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मणिपुर में नहीं थम रही हिंसा, आखिर बीजेपी नेताओं को क्यों बनाया जा रहा है निशाना?

#manipurviolenceangeragainstbjp 

मणिपुर में हिंसा की घटनाएं कम होने का नाम नहीं ले रही है। राज्य में पिछले डेढ़ महीने से आक्रोश की “आग” में जल रहा है।विद्रोहियों और सुरक्षाबलों के बीच झड़प जारी है। हिंसा और आगजनी की इन घटनाओं के बीच बीजेपी नेताओं के घरों और ऑफिस को निशाना बनाया गया है।भाजपा सासंद और केंद्रीय मंत्री आर के रंजन सिंह समेत कई नेताओं के घर पर हमले हो चुके हैं। केंद्रीय मंत्री आरके रंजन सिंह के आवास को गुस्साई भीड़ को आग के हवाले के किए जाने के अगले ही दिन बीजेपी के कई ऑफिस में तोड़फोड़ की खबर सामने आई।ऐसे में सवाल उठ रहा है कि मणिपुर हिंसा में भीड़ भाजपा नेताओं को क्यों निशाना बना रही है।

बीजेपी नेताओं के खिलाफ गुस्‍सा

जातीय हिंसा से प्रभावित मणिपुर में भीड़ ने शुक्रवार को भी भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं को अपना निशाना बनाया। मणिपुर के बिष्णुपुर जिले के क्वाकटा और चुराचांदपुर जिले के कंगवई से पूरी रात गोलीबारी हुई। इंफाल पश्चिम के इरिंगबाम पुलिस थाने में लूट की कोशिश की गई। हालांकि, इस दौरान कोई हथियार चोरी नहीं हुआ। दंगाइयों को इकट्ठा होने से रोकने के लिए सेना, असम राइफल्स और मणिपुर द्रुत कार्य बल (आरएएफ) ने इंफाल में आधी रात तक संयुक्त मार्च निकाला। इस बीच लगभग 1,000 लोगों की भीड़ ने महल परिसर के पास स्थित इमारतों में आग लगाने की कोशिश की। भीड़ ने विधायक बिस्वजीत के घर में आग लगाने का भी प्रयास किया। आरएएफ ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और रबड़ की गोलियां चलाईं। 

इसके बाद भीड़ ने सिंजेमाई में मध्य रात्रि के बाद भाजपा कार्यालय का घेराव किया, लेकिन वह उसे कोई नुकसान नहीं पहुंचा सकी, क्योंकि सेना ने भीड़ को तितर-बितर कर दिया। इसी तरह, इंफाल में आधी रात के करीब पोरमपेट के पास भाजपा की महिला इकाई की अध्यक्ष शारदा देवी के घर में भीड़ ने तोड़फोड़ करने की कोशिश की, लेकिन सुरक्षाबलों ने भीड़ को खदेड़ दिया 25 मई को मंत्री कोंथौजम गोविंददास के घर पर धावा बोला गया था और वहां भी तोड़फोड़ की गई थी। इसके बाद पिछले बुधवार को मंत्री नेमचा किपगेन के आधिकारिक आवास को आग के हवाले कर दिया गया। इसके बाद गुरुवार की रात केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री आरके रंजन सिंह के निजी आवास को आग को जलाया गया। गनीमत रही कि जिस समय उग्र भीड़ ने घर को आग के हवाले किया उस समय रंजन सिंह वहां मौजूद नहीं थे. उनका पूरा परिवार बाहर गया हुआ था।

भीड़ बीजेपी के नेताओं को ही क्यों निशाना बना रही है?

मणिपुर में बीजेपी की सरकार है। जिस तरीके से तेजी से बीजेपी नेताओं के खिलाफ गुस्सा बढ़ा है उसके पीछे वजह बताई जा रही है मैतेई समुदाय का गुस्सा। प्रदेश में 60 में से 40 विधायक मैतेई समुदाय के ही है और इस समुदाय के लोगों कहना है कि इन विधायकों ने पीएम मोदी तक उनकी बात ठीक से नहीं पहुंचाई।

स्थानीय लोगों का कहना है कि भीड़ सड़कों पर अपना गुस्सा निकाल रही हैं क्योंकि सरकार बढ़ती महंगाई को रोकने, सामान्य स्थिति बहाल करने और हिंसा में शामिल आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करने में विफल रही है।

