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औरंगाबाद में नहीं है एनेस्थीसिया डॉक्टर:पिछले 6 महीने में नहीं हुए एक भी ऑपरेशन, 9 साल पहले मॉडल अस्पताल का मिल चुका है दर्जा

औरंगाबाद सदर अस्पताल को मॉडल अस्पताल का दर्जा 9 साल पहले ही प्राप्त हो चुका है। लेकिन आज भी अस्पताल में मरीजों को वह सारी सुविधा नहीं मिल पा रही, जो कि एक मॉडल अस्पताल में होनी चाहिए। अस्पताल प्रबंधन ने अभी हाल में ही पुरुष नसबंदी एवं महिला बंध्याकरण को लेकर जागरूकता पखवाड़ा चलाया था। लेकिन पिछले 6 महीने से सदर अस्पताल में एक ही सिजेरियन नहीं हुआ है। सिजेरियन ना होने का कारण एनेस्थीसिया के चिकित्सक का ना होना बताया जा रहा है। सदर अस्पताल में मामूली ऑपरेशन के लिए आए मरीज को निजी क्लीनिक का सहारा लेना पड़ता है।

ऐसे में उन्हें छोटे-छोटे ऑपरेशन के लिए 40 से 50 हजार तक बेवजह खर्च करने पड़ते हैं। लेकिन इसकी फिक्र ना तो सरकार को है और ना ही अस्पताल प्रबंधन को। स्थिति यह हो गई है कि यहां का ऑपरेशन थिएटर में एक भी मरीज का ऑपरेशन नहीं हुआ है। प्रतिदिन यहां ग्रामीण क्षेत्र के मरीज ऑपरेशन की आस को लेकर आते हैं। लेकिन उन्हें निराशा ही हाथ लगती है। हालांकि सदर अस्पताल में ऑपरेशन की व्यवस्था बहाल करने के लिए पूर्व में राज्य सरकार के द्वारा एक वर्ष पूर्व तीन एनेस्थीसिया चिकित्सक भेजे गए। लेकिन उनमें से दो ने योगदान दिया लेकिन एक दिन भी ऑपरेशन के कार्य में शामिल नहीं हुए और नौकरी छोड़कर चले गए।

उस वक्त गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉक्टर कुमार महेंद्र थे और उन्होंने एनेस्थीसिया की ट्रेनिंग ले रखी थी। जिसके कारण सदर अस्पताल में ऑपरेशन हुए। परंतु उनका पदस्थापन जमुई सीएस के रूप में हो गया और वे यहां से चले गए। उनके जाने के बाद अस्पताल में ऑपरेशन का कार्य बंद हो गया।

जानकारी के अनुसार जिले के तीन अस्पतालों में सिजेरियन की व्यवस्था की गई है। जिसमें सदर अस्पताल, रेफरल अस्पताल कुटुंबा और अनुमंडल अस्पताल दाउदनगर शामिल है। लेकिन कहीं भी एनेस्थीसिया के डॉक्टर नहीं होने के कारण ऑपरेशन नहीं हो पा रहे हैं। सदर अस्पताल में एक महीना में 50 ऑपरेशन का लक्ष्य है। लेकिन अभी तक वह लक्ष्य पूरा नहीं हो सका है। यानी की 6 महीना में एक भी जरूरतमंद का ऑपरेशन सदर अस्पताल में नहीं हुआ है।

इस संबंध में सिविल सर्जन डॉक्टर रवि भूषण श्रीवास्तव ने बताया कि सदर अस्पताल में एनेस्थीसिया के चिकित्सक के न होने के कारण यहां ऑपरेशन का कार्य पिछले 6 माह से बंद है। उन्होंने बताया कि चिकित्सक चाहे तो ऑपरेशन कर सकते हैं लेकिन चिकित्सीय एथिक्स के अनुसार वह सही नहीं है। ऐसी स्थिति में कोई चिकित्सक रिस्क नहीं लेना चाहता। क्योंकि कभी कोई केस खराब हो जायेगा तो परेशानी उत्पन्न हो सकती है।

