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राजस्थान में मिड डे मील घोटाला मामले में सीएम अशोक गहलोत के मंत्री राजेंद्र यादव के 10 ठिकानों पर ED की रेड, कांग्रेस नेता ने कहा, राजनैतिक फंडि

 आर्थिक अपराधों की जांच करने वाली केंद्रीय एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आज मंगलवार (26 सितंबर) को कथित मिड-डे मील घोटाले में गृह और उच्च शिक्षा राज्य मंत्री राजेंद्र यादव से जुड़े राजस्थान के दस स्थानों पर छापेमारी की। सूत्रों ने दावा किया कि ED के अधिकारी कोटपूतली, बहरोड़, विराटनगर और कांग्रेस नेता के अन्य ठिकानों पर छापेमारी करने के लिए दिल्ली से राजस्थान पहुंचे हैं।

हालांकि, ED अधिकारियों ने मंत्री पर मारे गए छापों के संबंध में अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। यह आरोप लगाया गया है कि सीएम अशोक गहलोत के मंत्री यादव एक कारखाने के निदेशक के रूप में कार्य करते हैं, जहां मध्याह्न आपूर्ति के लिए पोषण आहार का निर्माण किया जाता है। बता दें कि, पिछले साल 7 सितंबर को आयकर विभाग ने यादव से जुड़े परिसरों की तलाशी ली थी। मौजूदा मामले में अधिकारियों ने बताया है कि कथित मिड-डे मील घोटाले में चार राज्यों- दिल्ली, उत्तराखंड, महाराष्ट्र और राजस्थान में यादव की संपत्तियों पर एक साथ छापेमारी की गई है। हालाँकि, छापेमारी की पुष्टि करते हुए यादव ने कहा कि उनका मध्याह्न भोजन से कोई लेना-देना नहीं है। 

आयकर विभाग ने मंत्री और उनके रिश्तेदारों के 50 से अधिक ठिकानों पर व्यापक तलाशी ली थी। ऑपरेशन में आयकर विभाग के अधिकारियों के साथ-साथ CRPF कर्मियों की एक महत्वपूर्ण टुकड़ी की उपस्थिति देखी गई थी। अब ED की जांच टीम सुबह करीब साढ़े पांच बजे मंत्री की जयपुर और कोटपूतली स्थित संपत्तियों पर पहुंची। कांग्रेस नेता राजेंद्र यादव ने कहा कि, ''हम खाद बनाते हैं, जिसमें कई तरह की प्लास्टिक की थैलियां बनती हैं। वहीं, उत्तराखंड में खाद्य पदार्थ से जुड़े कारोबार भी हैं। यह जल्द ही साफ हो जाएगा कि मिड डे मील में राजनीतिक फंडिंग से हमारा कोई लेना-देना नहीं है।"

काम की खबर, बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की ओर से सेकंडरी टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (STET) के परिणाम जल्द होगा जारी, ऐसे देखें अपना परिणाम

 बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (बिहार बोर्ड) की ओर से सेकंडरी टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (STET) के परिणाम जल्द जारी किए जाने की संभावना है। बिहार एसटीईटी रिजल्ट की घोषणा वेबसाइट bsebstet.com पर की जाएगी। एसटीईटी रिजल्ट जारी होने के बाद अभ्यर्थी अपने रोल नंबर व डेट ऑफ बर्थ के जरिए लॉगइन करके चेक कर सकेंगे। एसटीईटी रिजल्ट जारी होने के बाद अभ्यर्थी यहां भी चेक कर सकेंगे।

 बिहार माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा (एसटीईटी) 2023 का आयोजन 4 सितंबर से 15 सितंबर 2023 तक किया गया था। इस परीक्षा करीब 3.5 लाख अभ्यर्थियों ने रजिस्ट्रेशन कराया था। बिहार बोर्ड की ओर से 40 से ज्यादा विषयों की आंसर की जारी हो चुकी हैं। अभ्यर्थियों को समिति की वेबसाइट htps://bsebstet.com/Grievance/Glog पर आपत्ति दर्ज कराने के लिए 20 सितंबर 2023 तक का समय दिया गया था। आपत्तियों के आधार पर फाइनल आंसर की तैयार की जाएगी और फाइनल रिजल्ट तैयार किया जाएगा। उम्मीद है कि आगामी कुछ दिनों के अंदर ही बिहार बोर्ड एसटीईटी के नतीजे घोषित कर देगा।

