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भाजपा के खिलाफ बनाए गए INDIA गठबंधन की तीसरी बैठक 31 अगस्त से एक सितंबर तक मुंबई में होगी, सकता है संयोजक के नाम का ऐलान

भाजपा के खिलाफ बनाए गए नए विपक्षी गठबंधन, INDIA की तीसरी बैठक की तारीखों की घोषणा कर दी गई है। INDIA की तीसरी बैठक 31 अगस्त से 1 सितंबर तक मुंबई में होगी। 2024 के लोकसभा चुनावों में सत्तारूढ़ NDA से मुकाबला करने के लिए 17-18 जुलाई को बेंगलुरु में एक बैठक में 26 पार्टियों वाले विपक्षी गुट का नया नाम - INDIA (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव एलायंस) की घोषणा की गई थी। विपक्षी दलों की पहली बैठक पटना में हुई। 

दूसरी बैठक के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि विपक्षी दलों के बीच समन्वय के उद्देश्य से 11 सदस्यों वाली एक समिति बनाई जानी है और मुंबई में तीसरी नियोजित बैठक के दौरान एक संयोजक की घोषणा की जाएगी। इससे पहले सूत्रों के हवाले से खबर सामने आई थी कि बिहार के सीएम और जनता दल (यूनाइटेड) के नेता नीतीश कुमार को 26 विपक्षी दलों के नवगठित गठबंधन के लिए 11 सदस्यीय समन्वय टीम का संयोजक नियुक्त किए जाने की संभावना है। 

बेंगलुरु में विपक्षी दलों की दूसरी बैठक के बाद, INDIA ब्लॉक ने संसद के चल रहे मानसून सत्र में एकजुट मोर्चा पेश किया है। वे मणिपुर हिंसा और वायरल नग्न महिला परेड वीडियो जैसे प्रमुख मुद्दों पर केंद्र को घेरने की कोशिश कर रहे हैं। जबकि दिल्ली सेवा विधेयक, जिसे आधिकारिक तौर पर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 के रूप में जाना जाता है, जैसे विवादास्पद विधेयकों पर विपक्षी सांसदों ने विरोध स्वरूप वाकआउट कर दिया था।

प्रधानमंत्री एक ऐतिहासिक पहल के तहत, 6 अगस्त को देश भर में 508 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास के लिए आधारशिला रखेंगे

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी एक ऐतिहासिक पहल के तहत 6 अगस्त को सुबह 11 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से देश के कोने-कोने में 508 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास कार्य की आधारशिला रखेंगे।

प्रधानमंत्री अक्सर अत्याधुनिक सार्वजनिक परिवहन के प्रावधान पर जोर देते रहे हैं। रेलवे को देश भर में लोगों के परिवहन का पसंदीदा साधन बताते हुए उन्होंने रेलवे स्टेशनों पर विश्वस्तरीय सुविधाएं उपलब्ध कराने के महत्व पर जोर दिया। इस विजन से प्रेरित, देश भर में 1309 स्टेशनों के पुनर्विकास कार्य के लिए अमृत भारत स्टेशन योजना शुरू की गई थी।

इस योजना के हिस्से के रूप में, प्रधानमंत्री द्वारा 508 स्टेशनों के पुनर्विकास के लिए आधारशिला रखी जा रही है। इन स्टेशनों का पुनर्विकास 24,470 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से किया जाएगा। शहर के दोनों किनारों को समुचित रूप से जोड़ते हुए इन स्टेशनों को 'सिटी सेंटर' के रूप में विकसित करने के लिए मास्टर प्लान तैयार किए जा रहे हैं। यह एकीकृत दृष्टिकोण रेलवे स्टेशन के आसपास के क्षेत्र पर केंद्रित शहर के समग्र शहरी विकास के विजन से प्रेरित है।

