/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png StreetBuzz उत्तरकाशी: रेस्क्यू अभियान में आई तेजी, कल सुबह तक बाहर आ सकते हैं मजदूर; एंबुलेंस तैयार India
उत्तरकाशी: रेस्क्यू अभियान में आई तेजी, कल सुबह तक बाहर आ सकते हैं मजदूर; एंबुलेंस तैयार

 उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल हादसे में अभी भी 41 जिंदगियां कैद हैं। टनल के अंदर पिछले 10 दिनों से 41 मजदूर बाहर आने की उम्मीद लगाए बैठे हैं। पिछले 10 दिनों से यहां युद्धस्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन भी जारी है। मंगलवार की सुबह सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों की पहली बार फोटो और वीडियो सामने आने के सुखद समाचार के साथ शुरू हुई थी। अब बुधवार को इस अभियान को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है।

आज 11वें दिन भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। देश के कोने-कोने से मशीनों को एयरलिफ्ट किया गया है और उत्तरकाशी में दिन रात ड्रिलिंग का काम जारी है। सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों को निकालने के लिए ऑगर मशीन रात को संचालित की गई। बुधवार की सुबह तक 800 एमएम व्यास के पाइप करीब 32 मीटर तक मलबे में डाले जा चुका है। उम्मीद की जा रही है बुधवार देर रात या फिर गुरूवार की सुबह टनल में फंसे 41 मजदूर बाहर आ सकते हैं।

रेस्क्यू अभियान ने गति पकड़ ली है। प्रशासन भी अपनी अन्य तैयारी में जुट गया है। श्रमिकों को अस्पताल पहुंचाने के लिए पर्याप्त एंबुलेंस का भी इंतजाम किया जा रहा है। जिसके लिए टिहरी और अन्य जनपद से भी एंबुलेंस मंगाई गई है। उम्मीद है कि बुधवार की रात या बृहस्पतिवार की सुबह तक श्रमिकों का रेस्क्यू किया जा सकेगा।

बढ़ाई गई सुरक्षा-व्यवस्था

सुरंग के आसपास जिला प्रशासन और पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है। सुरंग के अंदर जाने वाले श्रमिकों और कर्मचारी की फोन भी सुरंग के गेट पर ही जमा किए जा रहे हैं।

राउरकेला और बेंगलुरु से एयरलिफ्ट की मशीनें

सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों को निकालने के लिए चलाए जा रहे अभियान में वायु सेना भी निरंतर सहयोग कर रही है। वर्तमान में राहत एवं बचाव कार्यों के सभी मोर्चों पर काम शुरू कर दिया गया है। लिहाजा, विभिन्न एजेंसियों को अत्याधुनिक मशीनों की जरूरत पड़ रही है। इन मशीनों को सुरंग तक पहुंचाने में वायु सेना के मालवाहक विमान मददगार साबित हो रहे हैं। मंगलवार को भी वायु सेना ने 18 टन वजन की विभिन्न अत्याधुनिक मशीनी उपकरणों व 24 विशेष स्पाइरल वेल्ड पाइप को राउरकेला और बंगलुरू से एयरलिफ्ट किया।

मजदूरों की राज्यवार संख्या

राज्य       –   मजदूर

झारखंड    –      15

उत्तर प्रदेश  –       9

ओडिशा    –       5

बंगाल      –       3

उत्तराखंड   –       2

बिहार      –       4

असम      –      2

हिमाचल प्रदेश  –    1

राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर की ‘अपमानजनक’ टिप्पणी, भाजपा ने अतीत से सीख लेने की दी सलाह

#rahul_gandhi_panauti_remark_to_pm_modi

वर्ल्ड कप के फाइनल मैच में भारत को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मिली हार पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पनौती कह दिया है।दरअसल, अहमदाबाद के नरेन्दज्र मोदी स्टेडियम में खेले जा रहे फाइनल मैच के दौरान पीएम मोदी भी मौजूद थे। इसे मुद्दा बनाते हुए कांग्रेस नेता ने आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी। इस पर भाजपा भड़क गई है और कांग्रेस नेता को अतीत से सीखने की सलाह दी है।

राहुल गांधी से माफी की मांग

राहुल गांधी के इस बयान को लेकर भारतीय जनता पार्टी (उन पर हमलावर हो गई है और उनसे अपने बयान के लिए माफी मांगनी को कह रही है। इस संबंध में बीजेपी नेता रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि राहुल गांधी पीएम मोदी के लिए जिस तरह के शब्दों का प्रयोग कर रहे हैं वह अशोभनीय है। राहुल गांधी को मोदी जी से माफी मांगनी होगी।नहीं तो हम देश में इसको बड़ा मुद्दा बनाएंगे।