अमित शाह की पहल का भी असर नहीं

मणिपुर में एक महीने से अधिक समय से जातीय हिंसा जारी है। 3 मई से अब तक जातीय हिंसा में 100 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। 50 हजार से ज्यादा लोग विस्थापित हो चुके हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी पिछले महीने मणिपुर का दौरा किया था और राज्य में शांति बहाल करने के अपने प्रयासों के तहत विभिन्न वर्गों के लोगों से मुलाकात की थी। बावजूद इसके हिंसा की घटनाएं कम नहीं हुई और विपक्षी दल इसको लेकर बीजेपी पर हमलावर हैं।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने स्थिति का आकलन करने और केंद्रीय बलों के बेहतर इस्तेमाल के लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के महानिदेशक एस. एल. थाउसेन को मणिपुर भेजा गया है। वर्तमान में, राज्य पुलिस बलों के अलावा मणिपुर में लगभग 30,000 केंद्रीय सुरक्षाकर्मी तैनात हैं। इन बलों में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की लगभग आठ बटालियन, सेना की 80 टुकड़ियां और असम राइफल्स की 67 टुकड़ियां शामिल हैं। इतना सब होने के बाद भी हिंसा पर नियंत्रण नहीं पाया जा सका है।

बवाल की वजह

मैतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मांग के विरोध में मणिपुर के पहाड़ी जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद पहली बार 3 मई को झड़पें हुईं थीं। मैतेई राज्य में प्रमुख समुदाय है। ये इंफाल घाटी में रहते हैं। इस समुदाय में हिंदू शामिल हैं और इनकी आबादी करीब 53 प्रतिशत हैं। वहीं, नागा और कुकी जनजातियां मणिपुर की आबादी का लगभग 40 प्रतिशत हिस्सा हैं, जो ‘अनुसूचित जनजाति’ श्रेणी में आती हैं। ये समुदाय पहाड़ी जिलों में रहता है। मैतेई समुदाय मणिपुर में अनुसूचित जनजातियों के अधिकारों की मांग कर रहा है, जो उन्हें मणिपुर में पहाड़ियों और जंगलों में भूमि का अधिकार प्रदान करेगा। इसी कारण उनके और नागा व कुकी समुदायों के बीच दरार पैदा हो गई। हिंसा के शुरुआत होने की असल जड़ यही है।

उत्तर प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में बारिश, चलेगी लू भी

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

चक्रवात बिपरजाॅय का असर उत्तर भारत में भी दिखाना शुरू हो रहा है। रविवार को राजधानी के कुछ इलाकों में सुबह बूंदाबांदी हुई। मौसम विभाग के अनुसार सोमवार से चार दिनों तक पश्चिमी उत्तर प्रदेश में झमाझम बारिश हो सकती है। आंचलिक मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार 30 से 40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवा और आंधी - पानी के आसार हैं। इससे तापमान में गिरावट होगी। मंगलवार से प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में तेज बारिश के आसार हैं। वहीं पूर्वी उत्तर प्रदेश के क‌ई जिलों में लू की चेतावनी जारी की गई है।

यहां आंधी - पानी के आसार

बुलंदशहर, अलीगढ़, मथुरा, हाथरस, आगरा, फिरोजाबाद, हापुड़, कासगंज, मैनपुरी, फरुखाबाद, कन्नौज, इटावा, औरेया, कानपुर देहात, कानपुर नगर, जालौन, झांसी ललितपुर आदि।

इन जिलों में लू की चेतावनी

कुशीनगर, गोरखपुर, संतकबीरनगर, भदोही, अंबेडकर नगर, आजमगढ़, जौनपुर, वाराणसी, चंदौली, गाजीपुर, म‌ऊ, , बलिया और देवरिया में लू चलेगी।

उत्तर प्रदेश, बिहार और ओडिशा में भीषण गर्मी, हीटवेव के कारण 100 से ज्यादा लोगों ने गंवाई जान

#heatwavealertin3stateupbiharodishanearly100died 

आसमान आग उगल रहा है, धरती तवे के समान तप रही है। देश के अधिकांश हिस्सों में लगभग इसी तरह के हालात हैं। तपती दोपहरी और लू लोगों की जान पर भारी पड़ रही है। इन दिनों देश में भयंकर लू चल रही है और इस लू के चलते देश के तीन राज्यों में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। जिन राज्यों में ये मौतें हुई हैं, उनमें उत्तर प्रदेश, बिहार और ओडिशा शामिल हैं। 