ये 508 स्टेशन देश के 27 राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों में स्थित हैं, जिनमें उत्तर प्रदेश में 55, राजस्थान में 55, बिहार में 49, महाराष्ट्र में 44, पश्चिम बंगाल में 37, मध्य प्रदेश में 34, असम में 32, ओडिशा में 25, पंजाब में 22, गुजरात में 21, तेलंगाना में 21, झारखंड में 20, आंध्र प्रदेश में 18, तमिलनाडु में 18, हरियाणा में 15, कर्नाटक में 13 स्टेशन शामिल हैं।

पुनर्विकास कार्य से अच्छी तरह से सुव्यवस्थित यातायात सुविधा, इंटर-मोडल एकीकरण और यात्रियों के मार्गदर्शन के लिए अच्छी तरह से डिजाइन किए गए चिन्हों को सुनिश्चित करने के साथ-साथ यात्रियों के लिए आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी। स्टेशन भवनों का डिजाइन स्थानीय संस्कृति, विरासत और वास्तुकला से प्रेरित होगा।

Make In India' का जलवा, भारत से अमेरिका तक जा रहे स्मार्टफोन, महज 2 माह में 2.43 अरब डॉलर का निर्यात

भारत सरकार के महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट ‘मेक इन इंडिया’ ने बीते 9 वर्षों में विनिर्माण अवसंरचना (मैन्यूफैक्चरिंग इंफ्रास्ट्रक्चर), निवेश (इन्वेस्टमेंट), नवोन्मेषण (इनोवेशन) और कौशल विकास (स्किल डेवलपमेंट) में जबरदस्त प्रगति की है। 'मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम ने हमारे देश को एक अग्रणी वैश्विक विनिर्माण और निर्यातक के तौर पर दुनियाभर में पहचान दिलाई है। भारत आज मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग और निर्यात के मामले में दिनों-दिन नए झंडे गाड़ रहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने मौजूदा वित्त वर्ष में अप्रैल-मई 2023 के दौरान यानी दो माह में 2.43 अरब डॉलर का स्मार्टफोन निर्यात किया है। यह वार्षिक आधार पर 157.82 प्रतिशत की शानदार बढ़ोतरी है। इसके साथ ही भारत से निर्यात होने वाले स्मार्टफोन के लिए अमेरिका प्रमुख बाजार के रूप में उभरा है।

वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, मौजूदा वित्त वर्ष के पहले दो माह में हमारा, अमेरिका को स्मार्टफोन निर्यात 781.22 फीसदी बढ़कर 81.25 करोड़ डॉलर पहुंच चुका है। 2022-23 की समान अवधि में भारत से अमेरिका को 9.22 करोड़ डॉलर का स्मार्टफोन एक्सपोर्ट किए गए हैं। बता दें कि, भारत से कुल स्मार्टफोन निर्यात में मूल्य के हिसाब से अमेरिका की हिस्सेदारी एक तिहाई (लगभग 33%) है। इस लिहाज से देखा जाए, तो अमेरिका को किए गए निर्यात में नौ गुना इजाफा हुआ है। अप्रैल-मई 2023 में अमेरिका भारत निर्मित स्मार्टफोन के लिए सबसे बड़े बाजार के रूप में उभरकर सामने आया है। विश्व की सबसे बड़ी इकॉनमी, अमेरिका को भारत से जाने वाले शिपमेंट में साल दर साल के आधार पर 775 फीसद की शानदार वृद्धि दर्ज की गई है। भारत ने इस साल अप्रैल-मई में 2.4 अरब डॉलर मूल्य के स्मार्टफोन का एक्सपोर्ट किया, जिसमें से 81.24 करोड़ डॉलर के स्मार्टफोन अकेले अमेरिका में भेजे गए। इससे एक साल पहले अमेरिका में स्मार्टफोन का निर्यात महज 9.22 करोड़ डॉलर या कुल निर्यात का बमुश्किल 10 फीसद था। अभी तक भारत अमेरिका को सर्वाधिक हीरे का निर्यात करता रहा है, मगर सरकार की कोशिशों से अब हीरे के बाद स्मार्टफोन अमेरिका में निर्यात की जाने वाली दूसरी सबसे बड़ी वस्तु बन चूका है और अमेरिका, भारत के लिए सबसे बड़ा बाजार।

