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बागेश्वर बाबा धीरेंद्र शास्त्री से शादी की चाह रखने वाली MBBS स्टूडेंट शिवरंजनी तिवारी उत्तर प्रदेश के महोबा पहुंची, कहा, वो तो मेरे प्राणनाथ है

बागेश्वर बाबा धीरेंद्र शास्त्री से शादी की चाह रखने वाली MBBS स्टूडेंट शिवरंजनी तिवारी उत्तर प्रदेश के महोबा में पहुंच गई हैं। बागेश्वर से वह महज 78 किलोमीटर की दूरी पर हैं। महोबा से पहले वह बांदा में थीं। वह शादी का प्रस्ताव लेकर पंडित धीरेंद्र शास्त्री से मिलने के लिए बागेश्वर धाम जा रही हैं।

शिवरंजनी ने अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए हाथ में कलश लिए गंगोत्री से पद यात्रा शुरू की है। वह चाहती हैं कि उनकी शादी धीरेंद्र शास्त्री से हो।

उन्होंने बताया कि वह 16 जून तक बागेश्वर धाम पहुंच जाएंगी। बाबा की दिवानी शिवरंजनी ने उन्हें अपना प्राणनाथ बताती हैं।

शिवरंजनी से जब सवाल किया गया कि अगर धीरेंद्र शास्त्री आपके शादी करने से इनकार कर दें तो? इस पर शिवरंजनी मुसकुरा दीं। वो बोलीं कि मैंनें तो यह कभी नहीं कहा कि मैं उनके पास शादी का प्रस्ताव लेकर जा रही हूं।

उन्होंने कहा कि वो तो मेरे प्राणनाथ हैं और हमेशा रहेंगे। वो मेरे भगवान हैं इसलिए मैं उन्हें प्राणनाथ बोलती हूं।

शिवरंजनी ने बताया कि धीरेंद्र शास्त्री 16, 17 और 18 जून को दिव्य दरबार लगाने वाले हैं। हमें उनके दर्शन अवश्य होंगे।

ट्विटर के सह-संस्थापक के दावे पर मचा संग्राम, कहा, भारत सरकार ने किसान आंदोलन के दौरान सरकार की आलोचना करने वाले ट्विटर खातों को बैन करने का दिय


 ट्विटर के सह-संस्थापक और पूर्व दिग्गज सोशल मीडिया कंपनी के पूर्व सीईओ जैक डोर्सी ने एक सनसनीखेज दावा किया है। एक इंटरव्यू में उन्होंने आरोप लगाया है कि भारत सरकार ने किसान आंदोलन के दौरान सरकार की आलोचना करने वाले ट्विटर खातों को बैन करने का दबाव डाला था। डोर्सी का कहना है कि ऐसा नहीं करने पर ट्विटर को भारत में बंद करने कर्मचारियों के घरों में छापेमारी की धमकी तक दी गई। सरकार की तरफ से एमओएस आईटी राजीव चंद्रशेखर ने डोर्सी के आरोपों को झूठ का पुलिंदा करार दिया है। लेकिन, विपक्ष ने इसे मुद्दा बना दिया है। कांग्रेस की विंग यूथ कांग्रेस और नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया ने डोर्सी की क्लिप साझा करते हुए सरकार पर निशाना साधा है। 

ट्विटर के सह-संस्थापक जैक डोर्सी का यूट्वयूब चैनल breaking points को दिया इंटरव्यू देश में मुद्दा बन गया है। उनसे सवाल पूछा गया था कि क्या उन्हें विदेशी सरकारों के किसी दबाव का सामना करना पड़ा? डोर्सी, जिन्होंने पिछले साल ट्विटर के बोर्ड मेंबर पद से इस्तीफा दे दिया था, ने जवाब दिया, “भारत उन देशों में से एक है, जब उनके पास किसान आंदोलन के दौरान कई अनुरोध आए थे, यह धमकी भी दी गई कि अगर सरकार की आलोचना करने वाले ट्विटर खातों को बैन नहीं किया गया तो वे 'भारत में ट्विटर को बंद कर देंगे' ... 'हम आपके कर्मचारियों के घरों पर छापा मारेंगे अगर आप इनका पालन नहीं करते हैं तो हम आपके कार्यालय बंद कर देंगे'।

