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हेल्‍थ इंश्‍योरेंस होते हुए भी कट जाएगी जेब अगर न समझा डिडक्टिबल्स का खेल


नई दिल्‍ली : इंश्‍योरेंस आज हर किसी के लिए जरूरी हो गया है. खासकर, हेल्‍थ इंश्‍योरेंस. कोरोना महामारी में इसकी अहमियत का अहसास हर किसी को हो गया. यही कारण है कि महामारी बीतने के बाद हेल्‍थ इंश्‍योरेंस लेने वालों की तादात बढ़ी है.लेकिन, कोई भी बीमा पॉलिसी लेने से ही आपको पूरा फायदा नहीं होगा।

पॉलिसी का पूरा लाभ लेने के लिए जरूरी है कि आप उसके नियम, शर्तों और टर्म्‍स को भलीभांती पॉलिसी लेते वक्‍त समझें.अगर आपने ये काम नहीं किया तो क्‍लेम लेते वक्‍त आप खुद को ठगा सा महसूस करेंगे. 

हेल्‍थ इंश्‍योरेंस में ऐसा ही एक टर्म है इंश्योरेंस डिडक्टिबल इसका इस्‍तेमाल स्‍वास्‍थ्‍य बीमा पॉलिसी में खूब होता है. साथ ही डिडक्टिबल पॉलिसीधारक को खूब चक्‍करधिन्‍नी भी बनाते हैं.

आइये, सबसे पहले जानते हैं कि आखिर ये डिडक्टिबल आखिर क्‍या बला है.

सरल शब्‍दों में कहें तो डिडक्टिबल वह निश्चित राशि है, जिसका भुगतान बीमाधारक को पॉलिसी लाभ शुरू होने से पहले अपनी जेब से करना होता है. बीमा कंपनी आपके द्वारा क्‍लेम की गई राशि का भुगतान तभी करने के लिए उत्तरदायी होती है, जब वह डिडक्टिबल से ज्‍यादा हो.

आप इसे ऐसे समझिए. पॉलिसी का डिडक्टिबल 30,000 रुपये है और बीमाधारक ने 40,000 रुपये का क्‍लेम किया है. ऐसे में बीमा कंपनी केवल 10,000 रुपये का भुगतान करेगी और 30 हजार रुपये बीमाधारक को अपनी जेब से देने पड़ जाएंगे. 

वहीं, अगर क्‍लेम राशि 20 हजार रुपये है तो बीमा कंपनी एक भी पैसे का भुगतान नहीं करेगी क्‍योंकि यह डिडक्टिबल से यानी 30,000 रुपये से कम है.

दो तरह के होते हैं डिडक्टिबल्स

ये दो तरह के होते हैं. अनिवार्य कटौती और स्‍वैच्छिक कटौती. अनिवार्य कटौती योग्य या डिडक्टिबल्स वह निश्चित राशि है, जिसका भुगतान पॉलिसीधारक को क्लेम दायर करने से पहले करना होता है.यह अनिवार्य होता है और इसकी सीमा बीमा कंपनी तय करती है. इसलिए पॉलिसी लेते वक्‍त यह जरूर जान लें कि कंपनी ने डिडक्टिबल कितना तय कर रखा है.

प्रीमियम राशि को कम करने के लिए बीमा कंपनियां पॉलिसीधारक को स्वेच्छा से कटौती योग्य राशि चुनने का विकल्प देती हैं. पॉलिसीधारक वित्तीय सामर्थ्य और चिकित्सा खर्चों के आधार पर उस राशि का चुनाव कर सकता है, जिसका भुगतान उसे करना होगा. अगर पॉलिसीधारक कटौती योग्‍य ज्‍यादा राशि का विकल्‍प चुनता है तो उसे कम प्रीमियम देना होता है.

डिडक्टिबल्स किसे फायदा? 