बलिया में लू लील रही जिंदगी

यूपी में भीषण गर्मी पड़ रहीं है। यूपी के बलिया में 11 जून से अब तक जिला अस्पताल में कम से कम 83 लोगों की मौत हो गई है। जिनमें से 54 लोगों की मौत तापमान और गर्मी की वजह से हुई। बलिया के चीफ मेडिकल ऑफिसर जयंत कुमार ने इलाके के जिला मजिस्ट्रेट रविंद्र कुमार को रिपोर्ट भेजी थी। बताया गया था कि 15 जून को जिला अस्पताल में 154 मरीज भर्ती हुए थे। जिनमें से 23 की मौत हो गई। इसके बाद 16 जून को 137 मरीज भर्ती हुए थे, जिसमें 20 मरीज की मौत गई। वहीं 17 जून को 11 मरीजों की मौत हो गई।

बिहार में 45 लोगों की मौत

लू की वजह से बिहार में भी मौतें देखने को मिली है। बिहार में 45 लोगों की मौत हुई।इसमें सबसे ज्यादा मौतें आरा जिले में देखने को मिली है। हालांकि, सरकार की ओर से इस संबंध में कोई आधिकारिक आंकड़ा सामने नहीं आय। राज्य में 18 जून को अधिकतम तापमान 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया।

 

दो से तीन दिनों में ओडिशा में लू से 20 लोगों की मौत

पिछले दो से तीन दिनों में ओडिशा में तपती दोपहरी और लू की वजह से 20 लोगों की मौत हो चुकी है। भुवनेश्वर में स्पेशल रिलीफ कमिश्नर ऑफिस ने भी इस बात को स्वीकार किया है कि लू की वजह से राज्य में 20 लोगों की जान चली गई है।रविवार को स्पेशल रिलीफ कमिश्नर ऑफिस की ओर से कहा गया है कि अब तक हमें कथित लू से 20 लोगों की मौत की जानकारी मिली है। बालासोर जिले में भी लू से एक लोगों की मौत हुई है। इस संबंध में जिलों के कलेक्टर और जानकारी इकट्ठा कर रहे हैं। विभाग की ओर से पीड़ित परिवार को 50,000 रुपये की सहायता राशि देने का भी ऐलान किया गया है।

3-4 दिनों तक भीषण गर्मी पड़ने की संभावना

एसआरसी ने मौसम विभाग के पूर्वानुमान का हवाला देते हुए कहा है कि राज्य में अगले 3-4 दिनों तक भीषण गर्मी पड़ने की संभावना है मौसम विभाग ने पूर्वी यूपी, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, ओडिशा, विदर्भ, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, यमन, ईस्ट मध्य प्रदेश, वेस्ट बंगाल में हीटवेव (लू) चलने का अलर्ट जारी किया है। ऐसे में लोगों को एहतियाती कदम उठाने की सलाह दी गई है। खासकर बुजुर्गों और बच्चों को तपती दोपहरी में घर से बाहर नहीं निकलने की सलाह दी गई है। इसके साथ-साथ लोगों को खुद को हाइड्रेटेड रखने और ज्यादा से ज्यादा पानी पीने की सलाह दी गई है।

महाराष्ट्र में औरंगजेब को लेकर जारी है बवाल, अब फडणवीस ने कहा-राष्ट्रवादी मुस्लिम मुगल बादशाह को नहीं मानते अपना नेता

#muslimsofthiscountryneveracceptedaurangzebdevendrafadnavis_said 

महाराष्ट्र औरंगजेब को लेकर राजनीति तेज है। सभी दलों के नेताओं के बीच औरंगजेब को लेकर जुबानी जंग जारी है। इस बीच महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि भारत में कोई भी मुस्लिम औरंगजेब का वंशज नहीं है और देश में राष्ट्रवादी मुसलमान मुगल बादशाह को अपना नेता नहीं मानते। उन्होंने औरंगाबाद जिले में औरंगजेब के मकबरे पर जाने के लिए वंचित बहुजन आघाड़ी (वीबीए) के प्रमुख प्रकाश आंबेडकर पर भी निशाना साधा।

हमारे राजा सिर्फ छत्रपति शिवाजी- फडणवीस

फडणवीस अकोला में मोदी सरकार के नौ साल पूरे होने पर एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान फडणवीस ने कहा, अकोला, संभाजीनगर और कोल्हापुर में जो हुआ वह संयोग नहीं, बल्कि प्रयोग था। राज्य में औरंगजेब के इतने हमदर्द कैसे आ गए? फडणवीस ने आगे कहा, 'औरंगजेब हमारा नेता कैसे हो सकता है? हमारा राजा केवल एक है और वह छत्रपति शिवाजी महाराज हैं... भारत के मुसलमान, औरंगजेब के वंशज नहीं हैं। मुझे बताएं कि औरंगजेब के वंशज कौन हैं? औरंगजेब और उसके पूर्वज कहां से आए थे? औरंगजेब और उसके पूर्वज बाहर से आए थे।

