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*बाराबंकी जिले में दस दिन से नाती के शव के साथ लेटी रही नानी, दुर्गंध आने पर पड़ोसियों को हुआ शक, पुलिस पहुंची तब खुला राज*


लखनऊ। उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आयी है। यहां पर एक बुजुर्ग महिला अपने नाती के शव के साथ आठ से दस दिन तक सोती रही। लोगों को इसकी जानकारी तब हुई जब शव की दुर्गंध से आसपास के लोगों का जीना हराम हो गया। सूचना पर पुलिस पहुंची और घर का दरवाजा खोलकर अंदर का मंजर देखा तो दंग रह गई। कमरे के अंदर एक सफेद चादर में लाश लपटी हुई थी और पास में एक विस्तर लगा हुआ था। घर के अंदर एक 65 साल की वृद्धा मिली। शव के बच्चे का था जो रिश्ते में उसकी नाती लगता था और वह नानी है। महिला की मानिकस दशा ठीक नहीं पायी गई। ऐसे में उसकी पुत्री को मौके पर बुलाया गया। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम को भेज दिया।

पूरी तरह से सड़ चुका था किशोर का शव

बुजुर्ग महिला का नाम मिथिलेश कुमारी उर्फ रानी है। वह अपने 17 साल के नाती के साथ रह रही थी। पुलिस ने दरवाजा खोला तो पूरी दुर्गंध घर के बाहर आने से पूरा इलाका बदबू करने लगा। चूंकि शव पूरी तरह से सड़ चुका था। इसके बाद नानी उसके साथ रह रही थी। पूछताछ में महिला का जवाब व व्यवहार सामान्य नहीं दिखा। मुहल्लेवालों ने भी बताया कि बुजुर्ग महिला कभी किसी से बात नहीं करती थी। विक्षिप्त अवस्था में दिख रहीं मिथिलेश जब पुलिस को मौत के कारणों के बारे में कोई जानकारी नहीं दे सकीं तो उनकी बड़ी पुत्री ममता जिनकी शादी लखीमपुर खीरी में हुई थी बुलाया गया। उन्होंने ही मिथिलेश कुमारी और उस युवक के बारे में जानकारी दी।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में स्पष्ट नहीं हो पाया मौत को कारण

पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा तो डॉक्टरों ने स्पष्ट किया कि किशोर की मौत आठ से दस दिन पहले हो चुकी है थी। साथ ही पोस्टमार्टम में भी किशोर की मौत कैसे हुई इसके बारे में भी कुछ वजह पता नहीं चल पायी है। शव इतना गल गया था कि उसमें कुछ डॉक्टर भी नहीं बता पाये। अब पुलिस इस रहस्यमय मौत के कारणों का पता लगाने के लिए उसकी मां से पूछताछ करने के साथ-साथ अन्य जांच पड़ताल भी कर रही है। चूंकि इस घर में कई रहस्यमय मौतें हो चुकी है। 65 साल वृद्वा की दो शादियां हुई हैं। पहली शादी से उन्हें दो लड़के और दो लड़कियां हुईं। पहले पति की मौत हुई। बाद में एक बेटी और दामाद की। बेटी दामाद के मरने के बाद उनका यह बच्चा नानी के साथ आकर रहने लगा।

इस घर में हो चुकी है कई रहस्यमय मौतें

बेटी और दामाद की मृत्यु के बाद उनके दो बेटे एक के बाद एक लापता हो गए। दीपू और अरुण नाम के दोनों बेटे विवाहित थे। वह घर से निकले और कभी भी लौटकर नहीं आए। चार में से तीन संतानों के निधन के बाद मिथिलेश उर्फ रानी देवी नाम की यह वृद्वा बदहवास सी रहने लगीं। अभी उनकी सिर्फ एक ही बेटी ममता जीवित है। ममता ने बताया कि बीते दस वर्षों के दौरान रानी देवी के पुत्र दीपू बरेली से और अरुण बाराबंकी से संदिग्ध हालातों में लापता हो गए थे। वह दोनों विवाहित थे। उनकी पत्नियों ने कुछ समय तक तो उनका इंतजार किया। बाद में वह इस घर को छोड़कर अपने-अपने मायके चली गईं। अपने पहले पति के मरने के बाद रानी देवी ने दूसरा विवाह संत नारायण वर्मा से किया। वह आरपीएफ में थे। उनसे और रानी से कोई संतान नहीं हुई। दूसरे पति के मरने के बाद उनकी पेंशन से रानी देवी का गुजारा चलता रहा। रानी के साथ ही उनका नाती रह रहा था।

