सरायकेला : ये किया हो रहा भाई,अंचल पदाधिकारी मौन क्यों।
सरायकेला : जिला के चांडिल अनुमंडल क्षेत्र बहुउद्देशीय परियोजना तहत बनाए गए ।चांडिल डेम जलाशय जल भंडारा से पश्चिम बंगाल जाने वाले मुख्य नहर पास कांदरबेड़ा मोजा स्थित रामगढ़ धगांर स्थित टाटा रांची हाइवे एन एच 33 में हाथी अंडर पास बनाया गया ।
जहां दोनो किनारे धडल्ले से चल रहा विभिन्न प्रकार के कारोबार दलमा वाइल्डलाइफ सेंचुरी के द्वारा चांडिल थाना व अंचल के पदाधिकारी को लिखित रूप से देने के बाबजूद थामने की नाम नही ले हरे गोरख धंधा ।
आज कार्य कर रहे देहाडी मजदूर महिलाए का बर्तन एक महिलाए चुरा के ले भागा । उक्त स्क्रैफ्ट प्लाट के मालिक के स्टाप महिलाए कुत्ता की देख रैक करता है । जिसके द्वारा कुत्ता का डर दिखा कर दूसरे महिलायो लोगो को भागने लगा ।
आपने बर्तन चुरा लेजाने के वजह से घुसाए महिलाए द्वारा मैन गेट पर पत्थर मारने लगा जिसे देखते हुए जमशेदपुर से कार लेकर पहुंचे स्क्रैप संचालक मालिक द्वारा उक्त महिलाए से खाना बनाने वाले बर्तन वापस कराया गया।तभी जाकर मामला शांत हुआ ।
चांडिल अनुमंडल क्षेत्र में अवैध कारोबार चल रहा है। नहर में कॉरिडोर बनाए गए । जिस रास्ते से हाथियों की झुंड आवाजाही करता है। एन एच आई की बने हाथी अंडर पास के आसपास रास्ते में विभिन्न प्रकार की धंधा चल रहा है। जिसे प्रभावित हो कर दलमा वाइल्डलाइफ सेंचुरी की गजराज की झुंड अंडर पास रास्ता छोड़कर दूसरी रास्ते से हाइवे पार करने पर मजबूर है गजराज का झुंड ।
जिसको देखते हुए वन क्षेत्र पदाधिकारी , दलमा वन्यप्राणी पश्चिमी प्रक्षेत्र चांडिल द्वारा उपवन संरक्षण एवं क्षेत्र निर्देशक , गज परियोजना जमशेदपुर को सूचित किया गया ।कांदरबेड़ा मोजा टाटा रांची हाइवे में ईको सेंसिटिव जोन में पड़ता हे । जिसके किनारे अवैध रूप से लोहे स्लैग का भंडारण हो रहा हे।वनपाल सागर कुमार द्वारा जांच करके थाना प्रभारी चांडिल एंब अंचल पदाधिकारी चांडिल को लिखित सूचना दिया गया ।
अबतक सरायकेला खरसावां जिला प्रशासन द्वारा कोई कारवाई नही किया गया ।जिसे खुलेआम स्क्रैफ माफिया का मनोबल बड़ते देखा गया ।टाटा कंपानी माल धडल्ले से एन एच 33 किनारे डांप कर रहे हे।ओर स्क्रैप माफिया हो रहा है माला माल अंचल पदाधिकारी द्वारा क्षेत्र में भ्रमण करके उक्त लोगो पर कोई कानूनी कारवाई नाही किया गया।
टाटा रांची एन एच 33 ,हाइवे में धड़ल्ले से चल रहा अवैध टाल। साथ ही आसनवनी पंचायत क्षेत्र के ईको सेंसिटिव जोन एब दलमा वाइल्डलाइफ सेंचुरी की तराई में सैकडो उद्योग लगाया गया और बनने जा रहा है।जिसके कारण गजराज की झुंड विचरण का क्षेत्र सिमटने लगा जिसे आने वाले समय उस क्षेत्र में गजराज आवाजाही बंद हो जाएगा। तीन से चार वर्षो से गजराज का झुंड सेंचुरी छोड़ कर पलायन कर रहा है। विचरण क्षेत्र में अवैध उद्योग और भू माफिया द्वारा ईको सेंसिटिव जोन क्षेत्र को कब्जा करते नजर आए । दलमा वाइल्डलाइफ सेंचुरी के ईको सेंसिटिव जोन में बन रहे बड़े बड़े उद्योग इसका दो उपरांत देखा गया एक तरफ वन विभाग दूसरी ओर अंचल पदाधिकारी की मिली भगत इसे साफ होते नजर आए ।इसका जिंबेदार कोन है।जो जांच की विषय बने है।
May 29 2023, 18:36