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तो क्या बदल जाएगा देश का नाम? जी-20 में पीएम मोदी की टेबल पर 'इंडिया' की जगह दिखा 'भारत'

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देश में इन दिनों इंडिया बनाम भारत पर बहस चल रही है। भारत और इंडिया को लेकर चल रहे विवाद के बीच जी 20 समिट के दौरान इस बात को और बल मिला कि देश का नाम बदलने वाला है। दरअसल, जी-20 की शुरुआत शनिवार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण के साथ हो गई। मोदी ने जी-20 शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए देश का नाम लेते समय भारत शब्द का इस्तेमाल किया। इसके साथ ही प्रधानमंत्री जिस चेयर से संबोधित कर रहे थे उसके सामने भारत का प्लेट लगा हुआ था। इससे पहले मेहमानों को भी जो निमंत्रण दिया गया उसमें भारत शब्द का इस्तेमाल किया गया।

आज प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में इंडिया जी 20 प्रेसिडेंसी की जगह भारत जी20 प्रेसिडेंसी का इस्तेमाल किया। पीएम मोदी ने कहा कि भारत की जी20 प्रेसीडेंसी देश के भीतर और देश के बाहर समावेश और सबका साथ का प्रतीक बन गई है। भारत में ये पीपुल्स जी20 बन गया है। करोड़ों भारतीय इससे जुड़े, देश के 60 से ज्यादा शहरों में 200 से ज्यादा बैठकें हुईं। यही नहीं, जी-20 शिखर सम्मेलन की बैठक में पीएम मोदी के सामने रखी प्लेट पर इंडिया की जगह अंग्रेजी में भारत लिखा हुआ दिखा।

दरअसल किसी भी बैठक में सभी नेताओं के आगे देशों का नाम लिखा होता है। पीएम मोदी जब आज संबोधित कर रहे थे तो उनके सामने रखे कार्ड पर भारत लिखा हुआ था। भारत और इंडिया को लेकर विवाद देश में कई दिनों से चल रहा है। इस बीच G20 में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे प्रधानमंत्री के सामने भारत लिखना चर्चा का केंद्र बन गया है। साथ ही ये सवाल बी उठने लगे हैं कि देश का नाम बदलने की सुगबुगाहट थी कहीं वो सच तो नहीं।

इससे पहले जी-20 शिखर सम्मेलन को लेकर भेजे गए निमंत्रण पत्र में भी ‘प्रेजिडेंट ऑफ इंडिया’ की जगह ‘प्रेजिडेंट ऑफ भारत’ लिखा गया था, जिसकी वजह से देश का नाम बदले जाने की चर्चा छिड़ गई है। यही नहीं विपक्षी दलों की ओर से भी इंडिया की जगह भारत नाम लिखे जाने पर मोदी सरकार को घेरा गया। विपक्षी दल केंद्र सरकार के देश का नाम भारत किए जाने की कवायद को लेकर लगातार आलोचना कर रहा है।

गिरफ्तार हुई पन्ना राज परिवार की महारानी जीतेश्वरी कुमारी, भगवान जुगल किशोर मंदिर में मचाया था हंगामा, सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वीडियो

मध्य प्रदेश में पन्ना राजघराने की महारानी जीतेश्वरी देवी को गिरफ्तार कर लिया गया है। उन पर भगवान जुगल किशोर मंदिर में हंगामा करने तथा शासकीय कार्य मे व्यवधान डालने के आरोप लगाए गए हैं। कहा जा रहा है कि महारानी जीतेश्वरी देवी ने कृष्ण जन्माष्ठमी की आरती के चलते पूजा पद्धति को अपने मुताबिक कराए जाने की कोशिश की थी। मंदिर में उपस्थित पुजारियों और व्यक्तियों ने इसका विरोध किया। हंगामे के बीच आरती चलती रही और जीतेश्वरी देवी चवंर डुलाती रहीं। तत्पश्चात, उन्होंने मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश करने की कोशिश की तथा वो जमीन पर गिर गईं जिससे हंगामा मच गया। 

हंगामा होते देख मौके पर उपस्थित पन्ना पुलिस ने उन्हें मंदिर के गर्भ गृह से बाहर निकाला तथा मंदिर के परिसर से उठाकर बाहर कर दिया।

