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जानकारी : दुनिया के सबसे मीठे आम का नाम कैसे पड़ा `लंगड़ा`? बड़ी दिलचस्प है कहानी

 नयी दिल्ली : लंगड़ा आम को दुनिया सबसे मीठा आम बताया जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस आम का नाम लंगड़ा आम क्यों रखा गया?

 भारत में आम की 1500 से ज्यादा किस्में पाई जाती हैं. लंगड़ा और दशहरी जैसे आम लोगों को खूब पसंद होते हैं. लंगड़ा आम का नाम सुनकर आपको बहुत हंसी आती होगी लेकिन क्या आपको पता है कि इसका नाम लंगड़ा ही क्यों हैं? इस आम का नाम लंगड़ा आम कैसे पड़ा? दावा किया जाता है कि लंगड़ा आम का इतिहास करीब 300 साल पुराना है. लंगड़ा आम का कनेक्शन यूपी के वाराणसी से बताया जाता है. लंगड़ा आम के नाम का इतिहास बेहद दिलचस्प है, आइए इसके बारे में जानते हैं.

सबसे मीठे आम का नाम लंगड़ा क्यों?

बताया जाता है कि बनारस में साधु रहते थे. उन्होंने एक आम की बाग लगाई थी. इसकी देखभाल की जिम्मेदारी उन्होंने एक पुजारी को दी थी. पुजारी दिव्यांग थे. इलाके के लोग उन्हें लंगड़ा पुजारी कहकर बुलाते थे. और शायद इसी वजह से उनके बाग के आमों को लोग लंगड़ा आम कहने लगे. इसीलिए आम की इस प्रजाति को लंगड़ा आम या बनारसी आम कहते हैं.

लंगड़ा आम के नाम का इतिहास

बता दें कि लंगड़ा आम दुनिया भर में फेमस है. भारत से इसका बड़े पैमाने पर एक्सपोर्ट होता है.एन एफ। लंगड़ा बेहद रसीला और स्वादिष्ट होता है. भारत में हर साल लाखों टन लंगड़ा आम का उत्पादन होता है. यूपी, बिहार और मध्य प्रदेश में लंगड़ा प्रजाति का आम प्रमुख तौर से उगाया जाता है.

लंगड़ा आम की कैसे करें पहचान?

लंगड़ा आम अंडाकार आकार का होता है. लंगड़ा आम नीचे से हल्का नुकीला होता है. इस कारण से इसकी पहचान आसानी से की जा सकती है. लंगड़ा आम पकने के बाद भी हरे रंग का ही रहता है. लंगड़ा आम की गुठली चौड़ी और पतली होती है.

फिल्म अभिनेता विवेक ओबेरॉय ने की ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि शुनक से मुलाकात,पीएम शुनक के साथ उनकी तस्बीर हो रही है वायरल


नई दिल्ली: यूके के पीएम द्वारा लंदन में दिए गए रिसेप्शन में सोनम कपूर और विवेक ओबेरॉय ने भाग लिया है। उन्होंने यूके-इंडिया वीक कार्यक्रम के सम्मान में इस रिसेप्शन का आयोजन किया था। इस अवसर पर विवेक ओबेरॉय ने यूके के पीएम ऋषि सुनक से मुलाकात की और थैंक्स कहा।

पीएम ऋषि शुनक के साथ अभिनेता विवेक ओबरॉय की तस्वीरें वायरल हो रही है। इसमें उन्होंने यूके के प्रधानमंत्री के आधिकारिक निवास और कार्यालय 10 डाउनिंग स्ट्रीट में देखा जा रहा है।

अभिनेता विवेक ओबरॉय ने यूके के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के साथ तस्वीरें शेयर की और अपने अनुभव के बारे में बताया है। विवेक ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी सम्मान करने के लिए ऋषि सुनक का आभार व्यक्त किया है। इंडिया यूके वीक 2023 जून महीने के 26 से 30 के बीच आयोजित किया गया था।

विवेक ओबरॉय इस कार्यक्रम में भाग लेने डार्क ब्लू कुर्ता और कलरफुल जैकेट पहने पहुंचे थे। वह फोटो में प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के पास खड़े होकर मुस्कुराते हुए नजर आ रहे हैं। तस्वीरें शेयर करते हुए विवेक का लिखा है,

