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कैबिनेट की बैठक में 17 एजेंडो पर लगी मुहर, मीठापुर महुली एलिवेटेड सड़क के लिए 437 करोड़ रुपए की राशि की दी गई स्वीकृत

डेस्क : बीते गुरुवार को मुख्य सचिवालय में नीतीश कैबिनेट की महत्वपूर्ण बैठक हुई। कैबिनेट की इस बैठक में कुल 17 एजेंडों पर मुहर लगी है। राज्य मंत्रिपरिषद ने मीठापुर आरओबी से सिपारा के बीच एलिवेटेड पथ और महुली से पुनपुन के बीच जमीन पर चार लेन रोड बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। सरकार ने इसके लिए 437 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं। 

मीठापुर आरओबी से सिपारा के बीच 2.1 किलोमीटर एलिवेटेड सड़क के साथ महुली से पुनपुन के बीच चार लेन रोड बनाया जाना है। महुली से पुनपुन तक जमीन पर फोरलेन सड़क अगले 2 साल में बनेगी।

पटना से पुनपुन तक इस परियोजना की लंबाई 11 किमी है। अभी सिपारा से महुली तक 6.7 किमी एलिवेटेड पथ का निर्माण हो रहा है। इस निर्माण कार्य का निरीक्षण दो दिन पूर्व मुख्यमंत्री ने किया था। उन्होंने इसे दिसंबर तक पूरा करने का निर्देश दिया है। इसके बाद मंत्रिमंडल ने इस कार्य को तय लक्ष्य के अनुरूप पूरा करने के लिए 437 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं। अब पटना से पुनपुन तक 11 किमी लंबी परियोजना की लागत 1106 करोड़ हो गयी है। पहले से 668.79 करोड़ स्वीकृत हैं। 

प्रदेश के तीन जिलों सहरसा, पूर्णिया और कटिहार में पुल बनेंगे। राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में इसको मंजूरी दी गई है। आम लोगों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने और आवागमन की सुविधा में वृद्धि के लिए इन जिलों में एक-एक उच्चस्तरीय पुल का निर्माण होगा। नए पुल निर्माण का प्रस्ताव पथ निर्माण विभाग ने दिया था।

पुरानी पेंशन व्यवस्था वाले पेंशन भोगियों के महंगाई भत्ता में वृद्धि का प्रस्ताव भी स्वीकृत किया है। पंचम वित्त आयोग की अनुशंसा से पेंशन प्राप्त करने वाले इन पेंशन भोगियों के महंगाई भत्ता में 16 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। वृद्धि के बाद इन्हें अब 412 प्रतिशत महंगाई भत्ता प्राप्त हो सकेगा। इसी प्रकार छठे वित्त आयोग की अनुशंसा से पेंशन प्राप्त कर रहे पेंशन भोगियों के महंगाई भत्ता में नौ प्रतिशत की वृद्धि की गई है। इन्हें अब 212 फीसदी के स्थान पर 221 फीसदी महंगाई भत्ता मिलेगा।

मंत्रिपरिषद ने जल संसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंता प्रेम प्रकाश और कृषि विभाग के निदेशक रविशंकर प्रसाद सिंह को बर्खास्त करने के प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है।

लाठी चार्ज में बीजेपी नेता की मौत पर गरमाई प्रदेश की राजनीति, पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने सीएम नीतीश कुमार पर किया यह तीखा प्रहार

डेस्क : बिहार की नीतीश सरकार को रोजगार, भ्रष्टाचार और वादाखिलाफी के मुद्दे पर भाजपा गुरुवार को विधानसभा घेराव करने निकली तो पुलिस ने जमकर लाठीचार्ज किया। पुलिस ने डाक बंगला चौराहे पर बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं को हटाने के लिए वाटर कैनन किया। जब इतने से बात नहीं बनी तो पुलिस द्वारा लाठी चार्ज किया गया और नेताओ और कार्यकर्ताओं को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा गया। 

इस लाठी चार्ज में भाजपा के एक नेता की मौत भी हो गई है। जिसके बाद बीजेपी के कार्यकर्ता आक्रोश में है। वहीं इस मामले को लेकर बिहार विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा कल शुक्रवार को राजभवन मार्च का एलान किया है और बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम व बीजेपी के राज्य सभा सांसद सुशील मोदी ने सीएम नीतीश कुमार पर जमकर प्रहार किया है।  

पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर सवाल उठाते हुए कहा कि शिक्षकों की नियुक्ति, 10 लाख युवाओं की सरकारी नौकरी पर विश्वासघात, शासन में भ्रष्टाचार और चौपट कानून-व्यवस्था जैसे मुद्दे पर शांतिपूर्ण ढंग से संचालित विधानसभा मार्च पर बर्बर लाठीचार्ज कर एक कार्यकर्ता की जान लेना और दर्जनों लोगों को बुरी तरह जख्मी करना निंदनीय है। क्या यही लोकतंत्र है नीतीश कुमार जी ?