उद्धव ठाकरे से सवाल

इस दौरान देवेंद्र फडणवीस ने औरंगाबाद जिले में औरंगजेब के मकबरे पर जाने के लिए वंचित बहुजन आघाड़ी (वीबीए) के प्रमुख प्रकाश आंबेडकर पर भी निशाना साधा और शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे से सवाल किया कि क्या उन्हें उनका कदम मंजूर है। फडणवीस ने कहा, 'आंबेडकर कहते हैं कि औरंगजेब ने लंबे समय तक हमारे देश पर शासन किया। इसलिए हिटलर ने जर्मनी पर भी शासन किया। कई लोग हिटलर को भगवान की तरह पूजते थे...आपसे ये उम्मीद नहीं थी। उद्धव ठाकरे ने आंबेडकर के साथ गठबंधन किया है। तो क्या आप (ठाकरे) आंबेडकर के कृत्य को स्वीकार करते हैं?' 

बता दें कि इस साल की शुरुआत में, ठाकरे और आंबेडकर के दलों ने गठबंधन किया था।

राष्ट्रवादी मुस्लिम औरंगजेब का समर्थन नहीं करते- फडणवीस

उपमुख्यमंत्री ने कहा, इस देश में राष्ट्रवादी मुसलमान औरंगजेब का समर्थन नहीं करते हैं और वे केवल छत्रपति शिवाजी महाराज को अपना नेता मानते हैं। औरंगजेब के मकबरे पर जाने को लेकर प्रकाश आंबेडकर पर निशाना साधते हुए फडणवीस ने उनसे पूछा कि ऐसा करने की क्या जरूरत थी।

महाराष्ट्र में पिछले कुछ दिनों से औरंगजेब और टीपू सुल्तान को लेकर विवाद जारी है। कुछ युवकों ने सोशल मीडिया पर औरंगजेब की तस्वीर लगाई थी, जिसके बाद बवाल शुरू हुआ। इस घटना के बाद कोल्हापुर में हिंसा हुई। विपक्ष आरोप लगा रहा है कि बीजेपी चुनाव से पहले औरंगजेब का मुद्दा जानबूझकर उठा रही है। वहीं शिंदे गुट और बीजेपी विपक्ष को इसका जिम्मेदार बता रहा है।

कनाडा में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की गोली मारकर हत्या, भारत के वांडेट लिस्ट में था नाम

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खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की कनाडा में गोली मारकर हत्या कर दी गई। निज्जर आतंकी संगठन खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ) का चीफ था। वह कनाडा में रहकर लंबे समय से पंजाब में खालिस्तानी मूवमेंट को हवा दे रहा था। बता दें, एनआईए ने कुख्यात आतंकवादी संगठन खालिस्तान टाइगर फोर्स के मुखिया हरदीप सिंह निज्जर पर 10 लाख का इनाम घोषित किया हुआ था। ये इनाम जालंधर में एक पुजारी की हत्या के मामले में रखा गया था। भारत सरकार ने उसे आतंकी घोषित किया था।

सोमवार को कनाडा के एसएफजे प्रमुख और खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की गुरु नानक सिख गुरुद्वारा सरे में गोली मारकर हत्या कर दी गई है। जानकारी के अनुसार जिस गुरुद्वारे के आगे निज्जर की हत्या की गई है वह उसी गुरुद्वारे का अध्यक्ष था। गुरु नानक सिख गुरुद्वारे में दो अज्ञात बंदूकधारियों ने निज्जर को गोली मारकर इस वारदात को अंजाम दिया।

कनाडा में बैठकर भारत विरोधी गतिविधियां चला रहा था

निज्जर कनाडा में सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) का प्रमुख था खालिस्तानी टाइगर फोर्स का मुखिया भी था। वो कनाडा में बैठकर भारत के खिलाफ देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम दे रहा था। वह आतंकी संगठन सिख फॉर जस्टिस के मुखी गुरपतवंत सिंह पन्नू का करीबी भी था। 