बिहार एसटीईटी पासिंग मार्क कटऑफ प्रतिशत

सामान्य - 50 %

पिछड़ा वर्ग - 45.5 %

अत्यंत पिछड़ा वर्ग - 42.5 %

एससी, एसटी - 40 %

दिव्यांग - 40 %

महिला - 40 %

 4 स्टेप्स में चेक करें रिजल्ट

1- रिजल्ट घोषित होने के बाद बिहार एसटीईटी की वेबसाइट bsebstet.com पर जाएं।

2- अब होम पेज पर दिख रहे लिंक STET 2023 Result पर क्लिक करें।।

3- अपनी लॉगइन डिटेल्स भरें और सब्मिट करें।

4- अब एसटीईटी रिजल्ट व मार्क्स आपके सामने होंगे। रिजल्ट चेक करें और डाउनलोड कर इसका प्रिंट आउट भी ले लें।

नॉर्मलाइजेशन पद्धति पद्धति से तैयार होगा रिजल्ट:

बिहार बोर्ड माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा का रिजल्ट मार्क्स नॉर्मलाइजेशन की पद्धति से तैयार किया जाएगा। बीएसईबी ने कहा है कि ऐसी ऑनलाइन प्रतियोगी परीक्षाएं जो अभ्यर्थियों की अधिक संख्या होने के चलते कई तिथियों व कई शिफ्टों में ली जाती हैं, उनमें मार्क्स नॉर्मलाइजेशन की पद्धति अपनाई जाती है। इसमें सभी स्टूडेंट्स को एक लेवल पर लाकर उनकी असल रैंक निकाली जाती है। एक लेवल पर लाने के बाद स्टूडेंट्स के बीच मुश्किल पेपर/आसान पेपर वाला अंतर खत्म हो जाता है। एसटीईटी परीक्षा में यह संभव है कि कुछ परीक्षार्थियों का पेपर आसान आया हो और कुछ का मुश्किल। किसी भी परीक्षार्थियों को इससे नुकसान या फायदा न हो, इसके लिए बोर्ड रिजल्ट तय करने के लिए मार्क्स नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूले को अपनाएगा।

राम मंदिर पर खुद बमबारी करके दोष मुस्लिमों पर डालेगी भाजपा..', कर्नाटक कांग्रेस में मंत्री बीआर पाटिल का दावा, मचा बवाल

कई दशकों की कानूनी लड़ाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में श्री राम मंदिर का पक्ष में फैसला सुनाया था, इसके बाद से ही यह मंदिर आतंकियों के निशाने पर है। इस्लामिक स्टेट (ISIS), अल कायदा जैसे संगठन तो मंदिर पर हमला करने और वहां वापस मस्जिद बनाने की धमकी तक दे चुके हैं। भारत में भी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी लगातार कहते रहते हैं कि, अयोध्या में बाबरी मस्जिद थी और क़यामत तक रहेगी। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) भी बिलकुल ओवैसी जैसा ही बयान दे चुका है। यानी, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी एक समुदाय में राम मंदिर को लेकर निरंतर नफरत भरी जा रही है। हालाँकि, अब श्री राम मंदिर का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है और उद्घाटन की तैयारियां तेज हो रहीं हैं। इस बीच विपक्षी दलों के गठबंधन I.N.D.I.A. द्वारा लगातार राम मंदिर पर हमले को लेकर बयान दे रहे हैं। 

शिवसेना (UBT) के प्रमुख उद्धव ठाकरे और संजय राउत द्वारा बार-बार राम मंदिर उद्घाटन के समय गोधरा जैसा कांड होने की आशंका जताए जाने के बाद अब एक कांग्रेस नेता का भी बयान इस मामले में सामने आया है। कर्नाटक कांग्रेस के विधायक बीआर पाटिल ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि ऐसी आशंका है कि भाजपा आगामी लोकसभा चुनावों के लिए हिंदू वोटों को मजबूत करने के लिए "राम मंदिर पर बमबारी" कर सकती है और इसका दोष मुस्लिम समुदाय पर मढ़ सकती है। कर्नाटक भाजपा द्वारा एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर साझा किए गए एक वीडियो में, कांग्रेस विधायक कहते दिख रहे हैं कि, "मोदी को अपना अगला लोकसभा चुनाव जीतने के लिए, संभावना है कि वे (भाजपा) राम मंदिर पर बमबारी करेंगे और हिन्दुओं को जोड़ने के लिए इसका दोष मुसलमानों पर डालेंगे।" हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि पाटिल ने यह टिप्पणी कब की।

