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हैदर को पाकिस्तान भेजो, वरना होगा 26/11 जैसा हमला’, मुंबई ट्रैफिक पुलिस को आई धमकी भरी कॉल, पुलिस ने की पुष्टि, अलर्ट पर सुरक्षाकर्मी

 पति छोड़कर पाकिस्तान से भारत आई सीमा हैदर और सचिन मीणा की लव स्टोरी चर्चा में है। इस बीच एक अज्ञात व्यक्ति ने गुरुवार को मुंबई ट्रैफिक पुलिस कंट्रोल रूम को फोन किया और 26/11 हमले जैसा हमला करने की धमकी दी।

मुंबई पुलिस ने बताया कि पुलिस कंट्रोल रूम को एक धमकी भरा फोन आया, जिसमें फोन करने वाले ने कहा कि अगर पाकिस्तानी नागरिक सीमा हैदर पाकिस्तान नहीं लौटी तो 26/11 के आतंकवादी हमले के लिए तैयार रहें। क्राइम ब्रांच मामले की जांच में जुट गई है।

डकैतों ने हिंदुओं को अंजाम भुगतने की दी थी धमकी

पाकिस्तान के डकैतों ने बुधवार को भारत और उनके देश में रहने वाले हिंदुओं को सार्वजनिक धमकी दी है, जिसमें कहा गया है कि अगर सीमा हैदर को उसके मुल्क वापस नहीं भेजा गया, तो खून-खराबा होगा। ब्लूच डकैतों के एक समूह ने पाकिस्तान से एक वीडियो जारी किया है। उन्होंने धमकी दी है कि अगर सीमा हैदर को उनके देश वापस नहीं भेजा गया, तो वे पाकिस्तान में रहने वाली हिंदू महिलाओं के साथ बलात्कार करेंगे और उन्हें मार डालेंगे।

वायरल वीडियो में चार लोग नकाब पहने और राइफल थामे हुए पाकिस्तान में हिंदू आबादी को धमकाते नजर आ रहे हैं। कथित आतंकियों के ग्रुप के बीच में बैठा शख्स हिंदुओं को धमकियां दे रहा है। वीडियो में एक आदमी ने कहा कि हमारे शहर जखरानी की एक लड़की हाल ही में पाकिस्तान से दिल्ली गई है। भारत को यह समझना होगा कि अगर सीमा हैदर को वापस पाकिस्तान नहीं भेजा गया तो यहां रहने वाले हिंदुओं और अन्य धर्मों के लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।

चार बच्चों संग नोएडा पहुंची सीमा

सीमा हैदर और नोएडा रबूपुरा गांव के रहने वाले सचिन मीणा के बीच PUBG खेलते वक्त इश्क हुआ। फिर इश्क इस कदर परवान चढ़ा कि सीमा हैदर पहले दुबई फिर नेपाल होते हुए ग्रेटर नोएडा के रबूपुरा गांव 13 मई को पहुंच गई। उसने चिकन, मांस, मछली खाना छोड़कर हिंदू धर्म अपना लिया है। सीमा हैदर अपने साथ चार बच्चों को भी लेकर आई है। उसे भारत में अवैध तरीके से रहने के आरोप में बीते दिनों पुलिस ने गिरफ्तार तो यह मामला सामने आया है। फिलहाल दोनों जमानत पर हैं।

उत्तराखंड में लगातार भारी बारिश के कारण हरिद्वार में हाल सबसे ज्यादा खराब, सेटेलाइट से नजर रख रहा आपदा प्रबंधन विभाग, सेना से मदद लेने की तैयारी

उत्तराखंड में बारिश के बाद बिगड़े हालातों के बीच आज सचिवालय स्थित राज्य आपदा परिचालन केंद्र में अपर सचिव आपदा प्रबंधन साविन बंसल ने मीडिया के साथ जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि हरिद्वार जिले के खानपुर व नारसन ब्लॉक जलभराव से सर्वाधिक प्रभावित हैं। यहां हर पल सेटेलाइट से नजर रखी जा रही है। दो गांव अति सवेंदनशील व 12 मध्यम सवेंदनशील हैं। इन सभी गांवों में प्रशासन द्वारा प्रभावितों को मदद पहुंचाई जा रही है।

सवेंदनशील गावों से प्रभावितों को राहत शिविरों में लाया जा रहा है। सेना से भी बात हुई है। जरूरत पड़ने पर सेना की मदद भी ली जाएगी। फिलहाल स्थिति काबू में हैं।

नदी में बह गई किसानों की फसल और जमीन

क्षेत्र में भारी बारिश के बाद सोलानी नदी के उफान पर आने से कई गांवों के किसानों की फसल सहित सैकड़ों बीघा कृषि भूमि पानी के बहाव में बह गई। इससे किसानों को करोड़ों रुपये का नुकसान हो गया है। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने टीम के साथ मौके पर पहुंचकर निरीक्षण किया है।

