/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png StreetBuzz विद्यार्थियों के लिए है महत्वपूर्ण, पढ़ लें, उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने 21 भर्तियों का नया कैलेंडर किया जारी, दिसंबर में पांच बड़ी भर्तियों India
विद्यार्थियों के लिए है महत्वपूर्ण, पढ़ लें, उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने 21 भर्तियों का नया कैलेंडर किया जारी, दिसंबर में पांच बड़ी भर्तियों

 उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने पूर्व के कैलेंडर के हिसाब से भर्तियां शुरू न हो पाने के बाद अब दोबारा भर्तियों का नया कैलेंडर जारी किया है। इसमें जहां अक्तूबर, नवंबर व दिसंबर में परीक्षाएं कराने का निर्णय लिया गया है तो दूसरी ओर नई भर्तियों का भी जगह दी गई है।

आयोग नौ भर्तियों के प्रस्तावों (अधियाचन) का परीक्षण कर रहा है जबकि 18 प्रस्ताव कमियां होने पर शासन को लौटाए गए थे। आयोग के सचिव गिरधारी सिंह रावत ने बताया कि 21 पुरानी व नई भर्तियों को इस कैलेंडर में स्थान दिया गया है। उन्होंने बताया कि नौ विभागों के प्रस्ताव आ चुके हैं, जिनका परीक्षण करने के बाद उन्हें कैलेंडर में शामिल किया जाएगा।

प्रधानाचार्य श्रेणी-2 की भर्तियां शामिल

इसमें अपर निजी सचिव, पुलिस कांस्टेबल, सहायक शोध अधिकारी, प्रवक्ता राजकीय पॉलिटेक्निक, अपर निजी सचिव, औषधि निरीक्षक ग्रेड-2, पुलिस उपाधीक्षक, प्रधानाचार्य राजकीय पॉलिटेक्निक, कर्मशाला अधीक्षक, प्रधानाचार्य श्रेणी-2 की भर्तियां शामिल हैं।

इनके अलावा 18 ऐसी भर्तियां हैं, जिनके प्रस्ताव आए थे लेकिन कुछ बिंदुओं को लेकर शासन को भेजे गए थे। जब ये वापस आ जाएंगे तो उनकी तिथियां भी जारी की जाएंगी। इनमें फॉरेस्ट स्केलर, लौगिंग अधिकारी, रेंजर जैसी भर्तियां शामिल हैं।

