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गाजा में अस्पताल पर हमले के बाद तनाव के हालात, बाइडन के साथ अरब नेताओं का शिखर सम्मेलन रद्द

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इस्राइल और हमास के बीच संघर्ष को अब 12 दिन हो चुके हैं।इस बीच दोनों पक्षों की ओर से रॉकेट हमलों और गोलीबारी में करीब 5000 की जान जा चुकी है। इस क्रम में मंगलवार को गाजा पट्टी में अल-अहली अरब अस्पताल में कई धमाके हुए। इनमें कम से कम 500 लोगों की मौत हुई है।हमास ने अस्पताल में हमले के पीछे इस्राइली वायुसेना को जिम्मेदार ठहराया है, तो वहीं इस्राइल का कहना है कि इस हमले की वजह फलस्तीन के इस्लामिक जिहाद (पीआईजे) संगठन की ओर से की गई रॉकेटों की बारिश है, जो उसके अपने ही लोगों को निशाना बना गई। इस हमले के कारण अमेरिका के उन राजनयिक प्रयासों को करारा झटका लगा है, जिसमें वे इजराइल को अपनी रक्षा के अधिकार पर समर्थन जुटाना चाहते थे। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ अरब नेताओं का शिखर सम्मेलन रद्द हो गया है। 

जॉर्डन के विदेश मंत्री अयमान सफादी ने घोषणा की कि बुधवार को अम्मान में जॉर्डन के राजा अब्दुल्ला, मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी और फलस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास की अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन के साथ होने वाली शिखर बैठक रद्द कर दी गई है।

व्हाइट हाउस ने भी जॉर्डन में बाइडेन के साथ होने वाले इस शिखर सम्मेलन को रद्द करने की पुष्टि की है।व्हाइट हाउस की ओर से बयान जारी कर बताया गया है कि जॉर्डन, मिस्र और फिलिस्तीन के नेताओं के साथ अम्मान में एक शिखर सम्मेलन आयोजित करना था, लेकिन अब जॉर्डन ने घोषणा कर दी है कि वह गाजा में अस्पताल पर हुई बमबारी के बाद बैठक को रद्द कर रहा है, जिसमें सैकड़ों लोग मारे गए हैं।

गाजा के अल-अहली अरब अस्पताल पर हुए घातक हमले के बाद सैकड़ों लोगों के मारे जाने की आशंका है। हमास और इजराइल ने इस हमले के लिए एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहराया है। सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन, मिस्र, जॉर्डन और तुर्की ने भी इजराइल पर गाजा शहर में अल-अहली अरब अस्पताल पर बमबारी करने का आरोप लगाया है। 

नेतन्याहू ने कहा कि पूरी दुनिया को पता होना चाहिए कि गाजा के बर्बर आतंकवादियों ने ही गाजा के अस्पताल पर हमला किया था, आईडीएफ ने नहीं। जिन लोगों ने हमारे बच्चों की बेरहमी से हत्या की, उन्होंने अपने बच्चों की भी हत्या कर दी। गाजा शहर के अल-अहली अरब अस्पताल में मंगलवार को हुए धमाके के तुरंत के बाद हमास ने इजराइली सेना के हवाई हमले को जिम्मेदार ठहराया। इसके बाद इजराइली सेना ने बयान जारी कर इन आरोपों का खंडन किया और कहा कि इस्लामिक जिहाद समूह के गलत रॉकेट लॉन्च के कारण विस्फोट हुआ।

सेम सेक्स मैरिज को मान्यता देने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार, पांच जजों का अलग-अलग फैसला, डिटेल में पढ़िए खबर


सेम सेक्स मैरिज यानी समलैंगिक विवाह को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज (17 अक्टूबर) सुनवाई हुई। सीजेआई ने अपना फैसला सुनाते हुए समलैंगिक शादी को मान्यता देने से इनकार कर दिया। सीजेआई ने कहा कि कोर्ट का मानना है कि संसद को समलैंगिक विवाह को मान्यता देने के मामले में फैसला करना चाहिए। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में 5 जजों की बेंच ने इस मामले में 11 मई को फैसला सुरक्षित रख लिया था।

मामले में CJI ने केंद्र सरकार और राज्य सरकारों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि समलैंगिक लोगों के साथ उनके यौन रुझान के आधार पर भेदभाव न किया जाए।

इस मामले पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि अदालत के कानून बनाने का अधिकार नहीं है, लेकिन कानून की व्याख्या कर सकता है। उन्होंने कहा कि इस मामले में कुछ चार फैसले हैं।

सुनवाई के दौरान सीजेआई चंद्रचूड़ ने कई महत्वपूर्ण टिप्पणी की

सीजेआई ने कहा,”जीवन साथी चुनना जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। साथी चुनने और उस साथी के साथ जीवन जीने की क्षमता जीवन और स्वतंत्रता के अधिकार के दायरे में आती है। सभी लोगों को जीवन के अधिकार के अंतर्गत जीवन साथी चुनने का अधिकार है। एलजीबीटी समुदाय समेत सभी व्यक्तियों को साथी चुनने का अधिकार है।”

डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि ये कहना सही नहीं होगा कि सेम सेक्स सिर्फ अर्बन तक ही सीमित है। ऐसा नहीं है कि ये केवल अर्बन एलीट तक सीमित है। यह कोई अंग्रेजी बोलने वाले सफेदपोश आदमी नहीं है, जो समलैंगिक होने का दावा कर सकते हैं। बल्कि गांव में कृषि कार्य में लगी एक महिला भी समलैंगिक होने का दावा कर सकती है। शहरों में रहने वाले सभी लोगों को कुलीन नहीं कहा जा सकता। समलैंगिकता मानसिक बीमारी नहीं है।

सीजेआई ने कहा,”विवाह का रूप बदल गया है। यह चर्चा दर्शाती है कि विवाह का रूप स्थिर नहीं है। सती प्रथा से लेकर बाल विवाह और अंतरजातीय विवाह तक विवाह का रूप बदल चुका है।”

डीवाई चंद्रचूड़ ने आगे कहा कि प्रेम मानवता का मूलभूत गुण है। शादी करने का कोई मौलिक अधिकार नहीं है।

सीजेआई ने कहा,”अगर अदालत LGBTQIA+ समुदाय के सदस्यों को शादी का अधिकार देने के लिए विशेष विवाह अधिनियम की धारा 4 को पढ़ती है या इसमें कुछ शब्द जोड़ती है, तो यह विधायी क्षेत्र में प्रवेश कर जाएगा।”

उन्होंने कहा,”मनुष्य जटिल समाजों में रहते हैं। एक-दूसरे के साथ प्यार और जुड़ाव महसूस करने की हमारी क्षमता हमें इंसान होने का एहसास कराती है। परिवार का हिस्सा बनने की आवश्यकता मानव गुण का मुख्य हिस्सा है और आत्म विकास के लिए महत्वपूर्ण है।”

सीजेआई ने कहा,”स्पेशल मैरिज एक्ट (SMA) को सिर्फ इसलिए असंवैधानिक नहीं ठहरा सकते क्योंकि यह समलैंगिक विवाह को मान्यता नहीं देता है। क्या एसएमए में बदलाव की जरूरत है, यह संसद को पता लगाना है और अदालत को विधायी क्षेत्र में प्रवेश करने में सावधानी बरतनी चाहिए।”

सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस को दिए ये आदेश

समलैंगिक जोड़ों को पुलिस स्टेशन में बुलाकर या उनके निवास स्थान पर जाकर, केवल उनकी लिंग पहचान या यौन अभिविन्यास के बारे में पूछताछ करके उनका उत्पीड़न नहीं किया जाएगा।

वे यदि समलैंगिक व्यक्ति अपने मूल परिवारों में वापस नहीं लौटना चाहते हैं तो उन्हें अपने मूल परिवारों में लौटने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा।

जब समलैंगिक व्यक्तियों द्वारा यह आरोप लगाते हुए पुलिस शिकायत दर्ज की जाती है कि उनका परिवार उनकी आवाजाही की स्वतंत्रता को रोक रहा है, तो वे इसकी वास्तविकता की पुष्टि करेंगे। पुलिस यह सुनिश्चित करें कि उनकी स्वतंत्रता कम न हो।

जब पुलिस शिकायत दर्ज की जाती है कि परिवार की ओर से हिंसा की आशंका है क्योंकि शिकायतकर्ता समलैंगिक है, या समलैंगिक रिश्ते में है, तो वे शिकायत की वास्तविकता की पुष्टि करेंगे। पुलिस उनकी उचित सुरक्षा सुनिश्चित करें।

'रास्ते में मस्जिद-चर्च, इसलिए RSS को रुट मार्च की अनुमति नहीं दे सकते..', जानिए, DMK सरकार की दलील पर क्या बोली मद्रास हाई कोर्ट !

मद्रास उच्च न्यायालय ने तमिलनाडु पुलिस को 22 और 29 अक्टूबर को राज्य भर में 35 स्थानों पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के रूट मार्च के लिए अनुमति देने का निर्देश दिया है। उच्च न्यायालय ने पुलिस द्वारा उठाई गई आपत्तियों को खारिज कर दिया। दरअसल, राज्य की एमके स्टालिन सरकार ने कोर्ट में तर्क दिया था कि RSS ने पुलिस को उस रूट मार्च के बारे में पर्याप्त जानकारी नहीं दी थी, जिसे वे निकालना चाहते थे।

DMK सारकर की तरफ से मुख्य लोक अभियोजक आर शनमुगा सुंदरम ने कोर्ट में कहा कि, 'जिस मार्ग पर रैली के लिए अनुमति मांगी गई है, उसके आसपास मस्जिदें, चर्च और आवास हैं, और अनुमति आवेदन में कहा गया है कि वे (RSS) अखंड भारत का निर्माण करेंगे, और भारत के मानचित्र में मलेशिया और इंडोनेशिया सहित देशों को शामिल किया गया है।' उन्होंने अदालत के समक्ष यह भी कहा कि खुफिया विभाग ने चेतावनी दी थी कि RSS की रैली से कानून-व्यवस्था की समस्या हो सकती है, इसलिए अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।

रैली की इजाजत न देना कोर्ट की अवमानना: RSS

इस बीच, हिंदू समर्थक संगठन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता जी राजगोपाल, एमएल राजा और कार्तिकेयन ने अपनी दलील में कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछली बार रैली की अनुमति दी थी, लेकिन अब रैली की अनुमति दी जानी चाहिए और यदि अनुमति नहीं दी गई, तो यह सर्वोच्च न्यायालय की अवमानना होगी।