 

भाजपा ने पाटिल की टिप्पणी को लेकर कांग्रेस पर हमला बोला है और हिंदू-मुस्लिम तनाव को बढ़ावा देने के लिए पार्टी की आलोचना की है। भाजपा ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि, "हिंदू धर्म की नींव पर सवाल उठाने वाले कांग्रेस सदस्यों ने पहले ही राम मंदिर पर अपनी बुरी नजर डाल दी है। राम मंदिर को अस्थिर करने का प्रयास करके और हिंदू मुस्लिम तनाव को बढ़ावा देकर, कांग्रेस ने पहले ही सरकार को दोषी ठहराने के लिए जमीन तैयार कर ली है। यह पार्टी के मंत्री बीआर पाटिल ने गलती से इसका उल्लेख कर दिया है।" 

बता दें कि, 26/11 को मुंबई में आतंकी हमला हुआ था। जिसमे 175 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। जब पाकिस्तान में स्थित एक इस्लामी आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के 10 आतंकियों ने चार दिन तक मुंबई में मौत का तांडव मचाया था। इसमें से 9 आतंकी मारे गए थे और 1 आतंकी अजमल कसाब को मुंबई पुलिस के तुकाराम ओम्ब्ले ने 20 से अधिक गोलियां खाकर भी जिन्दा दबोच लिया था। पाकिस्तान चाहता था कि, इस हमले का दोष हिन्दुओं पर आए, इसलिए उसने आतंकियों के हाथ में 'कलावा' बांध दिया था और उनकी जेबों में हिन्दू नाम वाले ID कार्ड रख दिए थे। सभी आतंकियों को अधिक से अधिक लोगों को मारने के बाद खुद भी हमले में मर जाने का आदेश था, लेकिन कसाब को जिन्दा पकड़ लिया गया। 

जांच होती, सच्चाई सामने आती, उससे पहले ही कुछ कांग्रेस नेताओं द्वारा 'हिन्दू आतंकवाद' शब्द उछाल दिया गया। 

कांग्रेस के दिग्गज नेता और रणनीतिकार दिग्विजय सिंह ने फिल्म निर्माता महेश भट्ट के साथ मिलकर 26/11 हमला- RSS की साजिश नाम से किताब लॉन्च कर दी। यहाँ तक हिन्दुओं पर आतंकी हमले का दोष डालने का पाकिस्तानी प्लान सफल हो चुका था। लेकिन, जिन्दा पकड़े गए कसाब ने पूछताछ में कबूल लिया कि, 'उसे पाकिस्तान ने हूरों की लालच देकर भारत में जिहाद करने भेजा था।' 

कसाब के कबूलनामे का वीडियो आज भी यूट्यूब पर उपलब्ध है। उसके कबूलनामे के बाद पाकिस्तान का पूरा प्लान फेल हो गया और दिग्विजय द्वारा लॉन्च की गई किताब भी। अब कर्नाटक कांग्रेस के नेता बीआर पाटिल शायद यही कह रहे हैं कि, भाजपा राम मंदिर पर हमला कराकर दोष मुस्लिमों पर डाल सकती है, जैसे अतीत में कांग्रेस ने 26/11 आतंकी हमले का दोष हिन्दुओं पर डालने की कोशिश की थी और अप्रत्यक्ष रूप से पाकिस्तान की मदद की थी। वैसे ये भी गौर करें कि, कई आतंकी संगठनों ने पहले से ही राम मंदिर पर हमले की धमकी तो दे ही रखी है, ऐसे में उद्धव, संजय राउत, कांग्रेस नेता पाटिल के बयान उन आतंकियों को अभी से क्लीन चिट दे रहे हैं और एक तरह से आमंत्रण भी। क्योंकि, यदि आतंकी हमला करते भी हैं, तो ये तमाम नेता पूरा दोष सरकार पर डालने के लिए अभी से तैयार हैं और आतंकी खुले बच जाएंगे।

एशियन गेम्स 2023: भारत की झोली में आया एक और सोना, 41 साल बाद इस खेल में पहली बार जीता गोल्ड मेडल

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एशियन गेम्स 2023 के तीसरे दिन भारतीय खिलाड़ियों का शानदार प्रदर्शन जारी रहा। भारत ने तीसरे दिन तीसरा गोल्ड मेडल जीता। भारत की घुड़सवारी टीम ने 41 सालों बाद गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया। भारतीय घुड़सवार सुदीप्ति हजेला, दिव्यकीर्ति सिंह, अनुश अग्रवाल और हृदय छेडा ने शानदार प्रदर्शन करते हुए टीम इवेंट में सोना अपने नाम किया।