जानकारी मिली है कि सदर अस्पताल के अलावा कुछ पीएचसी और सीएचसी में चिकित्सक अपने रिस्क पर जरूरतमंद लोगों का ऑपरेशन कर रहे हैं। जिससे उन अस्पतालों का टारगेट तो पूरा नहीं हो पा रहा है। लेकिन स्थिति शून्य नही है।सिविल सर्जन ने बताया कि एनेस्थीसिया चिकित्सक के लिए विभाग को पत्र लिखा गया है और उम्मीद है कि शीघ्र ही सदर अस्पताल सहित अन्य अस्पताल को एनेस्थीसिया के चिकित्सक प्राप्त होंगे।जिससे ऑपरेशन का कार्य संपादित किया जा सकेगा।

औरंगाबाद -16 लाख से लगाए गए हीरा बोरिंग से खेतों को सिंचाई के लिए नहीं मिल पा रहा पानी

खेतों तक पानी पहुंचाने के लिए कई तरह की योजनाएं चलाई जा रही है। लेकिन इसका लाभ किसानों को नहीं मिल रहा है। कुछ ऐसा हाल है ओबरा प्रखंड के नारायणपुर गांव की है। इस गांव में वर्ष 2003-04 में किसानों की सुविधा के लिए हीरा बोरिंग का निर्माण कराया गया था। इस निर्माण कार्य में लगभग 16 लाख रुपए खर्च कर 400 बिगहा जमीन को सिंचित करने के लिए बनाया गया था। यह हीरा बोरिंग उक्त गांव के समीप पुनपुन नदी के किनारे बनाया गया ताकि पुनपुन नदी से पानी लेकर किसानों के खेतों तक पहुंचाया जा सके।

इसके लिए हीरा बोरिंग से लेकर किसान के खेतों तक पाइप लाइन बिछाई गई। शुरुआती दौर में ये लगभग 2 साल सही तरीके से चला। किसान भी काफी खुश थे क्योंकि उनके खेतों तक पानी पहुंच रही थी। लेकिन सही तरीके से पाइप लाइन नहीं बिछाने के कारण वह कहीं कहीं जाम हो गया तो कहीं टूटकर ध्वस्त हो गया। जिसके कारण किसानों के खेतों तक सिंचाई के लिए पानी नहीं पहुंच सका। विभागीय उदासीनता के कारण उसके बाद यह पूरी तरह से बंद पड़ा रह गया। लगभग 14 सालों से यह योजना बंद पड़ा हुआ है।

किसानों ने कहा- सिंचाई विभाग की लापरवाही के कारण बंद पड़ा है यह योजना : स्थानीय किसान अंबुज शर्मा, अरुण शर्मा, कपिल देव नारायण सिंह, पिंटू शर्मा, सच्चिदानंद सिंह, विक्रम शर्मा, अखिलेश शर्मा, महेश शर्मा सहित अन्य ने बताया कि हीरा बोरिंग का निर्माण होने से हम सभी किसानों में एक उम्मीद की किरण जगी थी कि अगर बरसात कम हो तो भी इसके माध्यम से हम सभी किसान अच्छे फसल का पैदावार कर सकते हैं। लेकिन कुछ ही दिन में यह बंद हो गया।

फिर एक माह से बंद पड़ा है हीरा बोरिंग किसानों ने बताया कि लगभग एक माह से हीरा बोरिंग फिर से बंद पड़ा है। जब चालू था तो आसपास के कुछ किसान डिलीवरी पाइप से अपने खेतों तक पानी ले जा रहे थे। लेकिन जिस उद्देश्य के साथ इसका निर्माण किया गया था। वह उद्देश्य सफल नहीं हो सका।

कोर्ट के आदेश की अवहेलना करना थाना प्रभारी को पड़ा महंगा, वेतन कटौती का जारी हुआ आदेश

औरंगाबाद: आज व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद के एडीजे सप्तम सुनील कुमार सिंह ने नगर थाना प्रभारी के वेतन से दस हजार रुपए कटौती का आदेश जारी किया है। 

अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि नगर थाना कांड संख्या -513/23 में नियमित जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान न्यायधीश ने यह आदेश दिया है। 

अधिवक्ता ने बताया कि इस वाद में नगर थाना से कांड दैनिकी और अभियुक्त के अपराधिक इतिहास की मांग 24/08/23 को की गई थी। स्मारपत्र 05/09/23 को भेजा गया था, इसके बावजूद कोर्ट से मांगी गई प्रतिवेदन न्यायालय में पेश नहीं किया गया। 

आदेश के अवमानना को देखते हुए पुनः कारण पृच्छा 14/09/23 को की गई, जो अभी तक अप्राप्त है। आज न्यायधीश ने आदेश में कहा है कि आदेश का अवहेलना को देखते हुए विधि सम्मत कार्यवाही उचित प्रतीत होता है आदेश के घोर अवहेलना के कारण याचिका पर सुनवाई लम्बित है इसलिए थानाप्रभारी के वेतन से दस हजार रुपए कटौती का आदेश दिया जाता है। 

इसके अनुपालन के लिए आरक्षी अधीक्षक और कोषागार पदाधिकारी औरंगाबाद को आदेश का एक एक कोपी भेजा जा रहा है।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

बिहार की पंचायती राज संस्थाओं में मुख्यमंत्री ने आधी आबादी को दिया आधा आरक्षण, संसद व विधानसभाओं में भी महिलाओं को नीतीश ही दिलाएंगे हक : मंत्री


औरंगाबाद : बिहार सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री सुमित कुमार सिंह ने कहा है कि जनता दल यूनाईटेड तथा हमारे नेता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हमेशा से महिला आरक्षण के पक्षधर रहे है। वें आज भी इसके पक्षधर है। यही वजह है कि जेडीयू संसद में पेश किए गए महिला आरक्षण बिल के पक्ष में है। 

श्री सिंह ने बुधवार को यहां प्रेसवार्ता में कहा कि नीतीश कुमार हमेशा महिलाओं का हित देखते है। वें सही मायने में महिलाओं के सच्चे हितैषी है। 

कहा कि नीतीश कुमार ने ही बिहार की पंचायती राज संस्थाओं में आधी आबादी को आधा आरक्षण दिया। इससे राज्य की स्थानीय राजनीति में महिलाएं सशक्त हुई है। महिलाओं को अभी और सशक्त बनाना जरूरी है। महिलाओं का लोकसभा, राज्यसभा एवं राज्यों की विधानसभाओं तथा विधान परिषदों में प्रतिनिधित्व बढ़े, इसके लिए आधी आबादी को यहां भी आरक्षण दिया जाना जरूरी है। 

कहा कि जिस तरह नीतीश कुमार ने पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया और वें ही महिलाओं को उपरी सदन में भी 33 प्रतिशत आरक्षण दिलाएंगे, बस उनपर भरोसा रखिए और उनका साथ दीजिएं। 

उन्होने कहा कि भाजपा की महिला आरक्षण के प्रति नीयत पर उन्हे संदेह है और पार्टी आरक्षण के नाम पर महिलाओं को लॉलीपॉप दिखा रही है। इसके बावजूद जेडीयू महिला आरक्षण के पक्ष में है ताकि भाजपा इसे संसद में पारित कराने की हिम्मत दिखाएं। उन्हे इस बात की कतई उम्मीद नही है कि मोदी सरकार महिला आरक्षण बिल को पास कराएगी। दरअसल इस मामले में भाजपा की नीति और नीयत दोनों पर शुरू से ही संदेह रहा है। 

सुमित सिंह ने कहा कि भाजपा अड़ंगेबाज पार्टी है और हर मामले में टांग अड़ाना उसकी आदत है। भाजपा ने बिहार में जातीय सर्वे में भी टांग अड़ाने का काम किया है। जातीय सर्वे न हो, इसके लिए भाजपा पर्दे के पीछे से खेल रही है। उसने हाइकोर्ट में अड़ंगा लगवाया। अब सुप्रीम कोर्ट में भी अड़ंगा डलवा रही है। यह सब करने के बावजूद राज्य में जातीय सर्वे का काम रूकने वाला नही है और उन्हे पूरी उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला राज्य सरकार के पक्ष में आएगा और जातीय सर्वे के आंकड़े सार्वजनिक होंगे। 