किशोर का कभी साथ नहीं छोड़ती थी नानी

बुजुर्ग महिला की बड़ी बेटी ममता ने बताया कि दोनों बेटों के गायब हो जाने और एक बेटी और दामाद की मौत के बाद बुजुर्ग महिला रानी देवी बहुत ही टूट चुकी थी और मानसिक रूप से विक्षिप्त हो चुकी थी। परिवार में इतने लोगाें को खोने के बाद इसलिए वह कभी अपनी नाती प्रियांशु को एक पल के लिए अपने से अलग नहीं करती थी। हर पर उसके साथ साये की तरह रहती थी। उम्र उसकी 17 साल की भले हो गई थी लेकिन वह उसे अकेले कहीं भेजती नहीं थी। महिला की मानसिक दशा ठीक न होने के कारण पुलिस ने जब बताया कि प्रियांशु मर चुका है तो उसे यकीन नहीं हो रहा था। इंस्पेक्टर संजय मौर्य ने बताया कि मामले में जांच की जा रही है। फिलहाल महिला अपने घर पर है जो कुछ बता पाने में सक्षम नहीं है।

मौसी से शव लेने से मना किया तो पुलिस ने किया अंतिम संस्कार

प्रियांशु का शव पोस्टमार्टम के बाद घर पहुंचा तो उसकी मौसी ने शव लेने से इंकार कर दिया। नानी की हालत ऐसी नहीं थी कि उसे दी जाए। चूंकि नानी मानने को तैयार ही नहीं थी कि उसके नाती की मौत हो चुकी है। ऐसे में पुलिस ने सोमवार की देर शाम प्रियांशु के शव का अंतिम संस्कार कर दिया। शुरूआती जांच में जब पता चला कि बुजुर्ग महिला मनोरोगी है तो उसे भी अस्पताल में भर्ती कराया गया। यह पूरा मामला बाराबंकी की नगर कोतवाली क्षेत्र के मोहरीपुरवा मोहल्ले की है।

*उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए डीजीपी हुए सख्त*

लखनऊ । डीपीजी विजय कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में यूपी पुलिस द्वारा अपराध, अपराधियों एवं माफियाओं के विरूद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत वर्ष 2017 से लगातार कार्रवाई की जा रही है। उत्तर प्रदेश शासन के निदेर्शानुसार जघन्य अपराधों में लिप्त अपराधियों को तत्काल गिरफ्तार कर उनके विरूद्ध वैज्ञानिक विधि से साक्ष्य संकलन एवं गुणवत्तापूर्ण विवेचनात्मक कार्रवाई करते हुए पुलिस एवं अभियोजन विभाग द्वारा संयुक्त रूप से न्यायालय में प्रभावी पैरवी कराकर न्यूनतम समय में कठोर सजा दिलायी जा रही है ।

आॅपरेशन कन्विक्शन के नाम से नई कार्ययोजना शुरू करने के दिये निर्देश

इस पर और बल देते हुए मिशन मोड में कार्रवाई किये जाने के उद्देश्य से एक नई कार्ययोजना तैयार की गयी है जिसे आपरेशन कन्विक्शन का नाम दिया गया है। इस कार्ययोजना के अन्तर्गत पाक्सो एक्ट के समस्त अभियोगों के अतिरिक्त बलात्कार, हत्या, लूट, डकैती, धर्मपरिवर्तन, गौकशी के अपराध को सम्मिलित किया गया है। प्रत्येक कमिश्नरेट व जनपद पाक्सो एक्ट के समस्त अपराध के अतिरिक्त उपरोक्त श्रेणी के 20-20 अपराधों को चिन्हित करेगा। डीजीपी ने बताया कि चिन्हित अपराधों से सम्बन्धित अभियोगों में उत्कृष्ट एवं समयबद्ध विवेचना सम्पादित कराकर आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया जायेगा।आरोप पत्र प्रेषित किये जाने के उपरांत तीन दिवस के अन्दर चार्ज फ्रेम करवाकर 30 दिवस के अन्दर ट्रायल की कार्रवाई सम्पन्न करायी जायेगा। गवाहों एवं माल मुकदमाती को समय से न्यायालय में प्रस्तुत करने का दायित्व सम्बन्धित थाना प्रभारी एवं कमिश्नरेट व जनपद प्रभारी का होगा।

