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बीजेपी सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा, नीतीश कुमार बताएं की जब पाकिस्तान सहित अनेक मुस्लिम देशों में बहु-विवाह, फौरी तीन तलाक और गुजारा भत्ता के मुद्दे पर कानून में सुधार हो सकता है, तो भारत में क्यों नहीं



पूर्व उपमुख्यमंत्री व बीजेपी सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि नीतीश कुमार बताएं कि जब पाकिस्तान सहित अनेक मुस्लिम देशों में बहु-विवाह, फौरी तीन तलाक और गुजारा भत्ता के मुद्दे पर कानून में सुधार किया जा सकता है, तो भारत में क्यों नहीं होना चाहिए? संविधान और सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का पालन करते हुए समान नागरिक संहिता जब भी लागू होगी, पूरे देश पर लागू होगी। तब बिहार या बंगाल की सरकार अपने राज्यों में इसे लागू करने से रोक नहीं पाएगी।

रविवार को जारी बयान में उन्होंने कहा कि अगर सभी धर्मों के भारतीय नागरिकों के लिए एक विवाह का प्रावधान होता है। सभी के लिए तलाक लेने के कानून समान होते हैं। सभी धर्मों की महिलाओं को तलाक के बाद गुजारा-भत्ता पाने तथा पैतृक सम्पत्ति में समान अधिकार मिलता है और सभी धर्मों के स्री-पुरुष लिए विवाह करने की उम्र एक समान निर्धारित की जाती है। ये बातें कुछ नेताओं को अच्छा क्यों नहीं लग रहा है।

सुशील मोदी ने पूछा कि क्या पर्सनल लॉ के नाम पर देश की 15 करोड़ मुस्लिम महिलाओं के साथ कठोर भेदभाव और लैंगिक असमानता जारी रखना चाहते हैं? एक समुदाय के थोक वोट से सत्ता में बने रहने की मंशा से यदि सरकार उस समुदाय के कट्टरपंथियों तक के आगे घुटने टेक रहे हैं, तो क्या यह साम्प्रदायिकता से समझौता नहीं है?

NDA की बैठक के लिए चिराग को न्योता मिलने के साथ ही क्या गहरा गया चाचा भतीजे का झगड़ा, भाजपा को क्या नफा नुकसान, यहां डिटेल में पढ़िए


लोक जनशक्ति पार्टी दो फाड़ पहले ही हो चुकी है। अब पशुपतिनाथ पारस की अगुवाई वाला एक समूह पहले ही भारतीय जनता पार्टी के साथ है। वहीं, भतीजे चिराग पासवान के नेतृत्व वाले गुट के भी साथ आने की अटकलें जारी हैं। अब कहा जा रहा है कि लोजपा को एक करना भाजपा के लिए सिरदर्द बनता जा रहा है। खबरें हैं कि केंद्रीय मंत्री पारस ने भतीजे के साथ आने के प्रस्ताव से दूरी बनाते नजर आ रहे हैं। दरअसल, अगर दोनों गुटों में तकरार जारी रही, तो भाजपा के सामने पासवान मतों के बंटने का जोखिम बना रहेगा।

कहा जा रहा है कि चाचा-भतीजे के बीच हाजीपुर सीट को लेकर बड़ा झगड़ा जारी है। दरअसल, यह सीट दिवंगत राम विलास पासवान का गढ़ रही है और दोनों ही नेता इस विरासत को साधने की कोशिश में हैं। साल 2019 चुनाव में यहां से पारस ने यहां से जीत हासिल की थी। जबकि, चिराग जमुई से जीते थे। चाचा ने भतीजे के लिए सीट छोड़ने से इनकार कर दिया था।

हाल ही में केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने दोनों दलों से मिले थे और पार्टी को एक करने का प्रस्ताव रखा था। खबर है कि पारस की तरफ से इसे अस्वीकार कर दिया गया। लोजपा नेता ने राय के साथ हुई बैठक को लेकर कहा, 'उन्होंने कहा कि चाचा, भतीजे को साथ आना चाहिए। मैंने कहा कि ऐसा मुमकिन नहीं है। जब चीजें खराब हो जाती हैं, जब दूध फट जाता है तो आप कितनी भी कोशिशें कर लें, आपको मक्खन नहीं मिलेगा।'