बता दें कि, भारत ने वित्त वर्ष 2022- 2023 में 10.9 अरब डॉलर मूल्य के स्मार्टफोन एक्सपोर्ट किए थे, वहीं वित्त वर्ष 2023-2024 के पहले दो महीनों में कुल 2.43 अरब डॉलर का एक्सपोर्ट किया गया जो कि 157 प्रतिशत की वृद्धि है। वर्ष 22-2023 में संयुक्त अरब अमीरात (UAE) को 2.57 अरब डॉलर के स्मार्टफोन का निर्यात किया गया था और उस साल वह भारत के स्मार्टफोन का सबसे बड़ा बाजार था। इसी प्रकार अमेरिका को 2.15 अरब डॉलर का स्मार्टफोन निर्यात किए गए थे और इस तरह गत वित्त वर्ष अमेरिका, भारतीय स्मार्टफोन का दूसरा सबसे बड़ा बाजार बना था।

लेकिन मौजूदा वित्त वर्ष में, स्मार्टफोन निर्यात के मामले में अमेरिका (81.24 करोड़ डॉलर) के बाद संयुक्त अरब अमीरात 48.45 करोड़ डॉलर के साथ दूसरे स्थान पर खिसक गया है। इसके बाद नीदरलैंड (20.5 करोड़ डॉलर) तीसरा, ब्रिटेन (15.13 करोड़ डॉलर) चौथा, इटली (13.66 करोड़ डॉलर) पांचवां और चेक गणराज्य (11.55 करोड़ डॉलर) छठा प्रमुख निर्यात गंतव्य रहा है।

आपको ASI सर्वे से दिक्कत क्या ? ज्ञानवापी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज करते हुए कई अहम टिप्पणी की, डिटेल में पढ़िए

सुप्रीम कोर्ट ने आज यानी शुक्रवार (4 अगस्त) को अंजुमन इंतजामिया मस्जिद समिति की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें मुस्लिम पक्ष ने इलाहबाद हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी। दरअसल, इलाहाबाद HC द्वारा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को विवादित ज्ञानवापी परिसर (वज़ुखाना को छोड़कर) का वैज्ञानिक सर्वेक्षण करने की अनुमति दी गई थी। वाराणसी अदालत द्वारा 21 जुलाई को फैसला सुनाए जाने के बाद उच्च न्यायालय द्वारा गुरुवार को ज्ञानवापी परिसर के सर्वेक्षण का रास्ता साफ करने के बाद याचिका दायर की गई थी। ASI की एक टीम शुक्रवार सुबह विवादित परिसर में पहुंची और परिसर का सर्वेक्षण शुरू किया। वरिष्ठ वकील हुज़ेफ़ा अहमदी मस्जिद समिति की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए। 

मुस्लिम पक्ष की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, "यह एक अंतरिम आदेश है। हमें इस स्तर पर हस्तक्षेप क्यों करना चाहिए? हम आयुक्त की रिपोर्ट पर आपकी अन्य सभी आपत्तियों को खुला रखेंगे। हम यह नहीं कह रहे हैं कि यह स्वीकार्य है या इस पर भरोसा किया जाना चाहिए। इस पर...इस पर बहस की जा सकती है।" अदालत ने पूछा कि, "यह सर्वेक्षण एक रिपोर्ट के रूप में होगा। कल, यदि आप रखरखाव पर सफल होते हैं, तो यह सिर्फ कागज का टुकड़ा होगा। क्या हम ऐसे चरण में हैं जहां अपूरणीय क्षति होगी।"

अदालत ने सर्वेक्षण के लिए अपनी सहमति तब दी जब "वहां कुछ संकेत और प्रतीक स्पष्ट रूप से देखे गए थे। इसे वैज्ञानिक अध्ययन के माध्यम से निष्कर्ष तक पहुंचाना तर्कसंगत है। अदालत ने मुस्लिम पक्ष से यह भी पुछा कि, आपको सर्वे से दिक्कत क्या है। सुप्रीम कोर्ट से मुस्लिम पक्ष की याचिका ख़ारिज होने के बाद अब विवादित ज्ञानवापी परिसर का ASI सर्वे जारी रहेगा।