अतीत से सीख लेने की सलाह

रविशंकर प्रसाद ने कहा कि मैच मे मिली हार के बाद पीएम मोदी ने सभी खिलाड़ियों से मुलाकात की और उन्हें प्रेरित किया। जीतना या हारना खेल का हिस्सा है। आप देश के प्रधानमंत्री के लिए ऐसे शब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं। आपको इस बयान को लेकर माफी मांगनी चाहिए। कांग्रेस नेता को अतीत से सीख लेने की सलाह देते हुए उन्होंने कहा कि आपको अतीत से सीखने की जरूरत है। आपकी मां सोनिया गांधी ने नरेंद्र मोदी के लिए 'मौत का सौदागर' शब्द का इस्तेमाल किया था। आप ही अब देखें कि कांग्रेस आज के समय कहां है।

क्या कहा था राहुल गांधी ने?

दरअसल मंगलवार को कांग्रेस नेता राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए जालोर में एक रैली को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने क्रिकेट विश्व कप फाइनल में भारत की हार के लिए पीएम मोदी को दोषी ठहराया। उन्होंने कहा, "वह (मोदी) क्रिकेट मैच में चले जाएंगे, वह अलग बात ही की मैच हरवा दें, पनौती! पीएम मतलब पनौती मोदी। कांग्रेस सांसद ने आगे कहा, अच्छा भला हमारे लड़के वहां वर्ल्डकप जीत जाते, लेकिन वहां पर पनौती हरवा दिया, लेकिन टीवी वाले यह नहीं कहेंगे. यह जनता जानती है।

एआईएमआईएम नेता अकबरुद्दीन ओवैसी ने खुलेआम मंच से पुलिसकर्मी को धमकाया, बोले- 'मेरे एक इशारे पर..'

#aimimleaderakbaruddinowaisithreattocop

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के फायरब्रांड नेता अकबरुद्दीन ओवैसी अपने विवादित बयानों की वजह से अक्सर सुर्खियों में रहते हैं। एक बार फिर अकबरुद्दीन ओवैसी सुर्खियों में हैं। इस बार उन्होंने मंच से ही भरी भीड़ के सामने एक पुलिस इंस्पेक्टर को धमकाया है। एक पुलिस निरीक्षक को खुलेआम धमकी देने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। 

पुलिसकर्मी की सलाह रास नहीं आई

दरअसल, एआईएमआईएम नेता अकबरुद्दीन ओवैसी हैदराबाद में एक सभा को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान एक पुलिसकर्मी द्वारा उन्हें चुनाव आयोग द्वारा नियमों का हवाला देते हुए प्रचार खत्म करने के लिए कहा गया। ये बात उन्हें रास नहीं आई और मंच से ही पुलिसकर्मी को धमकाना शुरू कर दिया। इतना ही नहीं एआईएमआईएम नेता ने पुलिसकर्मी को मंच से नीचे उतार दिया।

अकबरुद्दीन ओवैसी ने क्या कहा?

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, अकबरुद्दीन ओवैसी ने पुलिस इंस्पेक्टर को धमकाते हुए कहा कि अगर वह अपने समर्थकों की तरफ इशारा कर दें, तो उन्हें यहां से दौड़कर भागना पड़ेगा। जूनियर ओवैसी ने कहा, आपको क्या लगता है कि चाकुओं और गोलियों को खाने के बाद मैं कमजोर हो गया हूं। ऐसा बिल्कुल भी नहीं है, क्योंकि अभी भी मेरे भीतर बहुत हिम्मत है। अभी पांच मिनट बाकी हैं और मैं अभी पांच मिनट बोलूंगा।

“अकबरुद्दीन ओवैसी से मुकाबला करने वाला कोई नहीं”

ओवैसी ने लोगों से पूछते हुए कहा, सही बोला ना? अगर में इशारा दे दूं तो आपको यहां से भागना पड़ेगा क्या हम उन्हें दौड़ाएं? मैं आपसे यही कह रहा हूं कि हमें कमजोर करने के लिए यह लोग इसी तरह आते हैं। होशियार रहो। ये जानते हैं कि अकबरुद्दीन ओवैसी से मुकाबला करने वाला कोई नहीं है, तो ये लोग कैंडिडेट बनकर आ जाते हैं। आ जाओ, देख लेते हैं। तुम हो या हम हैं।