संविधान रैली आयोजित करने की इजाजत देता है: मद्रास HC

दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद, मद्रास हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति जी जयचंद्रन ने कहा कि रूट मार्च के लिए अनुमति देने से इनकार करने के लिए पुलिस द्वारा दिए गए कारण स्वीकार्य नहीं थे और जिला प्रशासन को मार्च के लिए अनुमति देने का निर्देश दिया। न्यायाधीश ने यह भी कहा कि जिला प्रशासन स्थानीय परिस्थितियों के आधार पर उचित प्रतिबंध लगा सकता है। न्यायाधीश ने कहा कि हालांकि संविधान ने रैली आयोजित करने की अनुमति दी है, लेकिन इस पर प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता है, और आदेश दिया कि रैली शांतिपूर्ण ढंग से आयोजित की जानी चाहिए और मार्च के लिए पर्याप्त सुरक्षा प्रदान की जानी चाहिए।

गाजा के खान यूनिस में इजराइल की भीषण बमबारी, 71 लोगों की मौत, सैकड़ों घायल, 200 इज़रायली नागरिक अब भी आतंकी हमास के पास बंधक

इजराइल और आतंकी संगठन हमास के बीच युद्ध बीते 10 दिनों से लगातार जारी है। इजराइल के लगभग 200 नागरिक अब भी आतंकी हमास के पास बंधक हैं, साथ ही कुछ ब्रिटिश और अमेरिका के भी नागरिक हैं। इस बीच इजराइल लगातार आम फिलिस्तीनी नागरिकों से गाज़ा पट्टी खाली करने के लिए कह रहा है, ताकि आतंकी हमास, आम लोगों के पीछे छुपकर अपने आप को बचा न सकें। वहीं, मंगलवार (17 अक्टूबर) को इजराइल ने दक्षिणी गाजा पट्टी में राफा और खान यूनिस में कई घरों को निशाना बनाकर बमबारी की, जिसमे कई लोग मारे गए, और कई घायल हो गए।

एक रिपोर्ट के अनुसार, ज़ोरोब परिवार के पांच मंजिला घर पर बमबारी में बच्चों और महिलाओं सहित 28 नागरिक मारे गए, जबकि दर्जनों नागरिक घायल हो गए। इजराइल के युद्धक विमानों ने खान यूनिस शहर के पश्चिम में जापानी पड़ोस में एक घर पर भी बमबारी की, जिसमें बच्चों सहित 10 नागरिकों की मौत हो गई, और लक्ष्य के पास एक स्कूल में अन्य विस्थापित लोग घायल हो गए। खान यूनिस के पश्चिम में डच पड़ोस में एक घर पर युद्धक विमानों द्वारा बमबारी के बाद बच्चों सहित कई नागरिक मारे गए और घायल हो गए, और उन्हें खान यूनिस के नासिर अस्पताल में ले जाया गया। बता दें कि, इजराइल केवल और केवल हमास के आतंकियों पर हमला करना चाहता है, जो गाज़ा के विभिन्न इलाकों में छिपे हुए हैं, इसलिए वो लगातार फिलिस्तीन के आम नागरिकों से अपील कर रहा है कि, वे अगले निर्देश तक इलाका खाली कर दें, क्योंकि उसे अपने बंधक छुड़ाने हैं। लेकिन, कुछ फिलिस्तीनी नागरिक, हमास के आतंकियों की बातों में आकर वहीं रुके हुए हैं और इजराइली बमबारी का शिकार बन रहे हैं। 

इसी तरह खान यूनिस के दक्षिण-पूर्व में यूरोपीय पड़ोस में एक घर पर बमबारी में छह नागरिक मारे गए और अन्य घायल हो गए। इजराइली युद्धक विमानों ने गाजा शहर के पड़ोस में कई घरों, इमारतों और आवासीय अपार्टमेंटों पर भी बमबारी की, जिसमें कई नागरिक मारे गए और अन्य घायल हो गए। गाजा शहर के पश्चिम में अल-नस्र पड़ोस में सियाम परिवार के एक घर पर बमबारी में कई नागरिक भी मारे गए और अन्य घायल हो गए। मध्य गाजा पट्टी के दीर अल-बलाह शहर में अल-ज़्रे परिवार के एक घर पर बमबारी में कई नागरिक मारे गए। रिपोर्ट के अनुसार, इजराइल द्वारा खान यूनिस पर मंगलवार रात की गई बमबारी में 71 फिलिस्तीनी मारे गए हैं और सैकड़ों घायल हुए हैं।

लगातार 11वें दिन, गाजा पट्टी के खिलाफ इजरायली आक्रामकता युद्धक विमानों, गनबोटों और तोपखाने से हिंसक बमबारी के साथ जारी है, जिसमें घरों, टावरों और आवासीय भवनों को निशाना बनाया गया, जिसमें हजारों नागरिक मारे गए और घायल हो गए, और सार्वजनिक और निजी संपत्ति को नष्ट कर दिया गया है। इजराइल का कहना है कि, आतंकी संगठन हमास के पूर्ण सफाए तक वो हमला रोकने वाला नहीं है, हालाँकि, ये भी एक बड़ा सवाल है कि इजराइल कितनों को मारेगा ? क्योंकि, फिलिस्तीन के जो आम नागरिक हैं, उन्ही में से कुछ आतंक का रास्ता अपना लेते हैं और हमास को फिलिस्तीनियों का पूर्ण समर्थन है, जिस तरह भारत के कश्मीर में कई युवा जिहाद के चक्कर में आतंकवादी बन गए हैं और अपने ही देश के खिलाफ लड़ रहे हैं।