सुप्रीम कोर्ट से भी मुस्लिम पक्ष को झटका, ज्ञानवापी में जारी रहेगा एएसआई का सर्वे

#supremecourtgyanvapimasjidcase 

ज्ञानवापी केस में सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को बड़ा झटका दे दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी सर्वे को हरी झंडी दे दी गई है। अंजुमन इस्लामिया मसाजिद कमेटी ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के बाद मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश को बरकरार रखा है। इस प्रकार ज्ञानवापी का सर्वे जारी रहेगा।

सु्प्रीम कोर्ट में इस मामले मेंदोनों पक्षों के बीच जोरदार बहस हुई।सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष की दलीलों पर सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि अयोध्या मामले में भी एएसआई सर्वे हुआ था और हम सबूत के सारे ऑप्शन खुले रखेंगे।सीजेआई ने कहा, 'हम इस बात का ख्याल रखेंगे कि ढांचे को कोई नुकसान न हो।' सॉलिसिटर जनरल ने इस पर कहा कि एएसआई ने हाई कोर्ट में एफिडेविट फाइल किया है जिसमें इस बाद का आश्वासन दिया गया है कि ढांचे को कोई नुकसान नहीं होगा। एसजी ने इस पर कहा, 'हम उसका पालन करेंगे। अगर कभी भविष्य में खुदाई की जरूरत पड़ती है तो कोर्ट से परमिशन ली जाएगी। 

कोर्ट ने कहा कि खुदाई न हो, यह सुनिश्चित किया जाए। रिपोर्ट को सीलबंद रखा जाए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सर्वे से किसी के अधिकार का हनन नहीं हो रहा है। हिंदू पक्ष की ओर से सुप्रीम कोर्ट में सर्वे की लाइव स्ट्रीमिंग का प्रस्ताव दिया गया। सुप्रीम कोर्ट की ओर से साफ कहा गया कि सुनिश्चित करेंगे कि मस्जिद को छुआ नहीं जाए। परिसर में खुदाई का कार्य नहीं हो, यह भी सुनिश्चित करेंगे। सर्वे से इमारत को किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा।

कोर्ट में सीएम योगी के बयान का जिक्र

वहीं, मुस्लिम पक्ष के वकील ने अपनी दलील देते हुए इस मसले पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के एक बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा, '3 दिन पहले बहुत दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई। मामला कोर्ट में लंबित है लेकिन यूपी के मुख्यमंत्री ने इस पर बयान दे दिया। यह इस मामले में स्टेट हैं और किसी एक का पक्ष नहीं ले सकते।'

कोर्ट में उठा प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट का मुद्दा

सुप्रीम कोर्ट में प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट का भी मुद्दा उठा है। मुस्लिम पक्ष की ओर से वकील अहमदी ने कहा कि पूजा स्थल अधिनियम की धारा 2(बी) के तहत इसकी स्थिति में बदलाव नहीं किया जा सकता है। यह सेक्शन कन्वर्जन को परिभाषित करता है। इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि आप सही हैं, एक्ट के 2(बी) रूपांतरण शब्द का उपयोग बहुत व्यापक अर्थ में है। एक्ट के तहत साफ है कि पूजा स्थल का धार्मिक चरित्र नहीं बदलना चाहिए। सीजेआई ने कहा कि सवाल यह है कि 15 अगस्त 1947 को उस स्थान का धार्मिक चरित्र क्या था?