भगवानपुर क्षेत्र के ग्राम गी शहिदपुर, लव्वा, सिसोना, मक्खनपुर, खुब्बनपुर, मंडावर, हसनपुर मदनपुर, मानक मजरा, हालुमजरा, छागामजरी, शाहपुर, करौंदी, पुहाना, किशनपुर आदि गांवों के पास सोलानी नदी बह रही है। एक दिन पहले सोलानी उफान पर बहने से सैकड़ों बीघा कृषि भूमि में खड़ी गन्ने की फसल, पोपुलर, आम के बाग सहित अन्य फसलें नदी में बह गईं। इस कारण किसानों को करोड़ों रुपये का नुकसान हो गया है।

शाहिदपुर के पास नदी के कटाव से जमीन गिरने से गांव के नदी में बहने का खतरा बना हुआ है। किसान हुकम सिंह, रामपाल, सतीश कुमार, अमित कुमार, बिजेन्द्र, छतरसिंह, यशपाल, विनोद, नरेश कुमार, धूम सिंह, मामराज, नवीन कुमार, गीताराम का कहना है कि सोलानी में पानी ज्यादा आने से कृषि भूमि में खड़ी फसल बह गई है।

दिल्ली में यमुना का कहर, आईटीओ-राजघाट की सड़कें पानी-पानी, केजरीवाल ने मांगी सेना की मदद

#delhi_floods

दिल्ली में यमुना नदी उफान पर है। यमुना के जलस्तर में रिकॉर्डतोड़ बढ़ोतरी ने दिल्लीवालों की मुश्किलों को बढ़ा दिया है। यमुना का जलस्तर बढ़ने से कई इलाकों में हालात बिगड़ गए हैं। आईटीओ पर ड्रेन रेगुलेटर के टूटने के कारण, राजघाट पर नाले से पानी के बैकफ्लो के कारण और कई अन्य स्थानों पर ओवरफ्लो के कारण यमुना नदी का पानी शहर में घुस रहा है।इस बीच मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में तुरंत सेना और एनडीआरएफ की टीम को उतारने की मांग की है।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और राजस्व मंत्री आतिशी ने मुख्य सचिव को रेगुलेटर के क्षतिग्रस्त होने के कारण दिल्ली में बाढ़ को रोकने के लिए एनडीआरएफ और सेना से मदद लेने का निर्देश दिया है. केजरीवाल स्थिति का जायजा लेने के लिए घटनास्थल का दौरा करेंगे. उन्होंने ट्वीट किया, ‘इस दरार के कारण आईटीओ और आसपास बाढ़ आ रही है. इंजीनियर पूरी रात काम करते रहे. मैंने मुख्य सचिव को सेना/एनडीआरएफ की मदद लेने का निर्देश दिया है, ताकि इसे तत्काल ठीक किया जाए।

दिल्ली में आज बारिश नहीं हुई है, लेकिन राजधानी के कई इलाके पानी से तर हैं। यमुना के जलस्तर में भले ही गिरावट हुई हो, लेकिन अभी भी यमुना का पानी दिल्ली के कई इलाकों में घुस रहा है और बाढ़ के हालात पैदा कर रहा है। दिल्ली के यमुना बाजार इलाके की हालत ज्यादा खराब है। यहां कमर से ऊपर तक पानी इकट्ठा हो गया है। गाड़ियां डूब गई हैं और मकानों में पानी भर गया है। मोनेस्ट्री मार्केट सिविल लाइंस से बढ़ता हुआ पानी अब कश्मीरी गेट मेट्रो स्टेशन तक आ गया है। कश्मीरी गेट मेट्रो स्टेशन के सामने वाली यह रोड आउटर रिंग रोड से रोहिणी, आजादपुर मंडी, पीरागढ़ी को जाती है।

आईटीओ और राजघाट इलाकों में बाढ़ के कारण अधिकारियों को यातायात की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाना पड़ा है। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने एक ट्वीट में कहा, ‘डब्ल्यूएचओ बिल्डिंग के पास पानी के तेज प्रवाह के कारण महात्मा गांधी मार्ग पर सराय काले खां से आईपी फ्लाईओवर की ओर किसी भी वाहन को यातायात की अनुमति नहीं दी जाएगी। यात्रियों को इस मार्ग से बचने की सलाह दी जाती है।’

चीनी दावे के खिलाफ अमेरिका ने पारित किया प्रस्ताव, अरुणाचल प्रदेश को बताया भारत का अभिन्न अंग

#us_senate_committee_approves_resolution_on_arunachal_pradesh_integral_part_of_india 