 सोशल मीडिया पर इस घटना का वीडियो जमकर वायरल हो रहा है। पन्ना के इतिहास में ये अब तक की सबसे निंदनीय घटना मानी जा रही है। इस मामले में पुलिस भी फूंक- फूंक कर कदम रख रही है। इस घटना पर पुलिस अधीक्षक पन्ना साई कृष्ण एस थोटा ने बताया कि बृहस्पतिवार को पन्ना के ऐतिहासिक जुगल किशोर मंदिर में हंगामा करने एवं आरती के चलते व्यवधान पैदा करने तथा सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने के मामले में जीतेश्वरी देवी को धारा 295 ए एवं 353 आईपीसी की धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया है। पुलिस द्वारा पन्ना महारानी को इस तरह घसीटने तथा बाहर उठाकर फेंकने जाने पर शहर में कई प्रकार की चर्चाएं हो रही हैं। 

घटनाक्रम को लेकर देर रात तक हंगामा चलता रहा। पुलिस द्वारा जीतेश्वरी देवी को मंदिर से बाहर करने का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि किस प्रकार पुलिस उन्हें घसीटते हुए बाहर कर रही है।

 गिरफ्तारी के पश्चात् पन्ना पुलिस द्वारा न्यायालय में पेश किया गया। जहां उनकी जमानत अर्जी खारिज कर दी गई तथा उन्हें जेल भेज दिया गया। जेल जाते जाते पन्ना महारानी ने 65 हजार करोड़ के डिफेंस वेलफेयर फंड के गवन के आरोप लगाए गए। उधर जीतेश्वरी देवी के अधिवक्ता एमएल अवस्थी ने बताया कि अदालत में वो फिर बेल के लिए प्रयास करेंगे। उम्मीद है कि महारानी जीतेश्वरी देवी को जमानत मिल जाएगी।

AAP ने जारी की मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ चुनाव के लिए उम्मीदवारों की पहली सूची, यहां पढ़िए पूरी लिस्ट

 मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ में इस वर्ष होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर AAP ने अपने उम्मीदवार की पहली लिस्ट जारी कर दी है। आम आदमी पार्टी ने छत्तीसगढ़-मध्य प्रदेश चुनाव के लिए पहली सूची में 10-10 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की है।

बता दें कि छत्तीसगढ़ में AAP ने दंतेवाड़ा से बालूराम भवानी, अकलतरा से आनंद प्रकाश मिरी एवं भटगांव से सुरेंद्र गुप्ता को मैदान में उतारा है। वहीं मध्य प्रदेश के सेवड़ा से संजय दुबे, दिमनी से सुरेंद्र सिंह तोमर, मुरैना से रमेश उपाध्याय एवं महाराजपुर से रामजी पटेल ताल ठोकेंगे।

AAP ने मध्य प्रदेश की इन सीटों पर उतारे प्रत्याशी

सेवड़ा- संजय दुबे

गोविंदपुरा- सज्जन सिंह परमार

हुजूर- डॉ. रविकांत द्विवेदी

दिमनी- सुरेंद्र सिंह तोमर

मुरैना- रमेश उपाध्याय

पेटलावाड़- कोमल दामोर

सिरमौर-सरिता पांडे

सिरोंज- आईएस मोर्ये

चुरहट- अनेंद्र गोविंद मिश्रा 'राजन'

महाराजपुर- रामजी पटेल

AAP ने छत्तीसगढ़ की इन सीटों पर उतारे प्रत्याशी

दंतेवाड़ा- बालूराम भवानी

नारायणपुर - नरेन्द्र कुमार नाग

अकलतरा - आनंद प्रकाश मिरी

भानुप्रतापपुर - कोमल हुपेंडी

कोरबा -विशाल केलकर

राजिम - तेजराम विद्रोही

पत्थलगांव - राजाराम लकड़ा

कवर्धा - खड़गराज सिंह

भटगांव -सुरेन्द्र गुप्ता

कुनकुरी - लेओस मिंज

छत्तीसगढ़ के लिए जारी 10 उम्मीदवारों में से 5 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं। 10 प्रत्याशियों में अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी की राज्य इकाई के प्रमुख कोमल हुपेंडी एवं किसान नेता तेजराम विद्रोही सम्मिलित हैं। AAP ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा कि छत्तीसगढ़ चुनाव के लिए AAP प्रत्याशियों की पहली सूची आ गई है। सभी प्रत्याशियों को शुभकामनाएं। इस बार चलेगी झाड़ू।