ज्ञानवापी का सर्वे शुरू

बता दें कि 24 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने सर्वे पर रोक लगाते हुए मुस्लिम पक्ष को इलाहाबाद हाई कोर्ट में अपील करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद मुस्लिम पक्ष ने हाई कोर्ट में अर्जी लगाई थी। जब हाईकोर्ट ने दोबारा शर्तों के साथ सर्वे करने का आदेश दिया, तब मुस्लिम पक्ष ने शुक्रवार को सर्वे पर रोक लगाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया गया । इस बीच एएसआई की 40 सदस्यीय टीम ने ज्ञानवापी का सर्वे शुरू कर दिया। टीम ने शुक्रवार को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर की मैपिंग की। टीम परिसर के अंदर सर्वे के दायरे में आने वाली हर चीज की फोटोग्राफी की गई। इसके अलावा पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी कराई जा रही है।

आपको ASI सर्वे से दिक्कत क्या ? ज्ञानवापी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज करते हुए कई अहम टिप्पणी की, डिटेल में पढ़िए


सुप्रीम कोर्ट ने आज यानी शुक्रवार (4 अगस्त) को अंजुमन इंतजामिया मस्जिद समिति की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें मुस्लिम पक्ष ने इलाहबाद हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी। दरअसल, इलाहाबाद HC द्वारा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को विवादित ज्ञानवापी परिसर (वज़ुखाना को छोड़कर) का वैज्ञानिक सर्वेक्षण करने की अनुमति दी गई थी। वाराणसी अदालत द्वारा 21 जुलाई को फैसला सुनाए जाने के बाद उच्च न्यायालय द्वारा गुरुवार को ज्ञानवापी परिसर के सर्वेक्षण का रास्ता साफ करने के बाद याचिका दायर की गई थी। ASI की एक टीम शुक्रवार सुबह विवादित परिसर में पहुंची और परिसर का सर्वेक्षण शुरू किया। वरिष्ठ वकील हुज़ेफ़ा अहमदी मस्जिद समिति की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए। 

मुस्लिम पक्ष की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, "यह एक अंतरिम आदेश है। हमें इस स्तर पर हस्तक्षेप क्यों करना चाहिए? हम आयुक्त की रिपोर्ट पर आपकी अन्य सभी आपत्तियों को खुला रखेंगे। हम यह नहीं कह रहे हैं कि यह स्वीकार्य है या इस पर भरोसा किया जाना चाहिए। इस पर...इस पर बहस की जा सकती है।" अदालत ने पूछा कि, "यह सर्वेक्षण एक रिपोर्ट के रूप में होगा। कल, यदि आप रखरखाव पर सफल होते हैं, तो यह सिर्फ कागज का टुकड़ा होगा। क्या हम ऐसे चरण में हैं जहां अपूरणीय क्षति होगी।"

अदालत ने सर्वेक्षण के लिए अपनी सहमति तब दी जब "वहां कुछ संकेत और प्रतीक स्पष्ट रूप से देखे गए थे। इसे वैज्ञानिक अध्ययन के माध्यम से निष्कर्ष तक पहुंचाना तर्कसंगत है। अदालत ने मुस्लिम पक्ष से यह भी पुछा कि, आपको सर्वे से दिक्कत क्या है। सुप्रीम कोर्ट से मुस्लिम पक्ष की याचिका ख़ारिज होने के बाद अब विवादित ज्ञानवापी परिसर का ASI सर्वे जारी रहेगा।

वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर में सर्वे शुरू, मुस्लिम पक्ष ने किया बहिष्कार, जुम्मे को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था सख्त, अब तक चल रहा सर्वेक्षण का क

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की एक टीम शुक्रवार सुबह उत्तर प्रदेश के वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में पहुंची, जहां कड़ी सुरक्षा के बीच सुबह लगभग 7 बजे परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण शुरू हुआ। सर्वेक्षण दोपहर 12 बजे तक चलेगा, फिर जुम्मे की नमाज़ के लिए परिसर खली किया जाएगा और इसके बाद दोपहर 3 से 5 बजे तक फिर से सर्वे किया जाएगा।

