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*दरोगा पर गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज, बावजूद मलाईदार चौकी का दिया गया कार्यभार*


लखनऊ- एक तरफ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ जीरो टोरलेंस निति को पुरी तरह लागु करने की बात कर रहे हैं। और पुलिस के आला अधिकारियों द्वारा निरंतर मीडिया के माध्यम से सूचित किया जाता है कि किसी भी पुलिसकर्मी को जिन पर गंभीर धाराओं में मुकदमा पंजीकृत है या जिनकी शिकायत जांच चल रही हो उन्हें जल्दी थाना कोतवाली, चौकी प्रभारी या कोई भी जिम्मेदारी का कार्यभार ना दिया जाए। इसके बावजूद उपनिरीक्षक तेज कुमार शुक्ला को कैसरबाग कोतवाली के तहत मलाईदार पुलिस चौकी खंदारी बाजार का कार्यभार दिया गया, जबकि दरोगा पर 323, 325, 392, 504, 506 जैसी गंभीर धाराओं में न्यायालय के आदेश अनुसार थाना हुसैनगंज में अपराध संख्या 0193 / 2022 दर्ज है।

इसी प्रकार इनकी अन्य और भी शिकायतें समाज के लोगों द्वारा की गई है जिसकी जांच पुलिस उपायुक्त मध्य व अपर पुलिस उपायुक्त मध्य द्वारा जांच की जा रही है। अधिक शिकायतें व मुकदमा पंजीकृत होने के बावजूद पुलिस विभाग उपनिरीक्षक तेज कुमार शुक्ला पर काफी मेहरबान है जिसके चलते यह महोदय मलाईदार चौकी का आनंद ले रहे हैं। थाना हुसैनगंज की पुलिस चौकी छितवापुर पर तैनात रहते हुए इन पर उपरोक्त धाराओं में मुकदमा पंजीकृत हुआ था। उसके बावजूद इसी से लगी हुई थाना कोतवाली कैसरबाग की मलाईदार पुलिस चौकी खंदारी बाज़ार में नियम विरुद्ध तैनाती पाने में कामयाब रहे, जिससे उप निरीक्षक तेज कुमार शुक्ला मुद्दई व गवाहों पर दबाव बना कर मुकदमे को प्रभावित कर रहे है।

जबकि इन पर आईपीसी की धारा 392 लूट के अपराध, धारा 325 स्वेच्छा से गंभीर चोट पहुंचाने, धारा 504 के तहत किसी को उकसा कर उसका अपमान करना व शांति भंग, धारा 506 आपराधिक धमकी का अपराध, धारा 323 स्वेच्छा से चोट पहुंचाने से संबंधित है। मामले चाहे जितने भी गंभीर क्यों ना हो अगर विभाग में तालमेल बढ़िया है तो अधिकारियों की मेहरबानी हो तो आप किसी भी मलाईदार चौकी का कार्यभार प्राप्त कर सकते हैं जबकि आला अधिकारियों का यह स्पष्ट कहना है कि किसी भी दागी या आपराधिक किस्म के पुलिस दरोगा को थाना व चौकी का कार्यभार ना दिया जाए राजधानी लखनऊ के पुलिस अधिकारीयों की उदासीनता की वजह से शिकायतकर्ता पस्त चौकी प्रभारी मस्त हैं।

*लखनऊ विश्वविद्यालय के अभियांत्रिकी एवं तकनीकी संकाय को इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स इंडिया की इंस्टिट्यूशनल मेंबरशिप मिली*


लखनऊ- लखनऊ विश्वविद्यालय के अभियांत्रिकी एवं तकनीकी संकाय को इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स इंडिया की इंस्टिट्यूशनल मेंबरशिप प्रदान की गई। इंस्टिट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स की सदस्यता मिलने से अभियांत्रिकी एवं तकनीकी संकाय के सदस्य छात्रों, शिक्षकों, तकनीकी संवर्ग के सदस्यों को इंजीनियरिंग के विश्व स्तरीय शोध जर्नल को निःशुल्क पढ़ सकेंगे, साथ ही इसके जर्नल्स में अपने शोध प्रकाशित कर सकते हैं।