भारत की घुड़सवार अनुश, सुदीप्ति, दिव्यकीर्ति, और हृदय ने ड्रेसेज इवेंट के फाइनल में शानदार प्रदर्शन किया। टीम ने 209.205 पॉइंट हासिल किए। दीव्यकीर्ति को 68.176, हृदय को 69.941 और अनुश को 71.088 पॉइंट्स मिले। भारतीय टीम चीन से 4.5 पॉइंट्स आगे रही।चीन को कुल 204.882 पॉइंट्स मिले। हॉन्ग कॉन्ग को 204.852 पॉइंट्स मिले। यह टीम तीसरे नंबर पर रही। इसी तरह चीने ताइपे की टीम चौथे और यूएई की टीम पांचवें स्थान पर रही।

भारत ने जीता तीसरा गोल्ड

भारत का एशियन गेम्स 2023 में ये तीसरा गोल्ड मेडल है। इससे पहले भारत ने शूटिंग और महिला क्रिकेट में गोल्ड मेडल जीता है। अब टीम इंडिया के पास कुल 14 मेडल्स हो गए हैं। भारत के पास 3 गोल्ड, 4 सिल्वर और 7 ब्रॉन्ज मेडल हैं। आज घुड़सवारी से पहले भारत ने सेलिंग में दो मेडल जीते थे। भारत के लिए सेलिंग में नेहा ठाकुर ने सिल्वर मेडल और इबाद अली ने ब्रॉन्ज मेडल जीते हैं। भारतीय प्लेयर्स एशियन गेम्स 2023 में बहुत ही शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं। आज एशियन गेम्स 2023 में भारतीय हॉकी टीम ने सिंगापुर को 16-1 से हराया था। भारत की ग्रुप-स्टेज में ये लगातार दूसरा मैच जीता है। इससे पहले भारत ने उज्बेकिस्तान को मात दी थी। वहीं, शूटिंग में दिव्यांश सिंह पंवार और रमिता 10 मीटर एयर राइफल मिक्स्ड इवेंट के ब्रॉन्ज मेडल मैच में कोरिया से (18-20) से हार गए थे और चौथे स्थान पर रहे थे।

एनआईए की चार्जशीट में बड़ा खुलासा, खालिस्तानी और गैंगस्टर्स में गठजोड़ का पर्दाफाश, भारत से उगाही कर कनाडा में पैसा निवेश

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कनाडा में रह रहे खालिस्तानी आतंकियों और गैंगस्टरों को लेकर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) बड़ा खुलासा किया है।एनआईए की चार्जशीट में इस बात का खुलासा हुआ है कि निज्जर खालिस्तान टाइगर फोर्स का चीफ था। निज्जर की आतंकी गतिविधियों में उसकी मदद कनाडा में पनाह लिए हुए अर्शदीप उर्फ अर्श ढल्ला करता था। अर्शदीप और निज्जर मिलकर कनाडा से 'टेरर कंपनी' चला रहे थे।ये लोग गैंग के बाकी सदस्यों को दहशत फैलाने का टास्क देते थे।

एनआईए ने अपनी चार्जशीट में बताया है कि डल्ला हरदीप सिंह निज्जर के साथ मिलकर हत्या, टारगेट किलिंग, टेरर फाइनेंसिंग और बड़े पैमाने पर बॉर्डर पार से ड्रग्स और हथियारों की स्मगलिंग कर रहा था। ये दोनों आतंकी कनाडा का वीजा दिलाकर अच्छी नौकरी और मोटी रकम देने का लालच देकर शूटर्स को रिक्रूट करते थे।

पंजाब में दहशत फैलाने का देते थे टास्क

एनआईए की चार्जशीट में खुलासा हुआ है कि ग्लोबल आतंकी हरदीप सिंह निज्जर और अर्शदीप सिंह उर्फ अर्श ढल्ला ने टेररिस्ट गैंग बनाया। इसके बाद लवप्रीत सिंह उर्फ रवि, राम सिंह उर्फ सोना , गगनदीप सिंह उर्फ गग्गा और कमलजीत शर्मा उर्फ कमल को कनाडा का वीजा दिलाकर वहां नौकरी का लालच दिया। एक बार जब वे उसके झांसे में आ गए, तो उन्हें शूटर के तौर पर नियुक्त कर पंजाब में दहशत फैलाने का टास्क सौंपा

