*यूपी में कार्यवाहक डीजीपी की लगी हैट्रिक,ईमानदार और तेज तर्रार छबि को देखते हुए विजय कुमार को बनाया नया कार्यवाहक डीजीपी*
शिशिर पटेल
लखनऊ । देश के सबसे बड़े प्रदेश उत्तर प्रदेश को एक बार फिर स्थाई डीजीपी नहीं मिल पाया। यूपी में कार्यवाहक डीजीपी के रूप में एक के बाद एक की तैनाती की जा रही है। यही वजह है कि यूपी में कार्यवाहक डीजीपी की हैट्रिक लग गई है और तीसरी बार विजय कुमार को नया कार्यवाहक डीजीपी बनाया गया है। विजय कुमार को बनाये जाने के पीछे बताया जा रहा है कि पुलिस महमे में एक तेज तर्रार और ईमानदार अधिकारी के रूप में जाने जाते है। जिसकी वजह से इन्हें चुना गया है। वजह जो भी हो फिलहाल लगातार कार्यवाहक डीजीपी बनाये जाने से यह एक चर्चा का विषय बन गया है। वही सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी कार्यवाहक डीजीपी के तैनात किये जाने पर सरकार और कानून व्यवस्था पर सवाल उठा रहे हैं। वहीं शाम को कार्यवाहक नये डीजीपी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भेंट की।
इतने बड़े प्रदेश में स्थाई डीजीपी एक साल से न होने के कारण बना चर्चा का विषय
पुलिस मुख्यालय सूत्रों की माने तो योगी सरकार ने जातीय समीकरण सहित अन्य पहलुओं को ध्यान में रखते हुए विजय कुमार के नाम पर मुहर लगाई है। साथ ही उनकी वरिष्ठता नियुक्तियों में अहम पैमाना माना जा रहा है। विजय कुमार 1988 बैच के यूपी कैडर के भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी हैं। उनकी गिनती पुलिस महकमे में एक तेज तर्रार और ईमानदार अधिकारी के रूप में रही है। अपने अबतक के सेवाकाल में उन्होंने कई चुनौतीपूर्ण केस हैंडल किए हैं। उनके पास विभिन्न जिलों के पुलिस कप्तान के साथ-साथ केंद्र में काम करने का भी अनुभव है।
वर्तमान में वे सीबीसीआईडी के पुलिस महानिदेशक के पद पर तैनात हैं। उनके पास डीजी विजिलेंस का भी अतिरिक्त प्रभार है।दो अहम विभागों की जिम्मेदारी मिलना ये दशार्ता है कि योगी सरकार आईपीएस विजय कुमार पर कितना भरोसा करती है। यूपी को बीते एक साल से कार्यवाहक डीजीपी सहारे ही काम चलाना पड़ रहा है। चूंकि 11 मई 2022 को पूर्णकालिक डीजीपी मुकुल गोयल को अचानक हटा दिया गया था।इसी के बाद से लगातार कार्यवाहक डीजीपी बनाया जा रहा है। मुकुल गोयल के बाद कार्यवाहक डीजीपी के रूप में डीएस चौहान की तैनाती की गई। डीएसएस चौहान 31 मार्च 2023 को सेवानिवृत्त हो गये तो भी यूपी को स्थाई डीजीपी नहीं मिल सके।
अखिलेश यादव ने ट्ववीट कर सरकार और कानून व्यवस्था पर उठाएं सवाल