डोर्सी के अन्य दावे

ट्विटर के पूर्व सीईओ जैक डॉर्सी के मुताबिक, तुर्की ने भी भारत की तरह ही व्यवहार किया। उन्होंने कहा कि तुर्की सरकार ने भी ट्विटर को बंद करने की धमकी दी। डोर्सी के साक्षात्कार पर प्रतिक्रिया देते हुए, भारतीय युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी ने ट्वीट किया, "लोकतंत्र की जननी - अनफ़िल्टर्ड।" एनएसयूआई नेता नीरज कुंदन ने आरोप लगाया कि भाजपा लोकतंत्र की हत्यारी है, यह बार-बार साबित हो रहा है।

गौरतलब है कि नवंबर 2021 में, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को निरस्त करने की घोषणा की, जब नवंबर 2020 से अभूतपूर्व पैमाने के विरोध में हजारों किसान दिल्ली की सीमा पर डेरा डाले हुए थे। मोदी सरकार ने किसानों को समझाने में विफलता को स्वीकार किया और फिर किसानों को मनाने के लिए संसद के शीतकालीन सत्र में तीनों कानूनों को वापस ले लिया गया।

भारत की प्रतिक्रिया

जैक डोर्सी के दावों पर भारत का भी रिएक्शन आया है। MoS IT राजीव चंद्रशेखर ने एक ट्वीट में डोर्सी के दावों को "झूठ का पुलिंदा" कहकर खारिज कर दिया है। कहा कि यह "ट्विटर के इतिहास के उस बहुत ही संदिग्ध काल को मिटाने का प्रयास" प्रतीत होता है। चंद्रशेखर ने यह भी दावा किया कि जब डोर्सी और उनकी टीम कंपनी में शीर्ष पर थी तब ट्विटर भारतीय कानून का बार-बार और लगातार उल्लंघन कर रहा था।

उन्होंने आगे कहा कि जनवरी 2021 में विरोध प्रदर्शन के दौरान, बहुत सारी गलत सूचनाएं फैलाई जा रही थीं और यहां तक कि नरसंहार की रिपोर्टें भी जो निश्चित रूप से फेक थीं। भारत सरकार को सोशल मीडिया मंच से गलत सूचनाओं को हटाने के लिए बाध्य होना पड़ा क्योंकि इसमें स्थिति और भड़क सकती थीं। चंद्रशेखर ने कहा, जैक के समय में ट्विटर पर इस तरह का पक्षपातपूर्ण व्यवहार था, कि उन्हें भारत में गलत सूचना को हटाने में समस्या हुई, जब उन्होंने संयुक्त राज्य अमेरिका में इसी तरह की घटनाएं होने पर स्वयं ऐसा किया था।

'लापरवाह' हो गए एलन मस्क: जैक डोर्सी

डोर्सी ने एलन मस्क के ट्विटर सीईओ के रूप में चलाने पर भी बात की। माना कि अरबपति कारोबारी द्वारा किए गए कुछ कदम "काफी लापरवाही" भरे थे।

उत्तरकाशी के पुरोला में बुलाई गई महापंचायत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गए पक्ष को लगा बड़ा झटका, शीर्ष अदालत ने सुनवाई से किया इंकार

15 जून को उत्तरकाशी के पुरोला में बुलाई गई महापंचायत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गए पक्ष को बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई से इंकार कर दिया है। कोर्ट ने इस मामले में तल्ख टिप्पणी की है।

