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बुखार से मिठाई कारीगर की मौत

रायबरेली- लालगंज कोतवाली क्षेत्र के तौधकपुर गांव निवासी एक मिठाई कारीगर की विचित्र बुखार एवं मस्तिस्क ज्वर की चपेटे में आकर मौत हो गई है। इस घटना से उसके घर में कोहराम मच गया है।

जानकारी के अनुसार तौधकपुर गांव निवासी रामकुमार हलवाई था। रामकुमार कुशवाहा को 25 सितम्बर को बुखार आया और इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लालगंज में भर्ती कराया गया था। शाम को तबियत में सुधार न होने सिटी स्क्रीन जांच में बुखार पाया गया था। मस्तिष्क में खून जम गया था। रामकुमार कुशवाहा देर रात्रि बृहस्पतिवार को जिला अस्पताल में मौत हो गई है। इस घटना से उसके घर में कोहराम मच गया है।

मृतक अपने पीछे दो पुत्र दो पुत्रियां व पत्नी को रोता बिलखता छोड़ गया है। मृतक के सभी बच्चे अविवाहित व नाबालिग है। उनके सर से पिता का साया जहां नही रहे वहीं परिवार का लालन-पालन कैसे होगा यह भविष्य के गर्त में छुप गया है। कारीगर रामकुमार का अंतिम संस्कार गेगोसो गंगा तट पर शुक्रवार को किया गया है।

*मां और भाई को खिलाया चाय में नशीला पदार्थ बिगड़ी हालत*

रायबरेली।गदागंज थाना क्षेत्र के पंपापुर मजरे खजुरी निवासी एक युवती ने अपने ही मां और भाई को चाय में नशीला पदार्थ खिला दिया।

 हालत बिगड़ने पर जगतपुर सीएससी में भर्ती कराया गया। 

हालत में सुधार न होने पर जिला अस्पताल भेजा गया जहां पर इलाज किया जा रहा है।

बृहस्पतिवार की सुबह पंपापुर मजरे खजुरी के रहने वाले गंगा देई पत्नी चन्द्र नरेश व उसके बेटे सूरज को उसकी बहन रोशनी ने चाय में नशीला पदार्थ खिला दिया। 

हालत बिगड़ने पर जगतपुर सीएचसी में भर्ती कराया गया। जहां पर प्राथमिक उपचार के बाद सुधार न होने पर जिला चिकित्सालय रिफर कर दिया गया। जहां उनका इलाज किया जा रहा है सीएचसी के डॉक्टर लइक अहमद ने बताया कि नशीला पदार्थ पीने के वजह से हालत काफी गंभीर थी। प्राथमिक उपचार के बाद जिला चिकित्सालय भेजा गया।

वहीं पीड़िता मां गंगा देई ने बताया कि उसकी बेटी ने ही उसे चाय में नशीला पदार्थ खिला दिया है।

लखनऊ रेंज पुलिस और पीरामल फायनांस ने लॉन्च की साइबर सुरक्षा जागरूकता पहल 'सबकी नियत साफ नहीं होती

रायबरेली। लखनऊ रेंजपुलिसऔर पीरामल कैपिटल एंड हाउसिंग फायनांस लिमिटेड (जिसे पीरामल फायनांस कहते हैं) ने आज 'सबकी नियत साफ नहीं होती'अभियानके लॉन्च की घोषणा की, जो नागरिकों को सुरक्षा और वित्तीयसाइबर धोखाधड़ी से बचाव के बारे में जागरूक बढ़ाने से जुड़ी संयुक्त पहल है।

इस संयुक्त पहल के तहत, नुक्कड़ नाटक, सोशल मीडिया आउटरीच, संवादपरक कार्यशाला, वीडियो, बैनर, साइनेज बोर्ड और अन्य गतिविधियां शामिल होंगी।

पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू की गई यहसंयुक्त पहल,सबसे पहले, अगले 2 महीनों में लखनऊ रेंज में लागू की जाएगी, जिसमें रायबरेली, सीतापुर, हरदोई, उन्नाव और खीरी जिले शामिल होंगे। इस पहल को संबंधित जिलों के सुपरिंटेन्डेंट ऑफ पुलिस (एसपी) के सहयोग से लागू किया जाएगा।

इस पहल को जिले में, लखनऊ ज़ोन के एडिशनल डीजी,पीयूष मोर्डिया, लखनऊ रेंज के आईजी, तरूण गौबा औररायबरेली के एसपी, आलोक प्रियदर्शी ने पीरामल फायनांस के चीफ ऑपरेटिंगऑफिसर, सुनीत मदानऔर पीरामल फायनांस केहेड-मार्केटिंग,अरविंद अय्यरसाथअन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और पीरामल फायनांस के अधिकारियों की उपस्थिति में लॉन्च किया।

इस पहल का उद्देश्य है,उन अनुभवों और साइबर खतरों के बारे में जागरूक बनाना।

जिनका लोग दैनिक स्तर पर सामना करते हैं और उन्हें सतर्क रहने और वित्तीय साइबर धोखाधड़ी का शिकार न होने के लिए शिक्षित करना। इसके अतिरिक्त, इसका उद्देश्य है, संभावित साइबर खतरों को पहचानने, निवारक उपाय करने, धोखाधड़ी वाली गतिविधियों की तुरंत रिपोर्ट करने और लोगों को खुद को तथा अपने प्रियजनों को संभावित वित्तीय नुकसान से बचाने के लिए आवश्यक जानकारी और कौशल से लैस करना।