मैं अल्लाह का योद्धा हूँ..', इस्लामिक स्टेट के आतंकी ने की दो स्वीडिश नागरिकों की हत्या, Video में बोला- मुसलमानों का बदला लिया


 बेल्जियम के ब्रुसेल्स में इस्लामिक स्टेट (ISIS) के एक आतंकवादी ने दो स्वीडिश नागरिकों की हत्या कर एक तीसरे व्यक्ति को घायल कर दिया। अधिकारियों ने इसे आतंकवादी कृत्य घोषित किया है। आतंकी हमले के बीच शहर में खेला जा रहा बेल्जियम-स्वीडन यूरो 2024 क्वालीफायर फुटबॉल मैच रद कर दिया गया। पीड़ितों ने कथित तौर पर स्वीडिश राष्ट्रीय टीम की फुटबॉल शर्ट पहनी हुई थी। घटना के बाद, स्वीडिश फुटबॉलर ने सूचित किया कि वे दूसरा हाफ नहीं खेलना चाहते हैं, जिस पर बेल्जियम की टीम सहमत हो गई।

कुछ समय के लिए, स्टेडियम में मौजूद लगभग 35,000 प्रशंसकों को सुरक्षा के लिए अंदर रहने लिए कहा गया था। बाद में, अधिकारियों ने उन्हें खाली करा लिया। अधिकारियों ने ब्रुसेल्स को आतंकी हमले के हाई अलर्ट पर रखा है, क्योंकि आतंकवादी अभी भी एक असॉल्ट राइफल के साथ बड़े पैमाने पर मौजूद है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने एक बयान में कहा, ''यूरोप हिल गया है।'' बेल्जियम के संघीय अभियोजक के प्रवक्ता एरिक वान ड्यूसे ने जनता से घर जाने और जब तक खतरा बना हुआ है, तब तक घर में रहने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि आतंकवादी ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो प्रकाशित किया और कहा कि आतंकवादी समूह इस्लामिक स्टेट (ISIS) ने उसे प्रेरित किया।

अरबी भाषा में वीडियो में खुद को 'अब्देसलेम अल गुइलानी' बताने वाले आतंकवादी ने कहा कि उसने अल्लाह के नाम पर हमला किया और तीन लोगों की हत्या कर दी। आतंकी ने कहा कि, ''अल्लाहु अकबर। मेरा नाम अब्देसलेम अल गुइलानी है और मैं अल्लाह का एक योद्धा हूं। मैं इस्लामिक स्टेट से हूं। हम उससे प्यार करते हैं जो हमसे प्यार करता है, और हम उससे नफरत करते हैं जो हमसे नफरत करता है। हम अपने धर्म के लिए जीते हैं और अपने धर्म के लिए मरते हैं। अल्हम्दुलिल्लाह । तुम्हारे भाई ने मुसलमानों के नाम पर बदला लिया। मैंने अब तक तीन स्वीडनवासियों को मार डाला है, अल्हम्दुलिल्लाह । 3 स्वीडिश, हाँ। जिनके साथ मैंने कुछ ग़लत किया है, वे मुझे क्षमा करें। और मैं सभी को माफ कर देता हूं। सलाम अलेकौम।'

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में फ्लोरोसेंट नारंगी जैकेट पहने एक व्यक्ति को स्कूटर से उतरते हुए, संभवतः एक असॉल्ट राइफल से लैस, और पास की एक इमारत में प्रवेश करते हुए दिखाया गया है। फिर उसने वहां कम से कम एक व्यक्ति को गोली मार दी। पुलिस और आपातकालीन सेवाओं ने इलाके की घेराबंदी कर दी। मेयर फिलिप क्लोज़ ने एक्स पर कहा कि, "ब्रुसेल्स में गोलीबारी के बाद, पुलिस सेवाएं आंतरिक मंत्री के सहयोग से हमारी राजधानी में और उसके आसपास सुरक्षा की गारंटी देने के लिए जुट रही हैं।"  

 

वहीं, बेल्जियम के प्रधान मंत्री अलेक्जेंडर डी क्रू ने अपनी संवेदना व्यक्त की और कहा कि, "ब्रुसेल्स में स्वीडिश नागरिकों पर आज रात के भयानक हमले के बाद स्वीडिश प्रधान मंत्री के प्रति गंभीर संवेदना। हमारी संवेदनाएं उन परिवारों और दोस्तों के साथ हैं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है। करीबी साझेदार के रूप में, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई संयुक्त है।'' यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने कहा कि उनकी संवेदनाएं "ब्रुसेल्स में घृणित हमले के दो पीड़ितों के परिवारों के साथ हैं"। उन्होंने आगे कहा, “मैं बेल्जियम पुलिस को अपना हार्दिक समर्थन देती हूं, ताकि वे संदिग्ध को तेजी से पकड़ सकें। हम सब मिलकर आतंक के खिलाफ एकजुट हैं।”

