धनबाद पुलिस को मिली बड़ी सफलता ,धनबाद में बड़े बड़े घटनाओं का अंजाम देने वाला यूपी के शूटर सहित 9 गिरफ्तार
अमन व प्रिंस के लिए करता था काम,अमन के काले रुपये को एक नम्बर करने वाले व शूटरों को पनाह व टारगेट की पहचान कराने वाला भी गिरफ्तार
धनबाद में हत्या, दुमका जेल गेट पर फायरिंग, बोकारो सहित गुजरात और बंगाल के हत्याओं में शामिल था कुख्यात वैभव
रिपोर्ट:-सब्बीर
धनबाद। धनबाद पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। धनबाद जिले के लिए सर दर्द बन चुका अमन सिंह और वासेपुर का गैंगस्टर प्रिंस खान गैंग का सफाया करने की पुलिस ने ठान ली है। इसी कड़ी में पुलिस ने अमन सिंह और प्रिंस के लिए पैसे लेकर आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने वाले उत्तर प्रदेश का कुख्यात शूटर आजमगढ़ के वैभव यादव उर्फ राहुल सिंह को गिरफ्तार कर लिया है।
इनके साथ बोकारो की एक महिला अपराधी सहित कुल 9 लोगों की गिरफ्तारी हुई है। इनके पास से पुलिस ने दो पिस्टल, दो मैगजीन, 12 राउंड गोली, 09 मोबाइल फोन, दो बिना नम्बर के मोटरसाइकिल बरामद किया है। इस बाबत जिले के वरीय पुलिस कप्तान संजीव कुमार ने शनिवार को अपने कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पुरे मामले की जानकारी दी।
एसएसपी ने बताया कि वैभव यादव, आशीष शुक्ला, दिनेश कुमार गौड़ और सलिनी सिंह को बरवाअड्डा थाना के फुफवाडीह मोड़ स्थित बीएमडब्ल्यू पेट्रोल पंप के समीप से गिरफ्तार किया गया है। इनकी निशानदेही पर बाकी अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तारी सभी अपराधी किसी न किसी रूप से अमन सिंह से जुड़े हैं।
वैभव यादव, आशीष शुक्ला, दिनेश कुमार गौड़ और बाबू सिंह उर्फ आशुतोष आनंद सभी शूटर हैं। जबकि अन्य लोग घटना को अंजाम देने में इनकी सहयोग करते थे। वहीं बोकारो के हरला थाना क्षेत्र से गिरफ्तार महिला अपराधी सलोनी कुमारी उर्फ सानू सिंह मुख्य रूप से अमन सिंह को रंगदारी व अन्य तरह से मिले पैसों को ठिकाने लगाती थी। उन्होंने बताया कि पिछले डेढ़ वर्ष में धनबाद में जितने भी बड़े अपराध हुए हैं इन्हीं लोगों के द्वारा अंजाम दिया गया है। इनके पुलिस गिरफ्त में आने से निश्चित तौर पर धनबाद में हत्या, रंगदारी के लिए दहशत फैलाने जैसे अपराधों पर अंकुश लगेगा।
इसके अलावे उन्होंने कहा कि अभी भी टीम छापामारी में लगी हुई है आगे और भी गिरफ्तारी होगी। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ग्रामीण एसपी रेशमा रमेशन, डीएसपी लॉ एंड ऑर्डर अरविंद कुमार विन्हा, टेक्निकल सेल की टीम सहित कई पुलिस अधिकारी मौजूद थे।
अपराधियों से पूछताछ के लिए पहुंची थी गुजरात व पश्चिम बंगाल पुलिस
एसएसपी ने बताया कि पकड़े गए अपराधियों से पूछताछ करने के लिए गुजरात और पश्चिम बंगाल पुलिस भी धनबाद पहुंची थी। पकड़े गए अपराधी गुजरात, पश्चिम बंगाल, मध्यप्रदेश में भी वांछित हैं और इनपर कई मामले दर्ज हैं।
वैभव ने चलाई थी दुमका जेल गेट पर गोली, इन मामलों का हुआ उद्भेदन