"थैंक्यू प्राइम मिनिस्टर ऋषि सुनक। आपने 10 डाउनिंग स्ट्रीट में बहुत ही अच्छे से स्वागत किया है। आप, आपका परिवार और पूरी टीम बहुत ही अच्छे मेजबान हो। आपने भारत और इंडिया के रिश्ते को मजबूत करने के लिए कड़ी मेहनत की है। आपने दो देशों के बीच हमें एक पुल बताया है जो कि बहुत बड़ी बात है। जब आप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में कहते हुए प्राइम मिनिस्टर मोदी जी कहते हैं तो यह हमारे दिल को छू लेता है क्योंकि आप भारतीय संस्कार दर्शाते हो। मुझे पूरा विश्वास है कि सभी भारतीय और भारतीय मूल के लोग इस बात से खुश होंगे। मैं अक्षत मूर्ति और सुधा मूर्ति जी का भी विशेष आभार व्यक्त करता हूं।"

देविका नदी को बोला जाता है गंगा की बहन,जम्मू-कश्मीर के उधमपुर जिले की पहाड़ी स्थित महादेव मंदिर से निकलती है यह नदी

नयी दिल्ली : भारत की किस नदी को बोला जाता है गंगा की बहन, जानें भारत की सबसे लंबी नदी की बात करें, तो वह गंगा नदी है। इसकी कुल लंबाई 2525 किलोमीटर है, जो कि पहाड़ों से लेकर मैदानों से होते हुए बंगाल की खाड़ी तक का सफर पूरी करती है। भारत में गंगा की कई सहायक नदियां हैं, जो कि इसके बहाव में मिलकर इसे बहाने में मदद करती हैं। ये नदियां देश के अलग-अलग राज्यों के जिलों से होकर निकलती हैं। हालांकि, क्या आपको पता है कि भारत की किस नदी को गंगा की बहन बोला जाता है। यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम जानेंगे

भारत में यदि प्रमुख नदियों की बात करें, तो करीब 200 प्रमुख नदियां हैं। इन नदियों में यदि भारत की सबसे लंबी नदी की बात होती है, तो सबसे ऊपर नाम गंगा नदी का आता है, जो कि पहाड़ों से होते हुए मैदानी इलाकों को पार कर 2525 किलोमीटर का सफर पूरा करने के बाद बंगाल की खाड़ी में जाकर गिर जाती है।

वहीं, गंगा की कई सहायक नदियां हैं, जो कि इसे बहने में सहायता प्रदान करती हैं। ये नदियां भारत के अलग-अलग राज्यों के जिलों से होते हुए गंगा में मिलती हैं। हालांकि, क्या आपको भारत की ऐसी नदी के बारे में पता है, जिसे गंगा की बहन कहा जाता है। यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम गंगा की बहन कहे जाने वाली नदी के बारे में जानेंगे। कौन-सी है यह नदी और कहां से कहां तक बहती है, जानने के लिए यह पूरा लेख पढ़ें। 

इस नदी को कहा जाता है गंगा की बहन


भारत में नदियां हिंदू धर्म में लोगों की आस्था का केंद्र हैं। इन्हीं नदियों में शामिल है देविका नदी, जिसे पौराणिक मान्याताओ के मुताबिक गंगा नदी की बहन के रूप में जाना जाता है। 

कहां से निकलती है यह नदी देविका नदी जम्मू-कश्मीर के उधमपुर जिले की पहाड़ी सुध महादेव मंदिर से निकलती है। यहां से निकलने के बाद यह नदी पश्चिमी पंजाब(वर्तमान पाकिस्तान) में जाकर रावी नदी में जाकर मिल जाती है। यहां से इसका पानी रावी नदी में मिलकर बहता है। इस तरह देविका नदी रावी की सहायक नदी बन जाती है। 

क्या है देविका नदी परियोजना


देविका नदी को लेकर मार्च 2019 में राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना के तहत काम शुरू किया गया था। इसका प्रमुख उद्देश्य नदी के तटों को विकसित करने के साथ इसके तट पर मौजूद दाह संस्कार स्थल, प्राकृतिक पानी की निकासी और स्नान घाटों का विकास के साथ सीवेज उपचार संयंत्र, जलविद्युत संयंत्र और सौर उर्जा संयंत्र स्थापित करना था। 

गुप्त गंगा के नाम से जानी जाती है यह नदी


देविका नदी का धार्मिक महत्व अधिक है। यही वजह है कि जहां से यह नदी निकलती है, उसे देवकनगरी के रूप में भी जाना जाता है। वहीं, अपने उद्गम स्थल से निकलने के बाद यह नदी कई जगहों पर लुप्त और कई जगहों पर प्रकट होती है।

ऐसे में इस नदी को गुप्त गंगा के नाम से भी जाना जाता है। पौरणाकि मान्याताओं में इस नदी को गंगा की बड़ी बहन देविका बताया गया है। 

