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*राजकीय आईटीआई लखनऊ में 12 जून को रोजगार मेले का आयोजन*


लखनऊ- 12 जून को राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, अलीगंज में राजकीय आईटीआई अलीगंज, लखनऊ एवं क्षेत्रीय सेवायोजन कार्यालय लखनऊ के संयुक्त तत्वाधान में रोजगार मेले का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें 30 से अधिक प्रतिष्ठित कम्पनियों के आने की सम्भावना है।

एमए खाँ, ट्रेनिंग काउंसिलिंग एण्ड प्लेसमेन्ट आफिसर ने बताया कि जो मात्र केवल हाईस्कूल/केवल इण्डटमीडिएट/केवल आईटीआई/केवल कौशल विकास केवल स्नातक/ केवल डिप्लोमा से पास अभ्यर्थी विभिन्न कम्पनियों में नौकरी के पात्र होंगे। जिसमें आयुसीमा 18 से 40 वर्ष एवं वेतन 8000 से 18000 रुपये प्रति माह, पीएफ, ईएसआईसी कैन्टीन एवं अन्य सुविधाएं कम्पनी द्वारा दिया जायेगा। मेले में पुरूष/महिला अभ्यर्थी प्रतिभाग कर सकते है। कम्पनियों कुल लगभग 4000 पदों पर चयन किया जायेगा।

अभ्यर्थी 12 जून को अपने बायोडाटा के साथ समस्त शैक्षिक प्रमाण पत्रों के साथ प्रातः 9 बजे राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, अलीगंज, लखनऊ परिसर में उपस्थित होकर सेवायोजित हो सकते है।

*राहत भरी खबर : यूपी में पांच साल तक के सभी ट्रैफिक चालान निरस्त, यह नियम सभी प्रकार के वाहनों पर होगा लागू*


लखनऊ । उत्तर प्रदेश में रहने वाले वाहन चालकों के लिए राहत बड़ी खबर है। चूंकी सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के निजी और कामर्शियल वाहन स्वामियों को बड़ी सौगात दी है। योगी सरकार ने यूपी में लंबे समय से वाहन चालान का भुगतान न करने वाले मालिकों को रियायत देते हुए उनका चालान निरस्त कर दिया है। सीएम योगी के इस फैसले से प्रदेश के लाखों वाहन मालिकों ने राहत की सांस ली है। यह उन वाहन चालकों के लिए खुशखबरी है जिनके अलग-अलग ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन में चालान काटे थे। ऐसे में जितने भी उत्तर प्रदेश में 1 जनवरी 2017 से 31 दिसंबर 2021 के बीच चालान काटे गये हैं। उनके सभी चालान निरस्त कर दिए गए हैं। साथ ही जो विभिन्न न्यायालयों में लंबित है। यह सभी वाहनों पर लागू होते हैं।

शासन की ओर से इस संबंध में निर्देश सभी संभागीय परिवहन कार्यालयों में भेज दिए गए

परिवहन आयुक्त चंद्र भूषण सिंह ने सभी संभागीय परिवहन अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि न्यायालय में उपसमित वादों की सूची प्राप्त कर इन चालानों को पोर्टल से डिलीट कर दिए जाएं। यूपी सरकार के इस कदम से बाकी लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। शासन की ओर से इस संबंध में निर्देश सभी संभागीय परिवहन कार्यालयों में भेज दिए गए हैं। आदेश में कहा गया है कि न्यायालय में लंबित चालान की सूची प्राप्त कर ई चालान पोर्टल से इसे हटा दिया जाए। आदेश के मुताबिक, एक जनवरी 2017 से 31 दिसंबर 2021 की अवधि में काटे गए चालानों को निरस्त किया जा रहा है। परिवहन आयुक्त ने बताया कि उत्तर प्रदेश अध्यादेश संख्या 2 जून 2023 के माध्यम से यह व्यवस्था लागू की गई है कि पुराने लंबित चालान निरस्त करा दिए जाएं। मालूम हो कि नोएडा में किसान इस तरह से चालान को निरस्त करने की मांग करते हुए धरना दे रहे थे। इससे पूरे उत्तर प्रदेश में करोड़ों लोगों के चालान माफ होने का रास्ता साफ हो गया है।

