधिसूचित 19 सदस्यीय राष्ट्रीय पाठ्यक्रम और शिक्षण अधिगम सामग्री समिति (एनएसटीसी) अब समिति की सिफारिशों पर विचार कर सकती है।

आगरा के शमसाबाद से हैरान करने वाला मामला आया सामने,शादी में कम पड़े रसगुल्ले तो मच गया बवाल,जमकर हुई मारपीट,6 लोग जख्मी


दिल्ली:-उत्तर प्रदेश के आगरा में एक शादी समारोह में रसगुल्ले की कमी को लेकर जमकर लाठी-डंडे चलने की मामला आया सामने जिसमें एक शादी समारोह में रसगुल्ले कम पड़ने के कारण हालात इतने खराब हो गए कि मारपीट में 6 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए,मारपीट में घायल हुए लोगों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

जानकारी के मुताबिक थाना शमसाबाद कस्बे के नयावास रोड स्थित संतोषी माता के मंदिर के पास बृजभान कुशवाह के यहां शादी समारोह था। जिसकी दावत चल रही थी, दावत में दूसरा पक्ष मनोज पुत्र गौरी शंकर शर्मा अन्य तीन लोगों के साथ शामिल होने के लिए पहुंचा।

आरोप है कि इसी दौरान दावत में रसगुल्ला खाने को लेकर कहासुनी हुई। देखते ही देखते गाली गलौज के बाद मारपीट की नौबत आ गई, दोनों पक्षों की ओर से लाठी डंडे चलने लगे।

झगड़े में एक पक्ष से भगवान देवी पत्नी बृजभान सिंह और योगेश पुत्र बृजभान सिंह लहूलुहान हुए हैं तो वहीं दूसरे पक्ष से मनोज, कैलाश पुत्रगण गौरी शंकर शर्मा, धर्मेंद्र पुत्र रमेश शर्मा, पवन पुत्र गौरी शंकर को गंभीर चोटें आई है। दो पक्षों में हुए संघर्ष की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने घायलों को अस्पताल में इलाज के लिए भेजा है। 

थाना अध्यक्ष शमशाबाद अनिल शर्मा ने बताया कि दावत में रसगुल्ला खाने को लेकर दो पक्षों में विवाद हुआ है। दोनों को मेडिकल के लिए अस्पताल भेजा है। शिकायती पत्र मिलने के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

आमला नवमी या अक्षय नवमी आज कई वर्षो बाद बन रहा अद्भुत संयोग,इस योग में पूजा करने से होगी सभी मनोकामना पूर्ण


हिंदू पंचांग के मुताबिक कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर अक्षय नवमी या आंवला नवमी का पर्व मनाया जाता है। अक्षय नवमी को आंवला नवमी भी कहा जाता है। धर्मिक मान्यता के मुताबिक इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विधि विधान पूर्वक पूजा आराधना करने से साधक की सभी तरह की मनोकामना पूरी होती है,ज्योतिष गणना के मुताबिक इस वर्ष अक्षय नवमी पर कई वर्षों बाद अद्भुत योग का निर्माण हो रहा है.

इस वर्ष अक्षय नवमी 21 नवंबर को मनाई जाएगी. कई जगहों पर इसे आवला नवमी के नाम से भी जाना जाता है. अक्षय नवमी का पर्व भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को समर्पित है, धार्मिक मान्यता के मुताबिक इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विधि विधान पूर्वक पूजा आराधना करने से साधक की सभी तरह की मनोकामना पूरी होती है।

ज्योतिष गणना के मुताबिक इस वर्ष अक्षय नवमी पर कई वर्षों बाद अद्भुत योग का निर्माण हो रहा है. अयोध्या के ज्योतिष पंडित कल्कि राम बताते हैं कि पंचांग के मुताबिक कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को अक्षय नवमी का पर्व मनाया जाता है. इस वर्ष यह 21 नवंबर को मनाया जाएगा।अक्षय नवमी तिथि की शुरुआत 21 नवंबर देर रात्रि 3:16 पर शुभारंभ होगा. जिसका समापन 22 नवंबर देर रात्रि 1 बजकर 9 मिनट पर समाप्त होगा।

