4 हजार किमी की यात्रा आसान न थी, लेकिन जिनके हौसलों में आसमान हो वो राह में बिछे कांटों की परवाह नहीं करते - आलोक दूबे
राँची :भारत जोड़ो यात्रा के एक वर्ष पूरा होने पर प्रदेश कांग्रेस कमिटी के पूर्व नेता आलोक कुमार दूबे, लाल किशोर नाथ शाहदेव, फिरोज रिजवी मुन्ना एवं रंजीत महतो के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने संध्या 4.00 बजे विवेकानन्द चौंक डोरंडा से भारत जोड़ो यात्रा निकाली गई।
हाथों में तख्ती लिए - महंगाई से नाता तोड़ो भारत जोड़ो, मिले कदम जुड़े वतन, गरीबों को उनका हक दिलाऐंगे - मिलकर महंगाई को हराऐंगे, डरो मत,जोड़ो जोड़ो इस तरह के नारे लगाते हुए भारत जोड़ो यात्रा विभिन्न मार्गों से गुजरकर अम्बेडकर चौंक डोरंडा में समाप्त हुई।
अम्बेडकर चौंक पर बाबा साहेब की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किया। तदपरांत तदुपरांत
सभा को सम्बोधित करते हुए आलोक कुमार दूबे ने कहा कि देश में जिस प्रकार से नफरत का माहौल बना हुआ है, संविधान के विपरीत व्यवस्था काम कर रही है, संवैधानिक संस्थाओं के साथ समझौता किया जा रहा है, महंगाई और बेरोजगारी बढ़ती चली जा रही है, बड़े उद्योगपतियों के कर्ज माफ किए जा रहे हैं, इसके खिलाफ मजबूत आवाज उठाने के लिए राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा सफल रही। आज भारत जोड़ो यात्रा में हर वर्ग, धर्म, समुदाय के लोग शामिल हो रहे हैं और 'नफरत छोड़ो, भारत जोड़ो' का हमारा अभियान सफल हुआ है।
लाल किशोर नाथ शाहदेव ने कहा हमारा देश बेलगाम महंगाई और बेरोजगारी से लगातार जूझ रहा है। सियासी रोटियां सेंकने के लिए नफरत की आग भड़काई जा रही है। जनता की आवाज कुचली जा रही है। लोकतंत्र का गला घोंटा जा रहा है। लोगों की सिसकियां और आह सुनने वाला कोई नहीं है। ऐसे में जननायक राहुल गांधी आगे आकर देश को संवारने और एकता के सूत्र में पिरोने की जिम्मेदारी उठाई भारत जोड़ो यात्रा के माध्यम से आज पूरा देश राहुल गांधी के साथ खड़ा है।
फिरोज रिजवी मुन्ना ने कहा कि देश से नफरत और डर को मिटाने की जिम्मेदारी उठाने वाला एक ही शख्स सामने आया और ताकत से कहा डरो मत। यह याद दिलाया कि हिंदुस्तान नफरत का नहीं, मोहब्बत का देश है। इसी जिम्मेदारी को आज पूरी दुनिया 'भारत जोड़ो यात्रा' के नाम से जानती है। हाथों में तिरंगा थामें कन्याकुमारी से शुरू हुई इस पदयात्रा में जननायक राहुल गांधी जी ने कश्मीर तक हजारों मीलों का सफर तय किया। यात्रा आसान न था, लेकिन जिनके हौसलों में आसमान हो वो राह में बिछे कांटों की परवाह नहीं करते।
Sep 08 2023, 12:45