अभियोगों की सुनवायी दिन-प्रतिदिन फास्ट ट्रैक कोर्ट में कराये जाने का प्रयास करेंगे

जनपद प्रभारी अपने कमिश्नरेट व जनपद की मॉनीटरिंग सेल की बैठक में जनपद न्यायाधीश से समन्वय स्थापित कर चिन्हित अभियोगों की सुनवायी दिन-प्रतिदिन फास्ट ट्रैक कोर्ट में कराये जाने का प्रयास करेंगे। सम्बन्धित कमिश्नरेट व जनपद प्रभारी द्वारा चिन्हित अभियोगों में परीक्षण रिपोर्ट को एक सप्ताह के अन्दर उपलब्ध कराये जाने हेतु स्वयं एफएसएल समन्वय स्थापित किया जायेगा। चिन्हित अभियोगों में की जाने वाली पैरवी की मॉनीटरिंग हेतु प्रत्येक कमिश्नरेट व जनपद प्रभारी कार्यालय में एक राजपत्रित अधिकारी के पर्यवेक्षण में मॉनीटरिंग सेल गठित किया जायेगा। मॉनीटरिंग सेल के द्वारा अभियोगों की दिन-प्रतिदिन की कार्यवाही की समीक्षा कर प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित करायी जायेगी। चिन्हित किये गये अभियोगों की साप्ताहिक समीक्षा के लिए पुलिस मुख्यालय पर एक वेबपोर्टल विकसित किया जा रहा है, जिससे मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा कृत कार्रवाई का नियमित अनुश्रवण किया जायेगा।

*लखनऊ में तीन महिला टप्पेबाज गिरफ्तार, पलक झपकते ही राह चलती महिलाओं के गले से उतार लेती थी चेन व मंगलसूत्र*


लखनऊ । राजधानी लखनऊ के अंदर राह चलती महिलाओं से टप्पेबाजी करने वाली तीन महिलाओं को थाना कृष्णानगर पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इसके पास से टप्पेबाजी का एक मंगलसूत्र बरामद किया है। इन महिलाओं के गैंग में एक बाल अपचारी भी शामिल था। पुलिस ने उसे भी अपने संरक्षण में लिया है। पूछताछ में इन महिलाओं ने बताया की वह राहचलती महिलाअों को अपना निशाना बनाती थी। खासकर बुजुर्ग महिलाओं को। 

प्रज्ञा लता पत्नी सुशील कुमार निवासी मानसनगर ने 25 जून को थाना आकर तहरीर दी कि अबध चौराहा से हमारे आटो पर तीन महिलायें और एक लड़की बार-बार उल्टी करने लगी। तभी एक महिला ने धोखाधड़ी से मेरा मंगलसूत्र गले से चुरा लिया। फिर जब मैने अपने साथ हुई घटना के बारे में अपने परिवार के सदस्यों को बताया उसके बाद मेरे परिवार वाले और इनको खोजते हुए अवध चौराहा पर आये तो चौराहे के पास खड़ी उन महिलाओं को पहचान लिया। पुलिस ने बिना देरी किये ही तीनों महिलाओं को मौके से गिरफ्तार कर लिया। 

पुलिस द्वारा सूचना मिलने पर त्वरित कार्रवाई करते हुए तीन महिला अभियुक्त सोना कुमारी पत्नी मुकेश कुमार निवासिनी सीतमपुर कालोनी (रेलवे कालोनी) पोखरा के पास मुगलसराय जिला चन्दौली उम्र लगभग 25 वर्ष, नन्दनी कुमारी पत्नी विपिन कुमार फ/ड - सीतमपुर कालोनी (रेलवे कालोनी) पोखरा के पास मुगलसराय जिला चन्दौली उम्र लगभग 20 वर्ष, रानी कुमारी पत्नी दिनेश कुमार सीतमपुर कालोनी (रेलवे कालोनी) पोखरा के पास मुगलसराय जिला चन्दौली उम्र लगभग 20 वर्ष को चोरी किया गये मंगलसूत्र के साथ गिरफ्तार कर लिया गया। इनके द्वारा कृत अन्य घटनाओं के सम्बन्ध में जानकारी की जा रही है । पूछताछ में बताया कि उनके द्वारा राह चलते लोगों से धोखाधड़ी करके कहने आदि चोरी करने का काम करते थे।