अक्षय नवमी पर हर्षण योग का हो रहा है निर्माण

इतना ही नहीं इस बार अक्षय नवमी पर हर्षल योग का निर्माण हो रहा है. इस योग का निर्माण शाम 5:41 पर हो रहा है. इस वजह से अक्षय नवमी पर संध्या काल में ही पूजा आराधना की जाएगी. हर्षल योग के निर्माण में विधि विधान पूर्वक अगर भगवान विष्णु माता लक्ष्मी की पूजा आराधना की जाए तो जातक को अक्षय फल की प्राप्ति होती है.इतना ही नहीं अक्षय नवमी पर बालव और कौलव करण का भी निर्माण हो रहा है. यह दोनों ही शुभ योग माने जाते हैं. इन दोनों योग में भगवान विष्णु की पूजा करने से कई गुना की फल की प्राप्ति भी होती है.

दिल्ली के यमुना किनारे छठ पूजा पर उमड़ा बिहार और पूर्वांचल,भक्ति और आस्था का रहा अनुपम छटा

पूर्वांचल एवं मिथिलांचल छठ पूजा समिति द्वारा खिजराबाद में छठ पूजा का किया गया आयोजन

नई दिल्ली : पूर्वांचल एवं मिथिलांचल छठ पूजा समिति द्वारा हिंदुस्तान की राजधानी दिल्ली के दिल कहे जाने वाले न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी स्थित खिजराबाद तैमूर नगर स्थित यमुना जी के किनारे घाट पर छठ पूजा के अवसर पर सुबह और शाम का अर्घ्य दिया।

इस अवसर पर लगा दिल्ली के यमुना तीर पर बिहार औरऔर पूरा पूर्वांचल उमर पड़ा।

यहां पर करीब पिछले 15 सालों से छठ पर्व का भव्य आयोजन किया जा रहा है । यहां पर कम से कम 25000 के संख्या में लोग एक साथ सूरज भगवान को अर्घ्य देते हैं! पूर्वांचल मिथिलांचल छठ पूजा समिति यहां पर बहुत ही शानदार तरीके से छठ पूजा का आयोजन करती आ रही है। जिसमें पूरा मिथिलांचल और पूर्वांचल समाहित हो जाता है ।

यहां पर बहुत ही जोश के साथ कार्यकर्ता दिन रात एक कर के घाट के निर्माण से लेकर रास्ते का साफ-सफाई , लाइट एवं बिजली की व्यवस्था करते हैं। साथ हीं महिला बृद्धा के लिए कपड़ा चेंज करने के लिए चेंजिंग रूम,मेडिकल डेस्क से लेकर पानी में कीटनाशक दवाई की व्यवस्था करते हैं।  

पूजा समिति नाना प्रकार की सुविधा यहां पर उपलब्ध कराने में अपनी ओर से जी जान लगा देते हैं। पूजा समिति के पदाधिकारी और सभी छठ व्रती इसके लिए कार्यकर्ताओं को धन्यवाद दिया।

