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पहली बार नोएडा की जमीन के नीचे बना भूकंप का केंद्र, क्या किसी बड़े खतरे की है आहट?

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

बीते कई दशकों में ऐसा पहली बार हुआ है कि नोएडा की जमीन के नीचे भूकंप का एक केंद्र बना हो। बुधवार की रात नौ बजे के करीब बहुत कम तीव्रता के आए भूकंप का एपीसेंटर यानी भूकंप का केंद्र नोएडा का सेक्टर 128 था। भूगर्भशास्त्रियों के मुताबिक उनके संज्ञान में नोएडा के एपी सेंटर होने की जानकारी बीते कई सालों में पहली दफा सामने आई है। उनका कहना है कि नोएडा समेत समूचा दिल्ली एनसीआर और आसपास का पूरा इलाका सीस्मिक जोन 4 मे आता है। क्योंकि बीते कुछ महीनो से लगातार अलग-अलग इलाकों में होने वाले भूकंप से दिल्ली एनसीआर की धरती हिल रही है। इसलिए भले ही 1.5 तीव्रता का भूकंप आया हो लेकिन चिंता और हैरानी की बात यही है कि या नोएडा की जमीन के नीचे मची हलचल से आया है। दरअसल चिंता हैरानी की बात इसलिए भी ज्यादा है कि अगर नोएडा की जमीन के नीचे कुछ बड़ी हलचल होती है तो यहां की ऊंची ऊंची इमारतें उन सबको झेलने की क्षमता नहीं रखती हैं। 

वैज्ञानिक भाषा में इसको कहते हैं पूर्वाघात...

बुधवार की रात नौ बजे के करीब नोएडा और आसपास के इलाकों में भूकंप आया। कहने को तो भूकंप की तीव्रता महज 1.5 थी। लेकिन सबसे महत्वपूर्ण और चौंकाने वाली बात यह थी कि भूकंप का केंद्र बिंदु कहीं और नहीं बल्कि नोएडा के सेक्टर 128 के नीचे की जमीन थी। हैदराबाद स्थित राष्ट्रीय भूभौतिकीय अनुसंधान संस्थान के पूर्व वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉक्टर अन्ना. बी स्वामी कहते हैं कि भूकंप के झटकों की तीव्रता को अलग-अलग तौर पर वर्गीकृत किया जाता है। क्योंकि नोएडा और दिल्ली भूकंप के लिहाज से खतरनाक जोन में आते हैं। इसलिए कम तीव्रता वाले भूकंप के एपीसेंटर होने की वजह से इसको पूर्वाघात की श्रेणी में शामिल किया जाता है। उनका कहना है कि इस श्रेणी में आने वाले भूकंप का मतलब किसी बड़े भूकंप की आहट नहीं होती है लेकिन इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता है कि यह बड़े भूकंप की चेतावनी नहीं है। क्योंकि दिल्ली और नोएडा खतरनाक जोन की श्रेणी में आते हैं। इसलिए पूर्वघात को मॉनिटर करना बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है।

7 मैग्नीटिट्यूड से ज्यादा का आ सकता है भूकंप दिल्ली में...

वैज्ञानिकों का कहना है कि सिस्मिक जोन-4 में आने वाली राजधानी दिल्ली भूकंप के बड़े झटके से खासा प्रभावित हो सकती है। वरिष्ठ भूवैज्ञानिक और जियोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ़ इंडिया के पूर्व उपनिदेशक डॉक्टर एसएन चंदेल का कहना है सीस्मिक जोन 4 में आने वाले भूकंप की तीव्रता 7 मैग्नीट्यूड के करीब की हो सकती है। क्योंकि दिल्ली एनसीआर इसी जोन में आता है। ऐसे में अगर इतनी तीव्रता के भूकंप का केंद्र इसी इलाके की जमीन के नीचे होता है तो यह बहुत खतरनाक और बड़ी भीषण स्थिति हो सकती है। वरिष्ठ भू वैज्ञानिकों का मानना है कि बुधवार को नोएडा के नीचे बनने वाले भूकंप के केंद्र को कमतर नहीं आंका जाना चाहिए। हालांकि वैज्ञानिकों का कहना है कि इतनी कम तीव्रता के भूकंप रोजाना हजारों की संख्या में देश और दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में आते हैं, जिनको की महसूस भी नहीं किया जा सकता है।

भाजपा ने मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों के लिए उम्मीदवारों की पहली सूची की जारी, जानिए, क्यों इस बार पहले ही कर रही उम्मीदवारों के ना