पुरोला विवाद कम होने का नाम नहीं ले रहा है। जहां एक ओर ये मामला पीएम मोदी तक पहुंच गया है तो वहीं दूसरी ओर इस मामले में एक पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई से इंकार करते हुए तल्ख टिप्पणी की है।

कानून व्यवस्था राज्य सरकार का मसला : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने दायर याचिका पर ये कहते हुए सुनवाई से इंकार किया है कि कानून व्यवस्था राज्य सरकार का मसला है। इस मसले में आप सुप्रीम कोर्ट क्यों आ गए। आपको हाईकोर्ट जाना चाहिए।

इसके साथ ही कोर्ट ने कहा है कि आपको प्रशासन पर भरोसा क्यों नहीं है ? आपको क्यों लगता है कि प्रशासन इस पर कोई कार्रवाई नहीं करेगा।

याचिकाकर्ता ने वापस ली अपनी याचिका

सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को इस मामले में हाइकोर्ट जाने की सलाह दी है। जिसके बाद याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से अपनी याचिका वापस ले ली है। कोर्ट की तल्ख टिप्पणी के बाद इस मसले पर पत्र याचिका लगाने वाले पक्ष को बड़ा झटका लगा है।

महापंचायत पर रोक लगाने की मांग पर दायर की गई थी याचिका

15 जून को उत्तरकाशी के पुरोला में बुलाई गई बड़ी महापंचायत पर रोक लगाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई थी। दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अपूर्वानंद और लेखक अशोक वाजपेयी ने सीजेआई को पत्र याचिका भेजी थी। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इंकार कर दिया है।

अमेरिका के रेस्टोरेंट में मिल रही 'मोदी जी थाली', कई भारतीय व्यंजनों का ले सकते हैं स्वाद,

पीएम के सम्मान में शुरू इस थाली की पढ़िए, क्या है विशेषता

अमेरिका के न्यूजर्सी में स्थित एक रेस्टोरेंट ने एक स्पेशल थाली की शुरू की है। जिसका नाम है 'मोदी जी थाली' इस थाली में कई भारतीय व्यंजनों को पेश किया जाता है। 

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सम्मान में अमेरिका के न्यूजर्सी में स्थित एक रेस्टोरेंट ने एक स्पेशल थाली की शुरू की है।

जिसका नाम है ‘मोदी जी थाली’ इस थाली में कई भारतीय व्यंजनों को पेश किया जाता है। इसे पीएम मोदी के राजकीय यात्रा के सम्मान में शुरू किया गया है।

पीएम मोदी 21 से 24 जून तक अपनी पहली राजकीय यात्रा पर अमेरिका जाएंगे। उनकी इस यात्रा को देखते हुए रेस्टोरेंट ने इस थाली को शुरू किया है। पीएम मोदी की यह यात्रा बहुत ही खास होने वाली है। दोनों के देशों के बीच कई समझौते हो सकते हैं।

थाली में मिलेंगे ये व्यंजन

न्यूजर्सी में मोदी जी थाली शुरू करने वाले रेस्टोरेंट के मालिक का नाम कुलकर्णी है। उन्होंने बताया कि भारतीय समुदाय डिमांड पर हमने मोदी जी स्पेशल थाली बनाई है। इस थाली में कई तरह के भारतीय व्यंजनों को शामिल किया गया है। इनमें सरसों का साग, आलू दम की सब्जी, रसगुल्ला, ढोकला, छाछ, पापड़, खिचड़ी जैसे व्यंजन शामिल हैं।

उन्होंने बताया कि भारतीय लोगों ने इस थाली का स्वाद चखा है और उन्हें ये थाली बहुत पसंद आई है। वहीं कई लोगों ने कहा मोदी जी थाली को बहुत लोग पसंद कर रहे हैं। इस इसकी कीमत तय नहीं की गई है। थाली की लॉन्चिंग के बाद इसका पता चलेगा।