*सहकारिता मंत्री ने उ.प्र. कोऑपरेटिव बैंक मुख्यालय में नवनिर्मित डीसीबी कैडर अथॉरिटी कार्यालय एवं डाटा सेंटर का किया शुभारंभ*


लखनऊ। प्रदेश के सहकारिता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जेपीएस राठौर ने उप्र कोऑपरेटिव बैंक मुख्यालय में नवनिर्मित डीसीबी कैडर अथॉरिटी कार्यालय, डाटा सेंटर, सभागार कक्ष, एप्लीकेशन अटेंडेंस ट्रैकिंग सिस्टम एवं आधार इनेबल्ड पेंमेट सिस्टम का शुभारंभ किया।

इस अवसर पर सहकारिता मंत्री द्वारा बैंक के प्रबंध निदेशक वीके मिश्रा को भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा उप्र कोऑपरेटिव बैंक को प्रदत्त IS15700 : 2018 सेवोत्तम लाइसेंस प्रदान किया गया।

इस अवसर पर सहकारिता मंत्री ने कहा कि यह गर्व की बात है कि भारतीय मानक ब्यूरो (ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड) द्वारा उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव बैंक को IS15700 : 2018 सेवोत्तम लाइसेंस प्रदान किया गया है।

इससे स्पष्ट होता है कि बैंक अपने ग्राहकों को उत्कृष्ट सेवा प्रदान कर रहा है। उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव बैंक भारत का पहला ऐसा बैंक है जिसको सेवोत्तम प्रमाण पत्र प्राप्त हुआ है। सेवोत्तम लाइसेंस प्राप्त होने से उप्र कोआपरेटिव बैंक एक ब्रांड बना जिससे बैंक की साख बढेगी।

सहकारिता मंत्री ने कहा कि आज एक नयी व्यवस्था की शुरूआत की गयी है। जिला सहकारी बैंकों पर बेहतर तरीके से नियंत्रण रखने एवं उनकी समस्याओं को दूर करने के लिये डीसीबी कैडर अथॉरिटी कार्यालय तथा डाटा सेंटर का शुभारम्भ किया गया, जिसके दूरगामी परिणाम होंगे। पैक्स, जिला सहकारी बैंक एवं उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव बैंक एवं अन्य सहकारी संस्थाओं का डाटा सेंटर बैंक के पंचम तल पर स्थापित होने से डाटा एवं सूचनाएं एक स्थान से ही अब प्राप्त की जा सकेंगी। उन्होने कहा कि उ0प्र0 कोआपरेटिव बैंक सन् 1944 से लोगों को सेवायें दे रही है। आज इनकी शाखाये 27 से बढ़कर 40 हो गयी है तथा बैंक बेहतर तरीके से काम कर रही है। इसकी सभी शाखायें लाभ की स्थिति में है। श्री राठौर ने कहा कि मुख्यमंत्री की अपेक्षा है कि बैंकिंग सेवाओं को गांव के अन्तिम व्यक्ति तक पहुचाया जाये। इसके लिये जिला सहकारी बैकों का विस्तार करते हुये इसी सत्र मे 243 नयी शाखायें खोली जायेंगी, जिसकी प्रक्रिया प्रारम्भ हो चुकी है।

उन्होंने कहा कि बैकों में भ्रष्टाचार खत्म करने के लिये सारी व्यवस्थायें/सुविधाये आनलाइन की जा रही है तथा शुचितापूर्ण तरीके से कार्य किया जा रहा है। उन्होने कहा कि सहकारी बैकों में भ्रष्टाचार किसी भी दशा में बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।