NDA की बैठक के लिए चिराग को न्योता

खास बात है कि भाजपा ने सोमवार को होने वाली एनडीए की बैठक के लिए चिराग को भी न्योता भेजा है। इसे लेकर पारस गुट का कहना है कि वे चिराग के मीटिंग में शामिल होने का विरोध नहीं करेंगे, लेकिन वे उनका स्वागत भी नहीं करेंग। पारस ने कहा, 'यह चुनावी साल है। हर पार्टी ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ना चाहती है...। इसलिए चिराग पासवान और जीतन राम मांझी को न्योता भेजा गया है। लोग बैठक में आएंगे, जो अच्छी बात है। जो कुछ भी होगा वह बैठक के नतीजे पर निर्भर करेगा।'

लालू का क्यों नहीं करते विरोध, पारस का सवाल

पारस ने चिराग पर राष्ट्रीय जनता दल के साथ होने के आरोप लगाए। उन्होंने सवाल किया, 'क्या आपने कभी भी चिराग पासवान को लालू जी और तेजस्वी यादव का विरोध करते देखा है।' लोजपा के 6 में से पांच सांसदों का समर्थन पारस को हासिल है।

जानें क्या है वो क्लस्टर बम? यूक्रेन को अमेरिका की ओर से मिली इस मदद पर बौखलाए पुतिन ने दिया ये जवाब

#putinonusmovetosendclusterbombsto_ukraine

एक साल से अधिक होने के बाद भी रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग थमने का नाम नहीं ले रही है। इस बीच अमेरिका से यूक्रेन को क्लस्टर बम की आपूर्ति पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने चेतावनी दी कि अगर यूक्रेन ने विवादास्पद हथियार का इस्तेमाल किया तो उसके पास भी 'जवाबी कार्रवाई करने का अधिकार' है। साथ ही पुतिन ने एक इंटरव्यू में दावा किया कि रूस ने यूक्रेन में अपने युद्ध में अब तक क्लस्टर बम का इस्तेमाल नहीं किया है।दरअसल, अमेरिका ने यूक्रेन को क्लस्टर बमों की आपूर्ति करके नया बखेड़ा खड़ा कर दिया है।

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रविवार को कहा कि रूस के पास क्लस्टर बम का 'पर्याप्त भंडार' है और चेतावनी दी कि अगर यूक्रेन ने विवादास्पद हथियार का इस्तेमाल किया तो उसके पास भी 'जवाबी कार्रवाई करने का अधिकार' है। पुतिन ने स्थानीय मीडिया को बताया कि अमेरिका ने यूक्रेन को क्लस्टर युद्ध सामग्री की आपूर्ति करने का फैसला किया क्योंकि रूस के खिलाफ पश्चिमी हथियारों वाले छद्म युद्ध में गोला-बारूद की कमी हो रही है। एक रूसी पत्रकार के सवाल का जवाब देते हुए पुतिन ने कहा कि वे (संयुक्त राज्य अमेरिका) ऐसा 'अच्छे जीवन' के लिए नहीं कर रहे हैं, बल्कि इसलिए कर रहे हैं क्योंकि उनके पास आम तौर पर गोला-बारूद की कमी हो रही है। 

पुतिन ने दिलाई अमेरिका की पुरानी बात

पुतिन ने याद दिलाया कि अमेरिका ने पहले क्लस्टर हथियारों के इस्तेमाल को अपराध बताया था, हालांकि अब वे उसी हथियार को यूक्रेन को सौंप रहे हैं।पुतिन ने कहा कि जहां तक क्लस्टर बम का सवाल है, अमेरिकी प्रशासन ने स्वंय कुछ समय पहले अपने अधिकारियों के बयानों के साथ इस हथियार का मूल्यांकन किया था। तब क्लस्टर म्यूनिशन के इस्तेमाल को अमेरिकी प्रशासन ने अपराध बताया था। मुझे लगता है कि इसे इसी तरह माना जाना चाहिए। पुतिन ने जोर देकर कहा कि रूस के खिलाफ क्लस्टर हथियारों के इस्तेमाल के मामले में उनका देश उसी के अनुसार प्रतिक्रिया देने का अधिकार सुरक्षित रखता है।