इंस्टिट्यूशन ऑफ इंजीनियर के सदस्यों को शोध, तकनीकी सेमिनार, वर्कशॉप आदि के लिए ग्रांट प्रदान करता हैl इंस्टिट्यूशन ऑफ इंजीनियर के सदस्य देशभर में बने इनके गेस्ट हाउस, शैक्षिक गतिविधियों के दौरान प्रयोग कर सकते हैं। अभियांत्रिकी एवं तकनीकी संकाय को इंस्टिट्यूशन ऑफ़ इंजीनियर की सदस्यता मिलने पर माननीय कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय द्वारा संकाय सदस्यों को बधाई दी गई एवं संकाय में स्नातक स्तर से छात्रों को शोध कराने के लिए प्रेरित किया। इस अवसर पर संकायाध्यक्ष प्रोफेसर ए. के. सिंह ने संकाय में पांच स्टूडेंट चैप्टर एवं छात्रों को इंस्टीट्यूशनल मेंबरशिप का सदस्य बनाने का शुभारंभ कियाl

*3 राज्य विश्वविद्यालयों के लिए किया गया शैक्षिक एवं गैर शैक्षणिक पदों का सृजनः उच्च शिक्षा मंत्री*


लखनऊ- प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने बताया है कि माँ शाकुम्भरी विश्वविद्यालय, सहारनपुर, राजा महेंद्र प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय, अलीगढ़ एवं महाराजा सुहेलदेव राज्य विश्वविद्यालय, आजमगढ़ में शैक्षिक एवं गैर शैक्षणिक पदों के सृजन के लिए मुख्यमंत्री ने स्वीकृति प्रदान की है। जिसके अनुसार माँ शाकुम्भरी विश्वविद्यालय, सहारनपुर के 58 पाठ्यक्रमों के संचालन के लिए यूजीसी के मानक 1ः2ः4 के अनुसार शैक्षणिक कार्यों हेतु प्रोफेसर-58, एसोसिएट प्रोफेसर-116, असिस्टेंट प्रोफेसर-232 अर्थात कुल 406 शैक्षिक पदों का सृजन किया गया है। उक्त विश्वविद्यालय हेतु पूर्व में 28 गैर शैक्षणिक पदों का सृजन किया गया था। अब विश्वविद्यालय के संचालन हेतु गैर शैक्षणिक - 198 पदों का सृजन किया गया है, जिनमें उप कुलसचिव, सहायक कुलसचिव, कनिष्ठ सहायक, वरिष्ठ सहायक, प्रधान सहायक, लैब असिस्टेंट, पुस्तकालयाध्यक्ष इत्यादि पद सम्मिलित हैं। उक्त के अतिरिक्त कम्प्यूटर ऑपरेटर, स्वच्छकार, चौकीदार, वाहन चालक, चपरासी इत्यादि प्रकृति की सेवाओं हेतु आउटसोर्सिंग के माध्यम से 160 की स्वीकृति की गई है।

इसी प्रकार राजा महेन्द्र प्रताप सिंह राज्य विष्वविद्यालय, अलीगढ़ के 43 पाठ्यक्रमों के संचालन हेतु यू०जी०सी० के मानक 1ः2ः4 के अनुसार शैक्षणिक कार्यों हेतु प्रोफेसर-43, एसोसिएट प्रोफेसर-86, असिस्टेंट प्रोफेसर-172 अर्थात कुल 301 शैक्षिक पदों का सृजन किया गया है। उक्त विश्वविद्यालय हेतु पूर्व में 28 गैर शैक्षणिक पदों का सृजन किया गया था। अब विश्वविद्यालय के संचालन हेतु गैर शैक्षणिक 170 पदों का सृजन किया गया है, जिनमें उप कुलसचिव, सहायक कुलसचिव, कनिष्ठ सहायक, वरिष्ठ सहायक, प्रधान सहायक, लैब असिस्टेंट, पुस्तकालयाध्यक्ष इत्यादि पद सम्मिलित हैं। उक्त के अतिरिक्त कम्प्यूटर ऑपरेटर, स्वच्छकार, चौकीदार, वाहन चालक, चपरासी इत्यादि प्रकृति की सेवाओं हेतु आउटसोर्सिंग के माध्यम से 160 की स्वीकृति की गई है।