सहकारिता मंत्री ने कहा कि जब से सहकारिता मंत्रालय बना है तभी से केन्द्रीय सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह जी सहकारिता को नया आयाम देने में लगे है। सहकारिता को बढ़ावा देने के लिये पैक्स को मजबूत बनाया जा रहा है तथा इसके कार्यों में विस्तार किया जा रहा है। जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था और अधिक सुदृढ़ होगी। यूपी कोऑपरेटिव बैंक के कार्मिकों की जवाबदेही, कार्य एवं समय की प्रतिबद्धता सुनिश्चित करने के लिए बैंक में एप्लीकेशन अटेंडेंस ट्रैकिंग सिस्टम स्थापित किया गया है, इसके साथ ही एईपीएस के शुभारंभ करने से भी ग्राहकों को विभिन्न प्रकार की सुविधाएं प्राप्त हो सकेंगी। सहकारिता मंत्री द्वारा बैंक परिसर में पौधारोपण भी किया गया।

इस अवसर पर उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव बैंक के अध्यक्ष तेजवीर सिहं ने अवगत कराया कि उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव बैंक का विगत 5 वर्षों में कुल व्यवसाय 12000 करोड़ रूपये से बढ़कर लगभग 22000 करोड़ रूपये हो गया है। बैंक लगातार पांच वर्षों में अपना एनपीए कम करने में सफल रहा है। विगत 2 वर्षों में बैंक में संरचनात्मक/विकासात्मक सुधार हुए हैं। प्रमुख सचिव, सहकारिता, बीएल मीणा द्वारा भारत सरकार की विभिन्न योजनाओ को पैक्स स्तर तक क्रियान्वित करने के निर्देश दिए तथा अवगत कराया की उत्तर प्रदेश, देश का पहला राज्य है जहां पैक्स कंप्यूटराइजेशन प्रक्रिया को प्रारंभ किया जा चुका है।

इस अवसर पर बैंक के उपसभापति जितेंद्र बहादुर सिंह, विशेष सचिव सहकारिता अच्छे लाल यादव, बैंक के प्रबंध निदेशक वीके मिश्र, विभाग के अन्य संस्थाओं के प्रबन्ध निदेशक एवं विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

*लखनऊ गोल्फ क्लब में कुर्ते-पायजामे में पूर्व मेयर के बेटे को रोका गया*


लखनऊ। गोल्फ क्लब में पूर्व मेयर संयुक्ता भाटिया के बेटे प्रशांत भाटिया को रोका बताया जा रहा है कि प्रशांत भाटिया कुर्ता-पायजामा पहनकर वहां गए थे। जिस पर गोल्फ क्लब प्रबंधन ने उन्हें रोका। जानकारी के मुताबिक प्रशांत भाटिया यहां हो रही चेयरमैन की बैठक में शामिल होने पहुंचे थे। उनके कुर्ते-पायजामे को देख क्लब के मौजूदा डिविजनल चेयरमैन ने लोवर मंगाया और उनसे पहनने के लिए कहा। लेकिन प्रशांत अपनी वेशभूषा पर ही अड़े रहे। फिर उन्हें कुर्ते-पायजामे में ही एंट्री दी गई।

प्रशांत भाटिया ने कहा कि गोल्फ क्लब अभी भी 1947 के नियमों को ढो रहा है। गोल्फ क्लब को अपने नियमों में संशोधन कर भारतीय परिधान को इसमें शामिल करना चाहिए। भारतीय परिधानों का प्रतिबंध दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है। जिसके बारे में वहां के अध्यक्ष से आपत्ति जताई गई है। प्रशांत ने उम्मीद जताई कि उनकी बातों को गोल्फ क्लब मानेगा।

*आगामी त्योहार को देखते हुए पुलिसकर्मियों की छुट्टियां निरस्त*


लखनऊ । उत्तर प्रदेश में आगामी त्योहारों के दृष्टिगत डीजीपी विजय कुमार ने पुलिसकर्मियों की छुट्टियों को निरस्त करने का आदेश जारी किया है। इस बाबत समस्त एडीजी जोन, पुलिस कमिश्नर, आईजी रेंज और जिलों के पुलिस कप्तान को भेजे गए आदेश में कहा गया है कि आगामी बकरीद, कांवड़ यात्रा, श्रावण शिवरात्रि और मोहर्रम के दृष्टिगत 26 जून से 31 जुलाई तक पुलिसकर्मियों को अवकाश प्रदान नहीं किया जाएगा। विशेष परिस्थितियों में अवकाश के लिए वरिष्ठ अधिकारियों की अनुमति लेना आवश्यक होगा। उन्होंने इस आदेश का सख्ती से अनुपालन कराने को कहा है।।

*दरोगा पर गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज, बावजूद मलाईदार चौकी का दिया गया कार्यभार*


