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4 साल बाद नजरबंदी से रिहा हुए हुर्रियत नेता मीरवाइज, मस्जिद में अदा की नमाज

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ऑल पार्टी हुर्रियत कॉन्फ्रेन्स के चेयरमैन मीरवाइज उमर फारूक आज चार साल की नजरबंदी से रिहा हो गए हैं। रिहाई के साथ ही उन्हें श्रीनगर की ऐतिहासिक जामिया मस्जिद में नमाज अदा की। अंजुमन औकाफ़ जामिया मस्जिद के अधिकारियों ने बताया कि रिहाई के बाद मीरवाइज मौलवी उमर फारूक ने नौहट्टा की मशहूर जामिया मस्जिद में नमाज अदा की। मीरवाइज फारूक को अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 हटने के बाद से अबतक नजरबंदी में रखा गया था।

पार्टी ने दी जानकारी

हुइससे पहले र्रियत नेता मीरवाइज उमर फारूक की रिहाई की जानकारी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के सोशल मीडिया पर भी जारी की गई है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर दी गई जानकारी के मुताबिक, हुर्रियत ने कहा है कि 4 साल और 212 दिन बाद मीरवाइज उमर फारूक ऐतिहासिक जामिया मस्जिद में जुमे की नमाज पढ़ेंगे। साथ ही ये भी कहा गया है कि वह 3 अगस्त, 2019 से अवैध और मनमानी हिरासत में थे।

2019 से नजरबंद मीरवाइज मौलवी उमर फारूक

मीरवाइज मौलवी उमर फारूक कश्मीर के प्रमुख मजहबी नेताओं में गिने जाते हैं। उन्हें अगस्त 2019 में एहतियात के तौर पर घर में नजरबंद बनाया गया था। इसके बाद पुलिस व नागरिक प्रशासन ने कई बार उनकी रिहाई का दावा किया, लेकिन मीरवाइज मौलवी उमर फारूक ने सरकार के दावे को नकारते हुए कहा कि उन्हें घर से बाहर नहीं निकलने दिया जाता।

मीरवाइज पर केंद्र का रुख नरम

मीरवाइज को रिहा करने और उनको जुमे की नमाज का नेतृत्व करने देने का केंद्र सरकार के फैसले को एक नरम रुख की तरह देखा जा रहा है। दरअसल 2019 के बाद से ही सरकार कश्मीरी अलगाववादियों की कड़ी आलोचना झेल रही है। हाल ही में अलगाववाद को बढ़ावा देने के आरोप में जेल में बंद दो अन्य मौलवियों को भी रिहा कर दिया गया था। कश्मीर में स्थानीय बीजेपी नेताओं ने इस फैसले का स्वागत किया था।

नेताओं ने जाहिर की खुशी

हुर्रियत नेता की रिहाई पर जहां एक तरफ उनके समर्थकों में खुशी की लहर है, वहीं डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी के अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद ने भी मीरवाइज की रिहाई पर खुशी जाहिर कर प्रशासन के इस कदम का स्वागत किया है। आजाद ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा ”स्वागत योग्य कदम! 4 साल की नजरबंदी के बाद, यह सुनकर खुशी हुई कि मीरवाइज उमर फारूक को श्रीनगर की जामिया मस्जिद में जुमे की नमाज अदा करने की इजाजत दी जाएगी। धार्मिक स्वतंत्रता एक मौलिक अधिकार है और मौलवियों की इसमें महत्वपूर्ण भूमिका है। यह मेल-मिलाप और एकता की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।

महिला आरक्षण विधेयक पर बोले राहुल गांधी-पता नहीं लागू होगा भी या नहीं, जातीय जनगणना पर कही ये बात

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महिला आरक्षण बिल संसद के दोनों सदनों से पास हो चुका है। अब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अप्रूवल के बाद यह कानून बन जाएंगे।इस बीच कांग्रेस पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी आज महिला आरक्षण बिल को लेकर प्रेस कांफ्रेंस कर अपनी बात रखी। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि महिला आरक्षण तो बड़ी अच्छी चीज है लेकिन लागू कब होंगे, यह साफ नहीं है। इस दौरान राहुल गांधी ने कहा कि बिल में दो कमियां हैं। राहुल गांधी ने प्रेस वार्ता के दौरान केंद्र सरकार द्वारा लाए गए महिला आरक्षण विधेयक में ओबीसी महिलाओं की भागीदारी की भी मांग की। साथ ही उन्होंने जातीय जनगणना की मांग की।

यह ध्यान भटकाने वाली राजनीति-राहुल गांधी

राहुल ने कहा, पहले तो पता नहीं चला कि ये विशेष सत्र क्यों बुलाया जा रहा है, उसके बाद पता चला कि ये महिला आरक्षण के लिए बुलाया गया है। महिला आरक्षण विधेयक बढ़िया है लेकिन हमें दो फुटनोट मिले कि जनगणना और परिसीमन पहले करने की जरूरत है। इन दोनों कामों में कई साल लगेंगे। सच तो ये है कि आरक्षण आज ही लागू हो सकता है...यह कोई जटिल मामला नहीं है। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि कोई नहीं जानता कि ये लागू होगा भी या नहीं। यह ध्यान भटकाने वाली राजनीति है। 