भारत के प्रति दुनियाभर के देशों का नजरिया तेजी से बदल रहा है। हाल के वर्षों में भारत ताकतवर देश के रूप में उभर कर सामने आया है। खासकर दुनिया का सबसे ताकतवर देश अमेरिका के रवैये में भी भारत को लेकर काफी बदलाव देखे जा रहे हैं। अमेरिका लगातार भारत के साथ अपने संबंधों को और मजबूत करने का प्रयास कर रहा है। इसी क्रम में चीनम के दावों के बीच अमेरिका ने भारत का पक्ष लिया है। दरअसल, अमेरिकी संसद की सीनेट कमेटी ने अरुणाचल प्रदेश को भारत के अभिन्न अंग के रूप में मान्यता देने वाला एक प्रस्ताव पारित किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के एक महीने के अंदर ही संसदीय कमेटी ने यह प्रस्ताव पास कर दिया है।

अमेरिका ने मैकमोहन लाइन को दी अंतरराष्ट्रीय सीमा की मान्यता

अमेरिकी संसद में यह प्रस्ताव सांसद जेफ मर्कले, बिल हेगेर्टी, टिम काइने और क्रिस वान होलेन ने बृहस्पतिवार को पेश किया था। मीडिया को जारी एक बयान में कहा गया है कि प्रस्ताव में इस बात की पुन: पुष्टि की गई है कि अमेरिका मैकमोहन लाइन को पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना (पीआरसी) और भारत के राज्य अरुणाचल प्रदेश के बीच अंतरराष्ट्रीय सीमा के तौर पर मान्यता देता है। इससे चीन का यह दावा कमजोर होता है कि अरुणाचल का अधिकतर हिस्सा पीआरसी का है। इस प्रस्ताव को अब मतदान के लिए सीनेट में पेश किया जाएगा। 

अमेरिका इस क्षेत्र को समर्थन और सहायता के लिए प्रतिबद्ध

कांग्रेस के कार्यकारी आयोग के सह-अध्यक्ष के रूप में कार्य करने वाले सांसद मर्कले ने कहा, ‘‘स्वतंत्रता और नियम आधारित व्यवस्था का समर्थन करने वाले अमेरिकी मूल्य दुनियाभर में हमारे सभी कार्यों और संबंधों के केंद्र में होने चाहिए, खासतौर पर तब, जब पीआरसी सरकार एक वैकल्पिक दृष्टिकोण अपना रही है। साथ ही, उन्होंने कहा, संयुक्त राज्य अमेरिका भारतीय राज्य अरुणाचल प्रदेश को भारत गणराज्य के हिस्से के रूप में देखता है, न कि पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के रूप में और अमेरिका इस क्षेत्र को समर्थन और सहायता देने के लिए प्रतिबद्ध है।

चीन के खिलाफ कदम उठाना जरूरी

वहीं, हेगर्टी ने कहा कि ऐसे समय में जब चीन स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए गंभीर खतरे पैदा कर रहा है। अमेरिका के लिए इस क्षेत्र में अपने रणनीतिक साझेदारों, विशेषकर भारत और अन्य क्वाड देशों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा होना महत्वपूर्ण है। साथ ही चीन की क्षेत्रीय विस्तार की व्यापक रणनीति के खिलाफ कदम उठाना जरूरी है, जो उसने दक्षिण और पूर्वी चीन सागर, हिमालय और दक्षिणी प्रशांत क्षेत्र में अपनाई है।

लोकतंत्र की रक्षा के लिए मजबूती से खड़े रहना होगा

सांसद कॉर्ने ने कहा, भारत और चीन के बीच साझा सीमा को लेकर तनाव बढ़ रहा है। ऐसे में अमेरिका को स्वतंत्र एवं खुले हिंद-प्रशांत का समर्थन करके लोकतंत्र की रक्षा के लिए मजबूती से खड़े रहना होगा। उन्होंने कहा, यह प्रस्ताव इस बात की पुष्टि करता है कि अमेरिका अरुणाचल प्रदेश को भारत के अभिन्न हिस्से के तौर पर मान्यता देता है और मैं अपने साथियों से इसे बिना विलंब पारित करते का अनुरोध करता हूं। 

चीन अरूणाचल के हिस्से को जंगनान कहता है

बता दें कि चीन की सेना सीमा पर यथास्थिति को बदलने की कोशिश कर रही है, इसके लिए चीन की सेना सीमा पर गांवों को बसा रही है। साथ ही चीनी भाषा में लिखा नया नक्शा जारी किया है, जिसमें अरुणाचल प्रदेश को चीन का हिस्सा बताया गया है। चीन अरुणाचल प्रदेश को अपना हिस्सा बताया है और इसे जंगनान कहता है। चीन दावा करता है कि यह दक्षिण तिब्बत है।।

‘फ्रांस में चलेगा भारत का सिक्का’, पीएम मोदी ने कहा- एफिल टावर से होगी इसकी शुरुआत