इस पहल के लॉन्च के मौके पर,लखनऊ ज़ोन के एडिशनल डीजी पीयूष मोर्डिया ने कहा, “साइबर सुरक्षा जैसे जटिल विषय को समझना चुनौतीपूर्ण हो सकता है और हम हमेशा आम जनता के बीच उन्हें सक्रिय रूप से शिक्षित करने और जागरूकता बढ़ाने के तरीकों की तलाश में रहते हैं। मुझे उम्मीद है कि पीरामल फायनांस के साथ, यह पहल साइबर सुरक्षा के रहस्यों को उजागर करेगी।

साइबर-मानसिकता पैदा करेगी और लोगों को साइबर खतरों की पहचान करने और इससे निपटने के लिए सशक्त बनाएगी। 'सबकी नियत साफ नहीं होती' पहल इस दिशा में एक सकारात्मक कदम है और मुझे इस पहल के शुभारंभ के मौके पर उपस्थित होने की खुशी है।'

यहां मौजूदलखनऊ रेंज के आईजी, तरूण गौबा, ने कहा, “हम सब ऑनलाइन सुरक्षा - घर पर, कार्यस्थल पर और अपने लोगों के बीच– के लिए कुछ सरल उपाय करें तो इंटरनेट का उपयोग करना, खासकर वित्तीय लेन-देन सभी के लिए अधिक सुरक्षित हो जाता है। पीरामल फायनांस की संयुक्त पहल 'सबकी नियत साफ नहीं होती' नागरिकों को अधिक जागरूक बनाने और वित्तीय साइबर धोखाधड़ी के खिलाफ सतर्क रहने के लिए सरल, अमल में लाने योग्य सलाह देने पर केंद्रित है।

उन्होंने कहा, आम जनता के बीच जागरूकता बढ़ाना और सार्वजनिक तथा निजी क्षेत्रों के बीच मज़बूत सहयोग को बढ़ावा देना, इंटनेट के दायरे में लोगों और उनकी वित्तीय स्थिति दोनों की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण उपाय हैं।

यह पहल, एक पायलट प्रोजेक्ट है,जिसे लखनऊ रेंज के जिलों में लागू किया जा रहा है। इस पर मिली प्रतिक्रिया और फीडबैक के आधार पर, हम माननीय पुलिस महानिदेशक के समक्ष एक प्रस्तुति देंगे ताकि इस पहल को राज्य भर में आगे बढ़ाने के लिए उनकी रायली जा सके।

रायबरेली के एसपी,आलोक प्रियदर्शी ने कहा, “मैं लखनऊ रेंज पुलिस और पीरामल फायनांस के साथ शुरू हो रही संयुक्त पहल के शुभारंभ में भाग लेने के लिए अपने वरिष्ठ मोर्डिया, गौबा और पीरामल फायनांस के वरिष्ठ अधिकारियों मदान और अय्यरको धन्यवाद देता हूं। मैं इस बात से सम्मानित महसूस कर रहा हूं कि रायबरेली पहला जिला है। जहां से नागरिकों के लिए इस साइबर धोखाधड़ी जागरूकता की पहल के पायलट कार्यक्रम को शुरू किया जा रहा है।

पीरामल फायनांस के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर, सुनीत मदान ने कहा, “भारत में इंटरनेट के उपयोग में उल्लेखनीय वृद्धि के बीच, दुनिया भर में दूसरे सबसे बड़े उपयोगकर्ता आधार के साथ, हमें यह स्वीकार करना चाहिए किदेश के अर्ध-शहरी और ग्रामीण इलाकों में डिजिटल पैठ गहरी हुई है। इसलिए साइबर साक्षरता की सख्त ज़रुरत है और साइबर सुरक्षा जागरूकता बढ़ाने के लिए अभी भी बहुत कुछ करना बाकी है।

हमें इस महत्वपूर्ण पहल में,उत्तर प्रदेश पुलिस के साथ जुड़कर खुशी हो रही है। इस पहल का उद्देश्य है, राज्य के नागरिकों को न केवल साइबर खतरों को पहचानने में, बल्कि ऐसी घटनाओं को सक्रिय रूप से रोकने और इनसे निपटने के लिए सही रास्ते तलाशने में भी सशक्त बनाना है। यह डिजिटल रूप से सुरक्षित भारत की दिशा में सही दिशा में एक कदम है।"

पीरामल फायनांस के हेड- मार्केटिंग अरविंद अय्यर ने कहा, "साइबर धोखाधड़ी के बढ़ते खतरे से निपटने के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस के साथ सहयोग कर हमें खुशी हो रही है।हमारा लक्ष्य है, डिजिटल खतरों से खुद को बचाने के लिए नागरिकों के बीच जागरूकता और ज्ञान की एक मज़बूत नींव तैयार करना। यह पहल, सामाजिक जिम्मेदारी के प्रति हमारी प्रतिबद्धता और एक सुरक्षित डिजिटल माहौल को बढ़ावा देने के लक्ष्य के अनुरूप है।

जिलाधिकारी ने पत्रकारों के साथ बैठक कर जानी जिले की जमीनी हकीकत

रायबरेली। सोमवार को नवागत जिलाधिकारी हर्षिता माथुर ने जिले के वरिष्ठ पत्रकारो के साथ बैठक की और जिले का हाल जाना। बैठक सोमवार को तीन बजे बुलाई गई थी जिसमे जिले के पत्रकार उपस्थित रहे। बचत भवन में आयोजित इस प्रेस मीट को संबोधित करते हुए जिलाधिकारी ने सभी पत्रकारों का परिचय जाना और सभी से रूबरू हुई। इसी के साथ सभी पत्रकारों से जिले की समस्याएं जानी। जिसमे पत्रकार शिवप्रसाद ने कई समस्याओं की जानकारी दी तो मुस्कुरा के डीएम ने कहा आप बहुत जानकार लगते हैं आगे से कोई समस्या होगी तो आपसे जरुर राय लूंगी। इसी के साथ बैठक का माहौल खुशनुमा हो गया।