वीडियो के जरिए आतंकवाद पर गर्व करने की घृणित मानसिकता

इस आतंकी के वीडियो ने भारत में भयानक आतंकवादी हमलों की यादें ताजा कर दी हैं। बता दें कि, पुलवामा हमले और हिंदू दर्जी कन्हैया लाल की हत्या के मामलों में, आरोपियों ने आतंकवादी संगठनों के साथ अपने संबंध का प्रदर्शन करते हुए वीडियो जारी किए थे और हमले की जिम्मेदारी लेते हुए गर्व जाहिर किया था, जैसे उन्होंने कोई बहुत महान काम किया है। जैश-ए-मुहम्मद के आतंकवादी ने CRPF जवानों पर आत्मघाती हमला करने से पहले अपने कृत्य को सही ठहराते हुए एक वीडियो शूट किया था। पुलवामा हमले के बाद जारी किए गए वीडियो में, आदिल अहमद डार ने भारतीयों को "गाय का पेशाब पीने वाले" कहा था। जैश-ए-मुहम्मद द्वारा किए गए आतंकवादी हमलों के बारे में शेखी बघारते हुए, आदिल ने कहा कि जो लोग अल्लाह के लिए मरते हैं, उन्हें जन्नत में हूरें मिलती हैं और उसने कहा था कि जब तक यह वीडियो जनता के लिए जारी किया जाएगा, तब तक वह जन्नत में होगा।

 

भारत भी आतंकवाद से पीड़ित

राजस्थान के उदयपुर में कन्हैया लाल की जघन्य हत्या से पहले भी आतंकियों ने अपनी करतूत का बखान करते हुए एक वीडियो रिकॉर्ड किया था। हत्यारों में से एक, मोहम्मद रियाज़ अख्तरी को यह कहते हुए सुना गया था कि वह उस दिन वीडियो वायरल कर देगा, जिस दिन वह पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ बोलने वालों का सिर काट देगा। अख्तरी ने आगे कहा कि भले ही वह लोगों का सिर काटने का चलन शुरू कर रहे हैं, लेकिन अन्य मुसलमानों को इसे आगे बढ़ाना चाहिए और पैगंबर के खिलाफ बोलने वाले अन्य लोगों के सिर काटने चाहिए। हत्या के बाद दोनों आतंकियों का एक वीडियो रिकॉर्ड किया गया, जिसमें वे खून से सने हथियार दिखा रहे थे। पूर्व बीजेपी प्रवक्ता नूपुर शर्मा के समर्थन में सोशल मीडिया पोस्ट शेयर करने पर कन्हैया लाल की हत्या कर दी गई थी। इसी तरह महाराष्ट्र में उमेश कोल्हे की हत्या उसके ही पुराने मुस्लिम मित्र

ने साजिश के तहत करवा दी थी।

'फिलिस्तीनियों को मानव ढाल जैसा इस्तेमाल कर रहा आतंकी हमास, हम इजराइल के साथ..', ऋषि सुनक बोले- ब्रिटिश नागरिक भी बंधक

ब्रिटेन के प्रधान मंत्री ऋषि सुनक ने सोमवार को इजरायल पर चौतरफा हमला और निर्दोष फिलिस्तीनी लोगों को मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल करने के लिए हमास आतंकवादी संगठन की आलोचना की। ब्रिटिश संसद में सुनक ने कहा कि यूनाइटेड किंगडम (UK) इजरायल और उसके लोगों के समर्थन में खड़ा है। कहा कि, 'हमास फ़िलिस्तीन के निर्दोष नागरिकों को मानव ढाल के रूप में उपयोग कर रहा है। सैकड़ों बच्चों सहित कम से कम 2,600 लोग मारे गए हैं और हम हर निर्दोष जीवन की हानि पर शोक मनाते हैं।'

कहा कि, 'इजरायल पर हमास आतंकवादियों के अचानक हमले ने पूरी दुनिया को चौंका दिया। 7 अक्टूबर के बाद से 1,400 से अधिक लोग मारे गए और लगभग 3,500 अन्य घायल हो गए हैं। हमास आतंकियों ने महिलाओं और बच्चों समेत करीब 200 लोगों को बंधक बना लिया है।' सुनक ने कहा, लोगों की हत्या की जा रही है, उन्हें विकृत किया जा रहा है और जिंदा जलाया जा रहा है। ब्रिटेन इजराइल के साथ खड़ा है। हम इजराइल के साथ खड़े हैं। ब्रिटेन सहित 30 से अधिक देशों के सैकड़ों लोग मारे गए और बंधक बनाए गए। ब्रिटेन के 7 नागरिक और 10 अन्य अभी भी लापता हैं। ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक ने कहा कि, 'हम लापता ब्रिटिश नागरिकों को ढूंढने के लिए इजरायली अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।'

उन्होंने आगे कहा कि, 'हमने उन सभी ब्रिटिश नागरिकों को हवाई मार्ग से निकालने के लिए एक अभियान शुरू किया है जो संघर्षग्रस्त इज़राइल छोड़ना चाहते हैं।' सुनक ने कहा कि, अब तक 500 से अधिक लोगों को लेकर आठ उड़ानें वापस लाई जा चुकी हैं। ब्रिटेन सरकार सीधे तौर पर ब्रिटिश यहूदी समुदाय के साथ खड़ी है। सरकार आपकी सुरक्षा के लिए सब कुछ कर रही है।' उन्होंने कहा कि, 'हमें अपनी रक्षा करने और बंधकों को सुरक्षित वापस लाने के लिए हमास आतंकवादी संगठन के पीछे जाने के इज़राइल के अधिकार का समर्थन करना चाहिए। हमें निर्दोष फ़िलिस्तीनियों का भी समर्थन करना चाहिए, क्योंकि वे भी हमास के पीड़ित हैं।'