अलग-अलग थानों में चार एफआईआर दर्ज

बता दें कि अकबरुद्दीन ओवैसी को विवादित बयान देने के लिए जाना जाता है और कई मामलों में उनके ऊपर मामला भी दर्ज हो चुका है। ओवैसी के खिलाफ अलग-अलग थानों में चार एफआईआर दर्ज हैं। 1999 में पहली बार विधायक बने अकबरुद्दीन ओवैसी लगातार छठवीं बार विधायक चुने जाने के लिए चुनाव मैदान में हैं। वह चंद्रयानगुट्टा से चुनाव लड़ रहे हैं।

#aimimleaderakbaruddinowaisithreattocop

एआईएमआईएम नेता अकबरुद्दीन ओवैसी ने खुलेआम मंच से पुलिसकर्मी को धमकाया, बोले- 'मेरे एक इशारे पर..'

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के फायरब्रांड नेता अकबरुद्दीन ओवैसी अपने विवादित बयानों की वजह से अक्सर सुर्खियों में रहते हैं। एक बार फिर अकबरुद्दीन ओवैसी सुर्खियों में हैं। इस बार उन्होंने मंच से ही भरी भीड़ के सामने एक पुलिस इंस्पेक्टर को धमकाया है। एक पुलिस निरीक्षक को खुलेआम धमकी देने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। 

पुलिसकर्मी की सलाह रास नहीं आई

दरअसल, एआईएमआईएम नेता अकबरुद्दीन ओवैसी हैदराबाद में एक सभा को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान एक पुलिसकर्मी द्वारा उन्हें चुनाव आयोग द्वारा नियमों का हवाला देते हुए प्रचार खत्म करने के लिए कहा गया। ये बात उन्हें रास नहीं आई और मंच से ही पुलिसकर्मी को धमकाना शुरू कर दिया। इतना ही नहीं एआईएमआईएम नेता ने पुलिसकर्मी को मंच से नीचे उतार दिया।

अकबरुद्दीन ओवैसी ने क्या कहा?

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, अकबरुद्दीन ओवैसी ने पुलिस इंस्पेक्टर को धमकाते हुए कहा कि अगर वह अपने समर्थकों की तरफ इशारा कर दें, तो उन्हें यहां से दौड़कर भागना पड़ेगा। जूनियर ओवैसी ने कहा, आपको क्या लगता है कि चाकुओं और गोलियों को खाने के बाद मैं कमजोर हो गया हूं। ऐसा बिल्कुल भी नहीं है, क्योंकि अभी भी मेरे भीतर बहुत हिम्मत है। अभी पांच मिनट बाकी हैं और मैं अभी पांच मिनट बोलूंगा।

“अकबरुद्दीन ओवैसी से मुकाबला करने वाला कोई नहीं”

ओवैसी ने लोगों से पूछते हुए कहा, सही बोला ना? अगर में इशारा दे दूं तो आपको यहां से भागना पड़ेगा क्या हम उन्हें दौड़ाएं? मैं आपसे यही कह रहा हूं कि हमें कमजोर करने के लिए यह लोग इसी तरह आते हैं। होशियार रहो। ये जानते हैं कि अकबरुद्दीन ओवैसी से मुकाबला करने वाला कोई नहीं है, तो ये लोग कैंडिडेट बनकर आ जाते हैं। आ जाओ, देख लेते हैं। तुम हो या हम हैं।

अलग-अलग थानों में चार एफआईआर दर्ज

बता दें कि अकबरुद्दीन ओवैसी को विवादित बयान देने के लिए जाना जाता है और कई मामलों में उनके ऊपर मामला भी दर्ज हो चुका है। ओवैसी के खिलाफ अलग-अलग थानों में चार एफआईआर दर्ज हैं। 1999 में पहली बार विधायक बने अकबरुद्दीन ओवैसी लगातार छठवीं बार विधायक चुने जाने के लिए चुनाव मैदान में हैं। वह चंद्रयानगुट्टा से चुनाव लड़ रहे हैं।

50 बंधकों के बदले 150 फिलिस्तीनी कैदियों को छोड़ा जाएगा, इजराइल-हमास के बीच हुई डील

#agreement_between_israel_and_hamas_for_release_hostages

इजराइल पर सात अक्तूबर को हुए हमास के आतंकी हमले के बाद से युद्ध लगातार जारी है। एक महीने से अधिक समय से जारी हिंसक संघर्ष पर संयुक्त राष्ट्र समेत कई देशों ने चिंता जताई है। इस बीच इजराइल हमास के बीच बंधकों की रिहाई को लेकर समझौता हुआ है। इस दौरान हमास 50 बंधकों को रिहा करेगा। वहीं इजराइल को भी 150 फिलिस्तीनी कैदियों को आजाद करना होगा। बंधकों की रिहाई के दौरान इजराइल और हमास के बीच 4 दिन का अस्थायी युद्ध विराम होगा। 