आप घर बैठे ऑनलाइन ट्रैफिक चालान भर सकते हैं

जानकारी के लिए बता दें कि वहीं, इस अवधि के बाद वाले वाहन चालकों को घबराने की जरूरत नहीं है। आप घर बैठे ऑनलाइन ट्रैफिक चालान भर सकते हैं। यूपी ट्रैफिक पुलिस आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर पूरी जानकारी एकत्रित कर सकते हैं। इसके लिए सिर्फ गाड़ी का नंबर पता होना चाहिए। खास बात यह है कि गलत चालान पर आप यहीं से शिकायत भी कर सकते हैं। हालांकि, वाहन का चालान कटने पर मोबाइल नंबर पर भी मैसेज जाता है।

*लखनऊ में विधानसभा के सामने एक परिवार ने आत्मदाह का किया प्रयास, पुलिस कर्मियों ने समय रहते लिया रोक*


लखनऊ । जमीन विवाद के मामले में सुनवाई न होने से उन्नाव का आक्रोशित परिवार शुक्रवार को विधानसभा के सामने आत्मदाह का प्रयास किया। मौके पर तैनात सुरक्षा बलों ने आत्मदाह करने से रोक लिया। इस प्रकार से एक बड़ी घटना सुरक्षा कर्मियों की मौजूदगी की चलते टल गई। इसके बाद पुलिस ने सभी को गिरफ्तार कर लिया है। साथ ही इसके बाद जनपद की पुलिस को भी सूचित कर दिया गया है।

पड़ोसियों से जमीन विवाद के मामले में सुनवाई न होने से पूरा परिवार क्षुब्ध

एसीपी हजरतगंज अरविंद कुमार वर्मा ने बताया कि मौरावां निवासी किसान बलजीत शुक्रवार पत्नी, मां, बच्चों और बहन संग विधानभवन के पास पहुंचा। पुलिस कर्मियों के पूछताछ करने पर पता चला कि मौरावां पुलिस सुनवाई नहीं कर रही है। इसलिए आत्मदाह करने आए हैं। यह बात पता चलते ही किसान के परिवार को महिला सिपाहियों की मदद से हजरतगंज कोतवाली ले जाया गया।

एसीपी के मुताबिक बलजीत का आरोप है कि पड़ोसी जमीन पर कब्जा करना चाहते हैं। विरोध करने पर गुरुवार को घर में घुस कर मारपीट की गई शिकायत लेकरमौरावां पहुंचने पर पुलिस ने बात नहीं सुनी। एसीपी ने बताया कि किसान बलजीत के परिवार संग लखनऊ आने की जानकारी मौरावां पुलिस को देते हुए उचित कार्रवाई करने के लिए कहा गया है।

*7182 एएनएम स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को मुख्यमंत्री योगी ने वितरित किया नियुक्ति पत्र*


लखनऊ। स्वास्थ्य विभाग के लिए अब राहत भरी खबर है। एएनएम की कमी के चलते स्वास्थ्य सेवाओं को देने में जो दिक्कत आ रही थी वह मुख्यमंत्री के प्रयास से आसान होने जा रहा है। वह ऐसे उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से चयनित 7182 एएनएम स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी ने नियुक्ति पत्र वितरित किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बीते छह साल में स्वास्थ्य विभाग ने नेशनल एवरेज से अच्छा काम किया है। दिमागी बुखार पर पूरी तरह नियंत्रण किया गया है।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि कोरोना महामारी को नियंत्रित किया