, यहाँ पर सांस्कृतिक कार्यक्रम से लेकर विभिन्न प्रकार की झांकी दिखाई जाती है जिससे यहां का वातावरण बहुत ही मनोरम और आनंदमय हो जाता है। पूजा समिति के कार्यकर्ता किस प्रकार सुंदर से सुंदर रूप से पूजा संपन्न हो इसके लिए कई हफ्तों पहले से लग जाते हैं इसमें पूर्वांचल मिथिलांचल छठ पूजा समिति के अध्यक्ष संतोष कुमार कर्ण, कोषाध्यक्ष मोतीलाल सिंह कार्यकर्ता बबलू शर्मा पवन यादव ,सी एन झा ,राम प्रसाद यादव अमन मंडल, और भी कई बुद्धिजीवी सीनियर पदाधिकारी के दिशा निर्देश पर कयकर्ता कंधा से कंधा मिलाकर तमाम अपना योगदान देते हैं।  यहां पर खास करके सांस्कृतिक प्रोग्राम का जो थीम रहता है वह छठ मैया का पूजा संबंधित तमाम तरह की झांकी और मिथिलांचल कलाकार द्वारा छठी मैया का गीत का कार्यक्रम बहुत ही सुंदर ढंग से प्रस्तुत किया जाता है, इस पूजा के कार्यक्रम में कई हमारे विशिष्ट मेहमान जिसमें एमएलए से लेकर निगम पार्षद तक अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हैं जिसमें हमारे लोकल विधायक भाई अमानतुल्लाह और स्थानीय निगम पार्षद श्रीमान मनीष चौधरी से लेकर आम आदमी पार्टी के सुंदर सिंह पप्पू भाई अभिषेक विधुरी नरेंद्र बिधूड़ी प्रियंका शर्मा नितिन बिधूड़ी दीपक चौधरी या तमाम गणमान्य लोग घाट पर आकर लोगों का हौसला अफजाई करते हैं। 

 जिसके लिये छठ पूजा समिति ने इन सभी गणमान्य लोगों को धन्यवाद दिया। 

जिस तरह लोग अपने बिहार प्रदेश से 1200 किलोमीटर दूर दिल्ली में आकर अपने सनातन धर्म का उद्घोष करते हैं वह दिल्ली में रहने वाले लोगों को भी रोमांचित कर देता है,आस्था के पर्व महापर्व छठ पूजा के अवसर पर प्रतीत होता है कि देश की राजधानी दिल्ली में मानो एक लघु बिहार बस गया है। 

 दिल्ली में यमुना किनारे ऐसा कोई जगह नहीं जहां यमुना किनारे के घाट पर छठ पूजा पर ऐसा नजारा नज़र नही आये। ऐसा कोई पार्क नहीं ऐसा कोई मकान का छत नहीं ऐसा कोई सोसाइटी नहीं जहां पर छठ का यह महापर्व अपने आप में घटा नहीं विखेर रहा हो। इस पुनीत पावन पर्व के अवसर पर पूर्वांचल मिथिलांचल छठ पूजा समिति सभी भक्तों और सहयोग करने वाले आभार व्यक्त किया और इस आस्था के पर्व बधाई दिया।

निर्माणाधीन सुरंग फंसे 41 श्रमिकों को बचाने के लिए एक्शन में केंद्र सरकार, मल्टीविटामिन और सूखे मेवे की कर रही आपूर्ति


नई दिल्ली:- उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में ढही एक निर्माणाधीन सुरंग में पिछले सात दिनों से फंसे 41 श्रमिकों को बचाने के लिए केंद्र सरकार कड़ी मेहनत कर रही है। सड़क, परिवहन और राजमार्ग सचिव अनुराग जैन ने बताया कि सरकार श्रमिकों को मल्टीविटामिन, अवसाद रोधी दवाएं और सूखे मेवे भेज रही है। 

पाइप से दिया जा रहा पानी और खाना

अनुराग ने बताया कि टनल में रोशनी होना सबसे सुकून की बात है। वहां एक पाइपलाइन है, जिससे पानी उपलब्ध कराया गया है। एक 4 इंच का पाइप है, जिसका उपयोग भोजन भेजने के लिए किया जाता है।

चार धाम ऑल वेदर रोड परियोजना का हिस्सा है सुरंग

जैन ने उत्तरकाशी ढहने के बचाव अभियान पर आगे कहा कि सुरंग के अंदर दो किमी हिस्से में पानी और बिजली है। उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से लगभग 30 किमी दूर और उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से सात घंटे की ड्राइव पर सिल्कयारा सुरंग, केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी चार धाम ऑल वेदर रोड परियोजना का हिस्सा है।