यह घटनाक्रम तब सामने आया है जब एक दिन पहले गुरुवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने ASI को सर्वेक्षण करने की अनुमति दी थी, जिसका उद्देश्य यह निर्धारित करना था कि क्या 17वीं शताब्दी की मस्जिद का निर्माण हिंदू मंदिर की पहले से मौजूद संरचना के ऊपर किया गया था। ASI सर्वेक्षण शुरू होने पर सिर्फ जिला प्रशासन द्वारा नियुक्त लोग ही परिसर में मौजूद थे। इस बीच अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी के सदस्यों ने सर्वे का बहिष्कार कर दिया। हिंदू पक्ष के सोहनलाल आर्य ने कहा कि पिछले सर्वेक्षण के दौरान, परिसर के अंदर शिव और पार्वती की मूर्तियां, वराह (भगवान विष्णु का वराह अवतार), घंटियां, त्रिशूल और कई अन्य साक्ष्य सहित कई कलाकृतियां मिलीं थीं। उन्होंने कहा कि, यह दर्शाता है कि यह स्थान एक मंदिर है। बता दें कि, गुरुवार को, इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने वाराणसी जिला अदालत के आदेश को बरकरार रखा और फैसला सुनाया कि प्रस्तावित कदम "न्याय के हित में आवश्यक" है और इससे दोनों पक्षों को लाभ होगा।

यह आदेश तब आया जब कानूनी विवाद में मुस्लिम पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाली अंजुमन इंतजामिया मस्जिद समिति ने वाराणसी जिला अदालत के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। भाजपा नेताओं ने उच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि उस स्थान पर मंदिर के बारे में "सच्चाई" अब सामने आएगी। भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कहा, "यह एक अच्छा फैसला है। हम भारतीयों के लिए यह उम्मीद जगाने वाला फैसला है। सच हमेशा सामने आता है, इसमें समय लगता है लेकिन सच सामने आता है।

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*सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद क्या बहाल होगी राहुल गांधी की संसद सदस्यता, क्या कहता है नियम?*

#relieftorahulfromscindefamationcasewillhisparliamentmembershiprestored 

कांग्रेस नेता राहुल गांधी के लिए आज का शुकिरवार काफी शुभ रहा।मोदी सरनेम मामले में लोकसभा की सदस्यता खो चुके कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली।सुप्रीम कोर्ट ने उनकी सजा पर रोक लगा दी है। अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के तुरंत बाद राहुल गांधी की संसद सदस्यता बहाल हो जाएगी?

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के साथ ही राहुल गांधी के लिए संसद के दरवाजे कानूनन खुल गए हैं। वकीलों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के साथ ही राहुल की अयोग्यता समाप्त हो गई है और लोकसभा सचिवालय से सदस्यता बहाली का आदेश जारी होना औपचारिकता मात्र है। राहुल को संसद की सदस्यता के अयोग्य करार दिए जाने के बाद अगर वायनाड सीट पर उपचुनाव हो गए होते तब उनकी सदस्यता बहाल नहीं हो पाती. वायनाड में अभी तक उपचुनाव नहीं हुए हैं।इसलिए राहुल गांधी दोबारा उस सीट से सांसद बहाल हो जाएंगे। 

कोर्ट का आदेश लोकसभा सचिवालय पहुंचने के बाद जोरी होगा नोटिफिकेशन

संविधान विशेषज्ञ पीडीटी आचार्य ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कहा कि कोर्ट के दोषसिद्धि पर रोक लगाने के साथ ही राहुल गांधी की संसद सदस्यता से अयोग्यता तत्काल प्रभाव से सस्पेंड हो गई है। इसका मतलब है कि वे फिर से संसद के सदस्य हैं। किसी को इसके लिए अप्रोच करने की जरूरत नहीं है। सुप्रीम कोर्ट का आदेश लोकसभा सचिवालय पहुंचेगा और इसके बाद अयोग्यता के संबंध में एक नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा। लोकसभा सचिवालय की ओर से नोटिफिकेशन जारी कर कहा जाएगा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में राहुल गांधी की संसद सदस्यता से अयोग्यता सस्पेंड कर दी गई।हालांकि, इसके लिए किसी तरह की समय सीमा निर्धारित नहीं है।