स्वास्थ्य विभाग के प्रयास से यह संभव हुआ। अंतर्विभागीय समन्वय से आगामी दो तीन साल में इंसेफेलाइटिस का पूरी तरह उन्मूलन कर देंगे। यह स्वास्थ्य विभाग का बड़ा मॉडल है। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि कोरोना महामारी को नियंत्रित किया। गांव गांव में जाते थे स्वास्थ्य विभाग के कर्मी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता स्केनिंग करती थी। फील्ड में हेल्थ वर्कर ने काम किया तो कोरोना को नियंत्रण करने का मॉडल पेश किया। विभाग में पारदर्शिता से चयन हुआ है। उन्होंने कहा कि आज नियुक्ति पत्र वितरित किए जा रहे हैं।

नवचयनित स्वास्थ्य कर्मियों का दायित्व है कि गांव गांव तक बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाएं

नवचयनित स्वास्थ्य कर्मियों का दायित्व है कि गांव गांव तक बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाएं। नेशनल फैमली हेल्थ सर्वे में सही आंकड़े फीड होने चाहिए। नेशनल औसत से अच्छा काम होना चाहिए नही तो लोग कहेंगे कि यूपी नही सुधरेगा। सरकार ने एक जिला एक मेडिकल कॉलेज को खोलने की दिशा में आगे बढ़ रही है। 600 से ज्यादा हेल्थ एटीएम के माध्यम स्वास्थ्य जांच की सुविधा मिल रही है। अब स्वास्थ्य सुविधा के अभाव में कोई दम नही तोड़ सकता। दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता है। लोग गाली दे, यही नारकीय जीवन है और लोग सम्मान दें यही स्वर्ग है।

*जीवा हत्याकांड : कोर्ट शूटआउट में छह सिपाही निलंबित*


लखनऊ । कोर्ट के अंदर माफिया संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की हत्या के मामले में पुलिस ने सुरक्षा में चूक की बात को स्वीकार करते हुए कार्रवाई शुरू कर दिया है। इसी क्रम में गुरुवार देर रात चार हेड कांस्टेबल व दो कांस्टेबल को निलंबित कर दिया गया। बताया जा रहा है कि शुरुआती जांच में इनकी लापरवाही का दावा किया गया है। इनकी कोर्ट परिसर के अलग-अलग गेट पर ड्यूटी थी। वहीं, इतनी बड़ी वारदात में केवल हेड कांस्टेबल व कांस्टेबल को जिम्मेदार ठहराया गया है।

सिर्फ अभी सिपाहियों पर की गई कार्रवाई

जानकारी के लिए बता दें कि इस पूरे मामले में वास्तव में जो जिम्मेदार है उनके खिलाफ शुरूआती दौर में कार्रवाई न करके छोटे जिम्मेदारों पर गाज गिरी है। जबकि सबसे पहले बड़े जिम्मेदार पर कार्रवाई होने चाहिए। चूंकि यह हम इसलिए कह रहे है कि क्योंकि हमलावर विजय यादव कोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था भेदते हुए रिवॉल्वर के साथ आसानी से कोर्ट रूम तक पहुंच गया।कोर्ट एक महत्वपूर्ण स्थान है लिहाजा सुरक्षा व्यवस्था के लिए बड़े अफसर भी जिम्मेदार होते हैं। मगर कार्रवाई सिर्फ सिपाहियों पर हुई। इस पर सवाल उठता है कि कोर्ट की सुरक्षा के लिए क्या सिर्फ ये चंद सिपाही जिम्मेदार थे। हेड कांस्टेबल सुनील दुबे, मो. खालिद, अनिल सिंह, सुनील श्रीवास्तव और कांस्टेबल निधि देवी व धर्मेंद्र, इनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी की जाएगी।