दुनिया के 123 देशों में कलस्टर हथियारों में प्रतिबंध

बता दें कि बाइडन प्रशासन ने 7 जुलाई को यूक्रेन के लिए एक नए सैन्य सहायता पैकेज का ऐलान किया था। इस पैकेज में प्रतिबंधित क्लस्टर बम भी शामिल थे। इस बम पर दुनिया के 123 देशों ने प्रतिबंध लगा रखा है, हालांकि उनमें न तो अमेरिका और यूक्रेन शामिल हैं और ना ही रूस। 

जानें क्या हैं क्लस्टर बम

क्लस्टर बमों की गितनी परमाणु बम के बाद दूसरे खतरनाक बमों में होती है। इनको ऊंचाई से हवा में छोड़ा जाता है और इसके अंदर से हजारों की संख्या में छोटे बम निकलते हैं, जो निशाना बनाए गए स्थान पर भारी तबाही मचाते हैं। अतीत में क्लस्टर बम के इस्तेमाल में बड़ी संख्या में लोग मारे गए हैं। यही वजह है कि कई देश क्लस्टर बम के इस्तेमाल से परहेज करते हैं। पिछले सप्ताह अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा अंतिम निर्णय लेने से पहले, अमेरिकी नेताओं ने महीनों तक इस पेचीदे मुद्दे पर चर्चा की। यूक्रेन ने इन्हें घनी आबादी वाले इलाकों से दूर ही इसके इस्तेमाल करने का वादा किया है।

पाकिस्तान से भारत आई सीमा हैदर और उसके प्रेमी सचिन की लव स्टोरी में एक नया मोड़, सीमा के दुबई से भारत आने तक के रूट को खंगालेगी यूपी एटीएस

पाकिस्तान से भारत आई सीमा हैदर और उसके प्रेमी सचिन की लव स्टोरी में एक नया मोड़ आ गया है। सीमा और सचिन के प्यार पर अब यूपी एटीएस ने पहरा बिठा दिया है। यूपी एटीएस सीमा हैदर केस मामले की जांच करेगी। यूपी एटीएस को शक है कि सीमा हैदर आईएसआई की एजेंट हो सकती है। इसके अलावा यूपी एटीएस सीमा के भारत में प्रवेश वाले बिंदु की भी जांच करेगी। सूत्र बताते हैं कि यूपी एटीएस ने सीमा और सचिन के परिवार को किसी से भी न मिलने की हिदायत दी है। एटीएस ने मीडिया से भी दूरी बनाने की बात कही है। माना जा रहा है कि यूपी एटीएस की जांच में सीमा हैदर को लेकर कई बड़े खुलासे हो सकते हैं। अगर ऐसा होता है तो सीमा और सचिन बुरी तरह से फंस सकते हैं।

बतादें कि पिछले कुछ दिनों से सीमा और सचिन को लेकर चर्चा जोरों पर हैं। सीमा और सचिन लव स्टोरी इन दिनों सोशल मीडिया पर पूरी तरह से छाई हुई है। कोई उनकी लव स्टोरी को सही बता रहा है तो कोई सीमा के भारत में अवैध तरीके से प्रवेश को लेकर सवाल उठा रहा है। इसी को लेकर नोएडा पुलिस ने एक लेटर लिखकर सीमा हैदर मामले की जांच के लिए स्पेशल एजेंसी से कार्रवाई की मांग की थी। नोएडा पुलिस का लेटर मिलने के बाद यूपी एटीएस सीमा मामले की जांच में पूरी तरह से जुट गई है। 