कौन से भर्ती की परीक्षा कब

-भर्ती का नाम- परीक्षा तिथि

-पीसीएस-जे मुख्य परीक्षा- हाईकोर्ट के आदेश के बाद

-सहायक लेखाकार परीक्षा 2022- 28 अगस्त से टाइपिंग परीक्षा

-फॉरेस्ट गार्ड भर्ती 2022- अक्तूबर माह में

-जेल बंदीरक्षक भर्ती 2022- 15 अक्तूबर

-संभागीय निरीक्षक परीक्षा 2022- 16-17 अक्तूबर

-मानचित्रकार-प्रारूपकार परीक्षा 2022- 05 नवंबर

-सहकारिता पर्यवेक्षक पर्यावरण पर्यवेक्षक 2023- 19 नवंबर

-अधिशासी अधिकारी, कर व राजस्व निरीक्षक भर्ती 2023- 26 नवंबर

-सफाई निरीक्षक परीक्षा 2023- 03 दिसंबर

-पशुचिकित्साधिकारी ग्रेड-2 परीक्षा 2023- 10 दिसंबर

-समीक्षा-सहायक समीक्षा अधिकारी परीक्षा 2023- 17 दिसंबर

-सहायक नियोजक एवं वास्तुविद नियोजक परीक्षा 2023- 20 दिसंबर

-कंबाइंड जेई भर्ती परीक्षा 2023- 23, 24, 26 व 27 दिसंबर

-गन्ना-दुग्ध पर्यवेक्षक परीक्षा 2023- 28 जनवरी 2024

-आईटीआई अनुदेशक समूह-ग परीक्षा 2023- 03 फरवरी 2024

-सहायक कृषि, उद्यान पर्यवेक्षक परीक्षा 2023- 10 फरवरी 2024

-व्यवस्थाधिकारी परीक्षा 2023- 02 मार्च 2024

-व्यवस्थापक राज्य संपत्ति परीक्षा 2023- 16 मार्च 2024

-प्रयोगशाला सहायक(विधि विज्ञान) परीक्षा 2023- 31 मार्च 2024

-अन्वेषक कम संगणक परीक्षा 2023- 31 मार्च 2024

-प्रयोगशाला सहायक(उच्च शिक्षा) परीक्षा 2023- 23-26 अप्रैल 2024

द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के उद्देश्य से पीएम मोदी पहुंचे यूनान, 40 साल बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की है यह पहली यात्रा

दक्षिण अफ्रीका के 15 वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के बाद आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पहली बार यूनान पहुंचे ,भारत के किसी भी प्रधानमंत्री की 40 साल बाद यहां यह पहली यात्रा है। इससे पहले इंदिरा गांधी ने यहां का आधिकारिक दौरा किया था। 

द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर होगी बात

भारतीय प्रधानमंत्री मोदी यूनान के प्रधानमंत्री किरियाकोस मित्सोताकिस के निमंत्रण पर यहां आए हैं। वे यहां द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के उद्देश्य से यूनान के शीर्ष नेतृत्व के साथ बातचीत करेंगे। आज शुक्रवार को वे इस यूरोपीय देश पहुंचे हैं। 

दक्षिण अफ्रीका में उन्होंने 15वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लिया और विश्व के कई नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें कीं ताकि उनके देशों के साथ भारत के संबंधों को और मजबूत बनाया जा सके।

यूनान के प्रधानमंत्री किरियाकोस मित्सोताकिस का मिला था निमंत्रण

पीएम मोदी को यूनान के प्रधानमंत्री किरियाकोस मित्सोताकिस के निमंत्रण मिला था।उनके निमंत्रण पर वे यहां आए हैं। मोदी ने कहा था, ''मुझे 40 साल बाद यूनान का दौरा करने वाला पहला भारतीय प्रधानमंत्री होने का सम्मान मिला है।'' 

यूनान की आखिरी उच्च-स्तरीय यात्रा सितंबर 1983 में हुई थी जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश की यात्रा की थी।

भारत और यूनान की सभ्यताओं के बीच रहा है संबंध

भारत और यूनान की सभ्यताओं के बीच प्राचीन काल से संबंध रहा है । जो हाल के वर्षों में समुद्री परिवहन, रक्षा, व्यापार एवं निवेश जैसे क्षेत्रों में सहयोग और लोगों के बीच आपसी संबंधों के माध्यम से मजबूत हुआ है। 

प्रधानमंत्री मोदी संबंधों को और गहरा करने के तरीकों पर चर्चा करने के लिए प्रधानमंत्री मित्सोताकिस के साथ बातचीत करेंगे। मोदी के यूनान की राष्ट्रपति कैटरीना सकेलारोपोलू से भी मुलाकात करने की उम्मीद है। वह अपनी एक दिवसीय यात्रा के दौरान दोनों देशों के व्यापारिक दिग्गजों के साथ-साथ यूनान में भारतीय समुदाय के साथ भी बातचीत करेंगे।

जिस नेता का कमलनाथ-पायलट ने किया था प्रचार, इंटरनेट पर वायरल हुआ उसका अश्लील वीडियो, BJP ने माँगा कांग्रेस से जवाब

 मध्य प्रदेश के डबरा विधानसभा सीट से कांग्रेस के MLA सुरेश राजे का एक वीडियो इंटरनेट पर जमकर वायरल हो रहा है। 6 मिनट 37 सेकेंड के इस वीडियो में सुरेश राजे किसी होटल में एक शख्स के साथ आपत्तिजनक स्थिति में नजर आ रहे हैं। हालाँकि, यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि यह वीडियो कब का है। इस वीडियो को लेकर बीजेपी ने कांग्रेस से जवाब माँगा है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, वीडियो की शुरुआत में युवक विधायक राजे से कहता है कि ‘आप कभी मौका दीजिए। आप मुझे अपना बना लो। हम आपको खुश कर देंगे’। तत्पश्चात, वीडियो में पोर्न ऑडियो सुनाई देने लगता है। उनका वीडियो वायरल होने के पश्चात् जब मीडियाकर्मियों ने उनसे प्रतिक्रिया पूछी, तो उन्होंने कहा कि ये वीडियो एडिटेड है।