महाराजा सुहेलदेव राज्य विष्वविद्यालय, अलीगढ़ के 30 पाठ्यक्रमों के संचालन हेतु यू०जी०सी० के मानक 1ः2ः4 के अनुसार शैक्षणिक कार्यों हेतु प्रोफेसर-30, एसोसिएट प्रोफेसर-60, असिस्टेंट प्रोफेसर-120 अर्थात कुल 210 शैक्षिक पदों का सृजन किया गया है। उक्त विश्वविद्यालय हेतु पूर्व में 28 गैर शैक्षणिक पदों का सृजन किया गया था। अब विश्वविद्यालय के संचालन हेतु गैर शैक्षणिक 110 पदों का सृजन किया गया है, जिनमें उप कुलसचिव, सहायक कुलसचिव, कनिष्ठ सहायक, वरिष्ठ सहायक, प्रधान सहायक, लैब असिस्टेंट, पुस्तकालयाध्यक्ष इत्यादि पद सम्मिलित हैं। उक्त के अतिरिक्त कम्प्यूटर ऑपरेटर, स्वच्छकार, चौकीदार, वाहन चालक, चपरासी इत्यादि प्रकृति की सेवाओं हेतु आउटसोर्सिंग के माध्यम से 160 की स्वीकृति की गई है।

*यूपी बोर्ड के सिलेबस में सावरकर की जीवनी पढ़ाने को लेकर रालोद का बीजेपी पर हमला, बताया-ओछी मानसिकता की राजनीति*


लखनऊ- राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश मीडिया प्रभारी सुरेन्द्रनाथ त्रिवेदी ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा यूपी बोर्ड के पाठ्यक्रम में विनायक दामोदर सावरकर की जीवनी को 50 अन्य महापुरुषों के जीवन परिचय के बहाने से जोड़ना सरकार की ओछी मानसिकता के अतिरिक्त कुछ भी नहीं है। अन्य महापुरुषों में जो भी नाम गिनाये जा रहे हैं। उन सभी का जीवन परिचय किसी न किसी विषय के माध्यम से पाठ्यक्रम में जुड़े हुए हैं। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, चंद्रशेखर आजाद, रामप्रसाद बिस्मिल, राजाराम मोहन राय, विनोबा भावे, स्वामी विवेकानंद, गोपाल कृष्ण गोखले आदि सैकड़ों विद्वान महापुरुष एवं स्वतंत्रता सेनानी और समाज सुधारक के रूप में हिन्दी, अग्रेजी, सामाजिक विज्ञान, इतिहास तथा नागरिक शास्त्र आदि विषयों के माध्यम से कक्षा 9 से 12 तक पढ़ाये जाते रहें हैं।

श्री त्रिवेदी ने कहा कि देश की नई शिक्षा नीति के अनुसार प्रदेश के नौनिहालों को नई दिशा देने के उद्देश्य से ऐसे महापुरुषों और स्वतंत्रता सेनानियों तथा समाज सुधारकों का जीवन परिचय पाठ्यक्रम में जोड़ा जाता जिन्होंने देश और समाज की अच्छाई के लिए विभिन्न क्षेत्रों में कुर्बानियां दी हैं। कृषि प्रधान देश में यदि छोटी कक्षाओं से लेकर इंटरमीडिएट, स्नातक और परास्नातक तक किसान मसीहा चौधरी चरण सिंह, मिसाइल मैन एपीजे अब्दुल कलाम जैसे महापुरूषों का व्यक्तित्व एवं कृतित्व विस्तार से जोड़ा जाय तथा शोध का विषय भी बनाया जाय।

रालोद के प्रदेश मीडिया प्रभारी ने कहा कि प्रदेश सरकार का यह सातवां शिक्षा सत्र चल रहा है लेकिन अब तक किसी भी षिक्षा सत्र में वर्तमान प्रदेश सरकार ने समय से पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध नहीं कराई हैं। जिससे स्पष्ट होता है कि प्रदेश की शिक्षा के प्रति भारतीय जनता पार्टी इतना सकारात्मक सोचती है। यूपी बोर्ड के प्रति पाठ्यक्रम की काट छांट लगातार करते रहने से ही प्रदेश में आईसीएसई और सीबीएसई बोर्डो के प्रति लोगों का रुझान बढ़ा है। आज से 2 दशक पहले तक यूपी बोर्ड की गणना एशिया के प्रथम स्तर के बोर्ड में होती थी जिसको चाटुकार अधिकारियों, और अक्षम नेताओं के कारण आज तीसरे नंबर को बोर्ड बना दिया गया है जो निंदनीय है।

*बड़े वाहनों में हाई सिक्योरिटी नम्बर प्लेट न मिलने पर तत्काल कार्रवाई के निर्देश*