डिडक्टिबल्स बीमा कंपनियों और पॉलिसीधारक, दोनों को ही कुछ न कुछ लाभ देते हैं. दरअसल, बीमाधारक एक सीमा तक खर्च होने के बाद ही खर्च का क्‍लेम कर सकता है. इससे बीमा कंपनियों को छोटे-छोटे खर्च के लिए लोगों को पैसा नहीं देना पड़ता है. इससे उनका अच्‍छा खासा पैसा और मेहनत बच जाती है. पॉलिसीधारक भी इस क्‍लॉज के कारण छोटे क्‍लेम नहीं करता. इससे उसे नो क्‍लेम बोनस का फायदा मिलने की उम्‍मीद बढ़ जाती है।

दुनिया में कई ऐसे देश जहां फ्री में होती है स्कूल-कॉलेजों में पढ़ाई, विदेशी बच्चों को भी दी जाती है मुफ्त शिक्षा


नई दिल्ली :: भारत में बच्चों को एजुकेशन दिलवाना दिन-पर-दिन महंगा होता जा रहा है. वहीं, दुनिया में ऐसे कई देश हैं, जहां बच्‍चों को फ्री एजुकेशन दी जाती है या बहुत ही कम खर्च आता है।आइए जानते हैं कुछ ऐसे ही देशों के बारे में जहां स्‍टूडेंट्स को बिना पैसे खर्च किए पूरी शिक्षा मिलती है.

जर्मनी

जर्मनी एक ऐसा देश है जहां न सिर्फ स्‍थानीय स्टूडेंट्स, बल्कि विदेशी बच्चों को भी फ्री में एजुकेशन दी जाती है. यहां सरकारी यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट्स से ट्यूशन फीस के नाम पर भी फीस नहीं ली जाती है।

हालांकि, कुछ विश्वविद्यालय 11,000 रुपये तक एडमिनिस्ट्रेशन फीस लेते हैं. इस देश में लगभग 300 गवर्नमेंट यूनिवर्सिटीज हैं, जो 1000 से ज्यादा स्टडी प्रोग्राम ऑफर करते हैं।

नॉर्वे

नॉर्वे में भी स्‍थानीय और विदेशी बच्चों को मुफ्त शिक्षा जी जाती है है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यहां स्कूल एजुकेशन से लेकर डॉक्टरेट तक की पढ़ाई के लिए स्टूडेंट्स को एक रुप फीस नहीं भरनी होती है. हालांकि, यहां पढ़ने आने वाले स्टूडेंट्स को इस देश की भाषा आनी जरूरी है. यहां गवर्नमेंट यूनिवर्सिटीज में विदेशी स्‍टूडेंट्स को पर सेमेस्टर 30-60 यूरो फीस लगती है. यह फीस स्‍टूडेंट्स यूनियन के लिए ली जाती है, जिसके बदले हेल्थ, काउंसलिंग, स्पोर्ट्स एक्टिविटीज और कैंप्स फैसिलिटी मिलती है.

स्वीडन

स्वीडन अपनी बेहतरीन शिक्षा शैली के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है. फ्री एजुकेशन दिया जाता है, लेकिन केवल यूरोपीय यूनियन/यूरोपीय इकोनॉमिक एरिया और स्वीडन के स्थाई निवासी स्‍टूडेंट्स के लिए ही यह सुविधा है. हालांकि, विदेशी छात्रों को ट्यूशन फीस बहुत कम देनी पड़ती है. हर साल लाखों स्‍टूडेंट्स यहां पढ़ाई करने के लिए जाते हैं. वहीं, विदेशी छात्रों के लिए स्वीडन में पीएचडी की पढ़ाई बिल्कुल फ्री है.

फिनलैंड

फिनलैंड भी छात्रों को मुफ्त शिक्षा देता है. यहां छात्रों को बैचलर्स और मास्टर्स में कोई फीस नहीं देनी पड़ती. पीएचडी की पढ़ाई करने वालों मुफ्त शिक्षा के साथ ही सरकार सैलरी भी देती है. यहां यूरोपीयन स्‍टूडेंट्स के अलावा बाहर के स्टूडेंट्स स्वीडीश या फिनिश लैंग्वेज में कोई कोर्स करते हैं तो उन्‍हें किसी तरह की फीस नहीं देनी पड़ती है.