कोर्ट के अंदर बुधवार को अपराधी संजीव जीवा की हुई थी हत्या

आपको बता दें कि पुलिस हिरासत में माफिया अतीक अहमद और अशरफ की हत्या का मामला ठंडा भी नहीं पड़ा था कि लखनऊ के एससीएसटी कोर्ट रूम में बुधवार दोपहर बाद मुख्तार अंसारी के बेहद करीबी कुख्यात अपराधी संजीव महेश्वरी उर्फ जीवा (50) की हत्या कर दी गई। वकील के लिबास में आए हमलावर ने कोर्ट रूम में ही रिवॉल्वर से ताबड़तोड़ छह राउंड फायरिंग की। इस दौरान दो पुलिसकर्मियों, एक डेढ़ साल की बच्ची व उसकी मां को भी गोली लगी। जीवा पर हमलावर ने पीछे से फायरिंग की। वारदात के बाद वकीलों ने दौड़कर हमलावर को दबोच लिया और पीटकर पुलिस को सौंप दिया। घायलों को ट्रामा में भर्ती कराया गया है।

वारदात के बाद आक्रोशित वकीलों ने प्रदर्शन कर पथराव कर दिया। जिसमें एसीपी चौक का सिर फट गया। कई वाहन भी छतिग्रस्त हो गए। आलाधिकारी भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे तब हालात पर काबू पा सके।

*माफिया जीवा हत्याकांड : नेपाल में एक बड़े माफिया ने जीवा की फोटो दिखाकर बीस लाख रुपये में दी थी सुपारी*


लखनऊ । कुख्यात संजीव जीवा को गोलियों से भूनने वाले शूटर विजय यादव को मौके से ही पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। इसी के बाद से पुलिस लगातार विजय यादव से पूछताछ कर रही है। पूछताछ में पता चला है कि विजय कुछ दिन पहले नेपाल गया था। वहां एक बड़े माफिया के संपर्क में रहा।कहा है कि एक शख्स ने उसको जीवा की फोटो दिखाकर मारने की सुपारी दी। 20 लाख रुपये में डील हुई। हालांकि अभी सिर्फ पांच हजार व रिवॉल्वर दी थी।

काम से पहले विजय को दी गई पांच हजार रुपये व रिवॉल्वर

जानकारी के अनुसार, संजीव जीवा को गोलियों से भूनने वाले शूटर विजय के तार नेपाल के माफिया और हाल ही में मारे गए अतीक अहमद के दोस्त अशरफ से जुड़ रहे हैं। विजय कुछ दिन पहले नेपाल गया था। वहां उसने अशरफ से मुलाकात की। अशरफ ने उससे बताया कि उसका भाई अतीफ लखनऊ जेल में है। वहां जीवा उसे परेशान करता है। जीवा को रास्ते से हटाने के लिए उसने 20 लाख में डील की। काम से पहले विजय को पांच हजार रुपये और रिवॉल्वर दी गई। वहीं, लखनऊ पहुंचने पर अशरफ के गुर्गे ने विजय को पनाह दी और रेकी कराई। ये बातें विजय ने पुलिस की पूछताछ में बताई हैं। पुलिस इसकी तफ्तीश में लग गई है।

* माफिया जीवा हत्याकांड : पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अपराध जगत का बना चुका था ''मुख्तार' जीवा*


लखनऊ । पश्चिमी उप्र में कुख्यात अपराधी सुशील मूंछ के बढ़ते वर्चस्व को खत्म करने के लिए सुनील राठी, मुन्ना बजरंगी और जीवा ने हाथ मिलाया, जिसका असर पूर्वांचल के अंडरवर्ल्ड तक दिखाई पड़ने लगा। यूं कहें कि जीवा पश्चिमी उप्र के अपराध जगत का ''मुख्तार'' बन चुका था।

नब्बे के दशक में मुन्ना बजरंगी के जरिए माफिया मुख्तार के संपर्क में आए संजीव महेश्वरी उर्फ जीवा ने पूर्वांचल में होने वाली गैंगवार के समीकरण बदल दिए थे। बृजेश सिंह और मुख्तार अंसारी के बीच वर्चस्व की लड़ाई में जीवा और पंजाब के डिम्पी चंदभान उर्फ डिम्पी सरदार से मिले अत्याधुनिक असलहों की बदौलत मुख्तार गैंग भारी पड़ने लगा।