हरदीप सिंह निज्जर पर 10 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था

सितंबर 2020 में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हरदीप निज्जर को आतंकवादी घोषित कर दिया था। इसके बाद निज्जर की जालंधर के भार सिंह पुरा गांव में संपत्तियां भी कुर्क की थी। इसी गांव में निज्जर ने पुजारी का कत्ल कराया था। इसके जरिए वह पंजाब में धार्मिक उन्माद फैलाने की फिराक में था। जिसके बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एआईए) ने भगोड़े खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर पर 10 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था।

निज्जर के संगठन को 4 महीने पहले आतंकी करार दिया था

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 4 महीने पहले निज्जर के संगठन केटीएफ को आतंकी संगठन करार दिया था। गृह मंत्रालय ने कहा था- खालिस्तान टाइगर फोर्स कट्‌टरपंथी संगठन है। जिसका मकसद पंजाब में फिर आतंकवाद फैलाना है। पंजाब में टारगेट किलिंग के पीछे भी इस संगठन का हाथ है। गृह मंत्रालय का कहना है कि ये संगठन भारत की क्षेत्रीय अखंडता, एकता, राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता को चुनौती देता है।

पीएम मोदी के अमेरिका दौरे से पहले भारतीय-अमेरिकी समुदाय में उत्साह, वाशिंगटन में निकाली एकता रैली
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 21 जून से 24 जून तक अमेरिका के दौरे पर रहेंगे। पीएम मोदी के दौरे को लेकर यूएस में तैयारियां जोरों पर हैं।वहीं, अमेरिका में रह रहे प्रवासी भारतीयों में प्रधानमंत्री मौदी के दौरे को लेकर खासा उत्साह भी दिखाई दे रहा है। इस बीच प्रधानमंत्री के अमेरिका आगमन से पहले रविवार को वाशिंगटन में भारतीय-अमेरिकी समुदाय के लोगों ने पीएम मोदी का गर्मजोशी से स्वागत करने के लिए एकता मार्च निकाला। *अमेरिका के 20 प्रमुख शहरों में एकता मार्च* भारतीय अमेरिकियों ने न्यूयॉर्क सहित पूरे अमेरिका के 20 प्रमुख शहरों में एकता मार्च का आयोजन किया। भारतीय समुदाय के लोगों ने 'मोदी मोदी', 'वंदे मातरम' और 'वंदे अमेरिका' के नारे लगाए। समाचार एजेंसी एएनआई की ओर से पोस्ट वीडियो में दिख रहा है कि भारतीय-अमेरिकी समुदाय के लोग ‘हर हर मोदी’ गाने की धुन पर डांस कर रहे हैं। *प्रवासी भारतीय समुदाय ने कहा “महान क्षण”* एकता मार्च में हिस्सा लेने वाले प्रवासी भारतीय समुदाय के एक सदस्य ने कहा कि ‘हम सभी यहां वाशिंगटन डीसी, मैरीलैंड और आसपास के शहरों में रहने वाले भारतीय प्रवासी हैं। हम सभी ‘एकता दिवस’ मनाने और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के बुलावे पर पीएम मोदी के आगामी दौरे लिए यहां जुटे हैं। यह हम सभी के लिए एक महान घटना है और हम सभी के लिए एक महान क्षण है। उन्होंने कहा कि ‘हम इसका जश्न मनाना चाहते थे और यह सुनिश्चित करना चाहते थे। हर कोई जानता है कि भारत और अमेरिका के संबंध कैसे बढ़ रहे हैं और वे कैसे मददगार हैं। बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन और प्रथम महिला जिल बाइडेन के निमंत्रण पर पीएम नरेंद्र मोदी बुधवार 21 जून से 24 जून तक अमेरिका की यात्रा पर होंगे। पीएम मोदी गुरुवार 22 जून को बाइडेन के राजकीय रात्रिभोज में शामिल होंगे, साथ ही कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगे। अगले दिन 23 जून को, पीएम मोदी वाशिंगटन डीसी में रोनाल्ड रीगन बिल्डिंग और इंटरनेशनल ट्रेड सेंटर में भाषण देंगे।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 21 जून से 24 जून तक अमेरिका के दौरे पर रहेंगे। पीएम मोदी के दौरे को लेकर यूएस में तैयारियां जोरों पर हैं।वहीं, अमेरिका में रह रहे प्रवासी भारतीयों में प्रधानमंत्री मौदी के

भारतीय मूल के छात्र ने ब्रिटेन में नशे में धुत महिला के साथ किया बलात्कार, कोर्ट ने सुनाई 6 साल की सजा