लखनऊ- एक तरफ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ जीरो टोरलेंस निति को पुरी तरह लागु करने की बात कर रहे हैं। और पुलिस के आला अधिकारियों द्वारा निरंतर मीडिया के माध्यम से सूचित किया जाता है कि किसी भी पुलिसकर्मी को जिन पर गंभीर धाराओं में मुकदमा पंजीकृत है या जिनकी शिकायत जांच चल रही हो उन्हें जल्दी थाना कोतवाली, चौकी प्रभारी या कोई भी जिम्मेदारी का कार्यभार ना दिया जाए। इसके बावजूद उपनिरीक्षक तेज कुमार शुक्ला को कैसरबाग कोतवाली के तहत मलाईदार पुलिस चौकी खंदारी बाजार का कार्यभार दिया गया, जबकि दरोगा पर 323, 325, 392, 504, 506 जैसी गंभीर धाराओं में न्यायालय के आदेश अनुसार थाना हुसैनगंज में अपराध संख्या 0193 / 2022 दर्ज है।

इसी प्रकार इनकी अन्य और भी शिकायतें समाज के लोगों द्वारा की गई है जिसकी जांच पुलिस उपायुक्त मध्य व अपर पुलिस उपायुक्त मध्य द्वारा जांच की जा रही है। अधिक शिकायतें व मुकदमा पंजीकृत होने के बावजूद पुलिस विभाग उपनिरीक्षक तेज कुमार शुक्ला पर काफी मेहरबान है जिसके चलते यह महोदय मलाईदार चौकी का आनंद ले रहे हैं। थाना हुसैनगंज की पुलिस चौकी छितवापुर पर तैनात रहते हुए इन पर उपरोक्त धाराओं में मुकदमा पंजीकृत हुआ था। उसके बावजूद इसी से लगी हुई थाना कोतवाली कैसरबाग की मलाईदार पुलिस चौकी खंदारी बाज़ार में नियम विरुद्ध तैनाती पाने में कामयाब रहे, जिससे उप निरीक्षक तेज कुमार शुक्ला मुद्दई व गवाहों पर दबाव बना कर मुकदमे को प्रभावित कर रहे है।

जबकि इन पर आईपीसी की धारा 392 लूट के अपराध, धारा 325 स्वेच्छा से गंभीर चोट पहुंचाने, धारा 504 के तहत किसी को उकसा कर उसका अपमान करना व शांति भंग, धारा 506 आपराधिक धमकी का अपराध, धारा 323 स्वेच्छा से चोट पहुंचाने से संबंधित है। मामले चाहे जितने भी गंभीर क्यों ना हो अगर विभाग में तालमेल बढ़िया है तो अधिकारियों की मेहरबानी हो तो आप किसी भी मलाईदार चौकी का कार्यभार प्राप्त कर सकते हैं जबकि आला अधिकारियों का यह स्पष्ट कहना है कि किसी भी दागी या आपराधिक किस्म के पुलिस दरोगा को थाना व चौकी का कार्यभार ना दिया जाए राजधानी लखनऊ के पुलिस अधिकारीयों की उदासीनता की वजह से शिकायतकर्ता पस्त चौकी प्रभारी मस्त हैं।

*लखनऊ विश्वविद्यालय के अभियांत्रिकी एवं तकनीकी संकाय को इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स इंडिया की इंस्टिट्यूशनल मेंबरशिप मिली*


लखनऊ- लखनऊ विश्वविद्यालय के अभियांत्रिकी एवं तकनीकी संकाय को इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स इंडिया की इंस्टिट्यूशनल मेंबरशिप प्रदान की गई। इंस्टिट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स की सदस्यता मिलने से अभियांत्रिकी एवं तकनीकी संकाय के सदस्य छात्रों, शिक्षकों, तकनीकी संवर्ग के सदस्यों को इंजीनियरिंग के विश्व स्तरीय शोध जर्नल को निःशुल्क पढ़ सकेंगे, साथ ही इसके जर्नल्स में अपने शोध प्रकाशित कर सकते हैं।