भाजपा ने मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों की तैयारी तेज कर दी है और उम्मीदवारों की पहली सूची का भी ऐलान कर दिया। इस लिस्ट के तहत मध्य प्रदेश में 39 उम्मीदवार घोषित किए गए हैं। इसके अलावा छत्तीसगढ़ के भी 21 उम्मीदवारों के नाम घोषित हो गए हैं। भाजपा ने मध्य प्रदेश में जिन 39 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया है, उनमें से तीन महिलाएं हैं। पहली लिस्ट में मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान का ही नाम शामिल नहीं है। वह बुधनी सीट से चुनाव लड़ते रहे हैं, जो सीहोर जिले का हिस्सा है।

भाजपा ने सतना जिले की चित्रकूट सीट से सुरेंद्र सिंह गहरवार का नाम घोषित किया गया है। इसके अलावा छतरपुर सीट से ललिता यादव को भाजपा ने उम्मीदवार बनाया है। सुमावली से अदल सिंह कंसाना और पिछोर से प्रीतम सिंह लोधी को मौका मिला है। प्रीतम सिंह लोधी को वरिष्ठ नेत्री उमा भारती का करीबी माना जाता है। गोहद सुरक्षित सीट से लाल सिंह आर्य, चाचौड़ा से प्रियंका मीणा को उम्मीदवार घोषित किया है।

छत्तीसगढ़ में 21 में से 5 महिला उम्मीदवार, बस्तर से किसे मौका

वहीं छत्तीसगढ़ की बात करें तो वहां भाजपा ने 21 में से 5 महिला उम्मीदवार उतारी हैं। यहां आदिवासी सुरक्षित सीट बस्तर से मनीराम कश्यप को भाजपा ने टिकट दिया है। सुरक्षित सीट मोहला मानपुर से संजीव साहा को मौका मिला है। इसके अलावा अभानपुर से इंद्रकुमार साहू, खैरागढ़ से विक्रांत सिंह, कांकेर से आशाराम नेता को टिकट दिया गया है। रामानुजगंज से रामविचार नेताम को मौका मिला है और प्रतापपुर से शकुंतला सिंह पोर्थे उम्मीदवार बनाई गई हैं। प्रेमनगर से भूलन सिंह मरावी कैंडिडेट घोषित हुए हैं। छत्तीसगढ़ से भी अभी पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के नाम का ऐलान नहीं हुआ है। 

क्यों इस बार भाजपा पहले ही कर रही उम्मीदवारों के नाम घोषित

दरअसल भाजपा ने बुधवार को ही मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ को लेकर चुनाव समिति की मीटिंग बुलाई थी। इसमें राज्यों के प्रभारी, होम मिनिस्टर अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और संगठन महामंत्री बीएल संतोष भी मौजूद थे। पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई इस मीटिंग में उम्मीदवारों के नामों पर विचार हुआ था। इसके अलावा मीटिंग में इस बात पर भी चर्चा हुई कि पहले से ही उम्मीदवार तय कर दिए जाएं ताकि उन्हें क्षेत्र में प्रचार और अपनी ताकत को आजमाने के लिए मौका मिल सके। आमतौर पर भाजपा गुटबाजी से बचने के लिए ऐन वक्त पर नामों का ऐलान करती थी। लेकिन इस बार उसने रणनीति बदलते हुए पहले ही उम्मीदवार घोषित करने का प्लान बनाया है ताकि पहले से ही चुनावी माहौल बनाया जा सके।

अंतरिक्ष जगत में भारत अगले एक सप्ताह के अंदर रच सकता है इतिहास, सफलतापूर्वक लैंडर विक्रम प्रपल्शन मॉड्यूल से हुआ अलग, 23 अगस्त को चंद्रमा की सतह

अंतरिक्ष जगत में भारत अगले एक सप्ताह के अंदर इतिहास रच सकता है। गुरुवार को लैंडर विक्रम प्रपल्शन मॉड्यूल से सफलतापूर्वक अलग हो गया। अब विक्रम लैंडर 23 अगस्त को चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा। यह लैंडिंग चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव की सतह पर होगी, जिसके लिए लैंडर विक्रम ने अपना सफर शुरू कर दिया है।

चंद्रयान- 3 की सफल लैंडिंग से भारत यह उपलब्धि हासिल करने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा और संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस और चीन की बराबरी में कतार में शामिल हो जाएगा। हालाँकि, किसी अन्य देश ने अभी तक चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुव को नहीं छुआ है। ऐसा करने वाला भारत पहला देश होगा।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने कहा कि गुरुवार दोपहर को चंद्रयान-3 के प्रोपल्शन मॉड्यूल को उसके लैंडर मॉड्यूल से सफलतापूर्वक अलग कर दिया गया, जिससे चंद्रमा पर भारत की यात्रा का आखिरी चरण शुरू हो गया है। 