डेस्क: ब्रिटेन में भारतीय मूल के एक छात्र को 6 साल जेल की सजा सुनाई गई है। भारतीय मूल के छात्र को रेप के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। छात्र पर आरोप है कि उसने एक नशे में धुत महिला के साथ दुष्कर्म किया है। इस बाबत एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल भी हो रहा है जिसमें बलात्कार से पहले आरोपी छात्र नशे में धुत महिला को अपने कमरे में ले जाता दिख रहा है। इस वीडियो को कोर्ट में सुनवाई के दौरान भी चलाया गया था। द डेली मेल पर प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक आरोपी छात्र का नाम प्रीत विकल है जिसकी आयु 20 साल की है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले साल जून में यूके के कार्डिफ में अपने फ्लैट में आरोपी छात्र महिला को ले गया था। 

नशे में धुत महिला के साथ बलात्कार

इसके बाद नशे में धुत में महिला के साथ आरोपी छात्र ने बलात्कार किया था। डेली मेल पर प्रकाशित खबर के मुताबिक आरोपी ने स्वीकार किया है कि पीड़िता के साथ उसकी मुलाकात एक नाइट क्लब में हुई थी। आरोपी ने अपने जुर्म को भी स्वीकार कर लिया है। बता दें कि आरोपी छात्र यहां यहां इंजीनियरिंग कर रहा था। जब यह घटना घटी उस दौरान पीड़िता नशे में थी। ऐसे में आरोपी ने इसका फायदा उठाया।

 दरअसल शराब के नशे में लड़की जब क्लब के बाहर निकली तो घात लगाए आरोपी ने युवती को बहलाया-फुसलाया। इसके बाद अपने बातों में उसे फंसाकर वह युवती को अपने फ्लैट पर ले गया। इसके बाद आरोपी ने महिला के साथ दुष्कर्म किया। इस मामले में जुर्म स्वीकार करने के बाद कोर्ट ने आरोपी को 6 साल 9 महीने की सजा सुनाई है। 

कोर्ट ने दी 6 साल की सजा

बता दें कि बलात्कार से पूर्व का एक वीडियो भी इंटरनेट पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में दिख रहा है कि कार्डिफ रोड स्थित अपने फ्लैट पर 20 वर्षीय आरोपी युवक शराब के नशे में धुत महिला को ले जाता दिख रहा है। 

जानकारी के मुताबिक इस वीडियो को कोर्ट में सुनवाई के दौरान भी चलाया गया था। यह वीडियो सुबह के करीब 4 बजे का है जब आरोपी छात्र पीड़िता को पहले तो अपनी बांहों में लेकर जाता है। इसके बाद वह पीड़िता को अपने कंधे पर लेकर कमरेमें जाता है जिसके बाद उसने महिला के साथ बलात्कार किया। इस मामले में आरोपी को कोर्ट ने 6 साल से अधिक की सजा सुनाई है।

देश में पेट्रोल-डीजल की बिक्री में गिरावट, इस कारण मांग में आई कमी

डेस्क: मानसून के आगमन के साथ खेती के लिए डीजल, पेट्रोल की मांग कम होने और यातायात गतिविधियां घटने से जून के पहले पखवाड़े में इन वाहन ईंधनों की बिक्री में गिरावट आई है। उद्योग के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। देश में सबसे ज्यादा खपत वाले ईंधन डीजल की मांग जून के पहले पखवाड़े में सालाना आधार पर 6.7 प्रतिशत की गिरावट के साथ 34.3 लाख टन रह गई है। इससे पहले कृषि क्षेत्र की मांग बढ़ने से डीजल की बिक्री अप्रैल में 6.7 प्रतिशत और मई में 9.3 प्रतिशत बढ़ी थी। मासिक आधार पर डीजल की बिक्री जून के पहले पखवाड़े में 3.4 प्रतिशत बढ़ी है। 

मासिक आधार पर बिक्री में 3.8% की गिरावट 

एक से 15 मई के दौरान डीजल की बिक्री 33.1 लाख टन रही थी। पेट्रोल की बिक्री एक से 15 जून तक सालाना आधार पर 5.7 प्रतिशत गिरावट के साथ 13 लाख टन रह गई। माह-दर-माह आधार पर इसकी बिक्री 3.8 प्रतिशत की दर से गिरी। पेट्रोल और डीजल की बिक्री औद्योगिक और कृषि गतिविधियां बढ़ने से मार्च के दूसरे पखवाड़े से बढ़ गई थी। लेकिन मानसून के आगमन ने तापमान गिरा दिया है और जून के पहले पखवाड़े में खेतों की सिंचाई के लिए डीजल जेनसेट का उपयोग कम होने और ट्रैक्टर-ट्रक में इनकी खपत घटने से डीजल की बिक्री में गिरावट आई है। 