हेल्थ टिप्स:शरीर में ऑक्सीजन लेवल बढ़ाने के लिए खाएं ये सुपरफ़ूड जो आपके ऑक्सीजन लेवल बढ़ाने में करेंगे मदद

दिल्ली:- शरीर के लिए ऑक्सीजन कितना जरुरी है ये तो हम सभी जानते हैं, ऑक्सीजन के बिना मनुष्य का जिन्दा रहना मुश्किल है। मानव शरीर के समुचित कार्य के लिए ऑक्सीजन आवश्यक है। इसके बिना आप जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं।

शरीर में हमेशा ऑक्सीजन का एक ऑप्टिमम लेवल जरुरी होता है। इसमें कमी आने पर शरीर को बहुत नुकसान हो सकती है और व्यक्ति की जान भी जा सकती है। मस्तिष्क ऑक्सीजन के स्तर में परिवर्तन के प्रति अत्यधिक संवेदनशील होता है। 

ऑक्सीजन संज्ञानात्मक कार्य, एकाग्रता और समग्र मस्तिष्क स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। ऑक्सीजन की कमी से संज्ञानात्मक हानि और अन्य तंत्रिका संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। लाल रक्त कोशिकाओं द्वारा रक्तप्रवाह में ऑक्सीजन का परिवहन किया जाता है, और इसकी उपलब्धता हृदय स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। यह सुनिश्चित करता है कि अंगों और ऊतकों को पर्याप्त ऑक्सीजन की आपूर्ति मिले।

पत्तेदार साग

पालक, केल और अन्य पत्तेदार साग जैसे खाद्य पदार्थ एंटीऑक्सिडेंट, विटामिन और खनिजों से भरपूर होते हैं। उनमें विटामिन सी जैसे पोषक तत्व होते हैं, जो प्रतिरक्षा कार्य का समर्थन करते हैं, और विटामिन के, जो रक्त के थक्के और हड्डियों के स्वास्थ्य में भूमिका निभाते हैं।

जामुन

ब्लूबेरी, स्ट्रॉबेरी और रास्पबेरी जैसे जामुन एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं। एंटीऑक्सिडेंट समग्र स्वास्थ्य का समर्थन करते हुए कोशिकाओं को ऑक्सीडेटिव तनाव और सूजन से बचाने में मदद करते हैं।

फैटी मछली

सैल्मन, मैकेरल और ट्राउट जैसी वसायुक्त मछलियाँ ओमेगा-3 फैटी एसिड के उत्कृष्ट स्रोत हैं। ओमेगा-3एस में सूजन-रोधी गुण होते हैं और यह हृदय संबंधी स्वास्थ्य में योगदान दे सकता है। अच्छा हृदय स्वास्थ्य रक्तप्रवाह में कुशल ऑक्सीजन परिवहन का समर्थन करता है।

दाने और बीज

बादाम, अखरोट और अलसी जैसे मेवे और बीज, विटामिन ई और मैग्नीशियम सहित विभिन्न प्रकार के पोषक तत्व प्रदान करते हैं। विटामिन ई एक एंटीऑक्सीडेंट है, जबकि मैग्नीशियम श्वसन मांसपेशियों सहित मांसपेशियों और तंत्रिका कार्यों का समर्थन करता है।

खट्टे फल

संतरे, अंगूर और नींबू जैसे खट्टे फल विटामिन सी से भरपूर होते हैं। विटामिन सी अपने प्रतिरक्षा-बढ़ाने वाले गुणों के लिए जाना जाता है और श्वसन प्रणाली के स्वास्थ्य का समर्थन करने में मदद कर सकता है।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि उचित ऑक्सीजन स्तर को बनाए रखने में मुख्य रूप से समग्र जीवनशैली विकल्प शामिल हैं, जिसमें नियमित व्यायाम, उचित हाइड्रेशन और धूम्रपान से बचना या पर्यावरण प्रदूषकों के संपर्क में आना शामिल है। इसके अतिरिक्त, फलों, सब्जियों, साबुत अनाज और कम वसा वाले प्रोटीन से भरपूर आहार समग्र स्वास्थ्य और कल्याण में योगदान देता है।

दिल्ली: वर्ल्ड कप के बीच दु:खद खबर,पूर्व कप्तान बिशन सिंह बेदी का निधन,वर्ल्‍डकप के मैच में 8 ओवर मेडल फेंककर किया था कमाल


नई दिल्ली :- भारतीय टीम के महान स्पिनरों में से एक बिशन सिंह बेदी का सोमवार को 77 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. बाएं हाथ के स्पिनर बिशन की सांप की तरह बलखाती एक समय विपक्षी बल्‍लेबाजों के लिए काल हुआ करती थी।

यह उस समय की बात थी जब बिशन बेदी, चंद्रेशखर, ईरापल्‍ली प्रसन्‍नाा और वेंकटराघवन की स्पिन चौकड़ी का विश्‍व क्रिकेट में राह हुआ करता था, भारतीय टीम के कप्‍तान बिशन बेदी इस चौकड़ी के फ्रंटलाइन स्पिनर थे।