सीमा के दुबई से भारत आने तक के रूट को खंगालेगी एटीएस

यूपी एटीएस ने सीमा हैदर केस की जांच अपने हाथ में ले ली है। एटीएस अब सीमा हैदर के पाकिस्तान से दुबई और फिर नेपाल के रास्ते भारत आने के रूट को खंगालेगी। साथ ही एटीएस यह भी पता लगाएगी कि इन दुबई से भारत आने तक सीमा की मदद करने वालों में कौन-कौन लोग शामिल थे। पाकिस्तान से भारत आने के दौरान सीमा ने किन नंबरों का उपयोग किया इसका भी यूपी एटीएस पता लगाए। इतना ही नहीं सीमा के प्रेमी सचिन का बैकग्राउंड भी यूपी एटीएस जांचेगी। सचिन सीमा से कब से संपर्क में था, दोनों के बीच क्या-क्या बातचीत होती थीं, किन-किन कंपनियों के इंटरनेट का इस्तेमाल करते थे? एटीएस इन सब मामलों को खंगालेगी।

सीमा को है जान का खतरा, पुलिस ने बढ़ाई सुरक्षा

पाकिस्तान से भारत आई सीमा हैदर को जान का खतरा सताने लगा है। दरअसल सीमा-सचिन लवस्टोरी सोशल मीडिया पर वायरल हुई तो पाकिस्तान के कट्टरपंथियों और अराजक तत्वों के निशाने पर आ गई। पिछले दिनों कई लोगों द्वारा दी गई धमकी को देखते हुए और खुफिया इनपुट के बाद रविवार से सीमा की सुरक्षा बढ़ा दी गई। पुलिस को सीमा के साथ किसी अनहोनी के बारे में खुफिया इनपुट प्राप्त हुआ है। इसको देखते हुए सुरक्षा के लिए दो-दो पुलिसकर्मी अलग-अलग शिफ्ट में रहेंगे। पुलिस अधिकारियों ने सीमा, सचिन और परिवार को मीडिया और आम लोगों से दूरी बनाने की सलाह दी है। 

ये है मामला

सीमा हैदर और गुलाम हैदर की शादी 2014 में हुई थी। उनके चार बच्चे हुए। 2019 में पबजी के जरिए सीमा हैदर की मुलाकात रबुपूरा के सचिन मीणा से हुई। 10 मार्च, 2023 में दोनों ने नेपाल जाकर मुलाकात की। सात दिन तक रुके और वहीं पर शादी कर ली। उसके बाद दोनों अपने देश वापस लौट गए। 13 मई, 2023 सीमा हैदर अपने चारों बच्चों के साथ नेपाल के रास्ते अवैध रूप से भारत आ गई।

भोपाल से दिल्ली आ रही वंदे भारत ट्रेन में लगी आग, सभी यात्री सुरक्षित

#vande_bharat_fire_train_madhya_pradesh

वंदे भारत ट्रेन के साथ एक और हादसा हुआ है। भोपाल से नई दिल्ली की तरफ आ रही वंदे भारत ट्रे्न बड़े हादसे का शिकार हो गई है। सोमवार को यह ट्रेन जब बीना स्टेशन पर खड़ी थी, उस दौरान इस ट्रेन में आग लग गई। आग की सूचना पाकर यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई और ट्रेन को बीच में रोककर ही यात्रियों को उतारना पड़ा। 

सोमवार सुबह भोपाल के रानी कमलापति स्टेशन से दिल्ली के लिए रवाना हुई वंदे भारत की ट्रेन में विदिशा के पास बैटरी बॉक्स में आग लग गई, हालांकि समय रहते रेलवे ने आग पर काबू पाया। घटना में कोई भी रेल यात्री हताहत नहीं हुआ है। विदिशा के कुरवाई स्टेशन से सुबह 10:30 बजे वंदे भारत ट्रेन को निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन के लिए रवाना कर दिया गया है।

