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राहुल गांधी को मोदी सरनेम मामले में झारखंड हाईकोर्ट में सहशरीर उपस्थिति पर मिली राहत, वकील ही होंगे पेश


रांची. ‘मोदी सरनेम’ को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा कथित तौर पर आपत्तिजनक बयान दिए जाने के मामले में रांची हाई कोर्ट में आज अहम सुनवाई पूरी हुई।

आज इस मामले की सुनवाई झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस एस के द्विवेदी की कोर्ट में सुनवाई पूरी हुई। कोर्ट के द्वारा आए निर्णय के अनुसार अब उन्हे सह शरीर हाजिर नहीं होना होगा। उनकी जगह उनके अधिवक्ता प्रस्तुत होंगे।

दरअसल, यह मामला वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान का है। रांची के मोरहाबादी मैदान में लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार करने के दौरान राहुल गांधी ने नरेन्द्र मोदी, नीरव मोदी और ललित मोदी का जिक्र करते हुए कहा था कि ‘सारे मोदी सरनेम वाले चोर हैं’। इसे लेकर अधिवक्ता प्रदीप मोदी ने कोर्ट में शिकायत दर्ज कराई थी। याचिका में कहा गया है कि राहुल गांधी के टिप्पणी से पूरा मोदी समाज आहत है, इसलिए उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए।

बाबूलाल मरांडी ने अपनी संकल्प यात्रा पर जारी किया स्टीकर, अटल बिहारी वाजपेई के सपनों को साकार करेगी भाजपा

रांची: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने बतौर प्रदेश अध्यक्ष प्रदेश कार्यालय में पहली प्रेसवार्ता को संबोधित किया। मरांडी ने बताया कि कल 17अगस्त से 40 दिनों की संकल्प यात्रा पर रहेंगे। जिसका आज स्टीकर जारी किया।

बाबूलाल मरांडी प्रेसवार्ता से पूर्व विधानसभा परिसर में स्थित पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेई जी की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित कर,नमन किया।

 मरांडी ने अटल बिहारी वाजपेई को याद करते हुए कहा कि अटल जी ने अलग राज्य देकर राज्य की जनभावनाओं को सम्मान दिया था। भगवान बिरसा मुंडा की जयंती 15 नवंबर 2000 को झारखंड अलग राज्य का गठन श्रद्धेय अटल जी की देन है। आज राज्य की सत्ता में बैठे लोग हैं अटल जी के सपनो को रौंद रहे है। ये वही लोग हैं जिन्होंने अलग राज्य के आंदोलन की बोली लगाई, तो किसी ने अपने लाश पर बनने की कसम खाई।कोई आंदोलन का क्रेता बना तो कोई विक्रेता बना।

उन्होंने राज्य सरकार पर हमला करते हुए कहा कि सरकार को राज्य के जनता की भलाई और विकास से कुछ भी लेना देना नही। ये सरकार केवल कमाने में लगी है। यहां तो भ्रष्टाचार को रोकने की जिम्मेवारी रखने वाला व्यक्ति खुद आकंठ भ्रष्टाचार में डूबा है। 

मरांडी ने कुछ दस्तावेज दिखाते हुए कहा कि पूरा शिबू सोरेन परिवार आदिवासियों की जमीन लूटने में लगा है।

दस्तावेज में दर्ज नामो का उल्लेख करते हुए कहा कि मुंडा आदिवासी की जमीन को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन हेमंत कुमार सोरेन पिता शिव सोरेन के नाम ,दुर्गा सोरेन के जमीन की रजिस्ट्री दुर्गा प्रसाद सोरेन पिता शिव सोरेन के नाम और बसंत सोरेन की जमीन वसंत कुमार सोरेन पिता शिव सोरेन के नाम दिखाई गई। जब सत्ताधारी खुद फर्जी दस्तावेज बनाकर आदिवासियों की जमीन लूट रहा हो उससे राज्य में मची लूट की उम्मीद नहीं की जा सकती।

इसी भ्रष्टाचार से राज्य को मुक्ति दिलाने के लिए भाजपा संकल्पित है। इसी संकल्प को जनता के बीच संकल्प यात्रा के माध्यम से की जा रही है। इस यात्रा की शुरुआत देश के महान विभूति की जन्मभूमि भोगनाडीह से शुरू होगी।

बोकारो :आज से बोकारो थर्मल स्थित डीवीसी के 500 मेगावाट वाले पावर प्लांट में ठेका मजदूरों की बायोमीट्रिक से होगी इंट्री

बोकारो थर्मल. बोकारो थर्मल स्थित डीवीसी के 500 मेगावाट वाले पावर प्लांट में कार्य करनेवाले सभी ठेका मजदूरों कीइंट्री बायोमीट्रिक अटेंडेंस से होगी. डीवीसी के डीजीएम बीजी होलकर ने पत्रांक 4197 के तहत इस आशय की सूचना सभी विभागााध्यक्षों को जारी की है. 