इजरायल की सरकार ने हमास द्वारा बंधक बनाए गए 50 महिलाओं और बच्चों की रिहाई के बदले 150 फिलिस्तीनी महिला और नाबालिग कैदियों की जेल से रिहाई के साथ 4 दिनों के संघर्ष विराम को मंजूरी दी है।अब से थोड़ी देर पहले इजराइल ने घोषणा की कि हमास के साथ इजराइली बंधकों को लेकर डील पर सहमति बन गई है और सात अक्टूबर से हमास के कब्ज़े में रह रहे 50 इजराइली बंधकों को छोड़ा जाएगा। इसके बदले में चार दिनों का अस्थायी युद्ध विराम होगा।

अब इस समझौते को लेकर हमास ने भी बयान जारी कर बताया है कि 50 इजराइली बंधकों के बदले इजराइल की जेलों में बंद 150 फ़िलिस्तीनी महिलाओं और बच्चों को रिहा किया जाएगा। इस डील के तहत मानवीय मदद, ज़रूरी दवाएं और ईंधन से भरे सैकड़ों ट्रकों को ग़ाज़ा में प्रवेश मिलेगा। हमास के बयान में कहा गया है कि चार दिनों के युद्ध विराम में इजराइल ना तो कोई हमले करेगा और ना ही किसी को गिरफ्तार करेगा।

इजराइल और हमास के बीच युद्ध को 40 दिन से ज्यादा का समय हो गया। इजरायल की ओर से गाजा पर जारी हमले के बाद यह पहला युद्ध विराम होगा। इस युद्ध विराम के कारण गाजा में मानवीय सहायता भी पहुंच सकेगी। हालांकि यह साफ नहीं है कि यह युद्ध विराम कब प्रभावी होगा। उम्मीद है कि बंधकों को गुरुवार से मुक्त किया जा सकता है। इजरायली सरकार ने कहा कि वह रिहा किए गए हर 10 बंधकों के लिए शांति को एक अतिरिक्त दिन के लिए बढ़ा देगी।

स्‍कूलों में पढ़ाई जाएगी रामायण और महाभारत! एनसीईआरटी पैनल ने की पाठ्यक्रम में शामिल करने की सिफारिश

#ncertpanelrecommendstoincluderamayanaandmahabharatainschoolbooks

नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग यानी एनसीईआरटी के सिलेबस में रामायण और महाभारत को शामिल किया जा सकता है। दरअसल, पिछले साल गठित 7 सदस्यीय समिति ने सोशल साइंस की किताबों में रामायण और महाभारत को शामिल करने की सिफारिश की है। कमेटी ने ये सिफारिश भी की है कि टेक्स्ट बुक में इंडिया की जगह भारत लिखा जाए।

एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक प्रो. सीआई इसाक ने बताया कि पैनल ने टेक्स्ट बुक में रामायण और महाभारत जैसे महाकाव्यों को शामिल करने और स्कूल में क्लासों की दीवारों पर संविधान की प्रस्तावना लिखने की सिफारिश की है।स्कूलों के लिए सोशल साइंस के सिलेबस को संशोधित करने के लिए गठित की गई एनसीईआरटी की सोशल साइंस कमेटी ने किताबों में इंडियन नॉलेज सिस्टम, वेदों और आयुर्वेद को शामिल करने सहित कई प्रस्ताव दिए हैं। प्रो. सीआई इसाक ने न्यूज एजेंसी को बताया कि पैनल ने यह प्रस्ताव भी रखा कि स्कूल की हर क्लास में दीवार पर संविधान की प्रस्तावना लिखी जाए। यह क्षेत्रीय भाषा में होनी चाहिए। इसाक इतिहास के रिटायर्ड प्रोफेसर हैं।

