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*यूपी में कार्यवाहक डीजीपी की लगी हैट्रिक,ईमानदार और तेज तर्रार छबि को देखते हुए विजय कुमार को बनाया नया कार्यवाहक डीजीपी*

शिशिर पटेल

लखनऊ । देश के सबसे बड़े प्रदेश उत्तर प्रदेश को एक बार फिर स्थाई डीजीपी नहीं मिल पाया। यूपी में कार्यवाहक डीजीपी के रूप में एक के बाद एक की तैनाती की जा रही है। यही वजह है कि यूपी में कार्यवाहक डीजीपी की हैट्रिक लग गई है और तीसरी बार विजय कुमार को नया कार्यवाहक डीजीपी बनाया गया है। विजय कुमार को बनाये जाने के पीछे बताया जा रहा है कि पुलिस महमे में एक तेज तर्रार और ईमानदार अधिकारी के रूप में जाने जाते है। जिसकी वजह से इन्हें चुना गया है। वजह जो भी हो फिलहाल लगातार कार्यवाहक डीजीपी बनाये जाने से यह एक चर्चा का विषय बन गया है। वही सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी कार्यवाहक डीजीपी के तैनात किये जाने पर सरकार और कानून व्यवस्था पर सवाल उठा रहे हैं। वहीं शाम को कार्यवाहक नये डीजीपी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भेंट की।

इतने बड़े प्रदेश में स्थाई डीजीपी एक साल से न होने के कारण बना चर्चा का विषय

पुलिस मुख्यालय सूत्रों की माने तो योगी सरकार ने जातीय समीकरण सहित अन्य पहलुओं को ध्यान में रखते हुए विजय कुमार के नाम पर मुहर लगाई है। साथ ही उनकी वरिष्ठता नियुक्तियों में अहम पैमाना माना जा रहा है। विजय कुमार 1988 बैच के यूपी कैडर के भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी हैं। उनकी गिनती पुलिस महकमे में एक तेज तर्रार और ईमानदार अधिकारी के रूप में रही है। अपने अबतक के सेवाकाल में उन्होंने कई चुनौतीपूर्ण केस हैंडल किए हैं। उनके पास विभिन्न जिलों के पुलिस कप्तान के साथ-साथ केंद्र में काम करने का भी अनुभव है।

वर्तमान में वे सीबीसीआईडी के पुलिस महानिदेशक के पद पर तैनात हैं। उनके पास डीजी विजिलेंस का भी अतिरिक्त प्रभार है।दो अहम विभागों की जिम्मेदारी मिलना ये दशार्ता है कि योगी सरकार आईपीएस विजय कुमार पर कितना भरोसा करती है। यूपी को बीते एक साल से कार्यवाहक डीजीपी सहारे ही काम चलाना पड़ रहा है। चूंकि 11 मई 2022 को पूर्णकालिक डीजीपी मुकुल गोयल को अचानक हटा दिया गया था।इसी के बाद से लगातार कार्यवाहक डीजीपी बनाया जा रहा है। मुकुल गोयल के बाद कार्यवाहक डीजीपी के रूप में डीएस चौहान की तैनाती की गई। डीएसएस चौहान 31 मार्च 2023 को सेवानिवृत्त हो गये तो भी यूपी को स्थाई डीजीपी नहीं मिल सके।

अखिलेश यादव ने ट्ववीट कर सरकार और कानून व्यवस्था पर उठाएं सवाल

जिसके चलते डीजी पुलिस भर्ती बोर्ड के आरके विश्वकर्मा को कार्यवाहक डीजीपी बनाया गया। यह भी 30 मई 2023 को रिटायर्ड हो गए। अब एक बार फिर कार्यवाहक डीजपी के रूप में आईपीएस विजय कुमार की नियुक्ति की गई है। अब चर्चा है कि विजय कुमार जनवरी 2024 में रिटायर होंगे। इसके बाद कहीं स्थायी डीजीपी के नाम पर विचार किया जाएगा। विजय कुमार ने डीजीपी मुख्यालय में पहुंचकर अपना कार्यभार ग्रहण कर लिया है। वहीं दूसरी तरफ यूपी में कार्यवाहक डीजीपी का कार्यकाल खत्म होने के बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने दो ट्ववीट कर सरकार और कानून व्यवस्था पर सवाल उठाएं है। वहीं विजय कुमार की कार्यवाहक डीजीपी बनने के बाद से यह भी चर्चा है कि श्री राम अरुण जी के बाद यह दूसरे अनुसूचित जाति के विजय कुमार कार्यवाहक डीजीपी होंगे।