G20 में दिखा 'भारत' का दम, देश का नाम बदलने की चर्चाओं के बीच बड़ा संदेश दे गए पीएम मोदी

 भारत बनाम इंडिया विवाद के बीच एक बड़ा संदेश देते हुए, G20 शिखर सम्मेलन की शुरुआत करते समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने लगी नेम प्लेट पर "भारत" लिखा हुआ था। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के विश्व नेताओं को निमंत्रण में इंडिया की जगह भारत लिखने के फैसले से बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है। इससे यह अटकलें भी तेज हो गई हैं कि इस महीने के अंत में होने वाले संसद के विशेष सत्र का उद्देश्य भारत का नाम बदलकर भारत करने के इस प्रयास को औपचारिक रूप देना है।

बता दें कि, "भारत" का उपयोग विदेशी प्रतिनिधियों के लिए बनाई गई G20 पुस्तिका में भी किया गया है जिसका शीर्षक है - "भारत, लोकतंत्र की जननी"। पुस्तिका में कहा गया है, "भारत देश का आधिकारिक नाम है। इसका उल्लेख संविधान और 1946-48 की चर्चाओं में भी है।" इस मुद्दे को लेकर विपक्ष ने विपक्ष पर तीखा हमला बोला है। इंडिया गठबंधन के सदस्यों ने नरेंद्र मोदी सरकार पर "इतिहास को विकृत करने और भारत को विभाजित करने" का आरोप लगाया है।

भाजपा नेताओं ने तीखा पलटवार करते हुए विपक्ष पर देश विरोधी और संविधान विरोधी होने का आरोप लगाया है। उन्होंने संविधान के अनुच्छेद 1 की ओर इशारा किया है। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि 'भारत' शब्द का इस्तेमाल करने का फैसला औपनिवेशिक मानसिकता के खिलाफ एक बड़ा बयान है। "यह पहले ही हो जाना चाहिए था। इससे मुझे बहुत संतुष्टि मिलती है। 'भारत' हमारा परिचय है और हमें इस पर गर्व है।"

मध्यप्रदेश के शहडोल अस्पताल की दीवार पर बनवाई भगवान शिव की पेंटिंग, पढ़िए, इसमें चौंकाने वाली ये है वजह

मध्य प्रदेश के शहडोल में चौंकाने वाली घटना सामने आई है। कुशाभाऊ ठाकरे चिकित्सालय प्रबंधन ने चिकित्सालय परिसर के एक हिस्से को गंदगी से बचाने के लिए दीवार पर भगवान महादेव की पेंटिंग बना दी। तत्पश्चात, इस पेंटिंग पर हंगामा मच गया। लोगों ने स्वच्छता के नाम पर हिंदू देवी-देवताओं के इस प्रकार इस्तेमाल पर नाराजगी जताई। मामले में स्थानीय लोगों ने कई बार जिला चिकित्सालय प्रबंधन को भगवान शिव की पेंटिंग हटाने के लिए कहा। किन्तु, चिकित्सालय प्रबंधन इस पर किसी बात का जवाब नहीं दिया तथा बात को टालता रहा।

वही लोगों की निरंतर आपत्ति के पश्चात् भी जब चिकित्सालय प्रबंधन ने भगवान शिव की पेंटिंग को नहीं हटाया, तो स्थानीय युवाओं ने स्वयं ही उसपर सफेद पेंट से पुताई कर दी। वहीं, आसपास के लोगों ने कहा कि देश भर में कई बार ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां संस्थानों ने अपने परिसर को गंदगी से बचाने के लिए हिंदू देवी-देवताओं का उपयोग करते हैं।