पत्रकार अनुज अवस्थी,रोहित मिश्र, शिवमनोहर पांडेय,पंकज सिंह,राम सजीवन चौधरी, संजय सिंह, दुर्गेश मिश्र,प्रशांत त्रिपाठी सहित करीब एक दर्जन से अधिक पत्रकारों ने जिलाधिकारी को जिले की प्रमुख समस्याओं से अवगत कराया। स्ट्रीट बज के ब्यूरो प्रमुख दुर्गेश मिश्र ने जिला अधिकारी को अवगत कराया की जिले मे गंगा एक्स प्रेस वे के ठेकेदारों ने किसानों के खेतों को मानक से अधिक करीब दस से बारह फिट तक खोद कर मिट्टी निकाल ली है और उनका पैसा भी उनको नही दिया है। इसी तरह गौशाला की समस्या ,सड़क की समस्याओं से भी पत्रकारों ने उन्हें अवगत कराया और उन्होंने इसे एक डायरी में नोट कर उस पर कार्रवाई की बात कही।

जिलाधिकारी ने पत्रकारों के साथ हुई बैठक में यह बात साफ कर दी की पहले चाहे जो भी स्थित रही हो अब हर गरीब व्यक्ति उनकी प्राथमिकता में रहेगा किसी के साथ कोई अन्याय नही होने दिया जाएगा। सभी को सरकार की चलाई गई सभी योजनाओं का लाभ दिलाया जायेगा। उन्होंने जिले की मीडिया से भी सहयोग की अपेक्षा करते हुए कहा की आप सभी को सबसे पहले किसी भी मामले की जानकारी हो जाती है ऐसे में आप सभी उन समस्याओं को सीधे उनको अवगत करा सकते हैं जिससे उनका हल निकालते हुए जिले में एक सकारात्मक प्रयास किया जाए।इस मौके पर जिले के वरिष्ठ पत्रकारों सहित प्रशासनिक अमला मौजूद रहा।

डीएम ने त्रिपुला स्थित कान्हा गोवंश विहार गौशाला का किया औचक निरीक्षण, दिए आवश्यक निर्देश

रायबरेली। जिलाधिकारी हर्षिता माथुर ने त्रिपुला स्थित कान्हा गोवंश विहार गौशाला का औचक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने गायों के खानपान चारे आदि व्यवस्था के बारे में मुख्य पशु चिकित्साधिकारी से जानकारी ली। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि सभी गौशाला केन्द्रों पर गौवंश को बीमारियों आदि से बचाव के समुचित उपायों के साथ ही सभी व्यवस्थाओं को पूरी तरह से दुरुस्त रखा जाए। इसके अलावा पशुओं को किसी भी प्रकार की बीमारी आदि न हो सके इसी जांच भी पशु चिकित्साधिकारी से नियमित रूप से कराते रहे। गोवंशों के खान-पान चारा आदि व्यवस्थाओं को पूरी तरह से दुरुस्त रखते हुए किसी भी प्रकार की कमी न होने पाये और गौवंशों की बेहतरी के लिए निरंतर कार्य किये जाये। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने निरीक्षण रजिस्टर, स्टॉक रजिस्टर, पंचनामा आदि रजिस्टरों का अवलोकन किया तथा सम्बन्धित अधिकारी से निरीक्षण आदि व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी ली। उन्होंने कहा कि कस्बों में जो आवारा गौवंश मिले उन्हें गौशालाओं में पहुंचकर उसका संरक्षण किया जाये।

जिलाधिकारी ने मुख्य पशु चिकित्साधिकारी व सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिये कि गौशाला का प्रभावी तरीके से संचालित किया जाए तथा गौशाला में निराश्रित गोवंशों को रखा जाए तथा उनकी देखभाल भी बेहतर तरीके से की जाये। इसमें किसी भी प्रकार की शिथिलता व लापरवाही न बरती जाये। उन्होंने कहा कि गौशालाओं में चारा, पानी आदि में किसी भी प्रकार की कोई कमी न रहे।जिलाधिकारी के निरीक्षण के समय कान्हा गोवंश बिहार में 522 गोवंश संरक्षित पाये गये। गौशाला परिसर में 200 कुठ भूसा व 10 कु० हरा चारा संरक्षित पाया गया। परिसर में साफ-सफाई की व्यवस्था सही पायी गयी। गौशाला में चिकित्सा, बधियाकरण, ईयर टैगिंग, टीकाकरण का कार्य नियमित रूप से किया जा रहा है, एवं सभी अभिलेख के साथ-साथ मृत पशु पंजिका, गोवंशों की विवरण पंजिका, निरीक्षण पंजिका आदि पूर्ण पायी गयी।

जिलाधिकारी ने बीमार पशुओं के लिए आइसोलेशन शेड बनाने के साथ, अधिक मात्रा में हरा चारा उगाने के निर्देश दिये गये तथा स्वयं सहायता समूहों का सहयोग लेकर गोबर से वर्मीकम्पोस्ट बनाकर विक्रय किया जाए एवं प्राप्त धनराशि का उपयोग गौशाला के कार्य में प्रयोग किया जाए तथा प्राप्त धनराशि का अभिलेख बनाकर सुरक्षित किया जाए। इसी दौरान जिलाधिकारी द्वारा गोशाला परिसर में वृक्षारोपण भी किया गया।इस अवसर पर उपजिलाधिकारी सदर, खण्ड विकास अधिकारी अमावां सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

जिले में 400 बेसिक विद्यालयों में नहीं है बाउंड्री वॉल,जबकि करीब 390 विद्यालय भवन हैं जर्जर,किसी भी टाइम हो सकता है हादसा