विजय कुमार को मिल चुके हैं सात मेंडल

नये कार्यवाहक डीजीपी विजय कुमार का जन्म जालौन की कोंच तहसील के गाव सतोह में 27 जनवरी 1964 को हुआ है। यह बीटेक सिविल इंजीनियरिंग से है। बहुत ही सरल स्वभाव के माने जाते है। इनकी पहली तैनाती 1989 को हुई थी। इनके अच्छे कार्यो के चलते अब तक सात मेंडल पा चुके है। जिसमें एक पराक्रम पदक तथा दो गोल्ड पदक भी शामिल है। एक अगस्त 2022 डीजी विजीलेंस सीबीसीआईडी के बने। विजय कुमार के पिता राम प्रसाद भी यूपी पुलिस में सेवाएं दे चुके है। वह कानपुर में इंस्पेक्टर के पद तैनात थे। इसलिए विजय कुमार की शिक्षा दीक्षा कानपुर में ही हुई है।

पहले जैसी कानून व्यवस्था बनाएं रखना उनकी प्राथमिकता होगी : विजय कुमार

विजय कुमार ने पुलिस मुख्यालय पहुंचकर बुधवार को कार्यभाल संभाला। इसके बाद प्रेसवार्ता में कहा कि उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था को पहले की तरह बनाएं रखना उनकी प्राथमिकता होगी। प्रदेश में यातायात एक बहुत बड़ी गंभीर समस्या है। जिसके लेकर वह काफी गंभीर हैं और यातायात से जुड़ी समस्याओं का तत्काल समाधान किया जाएगा। महिलाओं की सुरक्षा में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अराजकता पर जीरो टॉरेंस नीति पर काम किया जाएगा। महिला सशक्तिकरण और पुलिस महकमे के आधुनीकीकरण पर भी जोर दिया जाएगा। माफियाओं को किसी भी सूरत में बक्शा नहीं जाएगा।

कार्यवाहक व स्थाई डीजीपी में कोई खास अंतर नहीं : विक्रम सिंह

सेवानिवृत्त डीजीपी विक्रम सिंह ने बताया कि कार्यवाहक व स्थाई डीजीपी में कोई खास अंतर नहीं है। बस केवल इतना अंतर है कि स्थाई डीजीपी दो साल के लिए होता है जबकि कार्यवाहक कुछ महीने के लिए बनाया जाता है। डीजीपी पद पर कौन अधिकारी आसीन होगा। इसकी पुलिस विभाग की तरफ से एक वरिष्ठता सूची बनती है। फिर यह प्रस्ताव यूपीएससी को भेजा जाता है। तब जाकर स्थाई डीजीपी की तैनाती होती है। अगर किसी कारण से प्रस्ताव यूपीएससी को नहीं जा पाता है तो सरकार कार्यवाहक डीजीपी पद पर वरिष्ठता सूची के आधार पर तैनाती करती है। वर्तमान में विजय कुमार को कार्यवाहक डीजीपी बनाया गया है जो बहुत ही अच्छे स्वभाव के हैं। कार्यवाहक व स्थाई डीजीपी के कार्य प्रणाली में कोई अंतर नहीं होता है। जो काम स्थाई डीजीपी करता है वह कार्यवाहक भी करता है। चूंकि चार्ज ग्रहण के दौरान उसे सारे अधिकार डीजीपी के मिल जाते है।

*यूपी में पांच आईएएस अधिकारियों का तबादला, कानपुर के कमिश्नर का स्थानांतरण*

लखनऊ । यूपी में पांच आईएएस अधिकारियों के तबादले किए गए हैं। कानपुर के कमिश्नर राजशेखर का तबादला किया गया है। इसके अलावा एसीएस वित्त प्रशांत त्रिवेदी को हटाया गया है। वह आयुष घोटाले में ईडी और सीबीआई की जांच के दायरे में थे।