राहुल गांधी ने इस बात पर जताया अफसोस

कांग्रेस सासंद राहुल गांधी ने कहा कि हम एक बिल आज पास कर रहे हैं और 10 साल बाद इसे इम्प्लीमेंट करेंगे, इसका क्या मतलब है। भारत कि महिलाओं को इतना कम इंटेलीजेंट मत समझिए। अफसोस है कि अपने समय में हमें ओबीसी कोटा दे देना चाहिए था।

राहुल ने पूछा- ओबीसी प्राइड के लिए पीएम ने क्या किया?

कांग्रेस नेता ने आरक्षण के जरिए केंद्र सरकार पर ‘डायवर्जन’ का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि डायवर्जन ओबीसी सेंसस से हो रही है। उन्होंने केंद्र सरकार में सेक्रेटरी और कैबिनेट सेक्रेटरी की जातीय कैटगरी पर बात की।उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते हुए कहा कि अगर वह ओबीसी के लिए इतना ही काम कर रहे हैं तो 90 में सिर्फ तीन लोग ही ओबीसी कैटगरी से क्यों हैं? कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री हर रोज ओबीसी प्राइड की बात करते हैं तो उनके लिए पीएम ने क्या किया? प्रधानमंत्री संसद में ओबीसी रिप्रेजेंटेशन की बात करते हैं, राहुल ने कहा कि इससे क्या होगा? जो डिसीजन मेकर्स हैं उनमें सिर्फ पांच फीसदी को ही जगह क्यों दी गई? क्या ओबीसी की आबादी देश में सिर्फ पांच फीसदी है? राहुल ने कहा कि अब मुझे ये पता लगाना है कि हिंदुस्तान में ओबीसी कितने हैं? और जितने भी हैं उस हिसाब से उन्हें भागीदारी मिलनी चाहिए।

चांद-सूरज के बाद अब 'समुद्र' की बारी, पानी में 6 KM अंदर जाएगी

भारत की पहली मानवयुक्त पनडुब्बी 'मत्स्य 6000', राष्ट्रीय महासागर प्रौद्योगिकी संस्थान बना रहा



भारत की पहली मानवयुक्त पनडुब्बी जिसे 'मत्स्य 6000' (Matsya 6000) कहा जाता है, गहरे समुद्र के संसाधनों का अध्ययन करने के लिए तीन लोगों को 6,000 मीटर की गहराई तक ले जाएगी। सबमर्सिबल का निर्माण समुद्रयान परियोजना के तहत राष्ट्रीय महासागर प्रौद्योगिकी संस्थान (NIOT) द्वारा किया जा रहा है। NIOT के निदेशक आनंद रामदास ने कहा कि इसका उद्देश्य समुद्री संसाधनों के सतत उपयोग के लिए प्रौद्योगिकियों को डिजाइन, विकसित और प्रदर्शित करना है। उन्होंने कहा कि, मत्स्य 6000 तीन मनुष्यों को ले जाएगा और यह 6 किमी की गहराई तक वैज्ञानिक अन्वेषण कर सकता है। रामदास ने कहा कि, आंतरिक स्थान को जीतना अन्य स्थान को जीतने जितना ही कठिन है।

उन्होंने कहा कि जिस गहराई तक सबमर्सिबल जाएगी - 6,000 मीटर - दबाव समुद्र तल पर अनुभव किए गए दबाव से लगभग 600 गुना अधिक होगा और तापमान 2 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाएगा। उन्होंने कहा कि, 'आप पृथ्वी की सतह से मंगल ग्रह के रोवर को नियंत्रित कर सकते हैं, लेकिन आप पानी में 20 मीटर से नीचे की चीज़ों को नियंत्रित नहीं कर सकते। विद्युत चुम्बकीय तरंगें यात्रा नहीं करतीं। आपके पास उस गहराई तक संचार करने की प्रणालियाँ नहीं हैं। हम इसे नियंत्रित नहीं कर सकते और हमें वहां सोच-समझकर निर्णय लेने के लिए एक इंसान की जरूरत है। यह निश्चित रूप से एक बड़ी चुनौती है।'