वही यह वीडियो होटल में बनाया जाता नजर आ रहा है। युवक जब बाथरूम जा रहा होता है, उस समय भी वीडियो शूट किया जाता रहा है। रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि विधायक को वीडियो बनने की जानकारी है, मगर वे इसका विरोध नहीं करते हैं। सुरेश राजे 2020 के उपचुनाव में मंत्री इमरती देवी को हराकर विधायक बने थे। इमरती देवी सिंधिया कैंप की मानी जाती थीं। इन्होंने इस्तीफा देकर ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ बीजेपी का दामन थामा था। उनके इस्तीफा देने से यहाँ उपचुनाव हुए थे। हालाँकि, उपचुनाव में उन्हें सुरेश राजे ने हरा दिया था। चुनाव से पहले ही राजे कांग्रेस में सम्मिलित हुए थे। प्राप्त एक रिपोर्ट के अनुसार, सुरेश राजे पहले भी चुनाव लड़ चुके थे, लेकिन तीन चुनावी हार के बाद उन्होंने बीजेपी छोड़ दिया तथा कांग्रेस की टिकट पर अपनी किस्मत को आजमाया था। उनके लिए चुनाव प्रचार में कमलनाथ एवं सचिन पायलट जैसे दिग्गज पहुँचे थे। उस चुनाव में सुरेश राजे ने इमरती देवी को हरा दिया था। चूँकि इमरती देवी मंत्री थी, ऐसे में उनकी जीत को बड़ा माना गया। 

हालाँकि, आगामी चुनाव से पहले उनका वीडियो वायरल होना उनके लिए मुसीबत लेकर आ सकता है। कांग्रेस MLA सुरेश राजे ने मीडिया से चर्चा में बताया कि ये वीडियो एडिटेड है। उनसे लोगों ने 50 लाख की वसूली करने का प्रयास किया था तथा कहा था कि पैसे नहीं देने पर वीडियो वायरल कर दिया जाएगा। अब वो पुलिस को पूरी जानकारी देंगे। उन्होंने कहा कि उन्हें इस वीडियो के बारे में उड़ती-उड़ती खबर पहले से मिल रही थी, मगर अफवाहों के आधार पर उन्होंने कोई कदम नहीं उठाया। अब वो पुलिस के सामने सबूत रखेंगे तथा जिन्होंने ऐसा काम किया है, उनके खिलाफ स्टैंड लेंगे। वहीं, बीजेपी के प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने इस वीडियो को लेकर कांग्रेस पर हमला बोला है। एक्स पर पोस्ट में उन्होंने कहा, "कांग्रेस के एक MLA का अश्लील वीडियो वायरल हो रहा है। कांग्रेस नेताओं को जवाब देना होगा कि क्या यही उनकी पार्टी के संस्कार हैं? इनके कई और बड़े नेताओं के इसी तरह के कुकर्मों की चर्चा बाजार में जोरों पर है।"

भारत-चीन संबंधों में सुधार साझा हितों के लिए महत्वपूर्ण..', पीएम मोदी से बोले राष्ट्रपति जिनपिंग


 चीन ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर पीएम नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की द्विपक्षीय वार्ता पर एक बयान जारी कर कहा कि बैठक में भारत-चीन संबंधों पर चर्चा हुई है। चीन और भारत के बीच द्विपक्षीय आदान-प्रदान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि शी जिनपिंग और पीएम मोदी के बीच वर्तमान चीन-भारत संबंधों और साझा हित के अन्य सवालों पर "स्पष्ट और गहन विचारों का आदान-प्रदान" हुआ।

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के बयान में कहा गया है कि, 'राष्ट्रपति शी ने इस बात पर जोर दिया कि चीन-भारत संबंधों में सुधार दोनों देशों और लोगों के साझा हितों को पूरा करता है, और दुनिया और क्षेत्र की शांति, स्थिरता और विकास के लिए भी अनुकूल है।' आधिकारिक बयान में कहा गया है कि दोनों देशों को अपने द्विपक्षीय संबंधों के समग्र हितों को ध्यान में रखना चाहिए और बॉर्डर विवाद को ठीक से संभालना चाहिए ताकि "सीमा क्षेत्र में संयुक्त रूप से शांति और स्थिरता की रक्षा की जा सके।''