इसके अलावा दीपक कुमार को एसीएस वित्त का अतिरिक्त चार्ज सौंपा गया है। कानपुर के मंडलायुक्त राजशेखर का भी तबादला कर दिया गया है। उन्हें सचिव कृषि बनाया गया है। लोकेश एम कानपुर के नए कमिश्नर नियुक्त किए गए हैं। इसके अलावा, यशोद त्रषिकेश भास्कर सहारनपुर के कमिश्नर बनाए गए हैं।

*सोशल मीडिया पर सपा के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य को जान से मारने की धमकी*


लखनऊ । सपा के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य को सोशल मीडिया पर धमकी दी गई है। इसे मौर्य ने अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर करते हुए सरकार से कार्रवाई की मांग की है। स्वामी प्रसाद मौर्य ने ट्वीट किया है कि इंटरनेशनल भगवा रक्षक फोर्स जय श्रीराम नामक ट्विटर एकाउंट के जरिए 29 मई को उनके खिलाफ ट्वीट किया गया है। इसमें कहा गया है कि एक माह के अंदर तुझे निपटा देंगे।

उन्होंने लिखा है कि ट्वीट करने वाले ने उनकी तस्वीर पर गले के सामने तलवार लटकाते हुए फोटो भी शेयर की है, जो सीधे हत्या करने के लिए इंगित करती है। उन्होंने प्रदेश सरकार, मुख्य सचिव और डीजीपी को टैग करते हुए मामले को गंभीरता से लेने और कानूनी कार्यवाही करने की मांग की है।

स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि धमकी ट्विटर के जरिये मिली है। ऐसे में पुलिस व सरकार को पूरे मामले की जानकारी भी ट्विटर के जरिये दी गई है। दो दिन से बाहर थे। आज लखनऊ लौटे हैं। पूरे मामले में पुलिस को लिखित सूचना भी भेजी जाएगी।

*बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की भर्ती ऑनलाइन की जाएगी: मुख्य सचिव*


लखनऊ । मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्रा ने कहा कि बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की भर्ती ऑनलाइन की जाएगी। 50 फीसदी पदों पर भर्ती आंगनबाड़ी सहायिका की पदोन्नति से की जाएगी। जबकि शेष 50 फीसदी रिक्त पदों पर सीधी भर्ती की जाएगी। बुधवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए आयोजित विभिन्न विभागों की समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भर्ती को लेकर दिशा निर्देश दिए।

आंगनबाड़ी सहायिकाओं से पदों को भरने के लिए 45-60 दिनों में चयन की कार्यवाही पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित

मुख्य सचिव ने कहा कि दस्तावेज सत्यापन सहित पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। आंगनवाड़ी सहायिकाओं से पदों को भरने के लिए 45-60 दिनों में चयन की कार्यवाही पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को जिला स्तरीय चयन समिति का गठन समय भर्ती की कवायद शुरू करने और आरक्षण के साथ रिक्तियों का विवरण पोर्टल पर अपडेट करने के निर्देश दिए। आवेदन भरने के लिए कॉमन सर्विस सेंटर के कर्मियों को प्रशिक्षण देने के निर्देश दिए।

ग्राम पंचायत स्तरीय संतृप्तीकरण अभियान चलाया जा रहा है : मुख्य सचिव

मुख्य सचिव ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से पात्र किसानों को लाभान्वित कराने के उद्देश्य से ग्राम पंचायत स्तरीय संतृप्तीकरण अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने जिलाधिकारियों को अभियान को सफल बनाने के लिए प्रतिदिन सघन समीक्षा करने के निर्देश दिए। इस कार्य में शिथिलता बरतने वाले कर्मियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए। बैठक में बताया गया कि कुल निर्धारित 67,070 शिविरों के सापेक्ष 32,670 शिविरों का आयोजन किया जा चुका है।

*पुलिस ने रुपए लेकर भागे चालक को पकड़ा*

सरोजनीनगर लखनऊ। मालिक का रुपए लेकर भागे ड्राइवर को पुलिस ने क्राइम ब्रांच टीम की मदद से पकड़ लिया। सरोजनी नगर थाने पर पर्व भुगरा पुत्र गुलशन कुमार भुगरा निवासी 15 / 6 मदन मोहन मालवीय मार्ग थाना हजरतगंज लखनऊ ने बीती 29 मई को मुकदमा दर्ज कराया कि उनकी कंपनी में कार्यरत ड्राइवर राहुल शुक्ला को उन्होंने 49 लाख 50 हजार रुपए नगद रुपए एचडीएफसी बैंक हजरतगंज में जमा करने के लिए दिया था।