राजकीय यात्रा

राजकीय यात्रा का मतलब है देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री या राजा दूसरे देश के अधिकारिक यात्रा करते हैं, तो उसे राजकीय यात्रा कहा जाता है। पीएम मोदी अपनी इस यात्रा के दौरान दूसरी बार अमेरिकी कांग्रेस की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगे। ऐसा करने वाले पीएम मोदी भारत के पहले प्रधानमंत्री होंगे।

शक्तिशाली चक्रवात ‘बिपरजॉय’ के संभावित आगमन से दो दिन पहले 37 हजार लोगों सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया, जखाऊ बंदरगाह से लगभग 280 KM दूर हैबिपरजॉय


गुजरात के कच्छ जिले में जखाऊ बंदरगाह के निकट शक्तिशाली चक्रवात ‘बिपरजॉय’ के संभावित आगमन से दो दिन पहले अधिकारियों ने मंगलवार को तटीय क्षेत्रों से करीब 37,000 लोगों को अस्थायी आश्रय स्थलों में स्थानांतरित कर दिया। ‘अत्यंत गंभीर चक्रवाती तूफान’ में बदल चुका ‘बिपरजॉय’ चक्रवात 15 जून की दोपहर के आसपास यह सौराष्ट्र-कच्छ तथा इससे सटे पाकिस्तान के तटों से गुजर सकता है।

एक अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की कई टीम तैयार हैं। इसके साथ ही, सेना के अधिकारियों ने नागरिक प्रशासन और एनडीआरएफ के साथ संयुक्त रूप से राहत कार्यों की योजना बनाई है। सेना ने रणनीतिक स्थानों पर बाढ़ राहत टुकड़ियों को तैयार रखा है।

चक्रवात के मद्देनजर तैयारियों का जायजा लेने के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बैठक में, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुजरात सरकार से संवेदनशील स्थानों पर रहने वाले लोगों को सुरक्षित क्षेत्रों में ले जाने की व्यवस्था करने और बिजली, दूरसंचार, स्वास्थ्य तथा पेयजल जैसी सभी आवश्यक सेवाएं सुनिश्चित करने को कहा। बैठक में गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, दो केंद्रीय मंत्रियों, गुजरात के कई मंत्रियों और चक्रवात से प्रभावित होने की आशंका वाले आठ जिलों के सांसद, विधायक और अधिकारियों ने भाग लिया।

मुंबई के जुहू बीच पर नहाने गए 6 लड़के बहे

 बिपरजॉय तूफान के बाद हर सुमद्री इलाके में अलर्ट जारी कर दिया गया है लेकिन इसके बावजूद लोगों का बीच पर आना-जाना जारी है। इस दौरान मुंबई के जुहू बीच एक बड़ा हादसा हो गया। दरअसल, यहां नहाने के लिए आए 6 लड़के समुद्र में तेज लहरें होने के कारण डूब गए। जिसमें से दो को लाइफगार्ड ने किसी तरह बचा लिया, वहीं दो के शव बरामद हो गए हैं और बाकी दो लड़कों की तलाश के लिए सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है।

NEET Result 2023 : नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने नीट यूजी प्रवेश परीक्षा का रिजल्ट ऑफिशियल वेबसाइट neet.nta.nic.in पर किया घोषित, प्रबंजन जे और बोरा वरुण ने टॉप



नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने नीट यूजी प्रवेश परीक्षा के रिजल्ट ऑफिशियल वेबसाइट neet.nta.nic.in पर घोषित कर दिए हैं। नीट यूजी 2023 में प्रबंजन जे और बोरा वरुण ने टॉप किया है। नीट रिजल्ट में बिहार के शशांक कुमार ने 715 अंक लाकर बिहार के टॉपर बने हैं। वहीं वह राज्य में दूसरे नंबर शशांक सिन्हा हैं। इन्हें ऑल इंडिया रैंक 20 प्राप्त हुआ है। इन्हें 712 अंक प्राप्त हुआ है। मेडिकल कॉलेजों में विभिन्न स्नातक कोर्सों में प्रवेश के लिए होने वाली राष्ट्रीय पात्रता सह-प्रवेश परीक्षा (NEET-UG) के नतीजे 13 जून, मंगलवार को जारी किए गए जिसमें देशभर के करीब 11 लाख छात्र सफल हुए हैं। जिन छात्रों ने नीट परीक्षा में भाग लिया हो वे अपना नीट रिजल्ट, नी स्कोर/रैंक वेबसाइट neet.nta.nic.in पर जाकर चेक कर सकते हैं। कुछ ही देर पर रिजल्ट का डायरेक्ट लिंक यहां पर भी देख सकेंंगे।

एनटीए की ओर से जारी नोटिस के अनुसार, नीट यूजी के लिए 2087462 छात्रों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया था। इन छात्रों के लिए 499 शहरों में 4097 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे। इनमें 14 परीक्षा केंद्र देश से बाहर भी बनाए गए थे। नीट यूजी 2023 का आयोजन 7 मई 2023, रविवार को दोपहर बाद 2 बजे से शाम 05:20 बजे तक किया गया था।

नीट परीक्षा का आयोजन 13 भारतीय भाषाओं (असमिया, बंगाली, अंग्रेजी, गुजराती, हिंदी, कन्नड़, मलयालम, मराठी, उड़िया, पंजाबी, तमिल, तेलुगु और उर्दू) में के किया गया था। 

एनटीए की ओर से जारी आंकड़ो के अनुसार, इस बार अब तक रिकॉर्ड सबसे ज्यादा संख्या में छात्रों ने नीट परीक्षा के लिए आवेदन किया था और इसमें भाग लिया है। आंकड़ो के अुनसार, 2022 में जहां करीब 18 लाख (1872343 ) छात्रों ने नीट यूजी का फॉर्म भरा था वहीं 2023 में यह संख्या 20 लाख से ज्यादा 2087462 रही है। इसी प्रकार 2021 में 16 लाख और 2020 में करीब 15 लाख छात्रों ने नीट परीक्षा में भाग लिया था।

नीट काउंसलिंग 2023 ( NEET counselling 2023 ) की सूचना मेडिकल काउंसिलिंग कमिटी की आधिकारिक वेबसाइट mcc.nic.in पर जारी की जाती है। काउंसलिंग से पहले एमबीबीएस की सीटें घट भी सकती हैं क्योंकि कुछ कॉलेजों की मान्यता खतरे में है।

बंगाल पंचायत चुनाव में नहीं बढ़ेगी नामांकन की आखिरी तारीख, यहां डिटेल में पढ़िए, क्या बोला कलकत्ता हाई कोर्ट

कलकत्ता हाई कोर्ट ने पश्चिम बंगाल में 8 जुलाई को होने वाले पंचायत चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख बढ़ाने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने साफ कहा है कि नामांकन की तारीख को आगे नहीं बढ़ाया जाएगा। कोर्ट ने कहा, "समय बढ़ाने का फैसला पूरी तरह से एसईसी के पास है। एसईसी ऐसे मुद्दे से निपटने के लिए सक्षम है और कोर्ट इसे आयोग के विवेक पर छोड़ती है। कलकत्ता हाई कोर्ट में विपक्षी नेताओं की तरफ से समय बढ़ाने को लेकर याचिकाएं दायर की गई थीं। नामांकन दाखिल करने को लेकर जारी हिंसा और झड़पों के बीच सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने सोमवार (12 जून) को विपक्षी दलों पर हार के डर से चुनाव में देरी करने और राज्य की छवि धूमिल करने के लिए ‘साठगांठ करने' का आरोप लगाया था।