इसरो ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पहले ट्विटर) पर लिखा, "चंद्रयान-3 मिशन: 'यात्रा के लिए धन्यवाद, दोस्त! लैंडर मॉड्यूल (LM) ने ये कहा। LM को प्रोपल्शन मॉड्यूल (PM) से सफलतापूर्वक अलग कर दिया गया है, LM कल लगभग 1600 बजे, IST के लिए नियोजित डीबूस्टिंग पर थोड़ी निचली कक्षा में उतरने के लिए तैयार है। अब,भारत के पास के आसपास तीन हैं।"

प्रोपल्शन मॉड्यूल से अलग होने के बाद, अंतरिक्ष यान का लैंडिंग चरण शुरू होगा। इस चरण में अब 18 और 20 अगस्त को होने वाले डीऑर्बिटिंग के जरिए विक्रम लैंडर को 30 किलोमीटर वाले पेरील्यून और 100 किलोमीटर वाले एपोल्यून ऑर्बिट में डाला जाएगा। प्रोपल्शन मॉड्यूल से अलग होने के बाद विक्रम लैंडर गोलाकार ऑर्बिट में नहीं घूमेगा। वह 30 KM x 100KM की अंडाकार ऑर्बिट में चक्कर लगाने के लिए दो बार डीऑर्बिटिंग करेगा।

चंद्रयान-3, चंद्रयान-2 का फॉलोअप मिशन है, जिसका उद्देश्य चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित लैंडिंग और घूमने में एंड-टू-एंड क्षमता का प्रदर्शन करना है। लैंडिंग के बाद, रोवर लैंडर से बाहर निकलेगा और अगले 14 दिनों (एक चंद्र दिवस) के लिए चंद्र क्षेत्र का पता लगाएगा। अंतरिक्ष यान में एक लैंडर और रोवर कॉन्फ़िगरेशन शामिल है, जिसे 100 किमी चंद्र कक्षा तक एक प्रोपल्शन मॉड्यूल द्वारा ले जाया जा रहा है।

दिल्ली में आप-कांग्रेस की लड़ाई तो महाराष्ट्र में पवार ने बढ़ाई परेशानी, मजबूत गठबंधन के दावों के बीच बिखरा-बिखरा I.N.D.I.A

#conflict_in_india_alliance

2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले केन्द्र की सत्तारूढ़ एनडीए को उखाड़ फेंकने के लिए विपक्षी गठबंधन मजबूती के साथ एकजुट होने की कोशिश में लगा हुआ है। बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए का मुकाबला करने के लिए 26 विपक्षी दलों ने 18 जुलाई को I.N.D.I.A गठबंधन बनाया। विपक्षी दलों के गठबंधन I.N.D.I.A की तीसरी और अहम बैठक इस महीने की 31 अगस्त और 1 सितंबर को मुंबई में होने वाली है। उससे पहले इस गठबंधन में खींचतान शुरू हो गई है। एक तरफ महाराष्ट्र में शरद पवार और अजित पवार के बीच एक के बाद हो रही बैठक से विपक्षी खेमा में कन्फ्यूजन की स्थिति बन गई है, तो दिल्ली में कांग्रेस ने सभी सातों सीट पर चुनाव लड़ने के ऐलान करके आम आदमी पार्टी को नाराज कर दिया है। 

‘INDIA’ 2024 के चुनाव से पहले ही अविश्वास में

मोदी सरकार को उखाड़ फेंकने का मजबूती से दावा करने वाले विपक्षी गठबंधन की एक महीना होते ही हवा निकलती दिख रही है। महाराष्ट्र में अजित-शरद पवार की सीक्रेट मीटिंग और कथित ऑफर को लेकर सियासी घमासान मचा हुआ है। दोनों नेताओं के बीच लगातार हो रहीं मुलाकातों ने कांग्रेस और शिवसेना की टेंशन बढ़ा दी है।एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार विपक्षी गठबंधन का विश्वास खोते जा रहे हैं।कांग्रेस नेता पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने दावा किया है कि बीजेपी ने अजित पवार के सामने शर्त रखी है कि सीएम वो तभी बन सकते हैं, जब शरद पवार को बीजेपी के पाले में ले आते हैं। उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल में कृषि मंत्री या फिर नीति आयोग के अध्यक्ष की कुर्सी देने का ऑफर दिया गया है।