रायबरेली। जिले के 2299 बेसिक प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों सापेक्ष करीब 400 विद्यालयों में बाउंड्री वॉल नही है जबकि करीब 390 विद्यालयों को जर्जर विद्यालयों के रूप में विभाग ने चिन्हित किया है। इसमें से अधिकांश मरम्मत के योग्य ही है जिनकी मरम्मत कर इन्हें ठीक कराया जायेगा ।

जिन विद्यालयों का ध्वस्तीकरण होना है उसके लिए विभाग ने तैयारी शुरु कर थी है। इन विद्यालयों को चिन्हित करने की प्रक्रिया शुरु कर दी गई है।

इस संबंध में डीसी सिविल सत्यम कुमार ने बताया की जिले में करीब 400 बेसिक विद्यालय बाउंड्री वॉल विहीन हैं जिनकी बाउंड्री वॉल बनवाने का कार्य मनरेगा के तहत कराया जा रहा है जिले के सभी 18 ब्लाकों में कार्य चल रहा है। जर्जर विद्यालयों के रुप में करीब 390 बेसिक विद्यालय चिन्हित किए गए हैं जिनमे अधिकांश मरम्मत के योग्य हैं जो ठीक कराए जायेंगे । जो मरम्मत के योग्य नही हैं उनका ध्वस्तीकरण कराया जायेगा विभाग इसके लिए तैयारियां कर रहा है।

मंगलवार को इसकी की पड़ताल में जिले की इन स्कूलों की हकीकत को परखा तो सच्चाई सामने आई पेश है ये रिपोर्ट।

बाउंड्री न होने से स्कूल बन गए मवेशियों का अड्डा

सरेनी। विकास क्षेत्र के डेढ़ दर्जन प्राथमिक स्कूलों में बाउंड्री न होने से स्कूल आवारा मवेशियों के अड्डा बन गए हैं। इससे शिक्षकों व छात्र-छात्राओं में गुस्सा है ।

स्कूल आते ही आवारा पशुओं को भगाना पड़ता है ।कभी कभी सफाई कर्मियों को बुलाकर सफाई करानी पड़ती है । क्षेत्र के कंपोजिट विद्यालय छिवलहा भवानीपुर गोविंदपुर दरियापुर पहुरी उसुरू पश्चिम ताल छतौना माधवपुर समेत 17 स्कूलों में बाउंड्री नहीं बनी है । इससे आवारा पशु रात में आराम करते हैं ।सुबह जब छात्र व शिक्षक स्कूल आते हैं तो मवेशियों को भगाना पड़ता है । उधर क्षेत्र की जर्जर इमारतो को 2 साल पहले गिरा दिया गया था। नए कमरों में कक्षाएं संचालित हो रही हैं ।

विद्यालयों की व्यवस्था जस की तस

महाराजगंज।उच्चाधिकारियों की उदासीनता के चलते विकास क्षेत्र के परिषदीय विद्यालयों में जर्जर भवनों की समस्या जस की तस बनी हुई है।

कस्बा स्थित प्राथमिक विद्यालय महराजगंज में सन् 1890 के बने हुए दो कक्ष जर्जर अवस्था में खड़े हुए हैं और काफी बाद में बनवाए गए एक कक्ष की छत पूर्णत: जर्जर है। प्रधानाध्यापिका माधुरी मिश्रा ने बताया कि जर्जर कक्षों में शिक्षण कार्य नहीं कराया जा रहा है। जर्जर कक्षों की सूचना मांगे जाने पर कई बार विभाग को लिखित सूचना प्रेषित की गई है।

इसी प्रकार कस्बा स्थित कम्पोजिट विद्यालय महराजगंज में भी एक पुराना भवन बिल्कुल जर्जर हो चुका है , जिसमें अब शिक्षण कार्य नहीं किया जाता।प्राथमिक विद्यालय जुगराजपुर के प्रभारी प्रधानाध्यापक राहुल मौर्य ने बताया कि विद्यालय गहराई में बना होने के कारण जलभराव की स्थिति बनी हुई है।

प्रधानाध्यापक कक्ष और दो शिक्षण कक्षों में लगातार पानी टपक रहा है। प्राथमिक विद्यालय बलीपुर के प्रधानाध्यापक डॉ०अमरपाल ने बताया कि किचन की छत जर्जर होने के कारण टपक रही है।

दर्जनों विद्यालयों में नहीं है बाउंड्री वॉल

लालगंज। विकासखंड क्षेत्र के 123 प्राथमिक विद्यालय एवं 27 जूनियर हाई स्कूल में से लगभग 30% विद्यालय हैं जिनमें बाउंड्री वॉल नहीं है। प्राथमिक एवं जूनियर हाई स्कूल कायाकल्प शासन के मंसानुरूप नहीं हो पा रहे हैं। बिदयालय के शिक्षकों का कहना है कि ग्राम प्रधान कायाकल्प कार्य में भी रूचि भी दस प्रतिशत लोग ही कर रहे हैं।

क्षेत्र के मटेहना,कोरिहरा जमुवांवा, समेत चार दर्जन से अधिक विद्यालय है जिनमें बाउंड्री वाल नहीं बनाई गई है। खंड शिक्षा अधिकारी कुलदीप सिंह ने बताया कि वर्तमान समय में विभागीय कार्य से रायबरेली में है सही डाटा आज नहीं दे सकते हैं। लेकिन चालिस से अधिक स्कूल है जिनमें बाउंड्री वॉल बनायी जानी है। उन्होंने बताया कि लगभग 30 विद्यालय हैं जिनमें बाउंड्री वॉल बनाई जा चुकी है। विकासखंड कार्यालय को कायाकल्प विद्यालय के लिए एक सूची भेजी गई है।