 विपक्ष का आरोप

वहीं, विपक्षी दल बीजेपी (BJP), कांग्रेस और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPM) ने आरोप लगाया कि उनके उम्मीदवारों को टीएमसी के कार्यकर्ताओं की तरप से विभिन्न जिलों में नामांकन पत्र जमा करने से रोका गया है। विपक्षी दलों ने कहा था कि केंद्रीय बलों की तैनाती के बिना यहां शांतिपूर्ण और निष्पक्ष चुनाव होना असंभव है। इसपर कोर्ट ने कहा, "ऐसे क्षेत्रों में जहां केंद्रीय बलों को तैनात नहीं किया जाता है, वहां यह राज्य पुलिस की जिम्मेदारी होनी चाहिए।

सुरक्षा को लेकर बोला कोर्ट?

कोर्ट ने कहा, " एसईसी (SEC) को मतदान एजेंटों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए। SEC को संवेदनशील क्षेत्रों में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की तैनाती की मांग पर विचार करना चाहिए। पश्चिम बंगाल में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 8 जुलाई को एक चरण में ही होंगे। नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 15 जून होगी। त्रिस्तरीय पंचायती राज प्रणाली में ग्राम पंचायत, पंचायत समिति और जिला परिषद शामिल हैं।

अब भाकपा नेता डी राजा से मिले केजरीवाल, क्या केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश होगी कामयाब?*

#cmarvindkejriwaltomeetdraja

आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग के अधिकार को लेकर केंद्र सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश के खिलाफ विपक्षी दलों का समर्थन जुटा रहे हैं। इसी क्रम में अरविंद केजरीवाल ने भारतीय कम्‍युनिस्‍ट पार्टी (माकपा) के महासचिव डी. राजा से मुलाकात कर केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ समर्थन मांगा है।बुधवार को केजरीवाल ने सीपीआई के दफ्तर पहुंचकर सीपीआई नेता डी राजा से मुलाकात कर समर्थन मांगा। आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह और राघव चड्ढा भी उनके साथ मौजूद रहे।

केजरीवाल ने ट्विटर के जरिए कहा, सीपीआई नेताओं का भी मानना है कि दिल्ली में केंद्र सरकार का तानाशाही अध्यादेश लोकतंत्र और संविधान पर हमला है और वे इस अध्यादेश के खिलाफ संसद में दिल्ली की जनता का साथ देंगे। सभी दिल्लीवासियों की तरफ से मैं सभी सीपीआई नेताओं का तहे दिल से शुक्रिया अदा करता हूं।

डी राजा ने कहा- बिल संसद में आएगा तो विरोध करेंगे

इस मुलाकात के बाद डी राजा ने कहा कि हमने बात की कि कैसे अध्यादेश के ज़रिए दिल्ली सरकार को पावर लेस किया जा रहा है। हमारी पार्टी सीपीआई डिमांड करती रही है कि दिल्ली को 'फुल स्टेट हुड' मिले, क्योंकि यहां चुनी हुई सरकार है। ऐसा ही केस पुदुच्चेरी का है।डी राजा ने कहा, हम केंद्र के अध्यादेश का विरोध करते हैं। जब भी यह बिल के रूप में संसद में आएगा, हम उसका विरोध करेंगे। हम दिल्ली सरकार के साथ हैं। कई पार्टी इस मुद्दे पर दिल्ली सरकार का समर्थन कर रही हैं। केंद्र सरकार राज्यों को परेशान कर रही है। अन्य राज्यों में भी यह दिख रहा है कि राज्यों को टारगेट किया जा रहा है। यह दिल्ली के लोगों का अपमान है, जिन्होंने अपनी सरकार चुनी है। सदन के बाहर भी हम इस अध्यादेश का विरोध कर रहे हैं।

क्या केजरीवाल की कोशिश होगी कामयाब?