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को गुरुवार को ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान दक्षिण अफ्रीका में मंच साझा करते समय साथ-साथ चलते और संक्षिप्त बातचीत करते देखा गया। भारत के विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने कहा कि संक्षिप्त बैठक के दौरान, पीएम मोदी ने शी जिनपिंग को भारत-चीन सीमा क्षेत्रों के पश्चिमी क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LaC) के साथ अनसुलझे मुद्दों के बारे में भारत की चिंताओं से अवगत कराया।

'भारत-चीन संबंधों में सुधार साझा हितों के लिए महत्वपूर्ण..', पीएम मोदी से बोले राष्ट्रपति जिनपिंग


 चीन ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर पीएम नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की द्विपक्षीय वार्ता पर एक बयान जारी कर कहा कि बैठक में भारत-चीन संबंधों पर चर्चा हुई है। चीन और भारत के बीच द्विपक्षीय आदान-प्रदान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि शी जिनपिंग और पीएम मोदी के बीच वर्तमान चीन-भारत संबंधों और साझा हित के अन्य सवालों पर "स्पष्ट और गहन विचारों का आदान-प्रदान" हुआ।

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के बयान में कहा गया है कि, 'राष्ट्रपति शी ने इस बात पर जोर दिया कि चीन-भारत संबंधों में सुधार दोनों देशों और लोगों के साझा हितों को पूरा करता है, और दुनिया और क्षेत्र की शांति, स्थिरता और विकास के लिए भी अनुकूल है।' आधिकारिक बयान में कहा गया है कि दोनों देशों को अपने द्विपक्षीय संबंधों के समग्र हितों को ध्यान में रखना चाहिए और बॉर्डर विवाद को ठीक से संभालना चाहिए ताकि "सीमा क्षेत्र में संयुक्त रूप से शांति और स्थिरता की रक्षा की जा सके।'' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को गुरुवार को ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान दक्षिण अफ्रीका में मंच साझा करते समय साथ-साथ चलते और संक्षिप्त बातचीत करते देखा गया। भारत के विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने कहा कि संक्षिप्त बैठक के दौरान, पीएम मोदी ने शी जिनपिंग को भारत-चीन सीमा क्षेत्रों के पश्चिमी क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LaC) के साथ अनसुलझे मुद्दों के बारे में भारत की चिंताओं से अवगत कराया।

भाजपा नेत्री सना खान का डीएनए टेस्ट के लिए। दफनाया गया शव दोबारा खोदकर निकाला, नागपुर पुलिस ने निकाली

मध्यप्रदेश: नागपुर: भाजपा नेत्री सना खान की हत्या के मामले को लेकर फिर नागपुर पुलिस गुरुवार को हरदा पहुंची। यहां पर डीएनए के लिए दोबारा सैंपल लिया गया। फारेंसिक टीम द्वारा पुलिस को दोबारा सैंपल लेने के लिए हरदा भेजा गया था इसके लिए मुक्तिधाम में दफनाया गया शव निकाला गया सैंपल लेने के बाद फिर शव दफना दिया गया। नागपुर पुलिस के पीएसआइ नरेंद्र सनके ने बताया कि 9 अगस्त को हरदा जिले के सिराली थाना क्षेत्र के ग्राम महेंद्रगांव में किसान के खेत में महिला का शव मिला था।

इसके बाद 16 अगस्त काे सना खान का भाई मोहस‍िन एवं नागपुर पुलिस जिला अस्पताल पहुंची थी। जहां पर सना के भाई मोहस‍िन ने शव सना का होने से इंकार कर दिया। इसके बाद नागपुर पुलिस ने शव का डीएनए के लिए सैंपल लिया था, लेकिन सैंपल फैल होने के कारण दोबारा पुलिस सैंपल लेने पहुंची।