इंस्टिट्यूशन ऑफ इंजीनियर के सदस्यों को शोध, तकनीकी सेमिनार, वर्कशॉप आदि के लिए ग्रांट प्रदान करता हैl इंस्टिट्यूशन ऑफ इंजीनियर के सदस्य देशभर में बने इनके गेस्ट हाउस, शैक्षिक गतिविधियों के दौरान प्रयोग कर सकते हैं। अभियांत्रिकी एवं तकनीकी संकाय को इंस्टिट्यूशन ऑफ़ इंजीनियर की सदस्यता मिलने पर माननीय कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय द्वारा संकाय सदस्यों को बधाई दी गई एवं संकाय में स्नातक स्तर से छात्रों को शोध कराने के लिए प्रेरित किया। इस अवसर पर संकायाध्यक्ष प्रोफेसर ए. के. सिंह ने संकाय में पांच स्टूडेंट चैप्टर एवं छात्रों को इंस्टीट्यूशनल मेंबरशिप का सदस्य बनाने का शुभारंभ कियाl

*3 राज्य विश्वविद्यालयों के लिए किया गया शैक्षिक एवं गैर शैक्षणिक पदों का सृजनः उच्च शिक्षा मंत्री*


लखनऊ- प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने बताया है कि माँ शाकुम्भरी विश्वविद्यालय, सहारनपुर, राजा महेंद्र प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय, अलीगढ़ एवं महाराजा सुहेलदेव राज्य विश्वविद्यालय, आजमगढ़ में शैक्षिक एवं गैर शैक्षणिक पदों के सृजन के लिए मुख्यमंत्री ने स्वीकृति प्रदान की है। जिसके अनुसार माँ शाकुम्भरी विश्वविद्यालय, सहारनपुर के 58 पाठ्यक्रमों के संचालन के लिए यूजीसी के मानक 1ः2ः4 के अनुसार शैक्षणिक कार्यों हेतु प्रोफेसर-58, एसोसिएट प्रोफेसर-116, असिस्टेंट प्रोफेसर-232 अर्थात कुल 406 शैक्षिक पदों का सृजन किया गया है। उक्त विश्वविद्यालय हेतु पूर्व में 28 गैर शैक्षणिक पदों का सृजन किया गया था। अब विश्वविद्यालय के संचालन हेतु गैर शैक्षणिक - 198 पदों का सृजन किया गया है, जिनमें उप कुलसचिव, सहायक कुलसचिव, कनिष्ठ सहायक, वरिष्ठ सहायक, प्रधान सहायक, लैब असिस्टेंट, पुस्तकालयाध्यक्ष इत्यादि पद सम्मिलित हैं। उक्त के अतिरिक्त कम्प्यूटर ऑपरेटर, स्वच्छकार, चौकीदार, वाहन चालक, चपरासी इत्यादि प्रकृति की सेवाओं हेतु आउटसोर्सिंग के माध्यम से 160 की स्वीकृति की गई है।

इसी प्रकार राजा महेन्द्र प्रताप सिंह राज्य विष्वविद्यालय, अलीगढ़ के 43 पाठ्यक्रमों के संचालन हेतु यू०जी०सी० के मानक 1ः2ः4 के अनुसार शैक्षणिक कार्यों हेतु प्रोफेसर-43, एसोसिएट प्रोफेसर-86, असिस्टेंट प्रोफेसर-172 अर्थात कुल 301 शैक्षिक पदों का सृजन किया गया है। उक्त विश्वविद्यालय हेतु पूर्व में 28 गैर शैक्षणिक पदों का सृजन किया गया था। अब विश्वविद्यालय के संचालन हेतु गैर शैक्षणिक 170 पदों का सृजन किया गया है, जिनमें उप कुलसचिव, सहायक कुलसचिव, कनिष्ठ सहायक, वरिष्ठ सहायक, प्रधान सहायक, लैब असिस्टेंट, पुस्तकालयाध्यक्ष इत्यादि पद सम्मिलित हैं। उक्त के अतिरिक्त कम्प्यूटर ऑपरेटर, स्वच्छकार, चौकीदार, वाहन चालक, चपरासी इत्यादि प्रकृति की सेवाओं हेतु आउटसोर्सिंग के माध्यम से 160 की स्वीकृति की गई है।