आपको बता दें कि केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ केजरीवाल विपक्षी दलों को एकजुट करने में जुटे हुए हैं। इसके लिए केजरीवाल कई विपक्षी पार्टी के दिग्गज नेताओं से मुलाकात कर चुके है। बड़ा सवाल यह खड़ा हो रहा है कि क्या केजरीवाल के प्रयास से केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ विपक्षी एकता मजबूत हो पाएगी। क्या केजरीवाल विपक्षी नेताओं को एक मंच पर लाने में कामयाब हो जाएंगे। अगर केजरीवाल का तीर निशाने पर लगता है तो निश्चित तौर पर बीजेपी के लिए यह अध्यादेश सिरदर्द बन जाएगा। वैसे भी कर्नाटक में बीजेपी की हार ने विपक्षी दलों में जान फूंक दी है। इसकी एक झलक सिद्धरमैया के शपथ समारोह में देखने को भी मिल चुकी है। जब सारे विपक्षी दल एकजुट होकर एक मंच पर खड़े दिखाई दिए थे।

ईडी के गिरफ्तार करते ही तमिलनाडु के मंत्री की तबीयत बिगड़ी, अब डॉक्टरों ने दी तुरंत सर्जरी की सलाह, सेंथिल बालाजी के हार्ट में मिले 3 ब्लॉकेज

#vsnethilbalajiedcustodybypasssurgerymustneed

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से गिरफ्तार तमिलनाडु के बिजली और आबकारी मंत्री वी सेंथिल बालाजी को तत्काल सर्जरी की सलाह दी गई है। सेंथिल के हार्ट में तीन ब्लॉकेज मिले हैं। बुधवार सुबह ईडी की ओर से गिरफ्तार किए जाने के कुछ घंटे बाद ही सेंथिल की तबीयत खराब हो गई थी। सीने में दर्द की शिकायत के बाद आनन-फानन में उन्हें चेन्नई के ओमानदुरार सरकारी अस्पताल में भर्ती कर दिया गया था।

अस्पताल ने जारी किया मेडिकल बुलेटिन

तमिलनाडु के मंत्री वी. सेंथिल बालाजी को धनशोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया गया है। पूछताछ के एक लंबे सत्र के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। मंगलवार को उन्‍हें बेचैनी की शिकायत के बाद शहर के एक सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां डॉक्टरों ने उनको बाईपास सर्जरी करवाने की सलाह दी है।तमिलनाडु की सरकारी मल्टी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, चेन्नई ने मेडिकल बुलेटिन जारी की। इसके मुताबिक, विद्युत मंत्री सेंथिल बालाजी का कोरोनरी एंजियोग्राफी कराया गया है। उन्हें जल्द से जल्द बाईपास सर्जरी कराने के लिए सलाह दी गई है।

स्टालिन ने ईडी के इस एक्शन को केंद्र की बदले की कार्रवाई कहा

फिलहाल सेंथिल बालाजी बिजली मंत्री हैं। लेकिन इससे पूर्व एआईएडीएमके की सरकार में ट्रांसपोर्ट मंत्री थे। उसी दौर में हुए कैश फॉर जॉब स्कैम के मामले में उन्हें ईडी ने गिरफ्तार किया है। इसको लेकर तमिलनाडु में बवाल मचा हुआ है। पार्टी के नेता की गिरफ्तारी को डीएमके ने असंवैधानिक करार दिया है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने ईडी के इस एक्शन को केंद्र सरकार की तरफ से बदले की कार्रवाई करार दिया है। वहीं, डीएमके नेताओं केंद्र की सत्ताधारी पार्टी बीजेपी पर निशाना साधते डराने-धमकाने का आरोप लगाया। पार्टी ने कहा कि वो इसके खिलाफ कानूनी लड़ाई का सहारा लेगी।

ईडी पर गिरफ्तारी के दौरान दिशा-निर्देशों का पालन नहीं करने का आरोप

डीएमके सांसद और एडवोकेट एनआर एलांगो ने मद्रास हाईकोर्ट में कहा कि तमिलनाडु के मंत्री वी सेंथिल बालाजी को प्रवर्तन निदेशालय ने हिरासत में लिया है। हमें गिरफ्तारी की कोई जानकारी नहीं है। ईडी ने गिरफ्तारी के दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया है। एलांगो की दलीलों पर कोर्ट ने कहा कि प्रत्यक्षीकरण याचिकाओं की औपचारिकताएं पूरी होने के बाद मामले को देखा जाएगा