जबरन वसूली और तस्करी के पैसे का ऐसा हुआ इस्तेमाल

इन खालिस्तानी सरगनाओं ने भारत में जबरन वसूली और तस्करी से हासिल पैसे को न केवल भारत और कनाडा में हिंसक वारदातों को फंड करने में लगाया, बल्कि महंगी नौकाओं, फिल्में और यहाँ तक कि कैनेडियन प्रीमियर लीग में भी निवेश किया है।एनआईए ने दावा करते हुए कि कनाडा में गलत तरीके से कमाए गए धन का प्रबंधन करने वाले शख्स की पहचान सतबीर सिंह उर्फ सैम के रूप में की गई है। एनआईए की चार्जशीट में कहा गया है कि सैम ने इस पैसे का एक हिस्सा कनाडा में महंगी नौकाएं खरीदने, फिल्मों को फाइन्स करने और कनाडाई प्रीमियर लीग के आयोजन में निवेश किया। इस समय जेल में बंद विश्नोई ने कबूल किया कि उसे कई मौकों पर सैम से धन भी मिला था।

इसके अलावा गैंगस्टरों के वसूले गए पैसे को थाईलैंड के क्लबों और बर में भी निवेश किया गया। एनआईए ने 2019 से 2021 तक 13 मामलों की लिस्ट तैयार की है, जब गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई ने हवाला के जरिए 5 लाख से 60 लाख रुपए तक की रकम कनाडा और थाईलैंड में भेजी।जांच में सामने आया था कि दिल्ली एनसीआर, राजस्थान, पंजाब हरियाणा से बिश्नोई गैंग जो पैसे जमा करता है वो थाईलैंड में मौजूद मनीष भंडारी नाम के शख्स के पास भेजा जाता है और मनीष भंडारी वो पैसा हवाले के जरिए कनाडा भेजता है।

आतंकियों को भारत में अनुभवी शूटरों की तलाश

एनआईए की चार्जशीट में कहा गया है कि पाकिस्तान स्थित बब्बर खालसा इंटरनैशनल के सरगना धावा सिंह और हरविंदर सिंह रिदा भारत में अनुभवी शूटरों की तलाश कर रहे थे। इसी मौके पर लेरिस बिश्नोई गिरोह उनकी योजना में फिट साबित हुआ। उसका सिंडिकेट कई राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में फैला हुआ है। जिसमें पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, राजस्थान, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, बिहार और झारखंड शामिल हैं।

एमपी के लिए बीजेपी ने चला बड़ा दांव, दूसरी लिस्ट में 3 केन्द्रीय मंत्रियों समेत 7 सांसदों और एक पार्टी महासचिव का नाम

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बीजेपी ने मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए अपने प्रत्याशियों की दूसरी सूची जारी की। इस सूची में पहली सूची के ही तरह 39 प्रत्याशी घोषित किए गए हैं। दो लिस्टों में बीजेपी ने अभी तक 78 प्रत्याशियों का ऐलान किया है। इनमें से अधिकांश सीट वह हैं, जहां भाजपा पिछले चुनाव हारी थी। 

तीन केंद्रीय मंत्रियों समेत 7 सांसदों को टिकट

बीजेपी की ओर से जारी लिस्ट में खास बात ये है कि इस लिस्ट में तीन केंद्रीय मंत्रियों समेत 7 सांसदों को टिकट दिया गया है। केंद्रीय मंत्रियों में मुरैना की दिमनी सीट से नरेंद्र सिंह तोमर, नरसिंहपुर से प्रह्लाद पटेल और निवास से फग्गन सिंह कुलस्ते को प्रत्याशी बनाया गया है। वहीं बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को इंदौर विधानसभा क्रमांक 1 से टिकट दिया गया है।इसके अलावा जबलपुर के सांसद राकेश सिंह को जबलपुर पश्चिम से विधायकी का टिकट, सीधी की सांसद रीति पाठक को सीधी से उम्मीदवार बनाया गया है। सतना के सांसद गणेश सिंह, होशंगाबाद के सांसद उदय प्रताप सिंह को भी विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने उतार दिया है।

7 पूर्व विधायकों को मिला टिकट

भाजपा की दूसरी लिस्ट में 7 पूर्व विधायकों के नाम हैं। इनमें श्योपुर से दुर्गालाल विजय, मुरैना से रघुराज कंसाना, सेंवढ़ा से प्रदीप अग्रवाल, डबरा से इमरती देवी, करैरा से रमेश खटीक, कोतमा से दिलीप जायसवाल, सिहावल विश्वामित्र पाठक, जुन्नारदेव से नत्थन शाह, खिलचीपुर से हजारी लाल दांगी, थांदला से कल सिंह भाबर, देपालपुर से मनोज पटेल और सैलाना से संगीता चारेल का नाम है।

इन नेताओं को उतारने के क्या मायने?