बैसाखी की पूर्व संध्या पर लगता है मेला


इस नदी के किनारे पर बैसाखी की पूर्व संध्या पर मेले का आयोजन भी किया जाता है, जिसमें जगह-जगह से लोग पहुंचते हैं।

वहीं, इस नदी के तट पर अंतिम संस्कार का भी अधिक महत्व है। इस वजह से यहां लोग अपनों का अंतिम संस्कार करने के लिए भी आते हैं।

भारतीय अर्थव्यवस्था पेश करती है लचीलेपन की तस्वीर, मजबूत वित्तीय प्रणाली से विकास को मिला बढ़ावा

नई दिल्ली :भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत व्यापक आर्थिक बुनियादी सिद्धांतों द्वारा समर्थित लचीलेपन की तस्वीर पेश करती है. RBI Report , जो वित्तीय संस्थानों के स्वास्थ्य का अर्ध-वार्षिक रिपोर्ट कार्ड है, वित्तीय क्षेत्र का अवलोकन करते हुए कहती है : "निरंतर विकास की गति, मुद्रास्फीति में कमी और मुद्रास्फीति की उम्मीदों का स्थिरीकरण, चालू खाता घाटे (सीएडी) में कमी और बढ़ता विदेशी मुद्रा भंडार, चल रहा राजकोषीय समेकन और एक मजबूत वित्तीय प्रणाली अर्थव्यवस्था को निरंतर विकास के पथ पर स्थापित कर रही है."

इसमें कहा गया है, "बैंकों और कॉरपोरेट्स की स्वस्थ बैलेंस शीट एक नए क्रेडिट और निवेश चक्र को जन्म दे रही हैं. मजबूत राजस्व वृद्धि, उच्च लाभ और कम उत्तोलन कॉरपोरेट्स को अपनी निचली रेखा में सुधार करने में मदद कर रहे हैं." RBI Report में कहा गया है कि बैंक और गैर-बैंक वित्तीय मध्यस्थ मजबूत बफर के साथ मजबूत आय और मजबूत ऋण वृद्धि दर्ज कर रहे हैं. RBI दस्तावेज़ में कहा गया है कि ये सुधार बढ़ती गति से मजबूत होकर भारतीय अर्थव्यवस्था की संभावनाओं को उज्ज्वल कर रहे हैं.

हालांकि उसने साथ ही आगाह किया कि वैश्विक वित्तीय प्रणाली की स्थिरता की परीक्षा उच्च मुद्रास्फीति, तंग वित्तीय स्थिति और बैंकिंग प्रणाली की कमज़ोरियों से होती है. इसके साथ ही, भूराजनीतिक तनाव और आर्थिक विखंडन व्यापक आर्थिक स्थिरता को खतरे में डाल रहे हैं. निवेशकों की भावनाओं में तेजी से बदलाव के बीच वित्तीय बाजारों में अस्थिरता बढ़ गई है. इसमें बताया गया है कि उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाओं (ईएमई) को महत्वपूर्ण स्पिलओवर जोखिमों और मैक्रोफाइनेंशियल अस्थिरता के असममित प्रभावों का सामना करना पड़ सकता है.

28 ट्रेन के बराबर ये एक रेल! इंजन से आखिरी कोच तक पहुंचने में लग जाए सवा घंटा

कुल लंबाई 7.3 किलोमीटर, 682 डिब्बे को खींचने के लिए लगाए गए थे 8 लोकोमोटिव इंजन

नयी दिल्ली : जून 2001 में चली दुनिया की सबसे लंबी ट्रेन की कुल लंबाई 7.3 किलोमीटर थी और इसमें 682 डिब्बे लगे थे. इस ट्रेन को खींचने के लिए 8 लोकोमोटिव इंजन लगाए गए थे. आइये जानते हैं इस ट्रेन से जुड़ी कई और खासियतें और रोचक तथ्य .

भारत समेत दुनियाभर में रेल को यातायात का सबसे सस्ता और अच्छा साधन माना जाता है. रेल से रोजाना करोड़ों यात्री सफर करते हैं. वहीं, लाखों टन माल की ढुलाई होती है. क्या आपको पता है कि दुनिया की सबसे लंबी ट्रेन कौन-सी है. अगर नहीं, तो आइये आपको बताते हैं इस रेल का नाम और रूट भारत समेत दुनियाभर में रेल को यातायात का सबसे सस्ता और अच्छा साधन माना जाता है. रेल से रोजाना करोड़ों यात्री सफर करते हैं. वहीं, लाखों टन माल की ढुलाई होती है. क्या आपको पता है कि दुनिया की सबसे लंबी ट्रेन कौन-सी है. अगर नहीं, तो आइये आपको बताते हैं इस रेल का नाम और रूट

 'द ऑस्ट्रेलियन बीएचपी आयरन ओर' को दुनिया की सबसे लंबी ट्रेन कहा जाता है. 