लोगों का ये भी कहना था कि देखा जाता है कि कहीं दीवारों पर देवी देवताओं की टाइल्स लगाते, तो कहीं पेंटिंग बनाने के मामले सामने आते रहे हैं। ऐसे स्थानों को गंदगी से बचाने हिंदू देवी-देवताओं के इस्तेमाल पर कई बार बवाल भी मचता रहा है। वहीं, मामले में चिकित्सालय प्रबंधन से बात करनी चाही, तो अफसर जवाब देने से बचते रहे।

मध्यप्रदेश के शहडोल अस्पताल की दीवार पर बनवाई भगवान शिव की पेंटिंग, पढ़िए, इसमें चौंकाने वाली ये है वजह

मध्य प्रदेश के शहडोल में चौंकाने वाली घटना सामने आई है। कुशाभाऊ ठाकरे चिकित्सालय प्रबंधन ने चिकित्सालय परिसर के एक हिस्से को गंदगी से बचाने के लिए दीवार पर भगवान महादेव की पेंटिंग बना दी। तत्पश्चात, इस पेंटिंग पर हंगामा मच गया। लोगों ने स्वच्छता के नाम पर हिंदू देवी-देवताओं के इस प्रकार इस्तेमाल पर नाराजगी जताई। मामले में स्थानीय लोगों ने कई बार जिला चिकित्सालय प्रबंधन को भगवान शिव की पेंटिंग हटाने के लिए कहा। किन्तु, चिकित्सालय प्रबंधन इस पर किसी बात का जवाब नहीं दिया तथा बात को टालता रहा।

वही लोगों की निरंतर आपत्ति के पश्चात् भी जब चिकित्सालय प्रबंधन ने भगवान शिव की पेंटिंग को नहीं हटाया, तो स्थानीय युवाओं ने स्वयं ही उसपर सफेद पेंट से पुताई कर दी। वहीं, आसपास के लोगों ने कहा कि देश भर में कई बार ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां संस्थानों ने अपने परिसर को गंदगी से बचाने के लिए हिंदू देवी-देवताओं का उपयोग करते हैं।

लोगों का ये भी कहना था कि देखा जाता है कि कहीं दीवारों पर देवी देवताओं की टाइल्स लगाते, तो कहीं पेंटिंग बनाने के मामले सामने आते रहे हैं। ऐसे स्थानों को गंदगी से बचाने हिंदू देवी-देवताओं के इस्तेमाल पर कई बार बवाल भी मचता रहा है। वहीं, मामले में चिकित्सालय प्रबंधन से बात करनी चाही, तो अफसर जवाब देने से बचते रहे।

मध्य मोरक्को में भीषण भूकंप से 296 लोगों की मौत, कई इमारतें जमींदोज़, भारत के पीएम मोदी ने जताई संवेदना, बढ़ाया मदद का हाथ

मध्य मोरक्को में शुक्रवार देर रात 6.8 तीव्रता का बहुत तेज़ भूकंप आया। इस आपदा में 296 लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए। भूकंप से मुख्यतः ग्रामीण इलाकों में नुकसान हुआ, शहरों में नहीं। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूकंप को लेकर दुख जताया है. उन्होंने मोरक्को के लोगों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की और मदद की पेशकश की। उन्होंने कहा कि उन्हें लोगों की जान जाने का गहरा दुख है और उम्मीद है कि घायल जल्द ही ठीक हो जाएंगे।

रिपोर्ट के अनुसार, स्थानीय समयानुसार भूकंप रात 11:11 बजे आया और कई सेकंड तक चला। यह एक शक्तिशाली भूकंप था। अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने कहा कि यह 6.8 तीव्रता का भूकंप था, जबकि मोरक्को की निगरानी एजेंसी ने रिक्टर पैमाने पर इसे 7 तीव्रता पर मापा। लगभग 19 मिनट बाद एक छोटा झटका भी आया। बता दें कि, उत्तरी अफ़्रीका में भूकंप आम नहीं हैं, लेकिन मोरक्को में 1960 में एक बड़ा भूकंप आया था, जिससे बहुत सारी मौतें हुईं। इस बार, भूकंप एटलस पर्वत में था, जो माराकेच और ओकाइमेडेन नामक प्रसिद्ध स्की रिसॉर्ट से ज्यादा दूर नहीं था।