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भारत का यूपीआई यानी यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस धीरे-धीरे दुनियाभर में छा रहा है। दुनिया के कई देशों तक अपनी पहुंच बना भारत का यूपीआई अब फ्रांस में भी चलेगा।फ्रांस में यूपीआई इस्तेमाल करने को लेकर समझौता हो गया है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फ्रांस दौरे पर भारत को इस मोर्टे पर एक और अहम कामयाबी मिली है।फ्रांस में भारतीयों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि पेरिस में अब भारत का ‘सिक्का’ चलेगा। उन्होंने कहा कि अब यहां आप रुपये में भुगतान कर सकेंगे।

'यूपीआई' के इस्तेमाल को लेकर भारत-फ्रांस के बीच सहमति

फ्रांस के दौरे पर गए पीएम मोदी ने गुरुवार को कहा कि पेमेंट सिस्टम 'यूपीआई' का इस्तेमाल करने को लेकर भारत और फ्रांस के बीच सहमति बनी है। इसके चलते अब फ्रांस के लोग भी यूपीआई का इस्तेमाल कर सकेंगे। इससे भारत के इनोवेशन के लिए एक बड़ा बाजार खुलेगा।

एफिल टावर से होगी यूपीआई की शुरूआत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को फ्रांस की राजधानी पेरिस में भारतीयों को संबोधित करते हुए कहा कि बहुत जल्द भारतीय पर्यटक एफिल टावर में भी यूपीआई से भुगतान कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि फ्रांस में भारतीय यूपीआई से भुगतान करने को लेकर समझौता हुआ है। इसकी शुरुआत एफिल टावर से होगी और भारतीय यहां यूपीआई के जरिये रुपये में भुगतान कर पाएंगे।साथ ही पीएम ने भारतीयों से अपील की कि भारत को तेजी से विकसित देश बनाने के लिए वे देश में बड़ी मात्रा में निवेश करें। उन्होंने कहा, सभी रेटिंग एजेंसियां भारत को चमकता सितारा बता रही हैं। आपके लिए निवेश का यह सही समय है।

फ्रांस यूपीआई लॉन्च करने वाला सबसे पहला यूरोपीय देश

भारत और फ्रांस के बीच यूपीआई को लेकर हुई डील के साथ फ्रांस यूपीआई लॉन्च करने वाला सबसे पहला यूरोपीय देश बन चुका है। बता दें, साल 2023 यूपीआई के नजरिए से बहुत खास है। इस साल यूपीआई और सिंगापुर के PayNow ने भी डील की है। जिससे किसी भी देश के यूजर सीमा पार लेनदेन करने के लिए यूपीआई का इस्तेमाल कर सकते हैं।

ये होगा फायदा

फ्रांस और इंडियन यूपीआई की मंजूरी से उन लोगों को फायदा होगा जो भारत से घूमने के लिए फ्रांस जाएंगे। वो वहां पर बिना किसी झंझट के और बिना कोई करेंसी एक्सचेंज के आसानी से यूपीआई के जरिये इंडियन में पेमेंट कर सकेंगे। इससे देश में डिजिटल ट्रांजक्शन का क्रेज और बढ़ेगा साथ ही देश की इकोनॉमी को भी फायदा होगा।

पीएम मोदी को मिला फ्रांस का सर्वोच्च नागरिक सम्मान, "ग्रैंड क्रॉस ऑफ द लीजन ऑफ ऑनर" से नवाजे गए पहले भारतीय प्रधानमंत्री

#pm_modi_received_highest_honour_of_france

प्रधानमंत्री प्रधानमंत्री मोदी फ्रांस के दौरे पर हैं। इस दौरान फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने पीएम मोदी को फ्रांस का सर्वोच्च सम्मान "ग्रैंड क्रॉस ऑफ द लीजन ऑफ ऑनर" से सम्मानित किया। यह सम्मान उन्हें दौरे के पहले ही दिन दिया गया। ये फ्रांस का सैन्य और सिविल दोनों ही क्षेत्रों में सबसे बड़ा सम्मान है। पीएम मोदी ऐसे पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं, जिन्हें यह सम्मान से दिया गया है। 

पीएम मोदी से पहले ये दिग्गज हो चुके हैं सम्मानित

पीएम मोदी से पहले दुनिया के कई नेताओं को इस सम्मान से सम्मानित किया गया है. पीएम मोदी से पूर्व दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला, वेल्स के तत्कालीन राजकुमार किंग चार्ल्स, जर्मनी के पूर्व चांसलर एंजेला मर्केल, संयुक्त राष्ट्र के पूर्व महासचिव सहित्स के तत्कालीन राजकुमार किंग चार्ल्स, जर्मनी के पूर्व चांसलर अन्य नेता शामिल हैं।ग्रैंड क्रॉस ऑफ द लीजन ऑफ ऑनर सम्मान को दुनिया भर के केवल उन प्रमुख नेताओं और प्रतिष्ठित हस्तियों को प्रदान किया गया है, जिनकी वैश्विक मंच पर मजबूत छवि होती है और जो अदभुद, असाधारण और देश-विदेश में लोकप्रिय व ताकतवर भी होते हैं।