अजित पवार एनडीए का हिस्सा बन चुके हैं और महाराष्ट्र सरकार में उपमुख्यमंत्री हैं। शरद पवार के कई करीबी नेता भी उनका साथ छोड़कर अजित पवार के साथ चले गए हैं। ऐसे में शरद पवार के साथ अजित पवार की हो रही मुलाकात ने महाराष्ट्र की नहीं बल्कि विपक्षी गठबंधन में भी कन्फ्यूजन पैदा कर दी है। कांग्रेस नेताओं को लगने लगा है कि शरद पवार अपने भतीजे के साथ एनडीए में जा सकते हैं। शिवसेना (यूबीटी) भी शरद पवार और अजीत पवार के साथ बढ़ती नजदीकियों से कशमकश की स्थित में है। ऐसे में कहीं विपक्षी गठबंधन ‘INDIA’ 2024 के चुनाव से पहले ही अविश्वास से गुजर रहा है।

कांग्रेस का प्रेशर पॉलिटिक्स

इधर, दिल्ली में कांग्रेस ने प्रेशर पॉलिटिक्स शुरू कर दी है। इसके तहत दिल्ली में कांग्रेस ने लोकसभा की सभी सात सीटों पर चुनाव लड़ने के संकेत दिए हैं। कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व ने बुधवार को 2024 चुनाव तैयारी को लेकर दिल्ली नेताओं की बैठक करके आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन और दिल्ली में पार्टी के मजबूत करने पर चर्चा हुई। कांग्रेस नेता अलका लांबा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि बैठक में दिल्ली की सातों सीटों पर चुनावी तैयारी करने का दिशा-निर्देश दिया है। चुनाव में 7 महीने हैं और दिल्ली में 7 लोकसभा सीटें हैं। नेताओं से सातों सीटों पर जनता के बीच जाने के लिए कहा गया है। इतना ही नहीं पूर्व सांसद संदीप दीक्षित पहले से ही अरविंद केजरीवाल को लेकर आक्रमक रुख अपनाए हुए हैं। अलका लांबा के बयान को लेकर आम आदमी पार्टी ने नाराजगी जाहिर की है। 

आप ने I.N.D.I.A से अलग होने की धमकी दी

कांग्रेस के इस फैसले के बाद आप ने I.N.D.I.A से अलग होने की धमकी दे दी है। आम आदमी पार्टी की मुख्य प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि यदि कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में दिल्ली में अकेले लड़ने का मन बना लिया है तो ‘INDIA’ गठबंधन का कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टा का नेतृत्व मुंबई में ‘INDIA’ गठबंधन की बैठक में हिस्सा लेने पर फैसला करेगा।

राजस्थान में विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी की चुनाव प्रबंध समिति और संकल्प पत्र समिति की घोषणा, पूर्व सीएम वसुंधरा राजे का नाम शामिल नहीं

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राजस्थान में विधानसभा चुनावों को लेकर हलचल तेज हो गई है। इसी बीच राजस्थान बीजेपी ने विधानसभा चुनाव को लेकर संकल्प पत्र और प्रबंधन समिति की घोषणा कर दी है। यह घोषणा बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के निर्देश पर हुई है। इसमें बड़ी बात यह है कि राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे का नाम शामिल नहीं किया गया है।

पार्टी के प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह की मौजूदगी में प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी ने प्रदेश चुनाव प्रबंध समिति और संकल्प पत्र समिति की घोषणा की। इन दोनों समितियों में कुल 46 नेताओं को जगह दी गई। चुनाव प्रबंध समिति का संयोजक पूर्व सांसद और प्रदेश उपाध्यक्ष नारायण पंचारिया को बनाया गया है। वहीं संकल्प पत्र समिति के संयोजन का जिम्मा केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल को दिया गया। 

प्रदेश चुनाव प्रबंधन समिति में 21 नेताओं को जगह

प्रदेश में विधानसभा चुनावों को देखते हुए चुनाव प्रबंधन समिति में 21 नेताओं को जगह दी गई है। इसमें 1 संयोजक, 6 सह संयोजक औऱ 14 सदस्य बनाए गए हैं। इसमें नारायण पंचारिया को संयोजक, पूर्व प्रदेश महामंत्री ओंकार सिंह लखावत, सांसद राज्यवर्द्धन राठौड़, प्रदेश महामंत्री भजनलाल शर्मा, प्रदेश महामंत्री दामोदर अग्रवाल, पूर्व राज्य सूचना आयुक्त सीएम मीणा और कन्हैयालाल बैरवाल को सह संयोजक बनाया गया है।