मत्स्य 6000 के लिए सुरक्षा उपाय

NIOT के वैज्ञानिक सत्यनारायण ने कहा कि चालक दल की सुरक्षा को सबसे अधिक महत्व दिया गया है। इसमें स्टील से बने एक दबाव पतवार का निर्माण शामिल था, जिसका 500 मीटर की गहराई पर परीक्षण किया गया था। जीवन समर्थन प्रणाली कैसे काम करती है यह देखने के लिए सात मीटर की गहराई पर मनुष्यों के साथ इसका परीक्षण भी किया गया। उन्होंने कहा कि, 'जहाज 12 घंटे तक टिकेगा, जिनमें से तीन घंटे 30 मीटर/सेकेंड की गति से नीचे उतरने के लिए, छह घंटे अनुसंधान के लिए और अन्य तीन घंटे चढ़ने के लिए हैं। सत्यनारायणन ने कहा, हम जहाज से नीचे उतरने के लिए गिट्टी टैंकों का उपयोग कर रहे हैं और गिट्टी भार छोड़ने से इसके चढ़ने में मदद मिलेगी।

 

सबमर्सिबल के चालक दल में एक पायलट और दो वैज्ञानिक शामिल होंगे जो ऐक्रेलिक खिड़कियों के माध्यम से समुद्र को देख सकेंगे। दबाव पतवार का गोलाकार आकार और उसके वजन को कम करने के लिए टाइटेनियम मिश्र धातु का उपयोग एक और तरीका है, जिससे मत्स्य 6000 चालक दल की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा। सत्यनारायणन ने कहा कि, सुरक्षा उपायों के कई स्तर अपनाए गए हैं, विशेष रूप से बिजली और गिट्टी वजन जारी करने के लिए उपयोग की जाने वाली बैटरियों के साथ। उन्होंने कहा कि, वाहन की सहनशीलता अवधि अनुसंधान के लिए निर्धारित 12 घंटों को छोड़कर, 96 घंटे है और यह जीवन सहायता प्रदान कर सकता है।

उन्होंने कहा कि जहाज में इस्तेमाल होने वाली प्रत्येक सामग्री को कठोर परीक्षणों से गुजरना होगा, जिसमें उसकी दबाव से निपटने की क्षमता को देखना भी शामिल है। आनंद रामदास ने कहा कि मत्स्य 6000 का लक्ष्य समुद्री संसाधनों का पता लगाना और समझना है। NIOT निदेशक ने कहा कि, 'गैस हाइड्रेट 1,000 मीटर की गहराई पर उपलब्ध हैं, धातुओं से भरपूर पॉली मेटालिक नोड्यूल 5,000 मीटर पर और हाइड्रोथर्मल सल्फाइट्स 3,000 मीटर पर उपलब्ध हैं। ये हमारी रुचि के खनिज हैं और इनका पता लगाने के लिए हमें इस वाहन की आवश्यकता है। एक बार जब मत्स्य 6000 का निर्माण पूरा हो जाएगा, तो भारत अमेरिका, रूस, फ्रांस, जापान और चीन के बाद मानवयुक्त पनडुब्बी तैनात करने वाला दुनिया का छठा देश बन जाएगा।'

डॉ रमन सिंह और संबित पात्रा को छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने किया बरी, कांग्रेस ने दर्ज कराया था केस, पुलिस को भी पड़ी फटकार

छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने भाजपा नेता और राज्य के पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह और भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. संबित पात्रा के खिलाफ एक आपराधिक मामले को खारिज कर दिया है। बता दें कि, छत्तीसगढ़ पुलिस ने भाजपा नेताओं पर कथित तौर पर COVID-19 महामारी के दौरान कथित 'कांग्रेस टूलकिट' के स्क्रीनशॉट ट्वीट करके फर्जी खबर फैलाने के आरोप में FIR दर्ज की थी, जिसमें दावा किया गया था कि इसने COVID-19 महामारी के दौरान प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की छवि को खराब करने के कांग्रेस के एजेंडे को उजागर किया है। यह FIR कांग्रेस की छात्र शाखा - नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) के प्रदेश अध्यक्ष आकाश शर्मा द्वारा दायर एक शिकायत पर दर्ज की गई थी।

चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस एनके चंद्रवंशी की पीठ ने कहा कि भाजपा नेताओं द्वारा किए गए दो ट्वीट की सामग्री गलत या असत्य हो सकती है, लेकिन यह नहीं कहा जा सकता है कि इसे उकसाने के इरादे से पोस्ट किया गया था या जिससे किसी को किसी अन्य वर्ग या समुदाय के विरुद्ध अपराध करने के लिए व्यक्तियों का वर्ग या समुदाय उकसाने की संभावना है। हाई कोर्ट ने कहा कि, 'तत्काल मामलों में, एक संदेश पोस्ट करना/ट्वीट करना जो कि राजनीतिक गपशप के रूप में अधिक है, को फर्जी समाचार फैलाने और हिंसा भड़काने के कृत्य का रूप देने की कोशिश की गई है। FIR के अवलोकन से, यह सुरक्षित रूप से माना जा सकता है कि याचिकाकर्ताओं के खिलाफ कोई भी अपराध नहीं बनता है।'