9 सालों में मिला 14वां अंतरराष्ट्रीय सम्मान

पीएम मोदी को पिछले 9 सालों में मिलने वाला ये यह 14वां अंतरराष्ट्रीय सम्मान है। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मिस्री की राजधानी काहिरा यात्रा के दौरान राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी द्वारा मिस्र के सर्वोच्च सम्मान 'ऑर्डर ऑफ द नाइल' से सम्मानित किया गया था। 1915 में स्थापित, 'ऑर्डर ऑफ द नाइल' उन राष्ट्राध्यक्षों, राजकुमारों और उपराष्ट्रपतियों को प्रदान किया जाता है जो मिस्र या मानवता को अमूल्य प्रदान करते हैं।

प्रधानमंत्री मोदी को अब तक कौन-कौन से सम्मान मिले?

इससे पहले पीएम मोदी को जून 2023 में मिस्र द्वारा ऑर्डर ऑफ द नाइल, मई 2023 में पापुआ न्यू गिनी द्वारा कंपेनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ लोगोहू, मई 2023 में कंपेनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ फिजी, मई 2023 में पलाऊ गणराज्य द्वारा एबाकल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।वहीं, 2021 में भूटान ने ड्रुक ग्यालपो, 2020 में अमेरिकी सरकार द्वारा लीजन ऑफ मेरिट, 2019 में बहरीन द्वारा किंग हमाद ऑर्डर ऑफ द रेनेसां, 2019 में मालदीव द्वारा ऑर्डर ऑफ द डिस्टिंग्विश्ड रूल ऑफ निशान इज्जुद्दीन, रूस द्वारा ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू पुरस्कार, 2019 में यूएई द्वारा ऑर्डर ऑफ जायद अवॉर्ड, 2018 में ग्रैंड कॉलर ऑफ द स्टेट ऑफ फिलिस्तीन अवॉर्ड, 2016 में अफगानिस्तान द्वारा स्टेट ऑर्डर ऑफ गाजी अमीर अमानुल्लाह खान और 2016 में सउदी अरब द्वारा ऑर्डर ऑफ अब्दुलअजीज अल सऊद से पीएम को नवाजा गया था।

भारत पर दुनियाभर की निगाहें, आज लॉन्च होगा चंद्रयान-3, और कुछ घंटों का इंतजार

#isro_chandrayaan_3_launch

भारत आज अंतरिक्ष में एक और बड़ी छलांग लगाने वाला है। भारत के लिए शुक्रवार का दिन काफी अहम होने जा रहा है, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) आज चांद पर उतरने की एक और कोशिश करने जा रहा है। देश के तीसरे चंद्र मिशन चंद्रयान-3 के प्रक्षेपण के लिए उलटी गिनती शुरू हो गई है। चंद्रयान 3 शुक्रवार दोपहर श्रीहरिकोटा स्थित केंद्र से 2:35 बजे लॉन्च होने वाला है।

इसरो के इस मिशन का मुख्य उद्देश्य चांद पर लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग करना है, जो चंद्रयान-2 सही तरीके से नहीं कर पाया था। श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर में 25 घंटे पहले लॉन्चिंग की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। इसरो का फैट ब्वाय कहा जाने वाला जीएसएलवी मार्क-3 रॉकेट चंद्रयान को अंतरिक्ष में लेकर जाएगा। लॉन्चिंग के बाद रॉकेट इसे पृथ्वी के बाहरी ऑर्बिट तक ले जाएगा। इस दौरान रॉकेट 36 हजार किमी/घंटे की अधिकतम रफ्तार तक सफर करेगा। इसे पूरा करने में इसे 16 मिनट लगेंगे। पहले पृथ्वी के आर्बिट और उसके बाद चंद्रमा के आर्बिट में चक्कर लगाते हुए, आज से ठीक 41 दिन बाद चंद्रयान-3 की चांद की सतह पर लैंडिंग 24 से 25 अगस्त के बीच होगी।

चांद पर लैंडिंग में हो सकता है बदलाव

चंद्रयान-3 की चंद्रमा पर लैंडिंग 23-24 अगस्त को तय की गई है, लेकिन वहां सूर्योदय की स्थिति को देखते हुए इसमें बदलाव हो सकता है। अगर सूर्योदय में देरी होती है तो इसरो लैंडिंग का समय बढ़ाकर इसे सितंबर में कर सकता है।

 

चंद्रयान-3 के साथ नहीं जाएगा ऑर्बिटर

चंद्रयान-2 की तरह ही चंद्रयान-3 में भी लैंडर और रोवर भेजा जाएगा, लेकिन इसमें ऑर्बिटर नहीं होगा। ऐसा इसलिए है क्योंकि पिछले मून मिशन का ऑर्बिटर अभी भी अंतरिक्ष में काम कर रहा है।