21 जून 2001 में चली इस रेल ने सबसे भारी ट्रेन के साथ-साथ सबसे लंबी ट्रेन का विश्व रिकॉर्ड तोड़ दिया था, क्योंकि इसकी कुल लंबाई 7.3 किलोमीटर थी.

'द ऑस्ट्रेलियन बीएचपी आयरन ओर' को दुनिया की सबसे लंबी ट्रेन कहा जाता है. 21 जून 2001 में चली इस रेल ने सबसे भारी ट्रेन के साथ-साथ सबसे लंबी ट्रेन का विश्व रिकॉर्ड तोड़ दिया था, क्योंकि इसकी कुल लंबाई 7.3 किलोमीटर थी.

 दरअसल यह एक मालगाड़ी थी और इसमें 682 डिब्बे लगे हुए थे. 99,734 टन वजनी इस ट्रेन को खींचने के लिए 8 लोकोमोटिव इंजन लगाए गए थे. यह ट्रेन यांडी और पोर्ट हेडलैंड के बीच 275 किलोमीटर तक चली थी और इससे 82,000 टन लौह अयस्क ढोया गया था.

दरअसल यह एक मालगाड़ी थी और इसमें 682 डिब्बे लगे हुए थे. 99,734 टन वजनी इस ट्रेन को खींचने के लिए 8 लोकोमोटिव इंजन लगाए गए थे. यह ट्रेन यांडी और पोर्ट हेडलैंड के बीच 275 किलोमीटर तक चली थी और इससे 82,000 टन लौह अयस्क ढोया गया था.

 दुनिया की इस सबसे लंबी ट्रेन को एक ही ड्राइवर ने चलाया था और 275 किलोमीटर की दूरी तय करने में इसे 10 घंटे और 4 मिनट लगे थे. इस ट्रेन का रिकॉर्ड फिलहाल अभी तक कोई नहीं तोड़ पाया है.

दुनिया की इस सबसे लंबी ट्रेन को एक ही ड्राइवर ने चलाया था और 275 किलोमीटर की दूरी तय करने में इसे 10 घंटे और 4 मिनट लगे थे. इस ट्रेन का रिकॉर्ड फिलहाल अभी तक कोई नहीं तोड़ पाया है.

 इस ट्रेन ने 1991 में दक्षिण अफ्रीका में बनाए गए दुनिया की सबसे लंबी ट्रेन के रिकॉर्ड को तोड़ दिया था. उस मालगाड़ी में 660 डिब्बे थे और उसकी लंबाई 7.19 किलोमीटर थी.

इस ट्रेन ने 1991 में दक्षिण अफ्रीका में बनाए गए दुनिया की सबसे लंबी ट्रेन के रिकॉर्ड को तोड़ दिया था. उस मालगाड़ी में 660 डिब्बे थे और उसकी लंबाई 7.19 किलोमीटर थी.

 बता दें कि भारत की सबसे लंबी ट्रेनों में शेषनाग और सुपर वासुकी शामिल हैं. सुपर वासुकी 295 डिब्बों के साथ 3.5 किलोमीटर लंबी देश की सबसे बड़ी ट्रेन है, जबकि शेषनाग ट्रेन की लंबाई लगभग 2.8 किलोमीटर है और इसे चलाने के लिए 4 इंजन लगाए जाते हैं.

बता दें कि भारत की सबसे लंबी ट्रेनों में शेषनाग और सुपर वासुकी शामिल हैं. सुपर वासुकी 295 डिब्बों के साथ 3.5 किलोमीटर लंबी देश की सबसे बड़ी ट्रेन है, जबकि शेषनाग ट्रेन की लंबाई लगभग 2.8 किलोमीटर है और इसे चलाने के लिए 4 इंजन लगाए जाते है.