उन्होंने कहा कि प्रदर्शन करने के अधिकार को लाठी के बल पर रौंदने वाली सरकार किस मुँह से लोकतंत्र बचाने की बात करती है ? शिक्षकों की मांग के समर्थन में भाजपा के जहानाबाद जिला महामंत्री विजय कुमार सिंह का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। इसके विरुद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। 

सुशील मोदी ने कहा कि लाठी में तेल पिलाने वालों की संगत में आकर नीतीश कुमार ने पुलिस को निरंकुश और हिंसक बना दिया है। उन्होंने कहा कि जिन मुद्दों पर भाजपा के सैंकड़ों कार्यकर्ता सड़क पर उतरे, संघर्ष किया और लाठी खायी, उसे विधान मंडल में भी पूरी ताकत से उठाया गया। अब हम ये मामला जनता की अदालत में भी ले जाएंगे।

बिहार में विधानसभा मार्च निकाल रहे बीजेपी कार्यकर्ताओं पर पुलिस की लाठीचार्ज में भाजपा के जहानाबाद जिला महासचिव विजय सिंह की मौत के बाद गरमाई राजनीति


शिक्षक भर्ती और 10 लाख रोजगार के मामले पर विधानसभा मार्च निकाल रहे बीजेपी कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। इस दौरान बीजेपी के जहानाबाद जिला महासचिव विजय सिंह की मौत हो गई है। सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट कर ये जानकारी दी है। पूर्व डिप्टी सीएम और बीजेपी सांसद सुशील मोदी ने ट्वीट में लिखा है- बिहार पुलिस द्वारा पटना में गिरफ्तार, जहानाबाद जिले के जीएस विजय कुमार सिंह की क्रूर पुलिस लाठीचार्ज में मौत हो गई। हालांकि प्रशासन ने कहा है कि वो बेहोशी की हालत में मिले थे जिसके बाद उन्हें पीएमसीएच में भर्ती कराया गया था।

बीजेपी के विधानसभा मार्च में भाजपा सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल ने जब पुलिस की बैरिकैडिंग तोड़ दी तो उनके ऊपर पुलिस लाठीचार्ज किया गया जिसमें उनको भी चोट आई है। पुलिस का कहना है कि विधानसभा मार्च को डाक बंगला चौराहे पर रोकने की कोशिश की गई लेकिन भाजपा नेता सुरक्षा घेरा तोड़कर जबर्दस्ती आगे बढ़ रहे थे। पुलिस ने मार्च को रोकने के लिए बल प्रयोग किया।

पुलिस ने बताया कि प्रदर्शनकारी डाकबंगला चौराहे पर धरने पर बैठ गये और किसी को चौराहे से गुजरने नहीं दे रहे थे। जब पुलिस ने सड़क खाली कराने की कोशिश की तो प्रदर्शनकारियों की पुलिस से झड़प शुरू हो गयी। पुलिसकर्मियों ने समझाने की कोशिश की तो हाथापाई भी हो गई। फिर पुलिस ने पानी की बौछार और आंसू गैस के गोले छोड़े, जिसके बाद प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव कर दिया।

पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी और सांसद रामकृपाल यादव ने कहा कि पटना में हो रहे प्रदर्शन पर पुलिस का लाठीचार्ज निंदनीय है। उन्होंने कहा कि लाठीचार्ज के दोषियों पर कार्रवाई होनी चाहिए। नीतीश कुमार सरकार को सवालों का जवाब देना होगा। हमने इन सवालों को सदन में भी उठाने की कोशिश की लेकिन कोई जवाब नहीं मिला, इसलिए हमने सड़कों पर उतरने का फैसला किया है। वहीं सम्राट चौधरी ने कहा है कि जब उन्होंने शांतिपूर्ण तरीके से राजभवन मार्च किया तो पुलिस ने लाठीचार्ज क्यों किया।