सूचना की प्रति एचओपी, जीएम ओएंडएम,जीएम कॉमन सर्विस, सीआइएसएफ सहित सभी सूचना पट्ट पर जारी की है. सूचना में लिखा है कि 16 अगस्त से पावर प्लांट मेन गेट पर लगाये गये बायोमीट्रिक से ही सभी प्रकार के ठेका मजदूरों को उपस्थिति बनाकर कार्य पर जाना है. 

बिना बायोमीट्रिक उपस्थिति बनाये किसी भी मजदूर को प्लांट गेट से अंदर जाने नहीं दिया जायेगा. सूचना के तहत सभी को अपना पंजीकरण करवाने को कहा गया है.

बिजली-पानी की समस्या को लेकर स्थानीय लोगों ने कोल अधिकारियों को कमरे में बनाया बंधक


कतरास(धनबाद). बीसीसीएल गोविंदपुर क्षेत्र के न्यू आकाशकिनारी कोलियरी के परियोजना पदाधिकारी अवधेश सिंह व कोलियरी इंजीनियर योगेश कुमार को बिजली-पानी को लेकर बुधवार को कमरे में बंधक बना लिया. 

करीब दो घंटे तक दोनो अधिकारी बंधक बने रहे. बाद में आश्वासन पर आंदोलनकारी मान गये. आंदोलनकारियों ने बताया कि तिलताड़ कॉलोनी में दो तीन माह से बिजली समुचित रूप से नहीं मिल रहा है. 

लोग इस उमस भरी गर्मी में परेशान है. लोगों ने बताया कि जब से कॉलोनी बना है. तब से पानी नहीं मिल रहा है.अधिकारी कमीशनखोरी में लिप्त है. 

मौके पर भाजमो के जिलाध्यक्ष उदय सिंह, मंतोष तिवारी, बालेश्वर दुबे, अजय सिंह, सुदय सिंह, सुशील सिंह, शमशाद मिर्जा, केके राय, रातुल राय, आदित्य दसौंधी, कुंदन शर्मा, विजय सिंह आदि थे. पीओ ने बताया कि केबल ब्लास्ट व ओवरहेड में इंसुलेटर खराबी के कारण दिक्कत हुआ. 

ठीकेदार बढ़िया से काम नहीं हो रहा है.

धनंजय हत्याकांड को लेकर लोगों ने झरिया कतरास मोड़ मुख्य मार्ग को जाम कर दिया,गिरफ्तारी की मांग पर पुलिस पर भीड़ ने किया पथराव, कई लोग घायल


धनबाद : धनंजय हत्याकांड के आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग पर झरिया कतरास मोड़ मुख्य मार्ग को जाम कर दिया है. 

कई राहगीर पर आक्रोशित लोगों ने गाड़ियों पर लाठियां बरसाई. जिसके बाद झरिया थाना पुलिस पर भीड़ ने पथराव किया. जिसमें कई लोग घायल भी हुए हैं. कई वाहन को भी पलटा है.

 पुलिस ने लाठीचार्ज किया. भीड़ तितर-बितर दोनों पक्षों से रुक रुक के पथराव हो रहा है.

बिजली-पानी की समस्या को लेकर स्थानीय लोगों ने कोल अधिकारियों को कमरे में बनाया बंधक

कतरास(धनबाद). बीसीसीएल गोविंदपुर क्षेत्र के न्यू आकाशकिनारी कोलियरी के परियोजना पदाधिकारी अवधेश सिंह व कोलियरी इंजीनियर योगेश कुमार को बिजली-पानी को लेकर बुधवार को कमरे में बंधक बना लिया. 

करीब दो घंटे तक दोनो अधिकारी बंधक बने रहे. बाद में आश्वासन पर आंदोलनकारी मान गये. आंदोलनकारियों ने बताया कि तिलताड़ कॉलोनी में दो तीन माह से बिजली समुचित रूप से नहीं मिल रहा है. 

लोग इस उमस भरी गर्मी में परेशान है. लोगों ने बताया कि जब से कॉलोनी बना है. तब से पानी नहीं मिल रहा है.अधिकारी कमीशनखोरी में लिप्त है. 