67 टेस्‍ट में भारत की ओर से 266 विकेट लेने वाले 'बिशन पाजी' कप्‍तान के तौर पर हमेशा अपने प्‍लेयर्स के साथ खड़े रहे. प्‍लेयर्स के हित में जरूरत पड़ने पर वे क्रिकेट प्रशासन के सामने खड़े होने से भी नहीं चूके. शायद यही कारण रहा कि अपने दौर के खिलाड़ि‍यों का काफी सम्‍मान उन्‍हें हासिल रहा उनके नेतृत्‍व में भारतीय टीम ने देश में दिग्‍गज टीमों को तो शिकस्‍त दी ही, विदेशों में भी टीम के प्रदर्शन में सुधार भी इसी दौर में आया।

बेदी सहित भारत की स्पिन चौकड़ी को अपनी फ्लाइट के जरिये विपक्षी बल्‍लेबाजों को छलना बखूबी आता था. विकेट लेने के बाद इन स्पिनरों का जश्‍न मनाने का अंदाज भी अलग होता था. क्रिकेट से संन्‍यास लेने के बाद बिशन ने अपने स्पिन गेंदबाजों को तैयार करने में भी योगदान दिए.

मनिंदर सिंह और मुरली कार्तिक जैसे स्पिनरों ने बेदी के मार्गदर्शन में अपनी खेल कौशल को तराशा. करियर रिकॉर्ड की बात करें तो बेदी ने 67 टेस्‍ट और 10 वनडे भारत की ओर से खेले. टेस्‍ट क्रिकेट में 28.71 के औसत से 266 और वनडे में 48.57 के औसत से सात विकेट उनके नाम पर हैं.टेस्‍ट क्रिकेट में वे 14 बार पारी में पांच या इससे अधिक और एक बार मैच में 10 या इससे अधिक विकेट लेने में सफल रहे.

बेशक बेदी वनडे क्रिकेट ज्‍यादा क्रिकेट नहीं खेले और इस फॉर्मेट के उनके रिकॉर्ड बहुत प्रभावशाली नहीं है लेकिन वर्ल्‍डकप में सबसे कंजूस गेंदबाजी विश्‍लेषण में से एक 'स्पिन के इस सरदार' के नाम पर दर्ज है. 

1975 के वर्ल्‍डकप में ईस्‍ट अफ्रीका के खिलाफ बेदी ने अपने 10 ओवर में 8 मेडन रखते हुए 6 विकेट लेकर एक विकेट लिया था. वनडे में 12 ओवर के स्‍पैल में 8 ओवर मेडन रखना बेदी जैसे करिश्‍माई स्पिनर के बूते की ही बात थी.

1976-77 के बहुचर्चित वेसलीन कांड में इंग्‍लैंड जैसी टीम के खिलाफ शिकायत दर्ज करना बिशन सिंह बेदी जैसे खिलाड़ी के बूते की ही बात थी. भारत के दौरे पर आई उस इंग्‍लैंड टीम में तेज गेंदबाज जॉन लीवर शामिल थे. इस टेस्‍ट सीरीज के तहत मद्रास (अब चेन्‍नई) में लीवर हैडबेंड लगाकर मैदान में उतरे थे. 

मैच में अपनी स्विंग से लीवर ने भारतीय बैटरों को खासा परेशान किया था. लीवर की इस कामयाबी के बीच बेदी ने सनसनीखेज आरोप लगाया था कि लीवर में अपने हैडबेंड में वेसलीन लगाया था, इससे उन्‍हें गेंद को ज्‍यादा स्विंग कराने और विकेट लेने में मदद मिली. 

इंग्‍लैंड उस समय विश्‍व क्रि केट की बड़ी ताकत हुआ करता था, ऐसे में बेदी के आरोपों को ज्‍यादा गंभीरता से नहीं लिया गया. हालांकि बाद में विश्‍व क्रिकेट में आई बॉल टेम्‍परिंग की घटनाओं ने इस बात की पुष्टि की कि 'कृत्रिम कारणों' से गेंद को अधिक स्विंग कराया जा सकता है. भारतीय क्रिकेट में बाद में बेदी के स्‍तर और उसके ऊपर के कई खिलाड़ी हुए लेकिन अपने प्‍लेयर्स के हित में बहादुरी से खड़े होने उनके जैसे टीम मैन बिरले ही होंगे।