भाजपा नेता ब्रह्मदत्त द्विवेदी हत्याकांड के बाद जीवा का नाम पश्चिमी उप्र के बड़े बदमाशों में शुमार किया जाने लगा। इसके बाद उसका वसूली का कारोबार बढ़ता चला गया। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक करीब दस वर्ष पूर्व वसूली की 35 लाख रुपये की रकम के बंटवारे को लेकर मुन्ना बजरंगी और जीवा में दुश्मनी हो गई थी। ये रकम मुन्ना बजरंगी ने मुख्तार को दे दी थी, जो जीवा को रास नहीं आया था। इस रकम की वजह से मुन्ना बजरंगी और मुख्तार की दूरियां बढ़ी और मुन्ना अपना नया गैंग बनाने लगा।

इसके जवाब में जीवा, मेराज, राकेश पांडेय आदि मुख्तार के करीबी भी अपने नए गैंग बनाकर ऑपरेट करने लगे। दरअसल, सुल्तानपुर जेल में रहने के दौरान मुख्तार के शूटर राकेश पांडेय उर्फ हनुमान पांडेय से जीवा का याराना बढ़ा, लेकिन कुछ ही दिनों में यह दुश्मनी में तब्दील हो गया। इसकी वजह भी ठेके-पट्टों की वसूली में मिलने वाली रकम का बंटवारा बताई जाती है। अंडरवर्ल्ड के इन बदलते समीकरणों का असर सुनील राठी पर भी हुआ और उसने भी मुख्तार के विरोधी गुटों से नजदीकी बढ़ानी शुरू कर दी।

जीवा की हत्या में सुनील राठी कनेक्शन भी तलाशा जा रहा है और इस पहलू पर भी जांच करने की बात सामने आई है, क्योंकि संजीव जीवा के साथी मुन्ना बजरंगी की हत्या बागपत जेल में हुई थी और उसमें सुनील राठी ही मुख्य आरोपी बनाया गया था। इस कारण ही इनके अपराधों का पुराना रिकार्ड भी खंगाला जा रहा है। मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद से सुनील राठी और संजीव जीवा के बीच दुश्मनी शुरू हो गई थी।

*सीएम योगी बोले- न्यायालय परिसर में शस्त्र लेकर कोई प्रवेश न करने पाए वाले आदेश का कड़ाई से हो अनुपालन*


लखनऊ । उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कोर्ट के अंदर जीवा की गोली मारकर हत्या के बाद कोर्ट की सुरक्षा को लेकर सीएम योगी गंभीर हो चले है। इसीलिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाईकोर्ट समेत प्रदेश के समस्त न्यायालय परिसरों की सुरक्षा और अधिक बेहतर करने संबंधी निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन करने को कहा है। इस बाबत जिला न्यायाधीशों की अध्यक्षता में बार के सदस्यों के साथ बैठक कर स्थानीय स्तर पर सुरक्षा के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने और न्यायालय परिसर में शस्त्र लेकर प्रवेश न किए जाने के आदेशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराने को कहा है। उन्होंने कहा कि अधीनस्थ न्यायालयों को ’द आर्म्स रूल 2016’ के नियम 46 के अन्तर्गत अग्न्यायुध मुक्त क्षेत्र घोषित किया जाए।

सीएम ने बैठक कर अधिकारियों को दिया दिशा निर्देश

मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुपालन में प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद ने बृहस्पतिवार को वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने कहा कि भविष्य में किसी भी न्यायालय परिसर कोई भी अप्रिय घटना न होने पाए। जिला न्यायालयों की सुरक्षा के लिए राज्य सरकार द्वारा एसओपी बनाई गई है। प्रदेश के जनपदीय न्यायालयों में 71 सुरक्षा प्रभारी निरीक्षक एवं उपनिरीक्षक, 22 निरीक्षक, 240 उपनिरीक्षक, 522 मुख्य आरक्षी और 1772 आरक्षी तैनात हैं।