जर्जर व बदहाल स्थित में है प्राथमिक विद्यालय सूदन खेड़ा

लालगंज। विकासखंड क्षेत्र के ग्राम पंचायत आलमपुर के प्राथमिक विद्यालय सूदनखेडा लगभग चार वर्षों से भवन जर्जर पड़ा है। इस विद्यालय के शिक्षक व छात्र प्राथमिक विद्यालय चिकमंडी में शिफ्ट किये गये है। जहां शिक्षक शिक्षण कार्य कर रहे हैं। विद्यालय में दो शिक्षक दो शिक्षा मित्र प्रधानाचार्य समेत पांच लोग तैनात रहे हैं प्रधानाचार्य सुमन चौधरी को भी प्राथमिकता पाठशाला चिकमंडी में अटैच है।

विद्यालय में पंजीकृत आधा सैकड़ा से अधिक छात्राएं लगभग 500 मीटर दूर के विद्यालय में पढ़ने के लिए जाने को विवश है यदि भवन का निर्माण कर दिया जाए तो उन्हें इस समस्या से निजात मिल सकती है। बताते चलें कि प्राथमिक विद्यालय सूदनखेडा में 4 वर्ष पूर्व 100 से अधिक छात्र छात्राएं पंजीकृत थे विद्यालय परिसर विद्यालय भवन विवादित होने के कारण भवन निर्माण नहीं हो पा रहा है जिसके कारण बच्चों को दूसरे विद्यालय में शिफ्ट किया गया है।

वर्तमान में सरकारी दस्तावेज पर सूदनखेडा प्राथमिक विद्यालय चल रहा है जिसमें चार शिक्षक समेत पांच शिक्षकों की तैनाती है जिसमें दो सहायक अध्यापक दो शिक्षामित्र एक प्रधानाचार्य की नियुक्ति है। विद्यालय की प्रधानाचार्य सुमन चौधरी ने बताया कि वर्तमान में सूडान खेड़ा प्राथमिक विद्यालय में 63 छात्र-छात्राएं पंजीकृत है। खंड शिक्षा अधिकारी कुलदीप सिंह को फोन किया गया लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया जिसके कारण उनका पक्ष नहीं जाना जा सका है।

चौपाल का हुआ आयोजन

शिवगढ़।कम्पोजिट विद्यालय गुमावां में शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षक चौपाल का आयोजन किया गया l शुरुआत मुख्य अतिथि खण्ड शिक्षाधिकारी शिवगढ गौतम प्रकाश द्वारा माँ शारदे के सन्मुख दीप प्रज्ज्वलित कर की गयी l बच्चो द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रम वंदना, स्वागत गीत आदि काफी आकर्षक रहे l कार्यक्रम में शिक्षा की जागरूकता के उद्देश्य से अभिनय भी किया गया l चौपाल मे बीईओ गौतम प्रकाश ने काया कल्प योजना से विद्यालयों में कराए जा रहे कार्यों की सराहना की कहा कायाकल्प से विद्यालयों की जहां भौतिक स्थिति सुधर रही है वहीं निपुण भारत अभियान में बच्चो को नई नई विधाओ से शिक्षित किया जा रहा है l

उन्होंने अभिभावकों को बिग बुक, निपुण तालिका, निपुण लक्ष्य, एफएलएन कार्यक्रम आदि के सम्बन्ध मे विस्तृत जानकारी दी l इस मौके पर ग्राम प्रधान कमलेश कुमार, प्रभारी प्रधानाध्यापक नवीन कुमार सिंह,एआरपी डॉ चन्द्र प्रकाश , रमेश चन्द्र यादव, नन्हेलाल, कृष्ण मोहन, राज बहादुर, आशीष सिंह, ग्राम पंचायत गुमाँवा के विद्यालयों के शिक्षक एवं अभिभावक मौजूद रहे l

काफी दिनों से गिरी है बाउंड्री

शिवगढ़।कस्बे में स्थित प्राथमिक विद्यालय प्रथम की बाउंड्री वॉल काफी दिनों से गिरी पड़ी है किंतु किसी भी जिम्मेदार की नजर इस पर नहीं पड़ रही है l

बाउंड्रीवाल न होने से मवेशी पूरे परिसर को जहां गंदा कर देते हैं वहीं इसी परिसर में स्थित प्राथमिक विद्यालय प्रथम के बच्चों के लिए आवारा मवेशी हमेशा खतरा बने रहते हैं l करीब 1 वर्ष पूर्व गिरी बाउंड्रीवॉल को बनवाने के लिए तमाम लिखा पढ़ी भी की गई किंतु समस्या जस की तस बनी हुई है l जबकि इसी परिसर में खंड शिक्षा अधिकारी का कार्यालय भी स्थित है जहां सैकड़ों शिक्षकों का आना जाना बना रहता है l

इस बाबत खंड शिक्षा अधिकारी शिवगढ़ गौतम प्रकाश ने फोन पर बताया कि अब शिवगढ़ नगर पंचायत हो गया है क्योंक बीआरसी विद्यालय के कैंपस में है इसलिए अब विद्यालय की बाउंड्री वाल का निर्माण नगर पंचायत अध्यक्ष द्वारा कराया जाएगा जिसके लिए प्रधानाध्यापक नीरज कुमार वर्मा द्वारा नगर पंचायत अध्यक्ष को पत्र भेजा गया है आशा है जल्द ही बाउंड्री वॉल बन जाएगी l