मौके पर भाजमो के जिलाध्यक्ष उदय सिंह, मंतोष तिवारी, बालेश्वर दुबे, अजय सिंह, सुदय सिंह, सुशील सिंह, शमशाद मिर्जा, केके राय, रातुल राय, आदित्य दसौंधी, कुंदन शर्मा, विजय सिंह आदि थे. पीओ ने बताया कि केबल ब्लास्ट व ओवरहेड में इंसुलेटर खराबी के कारण दिक्कत हुआ. 

ठीकेदार बढ़िया से काम नहीं हो रहा है.

मिजोरम को लेकर बीजेपी नेता के दावे का सचिन पायलट ने दिया करारा जवाब, कहा- मेरे पिता ने बम जरूर गिराए थे, लेकिन...


मणिपुर में जारी हिंसा को लेकर भारतीय जनता पार्टी की केन्द्र सरकार और विपक्ष आमने सामने हैं। विपक्ष द्वारा हाल ही में मणिपुर के मसले पर संसद में अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था। इस बीच मिजोरम को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष में जुबानी जंग छिड़ गई है।इस बीच कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने उनके पिता राजेश पायलट को लेकर किए किए गए भारतीय जनता पार्टी के दावे का करारा जवाब दिया है। अमित मालवीय ने ये दावा करते हुए ट्वीट किया था कि राजेश पायलट ने मार्च 1966 में बतौर भारतीय वायुसेना पायलट मिजोरम में बम गिराए थे। इस पर सचिन पायलट ने कहा कि आपके तथ्य और दिनांक दोनों ही गलत हैं।

सचिन पायलट ने अमित मालवीय के ही ट्वीट पर प्रतिक्रिया दी है।उन्होंने लिखा, 'स्व. राजेश पायलट दिनांक 29 अक्टूबर, 1966 को भारतीय वायु सेना में कमीशन हुए थे। यह कहना कि उन्होंने 5 मार्च 1966 में मिज़ोरम में बमबारी करी थी- काल्पनिक है, तथ्यहीन है और पूर्ण तरह भ्रामक है। हां, 80 के दशक में एक राजनेता के रूप में मिजोरम में युद्ध विराम करवाने और स्थाई शांति संधि स्थापित करवाने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका जरूर निभाई थी। स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएँ, जय हिन्द।'

इसके साथ ही सचिन पायलट ने पिता राजेश पायलट के वायुसेना में कमीशन होने का सर्टिफिकेट भी अटैच किया है।

दरअसल, अमित मालवीय ने 13 अगस्त को एक ट्वीट किया था। मालवीय ने ट्वीट में लिखा था, "राजेश पायलट और सुरेश कलमाड़ी भारतीय वायुसेना के उन विमानों को उड़ा रहे थे, जिन्होंने 5 मार्च 1966 को मिज़ोरम की राजधानी आइजोल पर बम गिराए। बाद में दोनों कांग्रेस के टिकट पर सांसद और सरकार में मंत्री भी बने। साफ है कि नार्थ ईस्ट में अपने ही लोगों पर हवाई हमला करने वालों को इंदिरा गांधी ने बतौर इनाम राजनीति में जगह दी, सम्मान दिया।"

बता दें कि मिजोरम का यह मसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अविश्वास प्रस्ताव के दौरान दिए भाषण के बाद उठा है। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कांग्रेस पर आरोप लगाया था कि मिजोरम में कांग्रेस ने अपने ही नागरिकों पर वायुसेना से हमला करवाया था, क्या मिजोरम के लोग हमारे देश के नागरिक नहीं थे। आज भी 5 मार्च को मिजोरम में शोक दिवस मनाया जाता है. मणिपुर पर जवाब देते हुए पीएम मोदी ने यह हमला किया था, जिसके बाद से ही बीजेपी-कांग्रेस के बीच तकरार चल रही है।

अटल बिहारी बाजपेयी की पुण्यतिथि आज, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री मोदी समेत कई नेता और मंत्री श्रद्धांजलि देने पहुंचे 'सदैव अटल'

देश के पूर्व प्रधानमंत्री और बीजेपी के संस्थापक सदस्य भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की आज 5वीं पुण्यतिथि है। इस मौके राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और तमाम केंद्रीय मंत्रियों ने सुबह-सुबह अटल स्मृति पर जाकर उनको श्रद्धांजलि दी। 

दिवंगत प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि पर आज उनकी समाधि 'सदैव अटल' पर प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि पर 'सदैव अटल' स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने भी अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि पर 'सदैव अटल' स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की। 