कहा कि भाजपा के जनविरोधी दोहरे चरित्र को उजागर करने के लिए ही जेडीयू ने भाजपा की पोल खोलो अभियान शुरू किया है।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

शहर में लगातार हो रही चोरी की घटना पर अकुंश लगाने के प्रयास में पुलिस को मिली एक सफलता, एक चोर को किया गिरफ्तार

औरंगाबाद : शहर के विभिन्न मुहल्लों में लगातार हो रही चोरी की घटनाओं के बीच पुलिस को अथक प्रयास के बाद बुधवार को एक चोर को गिरफ्तार करने में सफलता मिली है। पुलिस गिरफ्तार चोर से शहर में लगातार हो रही चोरी का राज उगलवाने में लगी है। पुलिस को उम्मीद है कि शीघ्र ही चोरों के गिरोह के एक बड़े नेटवर्क का खुलासा होगा।

नगर थानाध्यक्ष पंकज कुमार सैनी ने बताया कि शहर के सत्येंद्र नगर, क्षत्रिय नगर और महाराणा प्रताप नगर में हुए करीब एक दर्जन घरों में चोरी की घटनाओं के मामले में पुलिस को पहली सफलता हाथ लगी है। मामले में एक चोर को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार चोर की पहचान एनटीपीसी खैरा थाना क्षेत्र के सुरार गांव निवासी आनंद कुमार के रूप में की गई है।

थानाध्यक्ष ने बताया कि सत्येंद्र नगर के संजय सिंह के घर हुई चोरी की मामले में गिरफ्तार चोर ने अपनी संलिप्तता स्वीकार की है। उसने चोरी की अन्य घटनाओं में भी शामिल रहने की भी जानकारी दी है।

उन्होंने बताया कि गिरफ्तार चोर की निशानदेही एवं सूचना पर अन्य चोरों की गिरफ्तारी के लिए विभिन्न संदिग्ध ठिकानों पर लगातार छापेमारी की जा रही है। शीघ्र ही शहर के सभी चोरी की घटनाओं का उद्भेदन कर लिया जाएगा।

गौरतलब है कि शहर में हो रही चोरी की घटनाओं को लेकर पूर्व राज्यपाल निखिल कुमार तत्कालीन एसडीपीओ सह एएसपी स्वीटी सहरावत के आवास पहुंच गए थे और एसडीपीओ द्वारा न सिर्फ प्रोटोकाल का उल्लंघन किया गया था बल्कि पूर्व राज्यपाल को कार्यालय में आकर अपनी समस्याओं को रखने की बात कही गई थी।एसडीपीओ के इस व्यवहार पर पूर्व राज्यपाल ने उन्हे पुलिस मैन्युअल का पाठ पढ़ाया था। उस वक्त यह मामला काफी सुर्खियों में रहा था। इसके बाद शहर के महाराणा प्रताप नगर में चोरी की घटना से आहत महिलाओं ने मीटिंग कर पुलिस को 15 दिन में सभी कांडों का उद्भेदन करने का अल्टीमेटम दिया था और 15 दिन में उद्भेदन नही होने पर सड़क पर उतर कर आंदोलन किए जाने की धमकी भी दी थी।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

*अफीम के दो कारोबारी गिरफ्तार, 8 माह से पुलिस कर रही थी तलाश

औरंगाबाद : जिले के देव प्रखंड में ढ़िबरा थाना की पुलिस ने अफीम के दो कारोबारियों को गिरफ्तार किया है। 

बताया जाता है कि दोनों ने मिलकर 14 बीघा जमीन में करोड़ों रूपये की अफीम की खेती की थी। इस खेती को पुलिस ने इसी साल 7 फरवरी को जेसीबी से रौंद कर नष्ट कर दिया था। इसी मामले में पुलिस ने दोनों अफीम किसान व कारोबारी को गिरफ्तार किया है। 