प्रदेश संकल्प पत्र समिति में 25 नेताओं को किया शामिल

विधानसभा चुनाव के लिए तैयार होने वाले घोषणा पत्र के लिए बीजेपी ने प्रदेश संकल्प पत्र (मेनिफेस्टो) समिति का गठन किया है। इस कमेटी में 1 संयोजक, 7 सह संयोजक और 17 सदस्य बनाए गए हैं। इस कमेटी की जिम्मेदारी केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल संभालेंगे। उन्हें संयोजक बनाया गया है।

वहीं, उनके साथ राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी, राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा, राष्ट्रीय मंत्री अल्का सिंह गुर्जर, पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष राव राजेन्द्र सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुभाष मेहरिया, प्रदेश उपाध्यक्ष प्रभुलाल सैनी और पार्षद राखी राठौड़ को कमेटी में सह-संयोजक बनाया गया है।

क्या तीसरी कमेटी में मिलेगी जगह?

दोनों ही अहम समितियों में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का नाम नहीं शामिल किया गया। प्रदेश में बीजेपी के सबसे बड़े चेहरों में शामिल वसुंधरा के नाम को शामिल नहीं किए जाने पर अब सियासी हलकों में चर्चाओं को दौर शुरू हो गया है। वसुंधरा राजे की चुनाव में भूमिका के सवाल पर प्रदेश अध्यक्ष और प्रभारी ने गोलमोल जवाब देते हुए कहा कि पार्टी में कई वरिष्ठ नेता हैं, वे पार्टी के लिए प्रचार करेंगे। अभी कैंपेन कमेटी के संयोजक और उसके सदस्यों की घोषणा होना बाकी है।

राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे वर्तमान में पार्टी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं। पिछले महीने ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्‌डा की नई टीम में भी उन्हें राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के पद पर बरकरार रखा गया था। हालांकि तब भी चर्चाएं हो रही थी कि चुनावी साल में वसुंधरा को केंद्रीय टीम की बजाय प्रदेश में भूमिका क्यों नहीं दी जा रही?

इसरो की बड़ी कामयाबी, चंद्रयान 3 से अलग होकर चांद की ओर निकला लैंडर विक्रम, 23 अगस्त को करेगा लैंड

#chandrayaan3propulsionlandermodule_separation

इसरो को बड़ी सफलता हासिल हुई है। चंद्रयान-3 ने लैंडिंग से पहले अपने अहम पड़ाव को पार कर लिया है।मिशन को आगे बढ़ाते हुए प्रोपल्शन मॉड्यूल से विक्रम लैंडर अलग हो गया है। इसके बाद अब लैंडर चांद तक अकेले ही सफ़र करेगा, जहां वह 23 अगस्त को दक्षिणी हिस्से पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा।ये 23 अगस्त को शाम 5.25 बजे लैंड करेगा। अगर यह लैंडिंग सफल हो जाती है तो भारत चांद के दक्षिणी हिस्से पर उतरने वाला पहला देश बन जाएगा। साथ ही अमेरिका, रूस और चीन के बाद चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग हासिल करने वाला केवल चौथा देश होगा।

प्रोपल्शन मॉड्यूल से अलग होने के बाद अब लैंडर चांद की कक्षा में पहुंच गया है। यहां वह 23 अगस्त तक चक्कर लगाएगा। इस दौरान इसकी स्पीड को कम कर दिया जाएगा। इसके बाद उसे चांद की सतह पर लैंड कराया जाएगा। इस दौरान प्रोपल्शन मॉड्यूल रिले सैटेलाइट के रूप में परिवर्तित हो जाएगा। यह चांद की कक्षा के बाहर ही रहेगा और यही चक्कर लगाएगा। 

लैंडिंग के आखिरी 15 मिनट काफी अहम

अभी जो प्रक्रियाएं हो रही हैं या होने वाली हैं ये चंद्रयान-2 के समय भी सफलतापूर्वक की गई थीं। उस समय भी लैंडर अलग होकर चांद की तरफ बढ़ा था लेकिन 2.1 किमी की दूरी बाकी थी तब स्पीड नियंत्रित नहीं हो पाई और क्रैश लैंडिंग हो गई थी। जब लैंडिंग के आखिरी 15 मिनट होंगे तो खौफ का समय होगा।दरअसल, जब यान चांद के 100x100 ऑर्बिट में होगा तो लैंडर प्रॉपल्शन मॉड्यूल से अलग हो जाता है। अगला पड़ाव तब आएगा जब लैंडर चांद से 30 किमी की दूरी पर पहुंचेगा। वहां से उसके चांद की सतह पर नीचे उतरने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इस दौरान उसकी स्पीड कम करने की कोशिश की जाएगी। जब स्पीड हो जाएगी, उसके बाद धीरे-धीरे लैंडर को चांद की ओर भेजा जाएगा और सॉफ्ट लैंडिंग की प्रक्रिया शुरू होगी।