एनडीए गठबंधन के भी नेताओं का लगा जमावड़ा

अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि पर बीजेपी की ओर से दिल्ली में अटल स्मृति पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। जिसमें औपचारिक तौर पर गठबंधन के भी नेताओं को भी बुलाया गया है। एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल, केंद्रीय मंत्री और अपना दल (सोनीलाल) की नेता अनुप्रिया पटेल और हम नेता जीतन राम मांझी सहित अन्य एनडीए नेताओं ने अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि पर 'सदैव अटल' स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की।

पीएम मोदी ने किया ट्वीट

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को ट्वीट कर लिखा कि अटल जी की पुण्यतिथि पर मैं देश के 140 करोड़ लोगों के साथ उन्हें नमन करता हूं। भारत को उनके नेतृत्व से काफी फायदा मिला, उन्होंने देश के विकास में अहम योगदान दिया और 21वीं सदी के भारत की नींव डालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

अटल बिहारी वाजपेयी के बारे में

बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का निधन 93 साल की उम्र में 16 अगस्त 2018 में हुआ था, वह लंबे वक्त से बीमार थे। अटल बिहारी वाजपेयी ने 3 बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी, साल 1998 से लेकर 2004 तक उन्होंने बतौर प्रधानमंत्री अपना कार्यकाल पूरा किया था। अटल ने सबसे पहले 1996 में 13 दिन, 1998 में 13 महीने और फिर 1999 में 5 साल तक अटल बिहारी वाजपेयी देश के प्रधानमंत्री रहे थे। अटल बिहारी वाजपेयी 9 बार वो लोकसभा सांसद चुने गए जबकि 2 बार राज्यसभा सांसद चुने गए।

अटल बिहारी वाजपेयी को भाजपा के सर्वोच्च नेताओं में से एक माना जाता है, जिनकी अगुवाई में बीजेपी का उदय हुआ और सत्ता तक का सफर तय हुआ। वाजपेयी को पार्टी को उनके आधार से परे लोकप्रिय बनाने और छह साल तक सफलतापूर्वक गठबंधन सरकार चलाने का श्रेय दिया जाता है, इस दौरान उन्होंने सुधारों को आगे बढ़ाया और बुनियादी ढांचे को बढ़ावा दिया।

अमिताभ चौधरी की पहली पुण्य तिथि आज: बेटे ने रांची डीसी को लिखा पत्र स्टेडियम में होने वाले कार्यक्रम को रोकने का किया अनुरोध

झारखंड में देश को अंतरराष्ट्रीय स्तर का क्रिकेट स्टेडियम देने वाले अमिताभ चौधरी की आज पुण्य तिथि आज है।उनकी पुण्यतिथि पर जेएससीए प्रबंधन ने स्टेडियम परिसर में कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किया है। वहीं जेएससीए के इस कार्यक्रमों का अमिताभ चौधरी के बेटे अभिषेक चौधरी ने विरोध किया है। उन्होंने जेएससीए परिसर में होने जा रहे इस तरह के कार्यक्रमों पर रोक लगाने के लिए रांची के उपायुक्त को पत्र लिखा है।

जेएससीए के द्वारा परिसर में अमिताभ चौधरी की प्रतिमा स्थापित किए जाने को लेकर उनके बेटे ने कड़ी आपत्ति जताई है। इस बारे में उनके बेटे अभिषेक चौधरी का कहना है कि पिता अमिताभ चौधरी, व्यक्ति पूजा और बाहरी आडंबर के घोर विरोधी थे। उनके लिए कर्म ही पूजा थी।

 कार्य के प्रति एकनिष्ठा व समर्पण अदभुत था। उन्होंने जेएससीए परिसर में होने वाले ऐसे कार्यक्रमों पर रोक लगाने के लिए रांची के उपायुक्त को पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि जेएससीए उनके पिता की पुण्य तिथि पर कार्यक्रम कराने में लगा हुआ है। आज जेएससीए वही सब काम कर रहा है, जिससे उनके पिता हमेशा दूर रहते थे। 

उन्होंने इन कार्यक्रमों को रोकने के लिए कहा है। अभिषेक चौधरी ने जेएससीए और सीसीसी पर निजी शोक कार्यक्रम का राजनीतिकरण करने का भी आरोप लगाया है।