भारत के चंद्रयान-3 पर पूरी दुनिया की निगाहें

भारतीय वैज्ञानिकों के इस मिशन पर पूरी दुनिया की नज़रें लगी हुई हैं। चांद की सतह पर उतरने की भारतीय वैज्ञानिकों की ये दूसरी कोशिश है। अगर भारत चांद की सतह पर उतरने में कामयाब हो जाता है तो वो दुनिया में अमेरिका, रूस और चीन के बाद चौथा देश हो जाएगा जो ये कामयाबी हासिल करेगा। चांद के साउथ पोल पर उतरने वाला पहला देश भी बन जाएगा। ये वही इलाका है जहां चंद्रयान टू का लैंडर विक्रम चांद की सतह से कुछ ही दूरी पर क्रैश हो गया था। लिहाजा आज पूरी दुनिया की निगाहें इसलिए भी हमारे ऊपर टिकी हैं।

पेरिस में पीएम मोदी का भव्य स्वागत, लगे 'मोदी-मोदी' के नारे

#pmnarendramodiinfrance

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फ्रांस की राजधानी पेरिस पहुंच गए हैं। पेरिस के ओरली हवाई अड्डे पर उनका विमान उतरा। पीएम मोदी का पेरिस एयरपोर्ट पर जोरदार स्वागत किया गया। फ्रांस की प्रधानमंत्री एलिजाबेथ बोर्न ने पीएम मोदी की अगवानी की। पीएम को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।

एयरपोर्ट से पीएम मोदी पेरिस के होटल प्लाजा एथेनी पहुंचे हैं। होटल के बाहर भारी संख्या में भारतीय समुदाय के लोग पीएम मोदी के स्वागत के लिए एकत्र हुए थे। उन्होंने 'भारत माता की जय' और 'वंदे मातरम' के नारे लगाकर पीएम मोदी का स्वागत किया।पीएम मोदी के स्वागत के लिए भारतीय समुदाय के लोग ढोल लेकर पहुंचे थे। कुछ लोग पीएम मोदी तस्वीरें और हाथ में तिरंगा लिए 'मोदी-मोदी' के नारे लगाते नजर आए।

अपनी दो दिनी यात्रा पर फ्रांस की राजधानी पेरिस पहुंचे पीएम मोदी ने ट्वीट किया। ट्वीट संदेश में उन्होंने लिखा कि ‘पेरिस पहुंच गया। इस यात्रा के दौरान भारत-फ्रांस सहयोग को बढ़ावा देने के लिए उत्सुक हूं। आज मेरे विभिन्न कार्यक्रमों में शाम को भारतीय समुदाय के साथ बातचीत शामिल है।

पीएम मोदी की फ्रांस यात्रा दो दिनों की है और वे पेरिस में आयोजित फ्रांसीसी राष्ट्रीय दिवस समारोह में सम्मानित अतिथि के रूप में शामिल होंगे। इस दिवस को बैस्टिल डे के रूप में भी जाना जाता है। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण भव्य बैस्टिल डे परेड में भारतीय ट्राई-सर्विस दल की भागीदारी होगी। इस दौरान भारतीय वायु सेना एक प्रभावशाली फ्लाई-पास्ट करेगी, जोकि दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देगी।

बैस्टिल डे परेड में मुख्य अतिथि होंगे पीएम मोदी

पीएम मोदी 14 जुलाई को बैस्टिल डे परेड में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होंगे। इस परेड में तीनों सेनाओं के भारतीय सशस्त्र बलों का एक दस्ता भी भाग लेगा। बैस्टिल डे समारोह में हिस्सा लेने के लिए भारतीय सशस्त्र बलों की 269 सदस्यीय तीनों सेनाओं की टुकड़ी दो सी-17 ग्लोबमास्टर विमानों में सवार होकर गुरुवार को पेरिस के लिए रवाना हुई थी। इसमें फ्रांसिसी लड़ाकू विमानों के साथ भारतीय वायु सेना के कम से कम 3 राफेल लड़ाकू विमान भी हिस्सा लेंगे।

एलिसी पैलेस में होगा पीएम मोदी का पारंपरिक स्वागत

शुक्रवार को ही एलिसी पैलेस में प्रधानमंत्री मोदी का पारंपरिक स्वागत किया जाएगा और इसके बाद मोदी एवं मैक्रॉन के बीच शिष्टमंडल स्तर की वार्ता होगी। दोनों नेता भारत-फ्रांस सीईओ फोरम में भी हिस्सा लेंगे। विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने बताया कि दोनों नेता सामरिक गठजोड़ के महत्वपूर्ण स्तम्भों की समीक्षा करेंगे जिसमें सुरक्षा, असैन्य परमाणु प्रौद्योगिकी, आतंकवाद से मुकाबला, साइबर सुरक्षा, अंतरिक्ष, जलवायु परिवर्तन आदि शामिल है। उन्होंने कहा कि दोनों नेता अंतरिक्ष में नए क्षेत्रों में सहयोग के रास्ते तलाश कर सकते हैं।