जिसके चलते डीजी पुलिस भर्ती बोर्ड के आरके विश्वकर्मा को कार्यवाहक डीजीपी बनाया गया। यह भी 30 मई 2023 को रिटायर्ड हो गए। अब एक बार फिर कार्यवाहक डीजपी के रूप में आईपीएस विजय कुमार की नियुक्ति की गई है। अब चर्चा है कि विजय कुमार जनवरी 2024 में रिटायर होंगे। इसके बाद कहीं स्थायी डीजीपी के नाम पर विचार किया जाएगा। विजय कुमार ने डीजीपी मुख्यालय में पहुंचकर अपना कार्यभार ग्रहण कर लिया है। वहीं दूसरी तरफ यूपी में कार्यवाहक डीजीपी का कार्यकाल खत्म होने के बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने दो ट्ववीट कर सरकार और कानून व्यवस्था पर सवाल उठाएं है। वहीं विजय कुमार की कार्यवाहक डीजीपी बनने के बाद से यह भी चर्चा है कि श्री राम अरुण जी के बाद यह दूसरे अनुसूचित जाति के विजय कुमार कार्यवाहक डीजीपी होंगे।
विजय कुमार को मिल चुके हैं सात मेंडल
नये कार्यवाहक डीजीपी विजय कुमार का जन्म जालौन की कोंच तहसील के गाव सतोह में 27 जनवरी 1964 को हुआ है। यह बीटेक सिविल इंजीनियरिंग से है। बहुत ही सरल स्वभाव के माने जाते है। इनकी पहली तैनाती 1989 को हुई थी। इनके अच्छे कार्यो के चलते अब तक सात मेंडल पा चुके है। जिसमें एक पराक्रम पदक तथा दो गोल्ड पदक भी शामिल है। एक अगस्त 2022 डीजी विजीलेंस सीबीसीआईडी के बने। विजय कुमार के पिता राम प्रसाद भी यूपी पुलिस में सेवाएं दे चुके है। वह कानपुर में इंस्पेक्टर के पद तैनात थे। इसलिए विजय कुमार की शिक्षा दीक्षा कानपुर में ही हुई है।
पहले जैसी कानून व्यवस्था बनाएं रखना उनकी प्राथमिकता होगी : विजय कुमार
विजय कुमार ने पुलिस मुख्यालय पहुंचकर बुधवार को कार्यभाल संभाला। इसके बाद प्रेसवार्ता में कहा कि उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था को पहले की तरह बनाएं रखना उनकी प्राथमिकता होगी। प्रदेश में यातायात एक बहुत बड़ी गंभीर समस्या है। जिसके लेकर वह काफी गंभीर हैं और यातायात से जुड़ी समस्याओं का तत्काल समाधान किया जाएगा। महिलाओं की सुरक्षा में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अराजकता पर जीरो टॉरेंस नीति पर काम किया जाएगा। महिला सशक्तिकरण और पुलिस महकमे के आधुनीकीकरण पर भी जोर दिया जाएगा। माफियाओं को किसी भी सूरत में बक्शा नहीं जाएगा।
कार्यवाहक व स्थाई डीजीपी में कोई खास अंतर नहीं : विक्रम सिंह
सेवानिवृत्त डीजीपी विक्रम सिंह ने बताया कि कार्यवाहक व स्थाई डीजीपी में कोई खास अंतर नहीं है। बस केवल इतना अंतर है कि स्थाई डीजीपी दो साल के लिए होता है जबकि कार्यवाहक कुछ महीने के लिए बनाया जाता है। डीजीपी पद पर कौन अधिकारी आसीन होगा। इसकी पुलिस विभाग की तरफ से एक वरिष्ठता सूची बनती है। फिर यह प्रस्ताव यूपीएससी को भेजा जाता है। तब जाकर स्थाई डीजीपी की तैनाती होती है। अगर किसी कारण से प्रस्ताव यूपीएससी को नहीं जा पाता है तो सरकार कार्यवाहक डीजीपी पद पर वरिष्ठता सूची के आधार पर तैनाती करती है। वर्तमान में विजय कुमार को कार्यवाहक डीजीपी बनाया गया है जो बहुत ही अच्छे स्वभाव के हैं। कार्यवाहक व स्थाई डीजीपी के कार्य प्रणाली में कोई अंतर नहीं होता है। जो काम स्थाई डीजीपी करता है वह कार्यवाहक भी करता है। चूंकि चार्ज ग्रहण के दौरान उसे सारे अधिकार डीजीपी के मिल जाते है।
Jun 01 2023, 10:57