वादकारियों, वकीलों एवं आने-जाने वाले व्यक्तियों की नियमित जांच हो

इसके अलावा क्यूआरटी में 60 उपनिरीक्षक, 112 मुख्य आरक्षी और 256 आरक्षी तैनात हैं। उन्होंने न्यायालय परिसर में सुरक्षा के लिए लगे उपकरणों की जांच करने और उनको दुरुस्त रखने के निर्देश दिए है। उन्होंने बार के सदस्यों के साथ बैठक कर वादकारियों, वकीलों एवं आने-जाने वाले व्यक्तियों की नियमित जांच कराने की व्यवस्था सुनिश्चित कराने को कहा है। उन्होंने न्यायालयों में सीसीटीवी लगाने और प्रशिक्षित पुलिसकर्मी तैनात करने को कहा है।

आगामी पर्वों को दृष्टिगत रूट डायवर्जन का प्लान समय से तैयार करा लिया जाए

वहीं डीजीपी विजय कुमार ने सावन मेला, जगन्नाथ रथ यात्रा, मोर्हरम, बकरीद आदि पर्वों के दृष्टिगत आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए। विशेष डीजी कानून एवं व्यवस्था प्रशांत कुमार ने कहा कि आगामी पर्वों को दृष्टिगत रूट डायवर्जन का प्लान समय से तैयार करा लिया जाए, ताकि किसी भी नागरिक को आवागमन में असुविधा न हो। इस दौरान सचिव गृह एवी राजामौलि व बीडी पालसन सहित पुलिस विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

*पर्यटन नीति-2022 में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए हॉस्पिटेलिटी सेक्टर में बड़े पैमाने पर छूट देने का प्राविधान:जयवीर सिंह*


लखनऊ। पर्यटन नीति-2022 में सेवा सेक्टर को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से हेरिटेज पर्यटन इकाईयों को विभिन्न प्रकार की वित्तीय प्रोत्साहन, सब्सिडी एवं छूट के प्राविधान किये गये हैं। इसके तहत पूंजीगत निवेश पर सब्सिडी, ब्याज सब्सिडी, स्टैम्प ड्यूटी से छूट, भू-उपयोग परिवर्तन शुल्क आवश्यक होने पर निःशुल्क आबकारी लाइसेंस शुल्क तथा इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए सुविधाएं उपलब्ध करायी जाएंगी।

यह जानकारी प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने गुरुवार को यहां दी। उन्होंने बताया कि पंजीकृत हेरिटेज इकाई के मूल स्वरूप/वाह्य संरचना में बिना बदलाव लाये इकाई के संरक्षण विस्तार, रेनोवेशन तथा रेट्रोफिटिंग आदि के लिए पूंजीगत निवेश के 25 प्रतिशत तथा अधिकतम 5 करोड़ रूपये की सब्सिडी प्रदान की जायेगी। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित होने वाले हेरिटेज होटलों के परिसर में बार लाइसेंस हेतु लाइसेंस शुल्क में 50 प्रतिशत प्रतिपूर्ति किये जाने का प्राविधान किया गया है।

इसी प्रकार पर्यटन नीति में पात्र इकाईयों को हेरिटेज इकाई के मूल स्वरूप से छेड़छाड़ किये बिना बदलाव लाये जाने के लिए अधिकतम 5 करोड़ ऋण पर 5 वर्ष तक 5 प्रतिशत तक का ब्याज अनुदान दिया जायेगा। हेरिटेज होटल की स्थापना अथवा विस्तार के लिए एक ही व्यक्ति के स्वामित्व के अधीन कोई भवन और उससे लगी हुई भूमि क्रय की जाती है तो सम्पूर्ण स्टैम्प ड्यूटी पर्यटन विभाग द्वारा सब्सिडी के रूप में दी जायेगी। जयवीर सिंह ने बताया कि पर्यटन नीति में भू-उपयोग परिवर्तन शुल्क में पर्यटन नीति के तहत हेरिटेज होटल की स्थापना के लिए भू-उपयोग परिवर्तन आवश्यक होने पर परिवर्तन निःशुल्क किये जाने का प्राविधान किया गया है। इसके अतिरिक्त राज्य सरकार हेरिटेज होटल तक सर्वऋतु मार्ग तथा अतिक्रमणमुक्त लिंक रोड की व्यवस्था करायी जायेगी।