जिन तीन केंद्रीय मंत्रियों और चार सांसदों को पार्टी ने मध्य प्रदेश के चुनावी समर में उतारा हैं, उसके पीछे कई कारण हैं।एक तो ये कि ये सभी नेता अपने-अपने क्षेत्रों में मजबूत जमीनी पकड़ रखते हैं. जैसे नरेंद्र सिंह तोमर ग्वालियर, गुना और मुरैना में प्रभावी हैं।गणेश सिंह सतना, राकेश सिंह अपने क्षेत्र जबलपुर, उदय प्रताप सिंह होशंगाबाद, रीति पाठक सीधी क्षेत्र में प्रभावशाली नेता हैं।जो अपनी विधानसभा के अलावा आसपास की कई विधानसभा सीटो को प्रभावित कर पार्टी की झोली में सीटो की संख्या को बढ़ा सकती हैं।

बता दें कि भाजपा ने जिन 39 सीटों के उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की है, साल 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को इन 39 में से 35 सीटों पर शिकस्त मिली थी।सियासी जानकार बताते हैं कि कमजोर सीटों पर पार्टी ने दिग्गजों को उतारने की जो रणनीति अख्तियार की है, वह मास्टरस्ट्रोक हो सकता है।

बीजेपी की दूसरी लिस्ट पर कांग्रेस का तंज

बीजेपी की दूसरी लिस्ट जारी होने पर कांग्रेस ने भाजपा के खिलाफ विवादित ट्वीट किया. मध्य प्रदेश कांग्रेस के ट्विटर हैंडल से लिखा गया, 'हार को सामने देख कर रावण ने कुंभकर्ण, अहिरावण, मेघनाद सबको उतार दिया था…बस यही दूसरी लिस्ट में हुआ है।

वहीं, कांग्रेस नेता कमलनाथ ने भी ट्वीट कर तंज कसा है। उन्होंने कहा, भाजपा ने मध्य प्रदेश में अपने सांसदों को विधानसभा की टिकट देकर साबित कर दिया है कि वह न तो 2023 के विधानसभा चुनाव में जीत रही है, न ही 2024 के लोकसभा चुनाव में। इसका सीधा अर्थ ये हुआ कि भाजपा ये मान चुकी है, एक पार्टी के रूप में तो वो इतना बदनाम हो चुकी है और चुनाव नहीं जीत रही है, तो फिर क्यों न तथाकथित बड़े नामों पर ही दांव लगाकर देखा जाए।

नई सियासी उलझन में फंसे कांग्रेस नेता राहुल गांधी, हाथ से निकल सकती है 'वायनाड लोकसभा सीट', पढ़िए, पूरी खबर

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी एक बार फिर सियासी उलझन का सामना कर रहे हैं। राहुल गांधी, जो लगातार तीन बार अमेठी से सांसद रहे थे, उन्हें 2019 के लोकसभा चुनावों में उस समय एक एक बड़ा झटका लगा, जब वह कांग्रेस के गढ़ माने जाने वाले क्षेत्र में भाजपा की स्मृति ईरानी से हार गए। ईरानी ने इस ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण सीट पर 55,000 से अधिक वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी, जो कभी पूर्व प्रधान मंत्री राजीव गांधी के बेटे राहुल गांधी के पास थी। अमेठी से संजय गांधी, राजीव गांधी, सोनिया गांधी ने कई बार जीत दर्ज की है, राहुल गांधी भी 3 बार इस सीट से सांसद रहे। इतनी हाई प्रोफाइल सीट होने के बाद भी अमेठी विकास के मामले में काफी पीछे रहा। 2019 में पीएम मोदी ने यहा राइफल फैक्ट्री का उद्घाटन किया था, जिससे लोगों को रोज़गार मिला, इसके अलावा उसी समय प्रधानमंत्री ने जिले में 538 करोड़ रुपये की 17 विकास परियोजनाओं का शुभारंभ किया था। जिसके बाद हुए चुनाव में जनता ने भाजपा की झोली में ये सीट डाल दी।