छात्रों को रामायण और महाभारत पढ़ाना महत्वपूर्ण

इसाक ने जोर देते हुए कहा कि कक्षा 7 से 12 तक के छात्रों को रामायण और महाभारत पढ़ाना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, समिति ने छात्रों को सामाजिक विज्ञान सिलेबस में रामायण और महाभारत जैसे महाकाव्यों को पढ़ाने पर जोर दिया है। हमारा मानना है कि किशोरावस्था में छात्र को अपने राष्ट्र के लिए आत्म-सम्मान, देशभक्ति और गौरव का एहसास होता है। इसाक ने कहा कि देशभक्ति की कमी के कारण हर साल हजारों छात्र देश छोड़कर दूसरे देशों में नागरिकता ले लेते हैं। इसलिए उनके लिए अपनी जड़ों को समझना, अपने देश और अपनी संस्कृति के प्रति प्रेम विकसित करना महत्वपूर्ण है।उन्होंने कहा कि कुछ शिक्षा बोर्ड वर्तमान में छात्रों को रामायण पढ़ाते हैं, लेकिन वे इसे एक मिथक के रूप में पढ़ाते हैं। अगर छात्रों को ये महाकाव्य नहीं पढ़ाए गए तो शिक्षा प्रणाली का कोई उद्देश्य नहीं है, और यह राष्ट्र सेवा नहीं होगी।

इतिहास को चार अवधियों में वर्गीकृत करने की सिफारिश

इतिहास के एक रिटायर्ड प्रोफेसर ने इसाक ने कहा, पैनल ने इतिहास को चार अवधियों में वर्गीकृत करने की सिफारिश की है: शास्त्रीय काल, मध्यकालीन काल, ब्रिटिश युग और आधुनिक भारत। अब तक, भारतीय इतिहास के केवल तीन वर्गीकरण हुए हैं- प्राचीन, मध्यकालीन और आधुनिक भारत। उन्होंने आगे कहा,शास्त्रीय काल के तहत, हमने सिफारिश की है कि भारतीय महाकाव्यों - रामायण और महाभारत को पढ़ाया जाए। हमने सिफारिश की है कि छात्रों को यह पता होना चाहिए कि राम कौन थे और उनका उद्देश्य क्या था।

सुभाष चंद्र बोस जैसे नायकों के बारे में जानें छात्र

पैनल ने यह भी प्रस्ताव दिया है कि पाठ्यपुस्तकों में केवल एक या दो के बजाय भारत पर शासन करने वाले सभी राजवंशों को जगह दी जानी चाहिए। इसाक ने बताया कि पैनल ने सुझाव दिया है कि किताब में सुभाष चंद्र बोस जैसे नायकों और उनकी विजयों के बारे में जानकारी हो। उन्होंने कहा,छात्रों को भारतीय नायकों, उनके संघर्षों और जीत के बारे में जानना चाहिए ताकि उनमें आत्मविश्वास आ सके।

श्रीलंका को झटका, आईसीसी ने छीनी वर्ल्ड कप की मेजबानी, जानें क्या है इसकी वजह

#u_19_world_cup_2024_moved_to_south_africa_from_sri_lanka

आईसीसी ने 2024 अंडर-19 विश्व कप की मेजबानी श्रीलंका से छीन ली है।श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड में चल रही उठा-पटक को देखते हुए यह फैसला लिया गया है।आईसीसी ने अब मेजबानी की जिम्मेदारी दक्षिण अफ्रीका को सौंपी है।हाल ही में आईसीसी ने श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड को सस्पेंड कर दिया था, इसके बाद विश्व कप की मेजबान टीम को एक और झटका लगा है।10 नवंबर को आईसीसी ने श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड पर प्रतिबंध लगा दिया था। अब अंडर-19 विश्व कप की मेजबानी दक्षिण अफ्रीका को सौंप दी है।

आईसीसी ने इस फैसले को लेकर लंबी बैठक की और अंत में यह तय किया कि टूर्नामेंट को श्रीलंका से हटाकर दक्षिण अफ्रीका में आयोजित किया जाएगा। अंडर-19 विश्व कप का आयोजन श्रीलंका में 14 जनवरी से 15 फरवरी के बीच होने वाला था। आईसीसी ने दक्षिण अफ्रीका को मेजबानी तो सौंपी है, लेकिन उसने तारीखों में बदलाव नहीं किया है। दक्षिण अफ्रीका में 10 जनवरी से 10 फरवरी एसए टी20 (SA20) टूर्नामेंट का आयोजन भी होना है।

श्रीलंका क्रिकेट बुरे दौर से गुजर रहा है। श्रीलंकाई टीम को विश्व कप 2023 में बुरी तरह हार का सामना करके बाहर हुई थी।श्रीलंका के खेल मंत्री ने विश्व कप 2023 में खराब प्रदर्शन की वजह से पूरे बोर्ड को बर्खास्त कर दिया था। आईसीसी ने इसे बोर्ड में सरकार का दखल माना और श्रीलंका बोर्ड को सस्पेंड कर दिया था। अब श्रीलंका को आईसीसी से दूसरा झटका लगा है। वहीं आईसीसी ने श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड को निलंबित करने का अपना निर्णय बरकरार रखा है। बोर्ड को 10 नवंबर को निलंबित किया गया था।