पिता त्याग और समर्पण का उदाहरण है विश्वभर में इस रविवार को मनाया जाएगा फादर्स डे*


रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव 

कहते है कि दुनिया में मां और बच्चे का रिश्ता सबसे बड़ा होता है। मां बच्चे को जन्म देती है, उसे बड़ा करती है। लेकिन एक पिता बच्चे को सभ्य बनाने के साथ ही उसके भविष्य को संवारने में अहम भूमिका निभाता है। बच्चे के जीवन में पिता का रोल मां जितना ही है। पिता त्याग और समर्पण का उदाहरण है। एक पिता ही बच्चे को समाज की हर बुराई से बचाता है। पिता बच्चों की जरूरतों को पूरा करने के लिए खुद संघर्ष करते हैं। उनके भविष्य को संवारने के लिए दिशा निर्देशन करते हैं। मां तो मातृत्व न्योछावर कर देती है लेकिन बच्चे को सही मार्ग दिखाने के लिए पिता को कठोर बनना पड़ता है। पिता अक्सर बच्चे के प्रति उस तरह का प्यार जता नहीं पाते, जैसे मां जताती हैं लेकिन बिना दिखाए या जताए जीवन भर की खुशियां बच्चे को देने का काम एक पिता ही कर सकता है। पिता के इसी प्रेम, त्याग को सम्मान देने के लिए दुनिया के तमाम देशों में फादर्स डे मनाया जाता है। इस बार फादर्स डे 18 जून को मनाया जाएगा।

कब है फादर्स डे?

दुनियाभर के सभी पिता को सम्मान देने के लिए हर साल फादर्स डे मनाया जाता है। जून के तीसरे रविवार के दिन फादर्स डे मनाने की परंपरा है। इस साल 18 जून 2023 को फादर्स डे मनाया जाएगा। इस दिन को मनाने की शुरुआत 1910 से हुई थी।

कब और कहां मनाया गया पहला फादर्स डे?

फादर्स डे मनाने की शुरुआत 19 जून 1910 से हुई थी। वाशिंगटन के स्पोकेन शहर में पहली बार फादर्स डे मनाया गया था। पिता को सम्मान देने के लिए इस दिन की शुरुआत एक बेटी ने की। वाशिंगटन में रहने वाली इस बेटी के लिए उनके पिता मां से भी बढ़कर थे। फादर्स डे को मनाने के पीछे एक बेटी और पिता के प्यार की रोचक कहानी है।

क्यों हुई फादर्स डे मनाने की शुरुआत?

वाशिंगटन में रहने वाली सोनोरा नाम की लड़की की मां के निधन के बाद पिता ने ही अकेले उनकी परवरिश की। पिता ने एक मां की तरह बेटी को प्यार दिया तो एक पिता की तरह उसकी सुरक्षा और फिक्र की। सोनोरा को अपने पिता से बहुत प्यार था, जिनके कारण उन्हें मां की कमी महसूस नहीं होती थी।

फादर्स डे पर आधिकारिक घोषणा

बाद में साल 1916 में अमेरिकी राष्ट्रपति वुडरो विल्सन ने फादर्स डे मनाने के प्रस्ताव को स्वीकार किया। साल 1924 में राष्ट्रपति कैल्विन कूलिज ने फादर्स डे को राष्ट्रीय आयोजन घोषित कर दिया। बाद में 1966 में राष्ट्रपति लिंडन जॉनसन ने फादर्स डे को जून के तीसरे रविवार को मनाने का ऐलान किया। 1972 में राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन ने इस दिन अवकाश की घोषणा की।