सीरियलों में काम म‍िलना हुआ बंद, तो घर खर्च के ल‍िए न‍िकाला तोड़, ऐसे अपना घर चला रही हैं ये 6 टीवी एक्‍ट्रेसें

 मुंबई : टीवी इंडस्ट्री में कई ऐसी एक्ट्रेस हैं, जिन्हें काम नहीं मिल पा रहा है. मेकर्स और प्रोड्यूसर ने उन्हें कोई ऑफर नहीं दे रहे हैं. कुछ एक्ट्रेस अच्छे ऑफर नहीं मिलने की वजह से भी काम नहीं कर रही हैं. इनमें अंकिता लोखंडे , देवोलीना भट्टाचार्जी, अनिता हस्सनंदानी समेत कई एक्ट्रेस शामिल हैं.

 यहां हम आपको टीवी की उन पॉपुलर एक्ट्रेस के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें टीवी शोज के ऑफर नहीं मिल रहे और वह घर पर खाली बैठी हैं. ऐसे में उन्होंने घर चलाने और लाइमलाइट में बने रहने के लिए तोड़ निकाल लिया है.

 देबीना बनर्जी ने रामायण में सीता का किरदार निभाकर पॉपुलैरिटी हासिल की. लेकिन पिछले 3-4 साल से वह टीवी की दुनिया से गायब हैं. लेकिन वह लाइमलाइट में बनी हुई हैं. वजह उनकी दो बेटियां- लियाना और दिविशा और उनका व्लॉग देबीना डिकोड्स. अपने व्लॉग के जरिए वह यूट्यूब से अर्निंग के अलावा फैशन और किड ब्रांड एंडोर्स कर रही हैं.

 रति पांडे ने 'हिटलर दीदी' से पॉपुलैरिटी हासिल की. उन्होंने 'शादी मुबारक', 'देवी आदि पराशक्ति' जैसी टीवी शोज में काम किया. लेकिन पिछले 3 साल से उनके पास कोई काम नहीं है. इसके बाद से उन्होंने रति पांडे डायरीज नाम का व्लॉग शुरू किया और इसी को अर्निंग का माध्यम बनाया है. वह घूमने-फिरने और अपनी पर्सनल लाइफ के एक्सपीरिएंस शेयर करती हैं.

दीपिका ककड़ ने हाल में एक बेबी को जन्म दिया है. वह लंबे समय से टीवी पर काम कर नहीं कर रही हैं. लेकिन लाइमलाइट में बनी हुईं हैं. वह 'दीपिका की दुनिया' नाम का व्लॉग चलाती हैं. उनके पति शोएब इब्राहिम और ननद भी व्लॉगिंग की दुनिया में कदम रखा हुआ है. 

मोहेना कुमारी सिंह ने 'डांस इंडिया डांस सीजन 3', कुबुल है, गुमराहः एंड ऑफ इनोसेंस जैसे कई टीवी शोज में काम किया. साल 2019 में वह खतरा खतरा खतरा में दिखी थीं. इसके बाद वह टीवी की दुनिया से दूर हैं. वह रीवा की राजकुमारी हैं. वह मोहेना व्लॉग्स नाम का यूट्यूब चैनल चलाती हैं. हालांकि वह पिछले 1 साल से एक्टिव नहीं हैं. 

'अगले जनम मोहे बिटिया ही कीजे', 'संतोषी मां', 'राधा की बेटियां कुछ कर दिखाएंगी' जैसे टीवी शोज में काम कर चुकीं रतन राजपूत ने खूब पॉपुलैरिटीज हासिल की. लेकिन पिछले कुछ सालों उन्हें कोई ऑफर नहीं मिल रहा. वह अभी व्लॉगिंग की दुनिया में हाथ आजमा रही हैं. यूट्यूब एडवर्टीजमेंट के जरिए लाखों कमा रही हैं.

संभावना सेठ भोजपुरी की टॉप एक्ट्रेस रही हैं. उन्होंने कई फिल्मों में भी काम किया है. वह बिग बॉस के दूसरे सीजन में बतौर कंटेस्टेंट भी शामिल हुई थीं. संभावना ने व्लॉगिंग के जरिए अपनी रूटीन लाइफ को फैंस को साथ शेयर करती हैं.