उप्रमा शिक्षक संघ (संयुक्त मोर्चा) ने किया चाकडाउन

रायबरेली। उ0प्र0 माध्यमिक शिक्षक संघ (संयुक्त मोर्चा) के प्रान्तीय आवाह्न पर जनपद के समस्त शिक्षक अपने-अपने विद्यालयों में उप्र शिक्षा सेवा चयन आयोग अधिनियम द्वारा उ0प्र0 माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड अधिनियम 1982 की धारा-21, 18 व 12 को समाप्त कर दिया गया।जो शिक्षकों की सेवा सुरक्षा से सम्बन्धित थी, जिन्हें वापस सम्मिलित कराने, पुरानी पेंशन बहाल कराने, माध्यमिक विद्यालयों का प्रान्तीयकरण कराने, तथा निजीकरण को समाप्त कराने सहित विभिन्न माँगां को लेकर सांकेतिक विरोध स्वरूप चाकडाउन किया और अध्यापन के कार्य से विरत रहे।

इस अवसर पर उप्र माध्यमिक शिक्षक संघ एकजुट (संयुक्त मोर्चा) के जिलाध्यक्ष शत्रुघ्न कुमार ने कहा कि संयुक्त मोर्चा का यह प्रथम कार्यक्रम है, इसके बाद भी सरकार ने उक्त माँगों पर ध्यान नहीं दिया तो आन्दोलन तेज किया जायेगा।

जिलामंत्री मनोज कुमार पटेल ने कहा कि अभी तो सरकार को चेता रहे हैं, फिर भी सरकार ने हम शिक्षकों की माँगों पर ध्यान नहीं दिया तो आने वाले चुनावों में सरकार को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।

चौदह विद्यालयों में नहीं है बाउंड्री

जगतपुर।विकास क्षेत्र के 14 प्राथमिक उच्च प्राथमिक विद्यालय में बाउंड्री न होने से आवारा पशुओं का अड्डा बन गया है। बच्चे जब विद्यालय आते हैं तो पशुओं को बाहर हटाते हैं। तब विद्यालय में शिक्षण कार्य शुरू होता है।

पशुओं की वजह से कोई भी घटना कर सकती है। प्राथमिक विद्यालय पूरे बनिया सिद्धौर नवाबगंज भीख मनोहरगंज मखदुमपुर सिंघापुर कल्याणपुर सहित 14 विद्यालयों में अभी बाउंड्री नहीं बनाई गई है ।जिससे बच्चों को शिक्षक करने में काफी दिक्कतें आ रही है।

सपा विधायक पर एफसीआई में नौकरी दिलाने के नाम पर 9 लाख हड़पने का आरोप

रायबरेली।हरचंदपुर विधानसभा क्षेत्र के सपा विधायक पर सरकारी नौकरी लगवाने के नाम पर धोखाधड़ी कर 9 लाख रुपए हड़प लेने के मामले में खीरों थाने में पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है। आरोप है कि सपा विधायक ने भारतीय खाद्य निगम का फर्जी नियुक्ति पत्र दिया था। फजीर्वाड़ा की जानकारी होने पर जब युवक ने विधायक से अपने पैसे वापस मांगे तो उन्होंने एक फर्जी चेक थमा दिया। युवक द्वारा विधायक पर जान से मरवाने की धमकी देने का भी आरोप लगाया गया है।

अपर पुलिस महानिदेशक के आदेश पर विधायक सहित तीन नामजद आरोपियों के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत कर मामले की जांच शुरू कर दी है। दुलारेपुर निवासी रामनरेश पुत्र जंगली प्रसाद ने अपर पुलिस महानिदेशक लखनऊ जोन, पुलिस महानिरीक्षक लखनऊ जोन और पुलिस अधीक्षक रायबरेली को शिकायती पत्र देते हुए आरोप लगाया है कि विधानसभा क्षेत्र हरचंदपुर के सपा विधायक राहुल लोधी और उनके भाई रोहित लोधी और साले कृष्ण कुमार लोधी उर्फ के के लोधी ने लगभग दो वर्ष पूर्व उनके छोटे भाई धर्मपाल पुत्र जंगली प्रसाद को सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर उससे नौ लाख रुपए धोखाधड़ी करके वसूल लिए।

उसके बाद विधायक राहुल लोधी ने भाई धर्मपाल को भारतीय खाद्य निगम के एक फर्जी नियुक्ति पत्र पर फर्जी हस्ताक्षर बनाकर भाई धर्मपाल को दे दिया। उसके बाद धर्मपाल को कार्मिक पंजीकरण की फर्जी रसीद भी दे रहे थे और उसके उपस्थिति पंजिका पर फर्जी हस्ताक्षर भी कराते रहे। विधायक राहुल लोधी ने धर्मपाल का भारतीय खाद्य निगम में फर्जी खाता खुलवाया था। आश्वासन देते रहे कि शीघ्र ही उसका स्थानांतरण गृह जनपद रायबरेली में हो जाएगा।

इस दौरान जब उसे फजीर्वाड़े की जानकारी हुई तो उसने राहुल लोधी से अपना पैसा वापस देने को कहा। राहुल लोधी ने रामनरेश को एक फर्जी चेक थमा दिया। जो उसने बैंक में जमा किया तो बाउंस हो गई। इसके बाद जब रामनरेश विधायक राहुल लोधी के पास पैसे मांगने पहुंचा तो विधायक ने उसे और उसके परिवार को जान से मरवा देने की धमकी दी।

थानाध्यक्ष देवेंद्र सिंह भदौरिया ने बताया कि अपर पुलिस महानिदेशक के आदेश पर पीड़ित के शिकायती पत्र के आधार पर विधायक सहित तीन नामजद आरोपियों के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया है। जांच कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

क्या बोले आरोपी विधायक

राहुल लोधी हरचंदपुर विधायक ने कहा कि धोखाधड़ी का आरोप झूठा है। उन्हें राजनीतिक साजिश के तहत बदनाम करने की कोशिश की जा रही है।