लखनऊ- मण्डलायुक्त डॉ रोशन जैकब की अध्यक्षता में आज ट्रैफिक के सम्बन्ध में एमडी सिटी ट्रान्सपोर्ट, आरटीओ व डीसीपी ट्रैफिक के साथ महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन आयुक्त सभागार कार्यालय में आहूत की गयी।

बैठक के दौरान मण्डलायुक्त को आरटीओ द्वारा अवगत कराया गया कि 250 विक्रम टेम्पों जिसकी भौतिक समय सीमा खत्म हो गई थी उनको आटो रिक्सा में परिवर्तित कर दिया गया है। उन्होंने लखनऊ मण्डल के बड़े वाहनों में हाई सिक्योरिटी नम्बर प्लेट न मिलने पर सम्बन्धित के ड्राइविंग लाइसेंस को जब्त करते हुये तत्काल कार्यवाही करने के निर्देश दिये। सिटी परमिट वाले आटो/टैक्सी की कलर कोडिंग भी करा लिया जाये।

मण्डलायुक्त ने सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश देते हुये कहा कि चौराहों पर चिन्हित पार्किंग स्थलों पर ही टैम्पों/टैक्सी की पार्किंग कराया जाये, अन्यथा इधर-उधर गाड़ियां खड़ी करने या पार्क मिलने पर तत्काल कार्यवाही की जाये। उन्होंने कहा कि जोन वाइज ई-रिक्सा के संचालन हेतु पद्धति बना लिया जाये। ई-रिक्सा के रूटों का निर्धारण के साथ ही उनके भी पार्किंग के स्थानों का चिन्हांकन करते हुये, ई-रिक्सा के संचालन को व्यवस्थित करने के निर्देश दिये।

मण्डलायुक्त को एमडी सिटी ट्रान्सपोर्ट द्वारा बताया गया कि शहर में कुल 140 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन किया जा रहा है। मण्डलायुक्त ने एमडी सिटी ट्रान्सपोर्ट को निर्देश देते हुये कहा कि चार्जिंग स्टेशनों की संख्या में बढोत्तरी की जाये। अवध बस अड्डा पर भी चार्जिंग स्टेशन स्थापित किया जाये, साथ ही आवश्यकतानुसार चार्जिंग यूनिट की भी बढोत्तरी कराया जाना सुनिश्चित किया जाये। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक बसों के रूटों की संख्या में बढ़ोत्तरी की जाये।

*प्रतापगढ़: परदेश जाने से पति ने मना किया तो तीन बच्चों के साथ मां कुएं में लगा दी छलांग, चारों की डूबने से मौत*


लखनऊ । उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ कोहंडौर थाना क्षेत्र के औरंगाबाद नरहरपुर गांव में एक महिला ने अपने तीन बच्चों के साथ कुएं में छलांग लगा दी। जिससे चारों की डूबने से मौत हो गई। इस घटना से परिवार में कोहराम मच गया। फायर ब्रिगेड की टीम ने चारों शवों को बाहर निकलवाया। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

गांव निवासी सोहनलाल बुधवार को परदेस चला गया। उसकी पत्नी प्रमिला देवी (35) पति के साथ परदेस जाने की जिद कर रही थी, लेकिन वह पैसों का हवाला देकर साथ ले जाने में असमर्थता जताई। उसने पत्नी से कहा कि परदेस जाने के बाद पैसों की व्यवस्था कर उसे बुला लूंगा।

काफी मशक्कत के बाद चारों को कुएं से बाहर निकलवाया गया

पति के जाने के बाद प्रमिला देवी बेटी शिवानी (10), बेटा शिवांश (5) और छोटी बेटी सलोनी (3) को लेकर गांव के पास कुएं में कूद गई। सूचना पाकर पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंच गई। काफी मशक्कत के बाद चारों को बाहर निकलवाया गया। तब तक उनकी सांसें थम चुकी थीं। एक साथ चार मौतों से परिवार गांव में कोहराम मच गया।सोहनलाल औरंगाबाद में रहकर नौकरी करता है। मंगलवार को वह परदेस जा रहा था। उसकी पत्नी भी साथ में जाने की जिद पर अड़ी थी। कर्ज अधिक होने का हवाला देकर वह पत्नी और बच्चों को साथ नहीं ले गया और अकेले ही औरंगाबाद चला गया। यह बात पत्नी को काफी नागवार लगी। महिला घर से मायके जाने की बात कहकर घर से निकली थी। बाद में उसकी लाश बच्चों के साथ गांव के पास एक पुराने में कुएं में देखी गई।