दिल्ली: दिल्ली के सड़कों से 300 पुरानी बसों को हटाया गया,अब नए कंपनी से हुआ एकरारनामा, नये बसों का होगा परिचालन

नई दिल्ली :अब दिल्ली के सड़कों पर नही दिखेगी नारंगी रंग की बसें, दिल्ली सरकार ने इन बसों का कॉन्ट्रैक्ट रद्द कर दिया दूसरे कंपनी के साथ हुए करारनामा के बाद अगले तीन महीने में निये बसों का परिचालन क्षुरु होगी।

 जानकारी के अनुसार सरकार ने कॉन्ट्रैक्ट पूरा होने के बाद 300 क्लस्टर बसों के संचालन पर रोक लगा दी है। विभाग के एक अधिकारी के अनुसार परिवहन विभाग ने इन बसों को कॉन्ट्रैक्ट पूरा होने के बाद रोक दिया है।

उन्होंने कहा कि नारंगी बसों को साल 2011 के आसपास डीटीसी की सेवाओं में शामिल किया गया था और अब वह ओवरएज हो गई थीं। अधिकारियों के अनुसार, इन बसों का कॉन्ट्रैक्ट डेढ़ साल पहले ही खत्म हो गया था, लेकिन इसको आगे बढ़ा दिया गया था।  

क्लस्टर बसों की निगरानी और प्रबंधन दिल्ली इंटीग्रेटेड मल्टी-मॉडल ट्रांजिट लिमिटेड यानी (DIMTS) द्वारा किया जाता है। इन बसों को साल 2012 में ब्लू लाइन बसों को बदलने के लिए उद्देश्य से दिल्ली में संचालित किया गया था।

बसें पुरानी हो गयी थी,इसके जगह नई बसें चलेगी

एक अधिकारी ने कहा, कि "ऐसी 330 बसें हैं जो सड़कों से गायब हो गई हैं। ये ओवरएज हो गई थीं और जल्द ही नई बसों से बदल दी जाएंगी। डीआईएमटीएस ने एक कॉन्ट्रैक्ट पर साइन किए हैं और जल्द ही दिल्ली की सड़कों पर नई बसें दिखेंगी।"

एक अन्य अधिकारी ने कहा कि इन बसों को बदलने के लिए डीआईएमटीएस ने पहले ही एक नई कंपनी के साथ कॉन्ट्रैक्ट कर लिया है। उन्होंने कहा कि आवश्यक औपचारिकताएं पूरी होने के बाद अगले दो से तीन महीने में नई बसें सड़कों पर उतरेंगी। नई बसें सीएनजी से चलेंगी। साथ ही DIMTS क्लस्टर बसों के बेड़े में इलेक्ट्रिक बसें भी शामिल की जाएगी।

अभी बस रद्द होने से इस रूट में यात्रियों को होगी परेशानी

परिवहन विभाग द्वारा बंद की यह 300 क्लस्टर बसें दक्षिण, दक्षिण-पश्चिम, पश्चिम और बाहरी दिल्ली में चलती थीं। अब इन यात्रियों को कुछ दिनों तक खासी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। दिल्ली में 400 से अधिक मार्गों पर लगभग 3,000 क्लस्टर बसों सहित 7,300 से अधिक चलती हैं, जिसमें लाखों लोग यात्रा करते हैं।

आज अपने सरकारी बंगला की चाबी लोकसभा सचिवालय को सौंप देंगे,राहुल गांधी,अब नया ठिकाना होगा मां का बंगला


नई दिल्ली, राहुल गांधी आज अपने 12 तुगलक रोड की चाबी लोकसभा सचिवालय को सौंप देंगे।  मानहानि मामले में दोषी ठहराए जाने व संसद सदस्यता रद्द किये जाने पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सरकारी बंगले से शुक्रवार को ही अपना सामान निकाल लिया था । 

अब नया ठिकाना मां सोनिया का बंगला होगा

जानकारी के अनुसार पिछले 14 अप्रैल को हीं पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने अपने सरकारी आवास स्थित कार्यालय को स्थानांतरित कर दिया था। वह दो दशक से 12 तुगलक रोड पर रह रहे थे। राहुल गांधी अब अपनी मां सोनिया गांधी के आवास 10 जनपथ में रहेंगे।

मानहानि मामले में 23 मार्च को सूरत कोर्ट ने सुनाई थी दो साल की सजा

बता दें कि 23 मार्च को सूरत की मजिस्ट्रेट अदालत ने भाजपा के विधायक पूर्णेश मोदी द्वारा दायर आपराधिक मानहानि के मामले में राहुल गांधी को दोषी करार दिया था और दो साल की सजा सुनाई थी। इसके एक दिन बाद उन्हें लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य करार दिया गया। इसके बाद लोकसभा सचिवालय से उन्हें सरकारी आवास खाली करने के लिए 22 अप्रैल का समय देते हुए नोटिस जारी किया था। कुछ साल पहले एसपीजी सुरक्षा वापस लिए जाने के बाद प्रियंका गांधी वाड्रा से भी लोधी एस्टेट स्थित बंगला खाली कराने को कहा गया था। राहुल ने पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान कर्नाटक की जनसभा में कहा था कि सभी चोरों का उपनाम मोदी क्यों होता है?