दोनों पिछले आठ माह से फरार चल रहे थे। गिरफ्तार अफीम कारोबारियों में छुछिया गांव निवासी सरोज भोक्ता एवं शिवकुमार भोक्ता शामिल है। 

ढ़िबरा थानाध्यक्ष पवन कुमार ने बताया कि मामले में पूर्व में भी अफीम की खेती करने वाले राजेन्द्र भोक्ता एवं तेतर भोक्ता को गिरफ्तार कर पहले ही पुलिस जेल भेज चुकी है। 

वही इस कांड के फरार दो अभियुक्तों छुछिया गांव निवासी सरोज भोक्ता एवं शिवकुमार भोक्ता को बुधवार को गिरफ्तार किया गया है। 

वही मामले में दो अभियुक्त अभी भी फरार है, जिन्हे पुलिस सरगर्मी से तलाश रही है।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

देसी कट्टा के साथ सेल्फी वायरल करना युवक को पड़ा महंगा, पुलिस ने किया गिरफ्तार

औरंगाबाद : देसी कट्टा के साथ सेल्फी लेकर फोटो वायरल करना एक युवक को महंगा पड़ा। मामले में गोह थाना पुलिस ने मंगलवार को एक युवक को गिरफ्तार कर थाना लाया है। 

बताया जाता है कि गिरफ्तार युवक गोह थाना क्षेत्र के प्राणपुर गांव के लाल मोहन प्रसाद का 22 वर्षीय पुत्र अनुज कुमार गुप्ता है। 

गिरफ्तार युवक अपनी बहन की शादी में आए हुए दोस्तों के साथ देसी कट्टा को लेकर सेल्फी खिंचवाया था और सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया था। 

मिडिया रिपोर्ट के अनुसार वायरल फोटो की पुष्टि नहीं की जा रही है। लेकिन गिरफ्तार युवक के द्वारा गोह थाना क्षेत्र के पुंदौल गांव निवासी मुकेश कुमार को एक सप्ताह पूर्व जान से मारने की धमकी दी गई थी। 

गिरफ्तार युवक अनुज कुमार गुप्ता व मुकेश कुमार के बीच पैसे की लेन देन को लेकर काफी दिनों से विवाद चल रहा था। इसी बीच मुकेश कुमार ने गिरफ्तार युवक के खिलाफ थाने में लिखित आवेदन दी है। 

जिसमें आवेदन के आधार पर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए , आरोपी को गोह गोलापर से गिरफ्तार कर बुधवार को जेल भेज दिया। 

थानाध्यक्ष कमलेश पासवान ने बताया कि मामले पुंदौल गांव निवासी मुकेश कुमार के बयान पर कांड संख्या 313 / 23 दर्ज किया गया है।

गोह से गौतम कुमार

बच्चा चोर गिरोह का एक सदस्य गिरफ्तार, 25 हजार में बच्चा चोरी करने के लिए 15 हजार ले लिया था एडवांस

औरंगाबाद जिले के सलैया थाना क्षेत्र के नीमा ताड़ी गांव से एक बच्चा चोरी का मामला सामने आया है जहां ग्रामीणों ने बच्चा चोर गिरोह के एक सदस्य को पकड़ लिया और जमकर उसकी पिटाई करने के बाद पुलिस को सौप दिया। बच्चे की पहचान नीमा ताड़ी गांव निवासी विनेशर भुइयां के 3 वर्षीय पुत्र हैप्पी राज के रूप में की गई।

हैप्पी राज का अपहरण उस वक्त किया गया जब घर की महिला हरितालिका तीज के व्रत को लेकर सामूहिक पूजा कर रही थी और बच्चा खाट पर सोया हुआ था। तभी घर में अपहरणकर्ता घुसे और उसे उठाकर चल दिया।जब पूजा करने के बाद मां बबिता देवी घर में आई तो बच्चा नहीं मिला जिसके बाद घर और गांव में हंगामा मच गया।