विधानसभा का घेराव करने निकले बीजेपी नेताओ और कार्यकर्तोओं को पुलिस ने दौड़ा-दौड़कर पीटा, सम्राट चौधरी समेत कई को हिरासत में लिया

डेस्क : बिहार की नीतीश सरकार को रोजगार, भ्रष्टाचार और वादाखिलाफी के मुद्दे पर भाजपा गुरुवार को विधानसभा घेराव करने निकली तो पुलिस ने जमकर लाठीचार्च किया। पटना के गांधी मैदान से विधानसभा तक शुरू हुए भाजपा के प्रदर्शन को रोकने के लिए पुलिस ने शहर में हजारों की संख्या में जवानों को तैनात किया। 

दोपहर करीब 1 बजे जैसे ही भाजपा की रैली गांधी मैदान से विधानसभा की ओर बढ़ी वैसी ही डाकबंगला चौराहे के पास पुलिस ने आक्रोशित भीड़ को आगे बढने से रोका। देखते ही देखते सड़क पर संग्राम की स्थिति बन गई। पुलिस ने भीड़ को रोकने के लिए जब निर्देश दिया तो भीड़ नहीं रुकी। बाद में पुलिस ने जमकर लाठीचार्च किया। 

न सिर्फ भाजपा के कार्यकर्ताओं बल्कि विधायकों और सांसदों पर भी पुलिस की लाठियां चटकी। इस दौरान भाजपा सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल पर पुलिस की लाठी बरसी। पुलिस ने भीड़ को रोकने के लिए न सिर्फ लाठीचार्ज किया बल्कि प्रदर्शनकारियों पर पानी की बौछार छोड़ी। इस दौरान भीड़ को तितर बितर करने के लिए पुलिस ने बलप्रयोग किया। 

वहीं पुलिस की सख्त कार्रवाई को देखते हुए नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा और भाजपा अध्यक्ष सम्राट चौधरी सहित कई अन्य नेताओं ने सड़क पर धरना देना शुरू कर दिया। जिसके बाद प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी के साथ कई अन्य भाजपा नेताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया। 

इसके पहले सम्राट चौधरी ने कहा कि बिहार की जनता के लिए गोली भी खाएंगे लेकिन नीतीश सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ते रहेंगे।

विधायकों को सदन से मार्शल आउट किये जाने पर भड़का विपक्ष सदन से किया वॉक आउट, नेता प्रतिपक्ष ने स्पीकर और सीएम पर लगाया यह आरोप

डेस्क : बिहार विधान मंडल के मानसून सत्र के दौरान आज सदन में लगातार चौथे दिन विपक्ष का नीतीश सरकार पर हमलावर रुख बरकार है। इसे लेकर सत्ता और विपक्ष की ओर से आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। इसमें गुरुवार को सदन में भाजपा के विधायकों द्वारा कुर्सी उठाने, कागज फाड़ने और असंसदीय शब्दों का प्रयोग करने पर स्पीकर अवध बिहारी ने गहरी आपत्ति जताई। बाद में उन्होंने दोनों भाजपा विधायकों को मार्शल आउट करने का आदेश दिया। 

इधर विपक्ष ने स्पीक की इस कार्रवाई पर गहरा एतराज जताते हुए स्पीकर अवध बिहारी चौधरी पर सदन में सत्ता पक्ष के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया हैं और इसकी शिकायत राज्यपाल से करने की बात की है। 

विधानसभा से भाजपा विधायकों के मार्शल आउट किए जाने पर नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने आपत्ति जताते हुए गुरुवार को कहा कि स्पीकर एकतरफा काम कर रहे हैं। आसन को निरपेक्ष होना चाहिए लेकिन सरकार के दबाव में आकर स्पीकर सरकार के इशारे पर आकर काम कर रहे हैं, जो पूर्णता अघोषित आपातकाल है। 

दो विधायकों के मार्शल आउट किए जाने के बाद भाजपा ने सदन से वॉक आउट किया। पूरी घटना को अलोकतांत्रिक बताते हुए विजय सिन्हा ने कहा कि सदन के अंदर परंपरा रही कि विपक्ष को बोलने का मौका मिलता है। लेकिन, जब से सदन शुरू हुआ है स्पीकर सिर्फ छोटे दल के लोगों को बोलने देते हैं और विपक्ष को बोलने नहीं देते हैं। बड़ी मुश्किल से भाजपा को कुछ बोलने दिया जाता है तो बीच में ही लाइन काट दिया जाता है। हमारी आवाज को बंद कर दिया जाता है। 