एक से 15 जून के दौरान पेट्रोल की खपत कोविड-19 महामारी में जून, 2021 की तुलना में 44.2 प्रतिशत अधिक थी और महामारी-पूर्व एक से 15 जून, 2019 की तुलना में 14.6 प्रतिशत अधिक थी। एक से 15 जून, 2021 की तुलना में डीजल की खपत 38 प्रतिशत और जून, 2019 के पहले पखवाड़े की तुलना में 8.8 प्रतिशत अधिक थी। विमानन क्षेत्र के लगातार सक्रिय रहने के साथ, हवाई अड्डों पर भारत में हवाई यात्रा का स्तर कोविड-पूर्व के स्तर के करीब पहुंच गया है। 

देश में ईंधन की मांग पिछले कुछ महीने में बढ़ी थी 

आंकड़ों के अनुसार, विमान ईंधन (एटीएफ) की मांग जून के पहले पखवाड़े में सालाना आधार 2.6 प्रतिशत बढ़कर 2,90,000 टन हो गई। यह 1-15 जून, 2021 के आंकड़ों से 148 प्रतिशत ज्यादा लेकिन 1-15 जून, 2019 की तुलना में 6.8 प्रतिशत कम है। विमान ईंधन की मांग 1-15 मई, 2023 के 3,01,900 टन से 3.9 प्रतिशत घटी है। सरकारी और निजी पूंजी निवेश में उछाल आने के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था में गति आई है। 

विनिर्माण क्षेत्र में भी उछाल आया है जबकि सेवा क्षेत्र मजबूत हुआ है। अधिकारियों ने कहा है कि देश में ईंधन की मांग को पिछले कुछ माह में मजबूत औद्योगिक गतिविधियों से समर्थन मिल रहा था। रसोई गैस एलपीजी की बिक्री एक से 15 जून के दौरान सालाना आधार पर 1.3 प्रतिशत कम होकर 11.4 लाख टन रह गई। एलपीजी खपत 1-15 जून, 2021 से 3.3 प्रतिशत ज्यादा और कोविड-पूर्व 1-15 जून, 2019 के आंकड़े से 26.7 प्रतिशत ज्यादा है। मासिक आधार पर एलपीजी गैस की मांग 6.2 प्रतिशत गिर गई। एलपीजी की मांग 1-15 मई, 2023 को 12.2 लाख टन थी।

उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में आज से बारिश का अलर्ट,

चक्रवात बिपरजॉय के कमजोर होने से मॉनसून के आगे बढ़ने की संभावना प्रबल, बिहार झारखंड में होगा असर



मौसम विज्ञान विभाग के द्वारा उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में आज से बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। चक्रवात बिपरजॉय के कमजोर होने के कारण मॉनसून के आगे बढ़ने की संभावना प्रबल हो चुकी है। बारिश के कारण इन इलाकों को भीषण गर्मी से राहत मिलने के भी आसार हैं। आपको बता गें कि बंगाल की खाड़ी के ऊपर किसी भी मौसम प्रणाली के अभाव में 11 मई से मानसून की प्रगति धीमी रही है। इसके अलावा चक्रवात बिपरजॉय ने भी दक्षिण-पश्चिम मानसून की धारा को प्रभावित किया है। हालांकि, उत्तर भारत के राज्यों में थोड़ी राहत देखी गई।

आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि 18 जून से 21 जून तक पूर्वी भारत और दक्षिण भारत के कुछ और हिस्सों में मॉनसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल होंगी। आईएमडी के मुताबिक, दिल्ली में बारिश के आसार हैं। साथ ही बिहार में भी आज बादल छाए रह सकते हैं। इससे लोगों को तपती गर्मी से राहत मिल सकती है।

भारत में अब तक मॉनसून की स्थिति

 लगभग एक हफ्ता की देरी से भारत में मॉनसून ने 8 जून को केरल में दस्तक दे दी थी। कुछ मौसम वैज्ञानिक चक्रवात को इसकी देरी का जिम्मेदार मानते हैं। हालांकि, इस मामले पर आईएमडी की सोच अलग है। मॉनसून ने अब तक पूरे पूर्वोत्तर, तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों, कर्नाटक के साथ-साथ बिहार और पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों को कवर कर लिया है।