एसएसपी ने बताया दिसम्बर 2022 में दुमका जेल गेट पर फायरिंग की घटना घटी थी। उस घटना को भी कुख्यात वैभव ने ही अंजाम दिया था। इसके अलावे झरिया में टायर व्यवसायी रणजीत साव, बरवाअड्डा किया शो रूम पर फायरिंग, व्यवसायी पप्पू मंडल पर फायरिंग, केंदुआडीह के राजेश यादव पर जानलेवा हमला, कतरास में मनोज यादव की हत्या, रिकवरी एजेंट उपेंद्र सिंह की हत्या, कुर्मिडीह में राजकुमार साव की हत्या, क्लिनिक लैब में फायरिंग, गुजरात मे व्यवसायी नीलेश पटेल की हत्या, बोकारो के चन्द्रपुरा निवासी स्क्रैप व्यवसायी सनाउल्लाह के घर फायरिंग, सहित कई घटनाओं में वैभव ने ही गोली चलाई है।
सलोनी लगाती थी अमन के पैसों को ठिकाने
सूत्रों कि सलोनी घाघीडीह जेल में बंद अमन सिंह की सबसे विश्वसनीय और काफी नजदीकी है। अमन सिंह के अपराध की दुनिया से कमाए पैसों को वही ठिकाने लगाती है। बताया यह भी जा रहा है कि रंगदारी के पैसों को वह ब्याज पर भी लगाती थी। गैंग के सदस्य उसे भाभी कहकर बुलाते हैं।
कुख्यात अमन श्रीवास्तव से अदावत के बाद बाबू सिंह बना अमन सिंह का चेला
हजारीबाग के कटकमसांडी थाना निवासी बाबु सिंह उर्फ आशुतोष आनंद पहले कुख्यात अमन श्रीवास्तव के लिए काम करता था। बाद में बाबू की अमन श्रीवास्तव से किसी बात को लेकर अदावत हो गयी जिसके बाद बाबू ने उसे सबक सिखाने के लिए हजारीबाग जेल में बंद अमन सिंह सम्पर्क साधा और फिर अमन सिंह के लिए काम करने लगा। बाबू ही अमन सिंह किसी घटना के लिए शूटर व अन्य कार्यों के लिए पैसे उपलब्ध कराता था। यहां तक कि जब तक अमन सिंह हजारीबाग जेल में बंद था तबतक बाबू ही उसे जेल के अंदर हर जरूरत का सामान उपलब्ध कराता था। यहां तक कि जब अमन सिंह को जमशेदपुर स्थित घाघीडीह जेल ले जाया जा रहा था तब भी बाबू उसके पीछे पीछे जमशेदपुर तक गया था।
रिकवरी एजेंट सुशील सिंह अपराधियो को देता था पनाह और कराता था टारगेट की पहचान
एसएसपी ने बताया कि झरिया से गिरफ्तार रिकवरी एजेंट अमन सिंह का सबसे बड़ा लोकल नेटवर्क था। घटना को अंजाम देने से पहले शूटरों को अपने घर मे ठहराना, शूटरों को टारगेट की पहचान कराना, उनकी रेकी कराना इत्यादि कार्य सुशील सिंह ही करता था।
इनकी हुई गिरफ्तरी
वैभव यादव उर्फ राहुल सिंह, आजमगढ़ उत्तर प्रदेश
आशीष शुक्ला उर्फ सत्यम अयोध्या उत्तर प्रदेश
दिनेश कुमार गौड़, आजमगढ़, उत्तर प्रदेश
सलोनी कुमारी उर्फ सानू सिंह, हरला बोकारो
सुशील सिंह, झरिया, धनबाद
बाबू सिंह उर्फ आशुतोष आनंद, कटकमसांडी, हजारीबाग
अरुण कुमार, चास, बोकारो
मुकेश कुमार महतो, कुर्मिडीह, बरवाअड्डा, धनबाद
मनोहर प्रसाद गुप्ता, जमशेदपुर
इनमें, आशीष शुक्ला पर अयोध्या में दो और चन्द्रपुरा, बोकारो में एक मामले दर्ज हैं। वैभव यादव पर आजमगढ़ जिले के विभिन्न थानों में दो दर्जन से अधिक और मध्यप्रदेश में तीन और गुजरात में मामले दर्ज हैं। अरुण कुमार पर धनबाद के बरवाअड्डा और बेकारबांध और चास थाना में एक एक मामले दर्ज हैं।
Jun 06 2023, 12:25