सत्र अदालत ने भी खारिज कर दी राहुल की याचिका

इससे पहले, सूरत की सत्र अदालत ने ‘मोदी उपनाम’ वाले बयान को लेकर राहुल गांधी को दोषी ठहराए जाने के फैसले पर रोक लगाने की उनकी याचिका गुरुवार को खारिज कर दी। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश आरपी मोगेरा की अदालत ने आपराधिक मानहानि मामले में दोषसिद्धि पर रोक लगाने की राहुल की याचिका को खारिज कर दिया। अगर दोषसिद्धि पर रोक लगा दी जाती, तो उनकी लोकसभा सदस्यता बहाल होने का मार्ग प्रशस्त हो सकता था।

हाईकोर्ट में आदेश को देंगे चुनौती

राहुल के वकील किरीट पानवाला ने कहा कि सत्र अदालत के आदेश को गुजरात हाई कोर्ट में चुनौती देंगे। निचली अदालत के 23 मार्च के आदेश के विरुद्ध उनकी अपील पर सुनवाई के लिए सत्र अदालत ने 20 मई की तारीख तय की है। पूर्णेश मोदी के वकील ने कहा कि कोर्ट ने राहुल की याचिका खारिज करने से पूर्व सभी पहलुओं पर विचार किया।

क्या कहा सत्र अदालत ने?

सीआरपीसी की धारा 389 (1) के तहत दोषसिद्धि को निलंबित/रोकने के लिए दी गई शक्ति को 'सावधानी के साथ' प्रयोग करने की आवश्यकता है, जैसा कि सुप्रीम कोर्ट ने कई फैसलों में कहा है। यदि ऐसी शक्ति का आकस्मिक व यांत्रिक तरीके से प्रयोग किया जाता है, तो न्याय प्रणाली को लेकर जनता के विचारों पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा।

अतीक-अशरफ हत्या मामले पर गृह मंत्रालय की पूरी नजर, मीडिया की सुरक्षा के लिए जारी होगा SOP

नईदिल्ली : माफिया सरगना अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद की हत्या को केंद्र सरकार भी अलर्ट मोड में है और इसके सभी पहलुओं पर गौर कर रही है। हत्या के फौरन बाद यानी शनिवार की देर रात गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार से मामले की रिपोर्ट मांगी थी।

 उत्तर प्रदेश सरकार ने गृह मंत्रालय को मामले की रिपोर्ट सौंप दी है। गृह मंत्रालय ने इस मामले में प्रदेश में शांति बनाये रखने के सख्त निर्देश दिये है। राज्य सरकार ने भी पूरे प्रदेश में धारा 144 लागू कर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है।

पत्रकारों की सुरक्षा का मुद्दा

इस मामले में केन्द्र सरकार ने मीडिया के बहाने हुए हमले को गंभीरता से लिया है। पुलिस कस्टडी के बीच अतीक अहमद पर हमला करने वाले तीनों युवक मीडियाकर्मी बनकर भीड़ में शामिल हुए थे। इस दौरान हुई फायरिंग में पत्रकारों की भी जान जा सकती थी। इसे देखते हुए गृह मंत्रालय पत्रकारों की सुरक्षा के लिए एसओपी (SOP) तैयार करने पर विचार कर रहा है। ताकि भविष्य में ऐसी कोई घटना ना हो और पत्रकारों को सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

शांति बनाये रखने पर जोर

अतीक अहमद और अशरफ की हत्या के बाद उत्तर प्रदेश में माहौल को शांत रखने की कोशिश की जा रही है। अफवाहों और दुष्प्रचार को रोकने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। प्रयागराज समेत पूरे यूपी में धारा 144 लागू कर दी गई है। इसके अलावा सीएम योगी आदित्यनाथ ने पुलिस अधिकारियों को अलर्ट रहने, राज्य में शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने और जनता को किसी भी परेशानी का सामना न करने की हिदायत दी है। सीएम खुद भी मामले को मॉनिटर कर रहे हैं और हर दो घंटे पर अपडेट ले रहे हैं।

दिल्ली एनसीआर न्यूज:अप्रैल के अंत तक दिल्ली में कोरोना होगा पीक पर,संक्रमण दर 36 फीसदी तक पहुंचने का अनुमान

दिल्ली में कोरोना के मामले तेज़ी से बढ़ रहे हैं ।सम्भावना है कि अप्रैल के अंत तक यह पिक तक पहुंच जा सकता हैं। कोरोना की दूसरी लहर में भी अप्रैल के अंत तक मामले तेजी से बढ़े थे। 