*राज्यकर्मचारियों का महंगाई भत्ता 16 फीसदी बढ़ा*

लखनऊ । उत्तर प्रदेश में काम करने वाले राज्यकर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है। क्योंकि राज्य कर्मचारियों और सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थानों के कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 16 फीसदी बढ़ गया है। इसका लाभ उन कर्मचारियों को भी मिलेगा, जो पांचवां वेतनमान पा रहे हैं या जिनका वेतन एक जनवरी 2006 से पुनरीक्षित नहीं हुआ है।

ऐसे सभी कर्मचारियों व अधिकारियों को एक जनवरी से मूल वेतन का 412 फीसदी महंगाई भत्ता मिलेगा। इससे पहले मूल वेतन का 396 फीसदी महंगाई भत्ता दिया जा रहा था। इस संबंध में अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार ने आदेश जारी कर दिए हैं।

*भारत की ऋषि परंपरा के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित कर रहे दुनिया के देश : सीएम योगी*


गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि योग भारतीय मनीषा की तरफ से विश्व मानवता के कल्याण के लिए दिया गया एक उपहार व माध्यम है। भारतीय ऋषि परंपरा से प्राप्त यह ऐसी विधा है जो शरीर और मस्तिष्क दोनों को स्वस्थ रखती है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में योग की महत्ता को अंगीकार कर आज दुनिया के लगभग दो सौ देश अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर योग के विभिन्न कार्यक्रमों के साथ जुड़कर भारत की ऋषि परंपरा के प्रति अपनी कृतज्ञता ज्ञापित कर रहे हैं।

सीएम योगी 9वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर बुधवार सुबह गोरखनाथ मंदिर में योगाभ्यास करने के पूर्व योग साधकों, प्रशिक्षुओं को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की बधाई दी और वैश्विक मंच पर योग की पुनर्प्रतिष्ठा के लिए पीएम मोदी के प्रति आभार जताया।

महंत दिग्विजयनाथ स्मृति सभागार में आयोजित कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र संघ में इस बात के लिए लोगों को नई प्रेरणा दी कि वास्तव में अगर विश्व कल्याण का मार्ग प्रशस्त करना है तो तो केवल और केवल योग से हम इसको आगे बढ़ा सकते हैं। विश्व शांति का मार्ग आगे बढ़ाने में योग माध्यम बन सकता है।

सीएम योगी ने कहा कि भारत ऐसे ही विश्व गुरु नहीं हुआ। यहां जो कुछ भी है वह व्यवहारिक है, पहले से प्रमाणित है। और, योग भी उसी परंपरा का हिस्सा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हजारों वर्षों की भारतीय मनीषा की परंपरा योग हम सबकी विरासत का हिस्सा है। हमें योग की विरासत पर गौरव की अनुभूति होनी चाहिए। हजारों वर्षों से जिस योग को हम अपने जीवन का हिस्सा मानते रहे हैं, वह आज वैश्विक मंच पर छाता हुआ पूरी दुनिया को अपनी और आकर्षित करता हुआ दिखाई दे रहा है।

भारत की आयुष पद्धति संपूर्ण आरोग्यता प्रदान करने वाली

सीएम योगी ने दुनिया में पिछले तीन-साढ़े तीन साल में जिस महामारी की चपेट में पूरी दुनिया आई थी, उस कोरोना कालखंड में भी दुनिया के अंदर सर्वाधिक मांग भारतीय आयुष पद्धति की हो रही थी। सबने यह माना कि भारतीय आयुष पद्धति संपूर्ण आरोग्यता प्रदान कर सकती है।

वास्तव में भारतीय आयुष पद्धति हमारी ऋषि परंपरा की तरफ से संपूर्ण आरोग्यता की लक्ष्य प्राप्ति हेतु मानवता के कल्याण का प्रशस्त पथ है जिसकी ओर पूरी दुनिया आकर्षित हो रही है। उन्होंने कहा कि आयुष की मांग लगातार बढ़ रही है। जो लोग पहले चाय पीते थे, कोल्ड ड्रिंक लेते थे, कोरोना कालखंड में उनमें से बहुतायत काढ़ा पीने लगे। यह भारत के आयुष की देन है।