उच्च न्यायालय ने भाजपा नेताओं के खिलाफ आपराधिक मामले को रद्द करते हुए कहा कि उनकी खिलाफ शिकायत 19 मई, 2021 को शाम 4.05 बजे पुलिस स्टेशन में प्राप्त हुई थी और तुरंत एक मिनट के भीतर यानी 4:06 बजे FIR दर्ज की गई थी। हाई कोर्ट ने छत्तीसगढ़ पुलिस को फटकार लगाते हुए कहा कि, 'पुलिस अधिकारी एक मिनट में इस नतीजे पर कैसे पहुंच गए कि उक्त शिकायत याचिकाकर्ताओं के खिलाफ संज्ञेय अपराध का मामला बनती है।' उन्होंने कहा कि पुलिस अधिकारियों द्वारा दिखाई गई जल्दबाजी समझ से परे है।

उच्च न्यायालय ने यह भी कहा कि शिकायतकर्ता यानी छत्तीसगढ़ NSUI अध्यक्ष, जिनकी लिखित शिकायत पर FIR दर्ज की गई थी, वो नोटिस की तामील के बावजूद अदालत में पेश नहीं हुए। हाई कोर्ट ने कहा कि, 'प्रतिवादी नंबर 4 (छत्तीसगढ़ NSUI अध्यक्ष) भी कोई आम आदमी नहीं है, बल्कि NSUI, छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष हैं। यदि वह इतने ही चिंतित और सतर्क थे कि सोशल मीडिया पर कोई गलत/गलत संदेश राज्य में अशांति का कारण न बने, तो उन्हें अपना पक्ष रखने के लिए इस कोर्ट के समक्ष भी उपस्थित होना चाहिए था। ऐसे में, यह इस तथ्य का संकेत है कि संबंधित FIR अपना हिसाब-किताब बराबर करने के लिए शुद्ध राजनीतिक प्रतिशोध का परिणाम है।'

हाई कोर्ट ने आगे कहा कि जब याचिकाकर्ता भाजपा नेताओं द्वारा किया गया ट्वीट पहले से ही सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध था, तो याचिकाकर्ताओं के खिलाफ FIR दर्ज करने का कोई कारण नहीं था, लेकिन अगर ऐसा करना जरूरी भी था, तो पहले उस पर केस किया जाना चाहिए था कि जिस व्यक्ति ने सबसे पहले झूठा संदेश ट्वीट किया। उच्च न्यायालय ने कहा कि, 'याचिकाकर्ताओं (रमन सिंह और पात्रा) ने एक वास्तविक विश्वास के तहत इसे एक वास्तविक संदेश मानते हुए इसे अपने सोशल मीडिया अकाउंट से अग्रेषित/रीट्वीट किया, जो पहले से ही सार्वजनिक डोमेन में था।'

बता दें कि, याचिकाकर्ता भाजपा नेताओं ने अपने-अपने ट्विटर हैंडल पर 'टीम भारत' नाम के एक हैंडल की एक पोस्ट को '#CongressToolKitExposed' हैशटैग के साथ रीट्वीट किया था, जिसमें "कोविड कुप्रबंधन पर नरेंद्र मोदी और भाजपा को घेरना" शीर्षक से एक दस्तावेज़ साझा किया गया था और उस दस्तावेज़ में कुछ निर्देश दिए गए थे, जिसमे बताया गया था कि केंद्र सरकार और भाजपा की छवि को शर्मसार और धूमिल कैसे करें। उसमे स्टेप बाय स्टेप पूरा प्लान था, जिसे टूलकिट कहा गया था। उसमे कहा गया था कि कथित निर्देश अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के अनुसंधान विभाग के लेटर-हेड के तहत जारी किए गए थे।

युथ कांग्रेस के नेता आकाश शर्मा ने इस संबंध में छत्तीसगढ़ पुलिस से शिकायत की और एक मिनट के अंदर भाजपा नेताओं के खिलाफ FIR दर्ज कर ली गई। भाजपा नेताओं ने कोर्ट में स्वीकार किया कि उन्होंने 'कांग्रेस टूलकिट' की आलोचना की, क्योंकि वे ईमानदारी से और दृढ़ता से मानते हैं कि केंद्र सरकार भारतीय नागरिकों के सर्वोत्तम हित में काम कर रही है, और वह (कांग्रेस) जानबूझकर केंद्र सरकार की गतिविधियों, कार्यों और नीतियों के बारे में जनता को गुमराह कर रही है। भाजपा नेताओं ने कोर्ट में कहा कि, राजनीतिक लाभ जनहित के विरुद्ध है और देश को बड़े खतरे में डालता है।