ऋषि सुनक ने कहा कि, हमास फ़िलिस्तीनियों का प्रतिनिधित्व नहीं करता है। हमास बिल्कुल भी उस भविष्य के लिए खड़ा नहीं है, जो फ़िलिस्तीनी चाहते हैं। सुनक ने कहा, मानवीय सहायता गाजा में नागरिकों तक तुरंत पहुंचनी चाहिए। यहां बता दें कि इजराइल में अब तक 1300 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। उधर, हमास के हमले के जवाब में इजरायल की ओर से गाजा पट्टी में 2,700 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है।

'एक्टिंग में शिवराज जी हमारे विक्रम मतसाल को हरा देंगे...', बोले कमलनाथ, एमपी के चुनाव को भविष्य का चुनाव बताया

 मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ ने बीजेपी से पूछा है कि आखिर पार्टी शिवराज सिंह चौहान को मुख्यमंत्री फेस घोषित क्यों नहीं करती, पहली सूची जारी होने के पश्चात् नाराज कार्यकर्ताओं और नेताओं के सवाल पर उन्होंने कहा कि सबसे चर्चा हो रही है, 4 हजार ने आवेदन दिया था अब सबको टिकट तो नहीं दे सकते ना, कमलनाथ ने इस बार के चुनाव को मध्य प्रदेश के भविष्य का चुनाव बताया है।

मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव की रणभेरी के बीच नेताओं की जुबानी जंग जारी है, मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने आज मीडिया से चर्चा की, उन्होंने कहा कि हमने 144 प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है जिसमें 65 प्रत्याशी 50 साल से कम उम्र से हैं तथा 19 महिलाएं है, सभी ने काम शुरू कर दिया है। सूची के पश्चात् सामने आ रही कार्यकर्ताओं और नेताओं की नाराजगी के सवाल पर कमलनाथ ने कहा कि 4 हजार कार्यकर्ताओं ने आवेदन दिया तथा सभी ने जीत के दावे किये मगर सभी को टिकट दो नहीं दे सकते, मेरी सभी से बात हो रही है, हमें एक टिकट के पीछे जातीय समीकरण समेत बहुत सी बातें देखनी पड़ती हैं।

कमलनाथ ने कहा कि 2-3 दिन में बाकी सीटों का ऐलान भी कर दिया जाएगा, उन्होंने कहा कि इस बार का चुनाव सिर्फ किसी प्रत्याशी या पार्टी का चुनाव नहीं है ये चुनाव प्रदेश के भविष्य का चुनाव है, यह प्रदेश के भविष्य का चुनाव है, 45 वर्षों के राजनीतिक जीवन में मैंने कभी ऐसे चुनाव का सामना नहीं किया। कमलनाथ ने शिवराज सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि इस सरकार ने राज्य को चौपट बना दिया है, शिक्षा, स्वास्थ्य सभी क्षेत्र में प्रदेश चौपट है, भ्रष्टाचार में नंबर 1 है , यहाँ पैसे दो काम कराओ, सभी व्यक्ति भ्र्ष्टाचार के शिकार या गवाह हैं, इसलिये बीजेपी कितने भी प्रलोभन दे दे, शिवराज सिंह चौहान कितनी भी कलाकारी कर लें, कितना भी गुमराह कर लें मगर आज का मतदाता बहुत समझदार वो किसी के झांसे में नहीं आने वाला है। बुधनी में कलाकार वर्सेस कलाकार के सवाल पर कमलनाथ ने कहा कि मैं तो बोलता हूँ इन दोनों की डिबेट करा देनी चाहिए, पता चल जाएगा कि कौन बड़ा कलाकार है, मगर मुझे लगता है कि एक्टिंग में शिवराज जी हमारे विक्रम मतसाल को पराजित कर देंगे, कमलनाथ ने सवाल किया कि आखिर बीजेपी शिवराज सिंह चौहान को मुख्यमंत्री फेस घोषित क्यों नहीं करती? क्या शर्मा रहे हैं या पछता रहे हैं?

चीन सीमा के 100 किमी दायरे में आने वाले गांवों का सर्वे शुरू, पलायन की वास्तविक स्थिति का पता लगाने की कवायद शुरू

चीन सीमा से सटे उत्तराखंड के गांवों में पलायन की वास्तविक स्थिति क्या है, इसके कारण क्या हैं और रिवर्स पलायन को क्या-क्या हो सकता है, ऐसे तमाम बिंदुओं को लेकर अब वास्तविक तस्वीर सामने आएगी।

राज्य सरकार के निर्देश पर पलायन निवारण आयोग ने चीन सीमा से 100 किलोमीटर की परिधि में आने वाले राज्य के गांवों का सर्वे प्रारंभ कर दिया है। इनमें पांच विकासखंडों के 150 गांव शामिल हैं। सर्वे के बाद आयोग अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगा। इसमें सीमावर्ती गांवों में रिवर्स पलायन के दृष्टिगत सुझाव भी दिए जाएंगे।