गौरतलब है कि सना खान की हत्या का आरोप जबलपुर के अमित पर है। उस पर डंडों से हमला कर हत्या करने का आरोप है। पिछले दिनों महिला के शव को देखने सना का भाई मोहस‍िन आया था। जिसने यह उसकी बहन का शव नहीं होने की बात कही थी। इसके बाद शव का डीएनए सैंपल लिया था।

यात्रा : बेहद खूबसूरत है केरल का कन्नूर शहर, मालाबार तट पर स्थित यह स्मारकों, प्राचीन मंदिरों और पिकनिक स्पॉट के लिए देश भर में है प्रसिद्ध

कन्नूर : केरल के मालाबार तट पर स्थित, कन्नूर, भारत के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है। समुद्र तटों, स्मारकों, प्राचीन मंदिरों और पिकनिक स्पॉट जैसे दर्शनीय विकल्पों के ढेरों से घिरा यह केरल एक सुंदर शहर है। प्राचीन समय में इसे कैनानोर के नाम से जाना जाता था। डचों, पुर्तगालियों, अंग्रेजों और मैसूर सल्तनत के गहरे पैरों के निशान अभी भी कस्बे में फैले हुए हैं और चारों तरफ देखे जा सकते हैं। आज के इस लेख में हम आपको कन्नूर के प्रसिद्ध पर्टयन स्थलों के बारे में बताएंगे - 

सेंट एंजेलो किला

कन्नूर में सबसे ऐतिहासिक स्थलों में शामिल , सेंट एंजेलो किले का निर्माण भारत के पहले पुर्तगाली वाईसरॉय द्वारा किया गया था। किला आकार में त्रिकोणीय है और एक विशाल विशाल भव्य संरचना के रूप में दिखाई देता है, जो समुद्र के किनारे पर खड़ा है। पत्थर से बनी लेटराइट दीवारें इसे और भी अधिक हवादार बनाने का काम करती हैं। यह किला वास्तुकला के छात्रों के लिए एक ज़रूरी गंतव्य है। समुद्र से किले को अलग करने वाली समुद्र की दीवार मोपिला खाड़ी के लुभावने दृश्य प्रदान करती है। 

पेयाम्बलम बीच

सुनहरे रेत की चादर से सजा यह समुद्र तट कन्नूर का एक बड़ा आकर्षण है। पेयाम्बलम बीच, भारत में सबसे लोकप्रिय स्थानों में से एक है। यह केरल के खूबसूरत समुद्र तटों में से एक है और इसकी एक अनोखी आभा है। आप यहाँ आकर आराम कर सकते हैं और प्रकृति के साथ कुछ समय बिता सकते हैं। समुद्र तट तक पहुंचने के लिए, आपको एक छोटे से पुल को पार करना होगा जो एक संकीर्ण नहर के ऊपर बनाया गया है। पुल के दाईं ओर आप राजनीतिक हस्तियों के कई महत्वपूर्ण स्मारक देख सकते हैं। किनारे की ओर ताड़ के पेड़ों से सजी है, जो न केवल यहां प्राकृतिक तत्व को जोड़ते हैं बल्कि इसे और भी अधिक प्राचीन बनाते हैं। आप इस समुद्र तट पर साहसिक गतिविधियों जैसे तैराकी और बोटिंग का आनंद भी ले सकते हैं। एक किलोमीटर लंबा वॉकवे है जो हाल ही में इस समुद्र तट के साथ बनाया गया है। आप इसका इस्तेमाल समुद्र तट पर टहलने और ठंडी हवा और लहरों की आवाज़ को महसूस करने के लिए कर सकते हैं।

पलक्कयम थाटु

पल्क्कायम थाटु, पश्चिमी घाटों के पास कन्नूर में समुद्र के स्तर से लगभग 3350 फीट की ऊँचाई पर स्थित है। यह केरल राज्य के सबसे अधिक देखे जाने वाले हिल स्टेशनों में से एक है। घने जंगलों और कई पहाड़ियों से घिरा यह हिल स्टेशन, ट्रेकिंग के शौक़ीन लोगों के बीच बहुत लोकप्रिय है। प्रकृति प्रेमियों के लिए पलक्कयम थाटु एक प्राकृतिक स्वर्ग है जो अचरज भरी शांति प्रदान करता है। यदि आप अपने जीवन की रोजमर्रा की हलचल से बचना चाहते हैं, तो यह हिल स्टेशन आपके लिए एक आदर्श स्थान है।