बता दें कि यश ढुल की कप्तानी ने भारत में पिछले साल अंडर-19 वर्ल्ड कप का खिताब अपने नाम किया था। इस बार भी टीम इंडिया ये वर्ल्ड कप जीतना चाहेगी जो अगले साल खेला जाना है।भारतीय क्रिकेट टीम अंडर-19 वर्ल्ड कप की सबसे सफल टीम है। भारत ने खिताब पांच बार जीता है। मोहम्मद कैफ की कप्तानी में भारत ने सबसे पहले 2000 में ये खिताब जीता था। इसके बाद 2008 में विराट कोहली की कप्तानी में भारत दूसरी बार अंडर-19 वर्ल्ड कप का चैंपियन बना। 2012 में उन्मुक्त चंद की कप्तानी में भारत ने फिर खिताब जीता। 2018 में फिर भारत पृथ्वी शॉ की कप्तानी में चैंपियन बना और 2022 में यश ढुल की कप्तानी में ये खिताब जीता।

अब काशी की तरह 'मथुरा' में भी बनेगा बांके बिहारी कॉरिडोर ! योगी सरकार को इलाहबाद HC की हरी झंडी, कहा- धर्मस्थल देश की धरोहर


इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा शुरू की गई बांके बिहारी कॉरिडोर परियोजना को मंजूरी दे दी है। इस परियोजना का लक्ष्य भगवान श्री कृष्णा की नगरी मथुरा के प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर के चारों ओर एक गलियारा बनाना है। अदालत के फैसले से गलियारे की प्रगति में बाधक बन रहे अतिक्रमणों को हटाने का मार्ग प्रशस्त हो गया है।

परियोजना

बता दें कि, काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की याद दिलाने वाली बांके बिहारी कॉरिडोर परियोजना, उत्तर प्रदेश सरकार की एक रणनीतिक पहल है। अदालत ने सरकार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि परियोजना के क्रियान्वयन के दौरान आगंतुकों को असुविधा का सामना न करना पड़े।

कानूनी पृष्ठभूमि

अनंत शर्मा और मधुमंगल दास सहित पुजारियों ने गलियारे को अनावश्यक बताते हुए इसका विरोध करते हुए एक जनहित याचिका (PIL) दायर की थी। उन्होंने आग्रह किया कि चढ़ावे और दान से प्राप्त धनराशि को कॉरिडोर परियोजना में नहीं लगाया जाना चाहिए। इस याचिका के जवाब में हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी किया था। जिसके बाद हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर और जस्टिस आशुतोष श्रीवास्तव की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई की। सरकार ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए कॉरिडोर को जरूरी बताया। कोर्ट ने 8 नवंबर 2023 को अपने आदेश में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था और अब इस प्रोजेक्ट को हरी झंडी दे दी है। उच्च न्यायालय ने इस बात पर जोर दिया कि उत्तर प्रदेश सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि गलियारे के पूरा होने के दौरान आगंतुकों को कोई असुविधा न हो। इस मामले में अगली सुनवाई 31 जनवरी, 2024 को होनी है।

हाई कोर्ट ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि मंदिरों और तीर्थस्थलों का उचित प्रबंधन जनता से संबंधित विषय हैं। कोर्ट ने धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों को देश की धरोहर के बराबर बताया, जहां जाने के बाद लोगों के भीतर अच्छे मनोभाव उत्पन्न होते हैं। हाई कोर्ट ने यह भी कहा कि किसी की आपत्ति के कारण मानव जीवन को प्रभावित नहीं किया जा सकता है। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से कॉरिडोर के निर्माण में टेक्निकल एक्सपर्ट की सहयता लेने की भी सलाह दी है, ताकि काम और बेहतर तरीके से पूर्ण हो।

हेलीकाप्टर से दागेंगे मिसाइल, 500 किमी दूर बैठा दुश्मन होगा नष्ट, भारतीय नौसेना ने किया सफल परिक्षण


'आत्मनिर्भर भारत' की दिशा में आगे बढ़ते हुए, भारतीय नौसेना ने रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) के साथ मिलकर 21 नवंबर को सीकिंग 42बी हेलीकॉप्टर से पहली स्वदेशी रूप से विकसित नौसेना एंटी-शिप मिसाइल का निर्देशित उड़ान परीक्षण सफलतापूर्वक कर लिया है। इससे पहले अक्टूबर में, रिपोर्ट आई थी कि DRDO बहुप्रतीक्षित लंबी दूरी की एंटी-शिप मिसाइल (LRASM) का परीक्षण करने के लिए पूरी तरह तैयार है, जो नौसेना की क्षमताओं को बढ़ाएगी, खासकर विस्तारित रेंज के साथ जहाज-आधारित मिसाइल प्रणालियों के क्षेत्र में ये मार्क सिद्ध होगी।