उत्तराखंड की 375 किलोमीटर लंबी सीमा चीन से सटी है। राज्य के अन्य हिस्सों की तरह यहां के गांव भी पलायन की मार से अछूते नहीं हैं। आजीविका व मूलभूत सुविधाओं के अभाव में सीमावर्ती गांवों से पलायन हो रहा है। बदली परिस्थितियों में सीमावर्ती गांवों से पलायन किसी भी दशा में उचित नहीं कहा जा सकता। कारण ये कि वहां के लोग प्रथम सुरक्षा प्रहरी की भूमिका भी निभाते हैं।

केंद्र ने सीमावर्ती गांवों को प्रथम गांव मानते हुए इसी हिसाब से इनके विकास को वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम शुरू किया है। इसमें राज्य के 51 गांव शामिल हैं। साथ ही प्रदेश सरकार ने भी सीमावर्ती गांवों के विकास पर ध्यान केंद्रित किया है। वहां के गांवों की वास्तविक स्थिति का अध्ययन करने के लिए पलायन निवारण आयोग को सर्वे का जिम्मा सौंपा गया है।

पलायन निवारण आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. एसएस नेगी के अनुसार आयोग ने चीन सीमा से 100 किमी की परिधि में आने वाले गांवों के सर्वे का निश्चय किया है, इनमें वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम में शामिल गांव भी हैं। भटवाड़ी विकासखंड के गांवों से यह शुरुआत की गई है।

वहां आयोग के सदस्य रामप्रकाश पैन्यूली की अध्यक्षता में टीम सर्वे में जुटी है। इसके बाद जिोशीमठ, मुनस्यारी, धारचूला व कनालीछीना विकासखंडों के गांवों का सर्वे होगा। प्रयास है कि अगले वर्ष मार्च से पहले सरकार को इसकी रिपोर्ट सौंप दी जाए।

इन बिंदुओं पर हो रहा सर्वे

डॉ. नेगी के अनुसार सर्वे में देखा जा रहा है कि इन गांवों में कितने लोग रह रहे हैं, कितनों ने पलायन किया, पलायन के कारण क्या हैं, पलायन थामने को क्या हो सकता है, गांवों में मूलभूत सुविधाओं की स्थिति, आजीविका, खेती-बागवानी, पर्यटन समेत अन्य क्षेत्रों में क्या कार्य हो सकते हैं। ऐसे बिंदुओं पर जानकारी ली जा रही है।

8 करोड़ के हीरे, 30 लक्जरी घड़ियां, 94 करोड़ नकद..! चार राज्यों में आयकर विभाग की छापेमारी में मिला खज़ाना

आयकर विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए कर्नाटक, तेलंगाना, दिल्ली और आंध्र प्रदेश में 55 से अधिक स्थानों पर ठेकेदारों और रियल एस्टेट डेवलपर्स पर चल रही छापेमारी में लगभग 8 करोड़ रुपये के सोने, हीरे के आभूषण और लगभग 30 लक्जरी घड़ियों के साथ लगभग 94 करोड़ रुपये नकद जब्त किए हैं। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के अनुसार, तलाशी 12 अक्टूबर को शुरू हुई और इसमें बेंगलुरु और पड़ोसी राज्यों जैसे तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और दिल्ली के विभिन्न शहरों में 55 परिसरों पर छापे शामिल थे।

CBDT ने कहा कि, "छापेमारी के परिणामस्वरूप लगभग 94 करोड़ रुपये की बेहिसाब नकदी और 8 करोड़ रुपये से अधिक के सोने और हीरे के गहने, कुल मिलाकर 102 करोड़ रुपये से अधिक की जब्ती हुई है।" इसके अतिरिक्त, एक निजी वेतनभोगी कर्मचारी के परिसर में लगभग 30 लक्जरी विदेशी कलाई घड़ियाँ पाई गईं, हालांकि व्यक्ति की पहचान का खुलासा नहीं किया गया था। "बेहिसाब" नकदी की इस महत्वपूर्ण बरामदगी ने कर्नाटक की सत्तारूढ़ कांग्रेस और विपक्षी भाजपा के बीच वाकयुद्ध छेड़ दिया है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नलिन कुमार कतील ने आरोप लगाया कि जब्त किया गया पैसा कांग्रेस से जुड़ा है, जबकि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने आरोपों को निराधार बताया।

जब्त की गई भौतिक संपत्तियों के अलावा, छापे में दस्तावेजों और डिजिटल डेटा की हार्ड प्रतियां भी उजागर हुईं। यह स्पष्ट है कि आरोपियों ने न केवल करों की चोरी की, बल्कि फर्जी खरीदारी के साथ खर्चों को बढ़ाकर अपनी आय भी कम बताई। छापे में माल रसीद नोट (जीआरएन) सत्यापन में विसंगतियां और विभिन्न दस्तावेजों में महत्वपूर्ण अनियमितताएं सामने आईं। इन ठेकेदारों पर गैर-वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए बुकिंग खर्च का भी आरोप लगाया गया था।

दुर्गा पूजा, दिवाली और छठ के लिए रेलवे ने 70 स्पेशल ट्रेनों का ऐलान किया, देखें पूरी लिस्ट

डेस्क: त्योहारों का सीजन शुरू हो चुका है। यात्रियों की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए रेलवे ने कमर कस ली है और कई अतिरिक्त ट्रेन चलाने का फैसला किया है। सेंट्रल रेलवे की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक त्योहारी सीजन को ध्यान में रखते हुए करीब 70 अतिरिक्त ट्रेनों को चलाया जाएगा। इन ट्रेनों के लिए बुकिंग सोमवार (16 अक्टूबर) से शुरू हो गई है। 

बता दें, रेलवे की ओर से दुर्गा पूजा, दिवाली और छठ पूजा को ध्यान में रखते हुए हर वर्ष कुछ अतिरिक्त ट्रेनों का संचालन किया जाता है, जिससे कि महानगरों में काम करने वाले लोग आसानी से अपने घर जा सके।

कौन-कौन सी स्पेशल ट्रेनें चलाई जाएंगी? 