विजय सिन्हा ने आरोप लगाया कि सदन में ट्रेजरी बेंच लोकतंत्र की हत्या कर रहा है। यह सब मुख्यमंत्री की मौजूदगी में हो रहा है। वे भ्रष्टाचारी और अपराधी को बचा रहे हैं। भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस के नाम पर आज सीएम नीतीश मौन धारण किए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस की संगति में आकर नीतीश कुमार अघोषित आपातकाल सदन के अंदर और बाहर लगाना चाहते हैं। नीतीश जंगलराज को जनता राज बताते हैं और अब गुंडाराज में तब्दील कर रहे हैं। इसे भाजपा कतई स्वीकार नहीं करेगी। इस गुंडाराज के विरोध में भाजपा सड़क से सदन तक आवाज उठाएगी। 

उन्होंने स्पीकर के व्यवहार को अनुचित बताते हुए कहा भाजपा सदस्यों का पूरक नहीं पूछने दिया जाता। वहीं सत्ताधारी दल के सदस्यों को पूरक का बौछार लगाने दिया जाता है। आसन को निरपेक्ष होना चाहिए लेकिन स्पीकर सरकार के दबाव में आकर सरकार के इशारे पर आकर काम कर रहे हैं जो पूर्णता अघोषित आपातकाल है। इसके विरोध में अब सड़क से सदन तक लड़ाई होगी। साथ ही हम सदन में न्याय के विधानमंडल के कस्टोडियन राज्यपाल से मिलेंगे। उनसे भी हम दरख्वास्त करेंगे और स्पीकर के कारनामों को हम राज्यपाल को बताएंगे कि वे सदन को एकतरफा चलाना चाहते हैं।

उन्होंने कहा कि गुरुवार को भी हमने सरकार से सवाल किया कि आप के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने पहली कैबिनेट में पहली कलम से 10 लाख बिहार के नौजवानों को नौकरी देने की बात कही थी। लेकिन उसका कुछ नहीं हुआ। समान काम का समान वेतन पर सरकार जवाब दें। भ्रष्टाचार और अपराध कर जवाब दे। लेकिन जैसे ही हमने बोलना शुरू किया माइक बंद कर दिया गया। कैमरे को विपक्ष की तरफ से हटा दिया गया। हमारे सदस्यों ने कैमरे वालों को कहा कि पक्ष की तरफ से कैमरा क्यों बंद कर दिया गया तो भाजपा सदस्यों को बेरहमी से सदन से बाहर निकाला है।

बिहार विस मानसून सत्र : लगातार चौथे दिन विपक्ष का हंगामा जारी, बीजेपी के दो विधायकों को स्पीकर ने किया मार्शल आउट

डेस्क : बिहार विधान मंडल के मानसून सत्र के दौरान आज सदन में लगातार चौथे दिन विपक्ष का नीतीश सरकार पर हमलावर रुख बरकार है। इसे लेकर सत्ता और विपक्ष की ओर से आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। इसमें गुरुवार को सदन में भाजपा के विधायकों द्वारा कुर्सी उठाने, कागज फाड़ने और असंसदीय शब्दों का प्रयोग करने पर स्पीकर अवध बिहारी ने गहरी आपत्ति जताई। बाद में उन्होंने दोनों भाजपा विधायकों को मार्शल आउट करने का आदेश दिया। स्पीकर अवध बिहारी ने कहा कि भाजपा को जनता से कोई मतलब नहीं है। इसी कारण इस प्रकार का अमर्यादित आचरण सदन में किया जा रहा है। 

विधानसभा में हंगामा कर रहे भाजपा विधायक जीवेश मिश्रा को गुरुवार को सदन से जबरन बाहर निकाल दिया गया। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही जीवेश मिश्रा सहित अन्य भाजपा विधायक वेल में आकर हंगामा करने लगे। भाजपा विधायकों को पहले आसन की ओर से अपने अपने जगह पर जाने को कहा गया लेकिन जब उनका हंगामा जारी रहा तो विधानसभा स्पीकर के आदेश पर मार्शलों ने जीवेश मिश्रा को सदन से बाहर कर दिया। 