USGS के अनुसार भूकंप का केंद्र, लगभग 18 किलोमीटर (11 मील) और मोरक्को की एजेंसी के अनुसार 8 किलोमीटर (5 मील) जमीन के नीचे था। भूकंप के झटके पुर्तगाल और अल्जीरिया में भी महसूस किए गए, जो मोरक्को से काफी दूर हैं। सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो में इमारतें ढहती हुई और लोग इमारतों से बाहर भागते हुए दिखाई दे रहे हैं। यह कई लोगों के लिए डरावना अनुभव था। मोरक्को के एक शहर मराकेश में कुछ इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं और लोग डर गए। वे बाहर रुके रहे क्योंकि उन्हें और अधिक भूकंपों की चिंता थी। अभी तक, क्षति की पूरी सीमा और हताहतों की संख्या के बारे में अधिक जानकारी नहीं है क्योंकि मोरक्को सरकार ने अभी तक सभी विवरण साझा नहीं किए हैं।

कोणार्क चक्र के सामने पीएम मोदी ने किया वर्ल्ड लीडर्स का स्वागत, बाइडन को बताया इसका महत्व

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को जी-20 के लिए भारत मंडपम में विदेशी मेहमानों का स्वागत किया। पीएम यहां स्वागत स्थल पर अलग-अलग राष्ट्राध्यक्षों से गर्मजोशी से मिले। पीएम मोदी जिस जगह मेहमानों का स्वागत कर रहे थे, वहां बैकग्राउंड में कोणार्क मंदिर का सूर्य चक्र बना हुआ था। इससे आयोजन स्थल की खूबसूरती में तो इजाफा हो ही रहा है, साथ ही दुनिया को भारत की समृद्ध संस्कृति और ऐतिहासिक विरासतों के बारे में भी जानने का मौका मिल रहा है।

बाइडन को बताया सूर्य चक्र का महत्व बताया

प्रधानमंत्री मोदी ने सभी मेहमानों का भारत मंडपम में स्वागत किया। लेकिन जब जो बाइडन ने एंट्री ली जो नजारा कुछ और ही था। दोनों नेताओं ने हाथ मिलाया, गले मिले। दोनों के बीच बातचीत हो ही रही थी कि बाइडन का ध्यान बैकग्राउंड में लगी पेंटिंग पर गया। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीछे मुड़कर बाइडन को पेंटिंग में बने ओडिशा के कोणार्क सूर्य मंदिर और सूर्य चक्र के बारे में बताया। बाइडन भी पीएम मोदी की बात सुनते रहे और सूर्य चक्र के बारे में समझते रहे।

13वीं शताब्दी में कोणार्क चक्र का निर्माण

इस कोणार्क चक्र का निर्माण 13वीं शताब्दी में राजा नरसिम्हादेव-प्रथम के शासनकाल के दौरान किया गया था। ओडिशा के कोणार्क में बने सूर्य मंदिर में ये चक्र बना हुआ है। ये चक्र भारत के प्राचीन ज्ञान, सभ्यता और वास्तुशिल्प की श्रेष्ठता का प्रतीक है। कोणार्क चक्र का घूमना समय, कालचक्र के साथ-साथ प्रगति और निरंतर परिवर्तन का प्रतीक है। यह लोकतंत्र के पहिए के शक्तिशाली प्रतीक के रूप में भी काम करता है। ये लोकतांत्रिक आदर्श और समाज में प्रगति के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। 

क्या है महत्व?

पहिए में 8 चौड़ी तीलियां और 8 पतली तीलियां हैं। मंदिर में 24 (12 जोड़े) पहिए हैं। ये सूर्य रथ के पहियों का प्रतिनिधित्व करते हैं। 8 तीलियां दिन के 8 प्रहर के बारे में बताती हैं। माना जाता है कि इसका उपयोग कर सूर्य की स्थिति के आधार पर समय की गणना की जाती है। पहिए का आकार 9 फीट 9 इंच का है। ये भी माना जाता है कि 12 जोड़ी पहिए साल के 12 महीनों को दर्शाते हैं और 24 पहिए दिन के 24 घंटों को दर्शाते हैं।

अफ्रीकन यूनियन बना जी20 का स्थायी सदस्य, पीएम मोदी की पहल पर सभी सदस्य देशों ने सर्वसम्मति से किया स्वागत