जानकारी के मुताबिक आग वंदे भारत एक्सप्रेस के बैटरी बॉक्स में कुरवई केथोरा स्टेशन पर लगी थी। आग सी-14 कोच में लगी। हादसे के बाद ट्रेन रोककर यात्रियों को सुरक्षित निकाला गया। इस कोच में 36 यात्री सवार थे। घटना की सूचना पाकर मौके पर फायर ब्रिगेड की टीम पहुंची। फायर ब्रिगेड की टीम ने फायर एक्सटिग्यूशर के माध्यम से आग पर काबू पाया। आग लगने की वजह से रेलवे ट्राफिक ब्लॉक हो गया। इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ है। सभी यात्रियों को समय पर ट्रेन से बाहर निकाल लिया गया। 

आपको बता दें कि एमपी में करीब आधा दर्जन से ज्यादा वंदे भारत ट्रेन चल रही हैं, हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ नई वंदे भारत की सौगात राज्य को दी थीं। भारतीय रेलवे के लिए वंदे भारत एक नया अनुभव है, अभी तक देश में करीब दो दर्जन रूट पर यह ट्रेन शुरू हो गई हैं।

पहाड़ से लेकर मैदान तक आफत की बरसात! यमुना का जलस्तर फिर बढ़ा, हिमाचल-उतराखंड में बादल फटने और भूस्खलन से तबाही, कई राज्यों में बारिश का अलर्ट

#northindiarains

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत कई राज्यों में बारिश अपना असर दिखा रही है। इस कारण कई राज्यों में बाढ़ की समस्या से लोगों को जूझना पड़ा।पिछले दिनों भारी बारिश के बाद यमुना नदी के जलस्तर में वृद्धि होने से दिल्ली के कई हिस्से जलमग्न हैं और हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ा है। दूसरी तरफ, अब गंगा विकराल रूप लेती जा रही है। इसने हरिद्वार में खतरे के निशान को पार कर लिया है। गंगा के जलस्तर में काफी तेजी से इजाफा हो रहा है, जिससे इसके आसपास के स्थानों पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है।

इन राज्यों में येलो अलर्ट जारी

मौसम विभाग ने सोमवार को हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पूर्वी राजस्थान, पूर्वी मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग के मुताबिक इन राज्यों में भारी बारिश की संभावना है। महाराष्ट्र, गुजरात, गोवा, नागालैंड, मिजोरम, मणिपुर, तेलंगाना, त्रिपुरा, कर्नाटक के कुछ इलाकों में बारिश की संभावना है। वहीं हरियाणा के कई जिलों में अगले कुछ दिनों तक बारिश होने की संभावना जताई गई है, इस कारण यहां अलर्ट भी जारी किया गया है। बता दें कि बिहार में एक बार फिर से मौसम का मिजाज बदलने वाला है। मौसम विभाग के मुताबिक यहां कई जिलों में बारिश और वज्रपात देखने को मिल सकता है। सोमवार के दिन राजधानी दिल्ली में आंशिक से मध्यम बारिश देखने को मिल सकती है

उत्ततराखंड में ऑरेंज अलर्ट जारी

उत्तराखंड के सभी 13 जिलों में 17 जुलाई के लिए बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। पहले ही उत्तराखंड के अनेक स्थानों पर रविवार को भी बारिश हुई जिससे भूस्खलन के कारण बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग सहित कई सड़कों पर यातायात अवरुद्ध हुआ। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार, प्रदेश में पिछले 24 घंटे में सर्वाधिक 70 मिमी बारिश कपकोट में दर्ज की गई, जबकि मसूरी में 61, कर्णप्रयाग में 57, चमोली में 54.4, नागथात में 53, देहरादून के मोहकमपुर में 48, विकासनगर में 41 और उत्तरकाशी में 39 मिमी बारिश दर्ज की गई।

हिमाचल में बादल फटने से कुल्लू में मची तबाही

हिमाचल प्रदेश में एक बार फिर प्राकृतिक आपदाएं जान-माल को नुकसान पहुंचा रही हैं। इसी कड़ी में सोमवार को कुल्लू जिला में बादल फटने से भारी तबाही मची है। कुल्लू जिला के काईस की ऊंची पहाड़ियों में बादल फटा है। इसके चलते कई वाहनों व घरों को भारी नुकसान पहुंचा है। खराहल घाटी के न्यूली जवाणी नाला में बाढ़ से कई दुकानों व मकानों को भारी नुकसान पहुंचा है। पैदल चलने वाले कई पुलिया हुई क्षतिग्रस्त हो गई है। 