आखिर कब तक सताएगी बिजली उपभोक्ता हो रहे परेशान,विद्युत आपूर्ति को लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में हो रही समस्याएं

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रायबरेली। बिजली को लेकर आए दिन धरना प्रदर्शन होते रहते हैं पर विभाग पर इसका कोई खास असर नहीं होता। शहर से लेकर गांव तक विद्युत विभाग की आपूर्ति को लेकर ग्रामीण परेशान रहते है। अभी तक इसका कोई स्थाई हल नही मिला है। जहां भी फाल्ट होती है विभाग उसे दूर करने में अपनी ऊर्जा लगा देता है।

हालत ये है की ग्रामीण क्षेत्रों में ये भी नही पता की आखिर कब बिजली आयेगी और कब कटेगी।खैर अभी उम्मीद है की विद्युत विभाग अपनी जर्जर लाइन बदल देगा तो विद्युत आपूर्ति कुछ हद तक सही हो जायेगी।बिजली की समस्या से परेशान प्रधान प्रतिनिधि हरिकेश सिंह ने कहा कि गांव के लोग विद्युत विभाग की तानाशाही और अघोषित कटौती से परेशान हैं। उमस भरी गर्मी में बिजली नहीं मिल रही है।बिजली कब आयेगी और कब जायेगी इसका ठिकाना नहीं है।यह सब कुछ तब है जबकि मुख्यमंत्री का आदेश है की अगर गांव में ट्रांसफार्मर जल जाए तो उसे 24 घंटे में बदल देना होगा।अधिकारी खुद सरकार के आदेशों की धज्जियां उड़ा रहे हैं।

करीब सौ गांवो में छाया रहा अंधेरा,रात से ग्रामीण रहे परेशान

जगतपुर। क्षेत्र के करीब सौ गांवो में 10 घंटे से बिजली नदारद रही। विभाग ने मोबाइल पर मैसेज डाला की लाइन ब्रेकडाउन में चली गई है। लाइनमैन को जानकारी दे दी गई है ।भीषण गर्मी में ब्रेकडाउन का बहाना बात कर करीब सौ गांव रात में अधेरा छाया रहा । जिसको लेकर ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है। उमरी फीडर व थुुलरई फीडर के सौ गांव शंकरपुर, जमोडी, उमरी, उड़वा,सिंघापुर, हेवतहा नेवढिया ,थुलरई फीडर के तहत अलावलपुर, मेलखा,बैरिसाल का पूरवा, सुल्तानपुर जनौली आदि गांव में रात 11 से ब्रेकडाउन के नाम पर विद्युत आपूर्ति बंद कर दी गई थी। ग्रामीणों ने बिजली न आने की जानकारी करने पर विभाग द्वारा बताया गया लाइन ब्रेकडाउन में चली गई है। लाइनमैन को जानकारी दे दी गई है।

शासन का निर्देश है कि ग्रामीण अंचलों में 18 घंटे बिजली आपूर्ति की जाए।विभाग की लापरवाही की वजह से 8 से 10 घंटे ही विद्युत आपूर्ति मिल पा रही है। इस उपभोक्ताओं में खासा आक्रोश है। विभाग के लापरवाही की वजह से उपभोक्ताओं को सही सलामत बिजली नहीं मिल पा रही है। अवर अभियंता चंद्रेश कुमार ने बताया कि बरसात होने से लाइन ब्रेकडाउन में चली गई है। ठीक कराई जा रही है। जैसे ही ठीक हो जाएगी सप्लाई बहाल हो जाएगी।

ढीले और जर्जर तारों को दुरस्त कराने के लिए लिखा पत्र

ऊंचाहार।ढीले व तथा जर्जर तारों को दुरुस्त कराये जाने को लेकर पीड़ित किसान ने अधिशासी अभियंता को प्रार्थना पत्र दिया है।मामला क्षेत्र के खंधारीपुर मजरे जब्बारीपुर का है,गाँव निवासी श्रीराम किसान है। उसका कहना है। कि हमारे खेत से एच टी लाइन का तार गया हुआ है, जो अत्यधिक ढीले व जर्जर हो गये है।जिसके कारण किसी भी वक्त अप्रिय घटना हो सकती है।पीड़ित का कहना है। कि उसने कई बार बिजली विभाग से मामले की शिकायत की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।अप्रिय घटना के डर से उसने खेत की जुताई व बुवाई भी नही कराई है।शुक्रवार को पीड़ित किसान ने अधिशासी अभियंता को प्रार्थना पत्र देकर तारों को दुरुस्त कराने की मांग की है।अधिशासी अभियंता धीरेंद्र सिंह ने बताया कि मौके पर टीम भेजकर तारों का दुरुस्तीकरण कराया जायेगा।

*दूसरे दिन भी गंगा में डूबे बच्चों की तलाश जारी, निराशा लगी हाथ*

रायबरेली।गोकना गांव स्थित चांदी बाबा की कुटी घाट पर गंगा स्नान के दौरान एक बालिका समेत किशोरी गंगा नदी में डूब गई थी।

प्रशासन द्वारा गोताखोर व नाव नाविक की मदद से खोज कराई गई। सफलता न मिलने पर बृहस्पतिवार को लखनऊ से एसडीआरएफ की टीम मंगाई गई। कुशल गोताखोरों के साथ पुलिस विभाग की टीम द्वारा स्टीमर (पुलिस नाव) की मदद से खोज बीनकी गई। लेकिन कहीं अता-पता नहीं चला है।

गोकना गांव स्थित चांदी बाबा की कुटी निवासी राकेश कुमार की पुत्री गुंजा उर्फ पायल तथा रामलाल का बेटा अभिषेक बुधवार को कुटी के पास बने पक्के घाट पर स्नान करने गए थे। जहां पानी का तेज बहाव होने के कारण दोनों बच्चे नदी में डूब गए थे। सूचना पर पहुंची पुलिस टीम द्वारा नाव व नाविक के सहारे काफी खोजबीन की लेकिन कहीं भी अता-पता नहीं चल सका।