चंद्रयान3 के धरती से चांद तक पहुंचने के अहम चरण

14 जुलाई को श्रीहरिकोटा से रवाना होने के बाद चंद्रयान-3 ने तीन हफ्तों में कई चरणों को पार किया। पांच अगस्त को पहली बार चांद की कक्षा में दाखिल हुआ था। इसके बाद 6, 9 और 14 अगस्त को चंद्रयान-3 ने अलग-अलग चरण में प्रवेश किया।चंद्रयान3 के धरती से चांद तक पहुंचने के अहम चरणः-

-14 जुलाई 2023: इसरो ने श्रीहरिकोटा से चंद्रयान-3 को लॉन्च किया. इसी दिन एलवीएम3 एम4 ने चंद्रयान-3 को सफलतापूर्वक चांद की यात्रा को शुरू करवाया।

-25 जुलाई 2023: लॉन्चिंग के बाद चंद्रयान-3 ने 4 अलग-अलग मैन्युवर पूरे किए और पृथ्वी की कक्षा को पीछे छोड़ा. इस दौरान चंद्रयान-3 को बड़े-बड़े धक्के दिए गए और उसे पृथ्वी की कक्षा से बाहर की ओर धकेला गया।

-1 अगस्त 2023: ये तारीख काफी अहम थी, क्योंकि इस दिन चंद्रयान-3 पृथ्वी की कक्षा से बाहर हुआ और चांद की कक्षा की ओर बढ़ा. यहां चंद्रयान-3 की दूरी 288*369328 किमी. थी।

-5 अगस्त 2023: चंद्रयान-3 ने यहां चांद की कक्षा में प्रवेश किया, ये पूरी तरह सफलता पूर्वक हुआ और चांद की कक्षा में अलग-अलग चरणों की शुरुआत हुई।

-9 अगस्त 2023: यहां से अलग-अलग मैन्युवर को परफॉर्म किया गया, यानी चरण दर चरण चंद्रयान-3 को चांद के करीब धकेलने और उसका वजन कम करने का काम किया गया।

-16 अगस्त 2023: चंद्रयान-3 ने अपना आखिरी मैन्युवर पूरा किया. अलग-अलग प्रक्रियाओं के बाद यह सबसे अंतिम मैन्युवर था, जिसके बाद अब पूरी कोशिश सफल लैंडिंग कराने की होगी।

-17 अगस्त 2023: लैंडिंग से जुड़ी अहम प्रक्रिया यहां शुरू होगी, प्रणोदन और लैंडर मॉड्यूल यहां से अलग-अलग होगा. लैंडर यहां से चांद की ओर बढ़ेगा और फिर सॉफ्ट लैंडिंग के अलग-अलग चरण पूरे होंगे।

नेहरू मेमोरियल का नाम बदलने पर राहुल गांधी का मोदी सरकार पर तंज, कहा-नाम नहीं, कर्म उनकी पहचान

#rahul_gandhi_attacks_modi_governemnt_on_nehru_memorial_name_change

नेहरू मेमोरियल म्यूजियम और लाइब्रेरी का नाम बदल दिया गया है। केंद्र सरकार के इस पैसले के बाद अब इसे प्रधानमंत्री संग्रहालय एवं पुस्तकालय के नाम से जाना जाएगा। नेहरू मेमोरियल म्यूजियम और लाइब्रेरी का नाम बदलने पर कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। जब राहुल गांधी से इस पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि नेहरू जी की पहचान उनके कर्म हैं, उनका नाम नहीं।

दो साल की सजा पर रोक लगने के बाद राहुल गांधी को सांसदी वापस मिली थी, जिसके बाद से ही वह आक्रामक रवैया अपना रहे हैं और लगातार मोदी सरकार पर निशाना साध रहे हैं।दो दिनों के लेह-लद्दाख की यात्रा पर रवाना होने से पहले पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए राहुल गांधी ने कहा कि नेहरू जी की पहचान उनके कर्म हैं, उनका नाम नहीं।