जोकि गाड़ी को मदन मोहन मालवीय मार्ग हजरतगंज पार्किंग में खड़ा करके भाग गया है एवं मोबाइल बंद कर लिया है। थाने की पुलिस ने पीड़ित की तहरीर पर मुकदमा लिख कर आरोपी की तलाश करने लगी।थाने की पुलिस के अलावा इसमें क्राइम ब्रांच की टीम भी आरोपी को पकड़ने में तत्परता दिखाई और बुधवार को आरोपी राहुल शुक्ला को न्यू गुडौरा पुल के ऊपर शहीद पथ से गिरफ्तार कर लिया और उसके कब्जे से दो झोले बरामद किए गए।

जिनकी चेन खोलकर उसमें देखा तो 100 रुपए की तीन गड्डी तीस हजार रुपए, 200 रुपए की एक गड्डी कुल 20000 तथा 500 रुपए के कुल 9800 कुल 98 गड्डी जिसमें पांच-पांच गड्डियों के 18 बंडल व 4-4 गड्डियों के दो बंडल कुल रकम 49 लाख रुपए बरामद पुलिस ने किया है।पुलिस ने बताया कि राहुल शुक्ला पुत्र अयोध्या प्रसाद शुक्ला पूछताछ करने पर बताया कि मैं पिछले 5 वर्षों से जी कुमार इलेक्ट्रो प्राइवेट लिमिटेड कंपनी मालिक के ड्राइवर के तौर पर काम कर रहा था।मालिका का करोड़ों रुपयों का टर्नओवर है।

जिनके मैं अक्सर रुपयों को लाता व ले जाता था। इनका चेक द्वारा एवं कैश द्वारा भी ट्रांजैक्शन होता रहता था। बीती 29 मई को कंपनी के मालिक ने बैंक में जमा कराने के लिए मुझे 49 लाख 50 हजार दिए थे मैंने सोचा कि यह रुपए ब्लैक मनी है। यदि मैं इन रुपयों को लेकर भाग जाऊंगा तो मालिक मेरी शिकायत पुलिस में नहीं करेंगे और मैं यह रुपए बैंक में ना जमा करके अपना मोबाइल बंद करके छोड़ दिया और कहीं बाहर भाग जाने की फिराक में था।

*हाइडिल बिजनौर मार्ग गड्ढों में तब्दील, चलना दूभर*

 सरोजनीनगर लखनऊ। प्रशासनिक अधिकारियों की अनदेखी के चलते सरोजनीनगर की सड़क गड्ढों में तब्दील हो गई। जिस पर से वाहनों का चलना काफी जोखिम भरा हो रहा है यहां पर पैदल निकलने में भी लोगों को दिक्कत होती है। लेकिन इन सबके बावजूद सभी हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं जिसको लेकर स्थानीय लोगों में रोष उत्पन्न है।

हाइडिल चौराहे से बिजनौर संपर्क मार्ग वर्षों से डामरीकरण न होने के कार राहगीर व वाहन चालकों आवागमन में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जर्जर हुए रास्ते पर गुजरने से वाहनों में टूट-फूट भी हो रही है।सड़क जगह-जगह से उखड़ चुकी हैं। मार्ग पर जगह-जगह गड्ढे साथ ही सड़क के किनारे भी कट चुके हैं।

सड़क पर बड़े गड्ढे होने के कारण इनसे चौपहिया वाहन निकलना तो दूर दोपहिया वाहनों को भी निकलने में काफी दिक्कत होती है आए दिन कोई कोई वाहन चालक इस बदहाल सड़क मार्ग पर दुर्घटनाग्रस्त हो जाता है। क्षेत्रीय निवासियों में डॉ हरिहर सिंह चौहान, धर्मेंद्र सिंह, व्यापारी नेता ओमप्रकाश शर्मा, सुंदरलाल रावत , आदि बताते हैं कि सड़कों की हालत प्रशासन की अनदेखी के चलते बदहाल बनी हुई है।