निरंतर विद्युत आपूर्ति हेतु विद्युत सब स्टेशन ट्रांसफार्मर की व्यवस्था की जायेगी तथा आकर्षक संकेतक लगाये जाएंगे।

*गैंगस्टर जीवा के शव का हुआ पोस्टमार्टम, हमले में जीवा को लगी थी छह गोलियां*


लखनऊ । उत्तर प्रदेश के बड़े गैंगस्टर संजीव जीवा की लखनऊ कोर्ट परिसर के अंदर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हत्या के बाद अब पुलिस हर एंगल से जांच कर रही है। ताकि कहीं से कोई कमी न रह जाए। चूंकि मामला बहुत हाईलाइट हो गया। जीवा के शव का देर रात पोस्टमार्टम किया गया, जिसकी पूरी वीडियोग्राफी भी हुई। डॉक्टरों के एक पैनल ने जीवा का पोस्टमार्टम किया। जीवा को इस हमले में 6 गोलियां लगी थीं। पोस्टमार्टम की शुरुआती रिपोर्ट से पता चला है कि जीवा को लगी सभी गोलियां शरीर के आर-पार हो गईं। सभी गोलियां पीठ पर बाईं तरफ मारी गईं, जो सीने और पेट की तरफ से पार निकल गईं।

गैंगस्टर संजीव जीवा की हत्या के बाद पोस्टमार्टम की शुरुआती रिपोर्ट के आधार पर सामने आई जानकारी के मुताबिक सभी गोलियां आसपास ही लगीं हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि विजय एक शार्प शूटर है। गोली चलाने वाले विजय को बाकायदा इसके लिए ट्रेनिंग दी गई थी। बताया गया है कि गोलियों से वाइटल ऑर्गन को निशाना बनाने की उसे ट्रेनिंग दी गई थी। माना जा रहा है कि जिन गोलियों से बच्ची और दो पुलिसकर्मियों घायल हुए, वो जीवा के शरीर के आरपार होने के बाद लगीं।

लखनऊ में भरी अदालत में गोली मारकर जीवा की गई हत्या

गैंगस्टर मुख्तार अंसारी के कथित सहयोगी संजीव माहेश्वरी जीवा की बुधवार 7 जून को लखनऊ के अदालत परिसर के भीतर गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस दौरान कई लोग वहां मौजूद थे। विजय नाम के शूटर ने इस हत्याकांड को अंजाम दिया। अदालत में मौजूद लोगों ने बताया कि हमलावर ने वकील की ड्रेस पहनी हुई थी। घटना के बाद लखनऊ के पुलिस कमिश्नर एसबी शिराडकर ने मामले की जानकारी देते हुए बताया, लखनऊ जेल में संजीव माहेश्वरी जीवा को एक मामले में सुनवाई के लिए अदालत लाया गया था जहां हमलावर ने गोली मारकर उसकी हत्या कर दी.” इस हमले में दो साल की एक लड़की और एक पुलिस कांस्टेबल को भी गोली लगी।

कौन है गैंगस्टर संजीव माहेश्वरी

जानकारी के लिए बता दें कि मुख्तार अंसारी गिरोह का गैंगस्टर जीवा (48) पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले का निवासी था। वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक कृष्णानंद राय और उत्तर प्रदेश में भाजपा मंत्री ब्रह्म दत्त द्विवेदी की हत्या का आरोपी था और उस पर हत्या, धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश रचने के दो दर्जन मामले दर्ज थे। ब्रह्म दत्त द्विवेदी और उनके गनर की 10 फरवरी, 1997 को उस समय हत्या कर दी गई जब वह फर्रुखाबाद जिले में एक तिलक समारोह से लौट रहे थे। निचली अदालत ने 17 जुलाई, 2003 को जीवा और अन्य आरोपियों को द्विवेदी और उनके गनर की हत्या का दोषी करार दिया था और इस मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।