वहीं सदन में जीवेश मिश्रा पर हुई इस कार्रवाई के बाद भी भाजपा विधायकों का हंगामा जारी रहा। इसी बीच हंगामा कर रहे भाजपा के कुमार शैलेंद्र को भी मार्शल आउट किया गया। स्पीकर अवध बिहारी ने भाजपा विधायकों के हाथों में कुर्सी लेकर प्रदर्शन करने पर गहरी आपत्ति जताई और उसके बाद कुमार शैलेंद्र को मार्शल आउट करने का आदेश दिया गया। 

मार्शलों ने बारी-बारी से पहले जीवेश मिश्रा और फिर कुमार शैलेंद्र को सदन से बाहर कर दिया। दोनों ने सदन के बाहर आने के बाद कहा कि जनता की मांगों को लेकर वे सदन में सरकार का विरोध कर रहे थे तो उनके खिलाफ मार्शल आउट की कार्यवाही की गई है। यह पूरी तरह से अलोकतांत्रिक है।

नियोजित शिक्षकों द्वारा किया गया धरना-प्रदर्शन उनकों पड़ा महंगा, होगी कार्रवाई

डेस्क : नियोजित शिक्षकों द्वारा किया गया धरना-प्रदर्शन उनकों महंगा पड़ने वाला है। विभिन्न मांगों को लेकर 11 जुलाई को पटना में आयोजित धरना-प्रदर्शन में शामिल नियोजित शिक्षकों पर कार्रवाई होगी। इसको लेकर संबंधित जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) नियोजन इकाई अनुशंसा करेंगे। इसके तहत निलंबन तक की कार्रवाई की जा सकती है। ऐसे शिक्षकों की पहचान वीडियो और फोटो के माध्यम से की जा रही है।

बीते बुधवार 12 जुलाई को शाम में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से समीक्षा की। इसमें सभी डीईओ ने शिक्षकों पर की जाने वाली कार्रवाई से संबंधित जानकारी दी। 

अब तक प्राप्त सूचना के अनुसार सबसे अधिक पश्चिम चंपारण जिले के 50 से ज्यादा शिक्षक धरना-प्रदर्शन में शामिल हुए थे। मालूम हो कि विधानसभा के घेराव कार्यक्रम को लेकर सभी पटना पहुंचे थे। विभाग ने सभी जिलों को धरना-प्रदर्शन का वीडियो और फोटो भेजा था। इसी के आधार पर शिक्षकों की पहचान कर कार्रवाई करने की पहल डीईओ द्वारा शुरू की गई। सभी जिलों के डीईओ ने प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों और प्रधानाध्यापकों से ऐसे शिक्षकों की सूची मांगी गई, जो पटना में आयोजित धरना-प्रदर्शन में शामिल हुए थे। शिक्षकों की सूची देने के लिए डीईओ ने बुधवार को अपराह्न तीन बजे तक का समय दिया था। 

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में विभाग के पदाधिकारियों ने साफ किया कि शिक्षकों ने नियोजित शिक्षकों की नियुक्ति नियमावली में दर्ज आचारसंहिता के खिलाफ कार्य किया है। इसी के आधार पर उनसबों पर कार्रवाई होगी। 

मुजफ्फरपुर डीपीओ स्थापना डॉ. प्रफुल्ल कुमार मिश्र ने परिवर्तनकारी शिक्षक संघ के नेता सह उत्क्रमित मध्य विद्यालय रक्सा पूर्वी मड़वन के शिक्षक वंशीधर व्रजवासी को तस्वीर से चिह्नित करते हुए स्पष्टीकरण मांगा है।

डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव का बड़ा बयान, विपक्ष के सदस्यों का आचरण विधायकों वाला एकदम नहीं लगता है

डेस्क : बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव द्वारा मानसून सत्र के दौरान विपक्ष द्वारा किये जा रहे हंगामे को लेकर बड़ा बयान सामने आया है। उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा है कि विपक्ष के सदस्यों का आचरण विधायकों वाला एकदम नहीं लगता है। 

उन्होंने कहा है कि हमलोग जनता के सवालों को लेकर समय पर सदन में आते है। ताकि, बिहार की तरक्की हो, सकारात्मक पहल हो। लेकिन, विपक्ष के लोग का मकसद सिर्फ बकवास करना और हंगामा करना है। तेजस्वी यादव ने कहा कि विधायक की भूमिका होती है कि वह सवाल करें, सरकार से जवाब मांगे। लेकिन, भाजपा विधायकों की इसमें कोई रुचि नहीं है। 