 

कन्नूर लाइटहाउस

75 फीट की ऊंचाई पर स्थित कन्नूर लाइटहाउस, केरल में निर्मित होने वाला पहला लाइटहाउस है। पहली बार 1903 में निर्मित इस स्थान का इतिहास के साथ-साथ सांस्कृतिक महत्व भी है। यह लाइटहाउस अरब सागर के विशाल विस्तार, बेबी बीच और कन्नूर के पूरे जिले के शानदार और विस्मयकारी दृश्य प्रस्तुत करता है। यहाँ पर्यटक बगीचों में आराम से टहलने और शाम को पानी के फव्वारे के शो का आनंद ले सकते हैं।

एझिमाला

286 मीटर की ऊंचाई पर स्थित, एझिमाला पहाड़ी कन्नूर पर्यटन स्थलों में सबसे आकर्षक है। एझिमाला पहाड़ियों के एक अलग समूह का एक हिस्सा है और चारों ओर से प्राकृतिक सौंदर्य प्रस्तुत करता है। इस स्थान का सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व भी है। यह स्थान चोल-चेरा युद्धों के दौरान एक युद्धक्षेत्र था। बौद्ध इस स्थान को पवित्र मानते हैं क्योंकि यह माना जाता है कि भगवान बुद्ध ने एझीमाला का दौरा किया था।

यहां उन पय्यानूर पर्यटन स्थलों की सूची दी गई है, जिन्हें आप अपनी यात्रा के दौरान देख सकते हैं!

श्री सुब्रमण्य स्वामी मंदिर ...

राजराजेश्वर मंदिर ...

मीनकुलम श्रीकृष्ण मंदिर ...

कव्वायी द्वीप ...

वी-प्रा कय्याल फ्लोटिंग पार्क ...

सेंट एंजेलो किला

कलकत्ता उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव को एनजीटी अध्यक्ष के रूप में किया गया नियुक्त

नई दिल्ली : कलकत्ता Bउच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव को राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) का नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।

इस आशय का नियुक्ति आदेश सोमवार को जारी कर दिया गया. न्यायमूर्ति श्रीवास्तव (62) इस सप्ताह एनजीटी में अपना कार्यभार संभालेंगे।

इससे पहले, जुलाई में तत्कालीन एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की सेवानिवृत्ति के बाद न्यायमूर्ति शिव कुमार सिंह को कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया था।

न्यायमूर्ति श्रीवास्तव को जनवरी 2008 में मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था।

 वह दो साल बाद स्थायी न्यायाधीश बन गए। उन्हें अक्टूबर, 2021 में कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था। वह इस साल मार्च में वहां से सेवानिवृत्त हुए थे।

2 फरवरी, 1987 को वकील के रूप में नामांकित हुए, 18 जनवरी, 2008 को मध्य प्रदेश के उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त होने से पहले उन्होंने भारत के सर्वोच्च न्यायालय में कर, नागरिक और संवैधानिक पक्षों पर अभ्यास किया।

चांद के बाद अब सूरज का निर्धारित हुआ लक्ष्य ! ISRO ने कर दिया 'मिशन आदित्य' लॉन्च करने का ऐलान, एजेंसी के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने की पुष्टि

 जहां देश ISRO के लैंडर विक्रम को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक स्थापित करने पर खुश है, वहीं एजेंसी के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने गुरुवार को पुष्टि करते हुए कहा है कि उसका पहला सौर मिशन 'आदित्य' पर काम चल रहा है और वह लॉन्च के लिए सितम्बर तक तैयार होगा। बुधवार (23 अगस्त) को लैंडर के चंद्रमा के अंधेरे हिस्से को छूने के बाद राष्ट्र के नाम एक संक्षिप्त संबोधन में, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने सूर्य और शुक्र के भविष्य के मिशनों का जिक्र किया। 