पूर्व ब्लाक प्रधान संघ अध्यक्ष राकेश कुमार सिंह उर्फ बबलू का कहना है कि कई वर्ष बीत रहे हैं लेकिन उखड़ी सड़क का डामरीकरण को दूर मरम्मत तक नहीं कराई गई है। जिम्मेदारों द्वारा इस सड़क की सुध नहीं ली गई।स्थानीय लोगों ने इस जर्जर सड़क को शीघ्र दुरुस्त कराए जाने की मांग की है ताकि आवागमन सुगम हो सके।

*प्रदेश में बिजली संकट से जूझ रहा है उपभोक्ता*


लखनऊ। राष्ट्रीय लोक दल व्यापार प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष रोहित अग्रवाल ने कहा कि उत्तर प्रदेश में बिजली संकट जारी है और लगातार अघोषित बिजली कटौती की जा रही है। बेहाल विद्युत व्यवस्था और अघोषित बिजली कटौती से कोई एक वर्ग परेशान नहीं है। इसमें व्यापारी किसान और आम जनता पूरी तरह से त्रस्त हो चुकी है। ग्रामीण क्षेत्रों में ही नहीं बल्कि शहरी क्षेत्रों में भी अघोषित बिजली कटौती की जा रही है।

श्री अग्रवाल ने कहा कि इस समय खेतों में अधिकतर मक्के की फसल खड़ी है और मक्के की फसल को अधिकतम पानी की आवश्यकता होती है। सिंचाई के जो भी साधन उपलब्ध होते हैं, उनमें विद्युत आवश्यक रूप से चाहिए होती है। ऐसे में अघोषित विद्युत कटौती और 2-3 दिन लगातार बिजली गुल रहने के चलते, किसानों की फसलें सूख रहीं हैं और किसान बेचारे बर्बाद हो रहे हैं।

इसके साथ ही अघोषित विद्युत कटौती से मध्यमवर्गीय व्यापारी भी परेशान है क्योंकि मध्यमवर्ग का व्यापारी पूरी तरह से विद्युत पर निर्भर होता है। उदाहरण के तौर पर आटा चक्की और छोटे कारखाने बिल्कुल बंद हो गए हैं, क्योंकि विद्युत के अलावा अन्य जो भी वैकल्पिक व्यवस्था उपलब्ध है, उनसे चक्की या कारखाना चलाने पर व्यापारी को सिवाय नुकसान के कुछ भी नहीं मिलता है।

श्री अग्रवाल ने आगे कहा कि आम जनता भी पूरी तरह से इस अघोषित विद्युत कटौती से परेशान है। ग्रामीण क्षेत्रों में दिन हो या रात विद्युत कटौती जारी ही रहती हैं। उन्होंने कहा कि "मैंने कई माध्यम से तमाम अलग-अलग क्षेत्रों का उत्तर प्रदेश में सर्वे किया और वहां की खबरों को उठाकर देखा तो पता लगा कि उत्तर प्रदेश में वर्तमान में ग्रामीण क्षेत्र में औसतन 2 से 3 घंटे मात्र बिजली सप्लाई चालू होती है और 2 घंटे होने वाली इस बिजली सप्लाई में स्थानीय समस्याएं और जर्जर तार बाधा बनते हैं और यह बिजली पूरी तरह से गुल हो जाती है।

प्रदेश अध्यक्ष रोहित अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश में बिजली व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त है, जिसके कारण हैं।जनता बेहाल है, लेकिन इस पर जिम्मेदार मौन हैं। विपक्ष के तमाम नेता और जनता लगातार मंत्री से ट्वीट कर सवाल पूछ रही है लेकिन मंत्री जी सो रहें हैं।

*राजकीय आईटीआई लखनऊ में शिशिक्षु/रोजगार मेले में 527 अभ्यर्थियों का हुआ चयन*


लखनऊ। राजकीय आईटीआई, अलीगंज, लखनऊ, में 15 कम्पनियों द्वारा शिशिक्षु/रोजगार मेले मे प्रतिभाग किया गया। जिसका उद्घाटन आरएन त्रिपाठी, नोडल प्रधानाचार्य द्वारा किया गया। शिशिक्षु/रोजगार मेले में लगभग 1100 अभ्यर्थियों द्वारा प्रतिभाग किया गया ।

जिसमें से 527 अभ्यर्थियों को कम्पनियो द्वारा 11000 से 29000 रुपये प्रतिमाह के वेतन पर जाॅब के आफर दिये गये।