चंद्रयान-3 मिशन: लॉन्च की उलटी गिनती शुरू, 'विक्रम' लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग पर टिकी निगाहें

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भारत अंतरिक्ष के क्षेत्र में एक लंबी छलांग लगाने को तैयार है। भारत अंतरिक्ष में लगातार रिसर्च की नई ऊंचाइयों पर पहुंच रहा । इसी क्रम में स्पेस के क्षेत्र में शुक्रवार का दिन भारत के लिए ऐतिहासिक होने जा रहा है। भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो चंद्रयान मिशन-3 लॉन्‍च करेगी। श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से दोपहर 2.35 बजे रॉकेट चांद को छूने के लिए उड़ पड़ेगा।

चंद्रयान-1 और चंद्रयान-2 मिशनों के बाद, अब नए मिशन का उद्देश्य चंद्रमा की सतह पर भारत की तकनीकी कौशल और वैज्ञानिक क्षमताओं को प्रदर्शित करना है। 2019 में, इसरो ने चंद्रयान-2 लॉन्च किया, जिसके सॉफ्ट लैंडिंग प्रयास के दौरान कई चुनौतियां थीं, लेकिन एक बार फिर नई तरह से मिशन चंद्रयान-3 लॉन्च करने के लिए हम पूरी तरह तैयार है। चंद्रयान-3 असल में चंद्रयान-2 का फॉलो-ऑन मिशन है। नए मिशन के साथ, भारत चंद्रमा पर सुरक्षित रूप से उतरने और उसकी सतह का पता लगाने की अपनी क्षमता का प्रदर्शन करेगा। दूसरे मिशन की असफलता के चार साल बाद तीसरा चंद्रयान मिशन भारत के लिए बेहद खास है। यह उसे उन सबसे शक्तिशाली देशों के क्‍लब में खड़ा कर देगा जो अब तक चांद पर अपने स्‍पेसक्राफ्ट उतार चुके हैं। इनमें अमेरिका, रूस और चीन शामिल हैं।

चंद्रयान-3 के मिशन मॉड्यूल

चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान में तीन मॉड्यूल हैं- लैंडर मॉड्यूल, एक प्रोपल्शन मॉड्यूल और एक रोवर मॉड्यूल। चंद्रयान-3 में चंद्रयान-2 की तरह एक रोवर और लैंडर होगा। हालांकि ऑर्बिटर नहीं है। चंद्रयान-3 को चंद्रमा पर भेजने के लिए लॉन्च व्हीकल मार्क-3 रॉकेट (LVM-3) लॉन्चर का इस्तेमाल किया जा रहा है। लॉन्चिंग के बाद लॉन्च व्हीकल मार्क-3 रॉकेट (LVM-3) के जरिए सैटेलाइट को लोअर अर्थ ऑर्बिट में छोड़ा जाएगा। इसके बाद चंद्रयान-3 का प्रोपल्शन मॉड्यूल अंतरिक्ष यान को पृथ्वी के चारों ओर एक इंजेक्शन कक्षा से 100 किलोमीटर की चंद्र कक्षा तक ले जाएगा। प्रोपल्शन मॉड्यूल धरती के चारों तरफ अलग-अलग समय पर पांच चक्कर लगाएगा। पांचों चक्कर पूरा करने के बाद चंद्रयान-3 सोलर ऑर्बिट में पहुंच जाएगा। प्रोपल्शन मॉड्यूल द्वारा चंद्रमा के चारों तरफ पांच चक्कर लगाने के बाद चंद्रयान-3 की लैंडिंग होगी। 

पिछली गलतियों में सुधार के साथ ही किए गए कई बदलाव

पिछले मिशन की असफलताओं से सीखने के बाद इसरो ने इसमें जरूरी सुदार किए हैं। इसरो के चेयरमैन एस सोमनाथ ने बताया है कि लॉन्च व्हीकल मार्क-3 चंद्रयान-3 को धरती से सबसे दूर के पॉइंट एपोजी में 36,500 किमी पर प्‍लेस कर देगा। चंद्रयान-2 मिशन में यह दूरी 45,475 किमी थी। धरती से सबसे पास के पॉइंट की दूरी दूसरे मिशन की तरह 170 किमी रहेगी। ऐसा स्‍टेबिलिटी के लिए किया जा रहा है। लैंडर विक्रम में कई तरह के बदलाव हुए हैं। मसलन, उसके पैरों को ज्‍यादा मजबूत किया गया है। नए सेंसर लगाए गए हैं। सोलर पैनल से उसे लैस किया गया है। एक सबसे बड़ा बदलाव जो हुआ है वह है लैंडिंग एरिया का बढ़ाया जाना। चंद्रयान मिशन-2 में लैंडिंग साइट 500 मीटर गुणा 500 मीटर थी। इसके सेंटर में इसरो ने लैंडिंग की योजना बनाई थी। इसके कारण कुछ सीमा बन गई थी। अब लैंडिंग साइट को 4 किमी गुणा 2.5 किमी है। कोशिश तो सेंटर पॉइट पर उतरने की ही होगी। लेकिन, इस क्षेत्र के आसपास भी विक्रम उतर सकता है। इससे विक्रम को ज्‍यादा फ्लेक्सिबिलिटी मिलेगी।