ISRO द्वारा अपने पहले चंद्र लैंडिंग मिशन के सफल संचालन के साथ भारत को देशों के एक विशिष्ट क्लब में शामिल करने के एक दिन बाद मीडिया से बात करते हुए, ISRO चीफ एस सोमनाथ ने कहा कि, 'मिशन 'आदित्य' पर काम चल रहा है और यह सितम्बर के पहले सप्ताह में लॉन्च के लिए तैयार होगा।" उन्होंने कहा कि हम अपने क्रू मॉड्यूल और क्रू एस्केप क्षमता को प्रदर्शित करने के लिए सितंबर या अक्टूबर के अंत तक एक मिशन की भी योजना बना रहे हैं, जिसके बाद कई परीक्षण मिशन होंगे, जब तक कि हम अंतरिक्ष में अपना पहला मानवयुक्त मिशन (गगनयान) लॉन्च नहीं कर देते।' उन्होंने कहा कि, संभवतः इसके (गगनयान) लिए 2025 तक का वक़्त लगेगा।  

चंद्रमा के दक्षिणी चेहरे पर 'विक्रम' लैंडर की सफल लैंडिंग पर, सोमनाथ ने कहा कि जब लैंडर चंद्रमा की सतह पर उतरा, तो उनकी भावनाओं की सीमा को शब्दों में व्यक्त करना मुश्किल था। सोमनाथ ने मीडिया को बताया कि, "यह खुशी, उपलब्धि की भावना और उन सभी साथी वैज्ञानिकों के लिए कृतज्ञता का मिश्रण था, जिन्होंने इस मिशन की सफलता में योगदान दिया।" उन्होंने कहा कि चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर मानव बस्ती की संभावना है, यही वजह है कि एजेंसी ने इसे लैंडर के लिए पसंदीदा लैंडिंग साइट बनाया है।

 

ISRO चीफ ने कहा कि, "हम (चंद्र) दक्षिणी ध्रुव के करीब चले गए हैं, जो कि जहां लैंडर रखा गया हैM वहां से लगभग 70 डिग्री पर स्थित है। दक्षिणी ध्रुव को सूर्य से कम रोशनी होने के संबंध में एक विशिष्ट लाभ है। वहां अधिक वैज्ञानिक सामग्री के कारण मानव बस्ती के लिए संभावनाएं हैं। जो वैज्ञानिक इस परियोजना पर काम कर रहे थे, उन्होंने दक्षिणी ध्रुव में बहुत रुचि दिखाई, क्योंकि मनुष्यों के लिए चंद्रमा पर उपनिवेश स्थापित करना बड़ा उद्देश्य है।

चंद्रमा के दक्षिण की ओर सफल टचडाउन के बाद लैंडर से निकले 'प्रज्ञान' रोवर पर बोलते हुए, सोमनाथ ने कहा कि एक टीम जल्द ही रोबोटिक पथ नियोजन अभ्यास पर काम शुरू करेगी, जो गहरे अंतरिक्ष में भविष्य के अन्वेषणों की कुंजी होगी। उन्होंने कहा कि, "प्रज्ञान रोवर के पास दो उपकरण हैं, जो चंद्रमा पर मौलिक संरचना के निष्कर्षों के साथ-साथ इसकी रासायनिक संरचनाओं से संबंधित हैं। यह चंद्रमा की सतह पर भी चक्कर लगाएगा। हम एक रोबोटिक पथ नियोजन अभ्यास भी करेंगे, जो भविष्य और गहरे अंतरिक्ष में अन्वेषण के लिए महत्वपूर्ण है।'

पढ़िए, चंद्रयान-3 की सफलता के बाद अब आगे क्या ? नया इतिहास रचने के लिए भारत के ISRO ने जापान से मिलाया हाथ

भारत ने बुधवार (23 अगस्त) को इतिहास रच दिया, जब उसने अपने चंद्रयान-3 मिशन को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र पर सफलतापूर्वक उतारा और एक रोवर तैनात किया, जो अगले 14 दिनों तक सक्रिय रहेगा। अब मिशन पूरा होने के साथ, सभी की निगाहें अगले चरण - चंद्रयान-4 पर हैं। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) और जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (JAXA) ने चंद्र ध्रुवीय अन्वेषण मिशन (Lupex) को लॉन्च करने के लिए हाथ मिलाए हैं, जिसे चंद्रयान -4 भी कहा जाता है। हालांकि यह अब तक के सबसे पेचीदा सवालों में से एक का जवाब देगा। यह विषय है चंद्र अन्वेषण - यानी क्या चंद्रमा पर पानी है? यहां डिटेल में पढ़िए पूरी खबर।