शिवानी पंकज उपप्रधानाचार्य ने कहा कि जो अभ्यर्थी रोजगार से वंचित रह गये है वे अभ्यर्थी 12 जून 2023 को संस्थान में प्रस्तावित वृहद रोजगार मेले में सम्मिलित होकर रोजगार प्राप्त कर सकते है।

स्कॉर्पियो ने स्कूटी सवार को रौंदा, पति-पत्नी और दो बच्चों की मौत, सीतापुर जनपद का रहने वाला था परिवार


लखनऊ । राजधानी में मंगलवार देर रात स्कूटी सवार परिवार को स्कॉर्पियो ने टक्कर मार दी। हादसे में पति-पत्नी और दो बच्चों की मौत हो गई। भागने के चक्कर में स्कॉर्पियो चालक ने चारों को रौंद दिया। इसमें स्कूटी स्कॉर्पियो के नीचे फंस गई। इसके बाद स्कूटी सवार मां-बाप और दो बच्चे करीब 100 मीटर तक घिसटते चले गए। स्कॉर्पियो एक खंभे से टकराकर रुकी। हादसा विकास नगर के मामा चौराहे के पास देर रात करीब 2.30 बजे हुआ।

पुलिस को वारदात के स्पॉट से एक सीसीटीवी भी मिला है। इसमें स्कॉर्पियो के नीचे से भयानक चिंगारी निकल रही है। गाड़ी की रफ्तार काफी तेज है। जिसकी वजह से स्कूटी के फंसने या लोगों के घीसटने की तस्वीर साफ नहीं हो पा रही है। पुलिस ये सीसीटीवी बतौर सबूत कोर्ट में पेश करेगी।

सीतापुर का परिवार, मोबाइल से हुई पहचान

पुलिस के मुताबिक, स्कूटी सवार परिवार सीतापुर के थम्बौर छैंठा का मूल रूप से रहने वाला था। पुलिस ने स्कूटी नंबर और मोबाइल की मदद से चारों की पहचान की। मृतकों की शिनाख्त राम सिंह और उनकी पत्नी ज्ञान देवी के रूप में हुई है। साथ में 14 और 10 साल के बच्चे हैं। बच्चों के नाम अभी पता नहीं चल पाए हैं।

अलीगंज हनुमान मंदिर से लौट रहा था परिवार

प्रत्यक्षदर्शी विनय कुमार ने बताया कि राम सिंह, अलीगंज में उसके भाई ध्रुव सिंह के टेंट हाउस में पिछले 12 साल से काम कर रहा था। मंगलवार रात को चारों लोग स्कूटी से अलीगंज पुराना हनुमान मंदिर से लौट रहे थे और वह पीछे बाइक से थे।कुर्सी रोड शंकर जी की मूर्ति के पास स्कूटी मोड़ते ही टेढ़ी पुलिया की तरफ से आती स्कार्पियो ने टक्कर मार दी। टक्कर इतनी तेज थी कि स्कूटी स्कार्पियों के नीचे आ गई। स्कार्पियो करीब 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार पर होगी। तेज रफ्तार के चलते सड़क से स्कूटी रगड़ने से गाड़ी के नीचे से लपटें निकल रही थी।

नशे में था चालक, गैर इरादतन हत्या में दर्ज होगा केस

इंस्पेक्टर शिवानंद मिश्र ने बताया कि अभी तक की जांच में सामने आया है कि तालकटोरा राजाजीपुरम का रहने वाला राजेंद्र पाल बीकेटी में प्रापर्टी डीलिंग का काम करता है। घटना के वक्त वहीं से लौट रहा था। नशे में होने और तेज रफ्तार के चलते दुर्घटना हुई।स्कार्पियो चालक ने दुर्घटना के बाद भी गाड़ी नहीं रोकी। अगर गाड़ी रोकता तो लोगों की जान बच सकती थी। मृतक के भाई की तहरीर पर गाड़ी चालक के खिलाफ गैर इरादतन हत्या (आईपीसी 304) के तहत मुकदमा दर्ज किया जा रहा है।