मानसून सत्र में हो सकेंगे शामिल

जानकारों का कहना है कि जिस तरह से मोदी सरनेम मामले में दोषी साबित होने और सजा मिलने के बाद राहुल गांधी की सदस्यता तुरंत ही चली गई थी ठीक उसी तरह से उनकी सदस्यता भी बहाल हो जाएगी। लोकसभा स्पीकर के पास कोर्ट के आदेश की प्रति पहुंचने के बाद यह स्पीकर पर निर्भर करता है कि वे कब तक राहुल की सदस्यता बहाल करने का फैसला लेते हैं। लेकिन माना जा रहा है कि कोर्ट के फैसले की प्रति मिलते ही स्पीकर इस तुरंत फैसला लेंगे और ऐसी संभावना जताई जा रही है कि सोमवार से राहुल गांधी संसद में अपनी उपस्थिति दर्ज करा सकेंगे।

लक्ष्यद्वीप के एनसीपी सांसद के साथ भी हुआ था ऐसा

बता दें कि लक्ष्यद्वीप के एनसीपी सांसद मोहम्मद फैजल की भी सदस्यता जनवरी में चली गई थी, लेकिन उनके सुप्रीम कोर्ट जाने के बाद मार्च में उनकी सदस्यता को फिर से बहाल कर दिया गया था। फैजल की सीट पर तो चुनाव आयोग ने उपचुनाव का भी ऐलान कर दिया था, जिसे बाद में रद्द किया गया। लक्षद्वीप सांसद मोहम्मद फैजल को भी कोर्ट ने 10 साल की सजा सुनाई है। जिसके बाद उनकी सदस्यता चली गई थी। चुनाव आयोग ने लक्षद्वीप लोकसभा पर उपचुनाव कराने के लिए अधिसूचना भी जारी कर दी थी। हालांकि, बाद में केरल हाईकोर्ट ने सजा पर रोक लगा दी है। अभी ये मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। फैजल पर कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पीएम सईद और मोहम्मद सालिया पर हमला करने का आरोप था। इस मामले में 32 लोगों को आरोपी बनाया गया था, जिसमें से चार को कोर्ट ने दोषी ठहराया था। इनमें मोहम्मद फैजल भी शामिल थे।

*राहुल को मिली राहत को कांग्रेस ने बताया- नफरत के खिलाफ मोहब्बत की जीत, ट्वीट कर कहा-आ रहा हूं और सवाल जारी रहेंगे

#surnamecasescdecisioninfavourofrahulgandhi 

कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने एक अंतरिम आदेश में 'मोदी सरनेम' टिप्पणी पर आपराधिक मानहानि मामले में राहुल गांधी की सजा पर रोक लगा दी। इस आदेश के बाद से कांग्रेस पार्टी में खुशी का माहौल है। कांग्रेस पार्टी ने इस फैसले पर खुशी जताते हुए कहा ट्वीट किया। 

कोर्ट का फैसला आने के बाद कांग्रेस ने लगातार दो ट्वीट करके सरकार पर निशाना साधा। पहले ट्वीट में कांग्रेस ने लिखा, “यह नफरत के खिलाफ मोहब्बत की जीत है”। वहीं दूसरे ट्वीट में कांग्रेस ने राहुल गांधी की संसद की एक पुरानी तस्वीर साझा की, जिसमें वह अडानी और मोदी की साथ वाली फोटो पकड़े हुए हैं। कांग्रेस ने राहुल के इस फोटो के साथ लिखा है कि आ रहा हूं और सवाल जारी रहेंगे।

राहुल गांधी के खिलाफ साजिश आज नाकाम हो गई-अधीर रंजन

सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिप्पणी करते हुए लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि 'यह खुशी का दिन है... 'मैं आज ही लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखूंगा और बात करूंगा।" कांग्रेस नेता ने कहा, "संसद परिसर में हर जगह आपको 'सत्यमेव जयते' दिखेगा। राहुल गांधी के खिलाफ साजिश आज नाकाम हो गई है। राहुल गांधी की जीत मोदी जी पर भारी पड़ेगी।"