भाजपा नेताओं ने बताया कि जन प्रतिनिधियों के रूप में उनका काम भारत के लोगों को यह समझने में सहायता करना है कि क्या सच है और क्या नहीं, साथ ही क्या तथ्यों पर आधारित है और क्या बनाया गया है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि विचाराधीन ट्विटर पोस्ट उनकी व्यक्तिगत राय को दर्शाता है, जिसे बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के हिस्से के रूप में उन्हें सभी संबंधित नागरिकों के साथ साझा करने का अधिकार है। याचिकाकर्ता भाजपा नेताओं ने आगे कहा कि भले ही उन पर सार्वजनिक शरारत और जनता के बीच शत्रुता, घृणा या दुर्भावना को बढ़ावा देने से संबंधित अपराधों के लिए आरोप लगाए गए हैं, लेकिन राजनीतिक पदाधिकारी (कांग्रेस नेता) के अलावा पुलिस में कोई शिकायत नहीं की गई है। कांग्रेस पार्टी और स्पष्ट रूप से, विवादित FIR निहित स्वार्थों के इशारे पर और राजनीतिक लाभ के लिए राज्य मशीनरी का दुरुपयोग करके दर्ज की गई थी।

दिल्ली में दिवाली पर नहीं जला पाएंगे पटाखे, SC ने केजरीवाल सरकार के फैसले में हस्तक्षेप करने से किया इनकार

दिल्ली में दिवाली पर पटाखे जलाने का इंतजार कर रहे लोगों को झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने दिवाली पर दिल्ली में सभी प्रकार के पटाखों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने के दिल्ली सरकार के फैसले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है।

शीर्ष न्यायालय ने इसी के साथ बेरियम का उपयोग कर पटाखों के निर्माण और उपयोग की मांग वाली याचिका भी खारिज कर दी है। केंद्र सरकार और पटाखा निर्माताओं ने इन पटाखों के निर्माण और बिक्री की प्रक्रिया की जानकारी SC को दी थी। दोनों ने इनके निर्माण को मंजूरी का अनुरोध किया था।

केजरीवाल सरकार ने लगाया पटाखों पर बैन

दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने हाल ही में राज्य में पटाखों के निर्माण, बिक्री और जमाखोरी पर बैन लगाया था। कोर्ट ने इससे पहले भी कहा था कि लोगों का स्वास्थ्य जरूरी है, न कि पटाखे जलाने। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सरकार ने जो फैसला लिया है उसका कड़े तरीके से पालन होना चाहिए।

भारत के साथ विवादों के बीच कनाडा ने ली राहत की सांस, अमेरिका के कहा-श मामले में किसी को विशेष छूट नहीं मिलेगी

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कनाडा ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत का हाथ होने का आरोप लगाया है। भारत ने कनाडा के सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया है। साथ ही विदेश मंत्रालय ने अपने एक बयान में इन आरोपों को बेतुका और एक विचारधारा से प्रेरित बताया है।हालांकि, इस मामले में दोनों देशों के बीच तनाव गहराता जा रहा है। इस बीच अब अमेरिका ने भी सधे शब्दों में परोक्ष रूप से कनाडा का समर्थन कर दिया है। अमेरिका ने उन आरोपों को दृढ़ता से खारिज कर दिया है, जिनमें कहा जा रहा है कि भारत-कनाडा के बीच जारी विवाद से अमेरिका-कनाडा के रिश्तों में दरार आ गई है। अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलीवन ने कहा कि 'मैं इस विचार को दृढ़ता से खारिज करता हूं कि अमेरिका और कनाडा के बीच कोई मतभेद हैं। सुलिवन ने कहा है कि अमेरिका कनाडा के आरोपों को लेकर बेहद चिंतित है, वह जांच का पूरा समर्थन करता है और वह चाहता है कि दोषियों को न्याय के कटघरे में लाया जाए। 

जैक सुलीवन से जब कनाडा में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों के शामिल होने के आरोपों को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि अमेरिका शीर्ष स्तर पर भारत के संपर्क में है और वॉशिंगटन इस मामले में कोई विशेष छूट नहीं दे रहा है। सुलीवन ने कहा कि 'अमेरिका अपने सिद्धांतों के लिए खड़ा रहेगा, चाहे कोई भी देश प्रभावित हो।'

दरअसल, अमेरिका, भारत के साथ अपने रिश्ते मज़बूत करने की कोशिश कर रहा है। इस साल की शुरुआत में पीएम नरेंद्र मोदी, अमेरिकी की राजकीय यात्रा पर गए थे, जहाँ राष्ट्रीय जो बाइडन ने उनकी मेज़बानी की थी।

व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, यह हमारे लिए चिंता का विषय है। यह एक ऐसी चीज़ है, जिसे हमें गंभीरता से लेते हैं। यह एक ऐसा मामला है जिस पर हम काम करना जारी रखेंगे और किसी देश की परवाह किए बिना हम ऐसा करेंगे। उन्होंने कहा, इस तरह के काम के लिए आपको कोई विशेष छूट नहीं मिलती है। देश की परवाह किए बिना हम खड़े होंगे और अपने बुनियादी सिद्धांतों की रक्षा करेंगे। हम कनाडा जैसे सहयोगियों के साथ भी नज़दीक से काम करेंगे, क्योंकि इस मामले में जांच और राजनयिक प्रक्रिया को कनाडा आगे बढ़ा रहा है।