शुक्रवार को क्षेत्राधिकारीवकोतवाल आदर्श कुमार सिंह ने डीआरएम टीम के प्लाटून कमांडर मोइन खान के साथ गोकना घाट पहुंचे। जहां 11 गोताखोरों ने बच्चों की खोजने के लिए गंगा नदी में छलांग लगा दी। इसके बाद प्लाटून कमांडर ने इंजन संचालित पुलिस नाव पर सीओ, कोतवाल व गांव के एक व्यक्ति के साथ गंगा नदी में खोजबीन शुरू कर दी।

दिन ढलने तक तलाश जारी रही लेकिन नदी में दुबे बच्चों का कहीं पता नहीं चल सका। इस दौरान फतेहपुर की सीमा की झाड़ियां में एक किशोर का शव पाया गया। परिजनों से जिसकी शिनाख़्त कराई गई। माता-पिता द्वारा पहचान से इनकार करने पर शव फतेहपुर पुलिस को सौंप दिया गया। सीओ अरुण कुमार ने बताया कि काफी खोजबीन के बावजूद भी गंगा नदी में डूबे बच्चों का पता नहीं चल पाया है।बच्चों के मिलने तक गंगा नदी में तलाश जारी रहेगी।

*प्रधान की जी-हुजूरी न करने वाले को दस साल में नहीं आवंटित हुआ आवास*

रायबरेली। खीरों क्षेत्र में विकास विभाग के जिम्मेदारों की मनमानी और कई ग्राम प्रधानों का पक्षपात पूर्ण रवैया बार-बार सामने आता रहा है।

क्षेत्र के दुकनहां गांव में इसी हफ्ता बीत चुके सोमवार-मंगलवार की रात बारिश के दौरान एक गरीब की कच्ची कोठरी ढह गई। गरीब किसान व उसकी पत्नी हादसे के वक्त उसी कोठरी के नीचे सो रहे थे। हादसे से ठीक पहले कोठरी की छत से मिट्टी गिरने लगी। किसी बड़ी घटना का अंदेशा होने से दोनों कोठरी से निकल कर बाहर भागे। ठीक उसी वक्त कोठारी की छत ढह गई।

समझदारी दिखाने की वजह से दोनों बाल-बाल बच गए। हादसे के बाद ग्राम प्रधान व विकास विभाग के जिम्मेदारों की साठ-गांठ से भ्रष्टाचार पूर्ण कार्यशैली, मनमाने रवैये व राजनीतिक द्वेष से प्रेरित होकर कार्य करने की बात सामने आई है। गरीब किसान पिछले दस वर्षों से लगातार आवास की मांग कर रहा था। लेकिन वह एक अदद आवास के लिए अभी तक तरसता रह गया है। उसका कसूर सिर्फ इतना था कि वह ग्राम प्रधान की जी हुजूरी नहीं कर सका।

2020-21 की आवास की पात्रता सूची में किसान का नाम था लेकिन ग्राम प्रधान के द्वारा जिम्मेदारों से मिलकर उसका आवास निरस्त करवा दिया गया था। कई बार मामले में पीड़ित किसान द्वारा प्रार्थना पत्र दिए जाने के बाद भी जिम्मेदारों ने कोई सुनवाई नहीं किया था। जब्कि गांव में नियमों को ताक पर रख धन वसूलते हुए नियम के विपरीत अपात्रों को धड़ाधड़ आवास आवंटित किए जाते रहे हैं। हादसे के बाद हल्का लेखपाल और ग्राम विकास अधिकारी अपना बचाव करते हुए गोलमोल जवाब दे रहे हैं।

दुकनहां गांव के राजकुमार शुक्ला पुत्र स्व. रामसुमेर शुक्ला ने बताया कि सोमवार-मंगलवार की रात वह और उसकी पत्नी सुनीता अपनी कच्ची कोठरी के नीचे सो रहे थे। रुक रुक कर हो रही धीमी बारिश के बीच अचानक कोठरी की कच्ची छत से मिट्टी नीचे गिरने लगी। किसी बड़े हादसे का अंदेशा होने से दोनों पति-पत्नी कोठरी से बाहर भागे। कुछ मिनट के अंदर ही कोठरी की छत ढह गई।

पीड़ित किसान ने बताया कि उसका इकलौता पुत्र अभिषेक शुक्ला उर्फ गोलू हिमाचल प्रदेश में प्राइवेट नौकरी कर परिवार का भरण पोषण करता है। पीड़ित किसान के पास मात्र डेढ़ बीघा जमीन है। किसान ने बताया कि उसके पास मात्र वही एक कच्ची कोठरी थी जो कि ढह चुकी है।

जिसकी वजह से छप्पर के नीचे गुजर बसर करना पद रहा है। गृहस्ती का सामान उसने पड़ोसी के घर में रखा है। पिछले दस वर्षों से किसान लगातार आवास की मांग कर रहा था। जिम्मेदार अधिकारियों ने ग्राम प्रधान के इशारे पर राजनीतिक द्वेष के कारण उसे आवास से वंचित रखा।

किसान की कोठरी ढहने के मामले में जानकारी लेने पर लेखपाल आशीष कुमार सैनी ने बताया कि घटना का मुआयना किया गया है। ग्राम विकास अधिकारी सतीश चंद्र कुशवाहा ने बताया कि आवास फीडिंग की साइट अभी बंद है। आवास की पिछली सूची में किसान के परिवार के किसी भी सदस्य का नाम अंकित नहीं है।