एक महीने बाद चंद्रमा तक पहुंचेगा यान

बता दें कि लॉन्च किए जाने वाले अंतरिक्ष यान एक महीने बाद पृथ्वी से चंद्रमा तक की यात्रा पूरा करेगा। लैंडिंग 23 अगस्त को होने की उम्मीद है। लैंडिंग के बाद, यह एक चंद्र दिवस तक काम करेगा, जो लगभग 14 पृथ्वी दिवस के बराबर है। चंद्रमा पर एक दिन पृथ्वी के 14 दिनों के बराबर होता है।

देश के दुश्मन अब नहीं लेंगे दम, 26 राफेल-तीन स्कॉर्पीन पनडुब्बियां खरीदेगा भारत, पीएम मोदी के फ्रांस दौरे से पहले हुई बड़ी डील

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भारत की सीमाओं पर दुश्मनों की नजर है। ऐसे में भारत लगातार अपनी ताकत बढ़ाने में लगा है। इसी क्रम में देश की ताकत में अब और इजाफा होने जा रहा है। दरअसल, भारत ने 26 और नए राफेल लड़ाकू विमान खरीदने का फैसला किया है। इसके लिए रक्षा मंत्रालय ने प्रस्ताव को मंजूरी भी दे दी है। पीएम मोदी के फ्रांस दौरे से ठीक पहले ये बड़ी डिफेंस डील हुई है।

समाचार एजेंसी के मुताबिक, डीएसी ने तीन अतिरिक्त स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बियों के साथ राफेल लड़ाकू विमानों को खरीदने की मंजूरी दी। डीएसी ने 22 राफेल एमएस और 4 ट्विन सीटर ट्रेनर संस्करणों को मिलाकर 26 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने के प्रस्तावों को मंजूरी दे दी है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाली रक्षा खरीद परिषद (डीएसी) ने उस दिन इस योजना को मंजूरी दी जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दो दिवसीय पेरिस यात्रा शुरू हो रही है। डीएसी रक्षा खरीद पर निर्णय लेने वाली रक्षा मंत्रालय की सर्वोच्च इकाई है। एक रक्षा अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि रक्षा अधिग्रहण परिषद ने भारतीय नौसेना के लिए तीन अतिरिक्त स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बियों के साथ 22 राफेल एम और चार दो सीटों वाले ट्रेनर संस्करणों सहित 26 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने के प्रस्तावों को मंजूरी दे दी है।

बताया जा रहा है कि भारत और फ्रांस के बीच 90 हजार करोड़ रुपये की डील हुई है। इस डील के प्रस्तावों पर रक्षा मंत्रालय में पहले ही उच्च-स्तरीय बैठकों में चर्चा हो चुकी है। इसे डीएसी के सामने रखा गया, जहां इस डील को मंजूरी दे दी गई।

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो देशों के तीन दिवसीय दौरे पर हैं। आज सुबह पीएम मोदी फ्रांस के लिए रवाना हुए। पीएम मोदी के फ्रांस लैंड करने से पहले ये बड़ी खबर आ गई। बता दें कि भारत जो नए 26 राफेल खरीद रहा है उसमें 22 राफेल-MS और 4 ट्विन सीटर ट्रेनर वर्ज़न शामिल हैं। भारत फ्रांस से 3 स्कोपीन क्लास की सबमरीन भी खरीदेगा।

गौरतलब है कि 13 और 14 जुलाई को पीएम मोदी फ्रांस के दौरे पर रहेंगे। फ्रांस में पीएम मोदी के स्वागत की भव्य तैयारी है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों के आमंत्रण पर पीएम मोदी का ये दौरा हो रहा है, जहां मोदी फ्रांस के नेशनल डे कार्यक्रम में चीफ गेस्ट होंगे। साथ ही वह इंडियन डायस्पोरा और कई बड़ी कंपनियों के सीईओ से मुलाकात करेंगे। मोदी का ये दौरा इसलिए भी खास है क्योंकि भारत-फ्रांस के स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप अपना सिल्वर जुबली मना रहा है।