 राहत की बात है कि अधिकतर आबादी वैक्सीन लगा चुकी है। वहीं, संक्रमित होने से रोग प्रतिरोधक क्षमता भी मजबूत हुई है।

डॉक्टरों का कहना है कि संक्रमण दर 28 फीसदी तक पहुंच गई है। आशंका है कि यह आंकड़ा बढ़कर 36 फीसदी तक सकता है। पिछली लहरों में भी आंकड़ा 36 फीसदी तक पहुंचा था। हालांकि, पिछले बार के मुकाबले दिल्ली में इस बार कोरोना की जांच कम हो रही है। संक्रमित होने वाले लोगों में गंभीर लक्षण नहीं दिख रहे हैं। कई मरीजों में संक्रमण होने के बाद भी लक्षण नहीं दिख रहे। हालांकि गंभीर मरीजों की समस्या जरूर बढ़ रही है।

इस बारे में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), दिल्ली में सेंटर फॉर कम्युनिटी मेडिसिन के प्रोफेसर डॉ. संजय राय का कहना है कि कोरोना आरएनए वायरस है। इसमें बदलाव होते रहेंगे और इसमें गंभीरता भी घटती रहेगी। इससे घबराने की जरूरत नहीं है। हालांकि, सतर्क जरूर रहना होगा। आने वाले दिनों में कोरोना के मामले पीक पकड़ सकते हैं। ऐसे में आशंका है कि कोरोना की दूसरी लहर की तरह ही मामले बढ़े, लेकिन राहत की बात है कि मौत का आंकड़ा स्थिर या बहुत कम रहेगा।

बता दें कि दिल्ली के अस्पतालों में 242 मरीज भर्ती हैं। इनमें 10 फीसदी (कुल 19 मरीज) से भी कम मरीज आईसीयू के साथ वेंटिलेटर पर भर्ती हैं। वहीं स्थिति खराब होने के बाद करीब 76 मरीजों को आईसीयू पर भर्ती करना पड़ा, जबकि अधिकतर मरीज सामान्य या ऑक्सीजन बेड पर भर्ती हैं जिन्हें जल्द स्वस्थ होने पर छुट्टी मिल सकती है।

दिल्ली में कोरोना के मामले बढ़ने के साथ ज्यादा संक्रमित जिला भी बदल रही है

दिल्ली में कोरोना के मामले बढ़ने के साथ ज्यादा संक्रमित जिला भी बदल रही है। दिल्ली में पांच अप्रैल से पहले दक्षिणी दिल्ली सबसे टॉप पर था, जो अब दूसरे नंबर पर आ गया है। 11 अप्रैल तक के आंकड़ों में पूर्वी दिल्ली नंबर वन पर है। वहीं दिल्ली में संक्रमण दर बढ़कर 28 फीसदी के करीब पहुंच गया है।

 

जिला संक्रमण दर

पूर्व -      29.30

दक्षिण     -26.62

मध्य        -26.34

उत्तर पश्चिम   -26.21

नई दिल्ली    -23.13

पश्चिम।     - 21.99

दक्षिण पूर्व    -19.51

उत्तर        -17.70

दक्षिण पश्चिम।  -17.30

शाहदरा।      - 13.91

उत्तर पूर्व       -12.32

गर्मी बढ़ने के साथ मौसमी बीमारी घटेगा

दिल्ली में पारा 40 डिग्री के करीब पहुंच गया है। गर्मी बढ़ने के साथ मौसमी बीमारी के मामले तेजी से घटेंगे। उम्मीद की जा रही है कि अप्रैल के अंत तक तापमान 42 डिग्री को पार कर जाएगा और साथ ही मौसमी बीमारी भी लोगों को संक्रमित नहीं कर पाएगी।

गर्मी बढ़ाएगी समस्या

दिल्ली का पारा बढ़ने के साथ हीट वेव से परेशान लोगों भी अस्पताल पहुंच रहे हैं। ऐसे मरीजों में नाक से खून आना, उल्टी होना, निर्जलीकरण होना, जी मिचलाना, सिरदर्द, उल्टी, डायरिया सहित अन्य लक्षण दिख रहे हैं।  आने वाले दिनों में तापमान बढ़ने के साथ अस्पताल आने वाले इन मरीजों की समस्या बढ़ सकती है। 

इस बारे में डॉ. संजय राय का कहना है कि गर्मी बढ़ने के साथ छोटे बच्चे और बुजुर्गों को विशेष रूप से सतर्क रहने की जरूरत है।