बता दें कि केंद्र शासित बनने के बाद राहुल गांधी पहली बार लद्दाख के दौरे में राहुल गांधी लेह और कारगिल जाएंगे। इस दौरान वे पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से मुलाकात करेंगे।कारगिल में अगले महीने हिल काउंसिल के चुनाव होने हैं। इस वजह से राहुल की यात्रा को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। वे वहां पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जोश भरेंगे। कारगिल हिल काउंसिल के चुनाव के लिए कांग्रेस ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ गठबंधन किया है।

राहुल गांधी से पहले भी कांग्रेस और भाजपा के बीच इस मसले को लेकर वार-पलटवार चल रहा है। इससे पहले कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि नाम बदलना सरकार के ओछेपन को दिखाता है, पीएम मोदी डर और असुरक्षा से भरे नज़र आते हैं। मौजूदा सरकार का एकमात्र एजेंडा नेहरू और उनकी विरासत को गलत ठहराना और बदनाम करना ही है। लेकिन इन हमलों के बाद भी नेहरू की विरासत हमेशा जिंदा रहेगी।

स्वतंत्रतता दिवस के मौके पर नई दिल्ली के तीन मूर्ति परिसर स्थित नेहरू मेमोरियल म्यूजियम का नाम बदलकर पीएम म्यूजियम एंड लाइब्रेरी (पीएमएमएल) कर दिया गया।भले ही स्‍वतंत्रता दिवस के मौके पर नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी सोसाइटी का नाम बदल दिया गया हो लेकिन इसका औपचारिक ऐलान जून के महीने में ही कर दिया गया था।अब इसे औपचारिक रूप दे दिया गया है। इस बारे में 15 जून 2023 को राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में फैसला लिया गया था।

सेंसेक्स 61 अंक नीचे 65478 पर और निफ्टी 23 अंक नीचे 19441 पर, शेयर बाजार में कमजोर शुरुआत, दोनों सूचकांक लाल निशान में

शेयर बाजार में गुरुवार को बाजार में कमजोर शुरुआत देखने को मिली। सेंसेक्स 61 अंक नीचे 65478 पर और निफ्टी 23 अंक नीचे 19441 पर कारोबार कर रहा था। जानकारों का कहना है कि महंगाई का असर और अमेरिकी अर्थव्यवस्था का असर भारतीय शेयर बाजार पर भी देखने को मिल रहा है। निफ्टी 50 में 21 शेयरों में एडवांसेस दिख रहा है जबकि 29 शेयरों में डिक्लाइन दिख रहा है। यहां पर जिन शेयरों में तेजी है उनमें TITAN, ADANIPORTS, NTPC, ADANIENT, DRREDDY के शेयर प्रमुख हैं। जबकि जिन शेयरों में गिरावट देखी जा रही है उनमें CIPLA, ITC, GRASIM, SBILIFE, LTIM के शेयर शामिल हैं।

स्थानीय शेयर बाजार बुधवार को शुरुआती नुकसान से उबरते हुए लाभ में रहे और बीएसई सेंसेक्स में करीब 137 अंक की तेजी रही थी। वैश्विक बाजारों के मिले-जुले रुख के बीच सूचकांक में मजबूत हिस्सेदारी रखने वाली इन्फोसिस, एलएंडटी और महिंद्रा एंड महिंद्रा में कारोबार के अंतिम घंटे में लिवाली होने से बाजार को समर्थन मिला था। उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 137.50 अंक यानी 0.21 प्रतिशत की बढ़त के साथ 65,539.42 अंक पर बंद हुआ था। कारोबार के दौरान एक समय इसमें 369.03 अंक तक गिरावट दर्ज की गई थी।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक निफ्टी भी 30.45 अंक यानी 0.16 प्रतिशत की बढ़त के साथ 19,465 अंक पर बंद हुआ था।

सेंसेक्स के शेयरों में अल्ट्राटेक सीमेंट सर्वाधिक 2.43 प्रतिशत के लाभ में रहा था। इसके अलावा एनटीपीसी, टाटा मोटर्स, इन्फोसिस, पावरग्रिड, महिंद्रा एंड महिंद्रा, लार्सन एंड टुब्रो, मारुति, विप्रो और एसबीआई में भी प्रमुख रूप से तेजी रही थी। दूसरी तरफ नुकसान में रहने वाले शेयरों में टाटा स्टील, भारती एयरटेल, बजाज फिनसर्व, एक्सिस बैंक, बजाज फाइनेंस और जेएसडब्ल्यू स्टील शामिल रहे थे।