बता दें कि हाल ही में अमेरिकी मीडिया में रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि कनाडा में हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में कथित तौर पर भारतीय एजेंटों के शामिल होने के बारे में फाइव आइज देशों के अधिकारियों को जानकारी दे दी गई थी। अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया, फाइव आइज संगठन के सदस्य हैं। अमेरिका मीडिया के अनुसार, कनाडा द्वारा जानकारी देने के बावजूद अमेरिका ने दिल्ली में जी20 सम्मेलन से पहले इसे लेकर कोई सार्वजनिक रूप से कोई टिप्पणी नहीं की।

कांग्रेस ने जारी किया राहुल गांधी की नॉर्वे स्पीच का वीडियो, आरएसएस पर फिर हमलावर दिखे

कहा-2014 में मोदी सरकार के आने के बाद भारत में सबकुछ बदल गया

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर भारत में लोकतांत्रिक व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। राहुल रांधी ने एक बार फिर विदेशी धरती से केन्द्र की मोदी सरकार पर हमला बोला।राहुल गांधी आरोप लगाया कि 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद भारत में सबकुछ बदल गया है।लोकतंत्र कमजोर हो रहा है और भारत की बड़ी आबादी अपनी बात नहीं रख सकती।राहुल ने कहा, विपक्षी गुट INDIA राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को भारतीय संस्थानों पर कब्जा नहीं करने देगा और लोकतंत्र की 'हत्या' को भी बर्दाश्त नहीं करेगा।

राहुल ने यह बयान इस महीने की शुरुआत में नॉर्वे के ओस्लो यूनिवर्सिटी में आयोजित में कार्यक्रम में दिया।इस महीने की शुरुआत में राहुल गांधी नॉर्वे गए थे।इस दौरान उन्होंने विदेशी नेताओं, भारतीय स्टूडेंट्स और बिजनेसमैन के साथ मुलाकात की थी।नॉर्वे की यूनिवर्सिटी में इस बातचीत का वीडियो कांग्रेस पार्टी ने गुरुवार को जारी किया। 

भारत में सारी संस्थाएं आरएसएस से प्रभावित-राहुल गांधी

छात्रों के साथ संवाद के दौरान राहुल गांधी ने यह दावा किया कि भारत में सारी संस्थाएं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से प्रभावित हैं। सीबीआई, ईडी और आयकर जैसी एजेंसियों को हथियार बनाया गया है। कांग्रेस नेता ने कहा कि भारत के बारे में बात करते समय समय पहली बात यह समझनी होगी कि 2014 तक भारत में लोकतंत्र एक-दूसरे के खिलाफ लड़ने वाले राजनीतिक दलों के समूह से संबंधित था। तटस्थ संस्थाएं, स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव, हर किसी के लिए मीडिया तक पहुंच और हर किसी के लिए वित्तीय संसाधनों तक पहुंच थी। उन्होंने दावा किया कि 2014 में सब कुछ पूरी तरह बदल गया। हम अब किसी राजनीतिक दल के खिलाफ नहीं लड़ते। पूरा खेल बदल गया है। संस्थाएं आरएसएस से प्रभावित हैं। सीबीआई, ईडी और आयकर जैसी एजेंसियों को हथियार बनाया गया है। वे उन लोगों को निशाना बनाते हैं, जो भाजपा की विचारधारा का विरोध करते हैं। इसलिए अब हम किसी सामान्य राजनीतिक प्रतिस्पर्धा में शामिल नहीं हैं।

आरएसएस को हमारे संस्थागत ढांचे पर कब्जा नहीं करने देंगे-राहुल गांधी

क्लिप के मुताबिक राहुल गांधी ने कहा, उस गठबंधन में हर एक व्यक्ति, चाहे वह किसी भी पार्टी का हो, इस बात पर सहमत है कि हम भारतीय लोकतंत्र की हत्या को बर्दाश्त नहीं करेंगे। दूसरा, हर एक व्यक्ति का विचार है कि हम आरएसएस को हमारे संस्थागत ढांचे पर कब्जा नहीं करने देंगे।

सत्ता में आने पर भारत की लोकतांत्रिक परंपरा को पुनः स्थापित किया जाएगा-राहुल गांधी

राहुल गांधी ने कहा कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के सत्ता में आने पर भारत की लोकतांत्रिक परंपरा को पुनः स्थापित किया जाएगा। हमारा गठबंधन विनिर्माण पर जोर देगा। हमारा गठजोड़ दलितों, आदिवासियों, अल्पंख्यकों और कमजोर तबकों को विकास की धारा के साथ जोड़ा जाएगा। कांग्रेस नेता ने कहा कि वह देश में एक विशेष विचारधारा का बचाव करते हैं। वो विचारधारा है महात्मा गांधी, गौतम बुद्ध और गुरु नानक की। उन्होंने कहा कि वह इसी के लिए लड़ते हैं।