त्यौहारी मौसम के बीच बारिश बनी बड़ी बाधा, कोलकाता-त्रिपुरा तक भारी वर्षा

नई दिल्ली : त्यौहारी मौसम के बीच बारिश बड़ी बाधा बन कर आई है। कई राज्यों में हल्की बूंदाबांदी हो रही है। पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में आज भारी बारिश हुई।

भारत मौसम विज्ञान विभाग आईएमडी ने बताया कि त्रिपुरा में 24 अक्टूबर को अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना है। इसको लेकर IMD ने ऑरेंज अलर्ट जारी कर दिया है।

चक्रवात 'तेज' से बिगड़ेगा मौसम का माहौल

वहीं, चक्रवात 'तेज' के 24 अक्टूबर (मंगलवार) तक अल गैदा के करीब यमन तट को पार करने की संभावना है। अरब सागर के दक्षिण-पश्चिम में बन रहे चक्रवात तेज के उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने की बहुत संभावना है। इस बीच आईएमडी भुवनेश्वर के वरिष्ठ वैज्ञानिक उमा शंकर दास ने बताया कि 'रविवार का डीप डीप्रेशन जो पूर्वोत्तर दिशा में 13 किमी/घंटा की गति से आगे बढ़ा है, अगले 6 घंटों में इसके अत्यधिक चक्रवाती तूफान में तब्दील होने की संभावना है।

आज शाम तक समुद्र की स्थिति बहुत खराब हो जाएगी और कल यानी मंगलवार से समुद्र की स्थिति और खराब हो जाएगी। आईएमडी ने मछुआरों को 25 अक्टूबर तक पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी और 26 अक्टूबर तक उत्तरी बंगाल की खाड़ी में न जाने की सलाह दी है। 

उमा शंकर दास ने आगे बताया कि यह समय धान की कटाई का होता है और इसलिए लोगों को तेजी और सुरक्षित के साथ धान काटने और उन्हें रखने की भी सलाह दी है।

तीन दिनों में बांग्लादेश और आसपास की ओर बढ़ेगा 'तेज'

मौसम विभाग के मुताबिक, अगले तीन दिनों के दौरान बांग्लादेश और आसपास के पश्चिम बंगाल तटों की ओर उत्तर-उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ने की संभावना है। इससे पहले आईएमडी ने चेतवानी दी कि अरब सागर के ऊपर अत्यंत भीषण चक्रवाती तूफान 'तेज'का आगमन हुआ है। इससे बंगाल की खाड़ी के ऊपर डिप्रेशन बना हुआ है। 

पश्चिम मध्य और उससे सटे दक्षिण पश्चिम अरब के ऊपर अत्यंत गंभीर चक्रवाती तूफान तेज एक अत्यंत गंभीर चक्रवाती तूफान में बदल गया है।

दुखद : वाघ बकरी चाय के मालिक पराग देसाई का निधन, मॉर्निंग वॉक के दौरान आवारा कुत्तों ने ली जान


नई दिल्ली :- वाघ बकरी चाय समूह के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर पराग देसाई का निधन हो गया है। वह 50 साल के थे। 15 अक्टूबर को मॉर्निंग वॉक पर निकले पराग देसाई पर स्ट्रीट डॉग्स ने हमला कर दिया था।

खुद को डॉग अटैक से बचाने में वह फिसलकर गिर गए थे और उन्हें ब्रेन हेमरेज हो गया था। इलाज के दौरान रविवार सुबह अहमदाबाद में उनका निधन हुआ है। 

सूत्रों के मुताबिक, पराग देसाई इस्कॉन अम्बली रोड पर मॉर्निंग वॉक के दौरान डॉग अटैक में घायल हुए थे। गिरने के बाद उनके सिर में गंभीर चोट आई थीं। उन्हें तत्काल शेल्बी हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था। इसके बाद उन्हें सर्जरी के लिए जायडस हॉस्पिटल में शिफ्ट किया गया, जहां 22 अक्टूबर को उनका निधन हो गया। 

पराग देसाई, रसेस देसाई के बेटे हैं, जो कि वाघ बकरी ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर हैं। वाघ बकरी चाय में पराग सेल्स, मार्केटिंग और एक्सपोर्ट्स का काम देखते थे।