हालांकि, राहुल गांधी अमेठी में हार का सामना करने के बाद केरल के वायनाड से जीत हासिल कर अपना राजनीतिक सम्मान बचाने में कामयाब रहे थे। कांग्रेस के गढ़ माने जाने वाले अमेठी में हार के बाद वायनाड ने उन्हें बहुत जरूरी समर्थन प्रदान किया। फिर भी, हालिया समाचारों से पता चलता है कि I.N.D.I. गठबंधन के घटक दल भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) ने पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के बेटे राहुल गांधी को वैकल्पिक निर्वाचन क्षेत्र तलाशने की सलाह दी है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) ने सिफारिश की है कि राहुल गांधी को वायनाड निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए। हाल ही में पार्टी की एक बैठक के दौरान, वामपंथी पार्टी के राज्यसभा सांसद पी. संदोष कुमार ने प्रस्ताव दिया था कि कांग्रेस को राहुल से अपने सहयोगियों (वामपंथी दलों) के बजाय सीधे भाजपा से मुकाबला करना चाहिए। यानी, ऐसी सीट से चुनाव लड़ना चाहिए, जिसमे उनका मुकाबला भाजपा उम्मीदवार से हो। इस घटनाक्रम ने राहुल गांधी की भविष्य की चुनावी पसंद और वह आगामी चुनाव किस निर्वाचन क्षेत्र से लड़ने का फैसला कर सकते हैं, को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं।

यह बहस सोशल मीडिया तक भी पहुंच गई है, कुछ लोगों ने सुझाव दिया है कि राहुल गांधी को अपना अगला निर्वाचन क्षेत्र चुनने में दुविधा का सामना करना पड़ सकता है। बात दें कि, इससे पहले ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी स्पष्ट रूप से कह चुके हैं कि वायनाड में राहुल गांधी इसलिए जीते, क्योंकि वहां 'मुस्लिम लीग' है और मुस्लिम वोटों के कारण ही कांग्रेस वो सीट जीतने में कामयाब रही, जबकि जहाँ मुस्लिम नहीं थे उस अमेठी में राहुल की करारी हार हुई। इससे इस बात की अटकलें तेज हो गई हैं कि क्या राहुल गांधी एक बार फिर किसी मुस्लिम बहुल निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे या फिर दोबारा अमेठी से ही दावेदारी पेश करेंगे। बहरहाल, इस मामले पर अभी तक कांग्रेस की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

दिग्गज अभिनेत्री वहीदा रहमान को मिलेगा दादासाहेब फाल्के अवॉर्ड, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने किया ऐलान

#waheeda_rehman_declared_recipient_of_dadasaheb_phalke_award

दिग्गज एक्ट्रेस वहीदा रहमान को इस साल के दादा साहेब फाल्के लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। उन्हें यह अवॉर्ड भारतीय सिनेमा में उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया जाएगा। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने ट्विटर पर इसकी घोषणा की है।

केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने ट्वीट करते हुए जानकारी दी है। अनुराग ठाकुर ने लिखा है, ‘मुझे यह घोषणा करते हुए बेहद खुशी और सम्मान महसूस हो रहा है कि वहीदा रहमान जी को भारतीय सिनेमा में उनके शानदार योगदान के लिए इस साल प्रतिष्ठित दादासाहेब फाल्के लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया जा रहा है।

अनुराग ठाकुर ने आगे लिखा, 'ऐसे वक्त में जब ऐतिहासिक नारी शक्ति वंदन अधिनियम संसद से पारित किया गया है, तब वहीदा रहमान को इस लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया जाना गर्व की बात है। दिग्गज अदाकारा को यह सम्मान दिया जाना वास्तव में हिंदी सिनेमा की महिलाओं के लिए एक ट्रिब्यूट सरीखा है। इसके लिए वहीदा जी को बहुत बहुत बधाई'।

वहीदा रहमान ने तेलुगू फिल्मों से एक्टिंग के करियर की शुरुआत की थी। वहीदा रहमान ने करियर की शुरुआत साउथ सिनेमा की फिल्म 'रोजुलू मराई' से की। वो फिल्मों में आइटम नंबर ज्यादा किया करती थीं। एक दिन गुरदत्त की नज़र वहीदा रहमान पर पड़ी और उनकी किस्मत बदल गई। वहीदा रहमान को हिंदी फिल्मों में लाने वाले गुरदत्त ही थे।