#g20_ african_union_included_as_permanent_member_in_g20 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में जी20 शिखर सम्मेलन का आगाज भारत मंडपम में हो चुका है।समिट का उद्घाटन करते हुए पीएम ने इसके बाद अफ्रीकी यूनियन को जी20 ग्रुप में शामिल किए जाने का ऐलान किया। यूनियन के अध्यक्ष को गले लगाकर उन्हें बधाई भी दी। प्रधानमंत्री मोदी की पहल पर सभी सदस्य देशों ने सर्वसम्मति से अफ्रीकी संघ का जी20 में स्वागत किया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐलान किया कि आप सभी की सहमति के साथ आज से अफ्रीकी यूनियन जी20 का स्थायी सदस्य बनने जा रहा है। उनके इस ऐलान के साथ ही तमाम नेताओं ने तालिया बजाई। विदेश मंत्री एस जयशंकर अफ्रीकी यूनियन के अध्यक्ष अजाली असौमनी को साथ लेकर आए और पीएम मोदी ने उन्हें गले लगाकर इसके लिए बधाई दी।

अफ्रीकी यूनियन में 55 देश शामिल हैं। पीएम मोदी ने 55 देशों वाले अफ्रीकी संघ को जी20 का स्थायी सदस्य बनाए जाने को लेकर शिखर सम्मेलन से 3 महीने पहले चिट्ठी लिखी थी। अब अफ्रीकी यूनियन सथायी तौर पर जी20 में शामिल हो गया है। यह एक तरह से वैश्विक मंच पर भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत मानी जा रही है।

जी-20 समिटःभारत मंडपम में जुटे दुनियाभर के नेता, उद्घाटन भाषण में पीएम मोदी ने सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास मंत्र को बताया दुनिया का पथ प्र

#g20_summit_pm_narendra_modi_address

देश की राजधानी दिल्ली में जी-20 समिट का आगाज हो गया है। पीएम मोदी ने इस समिट का उद्घाटन किया। पीएम मोदी ने समिट का उद्घाटन करते हुए संबोधन दिया।इस दौरान उन्होंने जी 20 के के मंच से सबको साथ लेकर चलने की बात की। पीएम मोदी ने इस समिट का उद्घाटन करते हुए कहा कि मैं पूरी दुनिया की तरफ से मोरक्को में आए भूकंप से हुई जनहानि के लिए दुखी हूं और मेरी संवेदनाएं वहां के लोगों के साथ हैं। भारत इस कठिन समय में मोरक्को को हर संभव सहायता देने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि इस दुख की घड़ी में पूरा विश्व मोरक्को के साथ है। पीएम मोदी ने कहा, भारत इस समिट में मौजूद दुनिया के सभी राष्ट्राध्यक्षों का स्वागत करता है। 

दुनिया को दिया सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास का मंत्र

कोविड 19 के बाद विश्व में बहुत बड़ा संकट विश्वास के अभाव का आया है। युद्ध ने ट्रस्ट डेफिसिट को और गहरा किया है। जब हम कोविड को हरा सकते हैं तो आपसी अविश्वास के तौर पर आए संकट को भी हरा सकते हैं। हम सब मिलकर ग्लोबल ट्रस्ट डेफिसिट को एक विश्वास और एक भरोसे में बदलें। ये सबको साथ मिलकर चलने का समय है। सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास का मंत्र हम सब के लिए पथ प्रदर्शक बन सकता है। 

सालों पुरानी चुनौतियां हमसे नये समाधान मांग रही-पीएम मोदी

समिट को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा, यहां से कुछ किलोमीटर की दूरी पर लगभग ढ़ाई हजार साल पुराना एक स्तंभ लगा हुआ है जिस पर प्राकृत भाषा में लिखा हुआ है कि हेवं लोकश:हित मुखेति, अथ: इयं नातेशु हेवं अर्थात मानवता का हित और उसका कल्याण सुनिश्चित हो। ढाई हजार साल पहले भारत की इसी भूमि से यह संदेश पूरी दुनिया को दिया था। 21वीं सदी का यह समय पूरी दुनिया को नई दिशा देने वाला समय हैष यह वह समय है जब सालों पुरानी चुनौतियां हमसे नये समाधान मांग रही हैं।