विपक्ष के द्वारा उपमुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग किये जाने पर उन्होंने कहा कि मेरे ऊपर चार्जशीट 2017 में हुई थी। वर्ष 2017 से 2023 तक छह साल में उसका क्या हुआ, यह भगवान ही जानते हैं। लेकिन, 2017 में चार्जशीट थी और फिर से मैं उपमुख्यमंत्री की शपथ ले रहा था, तब इनलोगों ने मुझे मना क्यों नहीं किया? अब शपथ ले लिये हैं तो ये इस्तीफा मांग रहे हैं।

उन्होंने कहा कि अगुवानी घाट पुल का मामला न्यायालय में है। पहली बार जब यह पुल गिरा तो सवाल हमने ही उटाया था। रिपोर्ट आई तो हमारी सरकार ने कार्रवाई की। पुल को तोड़ा। हमने कई बार इसकी समीक्षा की और कार्रवाई की गई। हमारे आने के बाद अभियंता को बदला गया। 

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि पुल गिरने के बाद पुल निर्माण निगम के एमडी को हटाया गया। लेकिन, जब पहली बार पुल गिरा था, तब भाजपा के मंत्री थे, जिन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की थी।

नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा, 10 लाख युवाओं को रोजगार समेत अन्य मामलों को लेकर बीजेपी का विस मार्च आज

डेस्क : नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने, 10 लाख युवाओं को रोजगार देने सहित अन्य मामलों को लेकर बिहार बीजेपी की ओर से आज गुरुवार को विधानसभा मार्च किया जायेगा। सुबह 11 बजे से शुरू होने वाला यह मार्च डाकबंगला चौराहा, कोतवाली, आयकर गोलम्बर, वीरचंद पटेल होते हुए विधानसभा तक जाएगा।

भाजपा अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मार्च का मुद्दा स्पष्ट है। सरकार 10 लाख सरकारी नौकरी का हिसाब दे। वर्षों से शिक्षक रहे लोगों को परीक्षा देने पर बाध्य किया जा रहा है। शिक्षा मंत्री बच्चों के टैलेंट पर सवाल खड़ा कर रहे हैं। अगुआनी पुल गिरा लेकिन किसी पर एफआईआर नहीं हुई।

पूर्व डिप्टी सीएम रेणु देवी ने कहा कि एक ओर कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री शिक्षक नेताओं से मिलेंगे और दूसरी तरफ विधानसभा के एक प्रश्न के उत्तर में कहा गया है कि पंचायत से नियुक्त शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा नहीं मिलेगा। किसान सलाहकारों के कारण प्रदेश कृषि क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है और इन्हीं पर लाठीचार्ज किया जा रहा है।

हाईकोर्ट के आदेश का विलंब से पालन करना बिहार सरकार को पड़ा महंगा, कोर्ट ने लगाया इतने रुपये जुर्माना


डेस्क : पटना हाईकोर्ट के आदेश का विलंब से पालन करना बिहार सरकार को काफी महंगा पड़ा है। राज्य सरकार ने कोर्ट के आदेश का पालन तकरीबन ढाई वर्ष विलंब से किया। जिसे लेकर जस्टिस पी बी बजन थ्री की खंडपीठ ने अदालती आदेश पालन करने में देरी किये जाने पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।

कोर्ट ने 25 हजार रुपये पटना हाईकोर्ट लीगल सर्विस ऑथोरिटी के पास जमा कराने का आदेश दिया। वही 25 हजार रुपये आवेदक को देने का आदेश दिया। कोर्ट ने डॉ. सुधीर कुमार ठाकुर की अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए ये आदेश दिया।

कोर्ट ने चार सप्ताह के भीतर जुर्माने की राशि देने का आदेश दिया। मामले पर सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ खुद कोर्ट में उपस्थित थे। सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि अदालती आदेश का पालन कर दिया गया है।

कोर्ट का कहना था कि अवमानना अर्जी दायर होने के बाद वर्ष 2020 में पारित आदेश का 7 जुलाई,2023 में पालन किया गया। कोर्ट ने कहा कि जुर्माना राशि का भुगतान किया गया कि नहीं। इस बात की जानकारी देने के लिए इस केस को 21 अगस्त,2023 को सूचीबद्ध करने का आदेश दिया है।