लोकमान्य तिलक टर्मिनस- समस्तीपुर एसी साप्ताहिक सुपरफास्ट स्पेशल

इस ट्रेन का नंबर का 01043 है। ये ट्रेन लोकमान्य तिलक टर्मिनस से 19 अक्टूबर से 12:15 बजे से हर गुरुवार को 30 नंवबर तक चलेगी। यह स्पेशल ट्रेन समस्तीपुर अगले दिन 21:15 पर पहुंचेगी। वहीं, समस्तीपुर से लौटते समय इस ट्रेन का नंबर 01044 होगा। यह 20 अक्टूबर से 1 दिसंबर तक हर शुक्रवार को 23:20 बजे समस्तीपुर से चलेगी। यह तीसरे दिन सुबह 7:40 बजे लोकमान्य तिलक टर्मिनस पर पहुंच जाएगी। 

यह ट्रेन कल्याण, इगतपुरी, नासिक रोड, भुसावल, खंडवा, इटारसी, पिपरिया, जबलपुर, कटनी, मैहर, सतना, मानिकपुर, प्रयागराज छिवकी जंक्शन, मिर्ज़ापुर, पं.दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन, बक्सर, आरा, दानापुर, पाटलिपुत्र, हाजीपुर और मुजफ्फरपुर में रुकेगी।

लोकमान्य तिलक टर्मिनस-बनारस साप्ताहिक स्पेशल

लोकमान्य तिलक टर्मिनस-बनारस साप्ताहिक स्पेशल ट्रेन का नंबर 01053 होगा। ये ट्रेन 16 अक्टूबर से लेकर 27 नवंबर तक हर सोमवार को 12:15 बजे तक चलेगी और अगले दिन 16:05 बजे बनारस पहुंचेगी। बनारस से इस ट्रेन का नंबर 01054 हो जाएगा और 20:30 बजे हर मंगलवार को 17 अक्टूबर से लेकर 28 नवंबर तक चलेगी। अगले दिन लोकमान्य तिलक टर्मिनस 23:55 तक पहुंच जाएगी। 

यात्रा के दौरान ट्रेन कल्याण, इगतपुरी, नासिक रोड, भुसावल, खंडवा, इटारसी, पिपरिया, जबलपुर, कटनी, मैहर, सतना, मानिकपुर और प्रयागराज छिवकी जंक्शन पर रुकेगी।

लोकमान्य तिलक टर्मिनस -मंगलुरु जंक्शन साप्ताहिक स्पेशल 

इस ट्रेन का नंबर 01185 होगा। ये 20 अक्टूबर से लेकर 1 दिसंबर तक हर शुक्रवार को मुंबई के लोकमान्य तिलक टर्मिनस से 22:15 बजे चलेगी। इसके बाद अगले दिन 17:05 बजे मंगलुरु जंक्शन पहुंचेगी। वहीं, मंगलुरु से इस ट्रेन का नंबर 01186 होगा और ये 21 अक्टूबर से लेकर 2 दिसंबर तक हर शनिवार को 18:45 बजे चलेगी और अगले दिन 14:25 बजे लोकमान्य तिलक टर्मिनस पहुंच जाएगी।

पुणे जंक्शन-अजनी एसी सुपरफास्ट साप्ताहिक स्पेशल

ये ट्रेन पुणे जंक्शन से हर मंगलवार को 17 अक्टूबर से 28 नवंबर के बीच चलेगी। इस ट्रेन का नंबर पुणे से चलते समय 02141 और अजनी से चलते समय 02142 होगा। ट्रेन हर मंगलवार को पुणे से 15:15 बजे चलेगी और अजनी अगले दिन 04:50 बजे पहुंच जाएगी। वहीं, अजनी से हर बुधवार को 19:50 बजे चलेगी और पुणे 11:35 बजे अगले दिन पहुंच जाएगी। 

पुणे जंक्शन- गोरखपुर सुपरफास्ट साप्ताहिक स्पेशल

ये ट्रेन 20 अक्टूबर से लेकर 1 दिसंबर के बीच हर शुक्रवार को पुणे से 16:15 बजे चलेगी। इस ट्रेन का नंबर 01431 होगा। यह ट्रेन अगले दिन 21:00 बजे गोरखपुर पहुंचेगी। इस ट्रेन का नंबर गोरखपुर से 01432 होगा। यह 21 अक्टूबर से लेकर 2 दिसंबर तक हर शनिवार को गोरखपुर से 23:25 बजे चलेगी और तीसरे दिन 6:25 बजे पुणे पहुंचेगी। 

इस दौरान ट्रेन अहमदनगर, बेलापुर, कोपरगांव, मनमाड, भुसावल, खंडवा, इटारसी, भोपाल, बीना, वीरांगना लक्ष्मीबाई जंक्शन, उरई, कानपुर, लखनऊ, गोंडा, मनकापुर, बस्ती और खलीलाबाद स्टेशन पर रुकेगी।