अभी कम होने वाली नहीं है परेशानी

इधर, दिल्ली में यमुना के जलस्तर में फिर मामूली बढ़ोतरी देखी गई है। सुबह सात बजे जलस्तर 205.48 मीटर रिकार्ड किया गया। सुबह सात बजे से पहले तीन घंटे तक जलस्तर 205.45 मीटर था। बाढ़ की मुसीबतों के बीच दिल्ली मेंआज भी बारिश के आसार हैं। अगर बारिश अधिक होती है तो परेशानियों का बढ़ना तय है।

मिशन 2024: बेंगलुरू में आज विपक्षी दलों का महाजुटान, बैठक में शामिल नहीं होंगे शरद पवार

#secondmeetingofoppositionpartiestodayin_bengaluru

लोकसभा चुनाव में एक साल से भी कम का वक्त बचा है, ऐसे में पक्ष हो या विपक्ष तैयारियों में जुट गई है। सत्ताधारी दल के साथ-साथ विपक्षी दल अपनी-अपनी ताकत बढ़ाने में जुटे हुए हैं। इसी क्रम में देश की विपक्षी पार्टियों के शीर्ष नेता आज से बेंगलुरु में होने वाली दो दिवसीय एकता बैठक में शामिल होकर 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा से मुकाबले की रणनीति पर माथापच्ची करेंगे।इस बैठक में 26 पार्टियों के शामिल होने की उम्मीद जता रहे हैं। पिछले महीने 23 जून को पटना में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बुलावे पर 15 पार्टियां ही विपक्षी बैठक में शामिल हुईं थीं।

बैठक में शामिल नहीं होंगे शरद पवार

सोमवार को होने वाली इस बैठक से पहले ही एक बड़ी खबर है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के शरद पवार इस बैठक में हिस्सा नहीं ले पाएंगे, उनकी पार्टी ने यह जानकारी दी। हालांकि, शरद पवार किन कारणों की वजह से मीटिंग में नहीं आ रहे हैं, अभी साफ नहीं हुआ है।हालांकि, कहा जा रहा है कि उनकी बेटी सुप्रिया सुले विपक्षी एकता के लिए हो रही बैठक का हिस्सा होंगी। बता दें कि कुछ दिनों पहले ही उनकी पार्टी दो-फाड़ हुई है और भतीजे अजित पवार ने बगावत की है।

किन मुद्दों पर होगी चर्चा

विपक्षी दलों की का बड़ी बैठक में 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा से मुकाबले की रणनीति तय की जाएगी। विपक्षी दलों की कोशिश होगी की लोकसभा सीटों पर साझा उम्मीदवार उतारने को लेकर सहमति बन सके। कोशिश की जा रही है कि अधिकतर लोकसभा सीटों पर इस फॉर्मूले को अपनाया जाए। इसके अलावा लोकसभा चुनावों के लिए कॉमन मिनिमम प्रोग्राम की ड्रॉफ्टिंग और गठबंधन के लिए कमेटी का गठन करना। एक एजेंडा सीटों से जुड़ा हुआ है, इसमें राज्यों के आधार पर सीट शेयरिंग के मामले पर चर्चा की जाएगी। इसके अलावा इस गठबंधन को क्या नया नाम दिया जा सकता है इस पर भी आज चर्चा होगी। 

कई मुख्यमंत्रियों समेत शीर्ष नेता होंगे शामिल

इस बैठक में कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी भी शामिल हो सकती हैं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी के अलावा एनसीपी प्रमुख शरद पवार, कई राज्यों के मुख्यमंत्री, बंगाल की ममता बनर्जी, बिहार के नीतीश कुमार, तमिलनाडु के एमके स्टालिन, झारखंड के हेमंत सोरेन, दिल्ली के अरविंद केजरीवाल और पंजाब के भगवंत मान के भी बैठक में भाग लेने की उम्मीद है। इसके अलावा महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी बैठक में होंगे।