60- 70 के दशक में वहीदा रहमान ने सिनेमा पर राज किया। उनकी शानदार एक्टिंग, डांस-एक्टिंग और खूबसूरती के लाखों दीवाने हैं. वहीदा रहमान और देव आनंद की जोड़ी को फैंस खूब पसंद करते थे। ‘सीआईडी’ से लेकर ‘गाइड’ तक दोनों ने साथ में कई शानदार फिल्में की हैं।प्यासा, कागज के फूल, चौदहवी का चांद, साहब बीवी और गुलाम, गाइड और खामोशी जैसी कई चर्चित फिल्मों में उन्होंने अपने अभिनय का कमाल दिखाया है। अपने पांच दशक से अधिक की अभिनय यात्रा में पद्मश्री और पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित वहीदा जी ने एक भारतीय नारी के समर्पण और सामर्थ्य का उदाहरण पेश किया है'।

अशोक गहलोत सरकार के मंत्री पर कसा शिकंजा, राजेंद्र यादव के घर ईडी की रेड

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राजस्थान सरकार में गृह राज्यमंत्री राजेंद्र यादव और उनके नजदीकियों के ठिकानों पर दिल्ली से आई ईडी की टीम ने छापा मारा। मंगलवार अल सुबह ईडी की टीमें राजेंद्र यादव के ठिकाने पर पहुंची और रेड की कार्रवाई शुरू की। ईडी ने यह कार्रवाई मिड डे मिल में घोटाले को लेकर की है। इसको लेकर ईडी ने सूबे के गृह राज्यमंत्री यादव के जयपुर, कोटपूतली, बहरोड़ और विराटनगर सहित 10 ठिकानों पर दबिश दी है।

मंत्री राजेन्द्र यादव का कारोबार काफी बड़ा है। एजुकेशन से जुड़े कामकाज के साथ कई तरह के प्रोडेक्ट बनाने की फैक्ट्रियां है। इन फैक्ट्रियों और फैक्ट्रियों के दफ्तरों में अल सुबह ही ईडी की टीमें पहुंच गई। कोटपूतली इलाके में पोषाहार बनाने की एक फैक्ट्री है। उनके खिलाफ पोषाहार वितरण में धांधली करने के आरोप पूर्व में लगे थे। करीब सालभर पहले यहां आयकर विभाग की टीमों ने भी कार्रवाई की थी। अब इन्हीं ठिकानों पर ईडी की रेड हुई है।

बता दें कि पिछले साल मिड डे मील घोटाले को लेकर इनकम टैक्स ने मंत्री राजेंद्र यादव के जयपुर और कोटपूतली स्थित ठिकानों पर छापेमारी की थी। 7 सितंबर 2022 को इनकम टैक्स विभाग ने भी मंत्री यादव के 53 ठिकानों पर छापा मारा था। अब इन्हीं ठिकानों पर ईडी ने छापा मारा है।

दिल्ली में चोरी की बड़ी वारदात, 25 करोड़ की ज्वेलरी पर हाथ साफ, शोरूम की छत काटकर घुसे थे चोर

#theft_of_rs_25_crore_in_jewelery_showroom_in_delhi 

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में चोरों ने बड़ा हाथ साफ किया है। दिल्ली के भोगल इलाके में चोरों ने एक ज्वेलरी शोरूम में दीवार तोड़कर चोरी की बड़ी वारदात को अंजाम दिया है। चोरों ने 25 करोड़ से ज्यादा की लूट को अंजाम दिया है। पुलिस शोरूम में लगे सीसीटीवी कैमरों को खंगाल रही है।

शोरूम के मालिक के मुताबिक, करीब 20 से 25 करोड़ की चोरी की वारदात को अंजाम दिया गया है। वह रविवार को दुकान बंद करके गए थे तब तक कुछ भी संदिग्ध नहीं था। शोरूम की सोमवार को छुट्टी रखी जाती है। मंगलवार की सुबह जब शोरूम खोला गया तो सभी हक्के-बक्के रह गए। शोरूम में रखी पूरी ज्वेलरी गायब है। शोरूम की दीवार में स्ट्रॉन्ग रूम के पास बड़ा छेद दिखाई दिया। बताया जा रहा है कि चोर दीवार में छेद कर शोरूम में स्ट्रांग रूम तक पहुंचे होंगे।

पुलिस फिलहाल शोरूम में लगे सीसीटीवी फुटेज को खंगालने में लगी हुई है. साथ ही आस-पास के लोगों और शोरूम के स्टाफ से भी पूछताछ की जा रही है।