बिपारजॉय के कारण राजस्थान के कई इलाकों में मूसलाधार बारिश

अरब सागर में उठे चक्रवात 'बिपरजॉय' के असर से राजस्थान के कई इलाकों में भारी बारिश का दौर शनिवार को भी जारी रहा। मौसम विभाग के अनुसार शनिवार शाम साढ़े पांच बजे तक सिरोही में 37.5 मिलीमीटर, जालौर में 36 मिमी, बाड़मेर में 33.6 मिमी, बीकानेर में 26.6 मिमी, डबोक में 13 मिमी, डूंगरपुर में 12.5 मिमी और जोधपुर में 10.5 मिलीमीटर बारिश हुईई। इस अवधि के दौरान कई अन्य स्थानों पर भी वर्षा हुई। विभाग ने बाड़मेर, जालोर और सिरोही जिलों में भारी बारिश की चेतावनी (रेड अलर्ट) जारी किया है। पाली और जोधपुर के लिए 'ऑरेंज अलर्ट' जारी किया गया है। इसी तरह जैसलमेर, बीकानेर, चूरू, सीकर, नागौर, झुंझुनू, अजमेर, उदयपुर, राजसमंद, जयपुर, जयपुर शहर, दौसा, अलवर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, करौली, सवाई माधोपुर, टोंक, बूंदी और कोटा जिलों के लिए 'येलो अलर्ट' जारी किया गया है।

राजस्थान में न्यूनतम तापमान 20 से 30 डिग्री सेल्सियस के बीच रिकॉर्ड किया गया। शनिवार को धौलपुर में सर्वाधिक तापमान 41.1 डिग्री सेल्सियस, श्रीगंगानगर में 40.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

बुर्के में परीक्षा देने की मनाही पर कॉलेज प्रशासन पर छात्राओं ने लगाया आरोप, तेलंगाना के गृहमंत्री बोले- होगी कार्रवाई

डेस्क: हैदराबाद के संतोष नगर के केवी रंगारेड्डी कॉलेज में छात्राओं को कथित तौर पर बुर्का पहनकर परीक्षा देने से मना कर दिया गया। छात्राओं ने इस बाबत आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें एग्जामिनेशन हॉल में बुर्का उतारने के बाद ही एंट्री मिली। पूरे मामले की निंदा करते हुए तेलंगाना के गृहमंत्री महमूद अली ने आश्वासन दिया कि इस मामले में आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। 

साथ ही उन्होंने छोटे कपड़ने पहनने को लेकर महिलाओं को नसीहत देते हुए कहा कि अगर महिलाएं कम कपड़ों में होंगी तो उनके साथ समस्या हो सकती है। लेकिन अगर महिला पूरे कपड़े पहनती हैं तो उन्हें लोग इसपर कुछ नहीं कहेंगे। 

गृहमंत्री महमूद अली ने कहा कि हो सकता है कि किसी हेडमास्टर या किसी के द्वारा ऐसा किया गया है। लेकिन हमारी नीति पूरी तरह सेक्युलर है। राज्य में लोग जो चाहें पहन सकते हैं। ऐसा कहीं नहीं लिखा है कि बुर्का नहीं पहना जा सकता है। स्कूल में किए गए इस हरकत पर हम एक्शन लेंगे। उन्होंने आगे कहा कि हमें अच्छे कपड़े पहनने चाहिए। यूरोपियन कपड़े भी पहनना सही नहीं है। महिलाओं को खासकर इसका ध्यान देना चाहिए। हमें अपनी सांस्कृतिक ड्रेस की इज्जत करनी चाहिए। कॉलेज प्रशासन पर एक्शन लेने की बात बोलते हुए उन्होंने कहा कि कॉलेज में बुर्का पहनकर जाने पर कोई रोक नहीं है। 

बुर्का पहनने पर रोक नहीं

दरअसल केवी रंगारेड्डी कॉलेज प्रशासन पर मुस्लिम छात्राओं ने आरोप लगाते हुए कहा है कि परीक्षा के दौरान एग्जामिनेशन हॉल में उन्हें बुर्का पहनकर नहीं जाने दिया गया। प्रशासन ने उन्हें कहा कि परीक्षा हॉल में जाने से पहले बुर्का उतारना होगा। हालांकि परीक्षा के बाद बुर्का पहन सकते हैं। इसके बाद छात्राओं ने बुर्का उतारकर परीक्षा दी और फिर बाहर आकर उन्होंने अपना बयान दर्ज कराया।