अफ्रीका में गहराते संकट का पड़ा असर, जानिए क्यों मुश्किल में ऑटोमोबाइल सेक्टर

डेस्क: अमेरिका और यूरोप के बाजार में सुस्त पड़ती गतिविधियों के चलते अफ्रीका और एशिया की छोटी अर्थव्यवस्थाओं में मंदी का खतरा मंडराने लगा है। इस बीच भारत पर भी इसका बुरा असर पड़ रहा है। विदेशों से घटती मांग के चलते देश से वाहनों का निर्यात 2023 की पहली अप्रैल-जून की पहली तिमाही में 28 प्रतिशत घट गया है। वाहन विनिर्माताओं के संगठन सियाम के ताजा आंकड़ों से खुलासा हुआ है कि देश के वाहन निर्यात में में करीब 4 लाख वाहनों के निर्यात की कमी दर्ज की गई है। 

अफ्रीका में गहराते संकट का पड़ा असर 

भारत से वाहनों का निर्यात मुख्यत: अफ्रीकी देशों में होता है। इसके साथ ही दक्षिणी अमेरिका और पश्चिम एशिया भी भारतीय वाहन उद्योग के लिए बड़ा बाजार हैं। लेकिन अफ्रीका की कुछ बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के कमजोर पड़ने से भारत के वाहन निर्यात में गिरावट आई है। आंकड़ों के अनुसार, 30 जून, 2023 को समाप्त पहली तिमाही में कुल वाहन निर्यात 10,32,449 इकाई रहा। पिछले साल की समान अवधि में यह आंकड़ा 14,25,967 इकाई रहा था। 

दुनिया में गहराया डॉलर का संकट 

सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) के महानिदेशक राजेश मेनन ने कहा, ‘‘पहली तिमाही में सभी वाहन सेगमेंट में निर्यात घटा है। निर्यात के कई गंतव्यों खासकर अफ्रीका और अन्य विकासशील देशों में मुद्राओं का अवमूल्यन होने से वाहनों की मांग घटी है जिसका निर्यात पर असर पड़ा।’’ उन्होंने कहा कि इन देशों को विदेशी मुद्रा की उपलब्धता की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जिससे वाहनों की बिक्री सीमित रही है। हालांकि, इन देशों में वाहनों की उपभोक्ता मांग बरकरार है, लेकिन ये अभी अन्य आवश्यक वस्तुओं के आयात पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। 

ये हैं भारत से निर्यात के अहम आंकड़े

जून तिमाही में यात्री वाहनों का कुल निर्यात पांच प्रतिशत घटकर 1,52,156 इकाई रह गया। पिछले साल की अप्रैल-जून की अवधि में यह आंकड़ा 1,60,116 इकाई रहा था। 

यात्री कारों का निर्यात एक साल पहले की समान अवधि के 1,04,400 इकाई के आंकड़े से घटकर 94,793 इकाई रह गया। यूटिलिटी वाहनों का निर्यात मामूली गिरावट के साथ 55,419 इकाई रह गया। पिछले साल की समान अवधि में यूटिलिटी वाहनों का निर्यात 55,547 इकाई रहा था। 

वाहन निर्यात में मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) शीर्ष पर रही। अप्रैल-जून में मारुति का निर्यात 62,857 इकाई रहा। इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में मारुति ने 68,987 यात्री वाहनों का निर्यात किया था। इसके बाद हुंदै मोटर इंडिया का स्थान रहा। समीक्षाधीन अवधि में हुंदै ने 35,100 वाहनों का निर्यात किया। एक साल पहले की समान अवधि में यह आंकड़ा 34,520 इकाई रहा था। 

किआ इंडिया 22,511 इकाइयों के निर्यात के साथ तीसरे स्थान पर रही। पिछले वित्त वर्ष की जून तिमाही में कंपनी ने 21,459 वाहनों का निर्यात किया था। 