हल्दी भारत की रसोई का प्रमुख हिस्सा है। आज दुनिया के अंदर इसकी बढ़ती हुई मांग भारत के किसानों के लिए एक नए अवसर को भी प्रदान करती है।

योग से शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य, दोनों की प्राप्ति

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमारी परंपरा शरीर को धर्म का साधन मानती है। 'शरीर माध्यम खलु धर्म साधनम्'। किसी भी क्षेत्र का व्यक्ति चाहे वह नौकरशाह हो, उद्योगपति हो या फिर किसान-मजदूर, अपना कार्य अच्छे से तभी कर पाएगा जब उसका शरीर स्वस्थ होगा। स्वस्थ शरीर के लिए स्वस्थ मस्तिष्क भी आवश्यक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सामान्यतः शारीरिक स्वास्थ्य के लिए हम लोग व्यायाम या एक्सरसाइज कर लेते हैं। पर, शारीरिक स्वास्थ्य के साथ मानसिक स्वास्थ्य भी चाहिए।

योग ऐसी विधा है जो स्वस्थ शरीर के साथ हमें स्वस्थ मस्तिष्क भी देती है।

प्राणायाम करने वालों पर कोरोना का प्रभाव न्यूनतम

योग के विभिन्न अंगों की महत्ता को विस्तार से समझाते हुए सीएम योगी ने कहा कि प्राणायाम करने वाले लोगों पर कोरोना का प्रभाव न्यूनतम रहा। कोरोना के सेकेंड वेव में सबसे अधिक प्रभावी लंग्स (फेफड़ों) पर पड़ा था। लोगों को श्वांस लेने में दिक्कत हो रही थी।

प्राणायाम से शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत लोगों को कोरोना या तो छू नहीं पाया या फिर संक्रमित होने पर भी वे कुछ ही दिनों में आरोग्यता को प्राप्त कर लिए। उनके बीच मृत्यु दर न्यूनतम थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राणायाम हमको न केवल मजबूत करते हैं बल्कि शारीरिक शुद्धि का भी माध्यम बनते हैं। इसी तरह योग के आसन न केवल हमें स्थिरता देते हैं बल्कि शारीरिक सुदृढ़ता भी प्रदान करते हैं।

योगी के लिए योग आध्यात्मिक क्षेत्र में प्रवेश का मार्ग

मुख्यमंत्री ने कहा कि एक योगी के लिए योग आध्यात्मिक क्षेत्र में प्रवेश करने का मार्ग होता है जो चेतना के विस्तृत आयाम को आगे बढ़ाता है। चेतना के बहुत छोटे से भाग का हम उपयोग कर पाते हैं लेकिन इसका क्षेत्र बहुत विस्तृत है।

उस चेतना के विस्तृत क्षेत्र में प्रवेश करने का माध्यम है योग। जबकि एक सामान्य गृहस्थ या सामान्य नागरिक के लिए योग शारीरिक और मानसिक आरोग्यता प्राप्त करने का माध्यम है। योग की परंपरा के साथ आज दुनिया जुड़ती दिखाई दे रही है। दुनिया में लोगों के सामने विभिन्न प्रकार की चुनौतियां हैं। कोई शारीरिक बीमारियों से तो कोई मानसिक रूप से परेशान है। ऐसे में संपूर्ण आरोग्यता प्रदान करने की दिशा में योग की बहुत महत्त्वपूर्ण भूमिका है।

अष्टांग व षट्कर्म के बारे में समझाया सीएम योगी ने

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि योग परंपरा में सामान्यतः हम अष्टांग योग को महत्व देते हैं। जिसमें यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान, समाधि अलग-अलग क्रियाएं हैं।

अलग-अलग प्रकार की ये विधाएं हैं हम सबको शारीरिक और मानसिक शुद्धि का माध्यम प्रदान करती हैं। इसी तरह हठयोग की कुछ विधाएं हैं। उसमें प्रारंभिक कार्यक्रमों को षट्कर्मों के साथ जोड़ दिया गया। देश काल, परिस्थिति, खान-पान या अन्य कारणों से व्यक्ति में कोई शारीरिक विकार आ गया है तो ये क्रियाएं शारीरिक शुद्धि का माध्यम बनती हैं। ये विशेष क्रियाएं नियमित नहीं होतीं, उनके निश्चित पक्ष होते हैं। उसके अनुरूप कोई व्यक्ति अभ्यास करेगा तो कायिक रुप से स्वस्थ होगा।