हंगामा सुन गांव के लोगों ने आसपास बच्चे को ढूंढा मगर बच्चे का कुछ अता पता नहीं चल सका। तभी थोड़ी देर के बाद एक व्यक्ति बच्चा लेकर खेत के तरफ भाग रहा था। ग्रामीणों ने उसका पीछा किया और उसे पकड़ लिया। और उसकी पिटाई कर डाली फिर पुलिस को इसकी सूचना दी। सूचना मिलते ही थानाध्यक्ष बेंकेटेश्वर ओझा और एसआई अंकित कुमार अपने दल बल के साथ मौके पर पहुंचे और चोर को अपने कब्जे में लेकर थाना लाया।

पूछ ताछ के क्रम में वे अपना नाम दिनेश कुमार उर्फ छेदी पिता लालमोहन राम ग्राम बेरी टोले भुटोली,थाना सलैया ,जिला औरंगाबाद के निवासी बताया है। जब पुलिस ने इस मामले में उससे कड़ी से पूछताछ की तो घटना को लेकर कई राज खोला है। उसने बताया मेरे आलावा तीन लोग और इस धंधे में शामिल है जिसमे एक लड़के को गोखुल बिगहा छोड़ा गया है। एक लड़के को तेतरिया छोड़ा गया है और एक लड़के का मुझे मालूम नहीं है और मुझे नीमा ताड़ी छोड़ा गया है।

पलटिना बाइक से जिसपर मदनपुर थाना क्षेत्र के खिरियावां निवासी गिरोह के मुख्य सरगना इरफान अंसारी उर्फ खान भाई एवं एक और लड़का उस पलटीना गाड़ी पर था।साथ ही इस धंधे में संलिप्त योगेंद्र दास को भी बताया है जो ग्राम बेरी टोले भुटोली गांव के रहने वाला है आगे बताया की इस धंधे के लिए एक स्लाइडर चार पहिया गाड़ी थी जिसमे बच्चा को चोरी करके ले जाते थे इसके बदले में खान भाई 25 हजार रूपए देने की बात कही थी जिसमे 15 हजार रूपए पहले एडभांश दे चुका है साथ ही कहा इस कार्य करवाने के लिए बेरी योगेंद्र दास उर्फ योगी रविदास ने मुझे खान भाई से मिलवाया था और बोला था की लड़का चोरी करोगे तो बड़ा आदमी बन जाओगे।

वहीं पुलिस सूत्रों की माने बच्चा चोर गिरोह के मुख्य सरगना खान भाई उर्फ इरफान अंसारी है जो अभी भी पुलिस के पकड़ से दूर है । विनेशर भुइया के पत्नी बबिता देवी के आवेदन पर प्राथमिकी दर्ज करते एक चोर को पकड़ा गया है जबकि इस गिरोह में शामिल अन्य लोगों के गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

बालू तस्करों, शराब माफियाओं की अब खैर नहीं, पुलिस की है पैनी नजर :- एसडीपीओ


औरंगाबाद : बालू तस्करों, शराब माफियाओं की अब खैर नहीं है। पुलिस की उनपर पैनी नजर है।जिले में नवपदस्थापित सदर एसडीपीओ अम्मानुलाह खां ने उक्त बातें सोमवार को एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान कही।

आपको बता दें इन दिनों झारखंड राज्य के सीमावर्ती जिला औरंगाबाद जहां बालू एवम शराब की तस्करी को लेकर काफी चर्चा है। ऐसे में सदर अनुमंडल पदा औरंगाबाद के लिए शराब और बालू तस्कर पर लगाम लगाना किसी चुनौती से कम न है।

औरंगाबाद जिला झारखंड और बिहार दो राज्यों की सीमावर्ती होने के कारण इन क्षेत्रों में बालू माफिया और शराब माफिया तंत्र काफी सक्रिय हैं।