न्यूयार्क से किया था एमबीए

पराग देसाई ने न्यूयार्क स्थित लॉन आइलैंड यूनिवर्सिटी से एमबीए की पढ़ाई पूरी किए थे। वह अपने परिवार की चौथी पीढ़ी थे जो चाय के कारोबार से जुड़े थे। उनकी अगुवाई में कंपनी ने कई नए मुकाम को छूने में सफल रही है। बिजनेस के साथ-साथ पराग देसाई की गहरी दिलचस्पी वाइल्डलाइफ में थी। 

1995 में कंपनी को किया था ज्वाइन

वाघ बकरी चाय से पराग देसाई 1995 में जुड़े थे। तब कंपनी का कुल कारोबार 100 करोड़ रुपये से भी कम था। लेकिन आज सालाना टर्न ओवर 2000 करोड़ रुपये को पार कर गया है। 

भारत के 24 राज्यों के साथ-साथ दुनिया के 60 देशों वाघ बकरी चाय को एक्सपोर्ट किया जा रहा है। ये देसाई का ही प्लान था जिसकी वजह से कंपनी की ब्रांडिंग मजबूत हुई।

दिल्ली:सराय काले खां फ्लाईओवर का सीएम अरविंद केजरीवाल ने किया उद्घाटन,आईटीओ से आश्रम तक यात्रा होगी आसान


दिल्ली:- दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को सराय काले खां के टी जंक्शन पर एक और फ्लाईओवर का उद्घाटन किया।

इस दौरान अरविंद केजरीवाल ने कहा कि उन्होंने आश्रम अंडरपास बनाया और फिर उन्होंने आश्रम फ्लाईओवर का विस्तार बनाया। आजादी के बाद से दिल्ली में 102 फ्लाईओवर या अंडरपास बनाए गए हैं और पिछले आठ वर्षों में आम आदमी पार्टी द्वारा 30 फ्लाईओवर या अंडरपास बनाए गए हैं। 

केजरीवाल ने कहा कि उन्होंने निर्माण भी कराया साथ ही पैसा भी बचाया। 

सराय काले खां फ्लाईओवर को लेकर सीएम केजरीवाल ने कहा कि इस फ्लाईओवर से लोगों को बहुत फायदा होने वाला है। इससे टी जंक्शन पर ट्रैफिक जाम कम करने में मदद मिलेगी।

यह 620 मीटर लंबा फ्लाईओवर है। इस प्रोजेक्ट के लिए 66 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई थी। केजरीवाल ने कहा कि जब से उन्होंने दिल्ली में सरकार बनाई है, उन्होंने हर प्रोजेक्ट में पैसा बचाया है। 

इसी तरह इस प्रोजेक्ट में भी उन्होंने 66 करोड़ रुपये मंजूर किए गए थे, लेकिन इसे 50 करोड़ रुपये में पूरा कर लिया। इससे उन लोगों को सुविधा होगी, जो आईटीओ से आश्रम तक यात्रा करते हैं।

दिल्ली के घंटाघर इलाके में एलपीजी सिलेंडर फटने से लगी आग,16 लोग बचाये गये


नयी दिल्ली : दिल्ली में एक घर में आग लगने के बाद छह बच्चों और सात महिलाओं सहित कम से कम 16 लोगों को बचाया गया। अग्निशमन विभाग के एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी।

दिल्ली फायर सर्विस (डीएफएस) के निदेशक अतुल गर्ग के मुताबिक, सुबह 7:38 बजे पीएनबी, सब्जी मंडी, घंटा घर के पास एक घर में आग लगने की सूचना मिली।गर्ग ने कहा, "कुल 8 दमकल गाड़ियों को घटनास्थल पर भेजा गया। 

आग एक एलपीजी सिलेंडर विस्फोट के कारण लगी थी।"गर्ग ने कहा, "आग पर काबू पा लिया गया है और तीन पुरुषों, सात महिलाओं और छह बच्चों सहित 16 लोगों को बचाया गया, आग घर की दूसरी मंजिल पर लगी थी।"

यमुना एक्सप्रेसवे पर भीषण सड़क हादसा अज्ञात वाहन ने कार को मारी टक्कर, पांच की मौत और तीन गंभीर, सभी झारखंड के थे


नई दिल्ली- :ग्रेटर नोएडा के यमुना एक्सप्रेसवे पर एक बार फिर तेज रफ्तार का कहर देखने को मिला. जहां अज्ञात वाहन ने कार को टक्कर मार दी, जिसमें पांच लोगों की मौत हो गई. ये सभी दिल्ली से झारखंड जा रहे थे. इको वैन में आठ लोग सवार थे। तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं, जिनका इलाज जेवर के कैलाश अस्पताल में चल रहा है।वही मृतकों के शवों का पुलिस ने पंचायतनामा भर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.