महाराजा सुहेलदेव राज्य विष्वविद्यालय, अलीगढ़ के 30 पाठ्यक्रमों के संचालन हेतु यू०जी०सी० के मानक 1ः2ः4 के अनुसार शैक्षणिक कार्यों हेतु प्रोफेसर-30, एसोसिएट प्रोफेसर-60, असिस्टेंट प्रोफेसर-120 अर्थात कुल 210 शैक्षिक पदों का सृजन किया गया है। उक्त विश्वविद्यालय हेतु पूर्व में 28 गैर शैक्षणिक पदों का सृजन किया गया था। अब विश्वविद्यालय के संचालन हेतु गैर शैक्षणिक 110 पदों का सृजन किया गया है, जिनमें उप कुलसचिव, सहायक कुलसचिव, कनिष्ठ सहायक, वरिष्ठ सहायक, प्रधान सहायक, लैब असिस्टेंट, पुस्तकालयाध्यक्ष इत्यादि पद सम्मिलित हैं। उक्त के अतिरिक्त कम्प्यूटर ऑपरेटर, स्वच्छकार, चौकीदार, वाहन चालक, चपरासी इत्यादि प्रकृति की सेवाओं हेतु आउटसोर्सिंग के माध्यम से 160 की स्वीकृति की गई है।

*यूपी बोर्ड के सिलेबस में सावरकर की जीवनी पढ़ाने को लेकर रालोद का बीजेपी पर हमला, बताया-ओछी मानसिकता की राजनीति*


लखनऊ- राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश मीडिया प्रभारी सुरेन्द्रनाथ त्रिवेदी ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा यूपी बोर्ड के पाठ्यक्रम में विनायक दामोदर सावरकर की जीवनी को 50 अन्य महापुरुषों के जीवन परिचय के बहाने से जोड़ना सरकार की ओछी मानसिकता के अतिरिक्त कुछ भी नहीं है। अन्य महापुरुषों में जो भी नाम गिनाये जा रहे हैं। उन सभी का जीवन परिचय किसी न किसी विषय के माध्यम से पाठ्यक्रम में जुड़े हुए हैं। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, चंद्रशेखर आजाद, रामप्रसाद बिस्मिल, राजाराम मोहन राय, विनोबा भावे, स्वामी विवेकानंद, गोपाल कृष्ण गोखले आदि सैकड़ों विद्वान महापुरुष एवं स्वतंत्रता सेनानी और समाज सुधारक के रूप में हिन्दी, अग्रेजी, सामाजिक विज्ञान, इतिहास तथा नागरिक शास्त्र आदि विषयों के माध्यम से कक्षा 9 से 12 तक पढ़ाये जाते रहें हैं।

श्री त्रिवेदी ने कहा कि देश की नई शिक्षा नीति के अनुसार प्रदेश के नौनिहालों को नई दिशा देने के उद्देश्य से ऐसे महापुरुषों और स्वतंत्रता सेनानियों तथा समाज सुधारकों का जीवन परिचय पाठ्यक्रम में जोड़ा जाता जिन्होंने देश और समाज की अच्छाई के लिए विभिन्न क्षेत्रों में कुर्बानियां दी हैं। कृषि प्रधान देश में यदि छोटी कक्षाओं से लेकर इंटरमीडिएट, स्नातक और परास्नातक तक किसान मसीहा चौधरी चरण सिंह, मिसाइल मैन एपीजे अब्दुल कलाम जैसे महापुरूषों का व्यक्तित्व एवं कृतित्व विस्तार से जोड़ा जाय तथा शोध का विषय भी बनाया जाय।

रालोद के प्रदेश मीडिया प्रभारी ने कहा कि प्रदेश सरकार का यह सातवां शिक्षा सत्र चल रहा है लेकिन अब तक किसी भी षिक्षा सत्र में वर्तमान प्रदेश सरकार ने समय से पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध नहीं कराई हैं। जिससे स्पष्ट होता है कि प्रदेश की शिक्षा के प्रति भारतीय जनता पार्टी इतना सकारात्मक सोचती है। यूपी बोर्ड के प्रति पाठ्यक्रम की काट छांट लगातार करते रहने से ही प्रदेश में आईसीएसई और सीबीएसई बोर्डो के प्रति लोगों का रुझान बढ़ा है। आज से 2 दशक पहले तक यूपी बोर्ड की गणना एशिया के प्रथम स्तर के बोर्ड में होती थी जिसको चाटुकार अधिकारियों, और अक्षम नेताओं के कारण आज तीसरे नंबर को बोर्ड बना दिया गया है जो निंदनीय है।