रिपोर्ट में कहा कि मिसाइल की मारक क्षमता 500 किलोमीटर हो सकती है, जो सुपरसोनिक इंडो-रूसी क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस द्वारा दी गई 350-400 किलोमीटर की रेंज से अधिक है। इससे पहले मई 2022 में भी, भारत ने कम दूरी की श्रेणी में आने वाली अपनी पहली स्वदेश निर्मित एंटी-शिप मिसाइल का परीक्षण किया, जिसका वजन लगभग 380 किलोग्राम था और इसकी मारक क्षमता 55 किलोमीटर थी। इन्हें 'नेवल एंटी-शिप मिसाइल-शॉर्ट रेंज' (NASM-SR) नाम दिया गया है, इन्हें हमलावर हेलीकॉप्टरों से लॉन्च किया जा सकता है।

MRSAM परीक्षण

बता दें कि, इस साल मार्च में, भारतीय नौसेना ने 'एंटी शिप मिसाइलों' को मार गिराने की क्षमता को प्रमाणित करते हुए INS विशाखापत्तनम से सफलतापूर्वक MRSAM (मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल) फायरिंग की थी। मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल, भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (BDL) में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) और इजरायली एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज (IAI) द्वारा संयुक्त रूप से विकसित की गई थी।

लाइवमिंट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सेना ने फरवरी में एक प्रेस बयान जारी कर कहा था, 'MRSAM हथियार प्रणाली जिसे 'अभ्र' हथियार प्रणाली भी कहा जाता है, एक अत्याधुनिक मध्यम दूरी की वायु रक्षा हथियार प्रणाली है। MSME सहित भारतीय सार्वजनिक और निजी रक्षा उद्योग भागीदारों की सक्रिय भागीदारी के साथ DRDO और इज़राइली एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज (IAI) का संयुक्त उद्यम।"

MRSAM

बता दें कि, MRSAM 70 किलोमीटर की दूरी तक कई लक्ष्यों को भेद सकता है। कॉम्बैट मैनेजमेंट सिस्टम (CMS), मोबाइल लॉन्चर सिस्टम (MLS), एडवांस्ड लॉन्ग रेंज रडार, मोबाइल पावर सिस्टम (MPS), रडार पावर सिस्टम (RPS), रीलोडर व्हीकल (RV), और फील्ड सर्विस व्हीकल में मिसाइल सिस्टम शामिल है, जो स्वदेशी रूप से विकसित रॉकेट मोटर और नियंत्रण प्रणाली (FSV) द्वारा संचालित है।

इजराइल का पाकिस्तान को झटका, लश्कर ए तैयबा को घोषित किया आतंकी संगठन, जानें कैसे है भारत के लिए बड़ा संदेश

#israel_declared_lashkar_e_taiba_a_terrorist_organization

इजरायल पर 7 अक्टूबर को हमास ने आतंकी हमला किया था। तब से हमास और इजरायल के बीच युद्ध जारी है। हमास के साथ इस जंग में अमेरिका समेत कई बड़े देश इजराइल का समर्थन कर रहे हैं। भारत में उन्हीं देशों में से एक है, जिसने इजराइल पर हमास के हमले को आतंकी कृत्य करार दिया है। इजराइल ने एक बड़ा कदम उठाया है। पाकिस्तान को एक बड़ा झटका देते हुए इजराइल ने लश्कर-ए-तैयबा को आतंकी संगठन घोषित कर दिया है।

इजरायल ने यह कदम ऐसे समय उठाया है, जब मुंबई हमलों को करीब 5 दिन बाद 15 साल पूरे होने वाले हैं। इजराइल का कदम भारत को भेजा गया एक बड़ा संदेश माना जा रहा है। दरअसल, इजरायल भारत से हमास को आतंकी संगठन घोषित करने की मांग कर चुका है। ऐसे में यह आतंक को लेकर भारत के रुख का समर्थन कहा जा रहा है।