पुलिस ने बताया यमुना एक्सप्रेसवे के जीरो पॉइंट से लगभग 25 किलोमीटर दूर रबूपुरा थाना क्षेत्र में शुक्रवार देर रात एक बजे के करीब इको वैन में किसी अज्ञात वाहन ने जोरदार टक्कर मार दी. 

टक्कर के कारण वैन अनियंत्रित होकर पलट गई. जिससे पांच लोगों की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई. वहीं घायलों की स्थिति गंभीर बनी हुई हैं.

बताया जा रहा है कि हादसे का शिकार होने वाला परिवार दिल्ली में रहता है. 

पीड़ित लोग झारखंड के रहने वाले हैं. ये लोग यमुना एक्सप्रेसवे के रास्ते दिल्ली से झारखंड के लिए इको वैन से जा रहे थे. जिन पांच लोगों की मौके पर मौत हुई है, उनमें साउथ दिल्ली के थाना कालिंदी कुंज क्षेत्र के मदनपुर खादर स्थित जेजे कॉलोनी निवासी उपेंद्र (38), उसका भाई विजेंद्र (36), बिजेंद्र की पत्नी कांति देवी (30), बिजेंद्र की बेटी कुव ज्योति (12) और सुरेश (45) शामिल है. जबकि हादसे में उपेन्द्र का बेटा सूरज (16), बिजेंद्र का बेटा आयुष (8) और आर्यन (10) गंभीर रूप से घायल हो गए हैं. जिनका इलाज जेवर के कैलाश अस्पताल में चल रहा है. जहां पर उनकी भी स्थिति नाजुक बनी हुई है।

फिलहाल पुलिस ने मृतकों के शवों का पंचायत नामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. साथ ही अज्ञात वाहन के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।

भारत के मोस्ट वांटेड आतंकी मसूद अजहर का करीबी खूंखार दाऊद मलिक पाकिस्तान में मारा गया,नकाब पोश ने मारी गोली


दिल्ली:- पाकिस्तानी में एक खूंखार आतंकी दाऊद मलिक मारा गया. बताया जाता है कि वह भारत के मोस्ट वांटेड आतंकी मसूद अजहर का करीबी था।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान के उत्तरी वजीरिस्तान में उसकी हत्या की गई. कहा जा रहा है कि अज्ञात लोगों ने उसके ऊपर गोली बारी की जिससे उसकी मौत हो गई. 

इस घटना के बाद से पाकिस्तान में यह चर्चा का विषय बना हुआ है. रिपोर्ट के अनुसार दाऊद मलिक लश्कर-ए-जब्बार के संस्थापक सदस्यों में से एक था. आतंकी मसूद अजहर के साथ उसके करीबी संबंध बताए जाते हैं.

पाकिस्तानी अखबार डॉन ने पुलिस के हवाले से लिखा,'शुक्रवार सुबह उत्तरी वजीरिस्तान के मिराली इलाके में नकाबपोशों ने उसके ऊपर गोलीबारी की. इस हमले में वह मारा गया.' बताया गया कि हत्या व्यस्त बाजार में वारदात को अंजाम दिया गया. 

वहीं, पुलिस ने एक अन्य रिपोर्ट में कहा कि एक निजी क्लिनिक में दाउद पर हमला किया गया. घटना के बाद हमलावर फरार हो गए.

उल्लेखनीय है कि मसूद अजहर आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का सरगना है. मसूद ने 1998 में कंधार हाईजैक की साजिश रची थी. इसके साथ ही 2001 में संसद हमले का मास्टर माइंड भी है. 

भारत मसूद के खिलाफ एक्शन की बात कई बार वैश्विक मंचों पर उठाता रहा है. बता दें कि पिछले साल जारी एक रिपोर्ट में कहा गया था कि अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा होने के बाद से पाकिस्तान में आतंकी घटनाएं बढ़ गई. 

एक रिपोर्ट में इसका खुलासा करते हुए कहा गया था कि पाकिस्तान में आतंकी घटनाओं में 51 फीसदी की बढ़ोतरी हुई।