शुक्रवार को रुक गया था बचाव अभियान

बता दें कि सुरंग पिछले रविवार सुबह करीब साढ़े पांच बजे ढह गई। बचाव अभियान शुक्रवार दोपहर को निलंबित कर दिया गया था, जब श्रमिकों को निकालने का मार्ग तैयार करने के लिए मलबे के माध्यम से पाइपों को ड्रिल करने और धकेलने के लिए तैनात अमेरिका निर्मित बरमा मशीन में एक खराबी आ गई।जब तक ड्रिलिंग रोकी गई, तब तक ऑगर मशीन सुरंग के अंदर 60 मीटर क्षेत्र में फैले मलबे के माध्यम से 24 मीटर तक ड्रिल कर चुकी थी।

ईसा पूर्व प्रथम सदी से रही है छठ की परंपरा,आइए जानते हैं महापर्व से जुड़ी पौराणिक कथा के बारे में


नयी दिल्ली:- बिहार में छठ का विशेष महत्व है, छठ सिर्फ एक पर्व नहीं है, बल्कि महापर्व है, जो पूरे चार दिन तक चलता है। नहाए-खाए से इसकी शुरुआत होती है, जो डूबते और उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर समाप्त होती है। ये पर्व साल में दो बार मनाया जाता है।

वैसे तो छठ पूजा की शुरुआत कार्तिक शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से हो जाती है, लेकिन षष्ठी और सप्तमी तिथि पर सूर्य देव की विशेष उपासना की जाती है. चार दिवसीय अनुष्ठान आज से शुरू हो रहे हैं, जानते हैं महापर्व से जुड़ी पौराणिक कथा के बारे में.

छठ की विकास यात्रा मगध से :

मगध क्षेत्र के इतिहास के जानकार अरविंद महाजन कहते हैं कि आदिकाल से मगध में सूर्य पूजन की पद्धति रही है. ऐसी मान्यता है कि छठ का विकास पहले-पहल मगध से ही शुरू होकर आज पूरी दुनिया में फैला. औरंगाबाद की सूर्य स्थली देव को सूर्य पूजन की लोक परंपरा का जन्मदाता माना जाता है।

साम्ब पुराण व भविष्य पुराण में इन बातों का जिक्र मिलता है कि किस प्रकार सूर्य की उपासना से कृष्ण के पुत्र साम्ब सूर्य की किरणों के सामने यज्ञ करने से ठीक हो गये थे.

वह कुष्ठ से ग्रसित थे. अरविंद महाजन कहते हैं कि कि मगध अंचल में छठ सदियों से मनाया जा रहा है।

मगध सम्राट जरासंध के किसी पूर्वज को कुष्ठ रोग हो गया था. उन्होंने भी शाक द्वीप से आगत मग द्विज के एक शाखा मिहिर को अपने प्रदेश (कीकट) में लाकर सूर्य चिकित्सा से आरोग्य की प्राप्ति की और राजा की पत्नी ने सूर्यव्रत प्रारंभ किया.

छट पूजा: नहाय-खाय के साथ छठ की शुरुआत, हुई घरों से लेकर घाट हुए गुलजार, जानें महापर्व की खास बातें: 

महाजन ने बताया कि शाक द्वीप से साम्ब द्वारा आगत मगद्विजों के आचार्य की प्रेरणा से राजा अभयपाल और वर्गवंश राजाओं ने छठ का प्रचलन बढ़ाया. मगध में सूर्य की प्रधानता का कम से कम प्रथम शती ईसा पूर्व से प्रमाण मिलने लगता है, जब बोधगया में शुंग कालीन रेलिंग पर सूर्य का अंकन दिखता है. साथ ही प्रथम धर्मोपदेश के बाद बुद्ध का गया आगमन होता है तो उनका उद्देश्य होता है कस्सप बंधुओं को दीक्षित करना. ये कस्सप बंधु सूर्य के उपासक थे।