राहुल ने माना इंडिया गठबंधन में मतभेद

इसके अलावा राहुल गांधी ने माना है कि महागठबंधन इंडिया में कई राज्यों में मतभेद हैं। केरल का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस की वामपंथियों के साथ पूरी लड़ाई है, लेकिन लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि दक्षिणी राज्य में बीजेपी कभी भी सत्ता में न रहे। वहीं कुछ राज्य ऐसे भी हैं जहां पर थोड़ी मुश्किलें हैं। उन्होंने कहा, बंगाल में से बिल्कुल साफ है कि बीजेपी के खिलाफ खड़ा होना फायदेमंद होगा। क्या हम इसे हासिल कर सकते हैं? शायद... मैं अभी आपको बता नहीं सकता।

लोकसभा के बाद राज्यसभा से भी महिला आरक्षण बिल पास, आज भाजपा मुख्यालय में पीएम मोदी का होगा अभिनंदन

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लोकसभा-विधानसभाओं में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण वाला बिल संसद से पास हो गया है। राज्यसभा में पक्ष में 214 और विपक्ष में एक भी वोट नहीं पड़ा। महिला आरक्षण बिल पास होने को पीएम मोदी ने बताया लोकतांत्रिक यात्रा में अहम क्षण बताया। महिला आरक्षण बिल पास होने के बाद आज बीजेपी मुख्यालय पर जोरदार जश्न मनाया जा रहा है। बीजेपी की सभी महिला सांसदों और मंत्रियों को भाजपा मुख्यालय पहुंचने के लिए कहा गया है। गेट पर गुलाल लगाकर सांसदों का स्वागत किया जा रहा है। पीएम मोदी थोड़ी देर में बीजेपी मुख्यालय पहुंचेंगे। महिला आरक्षण बिल पास होने के बाद आज बीजेपी मुख्यालय में प्रधानमंत्री का भव्य स्वागत होगा।महिला सांसद और कार्यकर्ता उनका अभिनंदन करेंगी। 

बती दें कि देश की राजनीति में व्यापक असर डालने वाले महिला आरक्षण बिल को बुधवार को लोकसभा से दो तिहाई बहुमत के साथ मंजूरी मिली थी। इस बिल को दोनों सदन से मंजूरी मिलने के बाद अब इसे राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। वहां से मंजूरी मिलते ही इस विधेयक का नाम ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ हो जाएगा। नए संसद भवन ने पहले ही सत्र में नारी शक्ति का वंदन करने का नया इतिहास रच दिया। इससे पहले विधेयक को बुधवार को लोकसभा से मंजूरी मिल गई थी। लोकसभा ने भी इस बिल को दो तिहाई बहुमत के साथ पास किया था। इसके पक्ष में 454 और विरोध में दो वोट पड़े थे।

वोटिंग से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में बोलते हुए कहा, नारी शक्ति को विशेष सम्मान सिर्फ विधेयक से नहीं मिल रहा है। इस विधेयक के प्रति सभी राजनीतिक दलों की सकारात्मक सोच होना, ये हमारे देश की नारी शक्ति को नई ऊर्जा देगा। उन्होंने कहा कि महिला नेतृत्व उज्ज्वल भविष्य की गारंटी है। विधेयक के पास होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारे देश की लोकतांत्रिक यात्रा में एक निर्णायक क्षण है। 140 करोड़ भारतीयों को बधाई। मैं उन सभी राज्यसभा सांसदों को धन्यवाद देता हूं, जिन्होंने नारी शक्ति वंदन अधिनियम के लिए वोट किया। इस तरह का सर्वसम्मत समर्थन वास्तव में खुशी देने वाला है। संसद में नारी शक्ति वंदन अधिनियम के पारित होने के साथ, हम भारत की महिलाओं के लिए मजबूत प्रतिनिधित्व और सशक्तिकरण के युग की शुरुआत करते हैं।

आनंद महिंद्रा ने कनाडा को दिया तगड़ा झटका, समेटा अपना कारोबार

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आनंद महिंद्रा भारत के दिग्गज कारोबारी हैं। वह महिंद्रा कंपनी के मालिक हैं, जो कि गाड़ियां बनाती है।आनंद महिंद्रा सोशल मीडिया पर काफी मशहूर हैं। भारत और कनाडा के बीच जारी तनाव के बीच देश के इस बिजनेसमैन ने बड़ा फैसला लिया है जिससे कारोबारी जगत में हड़कंप मच गया है। आनंद महिंद्रा ने कनाडा से अपनी एक कंपनी का कारोबार बंद करने का फैसला ले लिया है। जिसकी सूचना शेयर बाजार को भी दे दी है।आनंद महिंद्रा के इस फैसले से कनाडा को तगड़ झटका लगा है।