प्रियंका गांधी ने बुद्ध की इस लाइन को किया ट्वीट

भाई राहुल गांधी पर आए फैसले के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने सुप्रीम कोर्ट का धन्यवाद किया है। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि माननीय उच्चतम न्यायालय को न्यायपूर्ण फैसला देने के लिए धन्यवाद। सत्यमेव जयते। गौतम बुद्ध की कही बातों को लिखते हुए प्रियंका ने कहा कि तीन चीजें कभी लंबे समय तक नहीं छिपतीं- सूर्य, चंद्रमा और सच।

लोगों में ये मैसेज गया कि कोर्ट में इंसाफ मिल सकता है-पायलट

राहुल गांधी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सचिन पायलट ने स्वागत किया है। जिस तरह जिला अदालत और हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला किया है, उससे पूरी पार्टी और लोगों के अंदर यह मैसेज गया है कि कोर्ट में इंसाफ मिल सकता है। विपक्षी एकता को मजबूती मिलेगी। पद का मोह राहुल गांधी को नहीं है। नो कॉन्फिडेंस मोशन में भाजपा को राहुल गांधी की सदस्यता का मुद्दा भारी पड़ जाएगा।

*नूंह हिंसा के बाद प्रशासन का बड़ा एक्शन, अवैध झुग्गियों पर चला बुलडोजर, रोहिंग्याओं की 200 झुग्गियां जमींदोज*

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हरियाणा के नूंह में हुई हिंसा के बाद मनोहर लाल खट्टर सरकार एक्शन मोड में आ गई है। पुलिस ने दंगों की शुरुआती जांच के बाद नूंह में रोहिंग्याओं और अवैध घुसपैठियों पर बड़ा एक्शन लिया है। नूंह के तावड़ू इलाके में अवैध झुग्गियों पर प्रशासन ने बुलडोजर चलाया है।

नूंह के तावडू के मोहम्मदपुर मार्ग के साथ वार्ड नंबर एक में हरियाणा शहरी प्राधिकरण की भूमि बनी झुग्गी झोपड़ियों में बृहस्पतिवार को बुलडोजर चलाकर तहस-नहस कर दिया गया। बताया जा रहा है कि जिन झुग्गियों पर बुलडोजर चला है, उसमें असम से आए घुसपैठिए रहते थे। सूत्रों के मुताबिक नूंह हिंसा में रोहिंग्या कनेक्शन की भी बात सामने आ रही हैं। जानकारी के मुताबिक, प्रदेश के मुख्यमंत्री के आदेश पर यह कार्रवाई की गई है। 

हरियाणा सरकार की जमीन पर रोहिंग्या का अवैध कब्जा

पुलिस ने बुलडोजर से 200 से अधिक झुग्गियां को गिरा दिया। बुलडोजर का एक्शन करीब 4 घंटे तक चला।बता दें कि असम से आए घुसपैठियों ने हरियाणा सरकार की जमीन पर अवैध रूप से कब्ज़ा कर वहां झुग्गियां बसा दी थी। पुलिस को शुरूआती जांच में पता चला कि हिंसा में इनका भी हाथ है। अब इस अवैध कब्जे को बुलडोजर चलवाकर हटाया जा रहा है।

प्लानिंग के तहत की गई हिंसा

पुलिस को अभी तक की जांच में पता चला है कि हिंसा प्लानिंग के तहत की गई थी। ज्यादातर गिरफ्तार आरोपियों की उम्र 19 से 25 साल बताई जा रही। इस मामले में अब तक पांच जिलों में 93 एफआईआर दर्ज की जा चुकी है, जबकि 176 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। इस बीच पुलिस ने सोशल मीडिया पर करीब 2300 वीडियो को चिन्हित किया है, जिनके द्वारा अफवाह फैला कर हिंसा भड़काई गई। अब पुलिस इन वीडियोज के आधार पर भी कार्रवाई करने में जुटी हुई है।