*आरोग्य पीठ ने लांच की "वैलनेस न्यूरोथेरेपी" शिक्षा की प्रथम पुस्तक*


लखनऊ/दिल्ली। आरोग्य पीठ द्वारा "वैलनेस न्यूरोथेरेपी "की शिक्षा को औपचारिक शिक्षा का जामा पहनाते हुए प्रथम पुस्तक और कोर्स प्रॉस्पेक्टस को लांच किया गया। प्रमुख अतिथि नितिन गडकरी ने वैलनेस न्यूरोथेरपी के विस्तार की दिशा में आरोग्य पीठ की सराहना की। यह अवसर था "वैलनेस न्यूरोथेरेपी" के सम्मान और विस्तार का और साथ ही भारत की इस प्राचीन और पारम्परिक चिकित्सा को अनौपचारिक से औपचारिक शिक्षा की ओर ले जाने का जिसका शुभारम्भ आरोग्य पीठ के संस्थापक आचार्य राम गोपाल दीक्षित द्वारा "वैलनेस न्यूरोथेरेपी" पर पुस्तक और प्रॉस्पेक्टस के लोकार्पण के माध्यम से हुआ। वैलनेस न्यूरोथेरेपी" पर प्रथम पुस्तक और प्रॉस्पेक्टस लोकार्पण के इस ऐतिहासिक अवसर का आयोजन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य भैया जी जोशी और अहिंसा विश्व भारती के संस्थापक पूज्य आचार्य डॉ लोकेश मुनि के सानिध्य में हुआ।

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने आरोग्य पीठ की सराहना

इस विशेष अवसर पर मुख्य अतिथि, केंद्रीय मंत्री, सड़क परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय, नितिन गडकरी ने उपस्थित युवाओं और छात्रों को प्रोत्साहित करते हुए आरोग्य पीठ को बधाई दी और साथ ही आरोग्य पीठ द्वारा किये जा रहे प्रयासों की सराहना की। पुस्तक और प्रॉस्पेक्टस के लोकार्पण के अवसर पर आरोग्य पीठ द्वारा "वैलनेस न्यूरोथेरेपी" के बारे में और इससे मिलने वाले लाभ के बारे में जन-अभियान चलाने की भी घोषणा की गयी।“

भारत की पारम्परिक मेडिकल प्रैक्टिसेज को संरक्षित करते हुए उन्हें प्रमोट करना, विश्वस्तर पर इन चिकित्सा पद्धतियों से मिलने वाले सफल परिणामो और लाभ से लोगों को अवगत करवाना, इस क्षेत्र में शिक्षा का प्रसार करते हुए रोज़गार और स्वरोज़गार के अवसर उपलब्ध करवाना और " सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः"के विचार और भाव को यथार्थ में लाना आरोग्य पीठ का मिशन रहा है। आज का आयोजन इसी दिशा में लिया गया एक और कदम था। इस मौके पर सम्बोधित करते हुए नितिन गडकरी ने कहा "मैँ आज इस अवसर पर उपस्थित होकर बहुत प्रसन्न हूँ, मुझे इस बात की अत्यंत प्रसन्नता है कि आरोग्य पीठ द्वारा पारम्परिक चिकित्सा वैलनेस न्यूरोपैथी को औपचारिक कौशल शिक्षा के रूप में युवाओं को प्रशिक्षित करने के लिए किया जा रहा है और यह एक सराहनीय कदम है।

कार्यक्रम के सूत्रधार और आरोग्य पीठ के संस्थापक आचार्य राम गोपाल दीक्षित ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी अतिथियो का स्वागत करते हुए कहा,"आरोग्य पीठ भारत की इस पारम्परिक, प्राकृतिक और बेहद संपन्न चिकित्सा पद्धति को देश के शहरों और गांवों तक ले जाने के लिए सज्जित है और इसी उद्देश्य को आगे बढ़ाने के लिए हमने इस प्रॉस्पेक्टस में वो कोर्सेज शामिल किये हैं जो बेहद इनोवेटिव हैं, प्रॉस्पेक्टस का करिकुलम बहुत रुचिवर्धक है और साथ ही छात्रों के लिए पूरी तरह से जॉब ओरिएंटेड है। मुझे पूरा यकीन है कि देश के युवाओ को चाहे वो शहरो से हो या फिर गावो से, इन कोर्सेज में प्रशिक्षण देकर हम इस चिकित्सा पद्धति के लाभ को जन-जन तक पहुचाने में सफल होंगे, हम इसके लिए संकल्पबद्ध हैं। कार्यक्रम का आयोजन दिल्ली के कॉन्स्टीट्यूशन क्लब, रफ़ी मार्ग में हुआ।