गन प्वाइंट पर आरपीएफ कांस्टेबल ने महिला यात्री से कहा था- बोलो भारत माता की जय, पढ़िए, जयपुर-मुंबई सुपरफास्ट ट्रेन पर खूनी तांडव की कहानी

बीते महीने 31 जुलाई को जयपुर-मुबंई सुपरफास्ट एक्सप्रेस पर आरपीएफ के चेतन चौधरी ने चार लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस मामले में पुलिस एफआईआर दर्ज करके जांच कर रही है। जांच के दौरान पता चला कि उस सिपाही ने एक बुर्का पहने महिला को गन प्वाइंट पर भारत माता की जय कहने के लिए बाध्य किया था।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस मामले की जांच मुंबई के बोरीवली (जीआरपी) रेलवे थाने की पुलिस कर रही है। इस दौरान प्रत्यक्षदर्शियों का बयान जुटाने के लिए पुलिस बोगी में सवार सहयात्रियों के पास जा रहे हैं। ऐसे में एक महिला भी पुलिस के सामने निकलकर आई है। पुलिस को दिए गए बयान में महिला ने अपने बयान दिए हैं। पुलिस ने उसे इस मामले में गवाह भी बनाया है। इसके अलावा यह पूरी घटना ट्रेन में लगे सीसीटीवी कैमरे में भी रिकॉर्ड हुई है।

जयपुर-मुंबई सुपरफास्ट ट्रेन में 31 जुलाई को हुए फायरिंग की जांच में नया खुलासा, आरपीएफ काॅन्स्टेबल चेतन चौधरी ने ट्रेन में और खून खराबा करने का

 जयपुर-मुंबई सुपरफास्ट ट्रेन में 31 जुलाई को हुए फायरिंग की घटना में अब कई खुलासे हुए हैं। जीआरपी की जांच में पता चला है कि आरपीएफ काॅन्स्टेबल चेतन चौधरी ने ट्रेन में और ज्यादा खुनी खराबा करने का सोचा था लेकिन ट्रेन में मौजूद यात्रियों की आक्रामकता के चलते ऐसा संभव नहीं हो सका।

राजकीय रेलवे पुलिस की जांच में अब तक यह सामने आया है कि काॅन्स्टेबल चेतन चौधरी ने बोरीवली स्टेशन पर उतरने से पहले और कई लोगों को अपना निशाना बना सकता था। क्योंकि उसकी राइफल में सात राउंड बचे थे। वह ट्रेन में अधिक से अधिक लोगों को मौत के घाट उतारना चाहता था इसलिए उसने अपनी बदूंक एस 5 डिब्बे में बुरखा पहनी एक महिला की ओर तान दी। हालांकि यात्रियों के हंगामे के कारण महिला की जान बच गई।

यात्रियों को ऐसे बनाया शिकार

गवाहों की मानें तो बोरीवली स्टेशन पर उतरने से पहले उसने कोच एस 6 में एक यात्री अजगर अली की हत्या की थी। इतना ही नहीं हत्या के बाद उसने भाषण भी दिया था। इसके बाद उसने वहां मौजूद यात्रियों को वीडियो रिकाॅर्ड करने के लिए कहा था। एस 5 कोच में महिला को ओर बंदूक तानने के बाद उसने कोच में मौजूद एक अन्य यात्री जाफर खान को भी धमकी दी थी। इसी डिब्बे में उसने सैफुद्दीन को अपना दूसरा शिकार बनाया था।

चेतन चौधरी ने अपना तीसरा शिकार अब्दुल कादर भानपुरवाला को बनाया। भानपुरवाला के पास बैठे गवाह ने बताया कि भानपुरवाला वैतरणा स्टेशन पर उतरने वाला था इसलिए वह अपना सामान लेकर दरवाजे पर गया था। इसके बाद चौधरी ने पहले मीना को अपना शिकार बनाया। मीना को शिकार बनाने के 20 मिनट बाद भानपुरवाला को मौत के घाट उतार दिया।

यह है मामला

राजकीय पुलिस की मानें तो बोरीवली स्टेशन पर उतरने के बाद एक गार्ड भी ट्रेन से उतरा लेकिन चौधरी ने उस पर अपनी बंदूक तान दी। इसके बाद जब गार्ड ने चौधरी के पैरों में खून देखा तो वह फिर से ट्रेन में चढ़ गया। बता दें कि घटना 31 जुलाई की है। जब जयपुर-मुंबई सेंट्रल एक्सप्रेस में पालघर स्टेशन के पास आरपीएफ काॅन्स्टेबल चेतन चौधरी ने अपनी राइफल से फायरिंग कर एक सहायक उपनिरीक्षक समेत 4 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था।