बाबा बागेश्वर गया आकर करेंगे अपने पूर्वजों का पिंडदान, उनके के दादा ने भी किया था गया में पिंडदान, बही खाते में जिक्र
गया : बाबा बागेश्वर धाम के आचार्य पंडित धीरेंद्र शास्त्री के पीढियों की ने गया में पिंडदान किया था. बाबा बागेश्वर के दादा भगवान दास गर्ग उर्फ सेतु लाल गर्ग गया में पिंडदान करने को पहुंचे थे. इससे जुङा पुरखों का आंंकङा गया पाल पंडा के पास मौजूद है. यह खास इसलिए है, क्योंकि इस बार पितृ पक्ष मेले में पंडित धीरेंद्र शास्त्री भी गया को पहुंचेंगे और अपने पितरों का पिंडदान करेंगे.
बाबा बागेश्वर के पूर्वजों ने किया था गया में पिंडदान
गया में पितृपक्ष मेले में देश के कोने-कोने और विदेशों से भी तीर्थयात्री आते हैं. ऐसे में बाबा बागेश्वर के पूर्वज भी इससे अछूते नहीं हैं. बाबा बागेश्वर धाम के आचार्य पंडित धीरेंद्र शास्त्री के दादा भगवान दास गर्ग उर्फ सेतु लाल गर्ग भी गया को पहुंचे थे और अपने पितरों का पिंडदान किया था. फसली संवत के अनुसार वे 1398 (अभी का अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार 1988) में गया को पहुंचे थे और गया में अपने गयापाल पंडा गजाधर लाल कटारिया के पूर्वज से अपने पितरों का पिंडदान कराया था. इसका बही खाता आज भी गजाधर लाल कटारिया के यहां मौजूद है. गौरतलब हो कि गया में पिंडदान करने वालों का बही खाता गयापाल पंडा समाज के पास रहता है. इसमें क्षेत्रवार पंडा समाज का बंटवारा होता है, जिसके अनुसार तीर्थयात्री संबंधित क्षेत्र से जुड़े गया पाल पंडा के यहां पहुंचते हैं और उन्हीं के सानिध्य में पितरों का पिंडदान कर्मकांड संपन्न करवाते हैं.
पूर्वजों का भी जिक्र, परदादा मुरलीधर भी पहुंचे थे
बाबा बागेश्वर धाम के आचार्य पंडित धीरेंद्र शास्त्री के पूर्वज गया को पहुंचे थे और कई पीढियां का यहां आगमन बताया जाता है. फिलहाल में पंडित धीरेंद्र शास्त्री के दादा भगवान दास गर्ग उर्फ सेतु लाल गर्ग का गया जी पहुंचना बताया गया है. इसकी पुष्टि उड़ीसा भवन के गजाधर लाल कटारिया करते हैं. इनके पास वह बही खाता भी है, जिसमें भगवान दास गर्ग (सेतु लाल गर्ग) के नाम का जिक्र है. यह भी बताया जाता है, कि इसके पूर्व बाबा बागेश्वर की कई पीढ़ियां गया जी पिंडदान करने को आ चुके हैं. यहां बाबा बागेश्वर के परदादा मुरलीधर भी पहुंचे थे और पितरों के निमित्त पिंडदान किया था.
बाबा बागेश्वर के गांव के सारे लोग उड़ीसा भवन को पहुंचते हैं
बाबा बागेश्वर के गांव के लोगों का पिंडदान से जुड़ाव गया में स्थित उड़ीसा भवन से है. बाबा बागेश्वर मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के गढा गांव से जुड़े हैं. वहीं, गयापाल पंडा गजाधर लाल कटारिया की मानें, तो छतरपुर के गढा गांव के सारे जजमान उन्हीं के यहां आते हैं. इस गांव के सारे तीर्थयात्री उड़ीसा भवन ही आते हैं और अभी वर्तमान में गजाधर लाल कटारिया के द्वारा ही इस जिला इस गांव के तीर्थ यात्रियों के पितरों के नाम कराए जाने वाले पिंडदान कर्मकांड कराए जाते हैं.
बागेश्वर बाबा के आने की चर्चा से चर्चित हुआ उड़ीसा भवन
बागेश्वर बाबा के पूर्वज उड़ीसा भवन को पहुंचे थे और संबंधित अपने गयापाल पंडा से पितरों का पिंडदान कराया था और अब बाबा बागेश्वर खुद भी अपने पितरों का पिंडदान करने को गया जी आ रहे हैं. जानकारी के अनुसार 1 अक्टूबर से 3 अक्टूबर तक वे गया में रहेंगे. इस दौरान वे अपने पितरों का पिंडदान का कर्मकांड करेंगे. वहीं, बताया जाता है कि वह विष्णुपद मंदिर में भगवान श्री हरि के दर्शन के अलावे मंगला गौरी और बोधगया महाबोधी मंदिर भी जाकर भगवान बुद्ध को नमन करेंगे. इस तरह पितृ पक्ष मेला 2023 में बाबा बागेश्वर के गया आगमन और उनके द्वारा पितरों के निमित्त पिंडदान किए जाने की खबर के बाद उड़ीसा भवन चर्चा में आ गया है, क्योंकि उनके पूर्वज इसी से जुड़े गया पाल पंडा समाज से अपने पितरों का पिंडदान करते रहे हैं.
काफी सुखद खबर है
इस संबंध में गजाधर लाल कटारिया बताते हैं, कि बड़ी खुशी की बात है, कि बाबा बागेश्वर गया में पितरों का पिंडदान करने को आएंगे. उनके पूर्वज हमारे जजमान रहे हैं. अभी यह जानकारी मिली है, कि बाबा बागेश्वर गया जी पहुंचकर पितरों का पिंडदान कराएंगे तो या काफी खुशी की बात है और पितरों के ऋण से उऋण होने के लिए यह जरूरी भी है.
गया से मनीष कुमार
Sep 17 2023, 21:23