नव पदस्थापित एसडीपीओ अमानतुल्लाह खां ने इस मामले पर कड़ा रुख अख्तियार करते हुए कहा की अब तस्करों की खैर नहीं। हर तरह से पैनी नजर रखी जाएगी और फौरी रूप से तस्कर अब कानून के शिकंजे में जकड़े जाएंगे।

कानून व्यवस्था कायम करने की दिशा में एसडीपीओ ने सभी लोगों का सहयोग करने की पहल पर जोर दिया है ताकि पुलिस और जनता के बीच में मैत्री संबंध कायम हो सके।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

जिले तक पहुंचा महिला आरक्षण बिल मामला, सत्ता पक्ष और विपक्ष एक-दूसरे पर लगा रहे गंभीर आरोप

औरंगाबाद : संसद के विशेष सत्र में महिला आरक्षण बिल लाए जाने के मुद्दे पर पक्ष-विपक्ष में तलवारें खिंच गई है। दोनों ही एक-दूसरे को महिला आरक्षण का विरोधी करार दे रहे है। इसके लिए पुराने बयानों का भी सहारा लिया जा रहा है।

विधेयक को लेकर पक्ष-विपक्ष में खिंची तलवार सिर्फ देश-प्रदेश की राजधानी तक ही सीमित नही है बल्कि यह तलवार जिलों तक भी खिंच गई है। बिहार के औरंगाबाद में भी इसे लेकर पक्ष-विपक्ष में इसी तरह तलवारें खिंची दिखी।

महिला आरक्षण बिल पर भाजपा की नीयत पर सवाल उठाते हुए जदयू ने कहा कि यें नौ साल पहले कहां थे। आज जब लोकसभा चुनाव की बारी आई तो उन्हे महिला आरक्षण याद आ रहा है। अब यें महिला आरक्षण का लॉलीपॉप दिखा रहे है। आजतक इन्होने लॉलीपॉप दिखाने का ही काम किया है।

कहा कि मोदी सरकार ने पहले एक करोड़ रोजगार देने का लॉलीपॉप दिखाया लेकिन रोजगार नही दिया। विदेशों में जमा काला धन वापस लाकर हर भारतीय के खाते में 15-15 लाख भेजने का वादा किया। यह वादा भी पूरा नही हुआ और भी ढ़ेर सारे वादे पूरे नही हुए। नौ साल तक भाजपा को महिला आरक्षण की याद नही आई और अब याद आ रही है।

कहा कि 11वीं लोकसभा में चुनाव जीतकर गए थे। मैं लोकसभा में 33 प्रतिशत महिला आरक्षण की मांग करने वाला पहला सांसद था। मेरी मांग के बाद ही देवगौड़ा सरकार ने आरक्षण बिल पेश किया था। हमारे नेता नीतीश कुमार महिला आरक्षण के पक्षधर है। उन्होने बिहार की पंचायती राज व्यवस्था में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया। पुलिस में भी महिलाओं को आरक्षण दिया। हम भी चाहते है कि महिलाओं को उनका हक मिले। उन्हे 33 प्रतिशत आरक्षण मिले। लेकिन इस मामले में मोदी सरकार की नीयत साफ नही है।

वही भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता पीयूष शर्मा ने आरोप लगाया कि यूपीए और महागठबंधन महिला आरक्षण विरोधी है। जदयू को तो महिला आरक्षण पर कुछ भी बोलने का अधिकार नही है। शरद यादव के बयान को याद कर लीजिए। उन्होने ही कहा था कि महिला आरक्षण बिल पास हो जाएंगा तो वें जहर खा लेंगे।

कहा कि जदयू, राजद, समाजवादी पार्टी सभी महिला आरक्षण के विरोधी है। कहा कि 1998 में भाजपा महिला आरक्षण बिल पास कराना चाहती थी। उस वक्त राजद के ही सांसद सुरेंद्र यादव ने लोकसभा में लालकृष्ण आडवाणी के हाथों से महिला आरक्षण बिल को लेकर फाड़ने का काम किया था। ये सब उदाहरण उन्हे महिला आरक्षण विरोधी साबित कसने के लिए काफी है।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र