अभिषेक चौधरी के द्वारा पत्र भेजे जाने के बाद रांची के उपायुक्त राहुल सिन्हा ने कार्रवाई करते हुए जेएससीए को स्पष्ट निर्देश दिया है कि उनके लिए इस तरह के धार्मिक अनुष्ठान और गतिविधियां करना गैरकानूनी है। उन्होंने जेएससीए को अपने खर्च पर बनारस से बुलाए गए पंडित को वापस भेजने का आदेश दिया है। उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया कि कोई भी अवैध धार्मिक गतिविधि न हो। जिला प्रशासन ने पुलिस बल के साथ मजिस्ट्रेट की तैनाती का आदेश दिया है।

चांद के और करीब पहुंचा चंद्रयान-3, आखिरी ऑर्बिट में ली एंट्री, अब 23 अगस्त का इंतजार

#chandrayaan_3_successfully_completes_fifth_and_final_maneuver_to_reach_moon

चंद्रयान-3 चांद के और करीब पहुंच गया है।चंद्रयान-3 ने चंद्रमा की कक्षा में पहुंचने की पांचवीं और अंतिम कवायद सफलतापूर्वक पूरी कर ली है।जी हां, चंद्रयान-3 आज चंद्रमा के आखिरी ऑर्बिट में पहुंच गया है। इसरो ने इसकी जानकारी दी है।इसरो ने ट्वीट कर बताया कि रफ्तार बढ़ाने के लिए की गई आज की सफल फायरिंग थोड़े समय के लिए आवश्यक थी। इस फायरिंग ने चंद्रयान-3 को अपनी मंशा के अनुरूप 153 किलोमीटर से 163 किलोमीटर की कक्षा में स्थापित कर दिया है।यह वो पल है जहां से चंद्रयान की यात्रा में महत्वपूर्ण लेकिन निर्णायक बदलाव होने हैं। 

इसरो के मुताबिक, इस ऑर्बिट में पहुंचने के बाद वह लैंडर को अलग करने की प्रक्रिया शुरू करेंगे।इसरो ने बताया कि अब तैयारियों का समय आ गया है क्योंकि प्रोपल्शन मॉड्यूल और लैंडर मॉड्यूल अपनी अलग-अलग यात्राओं के लिए तैयार हो रहे हैं। लैंडर मॉड्यूल को प्रोपल्शन मॉड्यूल से अलग करने की योजना 17 अगस्त, 2023 को बनाई गई है।

इसरो ने ट्वीट में कहा गया है कि आज इंजन को सफलतापूर्वक ऑन करने के बाद उसने चांद की तरफ जाने वाली एक ऑर्बिट को पूरा कर लिया है। अब उसकी दूरी 153 km x 163 km रह गई है। यहां से लैंडर को अलग किया जाएगा और इस मिशन का कैरियर 17 अगस्त से एक और राउंड पूरा करने के बाद अपनी अलग-अलग यात्रा शुरू करेंगे। अगर सब ठीक रहता है तो लैंडर 23 अगस्त को अपने तय समय के मुताबिक चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग कर जाएगा।

लैंडर के प्रोपल्शन मॉड्यूल से अलग होने और 100 किमी x 30 किमी की कक्षा में प्रवेश करने के बाद सॉफ्ट लैंडिंग प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। लगभग 30 किमी की ऊंचाई पर लैंडर चंद्रमा की सतह तक नीचे जाने के लिए अपने थ्रस्टर्स का उपयोग करेगा। सुरक्षित लैंडिंग सुनिश्चित करने के लिए इस नाजुक ऑपरेशन के लिए सटीक नियंत्रण और नेविगेशन की आवश्यकता होती है। चंद्रयान-3 का मिशन न सिर्फ अंतरिक्ष अन्वेषण में भारत की बढ़ती तकनीकी क्षमताओं का प्रदर्शन है बल्कि इसका उद्देश्य महत्वपूर्ण वैज्ञानिक खोजें करना भी है।

‘चंद्रयान-3' का प्रक्षेपण 14 जुलाई को किया गया था और पांच अगस्त को इसने चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश किया था।चंद्रयान-3 ने जब पहली बार चंद्रमा की कक्षा में एंट्री की थी तो उसकी ऑर्बिट 164 Km x 18,074 Km थी।ऑर्बिट में प्रवेश करते समय उसके ऑनबोर्ड कैमरों ने चांद की तस्वीरें भी कैप्चर की थीं। इसरो में ने अपनी वेबसाइट पर इसका एक वीडियो बनाकर शेयर किया था।पांच अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में पहुंचने के बाद छह और नौ अगस्त को चंद्रयान को कक्षा में नीचे लाए जाने की दो प्रक्रियाओं को अंजाम दिया गया।