वात, कफ व पित्त जनित विकारों से मुक्ति दिलाता है योग

सीएम योगी ने बताया कि योग तमाम वात जनित, कफ जनित, पित्त जनित विकारों से मुक्ति दिलाता है। उन्होंने आसनों व प्राणायाम का महत्व समझाने के साथ ही नाड़ियों के शुद्धिकरण पर भी चर्चा की। कहा कि प्रणायाम नाड़ियों की शुद्धि का माध्यम बनता है।

चंचल मन को नियंत्रित करने का माध्यम है योग

मुख्यमंत्री ने कहा कि नाड़ी की क्रियाएं मन से जुड़ी क्रियाएं होती हैं। उन्होंने कहा कि मन की विचित्र स्थिति होती है। व्यक्ति के बंधन और मोक्ष दोनों का कारण मन होता है। एक स्वस्थ शरीर के लिए स्वस्थ मन भी आवश्यक है। चंचल मन व्यक्ति को चलायमान करता है।

मन को एकाग्र न कर पाने के कारण भी बहुत से लोग प्रतिभा होने के बावजूद जीवन में सफलता को प्राप्त नहीं कर पाते। इसलिए मन की वृत्ति को, जो चंचल है, उसे नियंत्रित करने का माध्यम योगासन देता है। उन्होंने कहा कि यद्यपि मन को नियंत्रित करना अत्यंत दुरुह कार्य है लेकिन व्यक्ति के जीने के लिए प्राणायाम से यह संभव है। नाथ पंथ की परंपरा में जिसे अजपा जप कहते हैं, श्वांस पर ध्यान केंद्रित कर मन को साधा जा सकता है। प्राणायाम के माध्यम से मन को नियंत्रित कर लिया गया तो योग के अन्य उच्चतर सोपान को प्राप्त करने में सफलता प्राप्त हो सकती है।

तनाव कम करने में योग कारगर

सीएम योगी ने कहा कि आज के समय में आप देख रहे होंगे क्या स्थिति चल रही हैं। जहां पर खान-पान गलत है वहां पर एक तनाव, ब्लड प्रेशर, शुगर के पेशेंट देखने को मिलते हैं। एक उम्र के बाद लोग जोड़ों (ज्वाइंट्स) को लेकर दिक्कत में आ जाते हैं। दुनिया में जा कर देखिए तो कई देशों में शुगर, बीपी आदि बीमारियों का रेट 25 से 30 पहुंच चुका है। एक डरावना दृश्य सबके सामने है। तनाव को पालने की वजह से आप देखते होंगे कि सामान्य जीवन में आपको कभी बहुत जल्दी गुस्सा आ जा जाता होगा।

ऐसे में दीर्घ श्वांस लीजिए, बहुत आराम प्राप्त होगा। धीरे-धीरे करके मन शांत होता दिखाई देगा। अनावश्यक तनाव व गुस्सा कई बार बड़ी घटना का कारण बन जाता है। योग इन सभी को नियंत्रित करने का माध्यम देता है।

योग को नियमित दिनचर्या का हिस्सा बनाएं

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी लोगों से अपील की कि योग को नियमित दिनचर्या का हिस्सा बनाएं। आयुष मंत्रालय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से जो प्रोटोकॉल दिए हैं, उससे जुड़ें। उन्होंने कहा कि हम सभी सूर्य नमस्कार, पवनमुक्तासन, भुजंगासन को आसानी से अपना सकते हैं। बस ध्यान यह देना है कि यदि एक आसन झुकने वाला आपने किया है तो उसके विपरीत आसन को भी समन्वय के साथ जोड़ना होगा।

योग का नियमित अभ्यास आपको आरोग्यता की दिशा में आगे बढ़ाने में मदद कर सकता है। उन्होंने कहा कि योग साधकों के लिए भारतीय शास्त्र परंपरा में कहा गया है कि जो लोग नियमित योग करते हैं उनको बुढ़ापा नहीं आता और न ही किसी प्रकार का रोग पकड़ता है।

प्रेरणा का दिवस है अंतरराष्ट्रीय योग दिवस

मुख्यमंत्री ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस वास्तव में नई प्रेरणा का दिवस है। यह दिवस हमें अपनी ऋषि परंपरा की विरासत पर गर्व की अनुभूति की प्रेरणा देता है। यह दिवस इस बात की प्रेरणा भी है कि योग के माध्यम से हम विश्व मानवता के कल्याण तथा आने वाली पीढ़ी के उज्ज्वल भविष्य का मार्ग प्रशस्त कर सकते हैं।