इजराइल ने आतंक को लेकर भारत की दृढ़ता का समर्थन करते हुए पाकिस्तान के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा को अपनी आतंकी संगठनों की सूची में शामिल कर लिया है। भारत में इजराइली दूतावास ने मंगलवार को यह जानकारी दी। इजराइली दूतावास की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि 26/11 के मुंबई हमलों की 15वीं बरसी के मद्देनजर इजराइल ने लश्कर-ए-तैयबा को आतंकी संगठन घोषित करने का फैसला किया है। इस बारे में भारत सरकार की तरफ से इजराइल से कोई अपील नहीं की गई, इसके बावजूद देश की तरफ से खुद यह कदम उठाया गया है। 

बता दें कि भारत ने हमास को अभी तक आतंकी संगठन नहीं घोषित किया है। हमास को इस समय अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, यूरोपियन यूनियन समेत कई देश आतंकवादी संगठन मानते हैं। अब इजराइल ने साफ तौर पर कह दिया है लश्कर ए तैयबा भारतीयों की हत्या के लिए जिम्मेदार है और इसी वजह से वह उसे आतंकी संगठन मानता है। बता दें कि जैश ए मोहम्मद को इजराइल ने अभी तक आतंकी संगठन नहीं माना है।

इजरायल ज्यादातर उन आतंकी संगठनों को लिस्ट में डालता है जो उसकी सीमाओं के अंदर या उसके आसपास या उसके खिलाफ सक्रिय तरीके से काम कर रहे हैं। वैश्विक स्तर पर यूएमएससी या अमेरिकी विदेश विभाग की ओर से मान्यता प्राप्त आतंकियों को भी इजरायल लिस्ट में डालता है।लश्कर-ए-तैयबा को आतंकी घोषित करना इजरायल का एक बड़ा डिप्लोमैटिक कदम है। दरअसल, इजरायल से अच्छे संबंध होने के बावजूद हमास को अभी तक भारत ने आतंकी संगठन घोषित नहीं किया है। 26 अक्टूबर को इजरायल के राजदूत नाओर गिलोन ने कहा था, मुझे लगता है यह हमास को दुनिया और भारत में एक आतंकी संगठन घोषित करने का एकदम सही समय है। यूरोपीय यूनियन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, यूएस पहले ही यह कर चुके हैं।लश्कर को आतंकी घोषित कर इजरायल चाहता है कि भारत हमास के खिलाफ भी कोई ऐसा ही कदम उठाए

जेल की सजा काट रहे राम-रहीम को राहत, फिर आया जेल से बाहर, राजस्थान चुनाव से पहले 21 दिन की परोल

#ram_rahim_came_out_of_jail_got_21_days_parole

डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख के रूप में अपनी पहचान बनाने वाला राम रहीम जेल कि सजा काट रहा है। रेप और हत्या के मामलों में उम्र कैद की सजा काट रहा डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सुनारिया जेल में बंद है। जेल में बंद राम रहीम को एक बार फिर फरलो दी गई है। राम रहीम को 21 दिन की फरलो मिली है। राम रहीम मंगलवार दोपहर को 1 बजकर 45 मिनट पर कड़ी सुरक्षा के बीच सुनारियां जेल से बाहर निकला। इस बार भी वह उत्तर प्रदेश के बरनावा आश्रम में रहेगा।

इससे पहले राम रहीम 7 बार जेल से बाहर आ चुका है। अब 8वीं उसे 21 दिन परोल मिली है।वहीं, 2023 में राम रहीम तीसरी बार जेल से बाहर आया है। इस साल की शुरुआत ही में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख को एक लंबी परोल दी गई। राम रहीम को 22 जनवरी, 2023 को 40 दिन के परोल की हरियाणा सरकार ने मंजूरी दी। इसके बाद फिर 19 जुलाई को 30 दिन की परोल और राम रहीम को मिल गई। वहीं हालिया 21 दिन के फरलो के बाद इस साल 91 दिन राम रहीम को जेल से बाहर रहने की इजाजत दे दी गई।

 राम रहीम को परोल मिलना राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है। लोगों का कहना है कि मध्य प्रदेश और राजस्थान के चुनाव को देखते हुए उसे परोल दी गई है। दरअसल, राजस्थान में 25 नवंबर, शनिवार को वोटिंग होनी है और हरियाणा बॉर्डर से सटे श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ और दूसरे कई जिलों में गुरमीत का अच्छा खासा प्रभाव माना जाता है।

2017 के अगस्त महीने में राम रहीम को 20 साल की सजा सुनाई गई थी। दो शिष्याओं के साथ बलात्कार मामले में गुरमीत को ये सजा सुनाई गई थी। इसके अलावा, अपने डेरा के ही एक कर्मचारी की हत्या मामले में दोषी पाए जाने पर राम रहीम को अक्टूबर 2021 में उम्र कैद की सजा अदालत ने सुनाई थी।