*अवैध नर्सिंग होम संचालकों के आगे स्वास्थ्य महकमा नतमस्तक, झोलाछाप भी फर्जी डाक्टरों का नाम लिख कर चला रहे हैं नर्सिंग होम*
बलरामपुर (बलरामपुर )जांच की अधिकारी करते है खानापूर्ति, गांव से लेकर शहर तक चल रहा कारोबार
जिला मुख्यालय से करीब 50 कि.मी.जूड़ीकुइंया में नर्सिंग होमों का संचालन विभागीय अधिकारियों के संरक्षण में धड़ल्ले से संचालित हो रहा है।
इस अवैध कारोबार को न कोई रोकने वाला है और न ही कोई टोकने वाला। लिहाजा लापरवाही की वजह से ऐसे नर्सिंग होम में आये दिन जच्चा बच्चा की मौत होती रहती है। स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों की मानें तो आशा कार्यकर्ता की सांठगांठ व कमीशन के बलबूते यह अवैध नर्सिंग होम संचालन का धंधा फल फूल रहा है और फर्जी नर्सिंग होम संचालकों के हौसले बुलंद हैं।
बताया जाता है कि पचपेड़वा विकास खंड के अन्तर्गत जूड़ीकुइंया में कई ऐसे नर्सिंग होम की जानकारी स्वास्थ्य विभाग के आला अफसरों को भी है। इस संबंध में सिर्फ कागजी घोड़े ही दौड़ाए जाते हैं।इन संचालकों के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग द्वारा ठोस कार्रवाई नहीं होने से विभागीय अधिकारियों पर साठगांठ के आरोप भी लगाये जाने लगे हैं।
यही नही यहां मरीजों से इलाज के नाम पर मोटी रकम वसूलने के बाद भी उन्हें समुचित उपचार मुहैया नहीं कराया जाता है। जानकारों की मानें तो पचपेड़वा नगर पंचायत के जूड़ीकुइंया चौराहे पर विकास फैक्चर क्लीनिक व जच्चा-बच्चा केन्द्र के नाम से नर्सिंग होम का कारोबार चरम पर है।
यहां पर बड़े-बड़े बोर्ड बैनर लगाकर फर्जी डॉक्टरो का नाम लिख कर धड़ल्ले से अबैध नर्सिंग का कारोबार चल रहा है। जिन डाक्टरों का नाम बाहर बैनर में लिखा होता है वह डाक्टर कभी नहीं मिलते हैं अन्दर अस्पताल में ज्यादातर लोग झोलाछाप ही होते हैं जिन लोगों से डिलीवरी करायी जाती है उनको अपना नाम भी लिखना नहीं आता है जिससे क्षेत्र के लोगों को इन फर्जी डॉक्टरो के जाल में फंसना पड़ता है मानक को दरकिनार कर नर्सिंग का कारोबार चल रहा है नर्सिंग होम के संचालक मरीजों और उनके परिजनों के साथ मनमानी करते हैं।
बहुत से अस्पताल में ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं लेकिन अभी तक कार्रवाई संचालक पर नहीं हुई। स्वास्थ्य विभाग से जुड़े सूत्र बताते हैं कि जो क्लीनिक और नर्सिंग होम नियमों और शर्तों की पूर्ति नहीं करते हैं, निरीक्षण करने के दौरान संबंधित टीम सख्त रुख अख्तियार तो करती है लेकिन सिर्फ दिखावे के लिए। बाद में पूरे मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है।
Jul 05 2023, 12:50