दोपहिया वाहनों का निर्यात 31 प्रतिशत घटकर 7,91,316 इकाई रह गया, जो एक साल पहले की समान अवधि में 11,48,594 इकाई था। 

कमर्शियल वाहनों का निर्यात पहली तिमाही में घटकर 14,625 इकाई रह गई, जो वित्त वर्ष 2022-23 की अप्रैल-जून तिमाही के 19,624 इकाई के आंकड़े से 25 प्रतिशत कम है। 

तिपहिया वाहनों का निर्यात भी 25 प्रतिशत घटकर 73,360 इकाई रह गया, जो पिछले वित्त वर्ष की जून तिमाही में 97,237 इकाई था।

CRPF जवानों को लेकर जा रही गाड़ी फिसलकर सिंध नाले में गिरी, हादसे में 8 जवान घायल

डेस्क: जम्मू-कश्मीर में रविवार सुबह एक बड़ा हादसा हो गया। सीआरपीएफ (CRPF) की गाड़ी सिंध नाला में जा गिरी। इस हादसे में कम से कम 8 जवान घायल हो गए। ये हादसा नीलग्रार हेलीपैड के पास हुआ। घायल सभी जवानों को इलाज के लिए बेस कैंप अस्पताल बालटाल लाया गया है। जानकारी के मुताबिक, हादसा तब हुआ सीआरपीएफ जवानों को लेकर जा रही पंजीकरण संख्या- HR36AB/3110 वाली गाड़ी सड़क से फिसलकर सिंध नाले में जा गिरी। अधिकारियों ने बताया कि सीआरपीएफ कर्मी बालटाल के रास्ते अमरनाथ गुफा मंदिर की ओर जा रहे थे, तभी यह हादसा हुआ। 

अमरनाथ यात्रा के मद्देनजर CRPF जवानों की तैनाती

बता दें कि अमरनाथ यात्रा को और सुरक्षित बनाने के लिए बड़ी संख्या में सीआरपीएफ के जवानों को तैनात किया गया है, क्योंकि अर्धसैनिक बल नवीनतम उपकरणों से लैस हैं और कश्मीर में सुरक्षा घेरे को बढ़ाने में मददगार साबित होंगे। सीआरपीएफ के उप महानिरीक्षक आलोक अवस्थी ने बताया कि हम 24 घंटे, साल के 365 दिन सेवा में तैनात रहते हैं, चाहे यात्रा हो या न हो। यात्रा के मद्देनजर बलों की संख्या में बढ़ोतरी की गई है और अधिक सावधानी बरती जा रही है।

सीआरपीएफ के उप महानिरीक्षक ने बताया कि सीआरपीएफ दक्षिण कश्मीर में मौके पर निगरानी करने के लिए आधुनिक उपकरणों व हथियारों का इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने बताया कि हम दुनिया में उपलब्ध सबसे आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या अमरनाथ की पवित्र गुफा के लिए चल रही तीर्थयात्रा पर कोई खतरा है, अधिकारी ने कहा कि सीआरपीएफ पूरे साल शांति सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित करती है।

"प्राथमिकता लोगों की सुरक्षा है, जवान आराम नहीं करते"

उन्होंने कहा, "कोई विशिष्ट खतरा नहीं है, लेकिन यात्रा हो या न हो, हमारी प्राथमिकता लोगों की सुरक्षा है और हमारे जवान आराम नहीं करते। वे चौबीसों घंटे काम करते हैं। वे 365 दिन तैनात रहते हैं। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि हम आपकी सेवा में हैं।" उन्होंने तीर्थयात्रा के लिए स्थानीय आबादी के समर्थन की सराहना भी की। बता दें कि हिमालयी क्षेत्र में स्थित 3,888 मीटर ऊंचे गुफा मंदिर की 62 दिवसीय वार्षिक तीर्थयात्रा एक जुलाई को शुरू हुई, जो 31 अगस्त तक चलेगी।

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