दरअसल, हाल के वर्षों में अवलोकन संबंधी आंकड़ों से चंद्र जल के संकेत देखे गए हैं। चंद्रमा पर पानी की मौजूदगी अंतरिक्ष अन्वेषण के भविष्य पर गहरा प्रभाव डाल सकती है और संभावित रूप से हमारे आकाशीय पड़ोसी पर मानव उपस्थिति को बनाए रखने के लिए एक मूल्यवान संसाधन के रूप में काम कर सकती है। Lupex यानी चंद्रयान-4 इन प्रश्नों के ठोस उत्तर प्रदान करने में अग्रणी बनने की ओर अग्रसर है। Lupex का प्राथमिक उद्देश्य पानी की उपस्थिति और संभावित उपयोगिता के लिए चंद्र ध्रुवीय क्षेत्र की जांच करना है। मिशन का लक्ष्य इस लक्ष्य को दो मूलभूत तरीकों से पूरा करना है: चंद्र जल संसाधनों की मात्रा और गुणवत्ता का निर्धारण। मात्रा पहलू मौजूदा अवलोकन डेटा के आधार पर प्रत्याशित क्षेत्रों में मौजूद पानी की वास्तविक मात्रा स्थापित करना चाहता है। इन-सीटू माप और "जमीनी सच्चाई डेटा" प्राप्त करके, Lupex यह गणना करने के लिए एक महत्वपूर्ण आधार रेखा प्रदान करेगा कि भविष्य के चंद्र मिशनों के लिए पृथ्वी से कितना पानी ले जाया जाना चाहिए और कितना स्थानीय स्तर पर प्राप्त किया जा सकता है। यह डेटा चंद्र अन्वेषण की अर्थव्यवस्था और स्थिरता में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है।

इसके साथ ही, गुणवत्ता पहलू का उद्देश्य, चंद्रमा के ध्रुवीय क्षेत्रों में इन-सीटू अवलोकनों के माध्यम से चंद्र जल संसाधनों के वितरण, स्थितियों और रूप को समझना है। बता दें कि, जीवन समर्थन, प्रणोदन या परिरक्षण सामग्री के रूप में चंद्र जल का प्रभावी ढंग से उपयोग करने के लिए इन मापदंडों को समझना महत्वपूर्ण है। इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए, Lupex पतली-फिल्म सौर कोशिकाओं और अल्ट्रा-उच्च-ऊर्जा-घनत्व बैटरी से लैस एक अत्याधुनिक अंतरिक्ष यान तैनात करेगा, जो चंद्र रात या छाया वाले क्षेत्रों में भी निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करेगा। यह तकनीकी नवाचार रोवर की गतिशीलता और चरम चंद्र वातावरण में अस्तित्व के लिए महत्वपूर्ण है।

Lupex कम गुरुत्वाकर्षण वाले खगोलीय पिंडों पर सतह की खोज के लिए आवश्यक तकनीक को आगे बढ़ाने की इच्छा रखता है। 

इसमें गतिशीलता समाधानों को परिष्कृत करना, चंद्र रात्रि अस्तित्व तंत्र को बेहतर बनाना और संभावित खनन कार्यों के लिए उत्खनन तकनीक विकसित करना शामिल है। ये प्रगति न केवल भविष्य की चंद्र गतिविधियों का समर्थन करेगी बल्कि मंगल और उससे आगे के भविष्य के मिशनों पर भी प्रभाव डाल सकती है। बता दें कि, भारत-जापान संयुक्त मिशन, चंद्र विज्ञान में सबसे दिलचस्प प्रश्नों में से एक का उत्तर देने के लिए दोनों देशों की ताकत का लाभ उठाकर इतिहास रचने के लिए तैयार हो रहा है, साथ ही यह चंद्र स्थितियों के बारे में हमारी समझ को आगे बढ़ाता है और स्थायी चंद्र अन्वेषण का मार्ग प्रशस्त करता है। मिशन 2026 तक लॉन्च हो सकता है।