महिंद्रा एंड महिंद्रा ने गुरुवार को कनाडा को तगड़ा झटका देते हुए अपनी कंपनी के ऑपरेशन को बंद कर दिया है। गुरुवार को जानकारी देते हुए महिंद्रा एंड महिंद्रा ने कहा कि उसकी कनाडा बेस्ड कंपनी रेसन एयरोस्पेस कॉरपोरेशन के ऑपरेशन को बंद कर दिया है। महिंद्रा एंड महिंद्रा के पास कंपनी की 11.18 फीसदी हिस्सेदारी थी, जिसने स्वैच्छिक रूप से ऑपरेशनल बंद करने के लिए आवेदन किया। इस फैसले के बाद महिंद्रा एंड महिंद्रा के शेयरों में बड़ी गिरावट देखने को मिली है।

महिंद्रा एंड महिंद्रा (एमएंडएम) ने शेयर बाजार को दी जानकारी में कहा कि रेसन को कॉर्पोरेशन कनाडा से 20 सितंबर 2023 को कामकाज बंद करने की मंजूरी के लिए आवश्यक दस्तावेज मिल गए, जिसकी सूचना कंपनी को दी गई। कंपनी ने बताया कि इसके बाद रेसन ने अपना संचालन बंद कर दिया। वह 20 सितंबर 2023 से कंपनी की सहयोगी नहीं है।

इस खबर के बाद आनंद महिंद्रा के शेयरों में बड़ी गिरावट दर्ज की गई। बाजार बंद होने से 10 मिनट पहले आनंद महिंद्रा के शेयर 3 फीसदी की गिरावट के साथ 1584 रुपये का कारोबार कर रहे थे। कारोबारी सत्र के दौरान कंपनी का शेयर साढ़े तीन फासदी की गिरावट के साथ 1575.75 रुपये के साथ दिन के लोअर लेवल पर भी गया।

“कनाडा आतंकियों के लिए बना सुरक्षित पनाहगाह“, तनाव के बीच भारत सरकार का बड़ा आरोप

#modi_govt_canada_safe_haven_for_terrorists 

पिछले साल मई में लोकप्रिय पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की नृशंस हत्या के बाद दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल सहित सुरक्षा एजेंसियों ने कनाडा के खालिस्तानी आतंकवादियों और भारत में तमाम अपराधों में शामिल गैंगस्टरों के लिए एक सुरक्षित पनाहगाह के तौर पर देखा है।खालिस्तानियों को पनाह देने वाले कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो से मोदी सरकार ने सवाल किया है। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि कनाडा में आतंकियों को शरण दी जा रही है। सवाल है कि क्या वहां के राजनीतिक नेतृत्व में इस पर कार्रवाई करने की हिम्मत है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में ये बात कही।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार को कहा कि कनाडा आतंकवादियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह बन गया है। अरिंदम बागची ने कहा, मुझे लगता है कि चरमपंथियों और संगठित अपराध के लिए आतंकवादियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह के रूप में कनाडा की प्रतिष्ठा बढ़ रही है। मुझे लगता है कि यही वह देश है जिसे अपनी अंतरराष्ट्रीय मान-सम्मान के बारे में चिंता करने की ज़रूरत है।

प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा है कि कनाडा ने निज्जर के मामले में उसकी मौत के बाद और ना अभी कोई ठोस जानकारी भारत के साथ साझा की है। वहीं भारत ने अपने यहां वांटेड आतंकी और अपराधियों के सौंपे जाने की माँग के साथ जानकारियां शेयर की हैं। बागची ने कहा है कि कनाडा में रहकर आतंक फैला रहे लोगों की जानकारी वहां की सरकार को दी गई लेकिन उनपर कोई एक्शन नहीं हुआ है।

कनाडा में वीजा सेवाओं को बंद करने के फैसले पर भी अरिंदम बागची ने प्रतिक्रिया दी। अरिंदम बागची ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि कनाडा में हमारे उच्चायोग और वाणिज्य दूतावासों की सुरक्षा को खतरा है, आप सभी इससे अवगत हैं। इन खतरों से वहां सामान्य कामकाज बाधित हो गया है। इसके मद्देनजर हमारे उच्चायोग और वाणिज्य दूतावास अस्थायी तौर पर वीजा आवेदन प्रक्रिया को पूरा कर पाने में सक्षम नहीं है। हम रेग्यूलर बेसिस पर इसकी समीक्षा करते रहेंगे।

अरिंदम बागची ने कहा कि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो का बयान राजनीति से प्रेरित है। कनाडा एक ऐसा देश है जिसे अपनी अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा के बारे में चिंता करने की जरूरत है। कनाडा में भारतीय वाणिज्य दूतावास में सुरक्षा बढ़ाने के सवाल के जवाब में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, हमारा मानना है कि सुरक्षा प्रदान करना मेजबान सरकार की ज़िम्मेदारी है। कुछ जगहों पर हमारी अपनी सुरक्षा व्यवस्था भी है। लेकिन इस पर सार्वजनिक रूप से चर्चा नहीं करना ठीक नहीं है। यह उचित स्थिति नहीं है। कनाडा के आरोपों पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, हां ये आरोप कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने प्रधानमंत्री मोदी के सामने उठाए थे और प्रधानमंत्री मोदी ने इन्हें खारिज कर दिया था।