सीएम ने सुना पीएम का संबोधन, किया योग का अभ्यास

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखनाथ मंदिर के महंत दिग्विजयनाथ स्मृति सभागार में आयोजित कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लाइव संबोधन देखा व सुना। इसके बाद उन्होंने सभागार में उपस्थित योग साधकों व प्रशिक्षुओं के साथ योग का अभ्यास किया।

उल्लेखनीय है कि योग मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नियमित दिनचर्या का अनिवार्य व अपरिहार्य हिस्सा है।

*प्रधानमंत्री ने योग को पूरे विश्व का एक कार्यक्रम बना दियाः सुरेश कुमार खन्ना*


लखनऊ। उत्तर प्रदेश के वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना जी आज अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर रेजीडेंसी लखनऊ में आयोजित सामूहिक योगाभ्यास कार्यक्रम में मुख्यअतिथि के रूप में सम्मिलित हुए। उन्होंने योगाभ्यास कार्यक्रम के दौरान योग के विभिन्न आसनों को किया और लोगों को योग के लिए प्रोत्साहित किया। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए।

श्री खन्ना ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि 21 जून को भारत सहित पूरा विश्व अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मना रहा है। उन्होंने कहा कि योग हमारे मन मस्तिष्क आत्मा और शरीर को सभी तरीके से प्रभावित करता है। योग के द्वारा मन मस्तिष्क और शरीर को स्वस्थ रखा जा सकता है। जो लोग नियमित योग करते हैं, वे इस एहसास को भलीभांति महसूस कर सकते हैं। योग की विधा भारत की महर्षि पतंजलि की देन है। भारत में दुनिया को अर्थशास्त्र, जीरो, 1 से 9 तक के अंक, आयुर्वेद, व्याकरण आदि बहुत कुछ दिया है। योग भी भारत की विश्व को बहुमूल्य देन है।

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देते हुए सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि प्रधानमंत्री ने योग के महत्व को समझते हुए योग दिवस का प्रस्ताव यूनाइटेड नेशन के समक्ष रखा, जिसको यूनाइटेड नेशन ने बड़े बहुमत के साथ स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि योग की हमारी प्राचीन विधा एवं परंपरा को पूरे विश्व में स्वीकार किया। प्रधानमंत्री ने योग को पूरे विश्व का एक कार्यक्रम बना दिया। प्रतिवर्ष 21 जून को बड़े उत्साह के साथ योग दिवस पूरे विश्व में मनाया जाता है। विश्व के लगभग 180 देशों में योग को अंगीकार किया गया है।

*चरखे से क्रांति आई थी और अब बुलडोजर से शांति आई है : राज्यमंत्री एसपी सिंह बघेल*


लखनऊ । केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री एसपी सिंह बघेल ने कहा कि चरखे से क्रांति आई थी और अब बुलडोजर से शांति आई है। प्रदेश में अपराध का ग्राफ गिरा है। वे मुख्यालय स्थित नवीन मंडी परिसर में सरकार के नौ वर्ष पूरे होने पर आयोजित सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण सभा को संबोधित कर रहे थे। जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि गरीब, नौजवान, किसान के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काफी काम किए हैं।

जल शक्ति मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ की सरकार ने सरकार की योजनाओं का लाभ सीधे आमजन तक पहुंचाया है। गरीबों को राशन, दवाएं उपलब्ध कराई गई हैं। जिले के प्रभारी मंत्री संजीव गोंड ने कार्यकर्ताओं से गांव-गांव जाकर सरकार की उपलब्धियां बताने को कहा।

केंद्रीय मंत्री डॉ. महेंद्रनाथ पांडे ने कहा कि दुनिया भर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना हो रही है। सरकार के नौ साल बेमिसाल रहे हैं। डबल इंजन की सरकार ने देश की तरक्की के साथ विश्व में भी नाम रोशन किया है। 2004 से 2014 तक घोटाले वाली सरकारें थीं और अब बेदाग सरकार है। पहले हर छह महीने में एक घोटाला होता था। गठबंधन करने चले लोगों को सबक सिखाया जाएगा। नीतीश कुमार के पीएम बनने का सपना पूरा नहीं होगा।