इस वर्ष 5 माह का होगा चातुर्मास, आज से भगवान विष्णु 5 महीने के लिए चले जायेंगे योग निद्रा में ,इसी लिए पांच महीने सभी शुभ कार्य रहेंगे बंद
हिंदू पंचांग के अनुसार, आज देवशयनी एकादशी है। यह पर्व हर वर्ष आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस विशेष दिन पर भगवान विष्णु की उपासना करने से जीवन में आ रही सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं और साधकों को अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। साथ ही हरिशयनी एकादशी के दिन से भगवान विष्णु 4 महीने के लिए योग निद्रा में चले जाते हैं और इस दौरान सृष्टि का दारोमदार भगवान शिव के हाथ में आ जाता है। इन चार महीनों को चातुर्मास कहा जाता है।
इस वर्ष 5 माह का होगा चातुर्मास
शास्त्रों में बताया गया है कि देवशयनी एकादशी के दिन से भगवान विष्णु सहित देवी-देवता योग निद्रा में चले जाते हैं और देवउठनी एकादशी पर पुनः निद्रा से जागते हैं। लेकिन इस वर्ष चातुर्मास चार नहीं बल्कि 5 माह का होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि श्रावण मास में अधिक मास भी जुड़ जाएगा, जिसके कारण श्रावण मास 2 महीने का होगा। बता दें कि चातुर्मास की शुरुआत आषाढ़ माह से होती है और कार्तिक मास की एकादशी तिथि के दिन समाप्त हो जाती है। इन 4, इस वर्ष 5 महीनों में सभी प्रकार के मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है।
चातुर्मास में इन कार्यों पर लग जाती है रोक
शास्त्रों में बताया गया है कि चातुर्मास की अवधि में मुंडन, उपनयन संस्कार, विवाह, गृह-प्रवेश, भूमि पूजन इत्यादि जैसे महत्वपूर्ण मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस दौरान भगवान विष्णु क्षीर सागर में विश्राम करते हैं और उनका आशीर्वाद व्यक्ति को नहीं प्राप्त होता है। जिस वजह से मांगलिक कार्यों में विघ्न उत्पन्न होने का भय बना रहता है। वर्ष 2023 में लोगों को अधिक मास के कारण विवाह इत्यादि के लिए चार नहीं अपितु 5 महीने का इंतजार करना होगा।
देवशयनी एकादशी 2023 शुभ मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार, आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 29 जून को सुबह 03:18 पर होगी और इस तिथि का समापन 30 जून को सुबह 02:42 पर होगा। ऐसे में देवशयनी एकादशी व्रत 29 जून 2023, गुरुवार के दिन रखा जाएगा। इस विशेष दिन पर रवि योग का निर्माण हो रहा है जो सुबह 05:26 से दोपहर 04:30 तक रहेगा।
क्या है देवशयनी एकादशी का महत्व?
शास्त्रों में बताया गया है कि देवशयनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की उपासना करने से साधकों को अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। साथ ही इस विशेष दिन पर स्नान एवं दान का भी विशेष महत्व है। एकादशी तिथि के दिन लोगों को चावल, अनाज, मसाले जैसे वशिष्ठ खाद्य पदार्थों के उपयोग से भी बचना चाहिए और हो सके तो उपवास रखना चाहिए। इस दिन माता लक्ष्मी की उपासना करने से साधक को जीवन में धन-धान्य की प्राप्ति होती है और आर्थिक समस्याएं समाप्त हो जाती हैं।
Jun 29 2023, 09:22